मंगलवार, 11 जून 2024

श्रद्धापूर्वक मनाया गया गुरू अरजन देव का शहीदी गुरू पर्व

शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै...



Varanasi (dil India live)। सिक्खों के पाँचवे पातशाह श्री गुरू अरजन देव की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख का भांणा (ईश्वर की रजा) मानने का दृढ विश्वास इस शहादत से शिखर तक पहुँचाता है। जालिम और जुल्म का टाकरा गुरुदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल नहीं मिलती। इसी आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। गुरू अरजन देव का शहीदी गुरुपर्व गुरुद्वारा गुरूबाग में श्रद्वा-भाव एवं सादगी से मनाया गया। जिसमें पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई अरविन्दर सिंह नूर (हजूरी रागी श्री दरबार साहिब, अमृतसर) व भाई कमेन्दर सिंह (हजूरी रागी तख्त श्री पटना साहिब) एवं भाई नरेन्दर सिंह (हजूरी रागी गुरुद्वारा, गुर गुरूबाग) तथा भाई रकम सिंह (हजूरी-रागी गुरुद्वारा, नीचीबाग) ने, शबद तेरा कीया मीठा लागै, हरि नाम पदारथ नानक मांगै एवं जपियो जिनि अरजन देव गुरू, फिर संकट जोनि गरब नहि आयो। संगत को गुरुवाणी कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया। शाम का दीवान गुरुद्वारा, गुरूबाग सायं 7:00 बजे से रात 9:30 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया।  सोमवार दिन का दीवान प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक कीर्तन व गुरमत विचारों से निहाल किया, उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। छबील सेवा (प्रातः 9:30 बजे से) गुरुद्वारा गुरूबाग वाराणसी, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के अलावा शहर में जगह-जगह कैंट स्टेशन, नदेसर, लाजपत नगर, शास्त्री नगर, गुरूद्वारा भीम नगर, मालवीय मार्केट लहुराबीर, गांधी नगर सिगरा, भेलूपुर, गिरजाघर चौराहा, महमूरगंज वाराणसी में ठण्डें मीठे जल की छबील भी लगाई गयी, जिसमें हजारों संख्या में लोगो ने शर्बत ग्रहण किया। भारी संख्या में संगत ने गुरूघर में हाजिरी भरकर गुरूघर की खुशियों प्राप्त की। गुरूद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई रंजीत सिंह ने गुरूघर में उपस्थित सभी संगत को धन्यवाद प्रदान किया। गुरुद्वारा गुरुबाग के मुख्य ग्रंथी भाई रंजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी वाराणसी की ओर से गुरुद्वारा गुरुबाग में रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया। जिसमें काफी लोगों ने रक्तदान किया।

रविवार, 9 जून 2024

URS Hazrat लाटशाही बाबा (रह.) Varanasi

फिर लाटशाही बाबा के दर से झोली भर कर लौटे जायरीन

लाटशाही बाबा का तीन दिवसीय उर्स अकीदत और एहतराम संग सम्पन्न 


Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह शहीद उर्फ लाटशाही बाबा (रह.) का तीन दिवसीय उर्स रविवार को फजर की नमाज के साथ सम्पन्न हो गया। उर्स के दौरान बाबा के दर पर अकीदत का सैलाब उमड़ा हुआ था। शनिवार की रात से रविवार की सुबह तक जायरीन बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई दिए। आलम यह था कि सर्किट हाउस, कचहरी के साथ सड़क पर पांव रखने भर की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को सूफी जाफर हसनी के उल्फत बीबी के हाता सिथत दौलतखाने से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगी। तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं व मन्नतें मुराद मांगी। उर्स के दौरान जहां दोनों वर्गों के लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं उर्स को देखते हुए लगे मेले में सभी ने अस्थाई दुकानों से खरीदारी की। बच्चे झूला वह चरखी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।

बाबा चेतसिंह के थे सिपहसालार 

हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा सन् 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी बने। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लाटशाही बाबा शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं। उर्स के दौरान बाबा से अकीदत रखने वाले देश के कोने कोने से कचहरी, अर्दली बाजार व पक्की बाजार पहुंचते हैं। उर्स के दौरान इन इलाकों के तक़रीबन सभी घरों में मेहमान होते हैं।

शनिवार, 8 जून 2024

NEET (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में धांधली पर Varanasi में सड़क पर उतरे Students

लगाया नारा, चोरी हो गई मेरी सीट, वी वांट री-नीट...

