मंगलवार, 24 दिसंबर 2024

Khwaja Garib Nawaz के दर से Ajay Rai का बुलावा

 


  • Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। हज़रत ख़्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिशती ग़रीब नवाज़ रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह से उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय का आज बुलावा आया है।

दरगाह शरीफ के खादिम सैयद सलीम हाशमी ने आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी निवर्तमान प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन बाबू के साथ अजय राय के वाराणसी स्थित आवास पर मुलाकात कर उनको अजमेर शरीफ दरगाह का साफा भेट किया और 1 जनवरी से 9 जनवरी तक चलने वाले उर्स मुबारक में शिरकत के लिए आमंत्रण दिया।

उर्स में होंगे शामिल, मांगेंगे अमन की दुआ

अजय राय ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए उर्स में शिरकत करने का वादा ख़ादिम से किया है। अजय राय ने कहा कि ख़्वाजा साहब के उर्स के मौके पर मैं अजमेर शरीफ दरगाह पर हाजिरी लगाऊंगा व मुल्क में अमन चैन की दुआएं करूगा। इस दौरान उनके साथ सैय्यद फसाहत हुसैन बाबू भी मौजूद थे।

Santa Claus को अपने बीच पाकर झूमा बाल मन

Kidzee व kenzen school में मना क्रिसमस सेलिब्रेशन










Varanasi (dil India live). Kidzee व kenzen school वाराणसी नदेसर में Christmas celebrations रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियों संग मनाया गया। स्कूल परिसर में प्रवेश करते ही बड़ा सा क्रिसमस ट्री, दूसरे साइड सेंटा क्लॉज झोला टांगें नज़र आएं। आने वाले बच्चे, पैरेंट्स क्रिसमस ट्री के सामने सेल्फी पोज देते दिखाई दिए। क्रिसमस ट्री को बहुत ही खूबसूरती के साथ सजाया गया था। स्कूल की सेंटर हेड श्रीमती रीतिका सरीन की अगुवाई में हुए क्रिसमस सेलिब्रेशन में पूरा स्कूल Christmas fastival में ढला हुआ दिखाई दे रहा था। बच्चों से लेकर टीचर्स तक में क्रिसमस की खुमारी देखते ही बन रही थी। 

बच्चे क्रिसमस ट्री डेकोरेशन, सेंटा क्लॉज, क्रिसमस कार्ड मेकिंग समेत कई तरह के गेम में व्यस्त दिखाई दिए। Christmas celebrations चल ही रहा था कि लम्बा सा झोला लटकाए जैसे ही बच्चों के बीच सेंटा क्लॉज पहुंचे बच्चे खुशी से झूम उठे। दरअसल बच्चे जानते हैं कि सेंटा क्लॉज आए हैं तो गिफ्ट भी मिलेगा। बच्चों ने सेंटा क्लॉज का अभिवादन किया और कैरोल गीत गाकर क्रिसमस सेलीब्रेट किया। इस दौरान सेंटा क्लॉज के साथ सेल्फी लेने की होड़ मची हुई थी। अंत में सेंटर हेड श्रीमती रीतिका सरीन ने क्रिसमस सेलिब्रेशन में आएं सभी बच्चों और पैरेंट्स व टीचर्स को शुभकामनाएं दी।










Christmas celebrations को दुनिया भर में तैयारी

आज मध्यरात्रि प्रभु यीशु लेंगे जन्म, बज उठेगी जिंगल बेल, गूंजेगा कैरोल गीत 


Varanasi (dil India live)। प्रभु यीशु मसीह के जन्म का ग्लोबल पर्व क्रिसमस में अब चंद घंटे ही रह गये हैं। क्रिसमस मनाने को पूरी दुनिया में तैयारी पूरी कर ली गई है। मध्यरात्रि प्रभु यीशु के जन्म के साथ जिंगल बेल बज उठेगी, हर तरफ कैरोल गीत गूंज उठेगा। गिरिजाघरों में जिंगल बेल, जिंगल बेल की गूंज, सुनाई देगी।

