शनिवार, 17 दिसंबर 2022

Mafiya mukhtar Ansari को सजा के बाद Ajay rai की सुरक्षा बढ़ाने कि मांग




Varanasi (dil india live). कांग्रेस ने कहा है कि बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की सजा अवधेश राय हत्याकाण्ड के मुख्य गवाह अजय राय कि गवाही के चलते हुई है, क्योंकि मुख्तार अंसारी पर गंगेस्टर के पांच मुकदमे में चार में मुख्तार अंसारी बरी हो गया था। मुख्तार अंसारी एक कुख्यात अपराधी है वह कहीं से भी अपराध को अंजाम दे सकता है। 

वाराणसी के कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर कचहरी में पुलिस कमिश्नर से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा था। उनकी अनुपस्थिति में प्रतिनिधिमंडल ने डीसीपी मुख्यालय आईपीएस अमित कुमार को पत्र सौप कर अजय राय की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाते हुए उनके आवास व परिवार की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे महानगर उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट, डॉ राजेश गुप्ता, पार्षद अफजाल अंसारी, पार्षद विनय शदे जा, विधि विभाग के जिलाध्यक्ष लोकेश सिंह एडवोकेट, रामजी प्रसाद गुप्ता,कल्पनाथ शर्मा, उजैर अंसारी, किशन यादव शामिल थे।

बुधवार, 14 दिसंबर 2022

Ganga jamuni तहजीब के लिए कवि गोष्ठी व मुशायरों की खास जरूरत: Haji ishtiyaq

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए... अंकिता 

साहित्यिक संस्था अदब सराय की काव्य गोष्ठी वह मुशायरा सम्पन्न 




Varanasi (dil india live). अदब सराय बनारस के तत्वाधान में मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता हाजी इश्तियाक अहमद साहब के पितरकुंडा स्थित आवास पर लखनऊ से तशरीफ लाए प्रख्यात आर्थोपेडिक सर्जन और शायर डॉक्टर अहमद अयाज़ और उनकी पत्नी मशहूर नाविल निगार व शायरा रिफ़अत शाहीन के सम्मान में एक मुशायरे का आयोजन किया गया। सदारत बुज़ुर्ग शायर और लेखक शाद अब्बासी ने की जबकि मुख्य अतिथि बेंगलुरु से तशरीफ लाये जमील बनारसी थे।तमाम मेहमानों की गुलपोशी संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक अहमद और ज़मज़म रामनगरी, डॉक्टर शाद माशरिकी, आलम बनारसी ने शाल पहना कर किया। संचालन की जिम्मेदारी ज़मज़म रामनगरी ने बड़ी खूबसूरती से अदा की।इस मौके पर शहर ए बनारस के प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता लेखक व शायर खलीकुज़्ज़मां खलीक को उनकी रचनाओं में सत्य निष्ठा एवं आम आदमी से जुड़ी समस्याओं को निर्भय एवं प्रखरता से छन्दबद्ध करने के सम्मान'' में मरणोपरांत ''अज़मत ए बनारस अवॉर्ड 2022'' पेश किया गया। 
संस्था के संरक्षक हाजी इश्तियाक़ अहमद ने इस अवसर पर अपने स्वागत भाषण में कहा कि अगर इस मुल्क में हमारी सदियों से चली आ रही सर्वधर्म सम्भाव एवं गंगा जमुनी तहज़ीब को जन जन तक पहुँचाना है तो हमें इसी तरह की छोटी छोटी कवि गोष्ठियों एवं मुशायरों के माध्यम से देशभक्ति करुणा एवं एकता और भाई चारगी का पैगाम आम करना होगा,अपने घरों में उर्दू की पत्रिका और उर्दू अखबार मंगाया जाए।आज की ये शेअरी नशिस्त इसी सिलसिले की एक कड़ी है।इस शेअरी नशिस्त में जिन शायरों और कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया उनके नाम व अशआर  इस प्रकार हैं।

