बुधवार, 22 सितंबर 2021

जैन समाज ने 10 दिन व्रत रखने वालों का किया सम्मानं




वाराणसी 21 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। जैन समाज की राष्ट्रीय स्तरीय संस्था श्री दिगम्बर जैन महासमिति वाराणसी सम्भाग द्वारा पर्युषण पर्व पर जिन लोगो द्वारा 10 दिवसीय उपवास रखा गया था, उनको स्मृतिचिन्ह देकर और माल्यापर्ण कर उनका सम्मान किया गया। भेलुपर मंदिर में विराजमान आचार्य विशद सागर महाराज द्वारा सम्मानित होने वालों में किशोर जैन, विनोद जैन, आलोक जैन, कमल बागरां जैन, छाया जैन, श्वेता जैन, रजनी जैन, निधि जैन, श्रुति जैन, अर्चना जैन, मंजू जैन इत्यादि का सम्मान किया गया। 


इस अवसर पर उपस्थित महासमिति के अध्यक्ष बाल रोग विशेषज्ञ डा. केके जैन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप चंद जैन द्वारा महा समिति द्वारा किये जा रहे जनहित के कार्यो से लोगो को अवगत कराया गया। क्रार्यक्रम का कुशल संचालन महामंत्री राकेश जैन द्वारा किया गया। प्रतिक जैन, प्रमोद बागर्रा, अशोक जैन, भूपेंद्र जैन आदि मौजूद थे।


मंगलवार, 21 सितंबर 2021

जो क्षमा मांगे वह वीर, जो क्षमा कर दें वह महावीर: आचार्य विशद सागर

पार्श्वनाथ की जन्मस्थली से दिया. विश्व मैत्री का संदेश

वाराणसी21सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी द्वारा भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म कल्याणक स्थली पर मंगलवार 21/9/2021 को अपराहन से क्षमावाणी पूजन भगवंतो का प्रक्षालन , विदव्त जनों का सम्मान एवं विश्व मैत्री क्षमावाणी का पर्व मनाया गया । विश्व शांति के लिए मंगल कामना एवं विशेष शांति धारा भी की गई ।




प्रारंभ में अपराहन 1:00 बजे से देवाधिदेव श्री 1008 पार्श्वनाथ जी का अभिषेक , पूजन , मंत्रोच्चारण सायंकाल तक चला ।क्षमावाणी पर्व पर अपना संदेश देते हुए आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ने कहा -“ जो क्षमा मांगे वह वीर है , जो क्षमा कर दें वह महावीर है । “ आचार्य श्री ने कहा -“ भूल हो जाना मनुष्य का स्वभाव है , क्षमा करना देवीय स्वभाव है । हमारा अहंकार हमें क्षमा मांगने से रोकता है और तिरस्कार क्षमा देने में बाधक बनता है । अहंकार और तिरस्कार को त्याग कर क्षमा मांग लेने से ही तो मुक्ति का मार्ग प्राप्त होता है। क्षमा कल्पवृक्ष के समान है क्षमा से बड़ा कोई धर्म नहीं है । पश्चाताप की घड़ियां जीवन में हमेशा नहीं आया करती यह अपने स्वरूप तक ले जाने वाली घड़ियां हैं । क्षमा स्वरूप प्राप्ति का प्रवेश द्वार  है ।“ 

72 दिन के व्रत के धारक मुनि श्री 108 विशाल सागर जी महाराज ने कहा -“ जीवन में सुख , शांति , आनंद , प्रेम चाहते हो तो इस छोटे से वाक्य को जिंदगी का मूल मंत्र बनाओ - तुम सही , मैं गलत बात यहीं खत्म । उत्तम क्षमा क्योंकि क्षमा मांगने का परिणाम लाजवाब होता है । “ 

आर्यिका सरसमती माता जी ने कहा -“ जिनके जीवन में क्षमा अवतरित हो जाती है , वह पूज्य बन जाता है । जरा सोचो तो जो वस्तु तीन लोक में पूज्यता प्रदान करा दे वह कितनी मौलिक वस्तु होगी । “प्रोफ़ेसर अशोक जैन ने कहा -“ क्षमा धर्म वीरों का आभूषण है , क्षमा प्यार जताने का सर्वोत्तम तरीका है । प्रोफेसर फूलचंद्र प्रेमी ने कहा -“ क्षमा ही अहिंसा है , अपरिग्रह है । क्षमा से ही आध्यात्मिक शक्ति का विकास हो सकता है राजेश जैन ने कहा -“ जो क्षमा के अवतार होते हैं उससे क्षमा मांगने और क्षमा करने की बात ही नहीं क्योंकि उनके पास क्षमा हमेशा रहती है । “ 

