रमज़ान जरुरतमंदों बेसहारों की मदद का महीना
गुरुवार, 15 अप्रैल 2021
रमज़ान का पैगाम-2 (14-4-2021)
रमजान की रूहानी चमक से फिर रोशन हुई दुनिया
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। बंदे को हर बुराई से दूर रखकर अल्लाह के नजदीक लाने का मौका देने वाले पाक महीना रमजान की रूहानी चमक से दुनिया एक बार फिर रोशन हो चुकी है, और फिजा में घुलती अजान और दुआओं में उठते हाथ खुदा से मुहब्बत के जज्बे कि मिसाल पेश कर रहे हैं। दौड़-भाग और खुदगर्जी भरी जिंदगी के बीच इंसान को अपने अंदर झांकने और खुद को अल्लाह की राह पर ले जाने की प्रेरणा देने वाले रमजान माह में भूख-प्यास समेत तमाम शारीरिक इच्छाओं तथा झूठ बोलने, चुगली करने, खुदगर्जी, बुरी नजर जैसी सभी बुराइयों पर लगाम लगाने की मुश्किल कवायद रोजेदार को अल्लाह के बेहद करीब पहुंचा देती है। वाराणसी के युवा पत्रकार मो. रिज़वान का नज़रिया देखे...
रमजान की फजीलत
माहे रमजान में रोजेदार अल्लाह के नजदीक आने की कोशिश के लिए भूख-प्यास समेत तमाम इच्छाओं को रोकता है। बदले में अल्लाह अपने उस इबादत गुजार रोजेदार बंदे के बेहद करीब आकर उसे अपनी रहमतों और बरकतों से नवाजता है, इस्लाम की पांच बुनियादों में रोजा भी शामिल है और इस पर अमल के लिए ही अल्लाह ने रमजान का महीना मुकर्रर किया है। खुद अल्लाह ने कुरान शरीफ में इस महीने का जिक्र किया है। रमजान इंसान के अंदर जिस्म और रूह है। आम दिनों में उसका पूरा ध्यान खाना-पीना और दीगर जिस्मानी जरूरतों पर रहता है लेकिन असल चीज उसकी रूह है। इसी की तरबीयत और पाकीजगी के लिए अल्लाह ने रमजान बनाया है रमजान में की गई हर नेकी का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इस महीने में एक रकात नमाज अदा करने का सवाब 70 गुना हो जाता है। साथ ही इस माह में दोजख के दरवाजे भी बंद कर दिए जाते हैं, जन्नत के दरवाज़े खोल दिये जाते है।
रमज़न के तीन अशरे
अमूमन 30 दिनों के रमजान माह को 10-10 दिन केे तीन अशरों में बांटा गया है। पहला अशरा ‘रहमत’ का है। इसमें अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की दौलत लुटाता है। दूसरा अशरा ‘बरकत’ का है जिसमें खुदा बरकत नाजिल करता है जबकि तीसरा अशरा ‘मगफिरत’ का है। इस अशरे में अल्लाह अपने बंदों को गुनाहों से पाक कर देता है।
इस माह की विशेषताएं
महीने भर के रोज़े रखना, रात में तरावीह की नमाज़ पढना, क़ुरान की तिलावत करना, एतेकाफ़ में बैठना, अल्लाह से दुआ मांगना, ज़कात देना, अल्लाह का शुक्र अदा करना। इसीलिये इस माह को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। तरावीह की नमाज़ में महीना भर कुरान पढना। जिससे क़ुरान पढना न आने वालों को क़ुरान सुनने का सबाब ज़रूर मिलता है।रमजान को नेकियों का मौसम-ए-बहार कहा गया है। रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने अल्लाह को खुश करने के लिए रोजो के साथ, कुरआन, दान धर्म करता है यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है, इस महीने के गुज़रने के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद उल-फ़ित्र मनाते हैं। यानी जिसने माह भार रोज़ा रखा ईद उसी की है। या हर मुुसलमान को रोज़ा रखने कि तौफीक देेे…आमीन।
मंगलवार, 13 अप्रैल 2021
रमज़ान 2021: सारी कायनात में एक साथ मनती है रमज़ान की खुशियां
रब देता है रमज़ान में गुनाह माफ करने का पूरा पूरा मौका