डॉक्टर अहमद अयाज़

यूँही सीने से लगाता नहीं कोई भी अयाज़

ख़ाक छानी है तो ये दश्त हमारा हुआ है

जमील बनारसी बैंगलोर 

जाते हैं हम वहाँ जहाँ इस दिल की क़द्र हो

बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिए हुए

शाद अब्बासी

काम में लाओ नीली आँखें इन से कुछ तहरीर करो

मेरे दिल के सादा वरक पर लिख्खो तो कुछ वक़्त कटे

खालिद जमाल 

ये ज़मीं मेरी भी है ये आसमाँ मेरा भी है

रोज़ ओ शब के खेल में सूद ओ ज़ियाँ मेरा भी है

हबीब बनारसी

क्या कहा हश्र में कोई ना किसी का होगा

ये भी बतलाओ कि हम लोग कहाँ रहते हैं

ज़मज़म रामनगरी

तुझे गुरूर ए सितम है तो वार कर मुझ पर

ये मैं हूँ और ये तू है ये मेरा शाना है

आलम बनारसी

शायद तुम को लज़्ज़त ए गम का अब एहसास हुआ है जो

हम से क़िस्सा पूछ रहे हो फुरक़त के इक इक पल का

डॉक्टर बख़्तियार नवाज़

ज़ख्म खूशबू ख़्वाब मंज़र आईना

ज़िंदगी के रंग सारे देखना

डॉक्टर शाद माशरिकी 

हम ने बदले हुए माहौल में रक्स ए वहशत

सामने से कभी देखा कभी छुप कर देखा

अंकित मौर्या

दुनिया तुली थी हम को बनाने पे देवता

पर हम किसी भी हाल में पत्थर नहीं हुए

नसीम बनारसी

तुम जितना दबाओगे उभरता ही रहेगा

हर जाद ए मुश्किल से गुज़रता ही रहेगा


आयूष कश्यप

वही दरिया कि जिस में तुम ने इक दिन पाँव धोए थे

कभी वो आब ए दरिया फिर नहीं मैला हुआ होगा


नसीर चंदौलवी

कितना आसाँ है मोहब्बत में किनारा करना

ना कोई फोन ना मैसेज ना इशारा करना

शिवांशू सिंह

उदास वक्तों में हँसने वालों इतना ध्यान रहे

बे मौसम बारिश से भी पौधे मारे जाते हैं

   इस अवसर पर बनारस के वरिष्ठ लोगों में जमाते इस्लामी हिंद बनारस के ज़िला अध्यक्ष डॉक्टर अकबर, सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, आज़ाद हिन्द रिलीफ सोसाइटी के अध्यक्ष जुल्फिकार अली, फने सिपहगिरी एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम खलीफा, मरियम फाउंडेशन के शाहिद अंसारी इत्यादि मौजूद थे।

मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

Congress ने president को लिखा पत्र

प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति बन्द करने का जताया विरोध 

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के महासचिव ने लिखा पत्र 


Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कक्षा 1 से 10 तक मिलने वाली अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति को प्रतिबंधित करने के बाद, 2022 से बन्द कर दिया गया है। सरकार का यह कदम अल्पसंख्यक गरीबों को शिक्षा से रोकने कि एक साजिश प्रतीत होती है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने जून 2006 में अल्पसंख्यकों के कल्याण व विकास के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रम में अल्पसंख्यक समुदाय के माता पिता से स्कूल शिक्षा पर उनके ऊपर पड़ने वाले बोझ को हल्का करने के एवं अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का स्तर ऊंचा करने के लिए प्री मैट्रिक छात्रवृति की शुरुआत की थी। इसे बन्द करने के केंद्र सरकार के कदम से लाखों अल्पसंख्यक मेधावी छात्रों का भविष्य अंधकार में चला जायेगा।

कांग्रेस ने पत्र के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से आग्रह किया कि सरकार को अपने शिक्षा विरोधी फैसले को वापस लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष वाराणसी प्रभारी नईम अहमद प्रधान ने इस मुद्दे पर कहा कि प्री मैट्रिक छात्रवृति के बाद केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद साहब के नाम से कांग्रेस सरकार में शुरू की गई पांच सालों वाली मौलाना आज़ाद फैलोशिप योजना को भी बन्द करने का ऐलान कर दिया है, जबकि यह फेलोशिप योजना 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई, जैन, पारसी और सिख छात्रों को दी जाती थी जिसे उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार में शुरू किया गया था। यूजीसी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2014-15 और 2021-22 के बीच 738.85 करोड़ रुपये के संचयी संवितरण के साथ 6,722 उम्मीदवारों को फेलोशिप योजना के तहत चुना गया था। बीजेपी सरकार का यह कदम शत प्रतिशत अल्पसंख्यक विरोधी है, अगर सरकार ने मौलाना आज़ाद फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को वापिस ना लिया तो देश में अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों शोध उम्मीदवार एम फिल और पीएचडी करने जैसी शिक्षा से वँचित हो जायेंगे। इसलिए वित्तीय सहायता के रूप में केंद्र द्वारा प्रदान की जाने वाली पांच साल की फेलोशिप को बन्द करने के फैसले को बीजेपी सरकार को वापस लेना चाहिए।

