शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्री, देश के पूर्व प्रधानमंत्री Manmohan Singh का निधन

पीएम मोदी, सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी समेत तमाम लोगों ने शोक जताया

देश में सात दिन का राजकीय शोक 


New Delhi (dil India live)। दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्री देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे, उनका निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। खासकर कांग्रेस पार्टी के साथ ही देश दुनिया की यह बड़ी क्षति है। इस दौरान सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, मायावती आदि ने शोक व्यक्त किया। समाचार लिखे जाने तक शोक संवेदना व्यक्त करने का दौर जारी था। सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से देश दुनिया में फैल गई। इस दौरान देश में सात दिन का राजकीय शोक रहेगा। गांधी परिवार के बेहद नजदीकी रहे मनमोहन सिंह के निधन पर राहुल गांधी ने कहा कि हमने अपना मार्गदर्शक को दिया।

मनमोहन सिंह ने बदली देश की दशा-दिशा

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने एक अर्थशास्त्री के रूप में अपने जीवन की शुरुआत की थी.योजना आयोग से लेकर वित्त मंत्री के पद पर रहे डॉ मनमोहन सिंह ने साल 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। रिजर्व बैंक के गवर्नर जैसे पद पर रहे डॉ मनमोहन सिंह केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक संकट से जूझते देश को नई आर्थिक नीति का उपहार दिया। प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उदारवादी आर्थिक नीति को बढ़ावा दिया और देश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान दी।

दरअसल डॉ मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को गाह, पंजाब, ब्रिटिश भारत (अब पंजाब, पाकिस्तान) में एक सिख परिवार में गुरमुख सिंह और अमृत कौर के घर हुआ था.जब वह बहुत छोटे थे, तब उनकी मां की मृत्यु हो गई थी. उनकी नानी ने उनका पालन-पोषण किया और वह उनसे बहुत करीब थी. साल 1947 में विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया था. भारत के विभाजन के बाद, उनका परिवार हल्द्वानी में निवास करने लगा।1948 में वे अमृतसर चले गए, जहां उन्होंने हिंदू कॉलेज, अमृतसर में अध्ययन किया. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, फिर होशियारपुर में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और 1952 और 1954 में क्रमशः स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की। वो अपने शैक्षणिक जीवन में हमेशा प्रथम स्थान पर रहे। मनमोहन सिंह ने 1958 में गुरशरण कौर से शादी की. उनकी तीन बेटियां हैं, उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह.

मनमोहन सिंह ने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपना अर्थशास्त्र ट्रिपोस पूरा किया.वे सेंट जॉन्स कॉलेज के सदस्य थे। डी फिल. पूरा करने के बाद सिंह भारत लौट आए. वे 1957 से 1959 तक पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के वरिष्ठ व्याख्याता रहे। साल 1959 और 1963 के दौरान, उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र में रीडर के रूप में काम किया और 1963 से 1965 तक वे वहाँ अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे। ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद डॉ मनमोहन सिंह ने 1966-1969 के दौरान संयुक्त राष्ट्र के लिए काम किया।

मनमोहन सिंह की नई पारी

उन्होंने अपना नौकरशाही करियर तब शुरू किया जब ललित नारायण मिश्रा ने उन्हें वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में सलाहकार के रूप में नियुक्त किया।1970 और 1980 के दशक के दौरान मनमोहन सिंह ने भारत सरकार में कई प्रमुख पदों पर कार्य किया, जैसे कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (1972-1976), रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-1985) और योजना आयोग के प्रमुख (1985-1987).1982 में, उन्हें तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया गया और 1985 तक इस पद पर रहे.1985 से 1987 तक योजना आयोग (भारत) के उपाध्यक्ष बने. योजना आयोग में अपने कार्यकाल के बाद, वे 1987 से नवंबर 1990 तक जिनेवा, स्विट्जरलैंड में मुख्यालय वाले एक स्वतंत्र आर्थिक नीति थिंक टैंक, साउथ कमीशन के महासचिव थे. मनमोहन सिंह सिंह नवंबर 1990 में जिनेवा से भारत लौट आए और चंद्रशेखर के कार्यकाल के दौरान आर्थिक मामलों पर भारत के प्रधान मंत्री के सलाहकार के रूप में पद संभाला. मार्च 1991 में, वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष बने. साल 1991 में, जब भारत एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, नव निर्वाचित प्रधान मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने गैर-राजनीतिक मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया. हालांकि ये उपाय संकट को टालने में सफल साबित हुए और वैश्विक स्तर पर सुधारवादी अर्थशास्त्री के रूप में मनमोहन सिंह की प्रतिष्ठा को बढ़ाया, जून 1991 में, तत्कालीन भारत के प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिंह राव ने सिंह को अपना वित्त मंत्री चुना। 2004 में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सत्ता में आई, तो इसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अप्रत्याशित रूप से प्रधानमंत्री पद मनमोहन सिंह को सौंप कर सभी को चौका दिया।

