शनिवार, 18 सितंबर 2021

अनंत चतुर्दशी पर्व पर होगा महामस्तकाभिषेक

वाराणसी 18 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। नगर के विभिन्न जैन मंदिरों में रविवार को विविध धार्मिक आयोजन होंगे। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में रविवार 19 सितंबर को 10 लक्षण महापर्व के अंतिम दिन नगर के सभी जैन मंदिरों में परिक्रमा पूजन , अभिषेक प्रातः से प्रारंभ होंगे ।

 मुख्य आयोजन:-  “ अनंत चतुर्दशी “ पर्व पर ग्वालदास साहूलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में पूजन के साथ सकल जैन समाज की उपस्थिति में सायं ठीक  4 बजे से श्री 1008 अनंतनाथ भगवान एवं चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान (मूलनायक) पद्मासन विशाल बड़ी प्रतिमा जी का 108 रजत कलशों से महामस्तकाभिषेक का आयोजन होगा।

शुक्रवार, 17 सितंबर 2021

पर्यूषण पर्व के आठवे दिन रत्नत्रय व्रत की पूजा


अहंकार का त्याग ही सम्यक त्याग धर्म: मुनि विशद सागर

वाराणसी 17 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। जिस प्रकार बिना मेघ के वर्षा नहीं होती , बिना बीज के अन्न उत्पन्न नहीं होता , उसी प्रकार बिना त्याग के सुख भी प्राप्त नहीं होता। उक्त बातें श्री दिगंबर जैन समाज काशी द्वारा मनाए जा रहे पर्युषण (10 लक्षण) पर्व के आठवें दिन शुक्रवार को प्रातः भगवान पार्श्वनाथ की जन्मभूमि भेलूपुर में उत्तम त्याग धर्म विषय पर बोलते हुए भक्तों को प्रवचन देते हुए कहीं।


 मुनिश्री ने कहा-“ आमतौर पर दान करने को ही त्याग कहा और समझा जाता है , लेकिन त्याग और दान में अंतर है। दान परोपकार किसी उद्देश्य के लिए किया जाता है, और त्याग संयम के लिए।  कषायो का मोह, राग, द्वेष का, अहंकार का त्याग करने से आत्मा को बल मिलता है।” 

मुनिश्री ने कहा - “ त्याग शब्द त्यज धातु से बना है , जिसका अर्थ है छोड़ना, परित्याग करना, मुक्त होना, दान करना इत्यादि । परिग्रह से मनुष्य अपनी जीवन रूपी नौका को घोर अंधकार रूपी नर्क में पटक देता है। इसलिए मनुष्य को जीवन में दान धर्म करते रहना चाहिए। रोगी दुखी जीव को औषधि एवं जीवनदान, गरीब एवं जरूरतमंद को अन्न एवं वस्त्रों का दान ,  अज्ञानी को ज्ञान का दान-पुस्तकों का दान, निर्धन को धन का दान एवं पशु-पक्षी के प्रति करुणा दया से युक्त होकर रक्षा करनी चाहिए । किसी के कष्टों को दूर करना  दान कहलाता है ।ऋग्वेद और यजुर्वेद में तीर्थंकर आदिनाथ के दिगंबर होने का स्पष्ट उल्लेख मिलता है । दिगंबर साधु त्याग की उत्कृष्ट मूर्ति होते हैं।”शांति ग्रहण में नहीं वरन त्याग में ही है, आत्मा की शांति के लिए त्याग की बहुत आवश्यकता होती है। जिस प्रकार मेघ जल का त्याग कर देते है, नदी स्वयं जल नहीं पीती, पेड़ स्वयं फल नहीं खाते उसी प्रकार अधिक धन या किसी भी वस्तु का संग्रह नहीं करना चाहिए। त्यागने से ही मन एवं चित्त में सदा प्रसन्नता बनी रहती है ।


