बुधवार, 3 नवंबर 2021

दादा मियां की मज़ार अकीदत का मरकज़

 शिवपाल यादव ने लगाई दादा मियां के दर पर हाजिरी


लखनऊ 2 नवंबर (dil india)। देश की गंगा जमुनी तहज़ीब और आपसी भाई चारगी का रंग मंंगलवार को दादा मियां की मजार पर देखने को मिला यहां मुस्लिम जितनी अकीदत से आये थे, उतनी ही शिद्​दत से हिंदू भी बाबा के दर पर सिर झुकाये नज़र आया। मौका था हजरत दादा मियां रहमतुल्लाह अलैह के सलाना का 114 वां उर्स का। पांच दिवसीय उर्स के मौके पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव भी उर्स में शिरकत करने मंगलवार को माल एवेंयू स्थित दरगाह शरीफ पर पहुँचे। शिवपाल यादव ने चादरपोशी की, मुल्क में अमन-मिल्लत की दुआएं मांगी। 

इससे पहले सूफी नूर मुहम्मद फसाहती अपने मुरीदों के साथ परचम लेकर आए। परचम कुशाई दरगाह के सज्जादा नशीन हजरत मुहम्मद शबाहत हसन शाह की सदारत और फरहत मियां व मिस्बा मियां की मौजूदगी में हुई। परचम कुशाई से पहले महफिले समा का आयोजन हुआ, जिसमें कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए। इस दौरान परचम कुशाई के महत्व के बारे में लोगों को बताया गया। 

इस मौके पर दरगाह शरीफ के सज्जादा नशीन हजरत मुहम्मद शबाहत हसन शाह ने खुशी का इजहार करते हुए माहे रबी अव्वल की मुबारकबाद पेश की और शासन व प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि सभी कार्यक्रमों में अपना पूरा सहयोग देने की कृपा करें। इस बार कोविड-19 को ध्यान रखते हुए और प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार उर्स मुबारक के सारे कार्यक्रमों को किया गया। 

मंगलवार, 2 नवंबर 2021

आयुर्वेद भगा सकता है कुपोषण

‘राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस’  एवं धन्वंतरि जयंती मनी


वाराणसी, 2 नवम्बर (dil india)। आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग के तत्वावधान में  चौकाघाट स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में मंगलवार को ‘ राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस’  एवं धन्वंतरि जयंती मनायी गयी। इस अवसर पर ‘पोषण में आयुर्वेद का महत्व’ विषयक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संगोष्ठी में  क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने कहा कि  स्वस्थ समाज के लिए देश का कुपोषण मुक्त होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुपोषण से मुक्ति में आयुर्वेद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 

डा. भावना द्विवेदी ने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब कुपोेषण से लोगों की स्थिति गंभीर हो जाती थी |  इसमें अब तेजी से बदलाव आया है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, के साथ ही हमारे आस-पास मिलने वाले औषधीय पौधों, साग-सब्जियों का प्रयोग कर आज हम कुपोषण पर काफी हद तक अंकुश लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पोषण के प्रति जागरुकता लाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग की ओर से लगातार जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को यह बताया जा रहा है कि वह अपने खान-पान में किस तरह से बदलाव लाएं जिससे उन्हें पोषक तत्व प्राप्त हों।

आयुर्वेद एक जीवन पद्वाति


संगोष्ठी की मुख्य अतिथि व आयुर्वेद महाविद्यालय की प्रधानाचार्य डा. नीलम गुप्त ने कहा कि आयुर्वेद एक जीवन पद्धति है। आयुर्वेद हमें खाना-पीना, रहना और सभी के सुख की कामना करने का संदेश देता है। कोरोना काल में आयुर्वेद ने अपनी उपयोगिता साबित कर दी है। लोगों में आयुर्वेद के प्रति काफी विश्वास बढ़ा है। अब हम आयुर्वेद के जरिए कुपोषण को भी देश से दूर भगाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि उपभोक्तावादी संस्कृति में खान-पान के लिए बाजारू चीजों पर हमारी निर्भरता बढ़ी है। हमें इससे दूर होना पड़ेगा। यह तभी संभव है जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति इसके लिए जागरूक होगा। संगोष्ठी में डा. पुष्पांजली, डा. सनातन राय, डा. कुंवर अंकुर सिंह, डा. प्रीति गुप्ता,डा. विजय राय, डा. मनीष, डा. विनय मिश्र ने भी विचार व्यक्त किये। संचालन डा. रमन ने व डा. उमाशंकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

