मंगलवार, 12 जुलाई 2022

गर्भवती न करें नादानी वर्ना गर्भस्थ को हो सकती है परेशानी

गर्भावस्था में कुपोषण की जद में आने का मां ही नहीं बच्चे पर भी पड़ता है दुष्प्रभाव

अविकसित अंग, ब्रेन डैमेज के साथ ही गर्भपात का भी रहता है जोखिम


Varanasi (dil india live). यदि आप गर्भवती हैं तो पौष्टिक आहार पर विशेष ध्यान दें। इसमें जरा सी भी लापरवाही सिर्फ गर्भवती ही नहीं बल्कि गर्भस्थ के लिए भी नुकासनदायक हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान कुपोषण से समय से पहले जन्म, गर्भपात जैसी समस्या के अलावा अविकसित अंग, ब्रेन डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों का भी सामना शिशु को करना पड़ सकता है।

जिला महिला चिकित्सालय की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मधुलिका पाण्डेय का कहना है कि अच्छी सेहत के लिए  शरीर को पोषक तत्वों की विशेष जरूरत होती है। एक महिला के लिए यह नितांत जरूरी तब और हो जाता है जब वह गर्भवती होती हैं । गर्भावस्था में होने वाली मुश्किलों का सामना करने के लिए मां को पोषक तत्व ही सहारा देता है। गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए भी यह जरूरी होता है। शरीर को पर्याप्त पोषक तत्वों के न मिलने से गर्भवती कुपोषित हो जाती है। 

 



कुपोषण से गर्भवती को जोखिम

डा. मधुलिका का कहना है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कुपोषण होता है, प्रसव के दौरान उनको ज्यादा जोखिम रहता  है। कुपोषण से ग्रसित ऐसी महिलाएं कभी-कभी गर्भपात की भी शिकार हो जाती हैं । ऐसी अधिकतर गर्भवती आयरन की कमी के चलते एनीमिया की समस्या से ग्रसित हो जाती हैं। उनके शरीर में लालरक्त कणिकाएं कम हो जाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाती है। प्रोटीन और ब्लडप्रेशर इतना बढ़ जाता है कि उससे गर्भवती को जान का भी जोखिम रहता है।

 गर्भस्थ को जोखिम 

जिला महिला चिकित्सालय की *बाल रोग विशेषज्ञ डा. मृदुला मल्लिक* बताती हैं कि मां के कुपोषित होने से गर्भ में पल रहे शिशु का ठीक से विकास नहीं हो पाता। इससे उसकी गर्भ में ही मृत होने की आशंका बनी रहती है अथवा वह अविकसित अंगों वाले शिशु के रूप में भी जन्म लेता है। ऐसे अधिकतर बच्चे जन्म के समय  कम वजन वाले होते हैं और कई बीमारियों से उनके ग्रसित होने की आशंका ज्यादा होती है। बड़े होने पर ऐसे बच्चों में ब्रेन डैमेज, ह्रदय रोग, ब्लड प्रेशर,डायबिटीज होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है।

 बरतें सतर्कता-

स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. मधुलिका पाण्डेय का कहना है कि स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए गर्भधारण के साथ ही महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। इसके लिये उन्हें पौष्टिक आहार का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना जरूरी होता है। इसके साथ ही उन्हें समय-समय पर अपने करीब के स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराते रहना चाहिए। यहां से निःशुल्क मिलने वाली आयरन व कैल्शियम की गोली का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार करना चाहिए |  आंगनबाड़ी कार्यकताओं के माध्यम से सरकार की ओर से वितरित किये जा रहे निःशुल्क पोषक आहार का लाभ उठाना चाहिए। उनका कहना है  कि गर्भवती  को हर चार घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाना चाहिए।हरी सब्जियां, दाल, राजमा, सोयाबीन, काबुली चना, दूध, अण्डा, मांस के साथ ही केला, अनानास,संतरा जैसे फल भी गर्भवती लिए फायदेमंद होते हैं।गर्म व मसालेदार चीजें खाने से गर्भवती को बचना चाहिए।गर्भवती को सब्जियों का सूप और जूस लेना चाहिए।