प्रदर्शन कर छात्र छात्राओं ने किया अपने साथ न्याय की मांग 





Varanasi (dil India live)। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के परिणाम घोषित होने के बाद पूरे देश में छात्रों में उबाल है। एक तरफ परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी शक के घेरे में है, तो छात्र और अध्यापक लगातार एनटीए पर सवाल खड़े कर रहे है। सबसे बड़ा सवाल देशभर में 67 छात्रों के टॉपर होने पर है, उससे भी ज्यादा बड़ा सवाल एक ही सेंटर से 11 छात्रों के टॉप होने का है। अध्यापक सीधे तौर पर सवाल खड़े कर रहे है आखिर 718-719 नंबर बच्चे कैसे पा सकते है? नीट परिणाम को लेकर छात्रों का आक्रोश शनिवार को वाराणसी में भी फुट पड़ा। छात्रों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया।

NEET की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्र सड़क पर उतरे। वह हाथों में तख्ती लेकर न्याय की मांग कर रहे थे। उनकी तख्तियों पर " चोरी हो गई मेरी सीट, वी वांट री-नीट, एनटीए की गुंडागर्दी है NEET का रिजल्ट फर्जी है, फंसे रहे हम रेस में सीट ले गए ग्रेस में, 25 लाख बच्चों से धोखा नीट का पेपर फिर से होगा, देगा एनटीए फर्जी नंबर लेंगे जाने फर्जी डॉक्टर, " जैसे स्लोगन के साथ छात्रों ने अपना आक्रोश व्यक्त किया।

छात्रों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मेडिकल की तैयारी करवाने वाले अध्यापक विष्णु देव तिवारी ने कहा कि जिस तरह का परिणाम इस बार आया है, ऐसा रिजल्ट आज तक नहीं आया था। पहली बार ग्रेस मार्क दिया गया, जो सरासर बेईमानी है। बताया कि एक ही सेंटर पर 720 में 720 आठ आठ स्टूडेंट्स ने पाए है, बहुत से बच्चे 718-719 नंबर पाए है यह कभी हो ही नहीं सकता। यह दर्शाता है कि बेईमानी बड़े पैमाने पर हुई है। कहा कि पटना में नीट प्रश्न पत्र के लीक होने की घटना प्रकाश में आई, एफआईआर भी दर्ज हुई है। लेकिन जांच ढंग से नहीं हो रही है। सरकार और एनटीए 24 लाख भावी डॉक्टर के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे है। कहा कि हम यहां से पीएम मोदी को संदेश देना चाहते है कि आप पूरी घटना की जांच करवाएं। परीक्षा पुनः करवाई जाए, छात्रों ने असंतोष है।

