शुक्रवार, 7 जुलाई 2023

Eid-E-Ghadir ke saji mehfil

शहर भर में अनेक आयोजनों संग मनी खुशियां






Varanasi (dil India live)। हिजरी साल के ज़िल्हिज्जा माह की 18 तारीख को अपने आख़िरी हज से वापसी पर प्यारे नबी ने अपने दामाद हज़रत अली को अल्लाह के हुक्म से अपने बाद हाकिम ओ पेशवा बनाया था। ग़दीर–ए–ख़ुम नामी जगह जो मक्का और मदीना के बीच स्थित है वहां सवा लाख हाजियो के मजमे में रसूलुल्लाह ने हज़रत अली को अपने दोनों हाथों पर बुलंद करके फ़रमाया जिस जिस का मैं मौला आज से उस उस के अली मौला। ये दिन शिया मुसलमानों के लिए ईद का दिन है।

   इसी ईद की खुशियां मानते हुए शहर में रात ही से महफ़िल का सिलसिला शुरू हो गया था। करारा हाउस तेलियानाला में क़सीदा ख़्वानी की महफ़िल हुई जो देर रात तक चली। बनारस के इमाम ए जुमा मौलाना सैयद ज़फर उल हुसैनी की सदारत में करारा हॉउस पर महफ़िल ए बयान के एहतेमाम हुआ। बयान से पहले शोअरा ए केराम ने अपना मंज़ूम नज़राना ए अक़ीदत पेश किया। महफ़िल को ख़िताब करते हुए मौलाना अक़ील हुसैनी ने ईद ए ग़दीर की फ़ज़ीलत और मौला अली के फ़ज़ाएल बयान किये। महफ़िल की निज़ामत मौलाना अमीन हैदर हुसैनी साहब ने किया। महफ़िल में मौलाना मेहदी रज़ा, मौलाना इश्तियाक अली, मौलाना इक़बाल हैदर, मौलाना करीमी साहब, मौलाना यूसुफ मशहदी, मौलाना ज़ाएर ईमानी साहब समेत हज़ारो की तादाद में मोमिनीन ने शिरकत की। इसी क्रम में दालमंडी, दरगाहे फ़ात्मान, शिवाला, बड़ी बाज़ार, मदनपुरा समेत लगभग सभी शिया बहुल इलाकों में महफ़िल सजाई गई और खुशियां मनाई गई।धन्यवाद मुनाज़िर हुसैन मंजू ने दिया।

गुरुवार, 6 जुलाई 2023

Kashi k vikas में सभी का सहयोग जरूरीःमहापौर

काशी के विकास पर महापौर अशोक तिवारी ने किया पत्रकारों से संवाद













Varanasi (dil India live)। महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि काशी के विकास में सभी का सहयोग जरूरी है। साथ ही सभी की जिम्मेदारी व जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। मैं यहां का जनसेवक हूं और नगर में स्वच्छता, अतिक्रमण से मुक्ति और सुगम यातायात सुनिश्चित करना मेरा प्रयास है। नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाना भी मेरी प्राथमिकता में शामिल है।

श्री तिवारी ने ये विचार गुरुवार को पराड़कर स्मृति भवन में काशी पत्रकार संघ की ओर से आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण और जाम इस नगर की बड़ी समस्या है। इससे निजात पाने के लिए पहले चरण में रथयात्रा-गोदौलिया- दशाश्वमेध मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। ऐसे ही अन्य क्षेत्रों के लिए भी नगर निगम, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम काम कर रही है। महापौर ने बताया कि नगर में विभिन्न स्थानों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं पर नियमित माल्यार्पण की व्यवस्था नगर निगम की ओर से शुरू की गई है। इसके लिए हर जोनल अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। सेनपुरा स्थित पशु चिकित्सालय परिसर को सोना-चांदी की मंडी के रूप में विकसित करने पर प्रस्ताव बनाया जा रहा है। महापौर ने बताया कि नगर में दस हजार पौधे रोपने की योजना है। इन पौधों को ट्रीगार्ड से सुरक्षित भी किया जाएगा। इसके लिए हर पार्षद से प्रस्ताव मांगा गया है। 