रविवार, 10 जुलाई 2022

Eid-ul-azha mubarak 2022: ईदुल अजहा की नमाज़ के साथ बकरीद का जश्न शुरु

कुर्बानी से पहले किया ईदुल अजहा की नमाज़ अदा






Varanasi (dil india live). देश-दुनिया के साथ ही बनारस में सुबह ईदुल अजहा की नमाज़ के साथ बकरीद का जश्न पूरी अकीदत के साथ शुरु हो गया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। मसजिदों और ईदगाह से नमाज़ मुकम्मल करके अकीदतमंद घर पहुँचे जहां कुर्बानी का सिलसिला शुरु हुआ। नमाज़ के दौरान उलेमा ने अपनी तकरीर में जहां लोगों को दीन के रास्ते पर चलने की दावत दी वही बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग का दिन बताया। उलेमा ने कहा कि जानवर का गोश्त और हड्डी रब के पास नहीं जाती बाल्कि रब हमारी नियत देखता है, इसलिए हमे चाहिए कि जब भी हमारी जरुरत हो हम कुर्बानी के लिए तैयार रहे। वो कुर्बानी धन, दौलत, जानवर ही नहीं बाल्कि अपनी कौम और वतन के लिए भी हो सकती है। इस दौरान मुल्क में अमन, मिल्लत बुराईयों के खात्मे के लिए भी दुआएं मांगी गई। 

पता हो कि इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल करते हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटे हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

अल सुबह हुई नमाजें

इस साल 10 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व शुरु हुआ। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा की गई। कई जगहों पर मस्जिद और ईदगाहों के आसपास मेले जैसा माहौल दिखाई दिया। नमाज़ मुकम्मल करके जब मोमिन घर पहुंचे, घरों में सेवईयों का लुत्फ उठाया।


शनिवार, 9 जुलाई 2022

दसवीं का छात्र घर से लापता


Varanasi (dil india live). फुलवरिया निवासी राजकीय क्वींस कॉलेज में दसवीं कक्षा का छात्र 15 वर्षीय रेहान अहमद सिद्दीकी आज शनिवार की सुबह 10:00 बजे कहीं गुम हो गया। वो घर से बिना बताए निकला और अभी तक घर वापस नहीं आया है। आसपास खोजने पर भी कहीं उसका पता नहीं चला है। इससे परिजनों का बुरा हाल है। अगर कोई भी जानकारी किसी को मिले तो मोबाइल नंबर 7392011577 पर सूचना दे। बच्चा काले रंग की हाफ टीशर्ट, काले रंग का लोवर, फिरोजी रंग की स्लीपर पहने हुए है।

Dav pg college:समाज में कुछ नया लाने के लिए करे शोध-प्रो. शबनम



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे 8 दिवसीय कला एवं मानविकी में रिसर्च मेथडोलॉजी पर राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन उर्दू में तहक़ीक़ के उसूल-ओ-जवावित विषय पर व्याख्यान हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग की प्रोफेसर शबनम हमीद ने उर्दू विषय मे शोध की आवश्यक पहलुओं पर विमर्श किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उर्दू भाषा मे भी शोधार्थी सिर्फ डिग्री या स्कॉलरशिप के लिए शोध ना करे बल्कि समाज के सामने कुछ नया लाए। बीए की पढ़ाई के दौरान से ही उन्हें तहक़ीक़ की अहमियत बतानी होगी, ताकि उनकी परवरिश एक अच्छे शोधार्थी की तरह ही हो। उन्होंने कहा कि शोध में सच की तलाश करना चाहिए और ईमानदारी से विषय मे नई बात पैदा करने का जुनून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शोध के दौरान जो रुकावटें आती है उससे घबराने की जरूरत नही है बल्कि उससे निकलने का रास्ता बनाने की दिशा में बढ़ना चाहिए।शोध का कार्य सिर्फ खूबियां गिनाना ही नही है बल्कि कमियों को भी उजागर करना चाहिए। अंत मे उन्होंने शोधार्थियों को पुस्तकालय का नियमित दौरा, फील्ड विजिट ये सब जरूरी कदम है जिससे शोध की गुणवत्ता में सुधार आता है। 

