रविवार, 24 मार्च 2024

कोई तुमसे झगड़ा करे तो उससे कह दो मैं रोज़े से हूं


 


Varanasi (dil India live)। इसलाम में कहा गया है कि अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करो, भले ही वो किसी भी मज़हब का हो। पड़ोसी अगर भूखा सो गया तो उसके जिम्मेदार तुम खुद होगे। यह बात मुक़द्दस रमजान में और भी ज्यादा लागू होती है। क्यों रमजान रब का महीना है। रब कहता हैं कि 11 महीना तो बंदा अपने तरीक़े से गुज़ारता है एक महीना अगर वो मेरे बताए हुए नेकी के रास्ते पर चले तो उसकी तमाम दुश्वारियां दूर हो जाएगी। इस 1 महीने के एवज़ में रोज़ेदार पूरे साल नेकी की राह पर चलेगा।

मुकद्दस रमजान में अगर कोई तुमसे झगड़ा करने पर अमादा हो तो उसे लड़ो मत, बल्कि उससे कह दो मैं रोज़े से हूं। यानी मैं तुमसे लड़ाई झगड़ा नहीं चाहता। रमज़ान मिल्लत की दावत देता है, रमज़ान नेकी की राह दिखाता है। यही वजह है कि रमज़ान में खून-खराबा, लड़ाई झगड़ा सब मना फरमाया गया है। रमज़ान के लिए साफ कहा गया है कि यह महीना अल्लाह का महीना है। इस महीने में रोज़ेदार केवल नेकी, इबादत और मोहब्बत के रास्ते पर चलें। यही वजह है कि रमज़ान आते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है। जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं। 

इस माहे मुबारक में पांच ऐसी रात आती है जिसे ताक रात या शबे कद्र कहा जाता है। इस रात में इबादत का सवाब रब ने कई साल की इबादत से भी ज्यादा अता करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की नेअमत अता कर और सभी को रोजा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

हाजी इमरान अहमद (राइन गार्डेन, वाराणसी)

रोज़ा इफ्तार दावत में दिखा गंगा जमुनी नजारा

 




Varanasi (dil India live). वाराणसी समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के तत्वावधान में शनिवार को हाजी कटरा सरैयां स्थित सपा अल्पसंख्यक सभा के जिला अध्यक्ष डाक्टर दिलशाद अहमद सिद्दीकी के आवास पे रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया जिसमें बङी संख्या में रोजेदारों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर डाक्टर दिलशाद अहमद ने कहा कि रोजा मुसलमानों को रब की तरफ से दिया गया बेशकीमती तोहफा है जो गुनाहगारों की बख्शीश का जरिया है। तमाम मुसलमानो को चाहिए के हम सब इसकी दिल से कद्र करें और अपने रबको राजी करें। अल्लाह का इन्सानों पर बहुत हसानात हैं। हमें फख्र है के अल्लाह ने हमे ये नेमत अता की ताकि हम सब उसकी नेमतो की कद्र करें। रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं बल्कि जुबान, निगाह, बदकलामी से बचने का भी नाम है रोजा। ये एहसास दिलाता है कि हमे सिर्फ अपना पेट नही देखना है बल्कि गैरों की खुशियों को भी अपनी खुशी में शामिल करना है। तमाम मुसलमानो को चाहिए के अपने आस-पास पङोस मे रहने वाले गरीबों और रिश्तेदारों को भी इफ्तार का सामान मुहैया करायें। गरीबों मिसकीनों तथा रोजेदारों को रोजा खुलवाना रब के नजदीक अजरो सवाब का बाइस होता है। हमे चाहिए के हम सब बहैसियत एक मुसलमान होने के सबसे पहले एक अच्छा नेक इन्सान बने तथा रब की नेमतों उठते बैठते शुक्र अदा करते रहें।

इस अवसर पे प्रमुख रुप से पुर्व मेयर प्रत्याशी हाजी बदरुददीन अहमद,  शहजादे, परवेज अख्तर, नईम अहमद, शारिक अख्तर, साजिद, अरशद, जमील अहमद, हाफिज हसीन अहमद, हाफिज, रेहान, शहजादे, मतीन अंसारी, अतीकुररहमान, शाहनवाज सानू, मोहम्मद सुफियान, बादशाह अली, मतीन, परवेज अख्तर, नईम अहमद, लइक अहमद, शहजादे, रेहान, अजहरुद्दीन, शाहिद जमाल, शाहरुख सिद्दीकी, आरिफ वसीम समेत तमाम गणमान्य लोग भी शामिल थे।

