गुरुवार, 16 सितंबर 2021

पर्यूषण पर्व का सातवां दिन:जैन मंदिरों में सुगंध दशमी मनाई गई






साधना से ही आत्मा होगी पवित्र: मुनि विशद सागर

वाराणसी 16 सितंबर (दिल इंडिया लाइव) । श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन गुरुवार को जैन मंदिरों में सुगंध दशमी पर धूप चढ़ाकर चौबीसी एवं अनंत नाथ भगवान की विशेष पूजा की गई । आज जैन मंदिरों में सुगंध दशमी पर यह प्रार्थना की गई कि जिनेंद्र देव हम सब के दुष्कर्मों का नाश करें एवं धूप की तरह हम सबके जीवन में सुगंध भरे। गुरुवार को मंदिरों में जिनेंद्र भगवान का प्रक्षाल - पूजन के साथ अरहंत परमेष्ठी, सिद्ध परमेष्ठी, आचार्य परमेष्ठी ,  उपाध्याय परमेष्ठी, साधु परमेष्ठी को मंगलाचरण के रूप में प्रणाम किया गया। भगवान पार्श्वनाथ


की जन्म स्थली भेलूपुर में प्रातः दसलक्षण पर्व के सातवें अध्याय “उत्तम तप धर्म”  पर व्याख्यान प्रवचन देते हुए मुनि महाराज ने कहा साधन वही है जो साध्य को दिशा दे , औषधि वही है जो रोग को दूर करे, और सच्चा तप वही है जो जीव को अंतर आत्मा से परमात्मा बना दे। परम आचार्य मुनि श्री ने अपने मुखारविंद से कहा - “समस्त रागादि पर भावों को त्याग कर आत्म स्वरूप में लीन होने पर इच्छाओं का नाश होता है , विकारों पर विजय प्राप्त होने को उत्तम तप कहते हैं। 

सम्यक दर्शन , सम्यक ज्ञान , और सम्यक चारित्र ही सुखी होने का सही मार्ग है । हर मनुष्य के अंदर दया , धर्म , अहिंसा , तप और त्याग की भावना होनी चाहिए । सत्यवादी , अहिंसावादी एवं तपस्वी त्यागों से ही देव भी प्रसन्न होते हैं । ज्ञान हमेशा तप से ही प्राप्त होता है । कर्म बंधन से छुटकारा पाने का एक ही उपाय है वह है राग द्वेष से दूर रहो , वीतरागी बनो। तप रूपी साधना से ही आत्मा को पवित्र किया जा सकता है । 

सायं काल खोजवा स्थित जैन मंदिर में प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने उत्तम  तप धर्म पर कहा - “जिस प्रकार सोना खूब तपने के बाद ही खरा होता है , उसी तरह मानव को अपने जीवन में श्रद्धा के साथ तप ,साधना ,शास्त्र अध्ययन , जिनवाणी स्तुति,  ध्यान मंत्र जप , सामायिक,  प्रतिक्रमण , भावना भगवन्तों  का पूजा प्रक्षाल , सेवा , दान , धर्म कर अपने को पूरा तपा के अपने जीवन को खरे सोने की तरह बना लेना चाहिए।

सायंकाल अन्य सभी मंदिरों में भी प्रवचन , जिनवाणी स्तुति, भजन एवं तीर्थंकरों की आरती की गई। महिला मंडल द्वारा सायं काल वर्ग पहेली *धर्म* पर प्रतियोगिता आयोजित की गई। आयोजन में प्रमुख रुप से सर्व श्री दीपक जैन , राजेश जैन, अरुण जैन , प्रोफेसर अशोक जैन,  आदीश जैन , तरुण जैन , प्रमोद बागड़ा , ललित पोद्दार उपस्थित थे । 

बुधवार, 15 सितंबर 2021

पोषण माह के अन्तर्गत

राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा पोषण पंचायत का शुभारम्भ

गर्भवती की हुई गोदभराई और पोषण के संबंध में किया गया जागरूक

सैम बच्चों से सुपोषित श्रेणी में तब्दील हुये बच्चों को दी गयी पोषण पोटली 



वाराणसी, 15 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)  माह सितम्बर सम्पूर्ण प्रदेश में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उ.प्र. राज्य महिला आयोग द्वारा आज दिनांक 15 सितम्बर को प्रदेश के चयनित 26 जनपदों में ग्रामीण स्तर तहसील/ब्लॉक में पोषण पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में आज  काशी विद्यापीठ ब्लॉक में राज्य महिला आयोग की सदस्य माननीया अर्चना द्वारा पोषण पंचायत का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया गया।  