प्रेम , वात्सल्य , सौहार्द एवं सद्भावना का जीवंत उदाहरण क्षमावाणी पर्व पर देखने को मिला। जिसमें छोटे-बड़े का भेदभाव मिटाकर बच्चे , बुजुर्ग , महिलाएं एवं पुरुष एक-दूसरे से अश्रुपूरित नेत्रों से खुशी के आंसू छलका कर सभी का पैर पकड़कर गले से गले मिलकर अपने द्वारा जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना कर क्षमा मांग रहे थे ।परस्परोपग्रहो जीवा नाम की भावना एक दूसरे के प्रति करुणा-दया का भाव रहे , यही क्षमावाणी का मुख्य उद्देश्य है । यही संदेश जैन धर्म पूरे विश्व में गुंजायमान करता है । यह पर्व प्रेम , करुणा , वात्सल्य और नैतिकता के भाव को जागृत करता है । क्षमावाणी पर्व पर जैन साधकों ने देश- विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों , इष्टमित्र , व्यापारी , शुभचिंतक सभी वर्ग के लोगों को क्षमावाणी कार्ड, दूरभाष, ईमेल, एसएमएस द्वारा संदेश देकर शुभकामना दी । विद्वत जनों एवं निर्जला व्रत करने वालों का सम्मान भी किया गया । 

आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन,  उपाध्यक्ष राजेश जैन, आर.सी. जैन, विनोद जैन, तरुण जैन, रत्नेश जैन, निशांत जैन  उपस्थित थे।

विश्वमैत्री क्षमावाणी पर विशेष


साधु क्रोध रूपी शत्रु को क्षमा रूपी तलवार से कर देते हैं नष्ट

  • राजेश जैन 

वाराणसी 21 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। “कषायभाव हमारे जीवन से समाप्त हो जावें , इसीलिए यह क्षमावाणी का त्योहार  मनाया जा रहा है - राष्ट्रसंत संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज कहते हैं - क्षमाभाव को आत्मसात करने का आनंद अद्भुत ही हुआ करता है । आप लोग क्षमा धर्म का अभ्यास करो | “  साधु क्रोध रूपी शत्रु को क्षमा रूपी तलवार से नष्ट कर देते हैं | क्षमा कल्पवृक्ष के समान है, क्षमा के समान कोई धर्म नहीं है |“ क्षमा ऐसी वस्तु है जिससे सारी जलन शीलता समाप्त हो जाती है एवं चारों ओर हरियाली का वातावरण दिखाई देने लगता है “ क्रोध में उपयोग नहीं रहता और उपयोग क्रोध में नहीं रहता| इसका तात्पर्य यह है कि क्रोध के समय उपयोग क्रोध रूपी परिणत हो जाता है  | “ कषायों के वातावरण के साथ तो अनंत समय बिताया है , अब आत्मीयता के (वातावरण के)  साथ जियो | “


“ मतभेद और मनभेद को समाप्त करके एक हो जाओ , भगवान के मत की ओर आ जाओ फिर सारे संघर्ष समाप्त हो जाएंगे |” “ जो क्षमा के अवतार होते हैं , उससे क्षमा मांगने और क्षमा करने की बात ही नहीं क्योंकि उनके पास क्षमा हमेशा रहती है |”

क्षमा और प्रतिक्रमण के आंसू से साधु अपना सारा अपराध बहा देता है , धो लेता है फिर स्वयं क्षमा की मूर्ति बन जाता है | 

“ क्षमा मांगना नहीं क्षमामय बनना चाहिए | “

जिसके जीवन में क्षमा अवतरित हो जाती है, वह पूज्य बन जाता है | 

“ क्षमा मांगने जैसा पवित्र भाव और दुनिया में कोई भाव नहीं हो सकता |” 

सोमवार, 20 सितंबर 2021

पोषण माह के तहत अराजीलाइन में हुईं जनजागरूक गतिविधियां

स्वस्थ समाज, सुपोषित समाज’ का दिया संदेश

वाराणसी, 20 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जनपद के सभी विकासखण्डों में पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। जिसका लाभ बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को आसानी से मिल रहा है। इस क्रम में सोमवार को अराजीलाइन विकास खंड में पोषण से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस दौरान ‘स्वस्थ समाज, सुपोषित समाज’ का संदेश भी जन जन तक पहुँच रहा है।  