श्री तिवारी ने बताया कि नगर निगम की ओर से जल्द ही कजरी महोत्सव का आयोजन होगा। इसके लिए जनसहयोग भी लिया जाएगा ताकि जनता इसे अपना कार्यक्रम महसूस करे। श्री तिवारी ने कहा कि काशी को पालीथिन मुक्त शहर बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयास शुरू किया गया है। काशी जिंदा शहर बना रहे, इसके लिए परस्पर संवाद जरूरी है। इस दौरान संघ के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चन्द्र सिंह, हिमांशु उपाध्याय, आर संजय, एके लारी,  राजेश राय, शैलेश चौरसिया, डा. अजय कुष्ण चतुर्वेदी, रोहित चतुर्वेदी, राजेश यादव ने महापौर को नगर के विकास के संबंध में सुझाव दिए। संघ के अध्यक्ष डा. अत्रि भारद्वाज ने स्वागत, धन्यवाद ज्ञापन वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरूण मिश्र व संचालन संघ के महामंत्री अखिलेश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में संघ के पूर्व अध्यक्ष सर्वश्री योगेश कुमार गुप्त व राजनाथ तिवारी, कोषाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी, मंत्री अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, वाराणसी प्रेस क्लब के मंत्री विनय शंकर सिंह, संयुक्त मंत्री देव कुमार केशरी, कैलाश यादव, राकेश सिंह, डा. कवीन्द्र नारायण, विमलेश चतुर्वेदी, राममिलन लाल श्रीवास्तव, डा. नागेन्द्र पाठक, अजय राय, सुरेश गांधी, आदर्श शर्मा, जय प्रकाश श्रीवास्तव, अनिरूद्ध पाण्डेय, मुन्ना लाल साहनी, आशुतोष पाण्डेय, अमित शर्मा आदि उपस्थित थे.

Babu jagajeevan Ram कि 37 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई

देश के प्रिय नेता को पुष्प अर्पित कर दी गई श्रद्धांजलि


Varanasi (dil India live).  संत रविदास मंदिर, राजघाट काशी में समतामूलक समाज के संवाहक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की 37 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा पूर्वक मनाई गई. लोगों ने अपने प्रिय नेता को पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी. 

बाबू जगजीवन राम कृतित्व एवं व्यक्तित्व विषयक संगोष्ठी पर प्रकाश डालते हुए मुख्य अतिथि संत डॉक्टर भारत भूषण दास ने कहा बाबूजी बहुमुखी व्यक्तित्व के आयामी थे, उनमें देश प्रेम  मानव सेवा शोषित वंचित और सर्वहारा समाज के प्रति अगाध प्रेम था. विशिष्ट अतिथि प्रोफ़ेसर विजय प्रताप सिंह ने कहा जगजीवन राम का काशी नगरी से आत्मीय लगाव था काशी के विकास में उनका योगदान रहा. वे बिहार एवं यूपी के सेतु थे. तथा समतामूलक समाज के संवाहक थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सतीश कुमार उर्फ फागुनी राम ने कहा बाबूजी आधुनिक भारत के कुशल शिल्पी थे, कार्यक्रम को  डा. जय शंकर जय, नारायणदास, चौथी राम, आर एन सिन्हा, दुर्गा माझी, पार्षद बबलू साह आदि ने संबोधित किया.

मुख्य रूप से इंजीनियर गणेश प्रसाद. किशन जायसवाल. गोरख राम.किशन. धीरज माली, रमेश गुप्त, मदन यादव, धर्मराज, बबलू गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे, संचालन विरेंद्र कुमार. धन्यवाद ज्ञापन बचानी देवी ने किया.     

