Varanasi (dil india live)। जनपद वाराणसी अर्दलीबाजार के रहने वाले वरिष्ठ यूनानी चिकित्सक, नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन(नीमा) वाराणसी के ज्वाइन सेक्रेट्री डॉ फैसल रहमान को उत्तर प्रदेश के नीमा यूनानी फोरम का संगठनात्मक सचिव बनाया गया है। डॉक्टर फैसल रहमान लोगों की सेवा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं, डॉ फैसल वाराणसी के पूर्व प्रामर्शदाता (क्यू ए)पद पर रह चुके हैं जिन्होंने बड़े ही अच्छे ढंग से कार्य को अंजाम दिया है, इस समय आप नेशनल एसेसर(NQAS), एन एच एस आर सी, नई दिल्ली के पद पर रहकर कार्य कर रहे हैं। एनआईएमए वाराणसी के सदस्यों ने डॉ फैसल रहमान को मुबारकबाद पेश की,और इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022
Bjp पर congress नेताओं ने लगाया यह गम्भीर आरोप
परिसीमन व आरक्षण में bjp ने किया सत्ता का दुरुपयोग
Varanasi (dil india live). वाराणसी आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए वार्ड परिसीमन एवं वार्ड आरक्षण में भारतीय जनता पार्टी ने पूरी तरह से सत्ता का दुरुपयोग किया है।
उक्त बातें महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि है जिस तरह से वार्ड परिसीमन और वार्ड आरक्षण में मनमानी की गई है उससे साफ जाहिर हो रहा है कि सत्ता का पूरा दुरुपयोग किया गया है। उक्त नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन जिन वार्डों में भाजपा कमजोर रही है और हारने का डर है ,उन वार्डो को आरक्षित कर दिया गया है यही नहीं 100 वार्डों में से लगभग 50 वार्डों को आरक्षित किया गया है। वाह रे सत्ता का खेल आधा नगर निगम आरक्षित हो गया। जबकि नगर निगम अधिनियम 1959 के अनुसार किसी भी शहर की आबादी 18 लाख हो तो उस नगर निगम में 100 वार्ड बनाए जा सकते है। प्रत्येक वार्ड की आबादी बराबर विभाजित की जाती है, इस हिसाब से नगर निगम के प्रत्येक वार्ड की जनसंख्या 18000 होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश संख्या 625/9-1-2022 निर्वाचन 2922 के अनुसार सभी वार्डों की आबादी बराबर की होनी चाहिए। किसी विशेष परिस्थिति में आबादी 15% कम या 15% अधिक की जा सकती है, लेकिन सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग करते हुए भाजपा ने किसी वार्ड में 7000 किसी वार्ड मे 9000 किसी वार्ड में 27000 आधी आबादी को रखकर अपने हिसाब से वार्ड को बनाया गया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि सत्ता के बल पर भाजपा की मंशा साफ नहीं लगती है और वह हर हाल में नगर निगम पर कब्जा करना चाहती हैं। जो निंदनीय है। यही नहीं इस पर निर्वाचित पार्षदों ने आपत्ति भी जताई लेकिन उनकी आपत्ति को निरस्त कर दिया गया।
बुधवार, 30 नवंबर 2022
World hiv day/एड्स दिवस (01 दिसम्बर ) पर विशेष
एचआईवी संक्रमितों को नई जिंदगी दे रहा एआरटी सेंटर
• निःशुल्क उपचार के साथ ही उनका बढ़ा रहा हौसला
• एड्स के खतरे से भी लोगों को कर रहा जागरूक
Varanasi (dil india live). प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने दिल्ली गये रामनगर निवासी शशांक, 23 वर्ष (परिवर्तित नाम ) की वहां एक युवती से शारीरिक संबंध बन गए। घर वापसी के कुछ महीनो बाद शशांक अक्सर बीमार रहने लगा। उसका शरीर कमजोर होता जा रहा था। बुखार पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। जांच में जब पता चला कि वह एचआईवी संक्रमित है तो शशांक के होश उड़ गये। लगा कि उसके सारे सपने टूट चुके हैं। उस वक्त एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर ने उसको एक नई जिंदगी दी। नतीजन एचआइवी पॉजीटिव होते हुए भी शशांक खुशहाल जिंदगी जी रहा है।
