शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

अग्रवाल समाज को देंगे नयी पहचान,नया रुप

समाज समृद्ध बने, होगा ठोस प्रयास: संतोष अग्रवाल  
वाराणसी (dil India live )। श्री काशी अग्रवाल समाज के चुनाव 2022-25 के  नव निर्वाचित सभापति संतोष कुमार अग्रवाल ने अपने जीत का श्रेय अग्रवाल समाज के समस्त सदस्यों मतदाताओं एवं शुभचिंतको को दिया है। उन्होंने कहा कि सभी सम्मानित अग्र बन्धुओं ने समाज में बदलाव लाने के उदेश्य से युवा एवं महिला सभासदों को चुनकर भेजा है। इसके लिए सभी का आभार एवं धन्यवाद देते हैं। समस्त सभासदों एवं कार्यकारिणी के समस्त सदस्यों को जीत की बधाई देते हुए मिलजुल कर समाज के विकास में योगदान देने एवं समाज को और समृद्ध बनाने का आह्वान किया। पीली पर्ची के समस्त टीम 55 के सदस्यों ने अग्रवाल समाज के नये सभापति संतोष कुमार अग्रवाल का माल्यार्पण कर स्वागत एवं सम्मान किया तथा भारी मतों से जीत होने पर उन्हें बधाई दी।

 नव नियुक्त सभापति ने सभी सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने शांति पूर्ण ठंग से चुनाव संपन्न कराने में चुनाव अधिकारी संजय अग्रवाल, उपचुनाव अधिकारी अवधेश अग्रवाल, निर्वाचन कार्य में लगे समस्त कर्मचारियों तथा मीडिया बंधुओं के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।

उन्होंने बातचीत में कहा कि श्री काशी अग्रवाल समाज को वर्तमान परिवेश में डिजिटल इंडिया कि महत्ता को बढ़ावा देते हुए समस्त कार्यों को डिजिटलाइज्ड कर आनलाइन किया जायेगा और समस्त कार्यों में पारदर्शिता लायी जाएगी। समाज द्वारा संचालित समस्त संस्थाओं में पढ़ाई के आधुनिक संसाधन के साथ स्मार्ट क्लास को बढ़ावा देने के लिए पूरा प्रयास किया जायेगा। छात्राओं को स्किल्ड कोर्स के साथ रोजगार से जोड़ने का भी प्रयास किया जायेगा। समस्त अग्र बंधुओं को शादी विवाह के प्रयोजन के लिए नये मैरिज लान बनाने की भी योजना है जिससे समाज के सभी तबके के लोगों को उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा। श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज के लिए परमानंदपुर में पूर्व प्रबंधक स्व. संदीप अग्रवाल के लॉ फैकल्टी बनाने के सपने को साकार करना हमारी प्राथमिकता होगी। हमारा अगला तीन साल चुनौतियों से भरा है, लेकिन हम सभी मिलजुल कर उसका सामना कर समाज को विकास की नई ऊचाईयों पर लें जाने का प्रयास करेंगे। 

उक्त अवसर पर रंजना अग्रवाल, उपसभापति नीरज अग्रवाल, डॉ राजेश अग्रवाल अग्रसेन पीजी कॉलेज की प्रबंधक डॉ मधु अग्रवाल,  उप प्रबंधक डॉ रूबी शाह, मंत्री समाज राकेश जैन, अर्थ मंत्री गौरव अग्रवाल सीए, नारायण अग्रवाल सीए योगेश अग्रवाल पासा वाले, बृज कमलदास अग्रवाल, गोविन्द अग्रवाल, विनय अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, बजरंग अग्रवाल, सचिन अग्रवाल विजय कृष्ण अग्रवाल मून जी, अरुण अग्रवाल बुलानाला, डॉ रचना अग्रवाल मिलन अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, अर्चना अग्रवाल, अमिता अग्रवाल, अम्बिका अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल आदि मौजूद थी। संचालन सलिल अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन अमोद अग्रवाल नें दिया।

