बुधवार, 25 अक्तूबर 2023

ऐतिहासिक भरत मिलाप की 3 मिनट की लीला देखने घंटों पहले से जुटा रहा हुजुम

श्रीराम-भरत, मिलाप देखने नाटी इमली पहुंचे लाखों श्रद्धालु 




Varanasi (dil India live). विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप देखने लोगों का हुजूम बुधवार को उमड़ पड़ा. चित्रकूट रामलीला समिति द्वारा आयोजित ऐतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए लाखों की भीड़ नाटी इमली मैदान में डटी हुई थी. आलम यह था कि भरत मिलाप मैदान पर बुधवार को पैर तक रखने की जगह नहीं थी. लंका से रावण का वध कर माता सीता और भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ पुष्पक विमान पर सवार होकर भगवान् राम भरत मिलाप मैदान नाटी इमली पहुंचे. यहां कुछ ही देर बाद अयोध्या से भरत और शत्रुघ्न भी पहुंचे और मिलाप के चबूतरे पर आसीन हो गए. कुछ ही छण बाद नेमियों ने रामचरित मानस की चौपाइयां पढ़नी शुरू की, सूर्य तेजी से भारत मिलाप मैदान की उस ख़ास जगह पर रौशनी के लिए मानों आतुर हो उठा जिसपर राम और लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन को गले लगाने दौड़ पड़ते हैं.

घड़ी की सुई ने शाम 4 बजकर 40 मिनट का जैसे ही निशान बनाया वैसे ही चबूतरे के एक निश्चित स्थान पर अस्ताचलगामी सूर्य की किरणें पहुंची, भगवान श्रीराम और लक्ष्मण रथ से उतरकर भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़े और उन्हे उठाकर गले लगाया. 3 मिनट की इस लीला को देखने पूरा मैदान हर हर महादेव और सियावर रामचंद्र की जय के जयघोष से गूंज उठा.

चित्रकूट रामलीला समिति के अध्यक्ष और भरत मिलाप के व्यवस्थापक बाल मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मेघा भगत भगवान श्रीराम को स्वप्न में आकर दर्शन दिए थे और यहां भरत मिलाप कराने का निर्देश दिया. मेघा भगत द्वारा स्थापित इस लीला में यादव बंधुओं ने परंपरा का निर्वहन किया और भगवान का पुष्पक विमान भरत मिलाप स्थल से अयोध्या तक पहुंचाया। उनका गणवेश देखते ही बन रहा था. कार्यक्रम में महाराजा बनारस भी सदियों पुरानी परम्पराओं का निर्वहन करते दिखाई दिए. 



वाराणसी के सांसद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस पर्व की अपने ही अंदाज में बधाई दी.

Education news : मदरसों के निरीक्षण का अधिकार शिक्षा विभाग को नहीं

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग करता है मदरसों का संचालन

शिक्षा विभाग के दखल से मदरसों में हो रही है़ असहजता की स्थिति


Varanasi (dil India live). 25.10.2023. मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा विभाग कि एक न्यूज ने प्रदेश भर के मदरसों की नींद उड़ा दी. मुजफ्फरनगर में बीएसए ने नोटिस जारी कर कहा है कि जिस मदरसों की मान्यता नहीं है वो हर दिन के हिसाब से दस हजार रुपए जुर्माना जमा कर दें. सोशल मीडिया पर बीएसए की न्यूज़ वायरल क्या हुई बनारस से लेकर बरेली, जौनपुर से लेकर देवबंद तक हड़कंप मच गया. हालांकि जब पड़ताल किया गया तो मामला उल्टा निकला, बेसिक शिक्षा विभाग को तो मदरसों के जांच का ही अधिकार नहीं है. इसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने की. कहा कि 1995 में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के गठन के बाद मदरसों का समस्त कार्य अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को हस्तानांतरित कर दिया गया। डॉ. जावेद ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 प्रतिस्थापित किया गया जिसके माध्यम से उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियमावली 2016 बनाई गई. जिसके बाद से जिला मदरसा शिक्षा अधिकारी का तात्पर्य जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से हो गया. निरीक्षक अरबी मदरसा अथवा अध्यक्ष या निदेशक द्वारा नामित किसी अधिकारी द्वारा कभी भी मदरसों का निरीक्षण किया जा सकेगा. उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004/ विनियमावली 2016 में दिए व्यवस्था के तहत अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अलावा किसी भी विभाग के अधिकारी द्वारा ना तो मदरसों का निरीक्षण किया जाएगा और ना ही किसी प्रकार की नोटिस दी जाएगी. डॉ. जावेद ने कहा कि अक्सर संज्ञान में आता है कि नियमों से हट कर शिक्षा विभाग के अधिकारी जो सक्षम प्राधिकारी ना होने के बावजूद उनके द्वारा जनपद में संचालित मदरसों का निरीक्षण किया जाता है और नोटिस भी दी जाती है जो अधिनियम के विपरीत है. उधर आल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के राष्ट्रीय महामंत्री वहीदुल्ला खान सईदी ने कहा है कि मान्यता प्राप्त अथवा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने, मान्यता न होने की दशा में उन्हें किसी प्रकार की नोटिस अथवा जुर्माना वसूलने का कोई भी अधिकार बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा विभाग को नहीं है. यदि किसी जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मदरसों की जांच अथवा जुर्माना की नोटिस दी जाती है तो वह मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 का सीधे-सीधे उल्लंघन होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार/ निरीक्षक, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा भी उत्तर प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को संबोधित दिनांक 3 नवंबर 2022 को प्रेषित पत्र में भी इस बात को स्पष्ट कर दिया गया था। यदि किसी जनपद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जुर्माना की नोटिस दिया जाना अनियमित है. निदेशक बेसिक शिक्षा/ माध्यमिक शिक्षा को उपरोक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया जाना न्यायोचित होगा.