बड़ौदा यूपी बैंक द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह


भ्रष्टाचार के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर ज़ोर

वाराणसी 2 नवंबर(dil india) आरएसएमटी में बड़ौदा यूपी बैंक द्वारा आयोजित भ्रष्टाचार जागरूकता उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार झा ने कहाकि हमें अपने जीवन में भ्रष्टाचार के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए कभी भी इसमें सम्मिलित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति में भ्रष्टाचार एक बाधा है। नवीन श्रीवास्तव, मुख्य प्रबंधक, क्षेत्रीय कार्यालय ने भ्रष्टाचार को एक अभिशाप बताते हुए कहा कि हमारे नागरिको को भारतीय मूल्यों एवंं संस्कृति को अपने नागरिकों में आत्मसात करते हुए एक उत्कृष्ट मानव बनने पर जोर देना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप, भ्रष्टाचार का स्वतः ही उन्मूलन हो जाएगा। कार्यक्रम में सभी विधार्थियों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध शपथ दिलायी गयी। इसके साथ ही कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता एवं प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता आयोजित की गयी। उत्कृष्ट विधार्थियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का आयोजन बड़ौदा यूपी बैंक मीरापुर बसही शाखा के कुशल प्रबंधन में वरिष्ठ प्रबंधक श्री विकास पांडेय के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर विपणन अधिकारी श्री राजीव कुमार मलिक भी मौजूद थे। 

इस दौरान डा. अमन गुप्ता ने स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती गरिमा आनंद ने किया। इस अवसर पर विमल कुमार, विनय कुमार, सुजीत सिंह, डॉ. बृजेश कुमार यादव, आनंद मोहन पांडे, अनुराग सिंह, रामेश्वरी सोनकर इत्यादि उपस्थित थे।

भगवान धन्वंतरि के कलश से छलका आरोग्य सुख समृद्धि

अमृतरूपी प्रसाद पाने को श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

दर्शनार्थियों ने अमृतकलश हस्ताय सर्वभय कोरोना विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय ॐ धन्वंतराये नमः का किया किया उद्दघोष

वाराणसी 02 नवंबर (dil india)। धनतेरस के अवसर पर आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि जन्मोत्सव को धन्वंतरि निवास में पूरे विधि विधान एवं धूमधाम से मनाया गया। कार्तिक कृष्ण मंगलवार को धनतेरस के    शुभलग्न मुहूर्त दोपहर में भगवान का आयुर्वेदिक दवाओं, रत्नो, औषधि युक्त लताओं तिनकों के साथ हिमालय एवं विदेशों से मंगवाए गए विभिन्न प्रकार के सुगन्धित फूलों से श्रृंगार किया गया। भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवान,फल एवं मिठाईयों  का भोग लगाकर पांच ब्राह्मणो ने पूरी विधि विधान से वैदिक मन्त्रों का उच्चारण कर पूजन अर्जन करते हुए भगवान से सम्पूर्ण मानव जाति को कोरोना रूपी महामारी से मुक्ति की कामना के लिए वरदान माँगा। राजवैद्य स्व. पंडित शिव कुमार शास्त्री के तीनों पुत्रों राम कुमार शास्त्री नंदकुमार शास्त्री एवं समीर कुमार शास्त्री प्रपौत्र उत्पल कोमल शास्त्री, आदित्य एवं मिहिर ने भगवान की आरती कर सभी के लिए मंगलकामना की। इस वर्ष कोरोना से सुरक्षा की दृष्टि से भगवान धन्वंतरि के अष्ट धातु की प्रतिमा को धन्वंतरि निवास के खुले मैदान में स्थापित किया गया था जिससे सुरक्षा की दृष्टि से बेरीकेटिंग कर श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हाथों को सेनिटाइज कर मंदिर प्रांगण में भेजा गया जिससे दूर से हीं सभी दर्शनार्थियो को भगवान का दर्शन हो सके। श्रद्धालुओं को आसपास का पूरा वातावरण विभिन्न प्रकार के खुशबुओं से भगवान के विराजमान होने की अनुभूति हो रही थी। श्रद्धालुओं ने भगवान धन्वंतरि के स्वरुप से निकलता तेज आभामण्डल की किरण को ही भगवान का आशीर्वाद रूपी अमृत को प्राप्त करने की अनुभूति कर अपने को निरोग एवं अपने पारिवारिक जनों के स्वस्थ होने की कामना का वरदान माँगा। धन्वंतरि दरबार के द्वार पर शहनाइयों की मंगलध्वनि चारों ओर गूंज रही थी। सुरक्षा को लेकर पुलिसबल बेहद सजग दिखे। सभी श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य का खजाना आरोग्यसुख  अमृतरूपी प्रसाद का वितरण किया गया।