गुरुवार, 21 अप्रैल 2022

पैगामे रमज़ान

रब को याद करने, दुनिया को भुलाने का नाम रमज़ान

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। हिजरी साल के 12 महीने में रमजान 9 वा महीना है। यह महीना मुसलमानों के लिए ख़ास मायने रखता है। इसलिए भी कि इस महीने को रब ने अपना महीना कहा है, इस महीने को संयम और समर्पण का महीना कहा जाता है।इस्लाम के मुताबिक रमज़ान को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पहला 10 दिन का अशरा रहमत का होता है इसमें रोज़ा नमाज़ इबादत करने वाले बन्दों पर अल्लाह अपनी रहमत अता करता है। दूसरा अशरा मगफिरत का होता है इसमें बन्दे कि गुनाहों को रब माफ कर देता है रमज़ान में रब से माफ़ी मांगने, तोबा करने कि तमाम लोग खूब कसरत करते है, तो अल्लाह उसे जल्दी माफ़ कर देता है। तीसरा अशरा जहन्नुम से आज़ादी का है, यानी जिसने रमज़ान का 30 रोज़ा मुक्म्मल किया रब उसे जहन्नुम से आज़ाद कर देता है। इसलिए सभी मोमिनीन को रमज़ान को मुक्म्मल इबादत में गुज़ारना चाहिए।

माहे रमज़ान में अल्लाह का हर नेक बंदा  रूह को पाक  करने के साथ अपनी दुनियावी हर हरकत को पूरी तत्परता के साथ वश में रखते हुए केवल अल्लाह की इबादत में ही समर्पित हो जाता है। रमजान में खुदा की इबादत बहुत असरदार होती है। इसमें सुुुुबह सहर से शाम मगरिब कि अज़ान होने तक रोज़ेदार खानपान सहित सभी ख्वाहिशाते दुनिया को भुला कर खुद पर न सिर्फ संयम रखता है, बल्कि तमाम बुराईयो से माफी-तलाफी भी करता है इसे अरबी में सोंम कहा जाता है।

यूं तो रब की इबादत जितनी भी कि जाये कम है मगर रमजान में खुदा की इबादत मोमिनीन और तेज़ कर देता है, क्यो कि रमज़ान के दिनों में इबादत का खास महत्व है। यही वजह है कि इस माहे मुबारक में रोज़ेदार जकात देता है, जकात का अपना महत्व है, जकात अपनी कमाई में से ढाई प्रतिशत गरीबों में बांटने को कहते है,  जकात ‌देने से खुदा बन्दे ‌के कारोबार और माल में बरकत के साथ ही उसकी हिफाज़त भी करता है, इस्लाम में नमाज़, रोज़ा, हज समेत पांच फराईज़ है। माहे रमज़ान न सिर्फ  रहमतों, बरकतो की बारिश का महीना हैं, बल्कि समूचे मानव जाति को इंसानियत, भाईचारा, प्रेम, मोहब्बत और अमन-चैन का भी पैगाम देता है। नमाज़ के बाद रमज़ान मुसलमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। ऐ पाक परवरदिगार तमाम आलम के लोगों को रमज़ान की नेकियों से माला माल कर दे...आमीन।

मो. शाहिद खान

सामाजिक कार्यकर्ता, नदेसर, वाराणसी


नामांकन मेले में किया जागरूक

सुंदरपुर में शिक्षकों ने लगाया नामांकन मेला 


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। नगर क्षेत्र में सुंदरपूर के झमगड़वा बस्ती में आज वृहस्पतिवार को प्रातः 7 बजे से स्कूल चलो अभियान 2022 के अंतर्गत नामांकन मेला केंद्र का आयोजन किया गया,जिसमे ग्रामीण क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों के अध्यापकों ने सरकारी स्कूल में नामांकन के लिए विशेष अभियान चलाकर घर घर संपर्क कर नामांकन के लिए जागरूकता के साथ नामांकन किया। परिषदीय स्कूलों में सरकार की ओर से निशुल्क शिक्षा के साथ पुस्तकें, ड्रेस स्वेटर, बैग, जूता मोज़ा इत्यादि निःशुल्क दिया जाता है,प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा नई नई तकनीकी से शिक्षा दी जाती है,जिसके कारण सरकारी स्कूल कांवेंट से बेहतर है।

