मंगलवार, 17 सितंबर 2024

Hema foundation एवं एडुलिडर्स यूपी ने काशी के तीन शिक्षकों को किया सम्मानित

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aranasi (dil India live)। शैक्षिक नवाचारों को विद्यालय स्तर पर स्थापित करने वाले उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 13 डायट प्रवक्ताओं और 300 शिक्षकों को ग्रेटर नोएडा के जिंजर होटल में आयोजित "हेमावैल्यूज़ सेमिनार एवं आरआर एडुलिडर्स यूपी सम्मान 2024" से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रख्यात अभिनेता मनोज जोशी, पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, राज्यमंत्री पीडब्लूडी उत्तर प्रदेश कुंवर बृजेश सिंह एवं हेमा फाउंडेशन (मुंबई) के ट्रस्टी महेंद्र काबरा ने शिक्षकों को  सम्मानित किया। प्रतिवर्ष  एडुलिडर्स यूपी द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपदों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं अतुलनीय योगदान देने वाले शिक्षकों को राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा चयनित करके सम्मानित किया जाता है। एडुलीडर के संस्थापक डा. सर्वेश मिश्रा ने बताया कि इस समूह का उद्देश्य प्रदेश भर से नवाचारी शिक्षकों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जिससे हम सब एक दूसरे के अच्छे और नवाचारी कार्यों को साझा कर सकें और अपने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बना सकें। 

इस कार्यक्रम में काशी के भी तीन शिक्षक सम्मानित हुए जिनमे प्राथमिक विद्यालय गौरा, अराजीलाइंस के सहायक अध्यापक संजीव त्रिपाठी को एडुलेडर्स अवार्ड तथा प्राथमिक विद्यालय ठटरा (1), सेवापुरी के सहायक अध्यापक अब्दुर्रहमान एवं प्राथमिक विद्यालय जोगापुर, अराजीलाइंस की सहायक अध्यापिका रितुजा सिरोहिया को एडुलिडर्स कर्मयोगी अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। 

सम्मान पाने वाले काशी के अध्यापकों को डायट प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ल, बीएसए अरविंद कुमार पाठक, खंड शिक्षा अधिकारी संजय यादव व बृजेश श्रीवास्तव ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

सोमवार, 16 सितंबर 2024

सरकार की आमद मरहबा, मुख्तार की आमद मरहबा...की सदाओं संग नबी की यौमे पैदाइश पर निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी

अकीदत व शानो-शौकत के साथ निकला जुलूस, उमड़ा जनसैलाब 

  • जगह जगह होती रही नूर की बारिश 





















Varanasi (dil India live)। सोमवार को सरकार की आमद मरहबा, मुख्तार की आमद मरहबा, प्यारे की आमद मरहबा, मीठे की आमद मरहबा, सच्चे की आमद मरहबा, अच्छे की आमद मरहबा, ज़रा ज़ोर से बोलों मरहबा, दिल खोलकर बोलो मरहबा...की सदाओं संग नबी की यौमे पैदाइश पर जुलूस ए मोहम्मदी शानो-शौकत के साथ रेवड़ी तालाब से निकाला गया। इस दौरान जुलूस में उमड़ा जनसैलाब देखते ही बन रहा था। ईद मिलादुन्नबी (पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) के जन्म दिन पर निकले इस जुलूसे मोहम्मदी में आपसी सद्भाव और देश प्रेम का जज्बा भी देखने को मिला। शहर में निकले जुलूस में शामिल लोग इस्लामिक झंडे के साथ राष्ट्रीय ध्वज भी लहराते हुए चल रहे थे। इसमें हिंदू भाइयों ने भी बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। मुस्लिम इलाकों में पूरी रात नातिया कलाम और हमदो सना की महफ़िले गुलज़ार रही। वहीं इस दौरान वरुणा पार के अर्दली बाजार में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से दो दिवसीय जलसा व नातियां मुशायरा मिल्लत की नज़ीर पेश करता नजर आया। यहां पर एक ओर खूबसूरत मॉडल सजाया गया था तो दूसरी ओर खूबसूरत सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। यहां हिंदू मुस्लिम एक साथ कंधे से कंधा मिलाएं खड़े नजर आये। उधर ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाला जुलूसे मोहम्मदी में भी अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ था। यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा जुलूस है। इसमें वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी शामिल होते है। इसके चलते सोमवार को लाखों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए। हाथों में इस्लामिक और तिरंगा झंडा था तो लबों पर सरकार की आमद मरहबा...और नार-ए-तकबीर और नारे रेसालत की सदाएं बुलंद हो रही थी। रेवड़ी तालाब मैदान से सुबह 7.30 बजे निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी भेलूपुर, रविंद्रपुरी, शिवाला, गौरीगंज, मदनपुरा, गौदोलिया, मैदागिन, कबीरचौरा होते बेनियाबाग पहुंच कर सभा में परिवर्तित हो गया। मरकज़ी दावते इस्लामी जुलूसे मोहम्मदी कमेटी का जुलूस बेनियाबाग मैदान पहुंचा। जहां पर मौलाना अब्दुल हादी खान हबीबी की सदारत में जलसा हुआ जिसका संचालन मौलाना हसीन अहमद हबीबी कर रहे थे। तकरीर और दुआ के साथ जुलूस समाप्त हो गया। तकरीर में पैगंबर साहब के जीवन के बारे में बताया गया और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलने की बात कही गई। इसके अलावा देश और दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ की गई। शुक्रिया अबु ज़फ़र रिजवी ने दिया। उधर शहर काजी मौलाना जमील अहमद की अगुवाई में निकला जुलूस रेवड़ी तालाब से अपने पुराने रास्तों से होकर पुनः रेवड़ी तालाब पहुंच कर सम्पन्न हुआ। इसके पहले देर रात से रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, दालमंडी, नई सड़क, अर्दली बाजार आदि जगहों पर जगह-जगह लगे स्टेज पर अंजुमनों ने नातिया कलाम पेश किया। नबी की शान में पेश किए गए नातिया कलाम में विजेता अंजुमनों को इनाम भी दिया गया। उधर दावते इस्लामी हिंद इंडिया की ओर से पूरी रात इजतेमा का आयोजन किया गया। दावते इस्लामी इंडिया के निगरा और मेम्बर्स ने नबी पर दुरूद और सलाम के साथ ही देश दुनिया की तरक्की, दुनिया में अमन और मिल्लत के लिए दुआएं भी मांगी। यह आयोजन फजर की नमाज के बाद संपन्न हुआ। उधर मिल्लत कमेटी का नातिया मुकाबला नई सड़क में सोमवार सुबह तक चला। नातिया मुकाबला इतवार की मध्यरात्रि शुरू हुआ जो सोमवार को नतीजे की घोषणा के बाद नबी पर सलाम भेजने के बाद खुसूसी दुआखवानी के बाद सम्पन्न हुआ। इस दौरान राहत अली, मोहम्मद आजम, सरफराज खान, तनवीर खान, हबीबुल्लाह, फैज अली, फ़ज़ल बनारसी, हाजी अब्दुल हक, साजिद खान, इमदाद अली सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे। ऐसे ही दालमंडी के समाजसेवी गुलाम अशरफ व शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में नई सड़क लंगड़े हाफिज मस्जिद के नीचे मिल्लत कमेटी की जानिब से लंगर चलाया गया। यहां बबलू कुरैशी लोगों का स्वागत कर रहे थे। उधर दालमंडी व्यापार मंडल की ओर से लंगरे मोहम्मदी का आयोजन नया चौक में किया गया था जहां तमाम लोग तबर्रुक का लुत्फ उठाते दिखाई दिए। ऐसे ही अर्दली बाजार में कई जगहों पर लंगर चलता रहा व लोगों में तबर्रुक तकसीम किया जा रहा था। तबर्रुक लेने सभी वर्गों के लोग उमड़े हुए थे। ऐसे ही अन्य इलाकों में भी जुलूस निकाला गया।

