शनिवार, 24 दिसंबर 2022

Cristmas tree में केरोल सुन झूमे मसीही




Varanasi (dil india live). 23 दिसंबर की शाम 5:00 बजे बेतेल फुल गॉस्पल चर्च, महमूरगंज में क्रिसमस ट्री का भव्य आयोजन पास्टर बी. थॉमस एवं एंड्रयू थॉमस के नेतृत्व में किया गया है। इस कार्यक्रम में मधुर केरल गीतों की प्रस्तुति की गई अथवा विशेष नृत्य भी प्रस्तुत किया गया जो कि अत्यंत मनमोहक रहा। इस कार्यक्रम में नोएल, अमन, आकाश, सुनील, सनी, रोहित, श्रेया, ज्योति, प्रीति, कृति, शिवानी, हिमांशु, प्रियांशु एवं करन की प्रस्तुति ने सभी को हर्षित कर दिया।

पास्टर एंड्रू थामस ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह प्रेम, शांति, भाईचारा एवं क्षमा करने का संदेश लेकर इस दुनिया में आए| ईश्वर होकर भी उन्होंने मानव रूप धारण किया और दीन दुखीयारों की सेवा का संदेश सबको दिया| क्रिसमस के पावन अवसर पर जरूरी है कि हम सब प्रभु यीशु मसीह के प्रेम को सभी लोगों के साथ बांटे अथवा उनके संदेशों को व्यक्तिगत जीवन में अनुशरण करें।

शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022

Indradhanush में थेलमा डेविड school के बच्चों ने किया धमाल

रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुतियों ने किया दर्शकों को निहाल 





Varanasi (dil india live). थेलमा डेविड मेमोरियल स्कूल मलदहिया का वार्षिकोत्सव प्रधानाचार्य निहारिका महापात्रा के संयोजन व निदेशक और संस्थापक सुदीप महापात्रा की अगुवाई व फादर आनंद कि मौजूदगी में धूमधाम से मनाया गया। चौकाघाट के सांस्कृतिक संकुल में हुए इस रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों की मनमोहक प्रस्तुति ने लोगों को निहाल कर दिया। अलग अलग राज्यों कि फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता लोगों को खूब पसंद आती। कार्यक्रम में प्रस्तुतियों के बीच बीच में दर्शन दीर्घा से बजने वाली तालियां कार्यक्रम कि सफलता कि कहानी पर स्वयं मुहर लगा रहीं थीं।

इस दौरान जहां यीशु जन्म की झांकी बच्चों ने प्रस्तुत की वहीं धरती पर उनके शांति और अमन के दिखाये गये रास्ते पर चलने की अपील की गई। वार्षिकोत्सव में बच्चों ने मयूर डांस, भांगड़ा, लावणी व गिद्दा आदि की प्रस्तुति करके एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार रूप दिया। कार्यक्रम में आये हुए तमाम गेस्ट ने नन्हीं प्रतिभाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की।अंत में राष्टगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

Cristmas 2022: Aman के Rajkumar का duniya कर रही इंतेज़ार

Cristmas पर बालक yeshu का स्वागत संग अभिषेक की तैयारियां तेज 

Varanasi (dil india live)। Duniya भर को aman के राज कुमार का इंतेज़ार है। 24 दिसंबर की मध्यरात्रि बालक yeshu के जन्म का उल्लास शुरु होगा। इस रात मसीही प्रमु yeshu की स्तुति और अभिषेक करेंगे।

 दरअसल क्रिसमस मसीही समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। ईसाई धर्म के लोग इस त्योहार को ग्लोबल लेवल पर धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं। दुनिया भर में हर साल 25 दिसंबर क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है। ये एक ऐसा त्योहार है, जो तकरीबन 160 देशों में एक साथ मनाया जाता है। पर्व को हर उम्र के लोग क्रिसमस सेलिब्रेट करते हैं। यूं तो आमतौर पर लोग क्रिसमस का मतलब 25 दिसंबर ही जानते हैं मगर यह कम लोग जानते हैं कि क्रिसमस का जश्न क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले 4 इतवार पहले से ही शुरु हो जाता है। इस पर्व की तैयारियां महीने भर पहले ही शुरू हो जाती हैं। हाँ 24 दिसंबर की मध्यरात्रि यह पर्व अपने शबाब पर होता है। यह पर्व मध्यरात्रि से शुरु होकर तकरीबन सप्ताह भर तक चलता है। यही नहीं बल्कि Cristmas पर Cristian अपने घरों को रंग-बिरंगी लाइटों से जहाँ रौशन करते हैं वही डेकोरेटिव आइटम्स से चर्च से लेकर घर कालोनी तक सजाये जाते हैं।