       अराजीलाइन विकास खंड की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अंजु चौरसिया ने बताया कि पोषण माह के चतुर्थ सप्ताह के अंतर्गत ने अराजीलाइन में आंगनबाड़ी केंद्र जयापुर में पोषण पंचायत कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें लाभार्थियों के साथ पोषण पर चर्चा की गयी।


आंगनबाड़ी केंद्र पनियर में बच्चों का वजन व लंबाई ली गयी। इसके साथ ही हैंडवॉश की विधि सिखायी गयी। इसके अतिरिक्त बसंतपुर, भतसर, अयोध्यापुर, जलालपुर, कुरसोता, कपरफोरवा, मेहंदीगंज, बेनीपुर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं द्वारा जन जागरूकता गतिविधियों जैसे पोषण सेनानी रैली, पोषण उत्सव, व्यंजन प्रतियोगिता, वजन व लंबाई आदि का आयोजन किया गया । इसके साथ ही सभी केन्द्रों पर पोषण तस्तरी व पोषण वाटिका प्रदर्शनी लगाई गयी, जिसमें लाभार्थियों को पोषण व स्वास्थ्य का महत्व बताया गया। इस मौके पर समस्त क्षेत्रीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं मौजूद रहीं।

10 दिनों का कठिन व्रत पूरा

व्रत करने वालों के सम्मान में निकली शोभायात्रा



सायंकाल हुई भक्ति संगीत, मनाया गया पारणा उत्सव



वाराणसी 20 सितंबर (दिल इंडिया लाइव) । 10 दिनों की कठिन तपस्या, त्याग एवं व्रत के उपरांत सोमवार को प्रातः दसलक्षण पर्व पर 10 दिनों का निर्जला व्रत करने वाले, रत्नत्रय व्रत एवं एकासना व्रत करने वालों के सम्मान में ग्वालदास साहूलेने स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में तीर्थंकरों के अभिषेक के उपरांत गाजे-बाजे, जयकारे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। अहिंसा परमोधर्म, जय-जय जिनेंद्र देव की भवसागर नाव खेवकी के उदघोष के साथ भक्तजन भजन भी गा रहे थे। श्री कमल बागड़ा, श्रीमती कमल बागड़ा एवं अन्य व्रतियों का समाज के उपाध्यक्ष राजेश जैन एवं मंत्री विशाल जैन ने तिलक, चंदन एवं माल्यार्पण कर स्वागत अभिनंदन किया । 


शोभायात्रा ग्वालदास सहुलेन से प्रारंभ होकर बुलानाला होते हुए मैदागिन स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। मंदिर में भक्तों का स्वागत पुष्प वर्षा एवं माल्यार्पण वहां के प्रबंधक भूपेंद्र जैन ने किया। भक्तों ने तीर्थंकरों का दर्शन-पूजन कर अपना आहार ग्रहण कर “ पारणा उत्सव ” मनाया। उधर भेलूपुर स्थित जैन मंदिर जी  से व्रत करने वालों की शोभायात्रा मंदिर जी से निकलकर खड़ग सेन उदय राज मंदिर गई , वहां भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। पुन: भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली पर कठिन 10 दिनों का व्रत किए श्री विनोद जैन चांदी वाले , श्रीमती मंजू जैन , छाया जैन , रजनी जैन , आकृति जैन , किशोर जैन , अर्चना जैन , श्वेता जैन , आलोक जैन , निधि जैन एवं संध्या जैन अन्य सभी व्रत करने वालों ने परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशद सागर से आशीर्वाद प्राप्त कर मंदिर जी में पूजन अर्चन किया । जहां समाज के पदाधिकारियों ने चंदन माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया एवं उनके कठिन तप-व्रत की अनुमोदना किया। 


सोमवार को ही सायंकाल दसलक्षण पर्व की खुशी में ग्वालदास साहूलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में भक्ति संगीत का आयोजन किया गया । जिसमें प्रसिद्ध जैन भजन गायक श्री विजय सिंह जैन एंड ग्रुप ने कई मनोहारी भजनों में-“ मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे महावीर सांवरिया तेरे” “भगवान मुझे अपना बना लोगे तो क्या होगा “ की प्रस्तुति की । राकेश सिंह जैन ने-“तुझसेलागी लगन ले लो अपनी शरण” प्रस्तुत कर माहौल को भक्ति रस से सराबोर कर दिया । समाज की कई महिलाओं -पुरुषों ने भी कई भजन प्रस्तुत कर भक्ति नृत्य प्रस्तुत कर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित की । संचालन विशाल जैन एवं आभार रत्नेश जैन ने किया ।