अरबी रुमाल पहना कर नूरानी माहौल में हुआ जायरीन का खैरमकदम

हाजी के सारे गुनाह रब कर देता है माफ-मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी




Varanasi (dil India live)। मुक़द्दस हज 2024 मुकम्मल करके अपने वतन लौटने वाले हाजियों का इतवार को इसरा की ओर से जोरदार खैरमकदम किया गया। इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुख खां की अगुवाई में हुए इस आयोजन में सदारत करते हुए मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी ने कहा कि रब हज मुकम्मल करके लौटे हाजियों के सारे गुनाह माफ कर देता है। हज करके आने वाला गुनाहों से ऐसे पाक साफ होकर आता है जैसे मां के पेट से बच्चा। इस दौरान मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी को अरबी रुमाल पहना कर नूरानी माहौल जायरीन का इसतेकबाल शुरू किया गया। इस मौके पर मौलाना निजामुद्दीन चतुर्वेदी ने कहा कि हाजियों को अपने बीच पाकर खुशी का एहसास हम सब कर रहे है। दरअसल हाजियों का खैरमकदम तो एक बहाना है असल मकसद तो उन आंखों को नजदीक से देखना है जो खाने काबा और नबी का रौजा देखकर लौटे हैं। इस मौके पर निजामत करते हुए मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने कहा कि जो लोग हाजी बनकर लौटे हैं उनसे गुजारिश है कि पूरी तरह वो अल्लाह और उसके रसूल का दामन पकड़ ले। इस दौरान अजफर बनारसी, डाक्टर मो. हमजा आदि ने कलाम पेश किया। अंत में शुक्रिया हाजी फारुख खां ने दिया।

रविवार, 15 सितंबर 2024

आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है, आखिरी पयंबर है और नूर वाला है...

नबी के जश्न में रौशन हुआ सारा जहां

  • नबी की आमद की खुशी में पेश हुए नातिया कलाम

  •  उलेमा की नूरानी तकरीर सुन फैज़याब हुए लोग, देर रात तक जारी रहा कलाम और सलाम का दौर 




    नबी की पैदाइश की खुशी में कुछ इस तरह निकला जुलूस 


    सराय हडहा से निकला यौमुन्नबी कमेटी का जुलूस 







Varanasi (dil India live). इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर, हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स.) की यौमे पैदाइश की खुशी और जश्न का आगाज़ इतवार की शाम से ही हो गया जो पूरी रात चलता रहा। सोमवार को अल सुबह रेवड़ी तालाब से जुलूसे मोहम्मदी सलाम और कलाम पेश करते हुए रेवडीतालाब से निकाला जाएगा। जिसमें शहर भर की अंजुमने शिरकत करेंगी। 
इससे पहले इतवार को मुस्लिम बाहुल्य इलाके रौशनी और सजावट से इतराते नज़र आये। इस दौरान सारा जहां नबी की मोहब्बत और अकीदत लुटाता नज़र आया। हर तरफ नूर की बारिश और डायसों से नबी की शान में कलाम पेश किया जा रहा था। जहां शायरों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था। अर्दली बाज़ार मुख्य रोड पर मौलाना शमशुद्दीन साहब की अगुवाई में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से तकरीर और नातिया मुशायरा देर रात शुरू हुआ जिसमें शायर कलाम पेश करते दिखाई दिए। मध्यरात्रि तक शायरों के कलाम फिजा में खुशबू बिखेरते नजर आएं। यहां नबी की शान में एक से एक उम्दा कलाम गूंजता रहा। उधर मरकजी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी पर, आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है, आखिरी पयंबर है और नूर वाला है... व, आमीना का लाल देखो जगमग जगमग करता है...। जैसे कलाम सुनाई दिए। यह सिलसिला समाचार लिखे जाने तक जारी था। 
इससे पहले बेनियाबाग के पूर्वी छोर हड़हा मैदान से मरकजी यौमुन्नबी कमेटी ने जुलूस निकला यह जुलूस नबी की आमद की खुशी में इस्लामी तराना पेश करते हुए सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श जायसी, कुरैशबाग मस्जिद, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होकर बंशीधर कटरा पहुंचा। जुलूस की अगुवाई कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू, पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग कर रहे थे। जुलूस के बाद मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी की सीरत पर रौशनी डालते हुए उनके मोज्जों को बयां किया। कहा कि नबी की 63 साल की जिंदगी पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। उन्होंने जिस इस्लाम की नींव रखी थी वो आज पूरी दुनिया में दरख्त बनकर लहरा रहा है। जरुरत है कि हम नबी के बताए हुए रास्तों पर चलें। इस दौरान महमूद खां, आगा कमाल, राशिद सिददीकी, रेयाज़ अहमद नूर, मोदस्सिर अहमद, मो. इमरान, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, इमरान अहमद, दिलशाद अहमद दिल्लू, अजहर आलम अज्जू, गुडडू आदि मौजूद थे। ऐसे ही अर्दली बाजार, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा, नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, शक्कर तालाब, जलालीपुरा, कोयला बाजार, पीलीकोठी, चौहट्टा लाल खां, बड़ी बाजार आदि इलाकों में विद्युतीय सजावट की गई थी जहां नबी के जश्न के कलाम की गूंज फिजा में खुशबू बिखेर रही थी।