उनके पहले मंत्रालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और सूचना का अधिकार अधिनियम सहित कई प्रमुख कानून और परियोजनाएं क्रियान्वित कीं.अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद, उन्होंने 2014 के भारतीय आम चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर होने का विकल्प चुना. मनमोहन सिंह कभी भी लोकसभा के सदस्य नहीं रहे, लेकिन उन्होंने 1991 से 2019 तक असम राज्य और 2019 से 2024 तक राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया।

गुरुवार, 26 दिसंबर 2024

Police Commissioner Varanasi मोहित अग्रवाल ने किया दालमंडी का पैदल भ्रमण

सीपी द्वारा भ्रमण कर, बाजार, सार्राफा बाजार व भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में की गयी पैदल गश्त  

पर्यटकों व श्रद्धालुओं के लिए सुगम यातायात के दिये आवश्यक निर्देश

-प्रमुख मार्गों में बेतरतीव खड़े वाहनों की पार्किंग पर दी चेतावनी, कार्यवाही के निर्देश

  • सरफराज अहमद 

Varanasi (dil India live). पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा दालमण्डी क्षेत्र का भ्रमण किया गया। भ्रमण के दौरान पुलिस आयुक्त द्वारा यातायात संचालन व्यवस्था व अतिक्रमण के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान का निरीक्षण किया गया। वर्ष की समाप्ति/छुट्टियों के दृष्टिगत काशी में बढ़े श्रद्धालुओं/पर्यटकों के आवागमन दृष्टिगत श्री काशी विश्वनाथ मंदिर व अन्य प्रमुख मंदिर व पर्यटक स्थलों में सुगम दर्शन व भीड़ नियंत्रण हेतु आवश्यक व्यस्थाओं को किये जाने के लिए सम्बन्धित लोगों को निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान श्रीकाशी विश्वनाथ धाम क्षेत्र, दालमण्डी बाजार, सर्राफा बाजार, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पैदल गश्त की गयी। इस दौरान यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने और अवैध पार्किंग जैसी समस्याओं पर विशेष ध्यान दिये जाने हेतु सम्बन्धित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। इस दौरान पुलिस उपायुक्त काशी गौरव वंशवाल, सम्बन्धित सहायक पुलिस आयुक्त व थाना प्रभारी मौजूद रहें ।