यह कहानी सिर्फ शशांक की नहीं बल्कि पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर शशांक जैसे उन तमाम युवाओं को वर्षों से नई जिंदगी दे रहा है जो एचआईवी संक्रमित होने के कारण जीवन से निराश हो चुके थे। एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि इस सेंटर की स्थापना वर्ष 2011 में हुई। मकसद एचआईवी संक्रमितों को उचित उपचार देने के साथ उनके हौसले को बढ़ाना है । इसके अलावा एचआईवी व एड्स के खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी काम एआरटी सेंटर करता है। वह बताती है़ कि 10 वर्ष के भीतर इस केन्द्र में एचआईवी संक्रमित लगभग 4500 लोगों का पंजीकरण हुआ जिनका निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।
क्या है एचआईवी वायरस
डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है। डा. प्रीति बताती है कि एआरटी सेंटर में एचआईवी की निःशुल्क जांच होती है। एचआईवी पॉजीटिव होने पर मरीज का फौरन निःशुल्क उपचार शुरू किया जाता है। एआरटी सेंटर के अलावा जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों यहां तक कि सभी सीएचसी-पीएचसी में भी एचआईवी जांच की निःशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है।
प्रमुख लक्षण
वजन का घटना, लगातार दस्त होना, लम्बे समय तक बुखार का होना, शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना, मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी का आना, गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का होना एचआईवी पॉजीटिव होने के लक्षण हो सकते है।
इन्हें हो सकता है संक्रमण
एचआईवी संक्रमित के साथ यौन सम्पर्क, इंजेक्शन से नशीली दवा लेने वाला व्यक्ति को,माता-पिता के एचआईवी संक्रमण के बाद पैदा होने वाले बच्चे को, बिना जांच किया हुआ रक्त चढ़वाने वाले व्यक्ति को एचआईवी संक्रमण का खतरा रहता है।
मंगलवार, 29 नवंबर 2022
Vaccine को सुरक्षित रखने में cold chain management अहम
Cold chain हैंडलर्स को दी गई vaccine रख-रखाव की ट्रेनिंग
Varanasi (dil india live) । राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को कोल्ड चैन हैंडलर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड के प्रशिक्षण केंद्र में जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी कोल्ड चैन हैंडलर्स को कोल्ड चैन पॉइंट में वैक्सीन के रखरखाव, ई-विन पोर्टल, तापमान नियंत्रण, निगरानी, आईएलआर, डीप फ्रीजर, वैक्सीन वायल मॉनिटर, ओपन वायल पॉलिसी आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया । इसके साथ ही अपर शोध अधिकारी (एआरओ) को भी समय से रिपोर्टिंग करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पाण्डेय, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक, यूएनडीपी के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आशुतोष मिश्रा व रीना वर्मा ने सभी कोल्ड चैन हैंडलर्स को प्रशिक्षण दिया। डॉ निकुंज ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कोल्ड चैन हेंडलर्स को आईस लाइन रेफ्रीजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रीजर, डी फ़्रोस्टर आदि के रखरखाव व प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करना, नियमित दस्तावेज़ और पोर्टल पर अंकित करना है। वैक्सीन को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में कोल्ड चैन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसका संचालन करने वालों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। वैक्सीन को जिस तापमान की जरूरत है, उस तापमान पर रखा जाए और इसकी निरंतर निगरानी की जाए। साथ ही वैक्सीन को जितने समय तक सुरक्षित रखना है, उसे उसी अनुसार व्यवस्थित करने की जरूरत है । जो वैक्सीन क्षेत्र में भेजा जा रहा है, उसे आइसपैक करके वैक्सीन कैरियर में भेजा जाए।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पाण्डेय व उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बताया कि वैक्सीन का नियमित तापमान दिन में दो से तीन बार चेक किया जाना चाहिए । वैक्सीन का निर्धारित तापमान के सापेक्ष कम या ज्यादा न हो पाये इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए । इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए । यदि किसी कोल्ड चैन उपकरण में खराबी आती है तो कोल्ड चैन हैंडलर्स की जिम्मेदारी है कि इसे तत्काल अपने अधिकारियों को अवगत कराए जिससे वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे।
