गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

ईद की नमाज में तालीम हासिल करने पर दिया गया ज़ोर

नमाज़ के साथ क़ौमी यकजहती का सप्ताहव्यापी त्योहार ईद शुरू 

बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत:  मौलाना अजहरुल कादरी 








Varanasi (dil India live )। देश-दुनिया में मुकद्दस रमजान का 30 वां रोजा मुकम्मल करने के बाद गुरुवार को लाखों मुसलमानों ने ईद की खुशियां मनायीं। यूं तो खुशियों का आगाज ईद के चांद के दीदार के साथ ही हो गया था मगर ईद का जश्न ईदुल फित्र कि नमाज़ अदा करने के बाद अपने शबाब पर पहुंच गया। मज़हबी शहर वाराणसी में तो ईद का मज़ा और रंग ही और शहरों से जुदा था। यहां सभी मज़हब के लोग मिलजुल कर एक साथ ईद का जश्न मनाते है। दिल इंडिया लाइव कि देखें रिपोर्ट…

बनारस में दर्जन भर ईदगाहों और 500 से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुजारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोजी-रोटी, देश की तरक्की और अमन के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस दौरान मस्जिद टकटकपुर में ईद की नमाज से पहले इमाम मौलाना अजहरुल कादरी ने तकरीर करते हुए नमाजियों के दिलों को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि हम अपने को नबी का दीवाना, उनका गुलाम, उनकी सुन्नतों पर अमल करने वाला तो कहते हैं मगर उनकी तालीम की नसीहतों को भूल गए हैं। प्यारे नबी ने कहा है कि कामयाबी चाहते हो तो तालीम हासिल करो क्यों न तुम्हें चीन तक जाना पड़े। इसके बावजूद न हम दीनी तालीम हासिल कर रहे हैं और न ही दुनियावी। उन्होंने कहा कि जो क़ौम अपने तालीमी मेयार को महफूज नहीं रख पाती वो धीरे धीरे अपना वजूद खो देती है। हमारी पहचान क्या थी और आज हम क्या हो गए हैं इस पर गौर करें। अपने बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम जरुर दें तभी हमारी ईद और हमारी जीत है। उन्होंने लोगों से वोट देने की भी गुजारिश की।

 मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का सैलाब नमाज अदा करने उमड़ा हुआ था। सुबह 6.30 बजे से 10.30 बजे के बीच ईद की नमाज मोमिनीन ने अकीदत के साथ अदा की। मस्जिदों व ईदगाहों के आसपास मेले जैसा माहौल दिखा। नमाज पूरी होते ही एक-दूसरे से गले मिलकर सभी ने ईद की मुबारकबाद दी। बड़ों ने छोटों को ईदी दिया तो वे चहक उठे। गरीबों और मिसकीनों का भी लोगों ने ईद पर खास ख्याल रखा।  

अदा हुई नमाज़े ईदैन

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मस्जिद लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान ने नमाज अदा करायी तो खानकाह शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, शाही मस्जिद ढाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज में मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, सदर इमामबाड़े में मौलाना जफरुल हुसैनी, ईदगाह विद्यापीठ में मुफ्ती शमीम, मस्जिद टकटकपुर में मौलाना अजहरुल कादरी, मस्जिद उल्फत बीबी में मौलाना कारी साकिब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, जामा मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शमशुद्दीन साहब ने नमाज अदा करायी।

मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर, खोजित कुआं में मौलाना वकील अहमद मिस्बाही, ईदगाह मस्जिद लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद नगीना में हाफिज सैफुल मलिक, मस्जिद सुल्तानिया में अब्दुल्लाह सऊद अत्तारी, मदनपुरा अल्लू की मस्जिद में मौलाना शकील, ऊंची मस्जिद में मौलाना एहसन कमाल, ढोमन की मस्जिद में कारी फराज अहमद, मस्जिद बरतला में अयाज महमूद व हाफिज मो. ताहिर ने मस्जिद याकूब शहीद में नमाज अदा करायी। ऐसे ही ईदगाह दायम खां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद नईबस्ती गौरीगंज, मस्जिद हबीबिया गौरीगंज, आलमगीर मस्जिद धरहरा, मस्जिद कुश्ताबेगम, शिवाला, मस्जिद मदीना, मस्जिद गौसिया, मस्जिद ताराशाह, मस्जिद छित्तनपुरा इमलिया तले, मस्जिद नूरैन समेत शहर और आसपास की मस्जिदों में ईदुल फितर की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। इसी के साथ ईद का सप्ताहव्यापी महापर्व शुरू हो गया। 

क़ौमी यकजहती का दिखा नज़ारा 



गंगा-जमुनी शहर बनारस की तस्वीर पेश करने में सफल रहा। लोहता, लालपुर, कोटवा, बाबतपुर, रामनगर, मिल्कीपुर आदि में भी ईद की खुशियां धूमधाम से मनायी गयीं। ईद की नमाज सकुशल संपन्न होने पर वाराणसी कमिशनरेट की पुलिस ने वाराणसी की अमनपसंद आवाम की सराहना की। ईद जैसे ग्लोबल पर्व पर सेवइयों की घुलन ने हर एक को अपने आगोश में ले लिया, हर आमो-खास ईद के रंग में रंगा नजर आया। ईद की नमाज अदा कर लौटे लोगों ने दूसरे वर्ग के लोगों को ईद की दावत दी। मुस्लिम घरों में दावतों का शुरू हुआ सिलसिला देर रात तक चलेगा। हिंदू-मुस्लिमों ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। कई जगहों पर ईद पार्टी रखी गयी थी। पार्टी में शामिल होने वालों के हिसाब से मीनू तैयार किया गया था। कुछ मुस्लिम घरों में गैर-मुस्लिमों के लिए सेवइयों के साथ शाकाहारी सब्जी और पूड़ी का इंतजाम था। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन शकील अहमद बबलू, पूर्व विधायक हाजी समद अंसारी के दौलतखाने पर ईद मिलने बड़ी तादाद में लोग जुटे तो दूसरी ओर शिवाला स्थित आलमीन सोसायटी के अध्यक्ष परवेज कादिर, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहब जमा, लल्लापुरा में बारह के सरदार मो. हाशिम, कटेहर में चौदहों के सरदार मकबूल हसन, मदनपुरा में बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो, सपा नेता अतहर जमाल लारी, एस. जावेद, हाजी नासीर जमाल, मो. जफरुल्लाह जफर, हाजी रईस अहमद, बेलाल अंसारी, मुमताज खां पार्षद, मुन्नू इलाहिया, शायर अहमद आजमी, डॉ नबी जान, खालिद अब्बासी, इरफान खान, इमरान अहमद, मो. शाहिद खां, समर गाजीपुरी, सुल्तान क्लब के डा. एहतेशामुल हक, मुमताज खां, हाजी एजाजुद्दीन हाशमी व मो. अजफर गुड्डू आदि के यहां ईद मिलने समाजिक संगठनों व सियासी दलों के लोगों का हुजूम जुटा हुआ था। 

देश की खुशहाली के लिए उठाया हाथ

माहे रमज़ान का रोज़ा मुकम्मल करने के बाद लाखों मुसलमानों ने मज़हबी शहर बनारस में सभी मज़हब के लोगों संग मिलकर ईद की खुशियां मनायी। खुशियों का आगाज़ नमाज़-ए-ईदुल फित्र अदा करने के साथ हुआ। शहर के तकरीबन एक दर्जन ईदगाह और पांच सौ से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुज़ारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोज़ी रोटी, देश की तरक्की और खुशहाली के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस मौके पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का जन सैलाब नमाज़ अदा करने उमड़ा हुआ था।