Christmas मेले में मस्ती संग दिखी भक्ति

क्रिसमस मेले में दूसरे दिन भी दिखा हुजूम, बड़ा झूला न होने से बच्चे हुए मायूस 



मोहम्मद रिजवान 
Varanasi (dil india live)। सेंट मेरीज महागिरजा परिसर में इस बार भी मेला नहीं लगाया गया है। चर्च परिसर में केवल एक ही छोटी सी चरखी लगी हुई है जिस पर बच्चे मस्ती करते दिखाई दे रहे थे। हालांकि चर्च के बाहर सैकड़ों दुकानदारों ने स्टाल लगाया  है जिससे चर्च के बाहर मेला स्वतः लगा  हुआ है और उसके चलते चर्च के भीतर भी रेला लग रहा है। इस क्रिसमस मेले के चलते लोग बाहर मस्ती कर रहे हैं तो अंदर भक्ति और आराधना का दौर चलता दिखाई दिया। चर्च परिसर के बाहर लगे मेले में दूसरे दिन भी लोगों का हुजूम दिखाई दिया। हालांकि बड़ा झूला न होने से बच्चे मायूस थे। चर्च परिसर में कोई स्नो मैन के साथ तस्वीरें ले रहा था तो कोई सेंटा क्लॉज और प्रभु यीशु मसीह की चरनी के साथ सेल्फी पोज। खाने पीने के स्टाल के साथ ही कैंटोंमेंट इलाक़ा तमाम स्टालों से सजा हुआ था जहां देर रात तक लोग खरीदारी संग मस्ती करते दिखाई दिए।

पता हो कि बिशप ने कुछ साल पहले मेला न लगाने का ऐलान किया था जिसके चलते सेंट मेरीज़ महागिरजा में स्टाल नहीं लगाया गया मगर लोगों का हुजूम अब भी चर्च आने के लिए बेकरार दिखाई दे रहा है।

Khwaja Garib Nawaz के Ajmer में जुटेंगे देश दुनिया के अकीदतमंद

हज़रत ख़्वाजा गरीब नवाज का संदल संग 31 को खुलेगा जन्नती दरवाजा 

अजमेर में उर्स की तैयारियों ने पकड़ा ज़ोर, जायरीन की आमद हुई तेज


@Mohd Rizwan 

Ajmer (dil India live). अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813 वें उर्स की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। देश दुनिया से अजमेर शरीफ में अकीदतमंद उमड़ेंगे। इस बार उर्स का आगाज़ 31 दिसंबर को संदल की रस्म से होगा। रजब का चांद दिखने के बाद ख़्वाजा गरीब नवाज का सालाना उर्स शुरू होगा। इसके साथ ही 6 दिन के लिए जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा और उर्स की विधिवत शुरुआत होगी, जबकि अनौपचारिक शुरुआत 28 दिसंबर को बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ने से ही उर्स का ऐलान हो जाता है। इस दिन से दरगाह में जायरीन की आमद शुरू हो जाती है।

उर्स के दौरान दरगाह कमेटी, पुलिस और प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि ख्वाजा साहब की मजार पर साल भर संदल चढ़ाया जाता है और यह संदल चांद की 28 तारीख को उतारने की परंपरा है। 31 दिसंबर को यह संदल जायरीन में वितरित किया जाएगा। मान्यता है कि इस संदल को पानी में मिलाकर पीने से लाइलाज बीमारियों में राहत मिलती है।

खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि चांद दिखने के बाद तड़के 4 बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा। यह दरवाजा साल भर में चार बार खुलता है, लेकिन उर्स में यह छह दिन के लिए खोला जाता है। जन्नती दरवाजा उर्स के दौरान जायरीन के लिए खोला जाता है। इसके अलावा, ईद उल फितर, बकरीद और ख्वाजा साहब के पीर हजरत उस्मान हारूनी के उर्स के मौके पर भी यह दरवाजा खोला जाता है।

उर्स की रस्मों की शुरुआत चांद दिखने पर 1 या 2 जनवरी 2025 से होगी। जन्नती दरवाजा तड़के 4 बजे खुल जाएगा और इसके साथ ही मजार शरीफ को गुस्ल देने और महफिल की रस्में शुरू होंगी। उर्स के आखिरी दिन गरीब नवाज की छठी होगी, और इसके बाद कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा और जन्नती दरवाजा बंद कर दिया जाएगा, और फिर 9 रजब को बड़े कुल की रस्म अदा की जाएगी।

