मंगलवार, 15 अक्तूबर 2024

देश दुनिया में मनाई जा रही ‘ग्यारहवीं शरीफ’

जश्ने ईदे गौसिया पर बड़े पीर साहब की हो रही हैं फातेहा

 

Varanasi (dil India live). हज़रत गौसे आज़म शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां (बड़े पीर साहब) का उर्स-ए-पाक ‘ग्यारहवीं शरीफ’ का जश्न ईदे गौसिया के रूप में अदबो-एहतराम के साथ आज देश दुनिया में मनाया जा रहा है। फजर की नमाज़ के बाद से ही मदरसों, मस्जिदों व घरों में कुरानख्वानी, फातिहा व महफिल-ए-गौसुलवरा का आयोजन मंगलवार को शुरु हो गया। सुबह फज्र की नमाज के बाद कुराख्वानी, नियाज-फातिहा का जो सिलसिला शुरू हुआ वो पूरे दिन ही नहीं बाल्कि पूरे महीना चलता रहेगा। इस दौरान जगह जगह गौस़े पाक का लंगर भी चला। शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, नयी सड़क, लल्लापुरा, कोयला बाजार, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, बड़ी बाजार, अरदली बाजार, मकबूल आलम रोड आदि जगहों पर गोसे पाक का ईदे गौसिया का जश्न देखने को मिला।

गौसे पाक यानी वलियों के सरदार 

मस्जिद टकटकपुर के इमामे जुमा मौलाना अज़हरूल कादरी कहते हैं कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी यानी गौस-ए-आज़म का है। हमारे औलिया-ए-किराम व मशायख जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-नबी का नूर व खुशबू फैल गई। हिन्दुस्तान में ईमान व दीन-ए-इस्लाम बादशाहों के जरिए नहीं आया बल्कि हमारे इन्हीं बुजुर्गों, औलिया व सूफिया के जरिए आया। ऐसे लोग जिनके चेहरों को देखकर और उनसे मुलाकात करके लोग ईमान लाने पर मजबूूर हो जाते थे। हमें भी इनकी तालीमात पर मुकम्मल अमल करना चाहिए। जिससे दुनिया व आखिरत की कामयाबी मिलेगी।

मौलाना अज़हरुल कादरी ने कहा कि हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अम्बिया अलैहिस्सलाम के सच्चे जानशीन हैं। इस्लाम व ईमान की रोशनी इन्हीं के जरिए से हम तक पहुंची है। हजरत शेख अब्दुल कादिर जीलानी अपने मुरीदों के लिए फरमाते हैं कि जब तक मेरा एक-एक मुरीद जन्नत में नहीं चला जाएगा तब तक मैं भी जन्नत में नहीं जाऊंगा।

सोमवार, 14 अक्तूबर 2024

बाबा हत्याकांड का आरोपी बिश्नोई जानिए गैंगस्टर कैसे बना

सिद्धू मूसेवाला से बाबा के मर्डर केस तक में 'लॉरेंस' गैंग


Mumbai (dil India live). महाराष्ट्र की सियासत के चर्चित राजनेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने खुद ले ली है। इसकी पुष्टि मुंबई पुलिस ने करते हुए कहा है कि सिद्दीकी की हत्या में शामिल तीनों शूटर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए थे। सिद्दीकी की फ़िल्म सितारे शाहरुख खान और सलमान खान सहित बॉलीवुड के बड़े फिल्मी कलाकारों के साथ अच्छे संबंध थे और वह तीन बार विधायक रहने के साथ ही मंत्री भी रहे थे। ऐसे में एक हाई प्रोफाइल राजनेता के मर्डर में लॉरेंस के गैंग के शूटर्स का नाम सामने आने के बाद यह मामला न सिर्फ पुलिस बल्कि राज्य सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है। मुंबई पुलिस पता लगाने की जुगत में है कि आखिर लॉरेंस के शूटर्स ने बाबा को क्यों मारा ?

