बुधवार, 17 नवंबर 2021

भारतीय ज्ञान परम्परा के संवाहक प्रभुनाथ द्विवेदी

आधुनिक संस्कृत और ज्ञान परम्परा को दी थी गति

 डा .संजय कुमार 

 वाराणसी (dil india live)। आधुनिक संस्कृत के उच्च शिखर पर प्रतिष्ठित आचार्य प्रभुनाथ द्विवेदी का जन्म २५ अगस्त १९४७ ई.को मीरजापुर ,उत्तर प्रदेश के भैसा (कछवा) ग्राम में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री नन्दकिशोर द्विवेदी तथा माता का नाम श्रीमति रामकुमारी देवी था। बचपन से ही द्विवेदी जी का विशेष लगाव संस्कृत भाषा साहित्य से था। यही वजह थी कि स्नातक विज्ञान विषय से उत्तीर्ण होने के बाद भी इन्होने संस्कृत विषय में स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधि प्राप्त कर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, उ.प्र. में जनवरी १९७८  सहायक आचार्य के पद पर न्यूक्त हो गए। यहीं  सह आचार्य एवं आचार्य पद पर रहते हुए संकायाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद का निर्वाह किया।  जून २०१० ई.  में सेवा निवृत्त हो गए लेकिन उनके ह्दय में विराजमान अध्यापकत्व उन्हें कभी भी सेवा निवृत्त नहीं होने दी। फलस्वरूप वे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, शंकरशिक्षायतन, नई दिल्ली, विश्वभारती, शान्ति निकेतन (प.ब.), कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र  एवं रानी पद्मावती तारायोगतंत्र आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, शिवपुर, वाराणसी  में मानद आचार्य के रूप में अध्यापन करते रहे।

      द्विवेदी जी के  अध्यापन के सामान ही लेखन कार्य भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कथासंग्रह के रूप में श्वेतदुर्वा,  कथाकमौदी, अंतर ध्वनि, कनकलोचन, शालिवीथी आदि के साथ लगभग ६० ग्रंथों का प्रणयन किया। इन्होने रामानन्दचरित एक संस्कृत भाषा में उपन्यास लिखा है। इस कोरोना महामारी पर भी इनके द्वारा कोरोनशतकम काव्य लिखा गया ह। जिसमे १०८ श्लोक है। यह काव्य विषेश रूप से कोरोना से बचाव तथा वैश्विक परिदृश्य के साथ ही राजनीतिक दृष्य को भी उपस्थित  करता है। २०१८ ई .में इनके द्वारा  स्वच्छ्ताशतकम काव्य की   रचना की  गयी  जिसमें सम्पूर्ण भारत को स्वच्छ रखने की कमना की गयी है। प्रभुनाथ द्विवेदी अंग्रेजी भाषा के अच्छे जानकर थे। इन्होंने अभी-अभी सनातन धर्म पर एक ग्रन्थ लिखा है। अलंकारोदारणम यह ग्रन्थ वस्तुतः किसी अंग्रेजी ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद है। इनके द्वारा इसके अतरिक्त २२९ शोध निबन्ध ,२४५ ललित निबन्ध भी द्विवेदी जी के प्रकाशित हैं। प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी जी के अध्यवसाय का यह प्रमाण है कि उनके निर्देशन में ३६ शोधार्थी शोध उपाधि प्राप्त किये हैं। द्विवेदी जी के आकशवाणी और दूरदर्शन पर ९१ प्रसारण कार्यक्रम भी हुए हैं। इनके कृतित्त्व और व्यक्तित्व पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोधकार्य भी चल रहा है।