बाल संरक्षण अधिनियम का भी दे रहे हैं हवाला

वहीदुल्लाह खां सईदी कहते हैं कि वह इस बात का भी संज्ञान लेना आवश्यक है कि, जारी नोटिस और जुर्माना में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और बाल संरक्षण अधिनियम का हवाला दिया जा रहा है जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के संशोधित अधिनियमों में मदरसों को अधिनियम के प्रतिबंधों से अलग रखा गया है।

मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023

बुराई पर अच्छाई की जीत : बनारस में जला पूर्वांचल का सबसे ऊंचा रावण




Varanasi (dil India live). 24.10.2023. बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा पर्व पर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पूर्वांचल का सबसे बड़ा रावण जलाया गया. वाराणसी के बीएलडब्लू स्थित रामलीला मैदान में जैसे ही 75 फीट ऊंचा रावण जलाया गया, मौजूद लोग वीडियो बनाने और सेल्फी लेने में व्यस्त हो गए। काफी लोग अपने दूर दराज में बैठे अपनों को वीडियो काल के जरिए रावण दहन का लाइव दिखाते दिखाई दिए। बरेका में रावण के साथ मेघनाद और कुंभकर्ण का भी पुतला जलाया गया जिसकी ऊंचाई 70 और 65 फीट थी. इस रावण दहन के समय करीब 1 घंटे तक शानदार आतिशबाजी हुई. करीब 50 हजार रुपये के पटाखे रावण में लगाए गए थे. बता दें कि इस रावण दहन को देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ बरेका के मैदान के अंदर और बाहर इकट्ठा होती है. इसके लिए सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम भी किए गए थे. रावण दहन से पहले 2 घंटे में मोनो एक्टिंग के जरिए रामलीला का मंचन भी बरेका के रामलीला मैदान में हुआ.

गौरतलब हो कि 2 महीने में 15 लोगों ने मिलकर रावण को तैयार किया था। कारीगर शमशाद ने बताया कि इस रावण को तैयार करने में करीब 2 महीने का वक्त लगा है. उनके परिवार के करीब 15 लोगों ने इसे तैयार किया है. तीन पीढ़ियों से शमशाद का परिवार इस काम को करता आ रहा है. ऐसे ही मलदहिया, भोजूबीर समेत कई जगहों पर दशहरे पर रावण दहन किया गया।

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जियो रजा बनारस: अपनी नहीं बच्चों की तो करो फिक्र


Varanasi (dil India live). 24.10.2023. कोतवाली थाना क्षेत्र में मैदागिन मार्ग पर बाइक से जा रहे एक सज्जन को दशहरा उत्सव के दौरान शाम में थानाध्यक्ष कोतवाली आशीष मिश्र ने रोक लिया और जमकर फटकार लगाई.ए दरअसल एक ही बाइक पर 6 बच्चों को लेकर जा रहे सज्जन अपने साथ साथ बच्चों का जीवन भी खतरे में डाले हुए दिखाई दिए. डांट फटकार के बाद कोतवाली पुलिस ने इनको बाइक के साथ अपने पास बैठा लिया, काफी गुहार के बाद सज्जन को छोड़ा गया है.आगे से यह हरकत ना करने की कड़ी ताकीद मिली है.