शुक्रवार, 7 जून 2024

Hajj 2024: हज के सफर पर मक्का गए दो हज जायरीन की दर्दनाक मौत

लिफ्ट में पैर रखा तो जा गिरे दोनों भारतीय जायरीन नीचे


फाइल फोटो 

Varanasi (dil India live)। सऊदी अरब से दुआ भरी खबर है यहां भारतीय दो जायरीन की मौत हो गई है। समाचार के अनुसार मक्का मुकर्रमा में एक भवन में लिफ्ट दुर्घटना हुई है जिसमें दो भारतीयों हज यात्रियों की मौत हो गयी। मरने वाले दोनों यात्री मोहम्मद सिद्दीक (65 वर्ष) व अब्दुल लतीफ (64 वर्ष) कटिहार, बिहार के रहने वाले हैं। हज कमेटी आफ इंडिया के सीईओ लियाकत अली आफाकी ने बताया कि वह काउंसुलेट जनरल आफ इंडिया व हज कमेटी के अधिकारियों के सम्पर्क में हैं। यह दुर्घटना भवन संख्या 145 में लगी लिफ्ट में हुई है। दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने फोन पर बताया कि दोनों ने नीचे जाने के लिए लिफ्ट का बटन दबाया तो दरवाजा खुल गया, लेकिन लिफ्ट नीचे ही थी। दोनों ने दरवाजा खुलते ही लिफ्ट में जाने के लिए कदम आगे बढ़ाया तो नीचे जा गिरे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों काफी देर तक लिफ्ट की छत पर पड़े रहे और उनकी मदद को कोई नहीं पहुंचा। बताया जाता है कि तत्काल मदद न मिलने की वजह से दोनों की मौत हो गयी। इस दर्दनाक मौत से इनके परिजनों में कोहराम मच गया है।

गुरुवार, 6 जून 2024

महालेखाकार परिसर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन


Allahabad (dil India live). कार्यालय महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी)- उत्तर प्रदेश प्रयागराज में श्री अभिषेक सिंह, महालेखाकार लेखा - प्रथम उत्तर प्रदेश के निर्देशन में 06 जून को व्यापक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन उत्थान शम्भूनाथ हॉस्पिटल, झलवा, प्रयागराज द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ शैलेश अग्रवाल (वरिष्ठ उपमहालेखाकार/प्रशासन) द्वारा किया गया। स्वास्थ्य शिविर में उत्थान शम्भूनाथ हॉस्पिटल के डॉ. केएन त्रिपाठी (मेडिसिन) डॉ. एसके सिंह (अस्थि रोग विशेषज्ञ), डॉ. यशी, डॉ. नीतू बवेजा (गायनो.) डॉ. राहुल तिवारी (दन्त रोग विशेषज्ञ), डॉ. उज्जवल (नेत्र रोग विशेषज्ञ) एवं डॉ. कीर्ति (आहार विशेषज्ञ) द्वारा अधिकारियो/कर्मचारियों की जांच की गयी एवं परामर्श दिया गया। स्वास्थ्य शिविर में रक्तचाप, रक्त मे शर्करा के स्तर, दंत जांच, नेत्र जांच, अस्थि जांच आदि की गयी। महालेखाकार प्रथम/द्वितीय कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियो ने  स्वास्थ्य शिविर में परीक्षण कराकर लाभान्वित हुये । कार्यक्रम का संचालन अनुराग शर्मा  (वरिष्ठ लेखाधिकारी / कल्याण) द्वारा किया गया । कार्यक्रम में असकरी अब्बास (कल्याण सहायक), अरविंद कुमार (कल्याण सहायक) के साथ उत्थान शम्भूनाथ हॉस्पिटल के निदेशक अभिषेक शुक्ला, क्लाउडिया थॉमस मेडिकल कोर्डीनेटर एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।

बुधवार, 5 जून 2024

Lok sabha election: Etawah फिर सुर्खियों में

इटावा से आधा दर्जन ने तय किया संसद का सफर 


Etawah (Aman/ dil India live).  2311 वर्ग किमी में फैला इटावा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस एक जिले से 6 लोग संसद पहुंचे हैं। कन्नौज, मैनपुरी व आगरा से घिरे इटावा की यूं तो सियासी कहानी 1990 के दशक में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से शुरू होती है। तब पहली बार उनकी सियासी पारी की वजह से यह जिला सुर्खियों में आया। और इस बार एक साथ छह उम्मीदवारों ने अलग-अलग सीटों से जीत दर्ज कर इटावा का नाम रौशन किया है। हालांकि इससे पहले भी इस जिले से 4 सदस्य एक साथ संसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच चुके हैं।