      नामांकन जागरूकता अभियान और नामांकन मेले में सुंदरपुर झमगड़वा के ग्राम प्रधान, प्राथमिक कन्या विद्यालय सुंदरपुर की प्रिंसिपल गायत्री निगम, कम्पोजित विद्यालय की प्रिंसिपल सुमन पाण्डेय, सत्येंद्र सिंह यादव, एहतेशामुल हक, अरविंद कुमार यादव, शकील अहमद अंसारी, हुसैन अहमद आरवी, शशिकांत, महबूब आलम, हेमंत कुमार मौर्य, सदगुरु शरन चतुर्वेदी, कल्याण कृष्ण, अमोद श्रीवास्तव,कमरुद्दीन, मो इकबाल, सतीश कुमार आदि ने योगदान किया।

स्वास्थ्य मेले में 250 लोगों ने लिया स्वास्थ्य मेले का लाभ



ग़ाज़ीपुर, 21 अप्रैल (dil India live )। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा आमजन को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए 18 से 23 अप्रैल तक आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रत्येक ब्लॉक पर स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिस के क्रम में गुरुवार को रेवतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ ब्लाक प्रमुख अजिताभ राय के द्वारा दीप प्रज्वलन व फीता काटकर किया गया। इस दौरान उन्होंने अन्य विभागों के द्वारा लगाए गए विभागीय स्टॉल का भी निरीक्षण किया। आज के इस स्वास्थ्य मेले में करीब 250 लोगों का स्वास्थ्य जांच एवं दवा वितरण का किया गया।

निरीक्षण के उपरांत आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए ब्लाक प्रमुख अजिताभ राय ने विभाग के कार्यक्रमों की उपलब्धि पर समस्त कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए भविष्य में बेहतर कार्य करने एवं अच्छा कार्य करने की शुभकामनाएं दी। साथ ही भविष्य में अपने स्तर से यहां पर कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए जो भी मदद संभव होगा उसे वह जरूर करेंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन से सरकार के द्वारा चलने वाली सभी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम भी है।

बीपीएम बबीता सिंह ने बताया कि इस स्वास्थ्य मेले में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा गर्भवती की गोद भराई एवं 5 साल से कम उम्र के बच्चों का अन्नप्राशन कार्यक्रम भी किया गया। इसके अलावा टीकाकरण ,आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थियों का कार्ड बनाया जाना, कोविड-19 टीकाकरण ,कोविड-19 जांच के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य के रखरखाव संबंधित जानकारी भी लोगों को दी गई।

इस कार्यक्रम में कार्यक्रम के नोडल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ मनीष कुमार चिकित्सा अधीक्षक, डॉ अनिल कुमार, डॉ आर के सिंह, डॉ संजय कुमार चिकित्सा अधिकारी, बीसीपीएम सुनील कुमार, आनंद कुमार ,आशुतोष कुमार सिंह, अभिषेक उपाध्याय, अखिलेश कुमार ,रवि शेखर गौतम, श्री राम चंद्र गौड़ के साथ ही ब्लॉक की समस्त एएनएम,आशा संगिनी एवं आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