बनारस के डाक्टर गुफरान का सम्मान 

वाराणसी के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जेड आर यू सी सी रेलवे के मेंबर डा. गुफरान जावेद अपने परिवार के साथ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (रह.) उर्फ सरकार गरीब नवाज की दरगाह अजमेर शरीफ पहुंचे। वहां पर उनका स्वागत दरगाहें ख्वाजा इंतजामिया कमेटी के मेंबर एहतेशाम चिश्ती सैय्यद गफ्फार काजमी साहब द्वारा किया गया। उर्स के मौके पर दूर दराज से अजमेर दरगाह पर पहुंचने वाले लोगों के लिए रेलवे से क्या क्या सुविधाओं को दिलाया जा सकता है एवं अजमेर शरीफ उर्स के मौके पर रेलवे द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में क्या सुधार किया जा सकता है, इस पर डाक्टर गुफरान ने कमेटी के साथ चर्चा की। दरगाहें ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती रह. पर डा गुफरान जावेद द्वारा चादर चढ़ाकर अकीदत के फूल पेश किए गए एवं मुल्क की तरक्की व मुल्क में भाइचारा बना रहने की दुआएं मांगी गई। इस दौरान उनके साथ उनकी बेगम हुमा बानों ने भी ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह को चादर पेश की।

बुधवार, 25 दिसंबर 2024

देश दुनिया में एक ही गूंज Happy Christmas, Merry Christmas

चर्चेज़ में कैरोल सिंगर्स ने पेश किया गीत...तेरा हो अभिषेक अमन के राज कुमार

चर्च से लेकर कालोनियों तक में जश्न का माहौल, केक का हुआ आदान-प्रदान, एक दूसरे को चूमकर किया क्रिसमस सेलिब्रेट 








Varanasi(dil India live)। प्रभु यीशु मूसीह के जन्म का ग्लोबल पर्व "क्रिसमस" आस्था और उमंग के साथ बुधवार को देश दुनिया में मनाया गया। इस दौरान आराधना संग जश्न और उल्लास में समूचा मसीही समुदाय डूबा नज़र आया। लोगों ने गिरजाघरों में अमन के राजकुमार प्रभु ईसा मसीह की जहां आराधना की वहीं चर्चेज़ में अमन, एकता और सौहार्द के लिए प्रार्थना की गई। क्रिसमस मेले में लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था तो मसीही घरों व कालोनियों में जश्न का माहौल दिखा। इस दौरान चर्चेज में क्रिसमस गीत, तेरा हो अभिषेक अमन के राजकुमार, आज हमारे दिल में जन्म ले हे प्रभु यीशु महान..,फिज़ा में गूंज रहा था। दुनिया भर के चर्च और गिरजाघर मुक्तिदाता ईसा मसीह के जन्म के गीत से गुंजायमान हो रहे थे। यूं तो ईसा जन्म की विशेष आराधना मध्य रात्रि में ही शुरु गई थी, मगर बड़े दिन की पहली सुबह ईसा मसीह को मानने वालों ने आराधना करके जहां अपनी आस्था प्रकट की वहीं देश आपदाओं, बुराईयों का खात्मा, आतंकवाद, गरीबी से मुक्ति के साथ ही अमन, शांति और सौहार्द के लिए दुआएं मांगी गई। 

सुबह से ही शुरू हुई आराधना


धर्म कि नगरी वाराणसी में सबसे पहले कैंट स्थित सेंट मेरीज कैथड्रल (महागिरजा) में ईसा मसीह की आराधना सुबह 8.30 बजे हिन्दी व 9.30 बजे अंग्रेजी में हुई। एक-एक घंटे की इस आराधना में बाइबिल का पाठ, ईसा जन्म का मकसद बताया गया। प्रार्थना सभा में पल्ली पुरोहित फादर अगस्टिन, फादर थामस सी. सिस्टर जमीला, सिस्टर ज्योति, सिस्टर ट्रीसा, सिस्टर मोनिका, सिस्टर रानी मारिया, सिस्टर मंजू, सिस्टर अंजू समेत चर्च में काफी लोग मौजूद थे।