     डा.प्रभुनाथ द्विवेदी  के साहित्यिक अवदान पर विभिन्न संस्थाओं से ३४ पुरस्कार दिए गये है जिनमे राष्ट्रपति पुरस्कार(२०१७ ) साहित्य अकादमी पुरस्कार (२०१४ ) बाल्मिकीय पुरस्कार, बाणभट्ट पुरस्कार, कालिदास पुरस्कार, श्रीरामानंदचार्य पुरस्कार मुख्य हैं। प्रो.द्विवेदी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी, विद्वान, महामनीषी थे। विषम परिस्थिति में कभी भी विचलित नहीं होते थे, ह्दय रोग से पीड़ित होने पर भी सतत अपने लेखन कार्य से भारतीय ज्ञान परंपरा को सुगम और सुबोध बनाने का प्रयत्न करते रहे। लेकिन दाम्पत्य जीवन के घनीभूत प्रेम अनुरागी पत्नी निर्मला देवी के स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण ईधर कुछ दिनों से हताश और निराश हो गए थे। जिसके कारण अचानक  मस्तिष्क में विकार उतपन्न हुआ और लाख चिकित्सीय प्रयास करने पर भी १५ नवम्बर,२०२१ को मध्य रात्रि में अपने नश्वर शारीर छोड़कर शिवसायुज्य के लिए अनन्त पथ के गामी हो गए संस्कृत के ऐसे महामनीषी के देव लोक गमन पर हम अपनी पूत ह्दय भावांजलि अर्पित करते हैं।

(लेखक: डा. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, म. प्र. में सेवारत हैं)

सरकार ग़ौसे आज़म थे पैदाइशी वली

दावते इस्लामी के जलसे में जुटे लोग, हुई तकरीर


वाराणसी 16 नवंबर (dil india live)। जश्ने गौसुल वारा का जलसा दालमंड़ी में मसजिद रंगीले शाह में अकीदत व एहतराम के साथ किया गया। दावते इस्लामी की ओर से हुए जलसे में प्रमुख इस्लामी विद्वानों ने सरकार शेख अब्दुल कादिर जिलानी रहमुतल्लाह अलैह की जिन्दगी और उनके करामात पर रौशनी डाली। मो. महमूद साहब ने कहा कि ग़ौसे आज़म वो पैदायशी वली हैं जिन्होंने मां के पेट में रहते हुए पाक कुरान के 18 पारे याद कर लिया था। अगर ग़ौसे पाक के बताये रास्ते पर इंसान चले तो उसकी ज़िंदगी और आखिरत दोनों सवर जायेंगे। इस मौके पर मुबारक अत्तारी, मो. फारुक, मो. सादिक, कारी अब्दुल कादरी, मो. उमर अत्तारी, सलमान अत्तारी आदि ने शिरकत किया। लोगों का खैरमखदम डा. साजिद ने किया तो शुक्रिया मसजिद के इमाम मो. सऊद अत्तारी ने किया।

मंगलवार, 16 नवंबर 2021

नियमित करायें आंखों का परीक्षण

बरतें सावधानी व रखें विशेष ध्यान :सीएमओ

जिले में अप्रैल से अबतक 15,380 मरीजों की हुई स्क्रीनिंग  

इस साल 1870 मरीजों का हुआ मोतियाबिंद का निःशुल्क इलाज 



वाराणसी, 16 नवंबर(dil india live)। बढ़ती उम्र के साथ होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं में मोतियाबिंद सबसे सामान्य समस्या है, अगर सूर्यास्त के बाद सामने से सीधी आ रही रोशनी से आपको चोंधी लगती है या उस रोशनी से आपको देखने में परेशानी होती है तो आप इसकी अनदेखी कतई न करें। यह मोतियाबिंद के लक्षणों में से एक है। बढ़ती उम्र के साथ मोतियाबिंद हो जाना सामान्य समस्या है। आंखों का परीक्षण समय पर कराते रहें। इससे आंखों में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राहुल सिंह का।

डा. राहुल सिंह ने बताया कि मोतियाबिंद की समस्या लोगों में 50 साल के बाद पायी जाती हैं। जिला अस्पताल में यदि अंधता निवारण के 100 मरीज आते हैं तो उनमें लगभग 40 फीसदी मरीजों में मोतियाबिंद की समस्या पायी जाती है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर पर यह समस्या अधिक देखने को मिलती है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जानकारी नहीं हो पाती है। उन्होंने बताया कि 40 साल के बाद नजर में कमी होने पर शीघ्र ही चिकित्सक को दिखाएं। जनपद के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सरकारी चिकित्सालयों पर आँख की निःशुल्क जांच व परामर्श की सुविधा उपलब्ध है। 

     कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डा. ए. के. गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय अंधता निवारण व नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 45 वर्ष के ऊपर के बुजुर्गों तथा 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को चश्मा दिया जाता है । भारत में अभी अंधता का प्रतिशत 0.36  है इसे 2024 तक 0.3% तक लाना है। भारत में बच्चों में होने वाली दृष्टिहीनता का एक बड़ा एवं मुख्य कारण उनके नेत्रों में होने वाले इनफेक्सन, विटामिन ए की कमी, कुपोषण, नेत्रों में लगने वाली चोटें, बाल्यावस्था में होने वाला मोतियाबिंद और निकट एवं दूर दृष्टि दोष आदि हैं। लगभग 70 से 80% बच्चों की दृष्टिहीनता को रोका या बहुत कम खर्च में किए जाने वाले प्रयासों से ही ठीक किया जा सकता है। नियमित अंतराल पर नेत्र परीक्षण करायें तथा  नियमित शारीरिक अभ्यास तथा योग करें। हरी सब्जियों और फलों का प्रयोग करते रहने से नेत्र संबंधी परेशानियों से बचा जा सकता है।

     एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. सिंह ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय के कमरा नं. 15 में मरीजों की ओपीडी की जाती है। पहले लगभग 70 मरीजों की ओपीडी प्रतिदिन होती थी, अब लगभग 150 मरीजों की ओपीडी प्रतिदिन हो रही है। अप्रैल 2021 से अबतक 15380 मरीजों की स्क्रीनिंग की गई तथा वर्ष 2020-21 में कुल 31,425 मरीजों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कोरोना काल में वर्ष 2020-21 में 1870 मरीजों का मोतियाबिन्द का निःशुल्क इलाज किया गया। 

    डा. सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत निःशुल्क मोतियाबिंद का आपरेशन (इंट्रा ओकुलर लेंस – आईओएल) का प्रत्यारोपण किया जा रहा है। मरीजों की जांच, दवा, आपरेशन के उपरान्त की दवा भी निःशुल्क दी जाती है। आपरेशन पूरे वर्ष भर सोमवार से शनिवार दिवस में किया जाता है। मोतियाबिंद आपरेशन के मरीज नियत दिवसों में आते हैं। यहाँ पर उनका आवश्यकतानुसार समुचित इलाज किया जाता है। यहाँ समलबाई (ग्लूकोमा), नासूर (डीसीआर), नाखूना (टेरेजियम) तथा भैंगापन का भी इलाज किया जाता है। गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को सर सुंदरलाल चिकित्सालय (बीएचयू) रेफर किया जाता है।

     डा. सिंह ने बताया कि धूम्रपान न करें, गुटखा, तम्बाकू व खैनी के प्रयोग से बचें यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है/ काले चश्मे का प्रयोग करें यह सूरज कि परबैगनी किरणों से बचाता है। खतरनाक काम करते समय सुरक्षा चश्में का प्रयोग करें। कंपूटर स्क्रीन को दूर से देखें।

लाभार्थियों ने सराहा

1- चोलापुर ब्लॉक, धरसौना ग्राम निवासी कन्हैया गुप्ता (75) ने बताया कि उन्हें आंखों से कम दिखाई देता था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर में डाक्टर को दिखाया, तो उन्होने बताया कि आंखों में मोतियाबिंद है। उन्होने मंडलीय चिकित्सालय कबीरचौरा रेफर किया। यहाँ डाक्टर ने बताया कि बायीं आँख का मोतिया पका है। इसका आपरेशन होगा। भर्ती होने के बाद शुगर, ब्लडप्रेशर, एचआईवी तथा कोरोना की जांच हुई और इसके बाद शुक्रवार को सफलतापूर्वक आपरेशन हुआ। सभी जांच तथा दवाएं निःशुल्क हैं, यहाँ सुविधा बहुत अच्छी है, मुझे कोई समस्या नहीं हुई।  