इस कार्यक्रम का उद्देश्य,पोषण पंचायत में कुपोषित महिलाओं एवं  बच्चों के लिए पुष्टाहार विभाग द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, पोषण अभियान के अन्तर्गत चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी तथा लाभ के बारे में भी बताया जायेगा।  इस दौरान सैम और मैम श्रेणी में रह चुके बच्चों के अभिभावक  कार्यक्रम में उपस्थित रहे।  पोषण वाटिका, पौधरोपण एवं सुपोषण के लिए योग एवं  आयुष के महत्व से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। स्थानीय खाद्य पदार्थों एवं पौष्टिक भोजन की जन-जागरूकता के बारे में भी बताया गया तथा अनुपूरक पुष्टाहार के महत्व को भी विस्तृत रूप से बताया गया।  

राज्य महिला आयोग की सदस्य द्वारा गर्भवती की गोद भराई की गई। कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं को फल, साग-सब्जियों और पुष्टाहार से सजी डलिया भेंट की गयी। तथा सैम तथा मैम बच्चे जो सुपोशित हो गये हैं, उन्हें माननीया सदस्य दवारा पोषण पोटली भी प्रदान की गयी। 

नवागत जिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश प्रताप सिंह ने वहां मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में जानकारी दी। सभी लाभार्थी महिलाओं को जीवन चक्र के प्रथम 1,000 दिन यानि गर्भावस्थाकाल के 270 दिन और जन्म से लेकर 2 साल तक 730 दिन के महत्व के बारे विस्तार से बताया।  इन दिवसों में गर्भवती माता और प्रसव के बाद शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके अलावा महिलाओं को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, संतुलित एवं स्वस्थ आहार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के बारे में भी बताया। 

बाल विकास परियोजना अधिकारी स्वाति पाठक ने बताया कि ब्लॉक में 480 लाल श्रेणी के बच्चे, 500 सैम बच्चे तथा 4078 पीली श्रेणी के बच्चे हैं। आगंबाड़ी केन्द्रों पर वजन मशीन, टेप सहित सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं। उन्होने सभी अभिभावकों को  बताया कि बच्चों को हमेशा घर में बना ताजा पोषक आहार ही देना चाहिए। बाजार की चीजों को प्राथमिकता बिलकुल न दें। जिससे आपका बार-बार बीमार नहीं पड़ेगा तथा बच्चा स्वस्थ रहेगा। 

कार्यक्रम में काशी विद्यापीठ ब्लॉक अन्तर्गत गाँव शिवदासपुर निवासी आरती, पति- राजू यादव ने बताया की उन्हें चार महीने की प्रेगनेन्सी है, विभाग से हमें पूरी जानकारी मिलती रहती है, मुझे किसी प्रकार की समस्या नहीं है। शिवदासपुर निवासी राधा देवी, पति मनोज ने बताया की उन्हें 6 महीने की प्रेगनेन्सी है, कार्यक्रम में विभाग के सहयोग से गोदभराई की रस्म पूरी हुई।  इसके अलावा माननीय राज्य महिला आयोग सदस्य अर्चना द्वारा  कुपोषित से सुपोषित हुये 2 बच्चे जिनमें शिवदासपुर निवासी सैम बच्चा जमशेद खान, उम्र 1 वर्ष 6 माह और महेशपुर निवासी 2 वर्षीय रुद्र को पोषण पोटली का वितरण किया गया।

बरसात से पूर्वांचल में मौसम हुआ खुशनुमा



रिमझिम फुआरों से मौसम हुआ  सुहाना

वाराणसी 15 सितंबर (दिल इंडिया ल़इव)। भादो मास के अंतिम पखवारे में पहले हवा, फिर बौछार और अब बरसात से आम जन मानस को उमस और गर्मी से जहां निजात मिली वहीं किसानों के चेहरे भी खुशी से चमक उठे। खेत खलियानों में इनकी चहलकदमी बढ़ गयी है। हालांकि रोज़ खाने कमाने के लिए जददोजेहद करने वालों को रोज़ी रोटी के लिए परेशान होना पड़ा।


