रविवार, 15 दिसंबर 2024

शैक्षिक उन्नयन कार्यशाला में 125 शिक्षक हुए सम्मानित


Varanasi (dil India live). धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी सारनाथ वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान एवं बेसिक ऐजुकेशन मूवमेंट ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला, पुस्तक लोकार्पण एवं शैक्षिक सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि डॉ. दयाशंकर मिश्र, (आयुष मंत्री भारत सरकार), विशिष्ट अतिथि प्रो. बढ़ घु नेगी (कुलपति केंद्रीय तिब्बतीय संस्थान सारनाथ वाराणसी), डॉ. अनिल कुमार सिंह (अखिल भारतीय शिक्षण मंडल), कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडली सहायक शिक्षा निदेशक उमेश कुमार शुक्ला ने की। 

कार्यशाला में अध्यापकों ने निपुण भारत मिशन के अंतर्गत नामांकन कायाकल्प, स्वछता, पर्यावरण व शैक्षिक उन्नयन पर अपने विचारों को साझा किया। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए कुल 125 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले शिक्षकों में अब्दुर्रहमान, सचिन सिंह, रागिनी विश्वकर्मा, रंजना वर्मा, सारिका त्रिपाठी, जयलता राय, रश्मि त्रिपाठी, शीला सिंह, सतना सिंह, प्रीति सोनकर, संजय यादव, विजय लक्ष्मी, ईरा सिंह, अर्चना सिंह, रविंद्र मौर्य, अनिल कुमार, अंजलि तोमर, सुरेश कुमार अकेला, कंचन सिंह आदि रहे। कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजेश शर्मा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

Indian dental association के डा. अभिषेक अध्यक्ष, सचिव बने डा. अमर अनुपम

इंडियन डेंटल एसोसिएशन वाराणसी का वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न 


Varanasi (dil India live)। इंडियन डेंटल एसोसिएशन वाराणसी शाखा का वार्षिक अधिवेशन रविवार को सम्पन्न हो गया। इस अधिवेशन के बाद निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न हुई। जिसमें वर्ष 2025-26 के लिए डॉक्टर अभिषेक मिश्रा अध्यक्ष निर्वाचित हुए व सचिव वर्ष 2024-26 हेतु पुनः डॉक्टर अमर अनुपम सचिव बनाए गए। ऐसे ही संयुक्त सचिव 2004-26 के लिए डॉ. प्रशांत सिंह चुने गए। निर्वाचित पदाधिकारियों को डेंटल डाक्टरों ने बधाईयां दी और उनके साथ सेल्फी ली। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर अधिवेशन में जहां चर्चा हुई वहीं संगठन को मजबूती प्रदान करने पर भी जोर दिया गया।

Bihar की Aradhana का बड़ा काम

संघर्षों से आराधना बनी डॉ. आराधना, पीएचडी की उपाधि पाकर झूमीं 

Ballia (dil India live)। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा द्वारा  आराधना राय को मनोविज्ञान में Ph.D.की उपाधि दी गई।मूलत: बिहार के आरा जिले की डिलियां गांव की रहने वाली आराधना और संघर्ष कुछ वर्षों में एक पर्यायवाची बन चुके हैं। महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय बक्सर से स्नातक की शिक्षा लेने वाली आराधना राय की शादी सन 2006 में भरौली में राम बहादुर राय के साथ हुई थी। आराधना ने शादी के बाद भी हार नहीं मानी और पुन: सन 2010 में महाराजा कालेज आरा से स्नातकोत्तर (मनोविज्ञान) में न सिर्फ प्रवेश लिया बल्कि प्रथम श्रेणी में परीक्षा भी पास की। आराधना बताती हैं कि मैंने सन 2015 में बी एड. किया। इसके बाद अपने पति की इच्छा और अपनी आकांक्षा के अनुरूप वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से 2019 में Ph.D.का फार्म भरकर प्रवेश परीक्षा पास कर सन 2020 में शोध कार्य में जुट गईं।तमाम झंझावातों को झेलते हुए अपने ससुर रामायन राय, सासु मां मालती देवी और पति के सहयोग से डाॅ. मंजू सिंह के निर्देशन और विभागाध्यक्ष डाॅ. लतिका की अगुवाई में रहकर, अपने शोध कार्य को पूरा किया।

इन्हीं संघर्षों के बाद वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा द्वारा Ph.D. की उपाधि 13 दिसंबर को जब दी गई तो हर्षित आराधना, डा आराधना बन गई।

आराधना राय से डाॅ. आराधना राय का सफर तय करने में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. प्रियंका पाठक, डाॅ. कृतिका, बक्सर के पप्पू चौबे, आयुर्वेदाचार्य, मनोविज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. जयप्रकाश मिश्रा, (M.V.college Buxar), महाराजा कालेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. मनोज सिंह, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ. विजय शंकर वर्मा, प्रोफेसर डाॅ. धनंजय, बक्सर के डाक्टर एल. बी. राय, सुशील कुमार राय, नन्द कुमार तिवारी बाबा, डाॅ. राणा अवधूत कुमार व पिता देवशरण चौधरी, माता कमला देवी, दिनेश राय एवं भाभी मुन्नी राय, कन्हैया पाठक आदि का सहयोग रहा।

कौन है राम बहादुर राय

राम बहादुर राय हिन्दी और भोजपुरी के कवि-लेखक हैं। इनकी  08 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। राम बहादुर राय को विद्या वाचस्पति और विद्यासागर की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है।  वह भी उसी परिवार में जहां पर हिन्दी व भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार डाॅ. विवेकी राय का जन्म हुआ।

शनिवार, 14 दिसंबर 2024

Sarnath में शैक्षिक उन्नयन कार्यशाला कल, 125 teacher's करेंगे प्रतिभाग


Varanasi (dil India live). धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी सारनाथ वाराणसी में केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान एवं बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ़ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन मण्डलीय सहायक निदेशक वाराणसी मण्डल वाराणसी उमेश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में रविवार को होने जा रही है। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक और भारत के अन्य राज्यों से 50 शिक्षक प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक डॉ राजेश शर्मा है। आयोजन समिति में प्रमुख रूप से वाराणसी से छवि अग्रवाल, चंदौली से सचिन सिंह और गाजीपुर से शीला सिंह कार्यक्रम का संयोजन कर रहे हैं।

आयोजक समिति ने बताया कि मुख्य अतिथि डॉ. दया शंकर मिश्रा (आयुष मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार) होंगे वहीं गेस्ट ऑफ़ ऑनर राज्य मंत्री डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा (अध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश) के साथ केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान के कुलपति प्रो. वड छुग दोर्जे नेगी विश्व शांति में बौद्ध दर्शन की प्रसंगिकता पर उद्बोधन करेंगे, वही बेसिक शिक्षा के अधिकारी निपुण भारत मिशन के अंतर्गत नामांकन कायाकल्प स्वछता पर्यावरण व शैक्षिक उन्नयन में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालेंगे। नावाचारी शिक्षक अपने नवाचार प्रस्तुत कर बेसिक शिक्षा को जागरूकता को प्रोत्साहित करेंगे। शोधार्थी अपना क्रियात्मक शोध प्रस्तुत करेंगे।

Advocate महफूज आलम सिद्दीकी की वालिदा का इंतकाल

इशा की नमाज के बाद की जाएंगी सुपुर्द-ए-खाक 

Varanasi (dil India live). बनारस के प्रमुख अधिवक्ता महफूज आलम सिद्दीकी एडवोकेट की वालिदा (मां) का आज दालमंडी आवास पर इंतकाल हो गया। उन्हें इशा बाद आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। जैसे ही उनकी वालिदा के इंतकाल की खबर दोस्तों, अजीजों और रिश्तेदारों में फैली लोग उनके घर पर जुटना शुरू हो गए। मरहूमा अपने पीछे तीन बेटो महफूज आलम, अनवार आलम व जावेद आलम समेत बेटी, नाती-पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ गई है। उनके इंतकाल पर तमाम लोगों ने अफसोस जताया है।

Dalmandi होगा चौड़ा, Nagar Nigam ने तैयार किया खाका

पर्यटकों की सुविधा के लिए हटाएं जाएंगे अतिक्रमण 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। प्रमुख मुस्लिम मार्केट दालमंडी से चौक जाने वाली सड़क चौड़ी करने की कवायद शुरू हो गई है। अभी दालमंड़ी की सड़क कहीं संकरी तो कहीं चौड़ी है। पर्यटकों को इससे जहां परेशानी होती है वहीं इसकी वजह से आए दिन जाम की समस्या होती है। सड़क की चौड़ाई एक बराबर होने से लोगों को सहूलियत मिलेगी। हालांकि पटरी पर दुकान लगाने वाले विक्की कहते हैं कि सहूलियत तो सभी को होगी मगर किसी ने सोचा पटरी पर दुकानें लगाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले लोग कहां जाएंगे इसकी कोई रुपरेखा निगम के पास है क्या? यह दर्द केवल विक्की का नहीं है बल्कि पटरी के तमाम दुकानदारों का है। खैर निगम को इससे क्या?

नगर निगम का कहना है कि उसने इसका प्राथमिक सर्वेक्षण किया है। राजस्व विभाग अब बंदोबस्ती नक्शे से इसका मिलान कर रहा है। इसी आधार पर सड़क को चौड़ा किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी बाधा अतिक्रमण और कुछ अवैध निर्माण हैं। इन्हें चिह्नित किया गया है।

पुलिस प्रशासन टीम की ओर से जल्द ही अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई होगी। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ नगर निगम अधिकारियों की बैठक में यह तय हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि सड़क चौड़ी होने से बाहर से आने वाले लोगों को नई सड़क से चौक जाने में आसानी होगी। यहां ज्यादातर कारोबारी सड़क को घेरकर अपनी दुकान चला रहे हैं। साथ ही तिरपाल लगाकर उन्होंने परिसर को भी ढ़क रखा है।

दालमंडी में नगर निगम की कई दुकानें हैं। इनका किराया नगर निगम लेता है। इसके अलावा यहां कुछ सरकारी जमीनों को भी कब्जामुक्त कराया जाना हैं।

बिजली कर्मचारियों ने दी उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन व सभा

  • sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). UP में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और चंडीगढ़ में हो रहे निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने विरोध दिवस मनाया। दिनभर काम करने के बाद सभी मुख्यालयों, कार्यालयों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि सरकार निजीकरण की मंशा छोड़े अन्यथा उग्र प्रदर्शन शुरू करने के लिए विवश होंगे।

इस दौरान प्रबंधन पर गलत आंकड़ें देने, कर्मचारियों को गुमराह करने, कार्रवाई के लिए डराने का आरोप भी लगाया गया। कहा कि बिडिंग के पहले आरएफपी डॉक्यूमेंट जारी किया जाए तो निजीकरण के घोटाले का खुलासा हो जाएगा। बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) ने 13 से 19 दिसंबर तक विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। शुक्रवार सुबह से सभी काम पर रहे। शाम के वक्त बिजली अभियंताओं एवं कार्मिकों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश भर में विभिन्न कार्यालयों के समक्ष हाथ में तख्तियां लेकर सरकार और प्रबंधन की नीतियों की मुखालफत की। लखनऊ में शक्ति भवन, हाइडिल कालोनी सहित अन्य कार्यालयों पर हाथ में निजीकरण विरोधी तख्तियां लेकर बिजली कार्मिकों ने जुलूस भी निकाला और जमकर नारेबाजी की। चेतावनी दी कि प्रबंधन ने निजीकरण की मंशा नहीं छोड़ी तो उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे, जिसकी जिम्मेदारी कार्पोरेशन प्रबंधन की होगी। संघर्ष समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह कर्मचारियों को गुमराह कर रहा है। भय का वातावरण बनाकर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति पैदा की जा रही है। खास बात यह है कि निजीकरण के विरोध में अब बिजली कर्मियों के परिजन भी उतरने लगे हैं।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय, सुहैल आबिद, पीके दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आरवाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेंद्र पांडेय, आरबी सिंह आदि ने सभा को संबोधित किया।

आधी रात को गूंजा Happy Christmas, merry Christmas..., कटी केक, गूंजा कैरोल गीत

ओहो प्यारी रात, ओहो न्यारी रात, खुशी की रात आयी... काशी से रोम तक मसीही समुदाय ने की प्रभु यीशु के जन्म की अगवानी   मंगलवार की आधी रात को फि...