2- चोलापुर ब्लॉक, ग्राम महमूदनगर निवासी गुजराती (70) के परिजनों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर से यहाँ रेफर किया गया था। गुरुवार को मरीज को भर्ती कराया है। जांच के बाद शुक्रवार को आपरेशन हुआ है। यहाँ सुविधा अच्छी है, तथा जांच, दवा सभी निःशुल्क है।    

यह हैं मोतियाबिंद के लक्षण 

धुँधली या अस्पष्ट दृष्टि

रोशनी के चारों ओर गोल घेरा सा दिखना

रात के वक्त कम दिखाई देना

हर वक्त दोहरा दिखाई देना

हर रंग का फीका दिखना

मोतियाबिंद होने के कारण 

बढ़ती उम्र 

अधिक देर तक सूर्य की रोशनी आँखों पर पड़ना

आँख में चोट लगना

डायबिटीज 

इस तरह करें बचाव 

आंखों का नियमित परीक्षण करवाना चाहिए

वृद्धावस्था में आंखों के प्रति सचेत रहना चाहिए

मोटापे के कारण टाइप-2 डायबिटीज होने की समस्या अधिक होती हैं जिससे की मोतियाबिंद होने का जोखिम भी बढ़ जाता हैं। इसलिए अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखें और डायबिटीज को भी कंट्रोल में रखें।

घर से बाहर निकलने से पहले धूप या अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन से बचने के लिए चश्में जरूर पहनें।

बच्चों को कॉपी, कलर और पेंसिल कि गई वितरित



लखनऊ 16 नवंबर (dil india live)।  भारतीय नागरिक परिषद के सहयोग से प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द के बच्चों को कॉपी, कलर और पेंसिल वितरित की गई। रीना त्रिपाठी ने बताया की 14 नवंबर को देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में बनाया जाता है तथा रविवार को सुबह आयोजित हुई प्रभात रैली निकाली गई थीं। उसके महत्व को  बच्चों को बताया गया।

                 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर ग्राम प्रधान रघुवीर यादव जी उपस्थित थे उन्होंने बच्चों को सामग्री वितरित की तथा सभी बच्चों को अभियान कौशल  से जोड़ते हुए नशा न करने की शपथ दिलाई गई तथा उन्होंने सभी बच्चों को यह बताया कि वह अपने घर में अपने पिता भाई तथा उन सभी लोगों को यह बताएं कि नशा बहुत बुरी चीज होती है और उससे बहुत नुकसान होता है ।गांव के बच्चे अक्सर गुल मंजन का प्रयोग मंजन के तौर पर करते हैं जो बाद में नशे की लत बन जाता है नशे की हानियों के प्रति सभी बच्चों को जागरूक किया गया। रोज नहा धोकर साफ-सुथरी होकर प्रतिदिन बच्चे स्कूल है और वह पढ़ाई के साथ-साथ खेल तथा अन्य प्रतियोगिताओं में भी बराबर की रुचि ले सकें और यह दोनों ही जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है यह भी बताया गया।

    स्कूल की रसोइयों तथा गांव के अभिभावकों को साबुन का वितरण किया गया ताकि वह बच्चों को साफ-सुथरी तरीके से नहला धुला कर विद्यालय भेज सकें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रघुवीर यादव के साथ प्राथमिक विद्यालय अलीनगर खुर्द की प्रधानाध्यापिका आभा शुक्ला,  रीना त्रिपाठी, नसीम, सतीश, सरिता यादव सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।


गौसुल वारा कॉन्फ्रेंस कल

 वाराणसी 16 नवंबर (dil india live)। ज्श्ने गौसुल वारा कॉन्फ्रेंस का आयोजन शिवाला की दूल्हे वाली गली में 17 नवंबर को होगा। आयोजन के मेहमाने खास प्रमुख इस्लामी विद्वान मौलाना सैयद कौसर रब्बानी होंगे। तकरीर, मिलाद और उनकी दुआओं के बाद ग़ौसे पाक का लंगर चलेगा।