कब्रगाहों पर लगी हाजिरी

ईद की नमाज के बाद लोगों ने शहर के कब्रिस्तानों में जाकर वलियों, बुजुर्गों वो अपने पुरखों के दर पर हाजिरी लगाई और फातेहा पढ़ा। टकटकपुर, हुकुलगंज, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा, जलालीपुरा, भवनिया कब्रिस्तान, पंजाबी शाह बाबा गौरीगंज, फातमान आदि पर हाजिरी लगाई गई। हजरत बाबा लाटशाही बाबा, चंदन शहीद, हजरत याकूब शहीद, बहादुर शहीद, सरदार शाह बाबा आदि के आस्ताने पर भी अकीतदमंदों का हुजूम उमड़ा।

बुधवार, 10 अप्रैल 2024

चांद के दीदार संग ईद का जश्न शुरू

मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई जमकर आतिशबाजी





Varanasi (dil India live). माह रमजान का महीना रोजेदारों से जुदा हो चुका है। चांद के दीदार संग ईद का जश्न मुस्लिम इलाकों में शुरू हो गया। रोजेदारों की नेकियों के बदले माहे रमजान के बाद मुल्सिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद-उल-फित्र गुरुवार को मनाया जाएगा। ईदुलफितर के खैरमकदम के लिए लोगों ने मुस्लिम बहुल इलाकों में जमकर आतिशबाजी की। 

रमजान की कामयाबी का ईनाम है ईद

Shahar kazi बनारस मौलाना जमील अहमद ने कहा कि रमजान रब का महीना है। ईद रमज़ान की कामयाबी का ईनाम है। इस महीने के बाद पड़ने वाला त्यौहार खुदा के नेक बन्दों की ईद है। इस दिन लोग अल्लाह की बारगाह में अपनी एक माह की इबादतों का शुक्र अदा करते हैं।

जमकर हुई आतिशबाजी

मुस्लिम बहुल इलाकों में चांद की तस्दीक के बाद जमकर आतिशबाजी हुई। लोग अपनी छतों पर पटाखे फोड़ते दिखाई दिए। ख़ुशी से लबरेज लोगों ने अल्लाह से चांद देखने के बाद दुआ की। लोगों ने मुल्क में अमनों अमान की दुआ मांगी और एक दूसरे को बधाई दी।

कड़ी सुरक्षा में संपन्न होगी नमाज

पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने ईद की नमाज के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी ईदगाहों पर अतरिक्त सुरक्षा बालों की तैनाती की गयी है। एसीपी रैंक के अफसरों ने सभी ईदगाहों का स्वयं स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा के इंतजामों को परखा है। बनारस में तकरीबन पांच सौ मस्जिदों, ईदगाहों और इबादतगाहों में नमाजे ईदुलफितर अदा की जाएगी।