वाराणसी के कैंटोंमेंट के महागिरजा में बिशप यूजीन, तेलियाबाग चर्च में पादरी आदित्य कुमार, चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान, राम कटोरा चर्च में पादरी आदित्य, लाल चर्च में पादरी इकबाल मसीह, सेंट पॉल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, सेंट थॉमस चर्च गौदोलिया में पादरी न्यूटन, ईसीआई चर्च सुंदरपुर में पास्टर नवीन व पास्टर दशरथ पवार, बेटल फुल गास्पल चर्च महमूरगंज में पास्टर एंड्रू थामस आराधना कराएंगे। चर्चेज और मसीही समाज से जुड़े लोगों के घरों में आकर्षक सजावट, घरों के साथ होटलों में भी आधी रात में क्रिसमस मनाने की तैयारी की गई है। जैसे ही घड़ी की सुइयां रात 12 बजे का निशान बनाएंगी प्रभु यीशु के बाल्य प्रतीक रूप से ईसा मसीह के जन्म लेने के बाद महागिरजा में वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ प्रभु यीशु का लोगों को दर्शन कराएंगे। इसके बाद चुनिंदा लोगों के साथ वे नवजात ईसा मसीह की प्रतिमा को चरनी में स्थापित करेंगे। चरनी के अभिषेक के बाद मसीही प्रभु का कतारबद्ध होकर दर्शन करेंगे। यह दौर बनारस के साथ ही देश दुनिया के सभी चर्चेज में चलेगा। 

Prabhu yeshu के चाहने वालों ने ही उनके घर को किया खंडहर

St. Mary's English चर्च की जेम्स प्रिंसेप ने कभी की थी डिजाइन

खुद के भीतर समेटा है चर्च ने इतिहास पर आंसु बहा रहा है वर्तमान 

Varanasi (dil India live)। जिस प्रभु यीशु मसीह ने दुनिया को पापों से मुक्ति दिलाने के लिए मानव रूप में न सिर्फ जन्म लिया बल्कि तमाम यातनाएं सही और क्रूस पर अपने प्राण त्याग दिए, आज पूरी दुनिया उसी यीशु मसीह के जन्म की खुशी मना रहा है। उनके जश्न में मसीही समुदाय इतना डूबा हुआ है कि वह उस सेंट मेरीज इंग्लिश चर्च को भी भूल गया है जो कभी बनारस ही नहीं देश दुनिया की शान हुआ करता था।

वाराणसी छावनी क्षेत्र में सड़क की एक ओर होटलों की कतार है, तो ठीक दूसरी छोर पर वीरान परिसर में यह चर्च अपने हाल पर आंसू बहा रहा है। इस चर्च ने अपने भीतर पूरा एक दौर सहेज रखा है। झाड़ झंखाड़ व झुरमुट में तब्दील 12 एकड़ का चर्च, जिसे कभी धर्म के भेद से परे हिन्दुस्तानियों ने समभाव से सींचा। बीचों-बीच खड़ी ईंट की दीवारें जो देखने में महज गिरजाघर नजर आती है। लेकिन अगर इसकी तह में जाएं तो यह खूबसूरत इतिहास है जिसका वर्तमान आंसु बहा रहा है।

उत्तर भारत में कोलकत्ता के बाद सबसे पूराने इस गिरजाघर की स्थापना सन 1810 में फादर जॉर्ज वीट्ली द्वारा की गयी थी। इसके सी साइमन पहले पादरी थे। प्राचीन बनारस के परिकल्पनाकार जेम्स प्रिंसेप ने इस गिरजाघर को सजाने के लिए अपने सपनों के रंग भरे। बात 1917 की है, जब प्रिंसेप बनारस आए और आराधना के लिए जगह तलाश कर रहे थे। लोगों ने उन्हें इस गिरजाघर का रास्ता और महत्ता बताई। सृजनधर्मी प्रिंसेप के मन को यह स्थान इतना रास आया कि गिरजाघर के ऊपर एक भव्य मीनार बनवाई और साज संवार भी कराई। फरवरी 1960 में काशी भ्रमण पर आई एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप ने इस गिरजाघर में आराधना की और इसकी भव्यता देख कर काफी प्रशंसा की। चर्च परिसर में रह रहे पाल जिनिया के पिता जान जिनिया का परिवार ही शुरू से इसकी देखरेख करता है। उनके परिवार वालों की मानें तो काशी नरेश व स्काटलैंड के राजकुमार प्रिंस जॉन डियूक ने भी  इस चर्च में प्रार्थना कीं थीं। एनी बेसेंट भी काशी प्रवास के दौरान यहां प्रार्थना के लिए आया करती थीं। 