आयोजक मो. रवालिद ने बताया कि बाद नमाज मगरिब मिलाद शरीफ और बाद नमाज ईशा लंगरे आम का इंतजाम किया गया है। लंगर में गौस-ए-पाक के सभी चाहने वालों से शिरकत की खुसूसी गुज़ारिश की गई है।

सोमवार, 15 नवंबर 2021

सलमान खुर्शीद को बदनाम करने की काजिश

वाराणसी 15 नवंबर(dil india live)। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग की एक बैठक कचहरी परिसर में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में अधिवक्ताओं ने !भाजपा द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर गलत आरोप लगाते हुए भ्रामक प्रचार किये जाने की निंदा की गई। कांग्रेस  विधि विभाग से जुड़े अधिवक्ता समाज से जुड़े लोगों ने कहां की शशांक शेखर त्रिपाठी एडवोकेट काशी प्रांत संयोजक भाजपा विधि प्रकोष्ठ द्वारा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद साहब पर अनरगल आरोप लगाकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है जो निंदनीय है। जबकि सलमान खुशी जी द्वारा हिंदुओं भाइयों के खिलाफ कोई भी टिप्पणी नहीं की गई नोटिस भेजने की बात शशांक शेखर द्वारा कही गई जो भ्रामक है अभी तक सलमान खुर्शीद जी को कोई भी नोटिस प्राप्त नहीं हुई है।

बैठक में उपस्थित लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि शशांक शेखर त्रिपाठी व भाजपा के अन्य लोग यदि अपना भ्रामक प्रचार बंद नहीं करते हैं तो उन लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई, वह मानहानि की कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में अशोक कुमार सिंह एडवोकेट, अजीत मद्धेशिया एडवोकेट, वीरेंद्र कुमार पंडित एडवोकेट, सैयद अफसकासन्न एडवोकेट, राजेश गुप्ता एडवोकेट सहित अधिवक्ता समाज में अपनी बात रखी।

लखनऊ में होगी ऐतिहासिक शंखनाद रैली: विजय कुमार बंधु

एनपीएस और  के खिलाफ़ 

देश भर में संघर्ष जारी रहेगा: सरदार अमरीक

संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन बसुंधरा प्रेक्षागृह में संम्पन्न




वाराणसी 14 नवंबर (dil india live)। शनिवार को पूर्वोत्तर रेलवे के वसुंधरा प्रेक्षागृह में एन पी एस, निजीकरण के विरोध में एवं पुरानी पेंशन बहाली हेतु संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन संम्पन्न, सम्मेलन में भारी संख्या में रेलवे कर्मचारियों के साथ शिक्षक व केंद्र, राज्य के कई विभाग के कर्मचारियों ने भागीदारी की।

संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन के मुख्य अतिथि- नेशनल मूवमेंट ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम(एन एम ओ पी एस)के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय कुमार बंधू ने कहा कि यदि नई पेंशन योजना सही है तो इसे मंत्री, सांसद, विधायक क्यों नहीं ले रहे है, हम लगातार नई पेंशन योजना के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन कर रहे है, हम लोगों ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में एतिहासिक रैली किया,अब आगामी 21नवम्बर को लखनऊ के इको गार्डेन पार्क में पुनः आप तमाम कर्मचारियों के सहयोग से एनपीएस व निजीकरण के खिलाफ एतिहासिक शंखनाद रैली करेगें।