पर्युषण महापर्व के आठवें दिन शुक्रवार को प्रातः नगर की समस्त जैन मंदिरों में भगवन्तो का पूजन, अरिहंतो का पूजन,  एवं तीर्थंकरों का अभिषेक एवं विधान किया गया। जैन धर्म में भादो माह को सम्राट के समान माना गया है। इस दौरान समस्त श्रावक भक्तों के मन में सहज ही त्याग-तपस्या, दर्शन सहित तमाम धार्मिक क्रियाएं की भावना स्वयं उत्पन्न हो जाती है । उसी क्रम में सायंकाल जिनेंद्र भगवान की आरती, जिनवाणी पूजन , देवी पद्मावती माता का शृंगार किया गया। शाम में भेलूपुर जैन मंदिर जी में अखिल भारतीय दिगंबर जैन महिला मंडल द्वारा 1 मिनट - अंत-अक्षर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । 

धार्मिक आयोजनों में प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, अरुण जैन, विशाल जैन, जिवेंद्र जैन, डॉक्टर जे.के. सांवरिया, तरुण जैन, राकेश जैन, वी.के. जैन, श्रीमती प्रमिला सांवरिया , मंजू जैन , शोभा रानी जैन उपस्थित थे।

पोषण माह: पिंडरा व चोलापुर में चला जागरूकता अभियान

रेसिपी प्रतियोगिता संग अन्नप्राशन एवं गोदभराई की रस्म हुई अदा

वाराणसी 17 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से चलाये जा रहे पोषण माह के अन्तर्गत चोलापुर तथा पिंडरा ब्लॉक में पोषण जागरूकता के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके तहत रेसिपी प्रतियोगिता के साथ ही अन्नप्राशन एवं गोदभराई की रस्म कर महिलाओं को जागरूक किया गया। पिंडरा विकासखंड के सीडीपीओ वीके उपाध्याय ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कुपोषित महिलाओं एवं बच्चों के लिए पुष्टाहार विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उन्हें पोषण के प्रति जागरूक करना रहा। इस दौरान आयोजित रेसिपी प्रतियोगिता के जरिये उन्हें यह बताने की कोशिश की गयी कि वह किस तरीके का भोजन बनायें, जिससे उन्हें पौष्टिक आहार मिल सके। इसके साथ ही गोदभराई व अन्नप्राशन की रस्म से यह समझाने का प्रयास किया गया कि वह खुद के साथ ही बच्चों के प्रति किस तरह सजग रहें। 


चोलापुर विकासखंड के सीडीपीओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रों में मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में भी जानकारी दी गयी। सभी लाभार्थी महिलाओं को जीवन चक्र के प्रथम 1,000 दिन यानि गर्भावस्था काल के 270 दिन और जन्म से लेकर 2 साल तक 730 दिन के महत्व के बारे विस्तार से बताया  गया।  इन दिवसों में गर्भवती माता और प्रसव के बाद शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके अलावा महिलाओं को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, संतुलित एवं स्वस्थ आहार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया गया। 


कार्यक्रम में काफी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। उन्हें बताया गया की वह किस तरीके का पोशाक आहार लें। उन्हें यह भी समझाया गया कि उनके घरों के आस–पास मिलने वाले सहजन, हरी सब्जियाँ तथा चना इत्यादि में भरपूर पौष्टिकता होती है जिसका लाभ वह आसानी से उठा सकती हैं। इससे न केवल वह खुद बल्कि उनके बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को पोषण पोटली भी दी गयी। 

कार्यक्रम में धौरहरा गाँव निवासी मधू, पति- वीरेंद्र ने बताया की उन्हें चार महीने की प्रेगनेन्सी है, विभाग से हमें पूरी जानकारी मिलती रहती है, मुझे किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। धौरहरा की ही निवासी अनीता, पति शशि कुमार ने बताया की उन्हें 3 महीने की प्रेगनेन्सी है। इस कार्यक्रम में शामिल होकर हमें कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।

गुरुवार, 16 सितंबर 2021

पर्यूषण पर्व का सातवां दिन:जैन मंदिरों में सुगंध दशमी मनाई गई






साधना से ही आत्मा होगी पवित्र: मुनि विशद सागर

वाराणसी 16 सितंबर (दिल इंडिया लाइव) । श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन गुरुवार को जैन मंदिरों में सुगंध दशमी पर धूप चढ़ाकर चौबीसी एवं अनंत नाथ भगवान की विशेष पूजा की गई । आज जैन मंदिरों में सुगंध दशमी पर यह प्रार्थना की गई कि जिनेंद्र देव हम सब के दुष्कर्मों का नाश करें एवं धूप की तरह हम सबके जीवन में सुगंध भरे। गुरुवार को मंदिरों में जिनेंद्र भगवान का प्रक्षाल - पूजन के साथ अरहंत परमेष्ठी, सिद्ध परमेष्ठी, आचार्य परमेष्ठी ,  उपाध्याय परमेष्ठी, साधु परमेष्ठी को मंगलाचरण के रूप में प्रणाम किया गया। भगवान पार्श्वनाथ


