रविवार, 13 जून 2021

रंग ला रहा है काशी अग्रवाल समाज का प्रयास

आनलाइन महिला प्रशिक्षण शिविर तीसरा सत्र

महिलाएं सीख रहीं कला की बारीकियां

वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। श्री काशी अग्रवाल समाज के श्री अग्रसेन महिला समिति एवं समाज सेवा विभाग द्वारा इस वर्ष ग्रीष्मकालीन महिला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन आनलाइन किया जा रहा है, जिसका तीसरा सत्र प्रारम्भ हो चुका है। दरअसल कोविड19 महामारी के कारण 21 मई से ऑनलाइन संचालित होने वाले इस प्रशिक्षण शिविर के प्रथम और दूसरे सत्र में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं एवं युवतियों ने कूकिंग, हैण्डीक्राफ्ट, सिलाई, पेंन्टिग, कढ़ाई सहित विभिन्न विधाओं एवं कलाओं का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व को निखारा कर आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया। जिसके चलते कहा जा सकता है कि काशी अग्रवाल समाज का प्रयास रंग ला रहा है।

प्रशिक्षण शिविर की संयोजिका मालिनी चौधरी (श्री अग्रसेन महिला समिति) एवं गरिमा टकसाली (सहायक मंत्री, समाज सेवा विभाग) बताती हैं कि 22 जून तक  प्रशिक्षण शिविर प्रशिक्षण चलेगा। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी संघर्ष में कई महिनों से बच्चें घरो में कैद होकर रह गये है। ऐसे में प्रतिदिन पूजा अग्रवाल द्वारा नृत्य की शिक्षा दी जा रही है

अपनी कला का मनवाया लोहा

आनलाइन क्लास मे अग्रसेन नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर में मात्र तेरह वर्ष के प्रशस्त जैन ने मेडिटेशन और ड्राॅइग की अभूतपूर्व क्लास लेकर सभी को अचंभित कर दिया.  बच्चों ने बहुत उत्साहित होकर कक्षाएँ की और अभिवावको ने भी बहुत सराहा। प्रशस्त जैन, मोहित जैन और शगुन जैन के प्रतिभाशाली सुपुत्र है तथा इन्दुभूषन जैन और अनिता जैन के पौत्र है। ऐसे ही जॉनस स्कूल की आठवी कक्षा के  छात्र प्रशस्त को कई कलात्मक अभिरुचियाँ है।चित्रकला के अलावा कैलिग्राफ़ी करने का भी इन्हे शौक है। युवा प्रशस्त की रूचि "ध्यान (meditation) में भी है। अपनी पढ़ाई के अलावा प्रशस्त  खाली समय में पेंटिंग के अलावा ध्यान (meditation) का वर्कशाप भी ऑनलाइन करवाते है। नैसर्गिक गुणों से लबरेज, जिज्ञासु प्रवृति के प्रशस्त को नई और रचनात्मक विषयों को सीखने मे बहुत रुचि  है। समय का सदुपयोग करते हुए प्रशस्त शिक्षाप्रद वीडियोज देखना पसंद करते हैं। प्रशस्त अपने परिवार के साथ बुलानाला में रहते हैं।

अग्रसेन निशुल्क प्रशिक्षण शिविर मे मात्र अठारह वर्ष की सुश्री सृष्टि सिन्हा आनलाइन इन्ग्लिश स्पोकेन छोटे बच्चो का अत्यन्त ही रोचक कक्षा ले रही हैं.. बच्चे बहुत ही खुश हैं... सृष्टि सिन्हा निधि सिन्हा और उदय सिन्हा की प्रतिभाशाली बेटी हैं। 