शनिवार, 23 मार्च 2024

शिक्षा को बढ़ावा देने का माध्यम है छात्रवृत्ति योजना





Varanasi (dil India live). मालाबार चेरिटेबल ट्रस्ट/म ट्रस्ट/मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ज्वैलरी रिटेल द्वारा नानक भवन सिगरा, सिद्धगिरीबाग रोड के सभागार में आयोजित योग्यता आधारित छात्रवृत्ति वितरण हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि सीडीओ (आईएएस) हिमांशु नागपाल थे। साथ ही साथ गुरूनानक स्कूल की निदेशिका जगजीत कौर, कार्यवाहक प्रधानाचार्य  सुमेधा, गुरूनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल गुरूबाग की प्रधानाध्यापिका नीलू कौर उपस्थित रहीं। मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स ज्वैलरी रिटेल के शोरूम मैनेजर श्री शुभम केशरी द्वारा मुख्य अतिथि  का स्वागत किया गया। मालाबार की ओर से मुख्य अतिथि की उपस्थिति में वाराणसी के भिन्न-भिन्न विद्यालयों के चयनित 125 छात्राओं को कुल रू० 1025000/- (रू दस लाख पच्चीस हजार) मात्र का वितरण किया गया। मुख्य अतिथि ने कहा कि मालाबार ने सशक्त शिक्षा और नारीत्व को सशक्त बनाना उनका उत्थान करना उनकी क्षमताओं को पहचानना के तहत छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण की जा रही है। यह छात्रवृति शिक्षा को बढ़ावा देने और उभरती प्रतिभाओं की क्षमता को सक्षम करने के लिय ट्रस्ट के समर्पण का प्रतीक है। मुख्य अतिथि महोदय ने श्री शुभम केशरी की ओर से इस कार्यक्रम को भव्य रूप से करने की काफी सराहना की तथा समस्त छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। इस छत्रवृत्ति से जनपद वाराणसी के गुरूनानक खालसा बालिका इ.का. के 54 छात्रायें, GGIC मलदहिया के 40 छात्रायें, बसन्त कन्या इ०का० के 30 छात्रायें एवं अग्रसेन इं०का० के 01 छात्रा लाभन्वित हुई। मालाबार कंपनी की ओर से विद्यालय निदेशिका श्रीमती जगजीत कौर, कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्रीमती सुमेधा गुरूनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल गुरूबाग की प्रधानाध्यापिका सुश्री नीलू कौर को धन्यवाद दिया गया।

मरियम के आंगन में सजा दस्तरख्वान, सभी धर्म के लोगों ने किया इफ्तार

बिशप हाउस में दिखी गंगा जमुनी तहजीब 




Varanasi (dil India live). कैंटोंमेंट स्थित बिशप हाउस परिसर में जैसे ही अज़ान कि सदाएं बुलंद हुई, अल्लाह हो अकबर, अल्लाह...। अजान के बाद काशी के धर्मगुरुओं और रोजेदारों ने एक ही दस्तरखान पर रोजा इफ्तार किया। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत सभी धर्म के लोग मौजूद रहे। सभी ने काशी की गंगा-जमुनी तहजीब की इस रवायत को देखकर रमजान के मुकद्दस महीने में अल्लाह से मिल्लत व सलामती की दुआएं मांगी।

इससे पहले बिशप हाउस में सजाए गए दस्तरखान पर ईसाई धर्मगुरुओं ने अपने हाथों से रोजेदारों के लिए थालियां परोसी। अजान होने के बाद रोजेदारों के साथ सभी ने रोजा इफ्तार किया। रोजेदारों ने खजूर, शर्बत, लस्सी, खजूर, कटलेट व इमरती आदि से इफ्तारी की। नमाज मुफ्ती ए बनारस मौलाना बातिन ने अदा करायी। उन्होंने मुल्क हिन्दुस्तान में अमन, मिल्लत और सौहार्द की दुआएं मांगी। स्वागत बिशप यूजीन जोसेफ ने किया तो शुक्रिया फादर फिलिप डेनिस व फादर थामस ने कहा।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एके लारी, नुरुल हसन खां, अशफाक सिद्दीकी, अमन सिद्दीकी, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के ग्रंथी भाई धर्मवीर सिंह, ज़ुबैर आदिल, सैयद फरमान हैदर, डॉ. मो.आरिफ, मुनीजा रफीक, मो. इस्माइल रज़ा, परमजीत सिंह अहलूवालिया, अतहर जमाल लारी, एहतेशामुल हक, जावेद अख्तर, डा. हमजा समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