सोमवार, 12 दिसंबर 2022

Kangaroo mother care: शिशु व मां के स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी

प्री-मेच्योर शिशु , कम वजन के नवजातों की देखभाल का है खास तरीका

 • प्राकृतिक उपचार के इस तरीके में मां और शिशु के बीच बढ़ती है बॉन्डिंग





Varanasi (dil india live). जन्म बाद शिशु का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी होता है। इसमें जरा भी लापरवाही से शिशु के कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की आशंका हो जाती है। खास तौर प्री-मेच्योर शिशु अथवा कम वजन वाले नवजात के प्रति तो और भी अधिक सतर्कता बरतनी होती है। ऐसे ही नवजातों  की देखभाल का एक खास तरीका है “कंगारू मदर केयर”।

जिला महिला चिकित्सालय स्थित एसएनसीयू की प्रभारी व बाल रोग विशेषज्ञ डा. मृदुला मल्लिक उक्त जानकारी देते हुए बताती है कि कई शिशुओं का जन्म समय से पहले ही हो जाता है। ऐसे शिशुओं का वजन सामान्य शिशुओं की तुलना में कम होता है। लिहाजा उन्हें देखरेख की ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे शिशुओं के लिए “कंगारू मदर केयर” (केएमसी) बेहद लाभदायक है। यह सिर्फ शिशु ही नहीं उसकी मां के लिए भी लाभदायक होता है। प्राकृतिक उपचार के इस तरीके में मां और शिशु के बीच बॉन्डिंग भी बढ़ती है ।

 क्या है कंगारू मदर केयर

डा. मृदुला मल्लिक बताती हैं कि कंगारू मदर केयर नवजातों के उपचार का एक प्राकृतिक तरीका है। जिस तरह मादा कंगारू अपने बच्चे को छाती से लगाकर उसे दूध पिलाने के साथ उसका ख्याल रखती है ठीक उसी तरह कंगारू मदर केयर में भी शिशु को मां की छाती से बीचोबीच लगाकर रखने की सलाह दी जाती है, ताकि मां और शिशु का स्किन टू स्किन’ सम्पर्क बना रहे। वह बताती हैं कि इसके लिए माताओं को ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है जिनमें उनके शरीर से शिशु का शरीर सीधे स्पर्श करता रहे। मां के शरीर से शिशु के स्पर्श हो जाने के बाद शिशु के पीठ वाले हिस्से को कवर करने को कहा जाता है ताकि मां के शरीर की गर्मीं से शिशु को गर्माहट दी जा सके।

कंगारू मदर केयर से लाभ

डा. मृदुला के अनुसार ढाई किलो से कम वजन वाले शिशु को केएमसी की सलाह दी जाती है। कम वजन के नवजात को  निमोनिया होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। सर्दियों में यह खतरा और अधिक होता है। इसलिए इस समय भी कंगारू मदर केयर अपनाने की सलाह दी जाती हैं। ऐसा करने से शिशु को मां के शरीर का स्पर्श मिलने की वजह से गर्माहट मिलती है।  कंगारू मदर केयर में शिशु मां की छाती से चिपका होता है। इस प्रक्रिया में शिशु और मां की बॉन्डिंग इतनी ज्यादा मजबूत हो जाती है कि दोनों एक दूसरे की जरूरत को बखूबी समझते हैं। इससे वह न केवल वह प्री मैच्योर डिलीवरी की समस्याओं से ऊबर पाता है बल्कि धीरे-धीरे उसका वजन नियंत्रण में आ जाता है। वह बताती है कि केएमसी करते समय यह जरुर ध्यान देना चहिये कि यह एक से डेढ़ घंटे से कम की न हो । इस प्रक्रिया को दिन-रात में जितना अधिक हो सके करना चाहिए। घर का कोई स्वस्थ सदस्य भी केएमसी दे सकता है। 