कला को बनाया अक्सर

महमूरगंज निवासी श्रेया उपाध्याय 19 वर्ष, रचनात्मकता और कला के क्षेत्र को अवसर के रुप में प्रस्तुत कर रही है। श्रेया का भवानी क्रिएशन के नाम से अपना ऑनलाइन स्टोर है.. श्रेया क्रिएटिव और आर्ट्स की ऑनलाइन क्लासेस भी देती हैं, जिसमें लगभग 100 छात्र पंजीकृत हैं। श्रेया ने भवानी क्रिएशन नाम से यूट्यूब चैनल भी बनाया है।



इतनी कम उम्र में श्रेया बच्चों की ही नहीं बल्कि पूरे समाज में एक मिसाल है।

काशी से काबा की उड़ान फिर शुरू कराऊंगा: नौशाद आज़मी

नौशाद आज़मी बोल हज के लिए जारी रहेगा संघर्ष 

वाराणसी 13 जून2021(दिल इंडिया लाइव)। काशी से काबा की उड़ान वर्ष 2018 में बंद होने के बाद आज सेंट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आज़मी ने ऐलान किया है कि जब तक काशी से काबा की उड़ान नहीं शुरु होती है तब तक वो संघर्ष जारी रखेंगे। कोरोना काल खत्म होने पर वो इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलायेंगे।

उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी से दो बार निर्वाचित सदस्य व केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य और लंबे समय से हज यात्रियों के लिए संघर्ष करने वाले हाफिज नौशाद अहमद आजमी ने कहा कि कोविड के चलते हज यात्री 2020 व इस बार 2021 में भी हज यात्रियों के हज पर जाने की उम्मीद खत्म हो गई है। अल्लाह सउदी अरब सहित इस दुनिया को इस संकट से बचाए, ताकि भारतीय मुसलमान भी हज और उमराह के लिए जा सकें।

एक सवाल के उत्तर में नौशाद आजमी ने कहा कि हमने बहुत संघर्ष के बाद 2007 में वाराणसी से हज की उड़ान शुरू की थी जिसमें 6 मई 2006 को मोहम्मदाबाद गोहना में प्रांत का एक ऐतिहासिक हज सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें 25000 से अधिक हज प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। उसके बाद श्री प्रफुल पटेल ने हमसे मुलाकात की और वादा किया कि पूर्वांचल के हजयात्री 2007 में वाराणसी से काबा की उड़ान भरेंगे।

18,8,2006 को, लोकसभा में सांसद श्री रामजी लाल सुमन ने लोकसभा में मांग की कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के यात्रियों को बनारस से यात्रा करने की अनुमति दी जाए। श्री इकबाल सरावगी व हाफिज नौशाद आज़मी 9 मार्च, 2007 को तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह से उनके संसद कार्यालय में मुलाकात की और वाराणसी से हज यात्रियों की उड़ान की मांग की और प्रधान मंत्री ने आश्वासन दिया कि 2007 से उत्तर प्रदेश के वाराणसी से  हजयात्री यात्रा करेंगे। 2007 से पहले वाराणसी हवाई अड्डा एक छोटा हवाई अड्डा था। हज की उड़ान के बाद, वाराणसी हवाई अड्डा एक प्रमुख हवाई अड्डा बन गया। नौशाद आज़मी ने कहा कि 2008 में, 5,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने हज और एक प्रमुख सऊदी एयरलाइंस की उड़ान के लिए यात्रा की। लेकिन आज यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने .2018 में जो हज नीति तैयार की उसमें केवल 9 जगहों को ही हज के लिए चयन किया गया। जबकि 21 इम्बारकेशन प्वाइंट पहले थे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाराणसी में हज समिति के एक सदस्य भी थे, और वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी था लेकिन ये लोग वाराणसी से काबा की उड़ान को नहीं बचा सके।