Cristmas पर चरनी बनाने का दौर

क्रिसमस पर लोग अपने घर के आंगन में चरनी बनाते हैं। दरअसल गौशाले में ही बालक yeshu का जन्म हुआ था, इसालिए प्रभु yeshu के जन्म की झांकी चरनी के रूप में सजायी जाती हैं। 

 Cristmas tree 


Cristmas के पूर्व ही मसीही घरों में क्रिसमस ट्री सजाया जाता हैं। मान्यता यह भी है कि क्रिसमस ट्री कई तरह के वास्तु निवारण का काम भी करता है। मसीही विद्वानों का कहना है कि crismas के पेड़ को घर में लगाने से घर से नकारात्मक उर्जा नष्ट होती है, यही वजह है कि crismas tree खुशी के इस मौके पर बेहद शुभ माना जाता है।

Global festival Cristmas 

Crismas ऐसे तो Cristian festival है। लेकिन इसके उत्साह और उल्लास में सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं। यही वजह है कि दुनिया के लगभग सभी देश में crismas का त्योहार अलग-अलग तरह से मनाया जाता है।

Cristmas cake  


Cristmas पर cake का वैसे ही महत्व है जैसे ईद पर सेवई और दीपावली पर मिठाई का। भारत में तो केक बनवाने के लिए 15 दिन पूर्व से ही लोग बेकरी वाले के यहां बुकिंग के लिए पहुंचने लगते हैं। बहुत सारे लोग घरों में भी Crismas cake  तैयार करते हुए खुद को भाग्यशाली महसूस करते हैं।

गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

Cristmas पर 24 की रात शुरु होगी प्रभु यीशु मसीह की आराधना

सज रही चरनी, सेंट मेरीज़ महा गिरजा में इतराने लगा सेंटा 

  • Cristmas पर उत्सव संग सावधानी कि बिशप कि अपील
  • महा गिरजाघर में इस बार भी नहीं लगेगी दुकानें
Cristmas कि अगुवाई में जुटे मसीही समुदाय के लोग 




Varanasi (dil india live)। चीन में कोरोना महामारी से मचे कोहराम पर भारत भी सतर्क है। यही वजह है कि Cristmas के global पर्व पर भी इस बार एहतियात बरतने का न सिर्फ ऐलान किया गया है बल्कि इस बार भी प्रभु यीशु के जन्म पर लगने वाला क्रिसमस मेला चर्च कम्पाउंड में नहीं लगाये जाने का फैसला लिया गया है। St. Mary's महा गिरजाघर में क्रिसमस के दौरान भीड़ न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ ही फादर्स व ब्रदर्स भी नजर रखेंगे साथ ही न तो कोई स्टाल लगाए जाएंगे और न ही हुजूम जुटने दिया जाएगा। यही नहीं 24 दिसंबर की मध्यरात्रि को प्रभु यीशु के जन्म का जश्न हर साल वाराणसी के महागिरजा में शुरु होता था मगर इस बार भी संभावित कोरोना संक्रमण के चलते प्रभु यीशु के जन्म का समय बदल कर रात 11.30 के बजाये इस साल भी 10.30 बजे से ही प्रार्थना शुरू करने की तैयारी है। 

यह बातें गुरुवार को वाराणसी धर्मप्रांत के अध्यक्ष bishop यूजीन जोसेफ ने कही। उन्होंने कहा कि क्रिसमस की तैयारी अंतिम चरण में है। महा गिरजाघर, बिशप हाउस सजाया गया है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस के उत्सव में पूरी तरह सावधानी बरते। बताया कि चरनी चर्चेज़ सजाने का काम तेज़ हो गया। महागिरजा समेत सभी चर्चेज़ रौशनी से नहा उठे हैं। घर से लेकर चर्च तक मसीही समुदाय क्रिसमस की तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटा हुआ है। शुक्रवार को बिशप हाउस में क्रिसमस मिलन कार्यक्रम भी शाम में होगा। पत्रकारवार्ता में फादर हेनरी, फादर सुसाई राज, फादर फिलीप डेनिस, फादर थामस आदि मौजूद थे।