अतिथि का स्वागत रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसोदिया ने किया। संचालन उर्दू विभाग की डॉ. तमन्ना शाहीन तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्री लाल ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. पूनम सिंह, डॉ. सतीश कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. संगीता जैन, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. रामेंद्र 

सिंह, डॉ. बंदना बाल चंदनानी, डॉ. समीर कुमार पाठक आदि शामिल रहे। कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के 50 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए l

Eid-ul-azha 2022: पहले रब की बारगाह में होगा सिजदा, फिर कुर्बानी

ईद-उल-अजहा कल, सुरक्षा चाकचौबंद

-कमिश्नर ने किया ईदगाहों का मुआयना

-नमाज के बाद शुरू होगी कुर्बानी




Varanasi (dil india live). ईद-उल-अजहा की नमाज कल पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा चाक-चौबंद रहे, इसके लिएपु लिस कमिश्नर ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का आज उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबे आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा।

बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर  छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह 6 बजे से 11बजे के बीच अदा की जाएगी।

तीन हिस्से में बंटता है कुर्बानी का गोश्त

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के इस्तेमाल के लिए, दूसरा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए। वैसे ज्यादातर लोग सभी हिस्सों का गरीबों में बांट देते हैं।शहर काजी ने सादगी के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है।

शुक्रवार, 8 जुलाई 2022

बौद्धिक क्षमता को प्रदर्शित करता है शोध प्रस्ताव

शोध प्रविधि पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के रिसर्च प्रमोशन सेल एवं कला संकाय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को कला एवं मानविकी में रिसर्च मैथेडोलॉजी पर 8 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रोफेसर आर. पी सिंह ने शोध प्रस्ताव बनाते समय उसके महत्व के दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी शोध प्रस्ताव व्यक्ति के भौतिक अथवा शारिरिक उपस्थिति के बजाए उसके ज्ञान, उसके बौद्धिक स्तर को प्रदर्शित करता है। इस दृष्टिकोण से शोध प्रस्ताव का महत्व स्वयं ही दिखलाई पड़ता है। प्रोफेसर सिंह ने कहा कि साहित्य में शोध के लिए सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि शोधार्थी सर्वप्रथम अपनी संस्कृति को पहचाने। स्थानीय संस्कृति के अध्ययन बगैर साहित्यिक शोध की गुणवत्ता में सुधार नही महसूस किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी साहित्य में शोध के समय जितने भी वैज्ञानिक और मॉडर्न सिद्धांत है, उन सभी का प्रयोग कर सकते है।

इससे पूर्व कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। रिसर्च प्रमोशन सेल की समन्वयक प्रोफेसर मधु सिसौदिया ने कहा कि कोई भी शोध  हो उसमे शोध प्रविधि का सर्वाधिक महत्व है। सामान्यतौर पर सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य में ही शोध प्रविधियों पर कार्यशाला आयोजित की जाती है,  इस लिहाज से कला एवं मानविकी पर भी कार्यशाला की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस कार्यशाला का लाभ कला वर्ग के शोधार्थियों को मिलेगा।

अध्यक्षता कार्यक्रम संयोजक डॉ. मिश्रीलाल ने किया। स्वागत डॉ. पूनम सिंह एवं डॉ. सतीश कुमार सिंह ने किया। संचालन डॉ. संगीता जैन तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार राम ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से आइक्यूएसी की समन्वयक डॉ. पारुल जैन, डॉ. विनोद कुमार चौधरी, डॉ. समीर कुमार पाठक, डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डॉ. राहुल, डॉ. नेहा चौधरी, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. संजय कुमार सिंह, डॉ. तमन्ना शाहीन, डॉ. इंद्रजीत मिश्रा,डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. हसन बानो आदि थी।