  उक्त अवसर पर श्री सद्गुरुश्री महाराज, महाराजश्री  श्री गोपाल मंदिर,  जिले के मंत्री गणों एवं आला अधिकारिओं सहित समाजसेवी एवं विधायक अजय राय, मनोज जायसवाल, सर्वेश नारायण, आरपी सिंह, पवन सिंह सहित काशी के गणमान्य व्यक्तियों ने भगवान धन्वंतरि दरबार में हाजिरी लगायी।

सोमवार, 1 नवंबर 2021

मशहूर आलिमे मौलाना कमरुद्दीन का इंतकाल

सुल्तान क्लब ने जताया गहरारा अफसोस


सुल्तान क्लब के पूर्व कोषाध्यक्ष मौलाना अब्दुल्लाह को पितृ शोक

वाराणसी (dil india)। शहर बनारस की मशहूर शख्सियत सरदार मौलाना कमरुद्दीन साहब का लंबी बीमारी के बाद रविवार रात्रि 9:30 बजे, 78 वर्ष की उम्र में काजीसादुल्लाह पुरा स्थित आवास पर इंतकाल हो गया। इनके निधन से शिक्षण और सामाजिक संस्थाओं में शोक की लहर दौड़ गई। सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" की आकस्मिक अफसोस बैठक संस्था के कार्यालय में संस्थाध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक की अध्यक्षता और महासचिव एच हसन नन्हें के संचालन में आयोजित हुई।

          अफ़सोस बैठक में मौलाना कमरुद्दीन को खिराजे अकीदत पेश करते हुए सदस्यों ने कहा कि मौलाना कमरुद्दीन साहब बेहतरीन ताजिर के साथ बड़े ही मिलनसार और अच्छे व्यवहार के इंसान थे,आप जैतपुरा धननीपुरा के सरदार की भी जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे,लोगों के अंदर आपने एक अलग पहचान बनाई थी,आपके इंतकाल से समाज में जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति कठिन है,आपने अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ा है।

मौलाना कमरुद्दीन साहब की नमाजे जनाज़ा, सिटी गर्ल्स इंटर कालेज में उनके पुत्र मौलाना अब्दुल्लाह ने सोमवार को दिन में अदा कराई,और चौकाघाट धोभैयां स्थित अबाई कब्रास्तान में सैकड़ों लोगों के बीच सुपुर्द ख़ाक किया गया। सुल्तान क्लब की अफ़सोस बैठक में अध्यक्ष डाक्टर एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा, महबूब आलम, महासचिव एच हसन नन्हें, सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, हाफिज मुनीर, अबुल वफा अंसारी, मुख्तार अहमद, अब्दुर्रहमान, मुहम्मद इकराम, नसीमुल हक, इरफान, इत्यादि थे।