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। अल्लाह ने उम्मते मोहम्मदिया को रमज़ान का वो मुबारक महीना अता फरमाया है, जिसमें गुनाहगारों को अपनी गुनाह माफ कराने का पूरा-पूरा मौका मिलता है। दुनिया का ये ऐसा अकेला महीना है, जिसके आने की खुशी एक साथ पूरी दुनिया में रूहानी तौर पर मनायी जाती है। शाबान की 15 तारीख से इसका इंतेज़ार शुरू हो जाता है जो 29 शाबान के चांद रात के दिन अपने शबाब पर होती है। चांद होते ही रमज़ान की तरावीह शुरू होती है और चांद देखकर ही तरावीह खत्म की जाती है। रमज़ान इंसानियत और दूसरों से हमदर्दी रखने की सीख देता है। इस महीने में तिलावते कुरान शरीफ पूरी दुनिया में की जाती है जिससे दुनिया में खुशी और रहमत का आलम होता है। गुनाहगार भी अपने गुनाह दूर करने के लिए मस्जिदों का रुख करते हैं। यह महीना जहन्नुम से छुटकारे का महीना है। इस महीने के आगाज़ पर ही शरकस और शयातीन को कैद कर लिया जाता है। बंदों के अज्र और सवाब बढ़ा दिये जाते हैं। यह एक ऐसा महीना है कि हर इबादत के बदले रब बंदे को इनामात से नवाज़ता है।इस मुकद्दस महीने में अल्लाह को राज़ी करने का वो सारे काम बंदा करता है। जिससे अल्लाह और उसका रसूल खुश हो जाये। यह ऐसा महीना है जिसमें ऐसे मुसलमान जो पूरे साल कुरान की तेलावत नहीं करते वो तरावीह और शबीने के जरिये पूरी कुरान सुनते हैं। इस महीने में हमें ऐसा कोईकाम या हरकत नहीं करनी चाहिए जिससे किसी को कोई नुकसान हो, किसी का दिल दुखे, किसी को बुरा लगे। रमज़ान गुनाहों की माफी के साथ ही दुआओं की कबुलियत का भी महीना है और बंदे के दरजात इसमें बुलंद किये जाते हैं। सबसे पहले नबी-ए-करीम हजरत मोहम्मद (स.) ने रमज़ान का रोज़ा रखा था और अपनी उम्मत को इस महीने का रोज़ा रखने का हुक्म दिया। उन्होंने हदीस और कुरान जैसी पाक किताबों में कहा हैकि जो बंदा इस महीने का रोज़ा रखेगा उसके तमाम पिछले गुनाह माफ हो जायेंगे। रोज़ा रखने से बहुत से जिस्मानी और रूहानी फायदे हैं। मसलन नफ्स तकब्बुर, घमण्ड, बुख्ल जैसे बुरे एखलाक से पाक साफ हो जाता है। सब्र, जद्दोजेहद जो अपने नफ्स के साथ जेहाद करता है वो सब अल्लाह को राज़ी और उसकी खुश्बूदी हासिल करने के लिए है। ताकि रोज़दार अल्लाह के करीब हो जाये और उसकी जिंदगी बेहतरीन और खुशगवार हो जाये। ऐ अल्लाह हम सबकी रमज़ान की इबादत और रोज़ा कुबूल कर ले..आमीन।
मौलाना अज़हरुल क़ादरी
सोमवार, 12 अप्रैल 2021
बादलों में छुपा चांद, नहीं हुआ दीदार
पहला रोज़ा 14 को, तरावीह कल से
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव)। 29 वीं शाबान का चांद बादल होने की वजह से नहीं दिखाई दिया। चांद के दीदार के लिए लोगों का हुजूम घरों, मसाजिदों, मैदानों में जुटा मगर चांद का दीदार नहीं हो सका। लिहाज़ा कल शाबान की 30 तारीख का चांद देखकर रमजान का आगाज़ होगा, 14 अप्रैल को मोमीनीन पहला रोज़ा रखेंगे, हालांकि तरावीह की खास नमाज़ मंगलवार से शुरु हो जायेगी। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इस बार भी रोज़ेदार तरावीह व अन्य नमाज़ अदा करेगे। लखनऊ से मरकज़ी चांद कमेटी फरंगी महल से मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने ऐलान किया कि आज चांद नजर नहीं आया झसलिए रमजान का चांद 30 शाबान को देखकर रमजान का आगाज़ होगा व 14 अप्रैल को पहला रोज़ा रखा जायेगा।
30 अप्रैल तक सभी स्कूल-कॉलेज बन्द
प्रदेश में बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर
लखनऊ(हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से मामलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। शनिवार को 12 हजार से ज्यादा नए केस सामने आने के बाद अब राज्य सरकार ने भीड़भाड़ को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस बीच स्कूल-कॉलेजों को बंद करने की मियाद बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अब पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे।