उन्होने कहा कि हज का पहला काफिला 2007 में हवाई अड्डे से निकल रहा था। जब उद्घाटन समारोह हुआ, तो एक कांग्रेसी सांसद ने पूरे वाराणसी और हवाई अड्डे के रास्ते में अपना नाम यह कहते हुए फहराया कि उन्होंने अपना वादा पूरा किया, जो पूरी तरह से झूठ था। काफिला चला गया, मीडिया के बाहर खड़े लोगों ने पूछा, "आपने पूरी मेहनत की है। आपको आमंत्रित नहीं किया गया है। मीडिया के लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। इंडिया टुडे ने इस इशू को प्रमुखता से प्रकाशित भी किया।, हाफिज नौशाद आज़मी को नाराज़गी है कि बनारस शहर के बुद्धिजीवियों और मुस्लिम सामाजिक संगठनों से उन्होंने सांसद की निंदा नहीं की और उनकी सेवाओं को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया। 

बनारस में हज हाउस भी नहीं बना

 बनारस हज उड़ान शुरू हुए 13 साल बाद भी बनारस में हज हाउस क्यों नहीं बनाया गया? इस पर आज़मी ने सबूत के साथ सवाल का जवाब दिया उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम श्री मुलायम सिंह, के कार्यालय को एक पत्र 16,11,2006 को वाराणसी में हज हाउस के निर्माण के लिए भेजा था जिस पर मुलायम सिंह यादव ने विशेष सचिव श्री जग देव बुलाया गया था, लेकिन 2007 में मायावती सरकार के सत्ता में आने पर बनारस हज हाउस पर केवल सियासत हुई। उन्होने कहा कि वर्ष 2017 से प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार है। लगभग चार साल से राज्य में कोई हज कमेटी नहीं है और लगभग एक साल से कोई सेंट्रल हज कमेटी नहीं है। मैं दो साल से बीमार हूं लेकिन अल्लाह ने मुझे स्वास्थ्य देना शुरू कर दिया है और अल्लाह के मेहमानों की खिदमत करने की भावना मेरे खून की एक-एक बूंद में है। कोरोना कॉल के खत्म होने के बाद, मैं हज की उड़ान और हज हाउस के लिए संघर्ष करूंगा।



अपने-अपने गाँव को बच्चे कराएंगे बालश्रम से मुक्त

बाल श्रम रोकने को बच्चों ने की अनूठी पहल 

विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर बाल पंचायत की संगोष्ठी 

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बाल श्रम को रोकने के लिए अब बच्चों ने भी पहल शुरू कर दी है “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में यह तय हुआ कि बड़ों के साथ मिलकर बच्चे भी इस दिशा में पहल करेंगे और अपने-अपने गांव को बालश्रम से मुक्त कराएंगे । 

”विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर “बाल पंचायत” (बच्चों के हित में बच्चो द्वारा बनाया गया समूह) व ह्यूमन लिबर्टी नेटवर्क की पार्टनर संस्था “मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान” की ओर से आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में बालश्रम, बाल संरक्षण के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई । संगोष्ठी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली, भदोही और जौनपुर के 25 बच्चों ने जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों से बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।

वर्चुअल संगोष्ठी में मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल,  वाराणसी जिले के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा,  वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह, चंदौली के बाल संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा, भदोही की बाल संरक्षण अधिकारी मीना गुप्ता, जौनपुर के  बाल संरक्षण अधिकारी चन्दन राय, चाइल्ड राइटस के अमन ने बच्चों के विचारों को सुना और उनसे बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।