नृत्य की घटाओं संग बरसे सरगम के मोती

अर्द्धनारीश्वर नृत्य ने मोहा सभी का मन

  •  नवसाधना का रंगारंग सत्रारम्भ समारोह 2021-22



वाराणसी (dil india)। संगीत की स्वर लहरियों से समग्र मानव विकास को प्राप्त किया जा सकता है। साधना के दम पर ही प्रकृति और पुरुष के तत्व को आत्मसात किया जा सकता है। ये बाते  शिवपुर स्थित नवसाधना कला केन्द्र के बीपीए और एमपीए के सत्र 2021-22 के शुभारम्भ के सुअवसर पर मुख्य अतिथि वाराणसी धर्मप्रान्त के धर्माचार्य बिशप यूजीन जोसेफ ने कही। उन्होंने सभी युवा कलासाधकों को आंतरिक शक्ति विकसित करने की नसीहत दीं और कहा कि सफलता के लिए कठोर परिश्रम को जीवन का सूत्र बना कर आगे बढ़ना चाहिए।

प्रो. गोविंद वर्मा ने भगवद्गीता से श्लोक गान और सुष्मिता ने पवित्र बाइबिल से पाठ किया। मुख्य अतिथि ने गुरुजन व कलासाधकों के साथ दीप प्रज्ज्वलन किया। इस बीच नवसाधना कला केन्द्र के कामिनी मोहन पाण्डेय ने मुख्य अतिथि बिशप यूजीन जोसफ का स्वागत किया। साहित्यकार डॉ. रामसुधार सिंह ने कलासाधकों से कलाकार के रुप में अपनी पहचान बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी को मानव कल्याण के लिए कार्य करते रहना चाहिए।

बीपीए के कलासाधकों द्वारा राग अहिर भैरव में भजन ‘हरि तुम भक्तन के प्रतिपाल आय पड़ा हूँ, शरण तिहारे’ गाया तो सभी भक्ति के भाव से भर गए। भजन का संयोजन गोविन्द वर्मा ने किया। इसे अभिषेक, मोहित, निशी, विनोद, मोनोलिता, मनीष, आदर्श, पियूष, सुजाता ने प्रस्तुत किया। तबले पर प्रो. राकेश एडविन ने और हारमोनियम पर लक्ष्मण ने संगत किया।

बीपीए द्वितीय वर्ष के कलासाधकों ने पुष्पांजलि नृत्य प्रस्तुत कर ईश्वर को आमंत्रित किया और पुष्प सुमन अर्पित कर भावांजलि दीं। सभी ने नृत्य के द्वारा ईश्वर और गुरु के ज्योतिर्मय स्वरुप को वंदन किया। बीपीए चतुर्थ वर्ष के कलासाधकों ने तिल्लाना प्रस्तुत कर ढेरों तालियां बटोरीं।

इसके बाद ‘मोहे लागी लगन गुरु चरणन की...’ भजन के बोलो को आदर्श, निशी, सुजाता, पियूष ने प्रस्तुत किया। तबला पर प्रो. राकेश एडविन और हारमोनियम पर लक्ष्मण ने संगत किया।


नृत्य की अगली प्रस्तुति एमए की कलासाधिका करिश्मा केसरी और सुष्मिता खाल्खो की रहीं। दोनों ने अर्द्धनारीश्वर नृत्य प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। प्रकृति और पुरुष के संगम की आध्यात्मिक भावना से सभी भावविभोर हो गए। कलासाधिकाओं के पद संचालन और शिव पार्वती के एकल मुद्राओं ने सृष्टि को एकाकार कर दिया।

इस मौके पर उपप्राचार्य सिस्टर रोज़ली, सिस्टर मंजू, फादर सुनील मथाइस, फादर सी.आर. जस्टी, फादर जैकब, गोविंद वर्मा, कामिनी मोहन, राकेश एडविन, ए. रॉबिन, नेहा केसरी, रोस्मा रुबा, स्वाति उपाध्याय समेत कला केन्द्र के सभी कलासाधक उपस्थित रहे। मंच संचालन ज्योति व एलिशा ने किया। धन्यवाद प्रो.नेहा केसरी ने ज्ञापित किया।