Cristmas news: Sunday के कंधे पर बैठ कर आएगा crismas व new year 2023

Cristmas tree में गूंजे कैरोल, झूमे मसीही 



Varanasi (dil india live)। संडे के कंधे पर बैठ कर इस बार क्रिसमस और नया साल 2023 आएगा। जी हां क्रिसमस का ग्लोबल पर्व 25 दिसंबर इस बार संडे को पड़ रहा है। नया साल भी इतवार को ही पड़ेगा। इससे मसीही समुदाय में खास उत्साह है। 
दरअसल पादरी आदित्य कुमार कि माने तो मसीही समुदाय में संडे का खास महत्व है। मसीही समुदाय में संडे न सिर्फ आराधना और प्रार्थना का दिन है बल्कि इसे जीत का दिन भी कहते हैं। पास्टर एंड्रू थामस बताते हैं कि संडे यीशु मसीह का दिन है, दुनिया इसे छुट्टी के दिन के नाम से भी जानती है। पादरी बेन जान कि माने तो संडे को जीत का दिन इसलिए कहा गया है कि संडे को प्रभु यीशु मसीह मौत को मात दे कर कब्र से जी उठे थे और तब ईस्टर कि खुशी मनाई गई थी। तभी से संडे छुट्टी और प्रार्थना का दिन हो गया। पादरी नवीन ज्वाय वह पास्टर दशरथ पवार कहते हैं कि संडे का मसीही समुदाय में खास महत्व है। लम्बे समय के बाद क्रिसमस और नया वर्ष इतवार को पड़ रहा है। इससे लोगों में उत्साह ज्यादा है।

चर्च आफ बनारस में cristmas 

चर्च आफ बनारस में cristmas tree का आयोजन किया गया। यहां पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। उन्होंने कहा कि हम आभारी है प्रभु यीशु के। हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें।

इस अवसर पर Vikas Mishra, Akhilesh, Andrew, Ashish, Alok, aradhna, Asher john, Riddkant, Chandrashekhar Dogra आदि मौजूद थे।

बेटल फुल गास्पल चर्च में cristmas 

crismas सीजन के तमाम आयोजन सभी गिरजाघरों में हर शाम हो रहे हैं। इस दौरान गिरजाघरों में प्रभु यीशु की स्तूति के गीत गूंज रहें हैं।, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। शुक्रवार को शाम में बेटल फुल गास्पल चर्च में क्रिसमस ट्री का आयोजन होगा। कार्यक्रम कि अगुवाई पास्टर एंड्रू थामस करेंगे। 

मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

Aadivasiyo ने 1857 से पूर्व ही अंग्रेजों का विरोध शुरू कर दिया :डॉ मोहम्मद आरिफ

देश के लिए Aadivasiyo का सशक्तिकरण जरूरी : रणजीत कुमार

आदिवासी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा जरूरी: हिदायत आज़मी

हमें अपनी लड़ाई खुद एकजुट होकर लड़नी होगी : अयोध्या प्रसाद



Sonbhadra (dil india live). सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक के बहुआर में आज राइज एंड एक्ट के तहत सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस द्वारा  भारत की परिकल्पना और आदिवासी समाज पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें आदिवासी जीवन और उनकी संस्कृति की चर्चा की गई।

भारत की परिकल्पना आदिवासियों के योगदान की चर्चा किये बिना अधूरी है। आदिवासियों की जीवन शैली उनके संघर्ष,हक- अधिकार, न्याय,शासन पद्धति , रीति रिवाज, धर्म,दूसरे समाजों से उनका सम्पर्क और त्योहार आदि भारतीय पुरातन संस्कृति का अटूट हिस्सा हैं।आदिवासी प्रकृति के साथ-साथ मानव जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं।आदिवासी महापुरुषों ने 1857 के पूर्व ही अंग्रेजों की नीयत को समझ लिया था।उन्होंने अपनी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए हथियार उठाया न की किसी संस्कृति के विरुद्ध। आजादी के आंदोलन से लेकर भारतीय संविधान के निर्माण के दौरान उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। उक्त बातें राइज एंड एक्ट द्वारा आयोजित परिचर्चा में वक्ताओं ने कही।