यूएनडीपी के डॉ आशुतोष मिश्रा ने ई विन एडवांस पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आईएलआर का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस रखा जाना चाहिए। डीप फ्रीजर का तापमान माइनस 15 से 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए । एएनएम को सभी दिशा-निर्देशों, नियमों को विस्तार से बताएं । वैक्सीन का वेस्टेज न हो इसके लिए उनकी टैली शीट को नियमित रूप से देखें । वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए आईस पैक और वैक्सीन कैरियर के बीच समन्वय होना जरूरी है। साथ ही माइक्रोप्लानिंग और वैक्सीन को ले जाने की व्यवस्था के बारे में समझाया। शासन की ओर से भेजे गए प्रोफार्मा को उसी के अनुसार भरा जाए।
प्रशिक्षण में एआरओ, सीएचसी व पीएचसी के कोल्ड चैन हैंडलर्स, यूएनडीपी व यूनिसेफ के प्रतिनिधि एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहे।
सोमवार, 28 नवंबर 2022
First Sunday of advent:गिरजाघरो में गूंजे यीशु की स्तूति के गीत
Varanasi (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन (First Sunday of advent) के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।
दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2022 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल या Sunday of advent कहलाता है। चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आगमन का पहला इतवार है। वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी। लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि यह क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार था। इसके साथ ही 4 दिसंबर, 11 दिसंबर और 18 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस आयेगा। ख़ास बात यह भी है कि इस बार क्रिसमस भी इतवार को ही पड़ेगा।
शनिवार, 26 नवंबर 2022
Kashi me Guru teg bahadur sahib nai kiya tha 362 saal pahle tap
Varanasi (dil india live). सिख धर्म के नौवें पातशाह गुरु तेग बहादुर साहिब ने आज से 362 साल पहले काशी में तप किया था। नीचीबाग में उनके द्वारा 7 माह 16 दिन की तपस्या से जुड़े कई ऐतिहासिक दस्तावेज आज भी मौजूद है। उन्होंने अपने तप के बल पर ही तपोभूमि गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग में मां गंगा को बुला लिया था। जिसका प्रवाह आज भी लोगों को शुद्ध गंगा जल का अमृत पान करा रहा हैं। गुरु तेग बहादुर साहिब का शहीदी पर्व पर काशी से जुड़ी उनकी यादों को ताज़ा करती दिल इंडिया कि एक रिपोर्ट...
गुरु तेग बहादुर साहिब पंजाब से चलकर दिल्ली, आगरा, मथुरा, कानपुर, होते हुए इलाहाबाद कुंभ में पहुंचे थे। वह दौर 1660 का था। गुरु तेग बहादुर साहिब के अनुयाई भाई कल्याण को जब यह जानकारी मिली तो वह उनके दर्शन के लिए लालयित हो उठे मगर वो बुजुर्ग होने की वजह से वहां जा पाने में असमर्थ थे। मन ही मन उन्होंने गुरु तेग बहादुर साहिब के दर्शन मात्र के लिए उन्होंने प्रभु से प्रार्थना कि काश गुरु तेग बहादुर साहिब काशी आ जाते ? फिर क्या था एक दिन अचानक गुरु तेग बहादुर साहिब न सिर्फ काशी पहुंच कर भाई कल्याण को दर्शन दिया बल्कि यहां गुरु तेग बहादुर साहिब ने 7 माह 16 दिन तक तप भी किया। इस दौरान उन्होंने संगत को पहले पातशाह गुरु नानक देव के उपदेश दिए।
