रविवार, 3 अप्रैल 2022

रमजान की इबादत से फिर चमक उठी दुनिया

 रमज़ान का पैगाम-1 (03-4-2022)

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीना रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है, और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे कि मिसाल पेश कर रहे हैं। दौड़-भाग और खुदगर्जी भरी जिंदगी के बीच इंसान को अपने अंदर झांकने और खुद को अल्लाह की राह पर ले जाने की प्रेरणा देने वाले रमजान माह में भूख-प्यास समेत तमाम शारीरिक इच्छाओं तथा झूठ बोलने, चुगली करने, खुदगर्जी, बुरी नजर जैसी सभी बुराइयों पर लगाम लगाने की मुश्किल कवायद रोजेदार को अल्लाह के बेहद करीब पहुंचा देती है। वाराणसी के युवा पत्रकार मो. रिज़वान का नज़रिया देखे...

रमजान की फजीलत

माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम इच्छाओं को रोकता है। बदले में अल्लाह अपने उस इबादत गुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है, इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रमजान इंसान के अंदर जिस्म और रूह है। आम दिनों में उसका पूरा ध्यान खाना-पीना और दीगर जिस्मानी जरूरतों पर रहता है लेकिन असल चीज उसकी रूह है। इसी की तरबीयत और पाकीजगी के लिए अल्लाह ने रमजान बनाया है रमजान में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। साथ ही इस माह में दोजख  के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं, जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है।

रमज़न के तीन अशरे

अमूमन 30 दिनों के रमजान माह को 10-10 दिन केे तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा ‘रहमत’ का है। इसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की दौलत लुटाता है। दूसरा अशरा ‘मगफिरत’ का है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को गुनाहों से पाक कर देता है। यानी रोज़ादारो की मगफिरत कर देता है। तीसरा अशरा जहन्नुम से आज़ादी का है। जिसने तीनों अशरा कामयाबी से पूरा किया रब उसे जहन्नुम से आज़ाद कर देता है।

इस माह  की विशेषताएं

महीने भर के रोज़े  रखना, रात में तरावीह की नमाज़ पढना, क़ुरान की तिलावत करना, एतेकाफ़ में बैठना, अल्लाह से दुआ मांगना, ज़कात देना, अल्लाह का शुक्र अदा करना। इसीलिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान पढना। जिससे क़ुरान पढना न आने वालों को क़ुरान सुनने का सबाब ज़रूर मिलता है।रमजान को नेकियों का मौसम-ए-बहार  कहा गया है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजो के साथ, कुरआन, दान धर्म करता है यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है, इस महीने के गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं। यानी जिसने माह भार रोज़ा रखा ईद उसी की है। या हर मुुसलमान को रोज़ा रखने कि तौफीक देेे…आमीन।

शनिवार, 2 अप्रैल 2022

चांद के दीदार संग रमज़ान का हुआ आगाज़

बनारस में चांद देखने उमड़ा लोगों का हुजुम 

  • रहमतों का महीना है रमज़ान


वाराणसी २ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। इंतजार का वक्त खत्म हो गया है। रहमत, बरकत और मगफिरत के महीने रमजान का आगाज़ चांद के दीदार संग हो गया। चांद के दीदार के साथ ही मस्जिदों में नमाजे तरावीह अदा की गई। इतवार को मुस्लिम पहला रोजा रखेंगे। इससे पहले २९ वीं शाबान के चांद के दीदार के लिए लोगों का हुजूम घरों, मस्जिदों व मैदानों में उमड़ा। लोगों ने चांद के दीदार संग अमन, मिल्लत व तरक्की की जहां रब से दुआएं मांगी वहीं सभी ने रमजान मुबारक का मैसेज एक दूसरे को भेज कर बधाईयां दी। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

रमज़ान के पहले रोज़े की तैयारियां देर रात तक चलती रही। रमज़ान महीने को काफी खास और पाक माना जाता है। इस पूरे महीने लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। माना जाता है कि इसी महीने में पैगंबर मुहम्मद (स.) के सामने इस्लाम की पवित्र किताब कुरान नाज़िल हुई थी। दुनिया भर में मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस पाक महीने का इंतजार रहता है। रमज़ान के बाद ईद मनाई जाती है।