    डॉ मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आजादी के आन्दोलन के दौरान ये सपना देखा गया था कि स्वतन्त्र भारत मे आदिवासियों को उनकी संख्या के अनुपात एवं अनुरूप पद प्रतिष्ठा प्राप्त होगा पर अभी तक ऐसा नहीं हो पाया।उनके संसाधनों पर राज्य जबरन कब्जा कर रहा है।हमें शिक्षा,रोजगार,स्वास्थ्य के लिए सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है। अयोध्या प्रसाद ने कहा कि आदिवासी समुदाय मूलनिवासी है पर शिक्षा और नौकरियों में पिछड़ा हुआ है।राज्य उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है। यदि आदिवासी समाज जागरूक हो जाये और आपस मे एकजुटता स्थापित करे तो समस्या का समाधान हो समता है।

हिदायत आज़मी ने  सम्बोधित करते हुए कहा कि आज अधिवासी समूहों के साथ खड़ा होने की जरूरत है।उनके योगदान पर  विस्तृत चर्चा की जरूरत है। इसी के लिए हमें समाजिक केंद्र की स्थापना करनी होगी जो उनके अस्मिता और सम्मान की लड़ाई अन्य समाजों को साथ लेकर लड़े।भारत की परिकल्पना में सामाजिक न्याय,गरिमापूर्ण जीवन और शांति की ही कल्पना की गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता रणजीत कुमार ने कहा कि तमाम सरकारी योजनाएं है जिनका लाभ वंचित समुदाय नही उठा पा रहा है।पढा-लिखा न होना इसका सबसे बड़ा कारण है।हमें अपने समाज को सशक्त करना है साथ ही साथ एकजुट भी करना होगा।संविधान में जो भी अधिकार दिए गए हैं हम उन अधिकारों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष भी करना होगा।कार्यक्रम में रॉबर्ट्सगंज ब्लॉक के बहुआर, बढ़ौना, कुकराही, उरमौरा, बीचपाई, मडरा, बघुआरी, बसौली आदि गांवों के आदिवासियों ने सैकड़ों की संख्या में कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम के दौरान आदिवासियों के नायक बिरसा मुंडा,तिलका मांझी, सिद्धू-कानू आदि के जीवनी, और संघर्षों के बारे में भी बताया गया । 

इस मौके पर राजेश्वर, निर्मला, नीरा, बलिराम, अवधेश, विजेंद्र, चांदनी, रिंकू, शिवसागर, अनिता आदि की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। कार्यक्रम का संचालन कमलेश कुमार और धन्यवाद ज्ञापन ज्योति ने किया।

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

Varanasi 22 को पहुंचेगी bharat जोड़ो यात्रा, ऐतिहासिक होने का congress कर रही दावा





Varanasi (dil india live). वाराणसी महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, पार्षद विनय कुमार शादेजा, कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में उत्तर प्रदेश के सभी प्रांतीय अध्यक्षों के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा कि सफलता से सत्ता पक्ष के लोग घबरा गए हैं।

उक्त नेताओं ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रयागराज जोन के प्रांतीय अध्यक्ष, अजय राय के नेतृत्व में 22  दिसंबर को वाराणसी में सारनाथ से लगभग 22 किलोमीटर तक लम्बी यात्रा निकलने वाली ऐतिहासिक होगी। इस यात्रा का मकसद अन्याय के खिलाफ लड़ाई, भेदभाव के खिलाफ खड़े होना है और उनके खिलाफ एकजुट होना है। भारत जोड़ो यात्रा भारत के साजसेवी लोकतंत्र बनाए रखने, अन्याय के खिलाफ लोगों को लामबंद करने का एक मिशन।

उक्त नेताओं ने कहा कि इस यात्रा की तैयारी के सिलसिले में प्रत्येक वार्डों में जनसंपर्क जारी है लोग इस यात्रा में अपनी स्वेच्छा से शामिल होने की बात कर रहे हैं। इस यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे जी, अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का भी वाराणसी आगमन हो रहा है।

गरजे चेतनारायण: मनमानी कर रहे शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ संघर्ष मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा

कल निकलेगा मण्डलायुक्त कार्यालय तक शिक्षकों का मार्च  Varanasi (dil India live). उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा तदर्थ शिक्षकों के व...