उधर दालमंडी के समाजसेवी गुलाम अशरफ व शाहनवाज खान शानू की अगुवाई में नई सड़क लंगड़े हाफिज मस्जिद के नीचे मिल्लत कमेटी की जानिब से नई सड़क पर लंगर चलाया गया। यह जानकारी बबलू कुरैशी ने दी। दालमंडी व्यापार मंडल की ओर से लंगरे मोहम्मदी का आयोजन नया चौक में किया गया था जहां तमाम लोग तबर्रुक चखते दिखाई दिए। ऐसे ही कई जगहों पर लंगर चलता रहा व लोगों में तबर्रुक तकसीम किया जा रहा था।

वरुणा पार के जुलूस का वक्त बदला 

सीएम आगमन को देखते हुए थाना कैंट पर मीटिंग में तय हुआ है कि जुलूस अब शाम की बजाय दोपहर में निकलेगा। कल 16 सितंबर को जो जुलूस निकलेगा उसका समय बदल कर 1 बजे कर दिया गया है। 16 सितंबर जोहर बाद पुलिस लाइन चौराहा पक्की बाजार मस्जिद दायम खान के बाहर से जुलूस निकलेगा और अरदली बाजार वाले जुलूस से मिलेगा और भोजुबीर होते हुए सर्किट हाउस से कचहरी चौराहा होते हुए पक्की बाजार पुलिस लाइन चौराहे पर समाप्त होगा। ऐसे ही सूफी नगर, मकबूल आलम रोड, अर्दली बाजार आदि के जुलूस दोपहर में ही निकलेंगे शाम से पहले सम्पन्न हो जाएंगे। उधर रेवड़ी तालाब का जुलूस सुबह फजर की नमाज के बाद निकलेगा।

(सरफराज अहमद/मो. रिजवान) 