कैमेलिया सोशल वेलफेयर सोसाइटी खोलेगी ब्यूटी एकेडमी



Varanasi (dil India live)। नगर की अग्रणी सामाजिक संस्था कैमेलिया सोशल वेलफेयर सोसाइटी इन दिनों अपने विस्तार के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में सोसायटी ने ब्यूटी एकेडमी खोलने का खाका तैयार किया है। सोसायटी की हुई बैठक में अध्यक्ष गीता पांडेय, उपाध्यक्ष विनय कुमार और सचिव सैफुल्लाह ख़ान ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि चन्दौली जिले की प्रोजेक्ट मैनेजर नीलू अग्रहरि को बनाया गया है, जो सोसाइटी की तरफ से चन्दौली जिले में ब्यूटी एकेडमी और साथ में महिला और बच्चो के विकास के लिए काम करेगी। इस दौरान सचिव सैफुल्लाह खां ने कहा कि संस्था लगातार सामाजिक कार्य में आगे बढ रही है। इसके लिए मैं सदस्यों को मुबारकबाद दूंगा। ये सब उनकी ही मेहनत का फल है।

बुधवार, 5 जुलाई 2023

Sangeet में योग साधना श्रद्धा समर्पण के साथ गुरु के प्रति आस्था समाहित है

बनारस घराने के तबला वादक पं कामेश्वर नाथ मिश्रा ने कहा संगीत जीने की प्रेरणा देता है 



Varanasi (dil India live). सिडबी-स्पिक मैके के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को कोइराजपुर स्थित संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल में पांच दिवसीय तबला वादन कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। जिसमें बनारस घराने के वरिष्ठ तबला वादक 85 वर्षीय पं कामेश्वर नाथ मिश्रा नें विद्यार्थियों को बताया कि  संगीत संस्कार के साथ जीने की प्रेरणा देता है। संगीत एक ऐसी विधा है जिसमें योग साधना श्रद्धा समर्पण के साथ गुरु के प्रति एक आस्था है जो मनुष्य के जीवन को संस्कार की शिक्षा देता है। गायन वादन और नृत्य की तीनों विधाएं संगीत की शाखा हैं। संगीत का सबसे बड़ा आधार लय है। संगीत में लय जीवन का आधार है। स्वर को जब लय के माध्यम से व्यक्त किया जाता है तो संगीत बन जाता है। तबला मीठी संगत का वाद्य है। बनारस घराने के स्व. पं राम सहाय जी नें तबला वादन को नया स्वरुप प्रदान किया। उन्होंने सर्वप्रथम तबला वादन में पांचो उंगलियों का प्रयोग कर बनारस घराने के तबला वादन को देश विदेश में प्रचलित किया। 

उन्होंने कार्यशाला में विद्यार्थियों को तबले पर तीन ताल में ठेका बजाने के विभिन्न शैलियों को विस्तार पूर्वक बजाकर अभ्यास कराया और कहा कि रियाज के साथ ही वादन की क्षमता बढ़ती है। कार्यशाला में 30 विद्यार्थियों नें अपने खुद के तबले पर 2 घंटे तक अभ्यास किया।

इसके पूर्व कार्यशाला का शुभारम्भ संगीत की देवी माँ सरस्वती को पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। स्वागत प्रधानाचार्य डॉ नीलम सिंह, विषय स्थापना डॉ विभा सिंह संचालन जीतेन्द्र पाण्डेय धन्यवाद ज्ञापन गौरव केशरी नें दिया। सभी के प्रति आभार स्कूल की निदेशक डॉ वंदना सिंह नें व्यक्त किया। उक्त अवसर पर स्पिक मैके के चेयर पर्सन उमेश सेठ, पवन सिंह सहित संगीत के शिक्षक संगीता पाण्डेय, प्रमोद विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहें।

Bsp नेता शाहिद खां का बेटा सुपुर्द-ए-खाक

Varanasi (dil India live)। बहुजन समाज पार्टी शहर उत्तरी विधान सभा के सचिव शाहिद अली खां के बड़े बेटे दानिश खां को मंगलवार को जिन्नाती मस्जिद फातमान की आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता बदरुद्दीन अहमद, बसपा नेता एस. जावेद, मुन्ना, हाजी जलीस, पप्पू, नसीम, हाजी अब्दुल्ला, गुड्डू, शमीम अहमद अततारी आदि सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था।

पता हो कि नदेसर आवास पर उनके बड़े बेटे का सोमवार कि रात हदय गति रुकने से इन्तेकाल हो गया था । मिट्टी मंगलवार ज़ोहर बाद जिन्नाती मस्जिद कि आबाई कब्रिस्तान, फातमान  पर पड़ी थी। आज बुधवार को मदरसातुननूर में मौलाना साकीबुल कादरी कि अगुवाई में फातेहा और कुरानख्वानी हुई।

