बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना
Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती से आगे बढ़कर दूसरे ग्रहों की ओर अग्रसर है। मनुष्य के पास सब कुछ है, फिर भी आज वह अशांत है। संचार साधनों के विकास ने विश्व को विश्व ग्राम बना दिया है और पूरी दुनिया के इंसान एक दूसरे के रहन- सहन,धर्म और परिवेश से परिचित हैं। भौगोलिक एवं परिवेशीय कारणों से विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग धर्म का जन्म हुआ किंतु सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण है। उक्त बातें आज कैंटोंमेंट स्थित विशप हाउस में क्रिसमस मिलन पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत में वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली ने कही। उन्होंने कहा कि वाराणसी धर्म एवं संस्कृति की प्राचीन नगरी है, इस शहर ने पूरी दुनिया को आपसी भाईचारे का संदेश दिया है। कार्यक्रम का आरम्भ दीपार्चन के साथ हुआ।
इस अवसर पर प्रो. रमेशचंद्र नेगी (केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षण संस्थान सारनाथ), भाई धर्मवीर सिंह (ग्रंथी गुरुद्वारा नीचीबाग), प्रो. सुमन जैन बी.एच.यू., डॉक्टर सुनीता चंद्रा (कुलसचिव तिब्बती संस्थान सारनाथ), स्वामी विश्वआत्मानंद (अद्वैत आश्रम), मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी (मुफ्ती–ए–बनारस), प्रो.विशंभरनाथ मिश्र (महंत संकटमोचन मंदिर) आदि ने अपने विचारों द्वारा इस कार्यक्रम की सार्थकता और उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।
विशिष्ट अतिथि के कर कमलो द्वारा मोक्ष नगरी का जीवन दर्शन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया। सेंट मेरीज स्कूल के बच्चों ने क्रिसमस डांस प्रस्तुत किया तथा फादर प्रज्वल एवं एस.आर.ए. सिस्टर्स ने शांति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामसुधार सिंह ने किया। अंत में नव वाणी स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर पादरी बेन जान, फॉ. थॉमस, फॉ. फिलिप डेनिस, फॉ. यान, विश्वनाथ गोकर्ण, वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी, डॉ मोहम्मद आरिफ, सैयद फरमान हैदर आदि मौजूद थे। आभार बिशप यूजीन ने दिया।