शनिवार, 21 अक्तूबर 2023

अच्छी फिल्मों को करें प्रमोट, इससे ही आएगा बदलाव : खेसारीलाल

संघर्ष 2 को प्रमोट करने आनंद मंदिर पहुंचे खेसारी  

-दर्शकों से हुए रूबरू हुए खेसारी लाल यादव 


Varanasi (dil India live). 21.10.2023. भोजपुरी फिल्म जगत के हिट अभिनेता खेसारी लाल यादव, चर्चित निर्माता रत्नाकर कुमार और निर्देशक पराग पाटिल, विनीत विशाल और अभिनेत्री मेघाश्री व माही श्रीवास्तव भोजपुरी फिल्म "संघर्ष 2" के प्रमोशन को लेकर शनिवार को वाराणसी के आनंद मंदिर सिनेमा पहुंचे. उनके साथ रंजन सिन्हा भी मौजूद रहे. आनंद मंदिर में मौजूद दर्शकों ने कलाकारों का गर्मजोशी से स्वागत किया। खेसारी लाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए भोजपुरी फिल्मों को प्रमोट करने की बात कही. इस मौके पर खेसारीलाल यादव ने कहा कि भोजपुरी फिल्मों की ओर आज दुनिया निगाहें लगा बैठी हैं, लेकिन फिल्म को उस हिसाब से अपने घर में कभी प्रमोट नहीं किया गया, जिस हिसाब से दूसरे प्रदेशों में अपनी भाषा की फिल्मों को किया जाता है. उन्होंने कहा कि फिल्म "संघर्ष 2" एक अच्छी फिल्म है. आप इसे देखें और फिर प्रतिक्रिया दें. उन्होंने कहा कि भोजपुरी हमारी अपनी भाषा है. अगर हम भाषा को ही प्रमोट करें, तो हम सभी कलाकारों का प्रमोशन हो जायेगा. क्योंकि इसी भाषा ने हमें आपके दिलों में जगह बनाने का मौका दिया है. हम सभी कलाकार इस भाषा से हैं और इस भाषा की फिल्मों को अपने घर में सम्मान मिले. इसके लिए रत्नाकर कुमार और पराग पाटिल जैसे फ़िल्मकार अनवरत लगे हैं.

वहीं, रत्नाकर कुमार ने कहा कि फिल्म "संघर्ष 2" एक अच्छी कहानी वाली फिल्म है, जो समाज को दर्शाती है. इस फिल्म को सबों को देखना चाहिए. अभी तक जिन लोगों ने फिल्म देखी है , उन्हें ये पसंद आई है. हम लोग कमर्शियल फिल्म जरुर बनाते हैं, लेकिन उन फिल्मों में क्लास होता है. मेरे बैनर से बनी किसी भी फिल्म को देख लीजिये, उसमें गलत चीजें नहीं दिखने वाली है. "संघर्ष 2" को बेहद आधुनिक तकनीक से और बड़े स्तर पर बनाया गया है. यह फिल्म कहानी पटकथा स्क्रीनप्ले डायलॉग रोमांस म्यूजिक एक्शन से भरपूर है और एक कमर्शियल फिल्म की सारी जरूरतों को पूरा करती है. इसलिए हमारी फिल्म हर तरह के दर्शक वर्ग के लोगों को पसंद आने वाली है. 

आपको बता दें कि “संघर्ष 2” शुक्रवार को पूरे भारत में एक साथ रिलीज हुई है. यह एक एक्शन पैक्ड सिनेमा है जिसकी प्रस्तुति जितेंद्र गुलाटी और वर्ल्ड वाइड चैनल कर रही है. फिल्म के निर्माता रत्नाकर कुमार है जिनकी पहचान क्वालिटी बेस्ट फिल्म करने की रही है. को प्रोड्यूसर निवेदिता कुमार और कुलदीप श्रीवास्तव हैं. फिल्म के निर्देशक पराग पाटिल हैं. फिल्म में खेसारी लाल यादव के साथ मेघा श्री, माही श्रीवास्तव, कीर्ति यादव, सबा खान, वरण्या मल्होत्रा, सुशील सिंह, संजय पांडे, विनीत विशाल, अनूप अरोड़ा, विनोद मिश्रा, सामर्थ चतुर्वेदी, जे नीलम, रोहित सिंह मटरू, पप्पू यादव, सुबोध सेठ, मनीष चतुर्वेदी, वैभव राय, अक्की, संजीव मिश्रा, यादवेंद्र यादव, ओ पी कश्यप मुख्य भूमिका में है. फिल्म के गानों में शानदार लिरिक्स और म्यूजिक कृष्णा बेदर्दी का है. फिल्म की कहानी वीरू ठाकुर ने लिखी है. पी आर ओ रंजन सिन्हा हैं. डीओपी आरआर प्रिंस है. एक्शन दिलीप यादव, एस मल्लेश और न्योंग का है.