2014 में जिले के मुलायम सिंह, डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव को अलग-अलग सीटों पर जीत मिली थी। 2019 में भी इस जिले से मुलायम सिंह यादव, धर्मेंद्र यादव और प्रेमदास कठेरिया को जीत मिली थी मगर पहली बार 6 सांसद यहां से चुने गए हैं। इसमें अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के मुखिया हैं। इटावा जिले के सैफई के रहने वाले हैं। अखिलेश इस बार कन्नौज से चुनाव मैदान में थे। इटावा से कन्नौज की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। उन्होंने कन्नौज सीट पर बीजेपी के सुब्रत पाठक को 1 लाख 70 हजार वोटों से हराया है। अखिलेश कन्नौज से पहले भी सांसद रह चुके हैं। कन्नौज सीट पर पिछली बार उनकी पत्नी चुनाव लड़ी थी, लेकिन उन्हें बीजेपी के सुब्रत पाठक ने हरा दिया था।

कन्नौज सीट पर पहली बार मुलायम परिवार को साल 1999 में जीत मिली थी। उस वक्त मुलायम सिंह खुद यहां से जीते थे। बाद में उन्होंने यह सीट अपने बेटे अखिलेश को दे दी थी। ऐसे ही अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल मैनपुरी लोकसभा से इस चुनाव में जीतकर संसद पहुंची हैं। डिंपल 2022 में यहां से उपचुनाव भी जीत चुकी हैं। मैनपुरी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता है। इस बार डिंपल का मुकाबला बीजेपी के कद्दावर मंत्री जयवीर सिंह से था। चुनाव आयोग के मुताबिक डिंपल ने बीजेपी के जयवीर सिंह को 2 लाख 21 हजार वोटों से हराया है। यहां बीएसपी के शिव प्रसाद यादव को 66 हजार मत मिले हैं। 

मुलायम सिंह के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी इस बार संसद पहुंचे हैं। धर्मेंद्र सपा सिंबल पर पूर्वांचल की आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़े और निरहुआ को पराजित किया। धर्मेंद्र मुलायम के भाई अभयराम यादव के बेटे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक धर्मेंद्र ने बीजेपी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को 1 लाख 61 हजार वोटों से हराया है। धर्मेंद्र को इस चुनाव में 5 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। आजमगढ़ सीट भी मुलायम परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से मुलायम और अखिलेश दोनों सांसद रह चुके हैं। 

अखिलेश के चचेरे भाई आदित्य यादव भी बदायूं सीट से 18 वीं लोकसभा में पहुंच चुके हैं। आदित्य शिवपाल यादव के बेटे हैं और सपा ने उन्हें बदायूं सीट से मैदान में उतारा था। सपा ने इस सीट पर 2 बार अपना उम्मीदवार बदला। आखिर में यहां से आदित्य टिकट लेने में कामयाब रहे। चुनाव आयोग के मुताबिक आदित्य ने बीजेपी के दुर्गविजय सिंह शाक्य को 34 हजार वोटों से हराया है। आदित्य को 5 लाख 18 हजार वोट मिले, जबकि शाक्य को करीब 4 लाख 66 हजार। 

ऐसे ही सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय भी इस बार संसद जाने में कामयाब हो गए हैं। अक्षय फिरोजाबाद सीट से मैदान में थे। यह इटावा के बगल की सीट है। अक्षय इस सीट से पहले भी सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2019 में उन्हें बीजेपी के चंद्रसेन जादौन ने हरा दिया था। चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार अक्षय ने बीजेपी के विश्वदीप सिंह को करीब 89 हजार वोटों से हराया है। अक्षय को 5 लाख 43 हजार वोट मिले हैं। यहां बीएसपी भी एक्स फैक्टर साबित हुआ है। बीएसपी के चौधरी बशीर को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।

इटावा के भरथना तहसील के जितेंद्र दोहरे भी इस बार संसद पहुंच गए हैं। जितेंद्र ने सपा के सिंबल पर इटावा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। 2014 से ही यहां पर बीजेपी का कब्जा था।