गुरु तेग बहादुर साहिब का मना प्रकाश पर्व


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। हिन्द की चादर कहे जाने वाले सिखों के नवे पातशाह गुरु तेग बहादुर साहिब का 401 प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। गुरु तेग बहादुर साहिब के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में शबद-कीर्तन व अरदास हुआ। यहां मंगलवार को रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब जी की समाप्ति आज गुरुवार को हुयी। इस दौरान प्रात: नितनेम पाठ, आसा दी वार का कीर्तन उपरान्त 8:30 बजे श्री अखण्ड पाठ साहिब जी की समाप्ति हुयी तथा सवेरे 8:45 बजे से 10:00 बजे तक कीर्तन दीवान सजा जिसमें गुरुद्वारा नीचीबाग के हजूरी रागी भाई रकम सिंह अमृतवाणी शब्द कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। दीवान समाप्ति अरदास प्रसाद वितरण उपरान्त गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई जगतार सिंह ने गुरुद्वारे में आये सभी श्रद्धालुओं / संगत का शुक्रिया अदा किया एवं अरदास किया कि देश से करोना महामारी जल्द से जल्द ठीक हो। देश में खुशहाली हो।

गुरु तेग बहादुर के चोले के आज भी होते हैं दर्शन

गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में संरक्षित है गुरु का चोला 




वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर साहिब का काशी से गहरा नाता रहा है। यही वजह है की वो यहां लम्बे समय तक ठहरे थे और जाते वक्त भक्तों को अपना वस्त्र (चोला) दे गये। सरदार हरजिंदर सिंह राजपूत बताते हैं कि जब भक्तों ने कहा आपका दर्शन कैसे होगा तब नवें पातशाह ने अपना चोला दे कर कहा था कि इसे देखकर मेरा दर्शन होगा।

आज भी गुरु तेग बहादुर साहिब का बेशकिमती चोला गुरुद्वारे में संरक्षित है। जब गुरु तेग बहादुर यहां आए थे तो गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में ही उन्होंने सात महीने 13 दिन तप किया था। जाते समय मखमली चोला कुर्ता निशानियां और चरण पादुका छोड़कर चले गये थे। जो आज भी गुरुद्वारे में संरक्षित है। इसके दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ता हैं। यही नहीं यहां दसवें पातशाह गुरु गोविन्द सिंह के बाल्यकाल के भी वस्त्र मौजूद हैं।

भाई धर्मवीर सिंह कहते हैं कि गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में उन्होंने सात महीने 13 दिन साधना की थी। उनकी साधना से प्रसन्न होकर मां गंगा उनके पास आ गई थीं। आज भी उस जल के सेवन से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। देश दुनिया के सिख समाज के लोग जब गुरुद्वारा नीचीबाग आते हैं तो यहां पानी जरूर पीते हैं। गुरुद्वारे के सहायक ग्रंथी भाई धर्मवीर सिंह ने बताया कि गुरु तेग बहादुर साहिब 356 साल पहले 1666 ई. में पंजाब से दिल्ली, आगरा, मथुरा, कानपुर, प्रयागराज, मिजार्पुर और चुनार होते काशी पहुंचे थे। जब उनके अनुयायी भाई कल्याण को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने उनके के लिए नीचीबाग स्थित अपने घर को सजाया। यहां गुरु तेग बहादुर ने सात माह 13 दिन तक श्रद्धालुओं को उपदेश दिए।

पूर्णिमा के दिन गुरु स्नान की तैयारी में थे तभी भाई कल्याण ने कहा कि आज ग्रहण का दिन है। दूर-दूर से लोग यहां गंगा स्नान को आते हैं। चलिए गंगा स्नान कर आते हैं। इस पर गुरु तेग बहादुर ने कहा कि भाई कल्याणजी अमृत बेला का समय बीतता जा रहा है। यहीं स्नान कर लेते हैं। भाई कल्याण ने विनती करते हुए कहा कि गंगा यहां से आधा मील ही दूर हैं। गुरु तेग बहादुर ने कहा कि गंगा स्नान करने क्या जाना यही गंगा को बुला लेते हैं। यह कहते ही सतगुरू ने अपने चरणों से एक पत्थर की शिला हटाई तो गंगा की निर्मल जल धारा फूट पड़ी। यह देख भाई कल्याण उनके चरणों में गिर पड़े। बाद में गुरु तेग बहादुर साहिब के जाने के बाद शानदार गुरुद्वारा नीचीबाग का निर्माण हुआ। जहां गुरु तेग बहादुर साहिब की यादें उनके चोला और जूते के तौर पर आज भी संरक्षित है।

