- आरोप: एटीएस, एनआइए जैसी संस्थाएं संघ-भाजपा के जनसंगठनों की तरह ही कर रही हैं काम
- राज्य दमन के बावजूद जन एकजुटता के बल पर आंदोलन रहेगा ज़ारी
Varanasi (dil india live). पराड़कर भवन में एक प्रेसवार्ता आयोजित कर नागरिक समाज की तरफ से यह बताया गया कि 15 फरवरी को तीन बजे जिस तरह से कम्युनिस्ट फ्रंट के संयोजक मनीष शर्मा को सड़क से घेरकर एटीएस द्वारा उठाया गया, फोन बंद कर दिया गया, 6 घंटे बाद घर को सूचना दिया और ठीक इसी तरह लखनऊ में रिहाई मंच के अध्यक्ष एडवोकेट शोएब मोहम्मद को भी बिना किसी सूचना और वारेंट के हिरासत में लिया गया, यह बेहद अलोकतांत्रिक वह अवैधानिक है और राज्य को पुलिस स्टेट में तब्दील करने जैसा है, हम नागरिक समाज के लोग इसकी तीखी निंदा करते है और कारवाई की मांग करते हैं।
वक्ताओं ने कहा कि असल में सरकार जनांदोलन के नेताओं को डराना व चुप कराना चाहती है, ताकि विकास के नाम गरीबों, नट मुसहर और सफाई कर्मियों की जमीनें लूटी जा सकें, ऐतिहासिक सर्व सेवा संघ और गांधी विद्या संस्थान को बेचा जा सके, बुनकरी को खत्म कर बड़ी पूंजी को सौंपा जा सके और दलित-अल्पसंख्यकों की आवाज को दबाया जा सके, और इसलिए ही ये अवैध गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
वक्ताओं ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी-योगी सरकार में एटीएस, एनआइए, सीबीआई,इडी जैसी संस्थाएं संघ-भाजपा के जनसंगठन विहिप-बजरंगदल की तरह ही काम करने लगे हैं जिनके निशाने पर हरदम विपक्ष के नेता, जन आंदोलन के अगुआ और ख़ास समुदाय के लोग रहते हैं, लगातार हो रहीं गिरफ्तारियों में इस द्रेंड को ठीक-ठीक देखा जा सकता है।
वक्ता साथियों ने कहा कि सरकार द्वारा लगातार ज़ारी दमन और उत्पीड़न के बावजूद जनता के पक्ष में हम सब का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, सरकार की हर गलत नीतियों का विरोध हम जनता की एकजुटता और आंदोलन के बल पर करतें रहेंगे और इसी एकजुटता के दम पर हर तरह के दमन का भी मुकाबला किया किया जाएगा।
प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से मनीष शर्मा (कम्युनिस्ट फ्रंट, संयोजक) छेदी लाल निराला (पीएस4 प्रमुख) आदर्श कुमार (बीएसएम) सागर गुप्ता, शहजादी, शशिकांत, सबलू, रूपनारायण पटेल,जुबैर भाई, रजनीश कुमार,आकाश कुमार, विक्की भाई, शाम मोहम्मद आदि उपस्थित थे।