आयोजन में प्रमुख रूप से समाज के सभापति दीपक जैन , उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधानमंत्री अरुण जैन, प्रताप चंद जैन , राजकुमार बागड़ा, तरुण जैन, अरुण पोद्दार उपस्थित थे । 

क्षमा से ही होती है सत्य धर्म की शुरुआत

(क्षमावाणी पर्व २१ सितंबर पर खास)

विचारों में क्षमा है तो वाणी में भी आ जाता है क्षमा

  • डा. अंजु जैन

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। क्षमा से धर्म की शुरुआत होती है और उपसंहार भी क्षमा पर होता है। यदि विचारों में क्षमा आए तो वाणी में भी क्षमा आ जाती है। प्राणीमात्र के प्रति दया करुणा के भाव होना ही क्षमा है। गलतियों को भूलकर हम अपनों को ही नहीं, परायों को भी क्षमा करें। पारिवारिक जीवन में एक-दूसरे के सहयोग के बिना हमारा काम चल नहीं सकता तो फिर तकरार क्यों। थोड़ी सी जिंदगी है उसे हम सद्भाव और सहयोग की भावना से जिएं, यही क्षमा है। जैन ग्रंथों में आया है कि स्वयं को साफ करो, जगत को माफ करो और प्रभु व गुरु को याद करो। जब हम हर वस्तु साफ सुथरी उपयोग करते हैं, तो हमें मन को भी साफ रखना होगा, यही क्षमा है। क्षमा वाणी में ही नहीं, प्राणी में आना चाहिए और इस मानी प्राणी को पानी-पानी होना चाहिए। रावण को राम बनकर ही जीत सकते हैं, रावण बनकर नहीं। सामने वाला गलत है तो हम गलत न बनें, सज्जन बनें, यही क्षमा है। सबके साथ मित्रता के भाव से जीवन जिएं, यही क्षमा है। आइये प्रण ले कि क्षमावाणी पर्व पर हम सब एक दूसरे की गलतियां माफ कर क्षमा करेंगे।

(लेखक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।)

डा. जावेद को मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने पर सुल्तान क्लब ने किया सम्मानित

हाजियों की सेवा में लगातार लगे रहने का फल: डा. जावेद

वाराणसी 20 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" की ओर से बड़ीबाज़ार कार्यालय में डाक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव(अल्पसंख्यक) व उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष बनाए जाने पर माल्यार्पण कर स्वागत के साथ स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. एहतेशामुल हक ने और संचालन महासचिव एच. हसन नन्हें ने किया।

          इस अवसर पर डॉ. इफ्तिखार जावेद ने कहा कि कई वर्षों तक हाजियों की सेवा में लगातार लगा रहा इसी का सिला है कि मुझे उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया जिस तत्परता के साथ हाजियों की खिदमत करता रहा उसी प्रकार से यूपी मदरसा बोर्ड को भी ऊंचाइयों पर ले जाने का पूरा प्रयास करूंगा,मदरसे में धार्मिक शिक्षा के साथ,हिंदी,अंग्रेजी,उर्दू, विज्ञान सहित कई प्रकार की शिक्षा दी जाती है माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब के सपने हैं कि मदरसों के बच्चों के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर होना चाहिए,हम उसे साकार करने की पूरी कोशिश करेंगे।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें मुसलमानों के बच्चों की शिक्षा के लिए जो जिम्मेदारी दी है मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं हम मदरसों को नई तकनीकी से जोड़ने का भरसक प्रयास करेंगे। डा. एहतेशामुल हक ने कहा की डॉक्टर इफ्तिखार साहब जिस प्रकार से कई वर्षों तक हज कमेटी ऑफ इंडिया के सदस्य और मदरसा शिक्षा बोर्ड के सदस्य रहते हुए ईमानदारी से लोगों की सेवा करते रहे हमें यकीन है की मदरसा बोर्ड के चेयरमैन रहते आप उसी प्रकार से सेवा करते रहेंगे हमारे कई कार्यक्रमों में आपकी उपस्थिति प्रेरणादायक रही है।

      इस अवसर पर सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, महासचिव एच हसन नन्हें, सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर,उपाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा,कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़,उर्दू बीटीसी टीचर्स एसोसिएशन के महामंत्री मोहम्मद जफर अंसारी,कोषाध्यक्ष महबूब आलम,अब्दुर्रहमान,इसके अतिरिक्त हाजी रियाज़ अहमद,हाजी साजिद,हाजी इमरान,सुलेमान अख्तर, अदीम अंसारी,सुहैल अंसारी,हाफिज मुनीर,मुहम्मद इकराम,इरफान इत्यादि थे। 

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...