नन्हे असीम ने रखा रमज़ान का रोज़ा


Varanasi (dil India live)। मुक़द्दस रमजान में नन्हें मुन्ने बच्चों द्वारा रोज़ा रखने की परम्परा बनारस में लगातार बनी हुई है। यही वजह है रमजान शुरू होते ही नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा रोज़ा रखने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मदरसा अहयाउल उलूम जैनपुरा में तालीम ले रहे महज 6 साल के मोहम्मद असीम भी रोज़ा है। मोहम्मद उमर और दरकशा महपारा के साहबजादे असीम कहते हैं कि रब राज़ी हो जाए इसलिए रोज़ा रखा। उनके वालिदैन को खुशी है की उनके साहबजादे नन्ही सी उम्र में ही रोज़ा रखने लगे हैं। वो कहते हैं कि हमने सोचा नहीं था कि मेरा बेटा रोज़ा रख लेगा मगर उसकी जिद के आगे हम लोग कुछ नहीं बोले और उसने रोज़ा रख कर हम सबको खुश कर दिया।

"वेस्ट फ्लावर रिसाइक्लिंग सेण्टर" का सीडीओ ने किया उद्घाटन




Varanasi (dil India live)। युवा ग्राम्य विकास समिति, बसनी द्वारा संचालित साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के बसनी स्थित परिसर में "वेस्ट फ्लावर रिसाइक्लिंग सेण्टर" का उद्घाटन वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से वाराणसी मंडल के संयुक्त आयुक्त (उद्योग) श्री उमेश कुमार सिंह, विकास खण्ड-बड़ागांव की खण्ड विकास अधिकारी सुश्री प्रतिभा चौरसिया एवं भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक लखनऊ के उप महाप्रबंधक नीरज भल्ला उपस्थित थे। 

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री हिमांशु नागपाल जी ने कहा कि मंदिरों में अर्पित जिन फूलों को बाद में यहाँ वहाँ फेंक दिया जाता है या फिर नदियों और तालाबों में फेंक दिया जाता है उन्हीं फूलों से साईं इंस्टिट्यूट द्वारा अगरबत्ती, धूप और अन्य उत्पादों का निर्माण किया जाना और इस कार्य से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जोड़कर उनको भी आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास निःसंदेह सराहनीय है। इस कार्य के लिए सरकार के स्तर पर जो भी सहयोग संभव होगा, किया जाएगा। हम चाहेंगे कि महिलाएं अपना यूनिट लगाएं ताकि वो सीधे उत्पादन से जुड़ सकें। इस काम को करने से धन तो मिलता ही है, साथ में पर्यावरण संरक्षण में भी हम महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। श्री नागपाल ने इस कार्य में संस्था को शासन स्तर पर पूर्ण सहयोग दिलाने की अनुशंसा की। इस अवसर पर उन्होंने मंदिरों पर अर्पित फूलों को इकट्ठा करने के लिए "फ्लावर कलेक्शन वैन" का भी शुभारंभ किया। 

कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए छवि अग्रवाल, नीतू वर्मा, शर्मिला पटेल, अरविंद दूबे को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया तथा सिडबी के सहयोग से चल रहे अगरबत्ती व धूप का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन साईं इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन शिव कुमार शुक्ला ने व्यक्त किया। इस अवसर पर अनुपमा दूबे, हर्ष सिंह, सुप्रिया पाठक, इन्दू वर्मा, प्रियंका पटेल, रेनू दूबे, सरिता देवी, डिम्पल पटेल, अनीता पटेल, दीपा, मधु देवी आदि उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 22 मार्च 2024

शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब सुपुर्द-ए-खाक

देश-दुनिया में चर्चित शहर काजी के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब 