ईद की नमाज का वक्त मस्जिद लाट 

 मस्जिद याकूब शहीद नगवां लंका 8 बजे हाफिज ताहिर, सरैयां सुबह 9:30, ईदगाह पुरानापुल पुल्कोहना 8:30बजे, इमाम मौलाना शकील, ईदगाह गोगा की बाग जलालीपुरा 8:00 बजे, मौलाना नुरुल हसन साहब। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग 8.00 बजे, मौलाना हसीन अहमद हबीबी, ईदगाह शक्कर तालाब अहलेहदीस 7:00 बजे, मौलाना हसन जमील मदनी। ईदगाह मस्ज़िद लंगर नवापुरा 8:15 मौलाना इरशाद रब्बानी, मस्जिद टकटकपुर 8:30, मौलाना अजहरुल कादरी, जामा मस्ज़िद खोज़ापुरा मैदान। इमाम मौलाना जाहिर अहमद समय 7:15, मस्ज़िद शहीद बाबा सरैयां बाजार इमाम हाफिज गुलाम 8:15, मस्ज़िद सुन्नी इमामबाडा सरैया, मौलाना। इक़बाल अहमद सेराज़ी 8:00, इमामबाडा सरैयां शिया, इमाम मौलाना जफ़र हुसैनी 10:00, खानखाह हमीदिया रशिदिया शक्कर तालाब, मौलाना मोईनुद्दीन अहमद फारूकी प्यारे मियां 8:30 बजे, बड़ी मस्ज़िद सरैयां पक्का महाल हाफिज खैरुद्दीन 8:00, मस्ज़िद इमिलिया तल्ले छित्तनपुरा 8:00, मस्ज़िद ढाई कंगूरा जेरेगूलर 8:00, बड़ी मस्ज़िद काज़िसदुल्लापुरा 8:00, मस्ज़िद उस्मानिया 7:45, बड़ी मस्ज़िद सलापुर कबड्डीदुआर 8:00, जामा मस्जिद अगागंज 8:00, जामा मस्ज़िद कमल गडहा मौलाना आज़ाद 8:15, नई मस्ज़िद शिया दोषीपुरा मौलाना जफ़र हुसैन 8:30 बजे, जामा मस्जिद वरुणापुल 8.30 बजे, मस्जिद हाता उल्फत बीबी 8.00 बजे, मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल 8.00 बजे, छोटी मस्जिद डिठोरी महाल 8.15 बजे, मस्जिद पुलिस लाइन परिसर 8.45 बजे, शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार 8.00 बजे, मीनार वाली मस्ज़िद कमालपुरा मौलाना निजाम 8:00, पुरानी मस्ज़िद हटोली शिया दोषीपुरा मेहदी रज़ा 9:00 बजे।

Eid यानी खुशियों का खजाना

सबको खुशियां बांटने का नाम है ईद

 


Varanasi (dil India live ). रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है। दरअसल अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                    डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार हैं

रविवार, 7 अप्रैल 2024

मस्जिद में तरावीह मुकम्मल कराने पर मिली स्कूटी

मुकम्मल की कुरान तो हाफिज साहेब को मिला इनाम में





Varanasi (dil India live). अमूमन मस्जिदों में मुक़द्दस रमजान की खास नमाज़ तरावीह मुकम्मल कराने पर मस्जिद कमेटी के लोग कैश की शक्ल में इनामात से नवाजते हैं ताकि तरावीह मुकम्मल कराने वाले हाफिजे कुरान की हौसला अफजाई भी हो जाए और उनकी ईद भी हंसी खुशी मन जाए।इससे इतर दालमंडी स्थित मस्जिद रंगीले शाह में जब हाफिज मोहम्मद सैफ कादरी ने तरावीह मुकम्मल कराई तो उन्हें मुक़तदी से मिला खास इनाम चर्चा का विषय बन गया। मस्जिद में तरावीह मुकम्मल कराने पर उन्हें इनाम में स्कूटी मिली। वो इनाम में मिली स्कूटी खुद चला कर अपने घर गए। हाफिज सैफ़ खुश थे कि उन्हें रब ने रमज़ान मुबारक में तरावीह मुकम्मल कराने पर बेहतरीन तोहफा दिया है। ख़ुदा का लाख लाख शुक्र है। वहीं दूसरी ओर मुक़तदी भी खुश थे कि उन्होंने एक ऐसी काम की चीज दी है जो हमेशा हाफिज साहब के काम आएगी। 

शनिवार, 6 अप्रैल 2024

बच्चा रोज़ा रखने की जिद करें तो मना न करें, रब के हुक्म से रखता है रोज़ा

 