दरअसल लारेंस बिश्नोई पर दो दर्जन से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली और अन्य अपराधों के मामले दर्ज हैं। फिलहाल वह अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है और वहीं से गैंग चला रहा है। यहां हम बताएंगे कि कौन है लॉरेंस बिश्नोई और वो कैसे अपराध में आया। यही नहीं लॉरेंस क्यों अभिनेता सलमान खान को मारना चाहता है? उसके घर के बाहर क्यों उसने गोली चलाई।

हम बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई की उम्र 31 साल है और वह पंजाब के फिरोजपुर जिले के धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है। वह बिश्नोई समुदाय से है। इस समुदाय के लोग पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हैं। बिश्नोई ने गांव से ही 12 वीं तक की पढ़ाई की और 2010 में कॉलेज की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ चला गया। DAV कॉलेज में दाखिला लेने के बाद वह छात्र राजनीति में सक्रिय हो गया और 2011-12 में पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (SOPU) का अध्यक्ष बना। आपराधिक रिकॉर्ड के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ पहली एफआईआर हत्या के प्रयास के मामले में दर्ज हुई थी। अप्रैल 2010 में जबरन घर में घुसने और फरवरी 2011 में मारपीट और मोबाइल फोन चोरी के मामले में भी एफआईआर हुई। ये सभी मामले छात्र राजनीति से जुड़े थे। इस दौरान पंजाब के फाजिल्का से आने वाला और गैंगस्टर से नेता बना जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी भी लॉरेंस के ग्रुप से जुड़ गया। यह ग्रुप छात्र राजनीति की आड़ में राजस्थान के श्रीगंगानगर और भरतपुर में सक्रिय रहा। रॉकी की मई, 2016 में हिमाचल प्रदेश में हत्या कर दी गई। कुख्यात गैंगस्टर जयपाल भुल्लर ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बाद में भुल्लर को जून 2020 में कोलकाता में मुठभेड़ में मार दिया गया।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम तब बहुत ज्यादा उछला जब पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की 2022 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े गोल्डी बराड़ ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। गोल्डी बराड़ 2017 में कनाडा चला गया था और वहीं से अपना गैंग चल रहा है। कहा जाता है कि बिश्नोई के कई अन्य साथी भी कनाडा और अमेरिका में हैं। गोल्डी बराड़ ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि मूसेवाला की हत्या अकाली दल के युवा नेता विक्रमजीत सिंह उर्फ ​​विकी मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए की गई थी।

गैंग के निशाने पर है सलमान

लॉरेंस बिश्नोई गैंग पिछले कई महीनों से सलमान खान को निशाना बनाने और उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है। इस साल अप्रैल में सलमान खान के मुंबई स्थित घर के बाहर गोलियां चली थीं। इसके बाद से ही सलमान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

मुंबई में सक्रिय अंडरवर्ल्ड गैंग्स जिनमें दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और रवि पुजारी के गैंग सक्रिय थे, उन्हें पिछले एक दशक में काफी हद तक खत्म कर दिया गया है। पुलिस को शक है कि बिश्नोई गैंग अब पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी यूपी से बाहर निकलकर मुंबई में आना चाहता है। राजस्थान में सलमान खान ने काले हिरण को मार दिया था। पुलिस का कहना है कि बिश्नोई इसलिए सलमान को मारना चाहता है क्योंकि बिश्नोई समुदाय काले हिरण की पूजा करता है या फिर वह सलमान खान को निशाना बनाकर खुद को मशहूर करना चाहता हो।

शनिवार, 12 अक्तूबर 2024

BLW Varanasi में हुआ आकर्षक आतिशबाजी के बीच रावण दहन

गंगा–जमुनी तहजीब की मिसाल BLW का रावण दहन


Varanasi (dil India live). बनारस रेल इंजन कारखाना में विजयादशमी समिति द्वारा केन्द्रीय खेलकूद मैदान पर रावण दहन का भव्यतापूर्ण आयोजन किया गया। बरेका महाप्रबंधक एस.के. श्रीवास्तव एवं बरेका महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष गौरी श्रीवास्‍तव द्वारा प्रभु श्रीराम-जानकी की आरती के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर राम चरित मानस पर आधारित रूपक (मोनो एक्टिंग) राम वन गमन से रावण बध तक की लीला की मनमोहक प्रस्तुती की गयी, जिसे दर्शकों द्वारा काफी सराहा गया। संपूर्ण रूपक कार्यक्रम निदेशक एस.डी.सिंह के दिशा-निर्देशन में किया गया। 

 उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दशानन-रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के पुतले क्रमश: 75, 65 एवं 60 फिट का था। रावण दहन के दौरान आकर्षक आतिशवाजी एवं साज-सज्जा देखने को मिली। जिसे देखने हेतु बरेका कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के साथ ही आस-पास के गांवों, कस्बों से अपार भीड़ उमरी। भीड़ की सुरक्षा के मुकम्मल इंतजाम जिला प्रशासन एवं रेल सुरक्षा बल द्वारा किए गए थे। बनारस रेल इंजन कारखाना में होने वाली रावण दहन अपने आप में अनुठा है, जो गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है। रावण, कुम्भकरण एवं मेघनाद के पुतले तीन पीढि़यों से काशी के ही रहने वाले शमशाद खान और उनके परिवार द्वारा बनाया जाता है।

इस अवसर पर प्रमुख मुख्य इंजीनियर विनोद शुक्ला, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर देवेश कुमार, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी जनार्दन सिंह, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर-एस.ई. नीरज जैन, मुख्य सामग्री प्रबंधक-मुख्यालय एस.के. मिश्रा, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर उत्पादन सुनील कुमार, उप महाप्रबंधक अनुज कटियार, मुख्य यांत्रिक इंजीनियर-क्यू.एम.एस. रामजन्म चौबे, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, स्पेयर एम के सिंह, जन सम्पर्क अधिकारी राजेश कुमार सहित काफी संख्या में बरेका अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से विजयदशमी समिति के महामंत्री अनूप सिंह, आलोक सिंह, सहायक महामंत्री, वी.डी.दूबे, मुकेश सिंह, धर्मेन्‍द्र सिंह, राकेश पांडेय, रितेश सिंह, तारकेश्वकर सिंह, अमित सिंह, धीरज सिंह, पवन यादव, सुनील कुमार, चंद्रमोहन झा, बाबी सिंह सहित बनारस रेल इंजन कारखाना के सिविल, विद्युत्, यांत्रिक, कार्मिक, जन सम्पर्क, सिविल डिफेन्स, स्काउट एवं गाइड, सेंट जांस एम्बुलेंस ब्रिग्रेड का भी विशेष सहयोग रहा।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन विजयादशमी समिति के संयोजक एम.पी.सिंह, उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर, स्पेयर द्वारा किया गया।

सियासत का अखाड़ा : 'करहल' के मिजाज में बसा है 'समाजवाद'

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का अभेद्य दुर्ग है 'करहल' 

Aman (Editor dil India live)

Karhal (dil India live)। करहल एक बार फिर से राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र बिंदु में है।सियासत का अखाड़ा बना 'करहल' के मिजाज में 'समाजवाद' ही रचा बसा हुआ है। माना जाता है की सपा संस्थापक, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का यह अभेद्य दुर्ग है सोते जागते सिर्फ और सिर्फ समाजवाद ही सांस लेता है। वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 'करहल' राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र बिंदु में था। यूपी के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट राज्य की उन 10 विधासनसभा सीटों में से एक है, जहां अगले कुछ दिनों में उपचुनाव होने वाला हैं। 'करहल' सीट इसलिए भी खास है कि क्योंकि यह सीट सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। करहल में कई दशकों से किसी भी पार्टी की दाल नहीं गली है। क्योंकि, यह सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का अभेद्य दुर्ग है।इसे जीतने के लिए बीजेपी ने इसे चुनौती के रुप में ले लिया है। पिछले चुनाव परिणाम से मायूस हुई भाजपा में हरियाणा जीत ने संजीवनी का काम किया है। इससे भाजपा उत्साहित है। बीजेपी 'करहल' सीट फतह को लेकर प्लानिंग कर रही है। हालांकि सपा ने बिहार के दिग्गज और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के दामाद को टिकट देकर अपनी सीट सुरक्षित मानकर चल रही है। सूत्रों की मानें तो इस उपचुनाव में 'करहल' सीट फतह के लिए यूपी ही नहीं बल्कि बिहार के भी कई दिग्गज नेता कैम्पेनिंग के लिए पहुंचेंगे।

शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2024

मशहूर शायर जमजम रामनगरी के वालिद को सुल्तान क्लब ने पेश की खिराजे अकीदत


Varanasi (dil India live)। बनारस के मशहूर शायर, वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं शिक्षाविद ताजुद्दीन अशअर रामनगरी का लंबी बीमारी के बाद 96 वर्ष की आयु में बीती रात्रि रामनगर स्थित दौलतखाने पर इंतकाल हो गया था। उनके इंतकाल से उर्दू साहित्य व पत्रकारिता जगत के एक युग का समापन हो गया। इंतकाल की खबर लगते ही पूरे पूर्वांचल में शोक की लहर दौड़ गई। सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब ने एक अफसोस बैठक आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की।

इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक ने अफसोस का इजहार करते हुए कहा कि अशअर रामनगरी साहब ने अपनी पूरी जिंदगी उर्दू साहित्य और पत्रकारिता में गुज़ारी। उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन में दर्जन भर से अधिक उर्दू समाचार पत्रों का संपादन किया, उर्दू दैनिक समाचार पत्र कौमी मोर्चा का लगभग 30 साल तक संपादन किया।

उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के महामंत्री मुहम्मद जफर अंसारी ने कहा कि मरहूम ताजुद्दीन अशअर रामनगरी एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति लब्ध उस्ताद शायर थे। महबूब आलम ने कहा कि मरहूम अशअर साहब को दर्जनों सरकारी और गैर सरकारी उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है। शमीम रियाज़ ने कहा कि अशअर साहब अदब और साहित्य के हर विधा में निपुण थे। अशअर साहब के इंतकाल से बनारस शहर और उत्तर प्रदेश के उर्दू हल्के में मायूसी का माहौल है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुमकिन नहीं है। अशअर साहब के बेटे और शाएर ज़मज़म रामनगरी उनकी अदबी विरासत आगे बढ़ाने में प्रयत्नशील है। सुल्तान क्लब के मेम्बर्स ने उन्हें सब्र से काम लेने की हिदायत दी।

अफसोस बैठक में डॉक्टर एहतेशामुल हक, जफर अंसारी, महबूब आलम, अब्दुर्रहमान, शमीम रियाज़, मुस्लिम जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें, हाफिज मुनीर, शकील अंसारी, मौलाना अब्दुल्लाह, वफ़ा अंसारी, नसीमुल हक, मुख्तार अहमद, मुहम्मद इकराम, इरफान इत्यादि थे।

रहती दुनिया तक याद किए जाएंगे अशअर रामनगरी

मशहूर शायर, वरिष्ठ पत्रकार अशअर रामनगरी किए गए सुपुर्द-ए-खाक, उमड़ा हुजूम 


Varanasi (dil India live)। मशहूर शायर, पत्रकार, इस्लामी विद ताजुद्दीन अशअर रामनगरी का लंबी बीमारी के बाद 96 वर्ष की आयु में बीती अर्ध रात्रि इंतकाल हो गया। उन्हें आज रामनगर की आबाई कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द ख़ाक किया गया। 