ईश्वर के निरंकार रूप की प्रार्थना करने वाले प्रोटेस्टेंट ईसाईयों का राष्ट्र प्रेम ही था कि उन्हें धर्म स्थल में भी अंग्रेजी सत्ता स्वीकार नहीं थी। उनके प्रयासों से आज यह गिरजाघर चर्च ऑफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) के अधीन है। इस गिरजाघर की छत कुछ वर्ष पहले पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी थी। दीवारों के प्लास्टर उखड़ गए, कई स्थानों पर ईंटें दिख रही है। दीवारों पर उभरी कलाकृतियां सुरक्षित तो थीं लेकिन ईंट और बालू से ढक जाने के बाद उनके सौंदर्य का कोई मतलब ही नही रह गया था। हेरिटेज में शामिल इस ऐतिहासिक चर्च की प्राचीनता को बचाने के लिए न तो मसीही समुदाय आगे आ रहा है और न ही चर्च से कुछ दूर पर आलीशान बंगले में रहने वाले कैथोलिक सूबे के सबसे बड़े धर्म गुरु, जो अपने को समस्त ईसाई धर्म ही नहीं बनारस की गंगा जमुनी तहजीब का अगुवा भी कहते। मैत्री भवन से लेकर कई सौहार्दपूर्ण संस्थाएं चलाने का उनका दावा है। वहीं प्रोटेस्टेंट समुदाय आपसी खींचतान में ही सदैव फंसा रहा है। कभी पादरियों के वेतन, तो कभी चर्च पर कब्ज़ा आदि से ही वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। हालांकि तेलियाबाग सीएनआई चर्च के पादरी आदित्य कुमार विश्वास दिलाते हैं कि इस संबंध में वो इलाहाबाद और दिल्ली में बैठे धर्माध्यक्षों से बात करेंगे। वर्तमान में विशेष अवसरों पर लाल गिरजाघर के पादरी चर्च भवन के बाहर प्रेयर कराते हैं। चर्च में चार कमरे हैं, पोर्टिको, हॉल और विशाल बागीचा है। इसे चर्च ऑफ इंग्लैण्ड, गैरिसन चर्च और आर्मी चर्च के नाम से भी इस चर्च को पुकारा जाता हैं।

बच्चों के शास्त्रीय, लोक नृत्य तथा जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति ने मोहा सबका मन


Varanasi (dil India live). काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव 2024 के अंतर्गत केंद्रीय तिब्बती उच्च अध्ययन विश्वविद्यालय, सारनाथ, वाराणसी में 10 से 18 आयु वर्ग के बच्चों द्वारा एकल, युगल व समूह में विभिन्न नृत्य कलाओं की प्रस्तुति दी गई। नृत्य विधा के तहत बच्चों द्वारा शास्त्रीय नृत्य  कथक, भरतनाट्यम, ओडीसी, लोक नृत्य तथा जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति की गई। 


कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि संजय सिंह (प्रतिनिधि कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर) द्वारा दीप प्रजज्वलन व सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी के रूप में अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम) शांतनु कुमार नके आयोजन व कलाकारों की प्रस्तुति को सराहा। सांस्कृतिक नृत्य कार्यक्रम के विजेताओं के निर्णायक मंडल में बनारस संगीत घराने के रविशंकर मिश्रा, ममता टंडन एवं डॉ दिव्या श्रीवास्तव की अहम भूमिका रही।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि,  नोडल अधिकारी  एवं  निर्णायक मंडल का स्वागत पुष्प एवं अंगवस्त्र देकर खंड शिक्षा अधिकारी चिरईगांव प्रीति सिंह के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालनात्मक  आलोक कुमार मौर्य अर्चना सिंह एवं अलका श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर श्री मनीष कुशवाहा ,श्रीनिवास सिंह, बाकर जहीर एवं मोहम्मद इकराम, संतोष तिवारी आदि अन्य गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे l