Nabi ने नेकी की दी dawat, बुराई से रोका -डा. साजिद

अस्पतालों में Dawat-e-islami India ने मरीजों में बांटे फल




Varanasi (dil India live)। दावते इस्लामी इंडिया के गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन ने नबी की यौमे पैदाइश की पूर्व संध्या पर कबीर चौरा और जनता सेवा अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके अजीजों व अन्य लोगों में फलों का पैकेट बांटा। इस दौरान दावते इस्लामी इंडिया के डाक्टर साजिद अत्तारी ने कहा कि नबी की तालीम है कि कमजोरों, भूखों और मरीजों को खाना खिलाओं, उनकी खिदमत करो। नबी ने हमेशा बुराई से रोका और नेकी के रास्ते पर चलने की दावत दी। यही वजह है कि दावते इस्लामी इंडिया वक्त वक्त पर लोगों को सही राह दिखाने के साथ ही लोगों की मदद करने का काम करती हैं। लोगों की खिदमत के लिए ही जीएनआरएफ का गठन किया गया है। इसी कड़ी में कबीर चौरा के शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल व मदनपुरा में जनता सेवा अस्पताल में लोगों को फल बांटकर नबी की पैदाइश मनाया। इस मौक़े पर डाक्टर मुबस्सिर अत्तारी, शाहिद अत्तारी, सऊद अत्तारी, प्राचार्य वासिद रजा, मुस्तकीम अत्तारी, ज़ुल्करनैन बरकाती, ज़ैब अत्तारी, शहाब अत्तारी, शानू, शहजान अत्तारी आदि मौजूद थे।

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

अंजुमन गुलज़ार-ए क़ासिमी ने मनाई ईद-ए-ज़हरा

डॉ. मुस्तफा के हाते में सजी महफिल, नौहख्वानों को किया गया पुरस्कृत



Allahabad (dil India live). । अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की जानिब से शुक्रवार ईद-ए-ज़हरा की खुशी के मौके पर कई मशहूर व मार्रूफ शायर ए अहलेबैत के कलामों से महफिल सजी। 

दायरा शाह अजमल स्थित डॉ. मुस्तफा के हाते में हुई महफिल के आगाज़ में मोहम्मद कुमैल ने क़ुरआन और हदीस पढ़ा। महफिल को मौलाना जाफर हसनैन क़ुम्मी ने खिताब किया। महफिल में मुख्य रूप ज़मीर भोपतपुरी, नजीब इलाहाबादी, जावेद रिज़वी करारवी, इतरत नक़वी, शहंशाह सोनवी शहीर रालवी, हैदर कोरालवी, ईशान कोरालवी, अज़हर इलाहाबादी, शुजा अब्बास आकिब रालवी, ज़ीशान, अमन प्रतापगढ़ी आदि ने मदहे अहलेबैत मे अपने अशआर पेश किए। महफिल के बाद अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के नौहख्वानों शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, एखलाक़ रज़ा, यासिर ज़ैदी, एजाज़ नक़वी, कामरान रिज़वी, असद अली, शफ़क़ अली को पुरस्कृत किया गया। निज़ामत दानियाल इलाहाबादी ने किया। 

कार्यक्रम में शिया धर्मगुरु मौलाना जौहर अब्बास मौलाना सगीर हसन, मौलाना ज़ीशान हैदर, मौलाना अली अब्बास, मौलाना जाबिर अब्बास मौलाना मो. यासिर मौलाना शाहिद रिज़वी, मौलाना जावेद ने ईद ए जहरा की फजीलत बयां की और नेक और खुश एखलाखी के रास्ते पर चलने की नसीहत दी।

महफिल में आयोजक नासिर ज़ैदी का विशेष योगदान रहा। रज़ा हसनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा, अली मियां रिज़वी, बुतुराब मुस्तफाबादी, अलमताब नक़वी, कमर ज़ैदी, ज़हीर हाशिम ज़ैदी, एजाज़ मुर्तज़ा, जैन ज़ैदी, अख्तर मेंहदी, खुशनूद रज़ा, आसिफ रज़ा, आसिफ, महमूद ज़ैदी, ज़फर रिज़वी आदि उपस्तिथ रहे।

काले लिबास उतारे, दी ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद

अजादारी के दो महीन आठ दिन पूरे होने के बाद पुराने शहर में कई जगह जश्न का सिलसिला जारी रहा। देर रात तक लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर नज्र चखी और ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद दी। शिया समुदाय के लोगों ने काले कपड़े उतारकर खुशरंग लिबास पहने। शादीशुदा महिलाओं ने सुहागनों की तरह श्रृंगार किया। घरों में विभिन्न तरह के पकवान बनाये गये। शिया समुदाय के लोग मोहर्रम का चांद दिखते के साथ ही काले लिबास पहन लिए। इस दौरान किसी ने न तो खुशी मनाई और न ही खुशी के किसी कार्यक्रम में शरीक हुए। पुराने शहर के रानी मंडी, बख्शी बाजार, दरियाबाद, करेली, करेलाबाग, अतरसुइया के अलावा मुंडेरा, नीम सराय में लोगों ने लाल, नीले, पीले, गुलाबी रंग के लिबास पहनकर जश्न मनाया और खुशी का इजहार किया।