 यहां करें सम्पर्क 

डा. मृदुला कहती है कि कंगारू मदर केयर अपनाने से पहले डाक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय के एसएनसीयू  कक्ष में इसे अपनाने की जानकारी  निःशुल्क दी जाती है।

Majlis me Moulana Haider Abbas bole

जनाबे फातिमा बड़ी अजीम शख्सियत की मालिक



Varanasi (dil india live). अर्दली बाजार में बेला हैदर जै़न के संयोजन में इमामबाड़ा मीर गुलाम अब्बास में अय्यामे फातमी के सिलसिले से तीन दिवसीय मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद हैदर अब्बास (गोपालपुर सीवान) ने कहा कि जनाबे फातिमा की शक्सियत बड़ी ही अज़ीम है। जिसके बारे में खुद मसीही लेखक सुलेमान कततानी लिखता है कि मुझे अफसोस है कि मैंने फातिमा की फजीलत को एक आम कागज और एक आम कलम से लिखा, उनकी फजीलत लिखने के लिए इतना जरूरी है कि गुलाब की पत्तियां हो और अतरो मुश्क की रौशनाई हो उससे फातिमा की फजीलत को लिखा जाए, लिहाजा हमें चाहिए के अदबे फातमी को सीखें और उसे अपनाएं और जनाबे सैयदा की तरह परवरदिगार की कुरबत तलब करें ताकि हमारी दुनिया और आखिरत दोनों कामयाब हो सके।

पेशखानी नबील हैदर, दर्द भरे नौहे ज़ैद अली ने पेश किया।मजलिस मे शिरक़त करने वाले मुख्य मोमनिनो में हाजी अबुल हसन, एजाज़ अब्बास, ज़फ़र अब्बास, हसन मेंहदी कब्बन, फिरोज़ नकवी, मेराज रिज़वी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। 

Cristmas के पूर्व United Carrol में गूंजे मसीही गीत

Maha girja में Yeshu जन्म की जीवंत हुई गाथा 

खूबसूरत कैरौल से गूंजा मरियम का आंगन







Varanasi (dil india live). सेंट मैरीज़ महागिरजा घर में यूनाइटेड केरौल सर्विस 2022 का भव्य आयोजन इतवार को किया गया। इस दौरान खूबसूरत कैरोल गीतों से मरियम का आंगन गूंजता रहा। आयोजन में छोटे बड़े तकरीबन 32 चर्च ने भाग लिया। इसमें बनारस और आसपास के सभी चर्च की कलीसिया मौजूद थी।एक मंच पर प्रोटेस्टेंट व कैथोलिक नज़र आते। गीत संगीत के लगभग 2000 लोग गवाह बने। यहां स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टाल लगे थे, जिसमें कबाब, टिक्का, कॉफी, चाउमीन, केक, एग रोल, आइसक्रीम आदि का सभी लुत्फ उठाते नज़र आये। कैरोल संग यीशु मसीह के जन्म की झांकी भी यहां देखने को मिली।

इस कार्यक्रम में को भव्य रूप से आयोजित करने में वाराणसी के bishop यूजीन, फादर अगस्टिन, पास्टर एसपी सिंह, चर्च आफ बनारस के paster बैंनजॉन, पास्टर अजय, पास्टर आर एल जॉन, शिवपाल, पश्चात, वंदना चार्ल्स, पास्टर पूनम, पास्टर अनीता सिंह आदि मौजूद थे। 

कार्यक्रम के अंत में होली नाइट का आयोजन किया गया, जिसमें सभी के हाथों में कैंडल थी और प्रभु यीशु मसीह के आगमन को लेकर गीत गाए जा रहे थे। इस दौरान सारी लाइटें ऑफ कर दिया गया था, होली नाइट का आयोजन बहुत ही शानदार स्मरणीय रहा। सभी लोगों ने बहुत ही शांति से यीशु मसीह के जन्मदिवस के आगमन के तीसरे संडे को, हैप्पी क्रिसमस, मैरी क्रिसमस...कि सजाएं बुलंद की। एक दूसरे को बड़े दिन की बधाइयां दी और एक दूसरे को केक खिलाया। 