नवरात्र: शक्ति की भक्ति में लीन हुई काशी

प्रथम दिन शैलपुत्री देवी के दर्शन को उमड़ा सैलाब

वाराणसी (dil India live )।वासंतिक नवरात्र के प्रथम दिन आज अलईपुर इलाके में स्थित शैलपुत्री देवी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ा। भोर से दर्शन करने वालों की कतार लग गयी थी। हजारों महिला-पुरुष संग युवा भी मातारानी की गगनभेदी जयकारे लगा देवी के दर्शन करते रहें।मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त किये गए थे।पुलिस संग मंदिर कमेटी के लोग भीड़ नियंत्रण में जुटे रहें।आसपास के क्षेत्र में मालाफूल,चुनरी नारियल के अलावा खिलौने,जलपान की सैकड़ो दुकानें सज गयी थी।चहुओर मेले जैसा नजारा दिखा।वहीँ दूसरी ओर नवगौरी के दर्शन पूजन के क्रम में  गायघाट स्थितमुख निर्मालिका गौरी का पूजन हुआ। कोरोना काल में विगत दो वर्षो के बाद नवरात्र में दर्शनार्थियों की अपार भीड़ हुई।शहर के दुर्गाकुंड स्थित दुर्गामंदिर, भदैनी स्थित नवदुर्गा, रामनगर स्थित दुर्गामंदिर आदि देवी मंदिरों में भक्त दर्शन पूजन में लीन दिखें। आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी नवरात्र का उत्साह देखने को मिला। देवी मंदिरों में भक्तों की लम्बी कतार लगी थी। कई स्थानों पर मेले जैसा दृश्य दिखा। मंदिर परिसर में बज रहे देवी गीत पर श्रद्धालु झूमते नजर आये। 

नवरात्र के प्रथम दिन आज सड़को पर भोर से ही काफी चहल-पहल रही। मोटर-गाड़ी दौड़ते दिखे। लोग अपने वाहनों से दर्शन पूजन को मंदिर की ओर जाते दिखे।लक्ष्मीकुंड,शीतला मंदिर,संकठा मंदिर में भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही।

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2022

काशी पंचकर्म एवं आयुर्वेद का बनेगा हब

आयुष मंत्री  का स्वागत


वाराणसी 1 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंंत्री दयाशंकर मिश्र "दयालु" के पदभार ग्रहण ग्रहण करने के बाद प्रथम नगर आगमन पर आयुष परिवार की तरफ से औपचारिक स्वागत किया गया। स्वागत करने वालो क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा.भावना द्विवेदी तथा विश्व आयुर्वेद परिषद के पदाधिकारी डा. कमलेश द्विवेदी (राष्ट्रीय सम्पर्क प्रमुख), डा. उमेश दत्त पाठक (कोषाध्यक्ष एवं प्रभारी औषधि निर्माता प्रकोष्ठ), डा. मनीष मिश्र (शिक्षक प्रकोष्ठ प्रभारी) डा. शैलेन्द्रसिंह , कौशलेंद्र कुमार सिंह एवं डा. राजीव शुक्ला ने कार्यकर्ताओ सहित मुलाकात की। इस अवसर पर आयुष मंत्री ने कहा कि योग के साथ आयुर्वेद भी केन्द्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता में है और प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशन में उत्तर प्रदेश और विशेष रुप से काशी पंचकर्म एवं आयुर्वेद का हब बनेगा।

इस अवसर पर आयुष मंत्री ने विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा अगामी 22 से 24 अप्रैल तक भोपाल मध्यप्रदेश मे आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद युवा महोत्सव संयोजनम्-2022 का पोस्टर तथा परिषद की नवसंवत्सर की डायरी का विमोचन किया।

रमजान मुबारक: चांद दिखा तो होगा रमज़ान का आगाज़

कल चांद रात, उमड़ेगी चांद देखने वालों की भीड़

रहमतों, बरकतों का महीना है रमज़ान


वाराणसी ०१ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। रहमत, बरकत और मगफिरत के महीने रमजान में अब महज़ कुछ ही वक्त रह गए हैं। कल चांद रात है, अगर चांद दिखा तो माहे रमज़ान का शनिवार की रात नमाज़े तरावीह के साथ आगाज़ हो जाएंगा, इतवार को मोमिनीन पहला रोज़ा रखेंगें, अगर चांद नहीं दिखा तो इतवार को चांद रात और सोमवार को पहला रमज़ान होगा। दरअसल हिजरी कैलेंडर में २८, ३१ तारीख का कोई वजूद नहीं है। हिजरी महीना चांद पर आधारित है। इसलिए कभी २९ दिन का तो कभी ३० दिन का होता है। इसलिए हर साल तकरीबन १० दिन इस्लामी पर्व पहले आ जाता हैं। रमज़ान की तैयारियां अंतिम चरण में है। कल चांद देखने मोमिनीन मस्जिदों, मैदानों और घरों की छतों पर एकत्र होंगे। चांद के दीदार के साथ ही तय होगा कि रमज़ान कब से शुरू होगा।