सोमवार, 23 दिसंबर 2024

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना



Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती से आगे बढ़कर दूसरे ग्रहों की ओर अग्रसर है। मनुष्य के पास सब कुछ है, फिर भी आज वह अशांत है। संचार साधनों के विकास ने विश्व को विश्व ग्राम बना दिया है और पूरी दुनिया के इंसान एक दूसरे के रहन- सहन,धर्म और परिवेश से परिचित हैं। भौगोलिक एवं परिवेशीय कारणों से विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग धर्म का जन्म हुआ किंतु सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण है। उक्त बातें आज कैंटोंमेंट स्थित विशप हाउस में क्रिसमस मिलन पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत में वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली ने कही। उन्होंने कहा कि वाराणसी धर्म एवं संस्कृति की प्राचीन नगरी है, इस शहर ने पूरी दुनिया को आपसी भाईचारे का संदेश दिया है। कार्यक्रम का  आरम्भ दीपार्चन के साथ हुआ। 

इस अवसर पर प्रो. रमेशचंद्र नेगी (केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षण संस्थान सारनाथ), भाई धर्मवीर सिंह (ग्रंथी गुरुद्वारा नीचीबाग), प्रो. सुमन जैन बी.एच.यू., डॉक्टर सुनीता चंद्रा (कुलसचिव तिब्बती संस्थान सारनाथ), स्वामी विश्वआत्मानंद (अद्वैत आश्रम), मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी (मुफ्ती–ए–बनारस), प्रो.विशंभरनाथ मिश्र (महंत संकटमोचन मंदिर) आदि ने अपने विचारों द्वारा इस कार्यक्रम की सार्थकता और उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि के कर कमलो द्वारा मोक्ष नगरी का जीवन दर्शन नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया। सेंट मेरीज स्कूल के बच्चों ने क्रिसमस डांस प्रस्तुत किया तथा फादर प्रज्वल एवं एस.आर.ए. सिस्टर्स ने शांति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रामसुधार सिंह ने किया। अंत में नव वाणी स्कूल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर पादरी बेन जान, फॉ. थॉमस, फॉ. फिलिप डेनिस, फॉ. यान, विश्वनाथ गोकर्ण, वरिष्ठ पत्रकार ए के लारी, डॉ मोहम्मद आरिफ, सैयद फरमान हैदर आदि मौजूद थे। आभार बिशप यूजीन ने दिया।

Maheshwar singh रेलवे बोर्ड में महानिरीक्षक (प्रशासन) बने


Chandoli (dil India live).चंदौली जिले के सकलडीहा विकास खंड के बरठी ग्राम के निवासी तथा भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा (आई .आर .पी .एफ .एस.) के 1998 बैच के वरिष्ठ अधिकारी महेश्वर सिंह पदोन्नति के उपरान्त रेलवे बोर्ड, भारत सरकार में महा निरीक्षक (प्रशासन) के पद पर पदस्थापित किए गए हैं। महेश्वरसिंह बरठी ग्राम के प्रतिष्ठित नागरिक नागेश्वर सिंह के कनिष्ठपुत्र हैं।

महेश्वर सिंह ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा राष्ट्रीय विद्या मंदिर, बरठी एवं सकलडीहा इंटर कॉलेज से पूर्ण करने के उपरांत इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की एवं सिविल सेवा परीक्षा, 1998 के माध्यम से भारतीय रेलवे सुरक्षा बल सेवा में चयनित हुए। वे पूर्व में रेलवे सुरक्षा बल के जोधपुर,दानापुर,सोनपुर, खड़गपुर तथा रांची मण्डलों में मण्डल सुरक्षा आयुक्त तथा जबलपुर एवं रेलवे बोर्ड में उपमहानिरीक्षक पद पर पदस्थापित रहे हैं। महेश्वर सिंह को 2006 में डीजी इनसिग्निया, 2008 में भारतीय रेलवे का सर्वोच्च पुरस्कार “ नेशनल अवार्ड फॉर आउटस्टैंडिंग सर्विस “ तथा इसी वर्ष 2024 में भारतीय पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है । इन्हें विभिन्न मंडलों में कुल 8 बार सिक्योरिटी शील्ड मिला है जो कि एक रिकॉर्ड है। महेश्वर सिंह के बड़े भाई राजेश्वर सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1989 बैच के राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं व हाल ही में राजस्थान रेवन्यू बोर्ड के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दे याद आयी उनकी उपलब्धि

Chandoli (dil India live). स्थानीय रिक्शा स्टैंड मुगलसराय चंदौली में हुई बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। बै...