आयुष्मान भारत योजना: 20 जुलाई तक चलेगा पखवाड़ा

जल्दी बनवा लें आयुष्मान कार्ड

जिलाधिकारी ने किया निर्देशित जल्दी बनाए जाएँ शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड  

-अंत्योदय लाभार्थी परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए विशेष प्रयास

-आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, संगिनी, कोटेदार, ग्राम प्रधान करेंगे सहयोग

 


Varanasi (dil india live) जिले में 20 जुलाई तक आयुष्मान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस दौरान सभी अंत्योदय लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देशित किया कि पखवाड़े के दौरान खाद्य एवं रसद विभाग, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, आई०सी०डी०एस० विभाग के अधिकारी अपने अधीन कार्यरत क्षेत्रीय कर्मियों द्वारा आशा के साथ समन्वय स्थापित करते हुये सभी अन्त्योदय लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनवाने में मदद करें। सभी कोटेदारों की दुकानों एवं पंचायत भवन पर आशा कार्यकर्ता लाभार्थियों की सूची चस्पा करवाएं जिससे शेष बचे लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड जल्द से जल्द बन सके। शत-प्रतिशत कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थियों को आशा कार्यकर्ता, संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, कोटेदार, ग्राम प्रधान, ग्राम सचिव, पार्षद आदि जन प्रतिनिधि पूर्ण रूप से सहयोग करें। इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं की जाएगी और विभागाध्यक्ष की पूर्णतया ज़िम्मेदारी होगी   

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि अब सभी अंत्योदय राशन कार्ड धारक अपने परिवार के सभी सदस्यों के आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। जनपद में 49,497 अंत्योदय के लाभार्थी परिवार के सापेक्ष 28,023 परिवारों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। शेष लाभार्थी परिवारों के शत-प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए विभाग पूरा प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान का पत्र मिला हो, अंत्योदय कार्ड (लाल राशनकार्ड) धारक, श्रम कार्ड धारक (अक्टूबर 2019 से अक्टूबर 2020 के बीच बने श्रम कार्ड) हो, उज्ज्वला योजना के सूचीबद्ध लाभार्थी योजना का लाभ उठा सकते हैं। वह प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के पत्र व अंत्योदय-श्रम कार्ड के साथ राशनकार्ड और आधार कार्ड लेकर नजदीकी सरकारी व सूचीबद्ध निजी चिकित्सालय, समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात आयुष्मान मित्र या जनसेवा केंद्र के वीएलई से सम्पर्क कर आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। 

  एसीएमओ डॉ मुईजुद्दीन हाशमी ने कहा कि आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी किसी को इलाज में दिक्कत आ रही है तो उसके लिए डिस्ट्रिक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट (डीआईयू) की टीम से सीएमओ कार्यालय में आकर सम्पर्क कर सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना में सूचीबद्ध जनपद के सरकारी/निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान आने वाली समस्याओं का निराकरण करने में डीआईयू टीम पूरा सहयोग करती है। 

1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज

योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) डॉ पूजा जयसवाल बताती हैं कि योजना के तहत इलाज के लिए जनपद के 150 से ज्यादा सरकारी व निजी अस्पताल में पांच लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा है। करीब 1670 बीमारियों का निःशुल्क इलाज आयुष्मान कार्ड धारक योजना के तहत देश के किसी भी बड़े सूचीबद्ध चिकित्सालय में करा सकता है। 

यहाँ बनेंगे आयुष्मान कार्ड

 योजना के जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक नवेन्द्र सिंह ने बताया कि सरकारी व निजी अस्पतालों तथा जन सेवा केन्द्रों के अलावा आयुष्मान कार्ड सभी कोटेदारों की दुकान पर बनाया जाएगा। पंचायत भवन में सहायक पंचायत आपरेटर बनाएंगे। अब तक जिले में 5.72 लाख लाभार्थियों के सापेक्ष 3.55 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। अभी तक जिले में 1.07 लाख लोगों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क इलाज कराया गया और उनके इलाज में 100 करोड़ से अधिक रुपए खर्च हुए हैं।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...