चुनाव आयोग के मुताबिक जितेंद्र दोहरे ने बीजेपी के रामशंकर कठेरिया को 58 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। कठेरिया मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। जितेंद्र को चुनाव में 4 लाख 90 हजार से ज्यादा मत मिले हैं। इस तरह 6 लोगों को संसद पहुंचाने की वजह से इटावा फिर सुर्खियों में है।

UP में बीजेपी ने महज़ 33 लोकसभा सीटें जीती

पीएम मोदी ने जीता बनारस 


Lucknow (dil India live)। उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 33 लोकसभा सीटें जीती है इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत भी शामिल हैं। जीत के बाद मोदी ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। कहा कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से काशी के सम्मानित मतदाताओं ने लगातार तीसरी बार मुझे अपना सांसद चुना है। ये काशी के लाखों मतदाताओं के विश्वास की विजय है। मेरी काशी के परिवार के हर सदस्य को इस जीत के लिए हृदय से आभार। मेरा विश्वास है कि काशी की विकास यात्रा भविष्य में और तेज गति से आगे बढ़ेगी। वाराणसी संसदीय सीट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के अजय राय को 152513 वोटों से हराया यहां बसपा के अतहर जमाल लारी तीसरे स्थान पर रहे।

यूपी में भाजपा का कौन प्रत्याशी कहां से जीता

अमरोहा से कंवर सिंह तंवर 28670 वोट से जीते, मेरठ से अरुण गोविल 10585 वोटों से जीते, गाजियाबाद से अतुल गर्ग 336965 वोट से जीते। मथुरा से हेमामालिनी 293407 वोटों से जीती, गौतमबुद्धनगर से महेश शर्मा 559472 वोट से जीते, हाथरस से अनूप वाल्मीकि 247318 वोट से जीते। बुलंदशहर से भोला सिंह 275134 वोटों से जीते, आगरा से एसपी सिंह बघेल 271294 वोट से फतेहपुर सिकरी से राजकुमार चाहर 43405 वोट से व बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार 34804 वोटों से चुनाव जीते। पीलीभीत से जितिन प्रसाद 164935 वोटों से, हरदोई से जयप्रकाश रावत 27856 वोटों से, उन्नाव से साक्षी महाराज 35818 वोटों से, लखनऊ से राजनाथ सिंह 135159 वोट से तो फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत 2678 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे। कानपुर से रमेश अवस्थी 20968 वोटों से, अकबरपुर से देवेंद्र सिंह 44345 वोटों से, झांसी से अनुराग शर्मा 102614 वोटों से जहां चुनाव जीतने में कामयाब रहे। कैसरगंज से करण भूषण 148843 वोट से जीते, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल 42728 वोट से जीते तो बहराइच से आनंद कुमार 64227, महराजगंज से पंकज चौधरी 35451 वोट से, गोरखपुर से रवि किशन 103626 वोट से जीते, कुशीनगर से विजय कुमार 81790 वोट से जीते। ऐसे ही देवरिया से शशांकमणि त्रिपाठी 34842 वोट से, बांसगांव से कमलेश पासवान 3150 वोटों से तो गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह 46224 वोटों से चुनाव जीत गए।

वहीं फूलपुर से प्रवीण पटेल 4332 वोट, भदोही से विनोद बिंद 44072 वोटों से अलीगढ़ से सतीश गौतम 15647 वोटों से, शाहजहांपुर से अरुण सागर 55379 वोट से चुनाव जीतने में सफल रहे।  मिश्रिख से अशोक रावत 33406 वोटों से जीते 

गुटखा व्यवसायी के घर पहुंचे विधायक नीलकंठ तिवारी

Varanasi (dil India live)। प्रतिष्ठित गुटखा व्यापारी बबलू राठौर का विगत दो दिनों पूर्व आत्महत्या के चलते निधन हो गया था। उनके आवास पर शोक सं...