बुधवार, 20 अप्रैल 2022

वो दर्दनाक अज़ाब में गिरफ्तार होंगे जो ज़कात नहीं देते

ज़कात हर साहिबे निसाब के लिए वाजिब

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। ज़कात देना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है। साहबे नेसाब वो है जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी में से कोई एक हो, या फिर बैंक, बीमा, पीएफ या घर में इतने के बराबर साल भर से रकम रखी हो तो उस पर मोमिन को ज़कात देना वाजिब है। ज़कात शरीयत में उसे कहते हैं कि अल्लाह के लिए माल के एक हिस्से को जो शरीयत ने मुकर्रर किया है मुसलमान फक़़ीर को मालिक बना दे। ज़कात की नीयत से किसी फक़़ीर को खाना खिला दिया तो ज़कात अदा न होगी, क्योंकि यह मालिक बनाना न हुआ। हां अगर खाना दे दे कि चाहे खाये या ले जाये तो अदा हो गई। यूं ही ज़कात की नियत से कपड़ा दे दिया तो अदा हो गई। 

ज़कात वाजिब के लिए चंद शर्ते :

मुसलमान होना, बालिग होना, आकि़ल होना, आज़ाद होना, मालिके नेसाब होना, पूरे तौर पर मालिक होना, नेसाब का दैन से फारिग होना, नेसाब का हाजते असलिया से फारिग होना, माल का नामी होना व साल गुज़रना। आदतन दैन महर का मोतालबा नहीं होता लेहाज़ा शौहर के जिम्मे कितना दैन महर हो जब वह मालिके नेसाब है तो ज़कात वाजिब है। ज़कात देने के लिए यह जरूरत नहीं है कि फक़़ीर को कह कर दे बल्कि ज़कात की नीयत ही काफी है।

फलाह पाते हैं वो जो ज़कात देते है

नबी-ए-करीम ने फरमाया जो माल बर्बाद होता है वह ज़कात न देने से बर्बाद होता है और फरमाया कि ज़कात देकर अपने मालों को मज़बूत किलों में कर लो और अपने बीमारों को इलाज सदक़ा से करो और बला नाज़िल होने पर दुआ करो। रब फरमाता है कि फलाह पाते हैं वो लोग जो ज़कात अदा करते है। जो कुछ रोज़ेदार खर्च करेंगे अल्लाह ताला उसकी जगह और दौलत देगा, अल्लाह बेहतर रोज़ी देने वाला है। आज हम और आप रोज़ी तो मांगते है रब से मगर खाने कि, इफ्तार कि खूब बर्बादी करके गुनाह भी बटौरते है, इससे हम सबको बाज़ आना चाहिए। 

उन्हे दर्दनाक अज़ाब की खुशखबरी सुना दो

अल्लाह रब्बुल इज्जत फरमाता है जो लोग सोना, चांदी जमा करते हैं और उसे अल्लाह की राह में खर्च नहीं करते उन्हें दर्दनाक अज़ाब की खुशखबरी सुना दो। जिस दिन जहन्नुम की आग में वो तपाये जायेंगे और इनसे उनकी पेशानियां, करवटें और पीठें दागी जायेगी। और उनसे कहा जायेगा यह वो दौलत हैं जो तुमने अपने नफ्स के लिए जमा किया था। ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदके में हम सबका रोज़ा कुबुल कर ले और हम सबको ज़कात देने की तौफीक दे..आमीन।

   मौलाना शमशुद्दीन साहब

{इमाम, जामा मस्जिद कम्मू खान, डिठोरी महाल, वाराणसी}

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...