पहले से तय परीक्षाएं नहीं टलेंगी
इससे पहले 12वीं कक्षा तक के स्कूल-कॉलेज 15 अप्रैल तक बंद करने का आदेश जारी हुआ था। अब ये मियाद 15 दिन और बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी गई है। हालांकि पहले से तय परीक्षाओं को नहीं टालने का फैसला लिया गया है। टीचिंग स्टाफ को जरूरी कामकाज के लिए स्कूल-कॉलेज बुलाया जा सकेगा। इन सबके बीच 8 मई से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। बताते चलें कि यूपी में अप्रैल के पहले 10 दिनों में कोरोना के मामलो में काफी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। राजधानी लखनऊ में शनिवार को 4059 नए केस सामने आए। वहीं पूरे उत्तर प्रदेश में 12,787 नए कोरोना केस मिले हैं।
रविवार, 11 अप्रैल 2021
बनारस में कोरोना ब्लास्ट
बनारस में कोरोना के पिछले सारे आंकड़े पीछे छूटे
वाराणसी(दिल इंडिया लाइव) बनारस के हालात बिगड़ते जा रहे हैं, कोरोना ब्लास्ट बनारस में फिर हुआ है। बनारस में कोरोना के पिछले सारे आंकड़े पीछे गये है। आज सुबह 11:00 बजे तक की रिपोर्ट में 782 कोरोना संक्रमित मिलने से बनारस में हड़कम मच गया हैं। उधर भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 1,52,879 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,33,58,805 हो गयी। 839 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,69,275 दर्ज की गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 11,08,087 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,20,81,443 बतायी गई है। देश में कुल 10,15,95,147 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है।
शनिवार, 10 अप्रैल 2021
नबी पर अभद्र टिप्पणी के खिलाफ सड़क पर उतरे नमाज़ी
डासना के महंत को गिरफ्तार करने की उठी मांग
संगठन के लोग पहले ख्वाजाकुतुब स्थित कार्यालय पर जमा हुए, यहां से संगठन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद अब्दुल्ला रजा कादरी के नेतृत्व में रवाना हुए। कार, बाइक और पैदल लोगों का यह जुलूस कलक्ट्रेट तक पहुंचना था, इससे पहले ही पुलिस ने नावेल्टी चौराहे पर ही जुलूस को रोक लिया। उनका कहना था कि आज राम बरात भी निकलनी है, लिहाजा आप लोग यहीं ज्ञापन दे दें। प्रदर्शनकारी वहीं पर ज्ञापन सौंप कर वापस चले गए। यह प्रदर्शन आरएसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अदनान रजा कादरी के सरपरस्ती में संपन्न हुआ। इसमें संगठन के तमाम कार्यकर्ता शामिल रहे।
वहीं दूसरी तरफ जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद साहब पर अमर्यादित टिप्पणी करने वाले महंत के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। मौलाना मदनी का कहना है कि देश में फसाद फैलाने वाले तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अपने बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि दिल्ली स्थित प्रेस क्लब आफ इंडिया में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा इस्लाम व पैगंबर मोहम्मद साहब के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करने से मुस्लिम समाज में भारी रोष बना हुआ है। नरसिंहानंद का इस प्रकार की टिप्पणी करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी वे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी करते रहे हैं, लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही जमीयत पदाधिकारियों की ओर से थाना आईपी स्टेट में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
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