उनके देहांत से उर्दू पत्रकारिता जगत के एक युग का समापन हो गया। उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन में दर्जन भर से अधिक उर्दू समाचार पत्रों का संपादन किया ।उल्लेखनीय है कि उर्दू दैनिक समाचार पत्र कौमी मोर्चा का लगभग 30 सालों तक अपने संपादकीय से पाठकों के दिलों पर राज करते रहे ।विदित हो कि पाठक उनके संपादकीय को पढ़ने के लिए ही अखबार लेते थे ।उनके द्वारा लिखे संपादकीय के कई संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। श्री ताजुद्दीन अशअर रामनगरी एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति लब्ध उस्ताद शायर थे जिनके शागिर्द दुनिया भर में उर्दू अदब की सेवा कर रहे हैं ।उनके कविता संग्रह में नाल -ए- साज़, मताए अकीदत, मौज़े- नसीमे- हिजाज़ ,इहदनस्सीरातल मुस्तक़ीम और वाशिगाफ़ काबिले जिक्र हैं ।

मरहूम अशअर साहब को दर्जनों सरकारी और गैर सरकारी उपाधियों से सम्मानित किया जा चुका है। विगत वर्ष उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी ने एक लाख की धनराशि पत्रकारिता के क्षेत्र में पुरस्कार स्वरूप उन्हें दिया है।

अशअर साहब अदब और साहित्य के हर विधा में निपुण थे ।उन्होंने जहां एक तरफ गजलें नज्में लिखी है तो वही दूसरी तरफ हाजी नाम, रुखसती सेहरा क़सीदा के फन में भी माहिर थे। जो उन्हें अपने समकालीन फनकारों में नुमाया पहचान दिलाता था। अशअर साहब कई भाषाओं के माहिर थे स्कूली शिक्षा न होने के बावजूद हिंदी, संस्कृत, उर्दू ,अरबी ,फारसी, अंग्रेजी, में महारत रखते थे ,बनारस में होने वाले हर साल नातिया मुकाबले में उनके द्वारा लिखी गई नातों की लोकप्रियता यह थी कि हर वर्ष उनकी अंजुमन इस्लामिया कदीमी चौहट्टा लाल खान ,और अंजुमन फिरदौसे अदब चाह मेहमा दालमंडी को प्रथम पुरस्कार से अलंकृत किया जाता था। अशअर साहब के देहांत से बनारस शहर और उत्तर प्रदेश के उर्दू हल्के में मायूसी का माहौल है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुमकिन नहीं है। अशअर साहब के बेटे और शाएर ज़म ज़म रामनगरी उनकी अदबी विरासत आगे बढ़ाने में प्रयत्नशील है। 

आज उनकी मिट्टी उनके पैतृक कब्रिस्तान गोलाघाट रामनगर में अमल में आई बड़े पैमाने पर नम आंखों से उनको लोगों ने सुपुर्द-ए-खाक किया।

गुरुवार, 10 अक्तूबर 2024

Muslim परिवार आजादी के पहले से बना रहा है लंकेश का पुतला

35 वर्षों से इश्तियाक ने संभाल रखी है यह परम्परा

मुस्लिम परिवार तैयार करते हैं हिंदुओं की आस्था का सामान 


Varanasi (dil India live)। इश्तियाक मुस्लिम हैं पर वो हिंदूओं की आस्था का सामान 'रावण' का पुतला तैयार कर रहे हैं। यही नहीं इश्तियाक का परिवार आजादी के पहले से लंकेश का पुतला बनाता चला आ रहा है। इश्तियाक पिछले तीन दशक से भी पहले से न सिर्फ यह परम्परा संभाले हुए है बल्कि इसी बहाने इश्तियाक बनारस की गंगा जमुनी तहज़ीब का रंग और सुर्ख करने में जुटे हुए हैं। शांति और सौहार्द के लिए काम करने वाले डा. मोहम्मद आरिफ कहते हैं की हिंदुस्तान ऐसी ही मिली जुली संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना पहचाना जाता है। कहीं इसे गंगा जमुनी तहज़ीब तो कहीं हिंदुस्तानी तहजीब के नाम से इसे ख्याति प्राप्त है। मोहर्रम में हिंदू का ताजिया बनाना और होली पर मुसलमानों का रंग खेलना बादशाह अकबर के दौर से भी पहले से कायम है। ईद पर हिंदू-मुस्लिम का गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद देना सौहार्द की सुखद तस्वीरें हिंदुस्तानी तहज़ीब की वो मिसालें हैं जो वक्त वक्त पर देश दुनिया के सामने आती रहती है। इसे कहीं गंगा जमुनी तहज़ीब तो कहीं हिंदुस्तानी तहजीब कहकर पहचाना जाता है। बनारस का विजयदशमी पर्व भी इसकी बड़ी नज़ीर है।