मंगलवार की रात से ही रुक - रुक कर हो रही वर्षा पूर्वांचल की खेती के लिए बेहद फायदेमंद है। किसानों कि माने तो गेहूं के लिए इस समय आकाश से अमृत बरस रहा है।वाराणसी सहित पूर्वांचल के अधिकांश  जिलों में हो रही बरसात से मौसम सुहाना हो गया है। ग्रामीण अंचलो में रिमझिम बारिश के बीच  किसान खेत में काम करते दिखे तो वहीं शहरी क्षेत्रों में लोग मौसम का लुफ्त लेने के लिये सड़को पर भींगते नजर आये।देररात से शुरू हुआ वर्षा का दौर सुबह और रफ्तार पकड़ लिया। सुबह दफ़्तर, स्कूल जाने में लोगों को काफी दिक्कत हुई। मौसम का लुफ्त लेने के लिए काफी संख्या में युवाओं की टोली अस्सी, दशाश्वमेध, केदारघाट पर टहलती दिखी।  कहीं-कहीं जलजमाव से आवागमन में राहगीरों को परेशानी हुई। किसान अजय ने बताया कि यह वर्षा गेहूं के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

हवा में नमी बढ़ने से हो रही बारिश

बीएचयू के मौसम विज्ञानी डॉ एस एन पांडेय ने बताया कि वातावरण में कम दबाव का क्षेत्र बना था जो  उड़ीसा-छत्तीसगढ़ के रास्ते मध्य प्रदेश से इस समय होकर गुजर रहा है। कम दबाव के कारण  हवाएं काफी नमी लेकर चल रही है जिसके परिणाम स्वरूप पूर्वांचल में वर्षा की झड़ी लगी है।हवाएं भी इस समय 20 किमी की रफ्तार से चल रही है।संभवतः ऐसी स्थिति कल तक बनी रहेगी।

पर्यूषण पर्व के छठवें दिन जाने क्या हुआ



संयम मनोरंजन के लिए नहीं, आत्मा रंजन के लिए होता है:मुनि विशद सागर



 वाराणसी 15 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे जैन धर्म के महान पर्व पर्युषण के छठवें दिन बुधवार को जैन मंदिरों में विशेष पूजन के साथ अनंत चतुर्दशी पूजा भी प्रारंभ हुई। श्रीफल , चंदन ,अक्षत , पुष्प ,बादाम चढ़ाकर श्रावकों ने संस्कृत के श्लोकों एवं मंत्रोच्चारण के साथ तीर्थंकरों का पंचाभिषेक किया। चौबीसी पूजन एवं श्रीजी भगवान की शान्ति धारा दैविक आपदाओं को रोकने के लिए की गई ।

10 लक्षण पूजा विधान भी नित्य की भाँति किए जा रहे हैं ।भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्मभूमि (तीर्थक्षेत्र) भेलुपूर में बुधवार को प्रातः मंदिर जी में धर्म के 10 लक्षणों पर विशेष व्याख्यान के छठवें दिन “ उत्तम संयम धर्म “ पर बोलते हुए आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ने कहा-“ संयम मनोरंजन के लिए नहीं , आत्म रंजन के लिए होता है। ये मन चंचल है , गलत दिशाओं में जल्द प्रवृत्त होता है । इन्द्रियां यानी स्पर्श , जीभ , नाक , आँखें और कान अपने मन को गलत विषयों में लगा देते हैं । मन को सही दिशा में रखने के लिए , संयम रूपी ब्रेक लगाना ज़रूरी है ।संयम , नियम , मर्यादा , अनुशासन से जीवन महान बनता है और लक्ष्य हासिल होता है ।

अतः संयम को रत्न की भाँति सम्भाल कर रखना चाहिए ।” मुनिश्री ने कहा-“ संयम हमें मर्यादा में रहना सिखाता है ।सातविक भोजन से भी जीवन संयमित रहता है ।अहिंसा , संयम और तप ही धर्म है ।मानव जीवन की शोभा संयम से होती है विषय भोगों से नहीं । सायंकाल कश्मीरी गंज खोजवा स्थित श्री 1008 अजित नाथ दिगंबर जैन मंदिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने कहा संयम से  आध्यात्म की कसौटी है । भोग-उपभोग की सीमा तय करना ही ,संयम है । जीवन का निर्वाह संयम के बिना असंभव है ।

सायंकाल नगर की समस्त जैन मंदिरों में शास्त्र प्रवचन , भजन , भगवान पार्श्वनाथ जी , देवी पद्मावती माता जी एवं क्षेत्रपाल बाबा की सामूहिक आरती की गई । महिला मंडल द्वारा -  वाद-विवाद विषय टी.वी. एवं मोबाइल वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं पर  प्रतियोगिता आयोजित की गई । 