नीचीबाग गुरुद्वारे के ग्रंथी भाई धर्मवीर सिंह ने बताया कि उनके आगमन के दौरान ही एक घटना घटी। मांग पूर्णिमा के दिन भाई कल्याण ने गुरुतेग बहादुर साहिब से कहा कि आज सैकड़ों श्रद्धालु काशी गंगा स्नान करने आ रहे हैं। इसलिए आपका आदेश हो तो हम भी गंगा स्नान करके आ जाएं? उन्होंने कहा कि गंगा कितनी दूर हैं तो बताया कि आधा मील। इस पर उन्होंने ध्यान करते हुए घर में रखे एक पत्थर को हटाया तो वहां से एक निर्मल जलधार निकल पड़ी। भाई कल्याण यह देख आश्चर्य चकित हो गए। जब घर आंगन में पानी भरने लगा तो गुरुजी के आदेश अनुसार पत्थर की शिला उसके स्थान पर रख दी गई। वहीं भाई कल्याण व गुरु तेग बहादुर साहिब समेत काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने वहां स्नान किया। इस जल का स्रोत आज भी बाऊली साहिब के रूप में मौजूद है। इस जल का अमृत पान करने के लिए लोग दूर दूर से आज भी आते हैं। मान्यता है कि आज भी उस जल के सेवन से काफी बीमार लोगों को रोगों से मुक्ति मिलती है।
बनारस के साथ ही गुरु तेग बहादुर साहिब मिर्जापुर व चुनार भी गए। बनारस से जाते समय भाई कल्याण आदि भावुक हो उठे, बोले अब आपके दर्शन कैसे होंगे। इस पर उन्होंने अपना चोला, कुर्ता पायजामा और चरण पादुका आदि निशानियां वहीं छोड़ दी और कहा जब इसे देखेंगे तो मेरा दर्शन होगा। उनकी यह निशानियां आज भी गुरुद्वारे में संरक्षित है। इसके दर्शन पूजन के लिए लोग उमड़ते हैं। भाई कल्याण के उसी घर को बाद में गुरुद्वारा नीचीबाग बड़ी संगत का सिख अनुयायियों ने रुप दे दिया। यह गुरुद्वारा सिख इतिहास का महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने भीतर समेटे आज शान से बनारस के नीचीबाग इलाके में खड़ा है। जहां देश दुनिया से तमाम श्रद्धालु व पर्यटक गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचते हैं। यहां वह सहेज कर रखे गए तमाम सिख दस्तावेज देखकर निहाल हो उठते हैं।
शुक्रवार, 25 नवंबर 2022
Khello benaras में छात्रों ने लगाई दौड़
Varanasi (dil india live). खेलो बनारस कार्यक्रम के तहत संकुल चिरईगांव के खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन स्थानीय बरियासनपुर इंटर कॉलेज प्रांगण में किया गया। खेलकूद प्रतियोगिता में संकुल स्तरीय विद्यालय खानपुर उमराहा, उमराह द्वितीय, बरियासनपुर, दीनापुर व चिरईगांव प्राथमिक विद्यालय के बच्चों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ खंड विकास अधिकारी चिरईगांव सरिता गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर किया। इस दौरान खंड विकास अधिकारी सरिता गुप्ता का अभिवादन पूजा तिवारी सहायक अध्यापक खानपुर ने माल्यार्पण कर किया व मुख्य अतिथि पद पर पर आसीन कराया। इस दौरान बच्चों ने मार्च पास्ट के माध्यम से मुख्य अतिथि को सलामी दी। तत्पश्चात प्रतियोगिता शुरू की गई। प्रतियोगिता में बच्चों ने दौड़ लगा कर जहां दमखम दिखाया वहीं कई तरह की प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी स्कंद गुप्ता ने प्रोत्साहन कर प्रतिभागी बच्चों कि हौसला अफजाई की।
कार्यक्रम में इंदिरा सिंह, सत्येंद्र सिंह यादव, जावेद अहमद, संदीप सिंह, सांसद प्रतिनिधि के रूप में विनय मिश्रा, अतुल सिंह, ग्राम विकास अधिकारी सुनील कुमार पांडे, प्रधान मंगरु प्रसाद, बब्बू यादव, उदल पटेल, लाल बहादुर, रमेश व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीयन 1160 के जिलाध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह, राशिद अनवर आदि लोग उपस्थित थे।
Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान
हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...
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मुकम्मल की कुरान तो हाफिज साहेब को मिला इनाम में Varanasi (dil India live). अमूमन मस्जिदों में मुक़द्दस रमजान की खास नमाज़ तरावीह मुकम्मल कर...
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कामिल व फाज़िल मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाए-हाजी दीवान साहेब ज़मा - मदरसा नियमावली से अगे बढ...
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सुल्तान ने 275 लोगों का किया स्वास्थ्य परीक्षण निःशुल्क दवा वितरित की गई व 25 गुमशुदा बच्चों को अभिभावकों से मिलाया गया Varanasi (dil India...