इससे पूर्व लाल गिरजाघर में व्हाइट गिफ्ट्स सर्विस का आयोजन सचिव विजय दयाल कि अगुवाई में हुआ।इस दौरान पादरी संजय दान ने आराधना कराती। शाम में तेलियाबाग में पादरी आदित्य कुमार की अगुवाई में प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। यहां काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग मौजूद थे।

रविवार, 11 दिसंबर 2022

Mister benaras बने vikas, Vijay बने मिस्टर मसलमैन

Anand केशरी को मिस्टर प्रोग्रेसिव का खिताब मिला




Varanasi (dil india live)। प्रतिष्ठापरक मिस्टर बनारस का खिताब विकास मौर्य के नाम रहा, वहीं कड़े मुकाबले में दूसरे स्थान पर रहे विजय पटेल मिस्टर मसलमैन का खिताब जीतने में सफल रहे। आंनद केशरी को मिस्टर प्रोग्रेसिव का खिताब मिला।

काशी डिस्ट्रिक्ट बॉडी बिल्डिंग एवं फिटनेस एसोसिएशन के तत्वावधान में रविवार को पाण्डेयपुर, खजूरी स्थित तुलसी निकेतन बालिका इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित तीसरे मिस्टर बनारस प्रतिस्पर्धा में 125 से अधिक बॉडीबिल्डरों ने मिस्टर बनारस के प्रतिष्ठापरक खिताब के लिये जोर आजमाइश की। मिस्टर बनारस एवं मिस्टर मसलमैन को पुरस्कार स्वरूप नकद राशि, ट्राफी, सर्टिफिकेट, टीशर्ट आदि प्रदान किया गया।

इससे पहले विभिन्न भार वर्ग में बॉडी बिल्डरों ने अपना दमखम दिखाया। 0-55 किलोग्राम भारवर्ग में आशीष यादव प्रथम, श्रीकांत चौधरी द्वितीय एवं सचिन निषाद तृतीय स्थान पर रहे। 55-60 किलोग्राम भारवर्ग में आनंद केशरी प्रथम, आशीष पाल द्वितीय एवं दानिश तीसरे स्थान पर रहे। 60 - 65 किलोग्राम भारवर्ग में विकास चौधरी प्रथम, अरविंद साहनी द्वितीय एवं कृष्णा तृतीय स्थान पर रहे। 65-70 किलोग्राम भारवर्ग में विजय पटेल प्रथम, प्रभाकर सिंह द्वितीय तथा प्रज्ज्वल तीसरे स्थान पर रहे। 70 से 75 किलोग्राम भारवर्ग में रोहित जायसवाल प्रथम, सौरभ सिंह दूसरे तथा शिवम यादव तीसरे स्थान पर रहे। 

75 से अधिक किलोग्राम भारवर्ग में प्रांशु यादव प्रथम, गौरव वर्मा द्वितीय, नवनीत साहू तृतीय स्थान पर रहे। 

फिटनेस फिजिक की स्पर्धा में रजत सिंह प्रथम, सौरभ सिंह दूसरे तथा सलीम कुरैशी तीसरे स्थान पर रहे। इन्हें पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी, मेडल, टीशर्ट एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत माता मिशन पीठाधीश्वर स्वामी विवेक चैतन्य महाराज, विशिष्ट अतिथि सरित कुमार सिंह, डॉ. वी.के. सिंह आदि ने खिलाड़ियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम का संयोजन अध्यक्ष अहमद फैसल महतो तथा महासचिव विकास चौरसिया ने किया। निर्णायक मण्डल में फसरूद्दीन खान, मिस्टर इण्डिया गोविंद झा, मिस्टर इण्डिया अवधेश यादव रहे। इस अवसर पर अनिकेत यादव, सुभाष चंद्र चौरसिया, एडवोकेट फिरदौसी, मयंक उपाध्याय, प्रताप बहादुर सिंह, रोमा, निसार अहमद, राजेंद्र, कबीर, रियासुद्दीन, राकेश पाण्डेय, कैश आदि सहयोग में रहे।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...