डांडिया महोत्सव में हुआ जमकर धमाल



Varanasi (dil India live). 21.10.2023. हाथों में छोटे छोटे डंडे लिए गुजराती गीतों पर नृत्य करती थिरकती और एक दूसरे से डंडे लड़ाती महिलाओं का हुजूम देखते ही बन रहा था. फिज़ा में गीत के बोल, मां शेरावाली, सबसे बड़ा है तेरा नाम रे... बुलंद हो रहे थे. मौका था डांडिया महोत्सव का, जिसमें महिलाओं ने जमकर धमाल किया.
बंजारा लान, फातमान में महिला व्यापार मंडल द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अम्बरीष सिंह (भोला), हिन्दु युवा वाहिनी वाराणसी मण्डल प्रभारी/सदस्य वाराणसी विकास प्राधिकरण, केशव जलान द्वारा दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. वाराणसी महिला व्यापार मंडल की अध्यक्ष सुनीता सोनी ने बताया कि नवरात्रि पर्व पर महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत की याद में महिलाओं द्वारा गरबे और डांडिया नृत्य व उत्सव का आयोजन किया गया. ऐसे आयोजन हमारी संस्कृति समेत परंपराओं को पहचान कराती हैं. जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक मार्गदर्शक बनने में सहायक होती है.
कार्यक्रम में ममता रानी अपर पुलिस आयुक्त द्वारा महिलाओं और सामजिक लोगों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में राजू सोनी, अर्चना सेठ, विजय शंकर, अजय सिंह, प्रतीक श्रीवास्तव, रौनक सिंह आदि मौजूद थे.

दशहरा नजदीक, काशी में उत्सव का माहौल

महासप्तमी पर काशी के मंदिरों में उमड़े भक्त


Varanasi (dil India live).21.10.2023. काशी में दशहरा जैसे जैसे नजदीक आ रहा है उत्साह और उल्लास देखते ही बन रहा है। तरह तरह के पंडाल अलग-अलग थीम पर तैयार हो चलें हैं। जिन्हें बंगाल, गुजरात आसाम और बिहार के कारीगर अब अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। वहीं सातवें दिन भी देवी मंदिरों में भक्तों का हुजूम दर्शन पूजन करने उमड़ा। शारदीय नवरात्र की महासप्तमी को मां काली की आराधना में भक्त उमड़े हुए थे। दरअसल शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का विनाश करने के लिए देवी ने कालरात्रि का रूप धारण किया था। हाथ में खप्पर, तलवार और गले में नरमुंड की माला धारण करने वाली मां का स्वरूप संकट से उबारने वाला माना जाता है। इसलिए महासप्तमी की पूजा करने वाराणसी स्थित दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में भोर से ही व्रती महिलाओं और पुरुषों ने हाजिरी लगाई। हाथों में प्रसाद, माला, फूल के साथ भक्तों का रेला मंदिर में उमड़ा हुआ था। खासकर श्री काशी विश्वनाथ गली में मां काली और भोजूबीर पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर मां दक्षिणेश्वरी काली के प्राचीन मंदिर में दर्शन पूजन करने श्रद्धालुओं का हुजूम सुबह से ही नज़र आया।

मान्यता है कि श्रीमार्कंडेय पुराण और श्रीदुर्गा सप्तशती के अनुसार काली मां की उत्पत्ति जगत जननी मां अंबा के ललाट से हुई थी। दुर्गा के नौ रूपों में सातवां रूप हैं देवी कालरात्रि का।इसलिए नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है। शत्रुओं से मुक्ति और कष्ट निवारण के लिए मां काली की आराधना फलदायी है। श्री काशी विश्वनाथ गली में मां काली और भोजूबीर पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पर मां दक्षिणेश्वरी काली का प्राचीन मंदिर विराजमान है। मां कालरात्रि की पूजा गृहस्थ लोगों को मां की शास्त्रीय विधि से पूजा करना चाहिए। देवी की पूजा में नीले रंग का उपयोग किया जाता है। माता के इस रूप को गुड़ का भोग अति प्रिय है। रात रानी या गेंदे के फूल अर्पित कर घी का दीपक लगाया गया और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...