रमज़ान महीने को काफी खास और पाक माना जाता है। इस पूरे महीने लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं। रमजान इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना है। इस साल रमजान का महीना 2 या 3 अप्रैल से शुरू होगा। इसी महीने में पैगंबर हज़रत मुहम्मद (स.) के सामने इस्लाम की पाक किताब कुरान नाज़िल हुई थी। दुनिया भर में मुस्लिम इस पाक महीने का इंतजार करते है। रमज़ान के बाद ईद की खुशियां मनाई जाती है।

मशहूर शायर कारी शाहबुद्दीन के वालिद का इंतेकाल

कल जुमे बाद होंगे सुपुर्दे ख़ाक

वाराणसी ३१ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मशहूर शायर हाफ़िज़ कारी शाहबुद्दीन के वालिद (पिता) अमीर बेग का आज इंतेकाल हो गया है। वो अपनी जिंदगी के १०० वर्ष मुकम्मल कर चुके थे। कल जुमे की नमाज के बाद सोनभद्र के घोरावल सिथत आबाई कब्रिस्तान में सुपुर्दे ख़ाक किया जाएगा।

गुरुवार, 31 मार्च 2022

शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते: विरेन्द्र सिन्हा

रज़िया सुल्ताना का सम्मान और विदाई समारोह सम्पन्न 


वाराणसी ३१ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। चिराईगांव विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सरायमोहाना की प्रधानाध्यापिका श्रीमती रज़िया सुल्ताना की सेवानिवृत्ति होने पर उनका सम्मान और विदाई समारोह,विद्यालय परिसर में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष जनार्दन प्रसाद की अध्यक्षता व प्रताप नारायण सिंह के संचालन में सम्पन्न हुआ। धन्यवाद ज्ञापन श्री अनुपम कुमार गुप्ता ने दिया।

       इस अवसर पर मुख्य अतिथि, राज्य संदर्भ दाता समूह के सदस्य राजीव कुमार सिंह ने कहा कि रज़िया जी एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ नेतृत्वकर्ता रही हैं। अपने नौ साल के कार्यकाल में आपने विद्यालय को पस्ती से बुलंदी की ओर अग्रसर किया है। मैडम आज भले ही अपनी सेवा से निवृत हो रही हैं लेकिन उम्मीद है कि अपने कुशल मार्गदर्शन से हमे दिशा निर्देश देती रहेंगी। एक मार्गदर्शक और समाज सेवक के रूप में हमेशा क्रियाशील रहेंगी।सहायक अध्यापक श्री सदगुरू शरण चतुर्वेदी ने कहा कि मैडम का हम सभी सहायक स्टाफ के प्रति व्यवहार एक मां की तरह रहा है, साथ ही आप छात्र-छात्राओं को भी स्नेह प्रदान करती रही हैं। उनका कुशल नेतृत्व हम लोगों के लिए एक ऐसा पदचिन्ह छोड़ कर जा रहा है जिस पर चलने के लिए हम सभी कृत संकल्प हैं। ग्राम प्रधान वीरेन्द्र सिन्हा ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत नहीं होता है वह स्वयं दीपक की तरह जलकर पूरे समाज को रोशनी प्रदान करता है,भले ही रज़िया सुल्ताना जी आज यहां से जा रही हैं, मगर उनसे हमारा, इस गांव का नाता हमेशा बना रहेगा।

इस अवसर पर विद्यालय परिवार की ओर से सेवानिवृत प्रधानाध्यापिका रज़िया सुल्ताना को उपहार एवम स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।


       


  इस अवसर पर एसआरजी राजीव कुमार सिंह, ग्राम प्रधान वीरेंद्र सिन्हा, जनार्दन प्रसाद, अनुपम कुमार गुप्ता, अनुराधा भार्गव, सदगुरू शरण चतुर्वेदी, प्रताप नारायण सिंह, शकील अहमद अंसारी, महबूब आलम, शशिप्रभा, विनोद कुमार यादव, अरविंद कुमार यादव, हेमंत कुमार मौर्य, बीनू, मधुलिका आदि मौजूद थीं।

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...