आयोजन में प्रमुख रूप से सर्वश्री दीपक जैन , राजेश जैन , अरुण जैन , जिवेंद्र  कुमार जैन , वी. के. जैन , राजेश भूषण जैन , आर.सी . जैन , श्रीमती प्रमिला सामरिया ऊषा जैन उपस्थित थीं ।

डीएवी में स्थापित होगा साहित्यकार संसद

वाराणसी15 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। हिन्दी दिवस के अवसर पर डीएवी पीजी कॉलेज ने महादेवी वर्मा के सपनों को साकार करने के लिए और उस सपने से अपनों को जोड़ने के लिए साहित्यकार संसद के स्थापना का संकल्प लिया। समाज की जागृति और सांस्कृतिक विकास के लिए संकल्पित यह साहित्यकार संसद साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेने और आज के दौर में अपनी परम्परा को विकसित करने के संकल्प से संचालित होगा। उक्त आशय की घोषणा


डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर डॉ. सत्यदेव सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि महादेवी वर्मा की स्मृति और विरासत से जोड़ते हुए इस साहित्यकार संसद की स्थापना का संकल्प करते हैं। साहित्यकार संसद का उद्देश्य हिन्दी साहित्य को व्यापक सरोकार से जोड़ना है और हिन्दी के ज्ञान अन्तरिक्ष का विस्तार करना है। साहित्यकार संसद बनारस और उसके आसपास के प्रबुद्धजनों के सहयोग से अखिल भारतीय सांस्कृतिक मनीषियों का साझा मंच होगा और हिन्दी संवर्द्धन के लिए समर्पित होगा।

डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि साहित्यकार संसद का उद्देश्य नव प्रतिभाओं का प्रोत्साहन करना, हिन्दी के विकास में कार्य करना तथा दूसरे ज्ञानानुशासनों को हिन्दी में उपलब्ध कराना है। साहित्यकार संसद की विधिवत प्रस्तावित कार्यकारिणी और सदस्यों की घोषणा बाद में होगी। उन्होंने इस योजना में बनारस के साहित्यकारों, बौद्धिकजनों से सहयोग की अपील भी की।

वहीं हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित हिन्दी संभाषण सह काव्य पाठ में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। काव्यपाठ एवं संभाषण में आलोक कुमार मिश्र, उदय भाष्कर, द्रविड़ कुमार, सत्यम शिवेन्द्र, गीतांजलि यादव, संदीप कुमार, आयुष पाण्डेय एवं ध्रुव सत्यम आदि ने प्रतिभाग किया। विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. अंकिता चौधरी ने भी विचार व्यक्त किया। संयोजन डॉ. समीर कुमार पाठक एवं संचालन राजन कुमार ने किया।

अंग्रेजी के बढ़ते चलन से हिंदी की हो रही है अनदेखी



फिरोज़ व अकील को सुल्तान ने किया सम्मानित



वाराणसी15 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। सामाजिक संस्था"सुल्तान क्लब" की ओर से हिंदी दिवस के अवसर पर  एक गोष्ठी का आयोजन, कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए रसूलपुरा स्थित कार्यालय में हर्षोल्लास के वातावरण में किया गया। 

इस अवसर पर नेशनल इंटर कॉलेज पीलीकोठी के हिंदी प्रवक्ता फिरोज अहमद अंसारी और मदरसा मतलउल उलूम कमनगढ़ा के अध्यापक मोहम्मद अकील अंसारी को मुख्य अतिथि ज्ञानवापी शाही मस्जिद ईदैन के इमाम मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी ने अपने हाथों से स्मृति चिह्न व  प्रशस्ति व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष डा. एहतेशमुल हक़ ने व संचालन महासचिव एच. हसन नन्हें ने किया। 

              इस अवसर पर मुख्य अतिथि फिरोज़ अंसारी ने कहा कि आजादी के बाद भी देश में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। आजादी मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 ई0 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया,तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हिंदी के महत्व को देखते हुए सन 1953 ई0 से इसे प्रत्येक वर्ष मनाने का निर्णय किया तब से आज तक यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। इस भाषा की खास बात यह है कि इसमें जिस शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है उसे लिपि में भी उसी प्रकार लिखा जाता है। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वाभिमान लोगों में समा चुका था लेकिन आजादी के बाद संविधान में हिंदी की विचित्र स्थिति के कारण दुर्भाग्य से यह भाव पहले की अपेक्षा कमजोर ही हुआ यद्यपि सेना अर्धसैनिक बल रेलवे बैंक बीमा और राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों आदि के माध्यम से हिंदी देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बड़ा योगदान दे रही है लेकिन आर्थिक उन्नति और रोजगार के लिए हिंदी किस प्रकार से उपयुक्त है प्रायः ऐसे प्रश्न खड़े किया किए जाते रहे हैं।