नन्हें रोजेदार भाइयों ने कमाल कर दिया




Varanasi (dil India live)। काजी सादुल्लापूरा जैतपुरा के रहने वाले नन्हें मासूम दो सगे भाइयों ने इतनी कम उम्र में मुक़द्दस रमजान में शिद्दत की गर्मी के बावजूद रोजा रख कर लोगों को आश्चर्य चकित कर दिया। मुहम्मद ज़ीशान 10 वर्ष जो कक्षा 5 का छात्र है तो छोटा भाई 8 वर्ष, कक्षा 3 का छात्र है। घर के लोगों के मना करने पर भी दोनों भाइयों ने रब की रज़ा के लिए रोजा रखा। घर का दीनी माहौल होने का ही नतीजा है कि दोनों भाई खुशी खुशी मस्जिद में नमाज़ पढ़ने भी जाते हैं, कुरआन शरीफ की तिलावत भी करते हैं। दोनो मासूम रोजेदारों ने शाम में इफ्तारी के वक्त मुल्क में अमन मिल्लत और क़ौम की तरक्की के लिए अल्लाह से दुआ जब मांगी तो घर के तमाम लोग... आमीन कहते दिखें। सुल्तान क्लब के अगुवा डा. एहतेशामुल हक़ ने कहा कि इस्लाम में कहा गया है कि जब कोई बच्चा रोज़ा रखने को कहें तो उसे मना न किया जाए क्यों बच्चा रब के हुक्म से रोज़ा रखता है।

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024

अलविदा अलविदा ...माहे रमज़ान अलविदा

 Varanasi (dil India live )। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर, जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्जिद ईदगाह लाटशाही में जब इमाम हाफिज़ हबीबुर्रहमान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर 






भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। इस दौरान मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अदा किया रब का शुक्रिया 

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा देने में करें जल्दी

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने अलविदा जुमा पर रोजेदारों से अपील किया कि फितरा, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाए।

शनिवार, 30 मार्च 2024

दुरुद पढ़ने वाले आसानी से होंगे जन्नत में दाखिल

 माहे रमज़ान नफ्स पर नियंत्रण का महीना 

Varanasi (dil india live)। रमज़ान की अज़मतों का क्या कहना, अल्लाह रब्बुल इज्ज़त ने तमाम रहमतों और बरकतों को इस मुकद्दस महीने में नाज़िल फरमाया। माहे रमज़ान नफ्स पर नियंत्रण का महीना है। ऐसे तो हर दिन-हर रात दुरुद शरीफ पढ़ने का बेहद सवाब है मगर नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया है कि जो इंसान कसरत से इस पाक महीने में दुरुद शरीफ पढ़ेगा उसे बरोज़ कयामत पुलसिरात पर से आसानी से जन्नत में दाखिल कर दिया जायेगा। इसलिए इस महीने में दुरुद कसरत से पढ़ने वालों की तादाद बढ़ जाती है। इस महीने की 21, 23, 25, 27 व 29 तारीख शबे कद्र कहलाती है जो हज़ार महीनों की इबादत से भी बेहतर है। इन रातों में तमाम मुस्लिम खूब इबादत करते हैं। मोमिन 20 तरीख से ईद का चांद होने तक एतेकाफ पर बैठता है। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) फरमाते हैं कि जिसने रमज़ान का रोज़ा रखा और उसकी हुदूद को पहचाना और जिन गुनाहों से बचना चाहिये, उससे वो बचता रहा तो उसकी वो गुनाह जो उसने पहले की है उसका कफ़्फ़ारा हो जायेगा रमज़ान का रोज़ा। अल्लाह हदीस में फरमाता है कि सिवाए रोज़े के कि रोज़ा मेरे लिये है इसकी जज़ा मैं खुद दूंगा। अल्लाह का मज़ीद इरशाद है, बंदा अपनी ख्वाहिश और खाने को सिर्फ मेरी वजह से तर्क करता है। जब रोज़ा का दिन हो तो बेहूदा बातों से दूर रहें और बुराईयों से बचे। रोज़ा चूंकि अल्लाह के लिए हैतो रोज़ा रखकर बंदा अल्लाह को ही पा लेता है। तो फिर जानबुझ कर कोई बंदा क्यों अपना नुकसान करेगा। इस महीने में इंसान नेकी करके अपनी बुनियाद मजबूत करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू नबी-ए-करीम के सदके में हम सबको बक्श दे और रोज़ेदारों को ईद की खुशियों के साथ नेक इंसान बनने की तौफीक दे..आमीन।

   हाजी फारुक खां  {हज खिदमतगार व इसरा के जनरल सेक्रटरी हैं }

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...