हौसले ने छेड़ी बड़ी जंग

लेखा अधिकारी ने उठाया पर्यावरण सुधारने का बीड़ा


वाराणसी (dil india)। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वित्त एवं लेखा अधिकारी अनूप मिश्रा सप्ताह के पहले दिन सोमवार को अपने निवास नीलकंठ बिहार से अपने कचहरी स्थित कार्यलय साइकिल से आते-जाते हैं। वह सप्ताह में सोमवार को 3 किलोमीटर का रास्ता साइकिल से तय कर कार्यालय पहुंचते हैं।

अनूप मिश्रा कहते हैं कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका यही है कि सप्ताह में हर व्यक्ति कम से कम 1 दिन साइकिल से चले तो हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और हम प्रदूषित हवाओं से भी बचेंगे। उन्होंने कहा कि शहर में वाहनों का आवागमन अधिक होने से यहां प्रदूषण बहुत होता है, इसलिए यहां का एयर इंडेक्स बहुत ही खराब है। उन्होंने बताया कि मेरे मन में यह विचार आया की क्यों न सप्ताह में एक दिन साइकिल से चला जाए।

फिर मैंने अपने कार्यालय में तैनात सभी सहयोगियों को प्रेरित किया और मेरे कार्यालय में तैनात सभी कर्मचारियों ने मेरा पूरा सहयोग करते हुए पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए सहयोग किया और हम लोग सप्ताह में हर सोमवार को साइकिल से कार्यालय आने लगे उन्होंने बताया कि पर्यावरण के प्रति बाल्यावस्था से ही मेरे मन में उस को संरक्षित करने का और सुरक्षित है

उन्होंने बताया कि मेरी माता प्रोफेसर शशि रानी मिश्रा पर्यावरण के प्रति सदैव सचेत रहती हैं उनको पशु पक्षियों से और प्रकृति के प्रति अधिक लगाव है। उसी से मुझे भी प्रेरणा मिली कि उस पर्यावरण संरक्षण का मैं भी एक कड़ी बनूँ। इसी क्रम में मेरा यह प्रयास जारी है।

वो कहते हैं कि पर्यावरण वैज्ञानिकों ने बताया कि रविवार को उत्तराखंड में हुए ग्लेशियर की घटना प्रकृति और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ के वजह से ही हुआ है, इसलिए मेरा यह मानना है कि सभी को पर्यावरण के प्रति जागृत होना पड़ेगा और उस को सुरक्षित रखने के लिए अपने घर के पास पौधे लगाने होगें, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करना होगा व सप्ताह में वह 1 दिन वाहन का प्रयोग बंद करना होगा तभी हम सभी सुरक्षित रह पायेगें।

हम सभी का दायित्व है कि राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों का निर्वहन करें क्योंकि शहरों का विस्तार तेजी से हो रहा है बाग बगीचे सब काटे जा रहे हैं हाईवेज बन रहे हैं रोड के किनारे के पौधे काटे जा रहे हैं और पौधों को लगाने के प्रति लोग सचेत नहीं हो रहे हैं। अगर लोगों की उदासीनता इसी प्रकार बनी रही तो आने वाले दिनों में निश्चय ही प्रकृति का दंश हम सभी को झेलना पड़ेगा। इसीलिए मैंने यह निश्चय किया कि एक शुरुआत मेरे द्वारा की जाए ताकि लोगों में यह संदेश जा सके कि अपने पर्यावरण की सुरक्षा करना किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि हर व्यक्ति का दायित्व है। कर्मचारीगण विष्णु गुप्ता,राम सिंह,अजय पांडेय ,राम कुँवर,दिनेश यादव,अफ़ज़ल,पुष्कर मिश्रा,सत्यदेव द्वारा यह संकल्प लिया गया।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...