Varanasi (dil India live)। देश-दुनिया में मशहूर व मारूफ काजी-ए-शहर बनारस अल्लामा, मौलाना मुफ्ती गुलाम यासीन साहब को जुमे की नमाज के बाद बजरडीहा सिथत कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले उनके जनाजे की नमाज मौलाना मोहम्मद जमील अहमद ने अदा करायी। उनके जनाजे में लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। 

हम बता दें कि शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब गुरुवार को रोज़ा थे, शाम में मगरिब की नमाज के साथ ही उन्होंने रोज़ा इफ्तार किया, नमाज अदा किया और कुछ ही देर बाद वो अल्लाह को प्यारे हो गए। उनके इंतकाल की खबर से समूचे पूर्वांचल खासकर बरेलवी मुस्लिमों में अफसोस की लहर दौड़ गई। उनके साहबजादे मोहम्मद जावेद ने बताया कि शहर काजी मरहूम तकरीबन 90 साल के थे। उनके मुरीद इम्तियाज खां ने बताया कि हज़रत के लाखों मुरीद देश विदेश में फैले हुए हैं।

अब जलसे की कौन करेगा सदारत

आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शहर काजी तकरीबन पांच दशक से काजी ए शहर बनारस के पद पर आसीन थे। शहर ही नहीं जिले और आसपास के इलाकों में होने वाले तकरीबन सभी दीनी जलसों की सदारत शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब मरहूम ही किया करते थे। अहसन हमदी कहते हैं कि काजी साहब ही जलसों की ज़ीनत हुआ करते थे। इतनी उम्र होने के बावजूद सभी जलसों में वो पहुंचते थे। उनकी ही अगुवाई में तिलभांडेश्वर सिथत शरई अदालत रमजान, ईद, बकरीद समेत महीनों के चांद देखें जाने का ऐलान होता और तमाम फतवे जारी होते थे। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके इंतकाल पर अफसोस जाहिर किया।

सुल्तान क्लब ने पेश की खिराजे अकीदत

प्रख्यात आलिम ए दीन काज़ी ए शहर बनारस मौलाना गुलाम यासीन साहब का वृहस्पतिवार की रात्रि को तिलभांडेश्वर रेवड़ीतालाब स्थित आवास पर 90 साल की उम्र में इंतकाल हो गया। इंतकाल की खबर लगते ही लोगों का होजूम उमड़ पड़ा। सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब की एक अफसोस बैठक संस्था अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक की अध्यक्षता में रसूलपुरा स्थित कार्यालय में आयोजित कर खिराजे अकीदत पेश की गई।

      जिसमे काजिए शहर गुलाम यासीन साहब की सामाजिक और दीनी खिदमात पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। इनके मुरीद काफी संख्या में पूरे पूर्वांचल में फैले हुए हैं,आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले काज़ी साहब 50 वर्षों से क़ाज़ी ए शहर बनारस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इनकी निगरानी में एक शरई अदालत भी कायम है जो सुन्नी मसलक के मानने वाले उनके आवास पर फतवा लेने पहुंचते थे। बनारस से जब नरेंद्र मोदी सांसद चुने गए और देश के प्रधानमंत्री बने तो इनके नेतृत्व में एक दल मुबारकबाद देने के लिए दिल्ली पहुंचा। आप ने बनारस में हज हाउस कायम करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था। आप के अगुवाई में ईद मिलादुन्नबी का जुलूस भी निकलता रहा है। आप ने अपने पीछे नाती पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ा है, पत्नी का 14 वर्ष पहले ही इंतकाल हो चुका है। इनके इंतकाल से समाज में जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति मुश्किल है।

अफसोस बैठक में अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष महबूब अली,महासचिव एच हसन नन्हें, सचिव जावेद अख्तर, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज, मौलाना अब्दुल्लाह, हाफिज मुनीर, मुहम्मद इकराम, नसीमुल हक, मुख्तार अहमद, अब्दुर्रहमान इत्यादि शामिल थे।

Varanasi : गुटखा व्यवसायी ने खुद को गोली से उड़ाया

व्यापारी ने खुद को अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी, मचा कोहराम  सरफराज अहमद Varanasi (dil India live)। चेतगंज थाना के पान दरीबा के काली...