क्रिसमस डे सर्विस के तहत तेलियाबाग चर्च में पादरी आदित्य कुमार की अगुवाई में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। पादरी ने कहा कि हमें बुराईयोें व पापो से मुक्ति दिलाने जग के राजकुमार एक बालक के रूप में इस दुनिया में आये। आज उन्हीं की वजह से हम सभी उस अमन के राजकुमार की जयंती मना रहे हैं। हम प्रार्थना करे कि देश में अच्छे और विकास के काम हो, हमारा देश, हमारा मुल्क और हमारी कलीसिया शांति और तरक्की के रास्ते पर हो। इस पर लोगों ने एक स्वर से कहा, आमीन..। तत्पश्चात् क्रिसमस गीत फिज़ा में गूंज उठे..उठो आंखे खोलो मन फिराओ, मुक्तिदाता के दर्शन जो चाहो, व ..चलो जल्दी करो वैरी निंदिया न सोओ, कहीं तारा ओझल न हो जाये..। प्रार्थना सभा के बाद यहां लोगों ने एक दूसरे को केक खिला कर क्रिसमस सेलीब्रेट किया। सेंट पॉल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह ने विशेष आराधना करायी। इस मौके पर पूरे चर्च से अमन, मिल्लत और सौहार्द की सदाएं कैरोल सिंगिंग के दौरान गूंजती रही। पादरी ने कहा कि हमें आज वचन लेना होगा कि हम पूरे साल बुराईयों से बचे और अच्छाईयों के साथ अपना रिश्ता जोड़े। तभी सच्चे अर्थो में हम क्रिसमस का लुत्फ उठा पायेंगे। क्यों कि क्रिसमस हमारे उद्धार का दिन है।

मुगलसराय चर्च में पादरी संजय दान की अगुवाई में क्रिसमस मिलन व विशेष आराधना सभा का आयोजन किया गया तो लाल चर्च में पादरी इकबाल मसीह ने सबसे पहले आराधना कराई उसके बाद बधाईयों का दौर शुरू हो गया। क्रिसमस मिलन में लोगों ने एक दूसरे को गले लगाया व चुम्मन का आदान प्रदान कर क्रिसमस की बधाइयां दी। यहां अनूप दयाल, सौरभ, विजय दयाल, नील कमल चरण, शबनम, किरन, सुशील बेनजामिन, श्वेता, ज्योत्सना, डेविड, अभय, अभिषेक, रोमा आदि सैकड़ों लोगों ने एक दूसरे में केक का आदान-प्रदान किया।

सेंट थामस चर्च गौदोलिया में पादरी न्यूटन स्टीवंस, चर्च ऑफ बनारस में पास्टर बेन जॉन, सेंट बेटलफुल गॉस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, ईसीआई चर्च में पास्टर नवीन ज्वाय, पास्टर दशरथ पवार, सेंट जांस महरौली चर्च में फादर सुसाई राज, सेंट जांस लेढूपुर चर्च में फादर हैनरी, वाराणसी मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रेयर हाउस में पास्टर लालकुमा, विजेता प्रेयर मिनिस्ट्रीज में पास्टर अजय कुमार, पास्टर एसपी सिंह ने आराधना कराते प्रभु ईसा मसीह के रास्ते पर चलने की लोगों को हिदायत दी। यहां सिस्टर रेाज़ी, विशाल राय, पास्टर कैनथ चतरी, सिस्टर नीरजा आदि मौजूद थीं। 

इस दौरान विभिन्न चर्चेज़ में आराधना के बाद लोग मस्ती करते दिखाई दिये। कही यीशु जन्म की झांकी दिखी तो कहीं लोग सेल्फी लेकर मस्ती करते दिखे। चर्च ऑफ बनारस छावनी में ईसा मसीह जन्मोत्सव पादरी बेनजॉन की अगुवाई में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान प्रार्थना और आराधना के साथ ही यीशु जन्म पर आधारित ड्रामा व पंजाबी भांगड़े के साथ ही वेस्टर्न डांस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के बाद लोगों ने एक दूसरों से गले मिलकर क्रिसमस की बधाईयां दी। आयोजन का आनलाईन भी प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन बेन जॉन व सू जॉन ने दिया। यहां बी एन जॉन ने प्रभु यीशु के जन्म पर विशेष प्रकाश डाल कर लोगो को प्रभु के आगमन के बारे में बताया तथा प्रेम और शांति का संदेश दिया। इस मौके पर ऋषिका, मेरी ,प्रिया, वर्षा, रेचल, विनीता, खुशी, मनीषा, यश, डेनियल दीपक, आयुष ,जे जे, राजकुमार, राहुल इत्यादि ने कैरोल गीत गाए। कोमल, खुशबू, जॉय, प्रॉक्सिमा, आन्या, अन्नू, अशर इत्यादि बच्चो ने प्रभु यीशु के जन्म उत्सव पर नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में चर्च पास्टर बेन जॉन ने आभार प्रकट करते हुए क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएं दी गई। उधर बाल विद्यालय में क्रिसमस सेलिब्रेशन धूमधाम से मनाया गया। आयोजन में शिक्षक शिक्षिकाओं और बच्चों ने सेंटा क्लॉज संग खूब मस्ती की और एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई दी।