संगोष्ठी में वाराणसी की नीलम, सूरज,  मिर्जापुर के चन्दन, विजय, अजित, भदोही के अमरजीत, प्रीति, जौनपुर के अमित, पंकज, रवी समेत अन्य बच्चों ने अपने- अपने ग्राम-समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही मांग की कि बालश्रम के सभी रूपों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष तक के किसी भी बच्चे को स्कूल के बाद या छुट्टी के दौरान किसी भी घरेलू व्यवसाय में काम करने की अनुमति नही दी जानी चाहिये। गाँव में प्रत्येक बच्चे विद्यालय से जुड़ें रहें और जो बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे, उनके विद्यालय न जाने के कारण जानने के लिये सर्वेक्षण कराया जाये और उनको विद्यालय से जोड़ा जाये। ग्राम स्तर की बाल संरक्षण समितियो से लेकर सभी स्तरों पर बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय किया जाये। इस वर्ष जब ग्राम पंचायत विकास योजना बनायी जाए तो  उसमें बच्चो की सुरक्षा के लिये योजना बनायी जाये और ग्राम पंचायत वार्षिक बजट में गाँव में बाल श्रम को रोकने के लिये बजट बनाया जाये। बच्चों से बात करते हुए वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा ने बच्चो को बाल सुरक्षा व स्पान्सरशीप योजना के बारे जानकरी दी । वाराणसी के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा ने बच्चों को बाल श्रम के रोकथाम कानून  की जानकारी देते हुये बाल श्रम के खात्मे पर प्रकाश डाला। मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल ने भी बच्चों को बाल संरक्षण के बारे में बताया । 

विश्व बाल श्रम विरोध दिवस पर बच्चों ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने की अपील की और नवनिवार्चित ग्राम प्रधानों को  गाँव को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए कहा ।  पाँच जिलों  के 6000 बच्चो ने अपना पाँच सूत्रीय माँग पत्र प्रधानों को दिया व गाँव को बालश्रम से मुक्त बनाने की माँग की । वर्चुअल मीटिंग में नीलम, पंकज ,सुरज , रवी, अजीत ने सक्रिय भूमिका निभाई।

शनिवार, 12 जून 2021

कौन कहता है ईमानदारी खत्म हुई

बीएचयू के छात्र संदीप ने दिया ईमानदारी का सुबूत

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बीएचयू एमएसडब्ल्यू का छात्र संदीप गुप्ता कल अपने दोस्त के साथ सर सुंदरलाल हॉस्पिटल किसी काम से गया था। वापस जाते समय उसे बीएचयू मेन गेट के पास एक पर्स मिला पर्स में ₹5000 नगद, आधार कार्ड, डी एल एवं दो एटीएम थे। संदीप गुप्ता ने तुरंत up dgp यूपी पुलिस एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को ट्वीट किया ट्विटर के आधार पर ही एसीपी वाराणसी ने इस मामले को तुरंत संज्ञान में लिया। नतीजा कुछ ही देर में चौकी प्रभारी बीएचयू ने संदीप गुप्ता से संपर्क कर ट्विटर के आधार पर ही जिनका पर्स खोया था उसने संदीप गुप्ता से संपर्क किया संदीप गुप्ता ने उन्हें भी बीएचयू पुलिस चौकी बुलाया और पुलिस की देखरेख में पर्स को उनके पुत्र आयुष भटनागर को सुपुर्द किया। संदीप ने न सिर्फ पैसे के लालच को दरकिनार कर ईमानदारी का सुबूत पेश किया बाल्कि औरों के लिए भी मिसाल बन गये।


हज का सफर इस बार भी नहीं कर सकेंगे भारतीय

कोरोना के चलते फिर निरस्त हुई हज यात्रा


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मुकद्दस हज सफर 2021 को अन्य देशों के लोगों के लिए निरस्त कर दिया गया है। सऊदी हुकूमत ने दुनिया में फैले कोरोना महामारी के कारण पिछले बार की तरह इस बार भी हज में विभिन्न देशों के केवल स्थानीय व सऊदी नागरिकों को सीमित संख्या में हज कराने का फ़ैसला लिया है। उक्त जानकारी देते हुए सेण्ट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि इस बार भी हज-2021 में अंतरराष्ट्रीय हज रद्द कर दिया गया है। सऊदी में रह रहे केवल 60,000 लोगों को ही हज की अनुमति होगी।