की जन्म स्थली भेलूपुर में प्रातः दसलक्षण पर्व के सातवें अध्याय “उत्तम तप धर्म”  पर व्याख्यान प्रवचन देते हुए मुनि महाराज ने कहा साधन वही है जो साध्य को दिशा दे , औषधि वही है जो रोग को दूर करे, और सच्चा तप वही है जो जीव को अंतर आत्मा से परमात्मा बना दे। परम आचार्य मुनि श्री ने अपने मुखारविंद से कहा - “समस्त रागादि पर भावों को त्याग कर आत्म स्वरूप में लीन होने पर इच्छाओं का नाश होता है , विकारों पर विजय प्राप्त होने को उत्तम तप कहते हैं। 

सम्यक दर्शन , सम्यक ज्ञान , और सम्यक चारित्र ही सुखी होने का सही मार्ग है । हर मनुष्य के अंदर दया , धर्म , अहिंसा , तप और त्याग की भावना होनी चाहिए । सत्यवादी , अहिंसावादी एवं तपस्वी त्यागों से ही देव भी प्रसन्न होते हैं । ज्ञान हमेशा तप से ही प्राप्त होता है । कर्म बंधन से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है वह है राग द्वेष से दूर रहो , वीतरागी बनो। तप रूपी साधना से ही आत्मा को पवित्र किया जा सकता है । 

सायं काल खोजवा स्थित जैन मंदिर में प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने उत्तम  तप धर्म पर कहा - “जिस प्रकार सोना खूब तपने के बाद ही खरा होता है , उसी तरह मानव को अपने जीवन में श्रद्धा के साथ तप ,साधना ,शास्त्र अध्ययन , जिनवाणी स्तुति,  ध्यान मंत्र जप , सामायिक,  प्रतिक्रमण , भावना भगवन्तों  का पूजा प्रक्षाल , सेवा , दान , धर्म कर अपने को पूरा तपा के अपने जीवन को खरे सोने की तरह बना लेना चाहिए।

सायंकाल अन्य सभी मंदिरों में भी प्रवचन , जिनवाणी स्तुति, भजन एवं तीर्थंकरों की आरती की गई। महिला मंडल द्वारा सायं काल वर्ग पहेली *धर्म* पर प्रतियोगिता आयोजित की गई। आयोजन में प्रमुख रुप से सर्व श्री दीपक जैन , राजेश जैन, अरुण जैन , प्रोफेसर अशोक जैन,  आदीश जैन , तरुण जैन , प्रमोद बागड़ा , ललित पोद्दार उपस्थित थे । 

बुधवार, 15 सितंबर 2021

पोषण माह के अन्तर्गत

राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा पोषण पंचायत का शुभारम्भ

गर्भवती की हुई गोदभराई और पोषण के संबंध में किया गया जागरूक

सैम बच्चों से सुपोषित श्रेणी में तब्दील हुये बच्चों को दी गयी पोषण पोटली 



वाराणसी, 15 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)  माह सितम्बर सम्पूर्ण प्रदेश में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उ.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा आज दिनांक 15 सितम्बर को प्रदेश के चयनित 26 जनपदों में ग्रामीण स्तर तहसील/ब्लॉक में पोषण पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में आज  काशी विद्यापीठ ब्लॉक में राज्य महिला आयोग की सदस्य माननीया अर्चना द्वारा पोषण पंचायत का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया।  

इस कार्यक्रम का उद्देश्य,पोषण पंचायत में कुपोषित महिलाओं एवं  बच्चों के लिए पुष्टाहार विभाग द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, पोषण अभियान के अन्तर्गत चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी तथा लाभ के बारे में भी बताया जायेगा।  इस दौरान सैम और मैम श्रेणी में रह चुके बच्चों के अभिभावक  कार्यक्रम में उपस्थित रहे।  पोषण वाटिका, पौधरोपण एवं सुपोषण के लिए योग एवं  आयुष के महत्व से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। स्थानीय खाद्य पदार्थों एवं पौष्टिक भोजन की जन-जागरूकता के बारे में भी बताया गया तथा अनुपूरक पुष्टाहार के महत्व को भी विस्तृत रूप से बताया गया।  

राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा गर्भवती की गोद भराई की गई। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को फल, साग-सब्जियों और पुष्टाहार से सजी डलिया भेंट की गयी। तथा सैम तथा मैम बच्चे जो सुपोशित हो गये हैं, उन्हें माननीया सदस्य दवारा पोषण पोटली भी प्रदान की गयी। 

नवागत जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने वहां मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में जानकारी दी। सभी लाभार्थी महिलाओं को जीवन चक्र के प्रथम 1,000 दिन यानि गर्भावस्थाकाल के 270 दिन और जन्म से लेकर 2 साल तक 730 दिन के महत्व के बारे विस्तार से बताया।  इन दिवसों में गर्भवती माता और प्रसव के बाद शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके अलावा महिलाओं को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, संतुलित एवं स्वस्थ आहार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के बारे में भी बताया। 

बाल विकास परियोजना अधिकारी स्वाति पाठक ने बताया कि ब्लॉक में 480 लाल श्रेणी के बच्चे, 500 सैम बच्चे तथा 4078 पीली श्रेणी के बच्चे हैं। आगंबाड़ी केन्द्रों पर वजन मशीन, टेप सहित सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होने सभी अभिभावकों को  बताया कि बच्चों को हमेशा घर में बना ताजा पोषक आहार ही देना चाहिए। बाजार की चीजों को प्राथमिकता बिलकुल न दें। जिससे आपका बार-बार बीमार नहीं पड़ेगा तथा बच्चा स्वस्थ रहेगा। 

कार्यक्रम में काशी विद्यापीठ ब्लॉक अन्तर्गत गाँव शिवदासपुर निवासी आरती, पति- राजू यादव ने बताया की उन्हें चार महीने की प्रेगनेन्सी है, विभाग से हमें पूरी जानकारी मिलती रहती है, मुझे किसी प्रकार की समस्या नहीं है। शिवदासपुर निवासी राधा देवी, पति मनोज ने बताया की उन्हें 6 महीने की प्रेगनेन्सी है, कार्यक्रम में विभाग के सहयोग से गोदभराई की रस्म पूरी हुई।  इसके अलावा माननीय राज्य महिला आयोग सदस्य अर्चना द्वारा  कुपोषित से सुपोषित हुये 2 बच्चे जिनमें शिवदासपुर निवासी सैम बच्चा जमशेद खान, उम्र 1 वर्ष 6 माह और महेशपुर निवासी 2 वर्षीय रुद्र को पोषण पोटली का वितरण किया गया।

बरसात से पूर्वांचल में मौसम हुआ खुशनुमा



रिमझिम फुआरों से मौसम हुआ  सुहाना

वाराणसी 15 सितंबर (दिल इंडिया ल़इव)। भादो मास के अंतिम पखवारे में पहले हवा, फिर बौछार और अब बरसात से आम जन मानस को उमस और गर्मी से जहां निजात मिली वहीं किसानों के चेहरे भी खुशी से चमक उठे। खेत खलियानों में इनकी चहलकदमी बढ़ गयी है। हालांकि रोज़ खाने कमाने के लिए जददोजेहद करने वालों को रोज़ी रोटी के लिए परेशान होना पड़ा।


मंगलवार की रात से ही रुक - रुक कर हो रही वर्षा पूर्वांचल की खेती के लिए बेहद फायदेमंद है। किसानों कि माने तो गेहूं के लिए इस समय आकाश से अमृत बरस रहा है।वाराणसी सहित पूर्वांचल के अधिकांश  जिलों में हो रही बरसात से मौसम सुहाना हो गया है। ग्रामीण अंचलो में रिमझिम बारिश के बीच  किसान खेत में काम करते दिखे तो वहीं शहरी क्षेत्रों में लोग मौसम का लुफ्त लेने के लिये सड़को पर भींगते नजर आये।देररात से शुरू हुआ वर्षा का दौर सुबह और रफ्तार पकड़ लिया। सुबह दफ़्तर, स्कूल जाने में लोगों को काफी दिक्कत हुई। मौसम का लुफ्त लेने के लिए काफी संख्या में युवाओं की टोली अस्सी, दशाश्वमेध, केदारघाट पर टहलती दिखी।  कहीं-कहीं जलजमाव से आवागमन में राहगीरों को परेशानी हुई। किसान अजय ने बताया कि यह वर्षा गेहूं के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

हवा में नमी बढ़ने से हो रही बारिश

बीएचयू के मौसम विज्ञानी डॉ एस एन पांडेय ने बताया कि वातावरण में कम दबाव का क्षेत्र बना था जो  उड़ीसा-छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्य प्रदेश से इस समय होकर गुजर रहा है। कम दबाव के कारण  हवाएं काफी नमी लेकर चल रही है जिसके परिणाम स्वरूप पूर्वांचल में वर्षा की झड़ी लगी है।हवाएं भी इस समय 20 किमी की रफ्तार से चल रही है।संभवतः ऐसी स्थिति कल तक बनी रहेगी।

पर्यूषण पर्व के छठवें दिन जाने क्या हुआ



संयम मनोरंजन के लिए नहीं, आत्मा रंजन के लिए होता है:मुनि विशद सागर



 वाराणसी 15 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे जैन धर्म के महान पर्व पर्युषण के छठवें दिन बुधवार को जैन मंदिरों में विशेष पूजन के साथ अनंत चतुर्दशी पूजा भी प्रारंभ हुई। श्रीफल , चंदन ,अक्षत , पुष्प ,बादाम चढ़ाकर श्रावकों ने संस्कृत के श्लोकों एवं मंत्रोच्चारण के साथ तीर्थंकरों का पंचाभिषेक किया। चौबीसी पूजन एवं श्रीजी भगवान की शान्ति धारा दैविक आपदाओं को रोकने के लिए की गई ।

10 लक्षण पूजा विधान भी नित्य की भाँति किए जा रहे हैं ।भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्मभूमि (तीर्थक्षेत्र) भेलुपूर में बुधवार को प्रातः मंदिर जी में धर्म के 10 लक्षणों पर विशेष व्याख्यान के छठवें दिन “ उत्तम संयम धर्म “ पर बोलते हुए आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ने कहा-“ संयम मनोरंजन के लिए नहीं , आत्म रंजन के लिए होता है। ये मन चंचल है , गलत दिशाओं में जल्द प्रवृत्त होता है । इन्द्रियां यानी स्पर्श , जीभ , नाक , आँखें और कान अपने मन को गलत विषयों में लगा देते हैं । मन को सही दिशा में रखने के लिए , संयम रूपी ब्रेक लगाना ज़रूरी है ।संयम , नियम , मर्यादा , अनुशासन से जीवन महान बनता है और लक्ष्य हासिल होता है ।

अतः संयम को रत्न की भाँति सम्भाल कर रखना चाहिए ।” मुनिश्री ने कहा-“ संयम हमें मर्यादा में रहना सिखाता है ।सातविक भोजन से भी जीवन संयमित रहता है ।अहिंसा , संयम और तप ही धर्म है ।मानव जीवन की शोभा संयम से होती है विषय भोगों से नहीं । सायंकाल कश्मीरी गंज खोजवा स्थित श्री 1008 अजित नाथ दिगंबर जैन मंदिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने कहा संयम से  आध्यात्म की कसौटी है । भोग-उपभोग की सीमा तय करना ही ,संयम है । जीवन का निर्वाह संयम के बिना असंभव है ।

सायंकाल नगर की समस्त जैन मंदिरों में शास्त्र प्रवचन , भजन , भगवान पार्श्वनाथ जी , देवी पद्मावती माता जी एवं क्षेत्रपाल बाबा की सामूहिक आरती की गई । महिला मंडल द्वारा -  वाद-विवाद विषय टी.वी. एवं मोबाइल वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं पर  प्रतियोगिता आयोजित की गई । 

आयोजन में प्रमुख रूप से सर्वश्री दीपक जैन , राजेश जैन , अरुण जैन , जिवेंद्र  कुमार जैन , वी. के. जैन , राजेश भूषण जैन , आर.सी . जैन , श्रीमती प्रमिला सामरिया ऊषा जैन उपस्थित थीं ।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...