Murdar: मासूम का कत्ल करने से भी नहीं कांपें दरिंदों के हाथ

8 साल की मासूम माहिरा का अपहरण के बाद कत्ल, मिली स्कूल में लाश 


@Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। रामनगर थाना क्षेत्र में मंगलवार की शाम 8 साल की बच्ची घर से सामान लेने निकली थी, पूरी रात नहीं लौटी, बुधवार की सुबह बहादुरपुर गांव के पास प्राथमिक विद्यालय परिसर में उसका शव मिलने से इलाके में हड़कप मच गया। बच्ची का शव प्लास्टिक की बोरी में बंद पाया गया। उसके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे। शरीर पर नीचे के कपड़े नहीं थे और कई जगह चोटों के निशान और ख़ून के धब्बे थे।


बुधवार सुबह स्कूल प्रिंसिपल ने शव देखकर पुलिस को बुलाया। रामनगर के सुजाबाद चौकी क्षेत्र में रहने वाली यह बच्ची मंगलवार शाम से गायब थी। परिजनों ने रात में ही उसके अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचित किया था। पिता ने बताया कि बच्ची को उसकी मां ने घर से बाहर जाने से मना किया था। फिर भी वह पोलाव शहीद मजार के पास से मच्छर भगाने की अगरबत्ती लाने चली गई। जब वह रात 8 बजे तक नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसे ढूंढना शुरू किया।

परिजन और पुलिस ने रात भर बच्ची को ढूंढने का प्रयास किया। सुबह थाने में परिजन पुलिस के पास गए ही थे कि किसी ने फोन कर शव मिलने की जानकारी दी। बोरी में बंद शव को देखकर परिजनों ने बच्ची की पहचान की। बच्ची के शरीर पर कई जगह खून के निशान थे। उसके हाथ-पैर बांधकर और तोड़-मरोड़कर बोरी में भर दिया गया था। फिर बोरी को स्कूल की बाउंड्री के अंदर कचरे के पास फेंक दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इस दौरान मौके पर संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ के एजिलरसन भी पहुंचे और मामले की तफ्तीश की।

आधी रात को गूंजा Happy Christmas, merry Christmas..., कटी केक, गूंजा कैरोल गीत

ओहो प्यारी रात, ओहो न्यारी रात, खुशी की रात आयी...

काशी से रोम तक मसीही समुदाय ने की प्रभु यीशु के जन्म की अगवानी 

 मंगलवार की आधी रात को फिज़ा में Happy Christmas, merry Christmas...की गूंज सुनाई दी। चर्चेज के घंटे एक साथ बज उठे। देश दुनिया के मसीही समुदाय ने केक काटी और फिज़ा में गूंजा कैरोल गीत,ओहो प्यारी रात, ओहो न्यारी रात, खुशी की रात आयी...क्रिसमस सेलिब्रेशन पर अमन की एक रिपोर्ट...