अमन इस्लाम की बुनियाद

किसी के ऊपर जुल्म करना इस्लाम की तालीम नहीं

दुनिया से जाने के बाद होता है मां की कमी का एहसास

प्रयागराज (दिल इंडिया लाइव)। करेली में शनिवार को काजी हुसैन मेहदी मरहूम के अज़खाने में नफिसा मेहदी की बरसी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आबिद रजा रिजवी ने कहा कि अमन इस्लाम की बुनियाद है। ऐसे में किसी के ऊपर जुल्म नाजायज है। उन्होंने रसूल अल्लाह की बेटी फातिमा के किरदार की खूबियां बयां की, उन्होंने कुरान की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि जिंदगी को आइना दिखाने का नाम मौत है। तुम अगर सच्चे हो तो मौत की तम्माना करो।


जो आले मोहम्मद की मोहब्बत में मर जाए वो शहीद कहलाता है।

मौलाना ने मां के महत्व को बताते हुए कहा कि मां का महत्त्व वा उनकी कमी बच्चो को मां के दुनियां से जाने के बाद होता है।पेशखनी करते हुए नबील हैदर वाराणसी ने कहीं की हूं मद्दाहे असगरे बेशीर, लोग मुझे नबील कहते है। मजलिस में इंतजार मेहदी,कैफ़ी मेहदी,,आर ए काजमी,शाहिद जैदी,आसिम अब्बास,अब्बास मेहदी,नबील हैदर बनारसी, हसन मेंहदी कब्बन ,नसीर साहब, इतरत नकवी आदि मौजूद थे। आए हुए मोमनीन का शुक्रिया मजलिस के आयोजक कैफ़ी मेंहदी ने किया।

ये देशी विदेशी सिख रहे शास्त्रीय संगीत के गुर

ठुमरी दादरा के तीन दिवसीय कार्यशाला का आगाज़


वाराणसी (प्रताप बहादुर सिंह/दिल इंडिया लाइव)। श्रीमती प्रमिला मिश्रा एकेडमी ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक के तत्वावधान में शनिवार को तीन दिवसीय ऑनलाइन ठुमरी-दादरा संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण कार्यशाला में दुनिया भर के दो दर्जन से ज्यादा संगीतप्रेमी जुड़े रहे। प्रख्यात शास्त्रीय गायक पण्डित धर्मनाथ मिश्र द्वारा प्रशिक्षुओं को शास्त्रीय संगीत के गुर सिखलाये गए। पहले दिन उन्होंने राग खमाज में बंदिश की ठुमरी और बोलबाट की ठुमरी राग मिश्र खमाज से प्रतिभागियों को अवगत कराया। इसके अलावा बनारस अंग गायकी की खूबसूरती से भी प्रतिभागियों को रूबरू कराया। उनके साथ तबले पर प्रशांत मिश्रा ने संगत किया।

कार्यशाला में विशेष अतिथि के रूप में ऑनलाइन जुड़ी पदमश्री शास्त्रीय गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि ठुमरी और दादरा काशी की पुरातन शास्त्रीय संगीत की पहचान है जिसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा दायित्व है। पण्डित धर्मनाथ मिश्र जी काशी की शास्त्रीय संगीत के ध्वजवाहक है। एकेडमी का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। कार्यक़म संयोजक प्रख्यात सितरविद पण्डित देवब्रत मिश्र ने कहा कि बनारस के गायकी और वाद्ययंत्रों को जन-जन तक पहुँचाना ही हमारा लक्ष्य है ताकि ये कला विलुप्त होने से बचाई जा सके। 

कार्यशाला में पण्डित शिवनाथ मिश्रा के अलावा लंदन से शिवाली, अमेरिका से रवि कुमार, श्रीलंका से हंसी, जापान से राजेश कुशवाहा, अंजनी कुमार, खुशबू के अलावा दुबई, जर्मनी तथा भारत के मुंबई, दिल्ली, जबलपुर, पटना, लखनऊ आदि जगह से भी प्रतिभागियों ने भाग लिया।

मझवा से पहले SP मुखिया अखिलेश यादव का बनारस में जोरदार स्वागत

Varanasi (dil India live). सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को बनारस पहुंचे। बनारस के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ...