गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

जेल में भी अब हो रहा कैदियों का आधार संशोधन


डाक विभाग ने सेंट्रल जेल में 237 कैदियों का किया आधार अपडेट


वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। अब जेल में बंद कैदियों को आधार में संशोधन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। क्यों कि डाक विभाग द्वारा जेल में बंद कैदियों का भी आधार अपडेट किया जा रहा है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव के निर्देश पर कैंट प्रधान डाकघर, वाराणसी के डाककर्मियों ने शिवपुर स्थित  केंद्रीय कारागार,  वाराणसी में विशेष कैम्प करके कैदियों के आधार अपडेशन का कार्य किया गया। 

दरअसल कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक ने डाक विभाग से अनुरोध किया था, जिसके आधार पर  पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इसकी स्वीकृति दी। वाराणसी पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर राम मिलन ने बताया कि इस दौरान 237 कैदियों का आधार अपडेट किया गया। इससे जहाँ कैदियों को सहूलियत हुई, वहीं जेल प्रशासन को भी सुविधा मिली।

गौरतलब है कि वाराणसी परिक्षेत्र में जबसे श्री कृष्ण कुमार यादव ने पोस्टमास्टर जनरल का पदभार संभाला है, तबसे डाक सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को जोड़ने पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में आधार नामांकन व अपडेशन को लेकर हर मंडल में समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर लोगों को सहूलियत दी जा रही है। वाराणसी परिक्षेत्र में कुल 136 आधार किट्स में से 132 सक्रिय हैं, जोकि 97 प्रतिशत के साथ पूरे उत्तर प्रदेश परिमंडल में द्वितीय स्थान पर है।

सहायक निदेशक शम्भु राय ने बताया कि, पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव की पहल पर वाराणसी परिक्षेत्र के डाकघरों में विशेष अभियान चलाकर इस साल जनवरी से 13 फरवरी तक 71,000 से ज्यादा लोगों का आधार इनरोलमेंट व अपडेशन का कार्य किया जा चुका है।  इसमें 27,000 लोगों ने नया आधार बनवाया और 44,000 से ज्यादा लोगों ने आधार में संशोधन कराया।

डाकघरों में निःशुल्क बनते हैं आधार कार्ड

डाकघरों में नया आधार पूर्णतया नि:शुल्क बनाया जाता है। सिर्फ पुराने आधार में संशोधन हेतु ही शुल्क लगता है। इसमें डेमोग्राफिक संशोधन (नाम, जन्म तिथि, लिंग, पता, मोबाइल व ईमेल) हेतु ₹50/- और बायोमेट्रिक संशोधन (फिंगरप्रिंट, आईरिस व फोटो) हेतु ₹100/- शुल्क देना होता हैI

2021 urs khwaja gharib nawaz

कायम है जिसका जलवा हिन्दल वली गरीब नवाज़ 

अजमेर (दिल इंडिया लाइव)। अजमेर में हिन्दल वली सरकार ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी गरीब नवाज़ का उर्स अपने शबाब पर है। हालांकि कि मुख्य उर्स सरकार की छठी मुबारक कल अकीदत के साथ मनायी जायेगी। देश दुनिया के कोने कोने से जायरीन के अजमेर पहुँचने का दौर जारी है।

यूं तो दरगाह हजरत ख्वाज़ा गरीब नवाज़ पर हर साल उर्स मनाया जाता है, जो लोग उर्स में अजमेर नहीं पहुँच पाते वो जहाँ होते हैं वहीं से ख्वाज़ा को याद करते हैं, उनका उर्स मनाते हैं।इस बार भी मुख्य उर्स की तैयारियां तेज हैं। जनजीवन सामान्य हो रहा है,  इस साल अजमेर में ख्वाजा की दरगाह पर 809 वां उर्स मनाया जा रहा है।

पीएम ने भी भेजी है चादर

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बार उर्स ख्वाजा में अकीदत की चादर भिजवाई है। पीएम मोदी ने पिछले दिनों ट्वीट कर यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने एक तस्वीर भी ट्वीट की है। तस्वीर में पीएम मोदी के साथ अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी नजर आ रहे हैं। पीएम मोदी नकवी को चादर सौंपते नजर आ रहे हैं।

सातवीं बार भेजी है चादर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख्वाजा की दरगाह पर चढ़ाने के लिए सातवीं बार चादर भिजवाई है। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ही उनकी चादर लेकर चढ़ाने अजमेर जाते हैं। पता हो कि ख्वाजा साहब की दरगाह के सज्जादानशीन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के साथ ही कई प्रमुख लोगों ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी और मुल्क की तरक्की के लिए दुआ मांगी थी। चिश्ती ने तब पीएम से मुलाकात को खुशनुमा बताते हुए यह परंपरा शुरू करने के लिए पीएम की तारीफ की थी।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

उत्पीड़न व एफआईआर वापस नही हुई तो पुन:आन्दोलन की चेतावनी


सीडीओ के आश्वासन पर सचिवों का कार्य बहिष्कार खत्म

ग़ाज़ीपुर (दिल इंडिया लाइव/हिमांशु राय)। जिलाधिकारी के प्रभावी हस्तक्षेप व उनके द्वारा विवादित  मामले की पुन: जाँच कराने हेतू मुख्य विकास अधिकारी को नामित करने के आश्वासन पर ग्राम पंचायत ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति द्वारा पिछ्ले दो दिनो से समस्त विकास खण्डो पर चल रहा कार्य बहिष्कार व धरना प्रदर्शन एक सप्ताह के लिये स्थगित हो गया। गौरतलब है कि सचिव डीपीआरओ के दमनात्मक कार्यवाही से क्षुब्ध हो कर 15 फरवरी से गाज़ीपुर के समस्त विकास खण्डो पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अम्बिका दुबे के आन्दोलन को समर्थन की घोषणा से आन्दोलन व्यापक हो चला था। वहीं सीडीओ ने समन्वय समिति के लोगों से द्विपक्षीय वार्ता कर अनुरोध किया कि  जिलाधिकारी मुख्यालय से बाहर हैं  दो दिन के लिये आन्दोलन को स्थगित करें, समिति के अध्यक्ष द्वय ओम प्रकाश यादव  व सुर्य्भानु राय ने आग्रह को स्वीकार करते हुए आन्दोलन को एक सप्ताह के लिये स्थगित करने पर विचार का आश्वासन दिया। आज समन्वय समिति के कोर कमेटी की बैठक सदर ब्लाक के धरना स्थल पर आयोजित कर आन्दोलन को एक सप्ताह के लिये स्थगित करने की घोषणा की। 

परिषद  के जिलाध्यक्ष अम्बिका दुबे ने कहा की यदि जिला प्रशासन द्वारा वादा खिलाफी की गई तो आन्दोलन को पुन प्रारम्भ कर दिया जाएगा। इस अवसर पर बैज नाथ तिवारी, पवन पाण्डेय, कंचन जायसवाल, अनिल यादव, विनीत राय, शशी राय, संजय यादव, विजय खरवार आदि धरना स्थल पर शामिल रहे।

2021 Ash Wednesday : आज से शुरु होगा मसीही रोज़ा

माथे पर राख लगा रखेंगे क्रिश्चियन उपवास

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। देश दुनिया में आज से महाउपवास काल की शुरुआत हो रही है। महा उपवास इसे इसलिए कहा जाता है क्यों कि इस दौरान प्रभु यीशु के दुखभोग काल की याद में मसीही चालीस दिन उपवास या रोज़ा रखते हैं। इसे चालीसा भी कहा जाता है। आज शाम में वाराणसी के सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम छोटे बड़े चर्च व गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा होगी। प्रार्थना सभा के दौरान माथे पर राख लगाकर मसीही महाउपवास काल की शुरुआत करेंगे। 

ईसाई वर्ग के लिए महत्वपूर्ण दिन

राख बुधवार ईसाई समुदाय का वो पवित्र दिन होता है। जिस दिन माथे पर पवित्र राख लगाकर मसीही चालीस दिनी महाउपवास की शुरुवात करते हैं। प्रभु यीशु के प्रति मसीही अपनी आस्था दिखाते हैं। पादरी आदित्य कुमार कहते है कि ऐश वेडनेसडे ईसाई वर्ग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है। ऐश वेडनेसडे से लेंट काल की शुरुआत होती हैं। यह पूरा समय ही आत्म मंथन का होता है, इस चालीस दिन को मसीही प्रभु यीशु के नाम कर देते है, प्रभु की आराधना, गुप्त दान आम हो जाता है।
राख बुधवार के दिन कैथलिक ईसाई पवित्र राख से माथे पर क्रूस का निशान बनाते हुए ईसा मसीह को याद करते हैं। इस दौरान पुरोहित माथे पर राख लगाते हुए लोगों को याद दिलाते है कि तुम मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओगे। इसके साथ लोगों को अंहकार छोड़कर अच्छी सीख दी जाती है। 

28 को पाम संडे, 2 अप्रैल को गुड फ़्राई डे


17 Feb. 2021 : Ash Wednesday

28 March 2021 : Palm Sunday

01 April 2021 : Maundy Thursday

02 April 2021 : Good Friday

03 April 2021 : Holy Saturday

04 April 2021 : Easter Sunday

गाज़ीपुर को हरा कर वाराणसी चैंपियन




सिद्धार्थ महाविद्यालय में कबड्डी प्रतियोगिता का समापन

गाजीपुर (दिल इंडिया लाइव)। खाकी बाबा सिद्धार्थ महाविद्यालय के परिसर में आज कबड्डी प्रतियोगिता का समापन हुआ। क्षेत्रीय नागरिकों के साथ विशिष्ट जन की भारी भीड़ रही। पूरी कबड्डी प्रतियोगिता बड़ी शालीनता और अनुशासन के साथ संपन्न हुई।

    कबड्डी प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री श्री ओमप्रकाश सिंह के प्रतिनिधि श्री मन्नू सिंह एवं उनके पुत्र राहुल राज सिंह रहे। समापन समारोह के अध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक संयोजक नीलू सिंह थे।

      इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सम्मानित 13 जिलों की टीमों ने हिस्सा लिया। फ़ाइनल मुकाबला गाजीपुर एवं वाराणसी के बीच हुआ। वाराणसी की टीम चैंपियन रही।

    कार्यक्रम के आयोजक खाकी बाबा सिद्धार्थ महाविद्यालय यूसुफपुर खंडवा गाजीपुर के प्रबंधक अशोक कुमार सिंह ने अतिथियों का बड़ी स्वागत किया एवं खिलाड़ियों उनके कोचों अधिकारियों को कोई भी परेशानी न हो इसका पूरा ख्याल रखा। प्रतियोगिता में मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज सिखड़ी के प्रधानाचार्य पारस राय ने भी उपस्थित दर्ज कराई एवं ग्राउंड पर खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। प्रबंधक उदय प्रताप यादव, राहुल यादव. सचिन यादव. नरेन्द्र मौर्य. श्री रविंद्र यादव , श्री शिव प्रताप सिंह विष्णु, अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। ऋषिकेश दुबे, अमित सिंह डिंपू, रिंकू सिंह, उमेश सिंह मनिहारी, श्री मोती यादव, श्री राजेश यादव बुल्लू, संजय, जय राम, श्री अजय यादव, श्रीमान अरुण सिंह, पंकज यादव, उमेश सिंह,श्री सीताराम कुशवाहा आदि लोगों ने कार्यक्रम को संपन्न कराने में अपनी महती भूमिका अदा की।

रविवार, 14 फ़रवरी 2021

शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब, फिर भी नहीं हो रहा इलाज

पीएम मेादी की काशी में कैसे बचेगी गरीब की बेटी

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। बनारस का नई सड़क इलाका देश भर में अपनी जिन्दादिली के लिए मशहूर है। वो और बात है कि यहाँ एक ऐसी माँ भी रहती है जो मोटी रकम न होने की वजह से अपनी बेटी की जिंदगी तिल तिल खत्म होते देखने को मजबूर है, मगर उसकी मदद राजनेता से लेकर सीएम, पीएम किसी ने नहीं की। हम बात कर रहे हैं नई सड़क की रहने वाली शाज़िया बेगम की। शाज़िया के शौहर का इंतेकाल हो चुका है। उनकी मौत के सदमे से शाज़िया अभी उभर भी नहीं पायी थी उनकी बेटी शामायली फातेमा की दोनों किडनियां खराब हो गयी। छूटपूट मदद से भी जब काम नहीं बना तो शाज़िया ने अपनी बेटी के इलाज के लिए जून में अपने शहर बनारस के सांसद व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगायी थी, मगर इतना लम्बा अर्सा बीतने के बाद भी अब तक किसी ने कोई मदद नहीं की। इससे शाज़िया को गहरा धक्का लगा। अपनी बेटी को ज़िंदगी और मौत के बीच झूलते देख शाज़िया का परेशान होना स्वाभाविक है। लाकड़ाउन में तमाम लोगों की मदद करने वाले हरदिल अज़ीज फिल्म अभिनेता सोनू सूद से बनारस की इस मां ने गुहार लगायी है। 

शाज़िया कहती है कि हम गरीब है। शामायली के अब्बू थे तब तक हमें कोई परेशानी नहीं थी। उनके इंतेकाल ने हमें तोड़ दिया।

ऐसे टूटा दुख का पहाड़

शाज़िया बताती हैं कि शौहर के इंतेकाल के बाद एक दिन शामायली की तबीयत अचानक खराब हो गयी। डॉक्टर ने जब टेस्ट करवाया तो पता चला की उसकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। इस पर हम उसे कबीरचौरा ले गए जहां सामाजिक कार्यकर्ता डा. गुफरान जावेद ने लोगों की मदद से उसका इलाज शुरू कराया, लेकिन कुछ ही दिन में उसे बीएचयू रेफर कर दिया गया पर कोरोना काल आते ही सब कुछ ख़त्म होता नज़र आ रहा था। मगर डॉ राम गोपाल के निर्देशन में उसका फिर इलाज शुरू हुआ लेकिन कोरोना ने डॉक्‍टर साहब को भी छीन लिया। अब तो सारी आस ही खत्म हो गई है। रब के सिवाय अब कोई आसरा नहीं है। दिन रात रब से दुआ करती हूँ, मौला तू ही कोई करिश्मा कर दे, मेरी बेटी की ज़िन्दगी बचा दे। डा. गुफरान कहते हैं, वो कोशिश में हैं कि इलाज के लिए कुछ लोगों को तैयार करें ताकि एक गरीब की बेटी की जान बचायी जा सके। 

बहरहाल अब तो समय ही बतायेगा कि शमायली कि जिंदगी कैसे बचेगी? गरीब की बेटी की जान बचाने के लिए कोई बड़ी पहल हो भी पायेगी या नहीं?


दलित महिलाए सबसे ज्यादा उत्पीड़न का शिकार - डाॅ. अनीता

व्याख्यान श्रृंखला ‘दलित महिलाएं और सामाजिक हिंसा, में बोली अनीता

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव/बहादुर सिंह)। प्रख्यात दलित विचारक एवं दलित लेखक संघ, नई दिल्ली की अध्यक्ष डाॅ. अनीता भारती ने कहा कि दलित महिलाए समाज में सबसे ज्यादा हिंसा का सामना करती है। समाज में तो वे उपेक्षित है ही, परिवार में भी उन्हें उत्पीड़न झेलना पड़ता है। वे डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी के तत्वावधान में ग्रीवांस एण्ड रिड्रेसल कमेटी द्वारा आयोजित व्याख्यान श्रृंखला में ‘दलित महिलाए और सामाजिक हिंसा‘ विषय पर आयोजित आॅनलाइन कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रही थी। डाॅ. अनीता ने कहा कि आजादी के सत्तर साल बाद भी ग्रामीण इलाकों में दलित, आदिवासी महिलाएॅ अंधविश्वास के नाम पर डायन और अपशकुनी बता कर मार दी जाती है। उन्होंने कहा कि समाज दलितों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित है और लोगों में संवेदनशीलता की भी कमी दिख रही है, इसी संवेदनशीलता को बढ़ाने की आवश्यकता है, तभी दलित महिलाएॅ भी समाज में बराबरी का हक पा सकेंगी। उन्हें भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराना होगा तभी उनका मानसिक विकास भी हो सकेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के उप प्राचार्य डाॅ. शिव बहादुर सिंह ने कहा कि भारतीय समाज अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा हुआ है, जिसमंे दलित महिलाएॅ समाज के सबसे नीचले पायदान पर मिलती है। उनके उत्पीड़न में समाज के हर वर्ग की बराबर की भूमिका है। कार्यक्रम का संयोजन समन्वयक डाॅ. ऋचारानी यादव ने किया। संचालन डाॅ. मीनू लाकड़ा एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पारूल जैन ने दिया। इस अवसर पर स्वाति नंदा, ओम प्रकाश कुमार, हसन बानो, सीमा कुमारी, साक्षी चौधरी सहित महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के अध्यापक एवं छात्र - छात्राएॅ जुड़े रहे।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...