Varanasi (dil india live)। घड़ी की सुई ने जैसे ही रात 12 बजे का निशान बनाया काशी से रोम तक के मसीही समुदाय ने प्रभु यीशु मसीह के जन्म की अगवानी प्रार्थना और कौरोल सिंगिग से की। वाराणसी में सेंट मैरीज़ महागिरजा में कैरोल गीत, ओहो प्यारी रात, ओहो न्यारी रात, खुशी की रात आयी है, शांति की रात, अमन की रात हमारी रात आयी है...। की गूंज देर रात जब फिज़ा में बुलंद हो रही थी, तो रोम में मसीही समुदाय के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस प्रभु यीशु की आराधना करा रहे थे। 24 दिसंबर की सर्द रात सेंट मेरीज़ महागिरजा में एक साथ चर्च का घंटे बज उठे। यह संकेत था, धरती पर अमन के राजकुमार प्रभु यीशु के आगमन का। इसी के साथ कैरोल गीत, पवित्र है आगमन...फिज़ा में गूंजने लगा। 
वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसफ बालक यीशु को अपने हाथों में लेकर चर्च की वेदी पर पहुंचे। इस दौरान बिशप ने मौजूद मसीही समुदाय को बालक यीशु का दर्शन कराया। यीशु की बालरूप प्रतिमा की एक झलक पाकर ही तमाम लोग धन्य हो उठे। महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर अगस्टिन के संचालन में यीशु जन्म के मंचन की 24 दिसंबर की मध्यरात्रि गवाह बनी। इस दौरान बिशप ने तमाम, बीमारियों, आपदाओं, आतंकवाद आदि बुराईयों से निजात के लिए प्रभु यीशु से खास प्रार्थना की। इस मौके पर मसीही घरो व चर्चेज़ में केक काटी गई, केक का आदान प्रदान हुआ, लोगों ने एक दूसरे को क्रिसमस विश किया, फिज़ा में देर तक गूंजता रहा, हैप्पी क्रिसमस, मैरी क्रिसमस...। आयोजन में फादर थामस, फादर फिलिप, सिस्टर जमीला, सिस्टर अंजू, सिस्टर मोनिका, सिस्टर तारा, सिस्टर ज्योति आदि हजारो मसीही मौजूद थे। ऐसे ही सेंट जांस महरौली में फादर सुहाई राज, सेंट जांस लेढूपुर में फादर हेनरी, ईश माता मंदिर शिवपुर में फादर रोज़लिन राजा ने आराधना कराया। सेंट जोसफ चर्च लोहता, फातेमा चर्च मवैया व सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी चर्च में भी क्रिसमस का आगाज़ हुआ। उधर प्रोटेस्टेंट मसीही समुदाय ने क्रिसमस पर मिड नाइट सर्विस का आयोजन किया है। चर्चेज़ में प्रभु यीशु जन्म के प्रतीक के रूप में चरनी सजायी गयी। वहां रात 12 बजते ही कैरोल गीत फिज़ा में गूंज उठा... अमन के राजकुमार तेरा हो अभिषेक ....। 

इस दौरान सीएनआई चर्च सेंट पॉल सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, तेलियाबाग चर्च में पादरी आदित्य कुमार, चर्च ऑफ बनारस में पादरी बेनजान, लालचर्च में पादरी इकबाल मसीह, सेंट बेटल फुल गॉस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, विजेता प्रेयर मिनिस्ट्रीज में पास्टर अजय कुमार, ईसीआई चर्च में पादरी नवीन ज्वाय व पादरी दशरथ पवार, मुगलसराय चर्च में पादरी संजय दान ने प्रभु ईसा मसीह के आगमन की अगवानी बाइबिल पाठ के साथ किया। इस दौरान बोन फायर भी कई चर्चेज़ में किया गया। समाचार लिखे जाने तक किसमस सेलिब्रेशन का दौर जारी था। इसी के साथ तीन दिवसीय मेला भी शुरू हो जाएगा जो 27 दिसंबर तक जारी रहेगा। यह मेला काशी की गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल माना जाता है। तेलियाबाग चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि 25 दिसंबर को सभी चर्चेज में क्रिसमस सेलिब्रेशन होगा जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल होते हैं। एक दूसरे को बधाई दी जाती है।

सारनाथ में किसने मौत को लगाया गले जानिए आखिर युवती ने क्यों उठाया सख्त कदम

पुलिस पहुंची तो घर में फंदे से लटक रही थी युवती की लाश Mohd Rizwan  Varanasi (dil India live)। सारनाथ में एक युवती ने मौत को गले लगाकर अपनी ...