       विशिष्ट अतिथि मुहम्मद अकील अंसारी ने कहा कि राष्ट्र भाषा हिन्दी मात्र एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक माध्यम है।यह हमारे चिंतन, मनन ,राष्ट्रगौरव और स्वाभिमान के साथ जुड़ी हुई है।राजभाषा हिंदी अब अंतरराषट्रीय भाषा बनने की ओर अग्रसर है ,फेसबुक और व्हाट्स ऐप भी बिना हिंदी से तालमेल बैठाए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं,हिंदी भाषा में इंटरनेट संचालित करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,हमें गर्व करना चाहिए कि हम हिन्दी भाषी हैं ।

           मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी ने कहा कि हमें उर्दू के साथ साथ हिंदी की तरक्की के लिए प्रयासरत रहना चाहिए,हमें उर्दू और हिंदी दोनों से प्यार है।जब हम अपनी बातचीत मे कुछ संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते है तो वो हिंदी हो जाती है और जब बातचीत मे फ़ारसी के अल्फाज़ का इस्तेमाल करते हैं तो वो उर्दू हो जाती है।हक़ीक़त मे ये दोनों हिंदुस्तानी भाषा है।अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि हिंदी और उर्दू ये हिंदुस्तान की ऐसी ज़बान है जैसे लगता है कि दो सगी बहने हैं। हिंदी एक ऐसी ज़बान है जिसने बहुत सी ज़बानो के अल्फाज़ को अपने अंदर समाहित करके अपनी विशालता को और बढ़ाया है।हिंदी के विकास के लिए मेरा विचार है कि उच्च शिक्षा मे भी सभी विषय यथा विज्ञान, कला, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा को हिंदी मे पढ़ाया जाना चाहिए। जब उर्दू के साथ हिंदी का विकास होगा तभी सबका विकास होगा।कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज मुनीर ने कुरआन की तिलावत से किया।

              इस अवसर पर अध्यक्ष डाक्टर एहतेशामुल हक,उपाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा,महबूब आलम,महासचिव एच हसन नन्हें,सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर,कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़,प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम,प्रधानाचार्य अबुल वफ़ा अंसारी,अब्दुर्रहमान, ज़फ़रअंसारी,मौलाना अब्दुल्लाह, रिजवानुल्ला, हाफ़िज़ मुनीर, मुख़्तार अहमद, मुहम्मद इकराम, सुलेमान अख्तर, जुल्फिकारअली, शाहिद अंसारी, जफर अंसारी, असलम खलीफा, हसीन अहमद, हाफिज मुहम्मद अहमद, हाजी इकबाल, गुलाम मुनीर, फैयाज, इरफ़ान इत्यादि मौजूद थे।

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

कांग्रेस की पूर्व पार्षद बिल्किस बेगम का निधन

कुशल समाजसेविका की थी बिल्किस बेगम की छवि

वाराणसी 14 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। महानगर कांग्रेस कमेटी की पूर्व महासचिव व कांग्रेस की पूर्व पार्षद बिल्किस बेगम का आज सुबह कोनिया आवास पर निधन हो गया। निधन का समाचार सुनते ही कांग्रेस जनों का उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने का ताता लगा रहा। बिल्कीस बेगम 1995 से 2000 तक सरैया में कांग्रेस की पार्षद रही। उनकी छवि एक कुशल समाज सेविका के रूप में थी। 

श्रद्धांजलि देने वालों ने एवं शव यात्रा में महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, कांग्रेस पार्षद दल के नेता सीताराम केशरी,  पूर्व विधायक अजय राय, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, फसाहत हुसैन बाबू, , पार्षद अफजाल अंसारी , दुर्गा प्रसाद गुप्ता, हरीश मिश्रा, महिलाकांग्रेस के शहर अध्यक्ष रितु पांडे पार्षद वकास अंसारी, पार्षद साजिद अंसारी, सहित सैकड़ों कांग्रेस जन शामिल रहे।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...