मंगलवार, 4 जुलाई 2023

Chuna dari जल, जंगल और पहाड़ का अद्भुत संगम





Ap Tiwari 

Mirzapur (dil India live). लखनिया दरी जलप्रपात वाराणसी- शक्तिनगर मार्ग पर अहरौरा क्षेत्र से करीब सात किलोमीटर दूर जंगल में प्रकृति का एक बेजोड़ संगम है जिसे देखने के बाद हर कोई यहां बार-बार आना चाहेगा। यहां से मात्र ढाई किलोमीटर दूर लखनिया दरी में जो पानी पहुंचता है, वह चूना दरी जलप्रपात से होकर हो जाता है, हालांकि अच्छी सड़क न होने की वजह से यह स्थान आज भी दुर्गम बना हुआ है और प्रति वर्ष यहां आने वाले सैलानियों की संख्या भी कम है जबकि यहां सिर्फ पहुंच मार्ग दुरुस्त कर दिया जाए तो देश दुनिया के पर्यटन नक्शे में चूना दरी को भी अव्वल स्थान मिल जाएगा।चुनार से मात्र 24 किमी दूर चूना दरी पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है और सैकड़ों वर्ष पहले ही पत्थर का बना एक रास्ता है जो यहां एक पहुंचता है। यही वजह है कि लखनिया दरी ज्यादा प्रसिद्ध है वहां पहुंचना भी आसान है। रास्ता संकरा होने के कारण कम ही पर्यटक फाल के निचले हिस्से तक पहुंच पाते हैं। मुख्य सड़क से जंगल की तरफ बढ़ने पर पहाड़ी रास्ता दिखाई देता है और चारों ओर जंगली झाड़ियां व पहाड़ियां दिखाई देती है। जल प्रपात का दो तरह से आनंद लिया जा सकता है। वहां उपरी भाग पर पहुंचना आसान है और सामने करीब 159 फोट कि गहराई में पानी गिरता दिखाई देता है।

शानदार नजारा, जंगली जीवन

चूना दरी प्रकृति का शानदार नजारा प्रस्तुत करता है। चूना दरी न सिर्फ प्राकृतिक रूप से समृद्ध है बल्कि यहां पर जंगल का भी मनोरम दृश्य दिखाई देता है। जंगली लंगूरों से आबाद इस क्षेत्र में नवंबर से फरवरी तक सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। वहीं गर्मी के महीने में स्थानीय पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान कुछ स्कूलों के बच्चे भी यहां स्टूडेंट्स  टुर के लिए आते हैं इस पर्यटक स्थल पर समुचित विकास व सैलानियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं तो इसकी छटा कुछ और होगी।

सामान्य सड़क से करीब दो किलोमीटर अंदर तक जाने का रास्ता किसी उबड़ खाबड़ रास्ते से होकर जाने कि हिम्मत कम लोग ही कर पाते है। ज्यादातर लोग यहां तक पहुंचने से पहले ही वापस चले जाते हैं। हालांकि विदेशी पर्यटकों की मौजूदगी यहां हमेशा देखी जा सकती है। कई बार तो कुछ पर्यटक कुंड में उतरने तक की हिम्मत कर बैठते है जबकि इसकी गहराई काफी है और दुर्घटना भी हो चुकी है। यहां शुद्ध हवा और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बिताए गए कुछ पल ही जिदगी भर के लिए यादगार बन जाते हैं।

यहां के स्थानीय कहते हैं- चुना दरी वास्तव में यह छिपा हुआ प्राकृतिक एक बेशकीमती नगीना है जिसे सिर्फ एक सड़क की दरकार है। यहां तक पहुंचना आसान होना चाहिए। चूना दरी फाल तक पहुंचने का रास्ता बेहद सकरा है, चौड़ा हो जाए तो लोगों के लिए यह सैकड़ों साल पुरानी झाड़ियों, पेड़ों से सजा संवरा शानदार पर्यटन स्थल और खिल उठेगा।

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...