जहां इश्तियाक जैसे न जाने कितने मुस्लिम परिवार लंकेश का पुतला हिंदुओं की आस्था को पूरी करने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। लाटभैरव की रामलीला में इकोफ्रेंडली रावण, बरेका में 75 फीट और रामनगर में 60 फीट के रावण का दहन इस बार किया जाएगा। विजय दशमी पर जलने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मुस्लिम परिवार ही तैयार कर रहे हैं। असत्य पर सत्य की जीत का महापर्व 12 अक्तूबर को मनाया जाएगा। गंगा-वरुणा संगम किनारे लंका मैदान में दशानन रावण का दहन काफी आकर्षक होगा। 500 साल से भी प्राचीन रामलीला में इकोफ्रेंडली रावण आकर्षण का केंद्र होगा। इस बार 70 फीट के रावण का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे ही इस बार लंका दहन की सबसे खास बात है कि लंका के आगे दो द्वारपाल होंगे और उनके बीच हनुमान जी अंदर जाकर पूरी लंका को जलाते हुए सीता मां को लेकर निकलेंगे। ये दृश्य देखने में काफी आकर्षक होगा। वहीं रावण वध के लिए इको फ्रेंडली आतिशबाजी की जाएगी। इससे कम प्रदूषण होगा। अंबिया मंडी के इश्तियाक अहमद इन पुतलों को बनाने का काम कर रहे हैं। वह बताते हैं कि यह उनके खानदानी काम का हिस्सा है। हम तीन पीढ़ियों से इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। रावण का एक पुतला तैयार करने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है। इसके लिए करीब 15 से 20 हजार रुपये की लागत आती है। रावण के पुतले बनाने के लिए बांस, रंग-बिरंगे कागज, रस्सी, और लकड़ी की स्केल का उपयोग किया जाता है। परिवार की तीन महीने की मेहनत से लगभग दो दर्जन से ज्यादा पुतले तैयार होते हैं, जो वाराणसी के अलावा पूर्वांचल के कई जिलों में भेजे जाते हैं। ऐसे ही विश्वप्रसिद्ध रामनगर की रामलीला में 60 फुट ऊंचे और 30 फीट परिधि का विशालकाय रावण का पुतला आकर्षण का केंद्र होगा। पुतला बनाने में जुटे राजू खान बताते हैं कि उनका यह काम देश आजाद होने से पहले का है। शुरुआत परदादा हाजी अली हुसैन ने की थी। वह परिवार के अन्य सदस्यों के साथ लगभग 20 कारीगरों के साथ रामलीला शुरू होने के एक सप्ताह पहले से ही पुतला बनाने में जुट जाते हैं। उधर बरेका में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन पुतलों को बनाने का काम शमशाद का परिवार कर रहा है। ये परिवार चार पीढ़ियों से दशहरे के पुतले तैयार करने की परंपरा को जीवित रखे हुए है। इस बार वे पूर्वांचल का सबसे ऊंचा 75 फीट ऊंचा रावण का पुतला तैयार कर रहे हैं। रावण के साथ कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले भी बनाए जा रहे हैं। इस कार्य में उनके परिवार के 12 सदस्य दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। शमशाद ने बताया कि इस परंपरा की शुरुआत उनके नाना ने की थी। उनका परिवार आज भी इसे निभा रहा है। डेढ़ महीने पहले से ही परिवार इस काम में जुट जाता है। इसके अलावा शमशाद का परिवार लंका, मलदहिया, और फुलवरिया के पुतले भी तैयार कर रहा है।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...