गुरुवार, 12 सितंबर 2024

Allahabad news : मातमी मजलिस के साथ खत्म हुआ अजादारी का सिलसिला

Anjuman गुलजार-ए-कासमी की आखिरी मजलिस में नम हुई आंखें



Allahabad (dil India live)। मोहर्रम के चांद दिखने के साथ ही करबला के शहीदों की याद में शुरू हुआ अजादारी का 67 दिनों का सिलसिला गुरुवार को आठवीं रबीउल अव्वल को अलविदाई मजलिस के साथ खत्म हो गया। अय्यामे अज़ा का आखिरी दिन इमामबाड़ा मोजिजनुमा जद्दन मीरसाहब दरियाबाद में अंजुमन गुलज़ार-ए-क़ासिमी की जानिब से हुई अलविदा मजलिस की शुरुआत मंज़रूल हिंदी साहब की सोज़ख्वानी से हुई। उसके बाद जनाब अबुतुराब ने पेशखवानी की। मजलिस को जाकिरे अहलेबैत ज़रखेज़ नजीब ने खिताब किया। बाद ए मजलिस अंजुमन गुलज़ारे क़ासिमी के लगभग 700 से ज़्यादा आज़ादारों ने नौहा व मातम किया, जिससे वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों में अश्क तारी हो गये। मजलिस में ज़ुल्जनाह, गयारवे इमाम हसन अस्करी का ताबूत, व मौला अब्बास का अलम भी निकला। जिसकी ज़ियारत कर सोगवारों की आंखे अश्कबार हो गयी। मशहूर नौहाखवान गुलाम अब्बास ने पुरदर्द नौहा पेश किया। जब अंजुमन गुलज़ारे कासिमी के मुख्य नौहाखवान शादाब ज़मन् ने अलविदा नौहा पढ़ा, तो कोई अपने आंसू रोक नहीं सका, शादाब ज़मन के साथ आफ़ताबे निजामत नजीब इलाहाबादी ने किया। नौहाख्वानी व मातम के फराएज़ अंजुमन गुलज़ारे क़ासमी, इलाहाबाद के अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, यासिर ज़ैदी, एखलाक़ रज़ा, शबीह रिज़वी, एजाज़ रिज़वी, असद अली, कामरान रिज़वी, कुमैल आदि ने अंजाम दिए। मजलिस के बाद सभी के लिए नज़रे मौला का भी एहतेमाम किया गया था। मजलिस में नासिर ज़ैदी, रज़ा हसनैन एडवोकेट, ताशू रिज़वी, हैदर रिज़वी, आज़ादार हुसैन, कौनैन एडवोकेट, शादाब रज़ा, अख्तर मेहंदी,  जावेद रिज़वी करारवी, महमूद ज़ैदी, कमर अब्बास रिज़वी, खुशनूद रिज़वी, आसिफ रज़ा, फ़िरोज़ आबिदी,, हसन मुस्तफा रिज़वी, एजाज नकवी, मौलाना जाबिर अब्बास, कौनेन रिज़वी, आले मेंहदी, नसीर नकवी, कब्बन, अली अब्बास आदि मौजूद थे।

मनाई ईद ए ज़हरा की खुशी -

अंजुमन के सरपरस्त नासिर ज़ैदी की अगुवाई में अंजुमन गुलज़ार ए क़ासिमी की ओर से ईद ज़हरा की मजलिस का एहतेमाम शब  में ८ बजे डॉ मुस्तफा साहब के घर पर किया गया। इस दौरान ईदे जहरा की खुशी मनाई गई। कलाम पेश किए गए।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...