सम्मेलन के मुख्य वक्ता, फ्रंट अगेंस्ट एन पी एस इन रेलवे FANPSR के राष्ट्रीय अध्यक्ष  श्री सरदार अमरीक सिंह ने कहा कि आज केन्द्र सरकार देश की सभी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई रेल, सेल, भेल, कोल, बीएसएनएल, एअर पोर्ट, बंदरगाह, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री सहित जल जंगल जमीन सब कुछ अपने चहेते पूंजीपतियों को सौप देना चाहती है,आज हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हो रहा यह संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन देश भर के कर्मचारियों को एक दिशा देने का काम करेगा, क्योंकि जब रेलवे की उत्पादन इकाइयों को निगमीकरण के लिए 18 जून 2019 को 100डे एक्सन प्लान आया था, उसके खिलाफ यही से डीएलडब्ल्यू, वाराणासी के बहादुर साथियों ने आंदोलन की शुरूआत की थी,जिसे हम इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन की तरफ़ से देश भर में ले जाकर नई दिल्ली में संयुक्त मोर्चा बनाकर 100डे एक्सन प्लान रोकने में कामयाब हुए थे,आज मौद्रीकरण पाइप लाइन के नाम पर रेलवे सहित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों पर बड़ा हमला है, हम पुनः नई दिल्ली के बॉर्डर पर संघर्ष रत किसानों से सीखते हुए रेलवे कर्मचारियों के साथ छात्रों, किसानों, नौजवानों के साथ एकता बनाकर एन पी एस व निजीकरण के खिलाफ देश भर में संघर्ष जारी रखेंगे।डॉ कमल उसरी राष्ट्रीय प्रचार सचिव नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे NMSR ने कहा कि भारतीय रेलवे आम जनता की जीवन रेखा है, इसे सार्वजनिक क्षेत्र में बचाये रखने की जिम्मेवारी सिर्फ़ रेलवे कर्मचारियों पर छोड़ने के बजाय आम अवाम को भी इसे यानी रेलवे को सार्वजनिक क्षेत्र में बचाने की चुनौती स्वीकार करते हुए नेशनल मूवमेंट टू सेव रेलवे के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए संघर्ष जारी रखना होगा।एस एस होंडा (जोन महासचिव ऑल इंडिया लोकों रनिंग स्टाफ़ एसोसिएशन AILRSA )ने कहा कि कोरोना संकट के समय हम रेलवे कर्मचारियों ने अपने हजारों साथियों की शहादत देते हुए ऑक्सीजन, जीवन रक्षक दवाएं और लाखों टन खाद्यान सामग्री एक जगह से दूसरी जगह पहुचाया, हम सभी देश हित में रेलवे का संचालन करते हुए पूरा जीवन लगा देते है लेकिन हमारे बुढापे का सहारा पुरानी पेंशन योजना हमसे छीन ली गई है,

संयुक्त सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए एन ई रेलवे मेंस कांग्रेस NERMC अध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि 1 जनवरी से 2004 से सरकारी सेवा भर्ती हुए रेलवे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना(ops) समाप्त करके शेयर मार्केट आधारित नई पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है, तमाम अध्ययन बताते है कि नई पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए सिर्फ़ एक धोखा है।संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन में मुख्य रूप से अटेवा पेंशन बचाओ मंच वाराणसी के ज़िला संरक्षक रामचंद्र गुप्ता,प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र राय, ज़िला संयोजक/अध्यक्ष विनोद यादव, ज़िला सह संयोजक डॉ एहतेशामुल हक, ज़िला संगठन मंत्री जफर अंसारी, ज़िला सोशल मीडिया प्रभारी सुरेंद्र प्रताप सिंह ,महानगर अध्यक्ष गुलाब चंद कुशवाहा,प्रमोद पटेल,इमरान अंसारी,महबूब आलम, वीरेन्द्र कुमार पाल, दुर्गेश पाण्डेय, मिथिलेश लोहार, पंकज कुमार पाल, अभिषेक रंजन, पप्पू सिंह, के पी यादव, रंजीत कुमार, रविन्द्र यादव, आलोक श्रीवास्तव, अजय सिंह, राजपति पाल, दिलीप पंडित, सुदीप कुमार,इत्यादि सहित वीएलडब्ल्यू, वाराणासी, पूर्वोत्तर रेलवे, उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, "अटेवा" पेंशन बचाओ मंच, राज्य सफाई कर्मचारी, राज्य सरकार व केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों शिक्षकों ने भागीदारी की।संयुक्त कर्मचारी सम्मेलन का संयोजन और संचालन राष्ट्रीय महासचिव फ्रंट अगेंस्ट एन पी एस इन रेलवे- कॉम राजेन्द्र कुमार पाल ने औऱ धन्यवाद ज्ञापन पूर्वोत्तर रेलवे वर्कर्स यूनियन मंडल मंत्री कॉम राकेश कुमार पाल ने किया।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...