बुधवार, 15 सितंबर 2021

पर्यूषण पर्व के छठवें दिन जाने क्या हुआ



संयम मनोरंजन के लिए नहीं, आत्मा रंजन के लिए होता है:मुनि विशद सागर



 वाराणसी 15 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे जैन धर्म के महान पर्व पर्युषण के छठवें दिन बुधवार को जैन मंदिरों में विशेष पूजन के साथ अनंत चतुर्दशी पूजा भी प्रारंभ हुई। श्रीफल , चंदन ,अक्षत , पुष्प ,बादाम चढ़ाकर श्रावकों ने संस्कृत के श्लोकों एवं मंत्रोच्चारण के साथ तीर्थंकरों का पंचाभिषेक किया। चौबीसी पूजन एवं श्रीजी भगवान की शान्ति धारा दैविक आपदाओं को रोकने के लिए की गई ।

10 लक्षण पूजा विधान भी नित्य की भाँति किए जा रहे हैं ।भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्मभूमि (तीर्थक्षेत्र) भेलुपूर में बुधवार को प्रातः मंदिर जी में धर्म के 10 लक्षणों पर विशेष व्याख्यान के छठवें दिन “ उत्तम संयम धर्म “ पर बोलते हुए आचार्य श्री 108 विशद सागर जी ने कहा-“ संयम मनोरंजन के लिए नहीं , आत्म रंजन के लिए होता है। ये मन चंचल है , गलत दिशाओं में जल्द प्रवृत्त होता है । इन्द्रियां यानी स्पर्श , जीभ , नाक , आँखें और कान अपने मन को गलत विषयों में लगा देते हैं । मन को सही दिशा में रखने के लिए , संयम रूपी ब्रेक लगाना ज़रूरी है ।संयम , नियम , मर्यादा , अनुशासन से जीवन महान बनता है और लक्ष्य हासिल होता है ।

अतः संयम को रत्न की भाँति सम्भाल कर रखना चाहिए ।” मुनिश्री ने कहा-“ संयम हमें मर्यादा में रहना सिखाता है ।सातविक भोजन से भी जीवन संयमित रहता है ।अहिंसा , संयम और तप ही धर्म है ।मानव जीवन की शोभा संयम से होती है विषय भोगों से नहीं । सायंकाल कश्मीरी गंज खोजवा स्थित श्री 1008 अजित नाथ दिगंबर जैन मंदिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए प्रोफ़ेसर फूलचंद प्रेमी ने कहा संयम से  आध्यात्म की कसौटी है । भोग-उपभोग की सीमा तय करना ही ,संयम है । जीवन का निर्वाह संयम के बिना असंभव है ।

सायंकाल नगर की समस्त जैन मंदिरों में शास्त्र प्रवचन , भजन , भगवान पार्श्वनाथ जी , देवी पद्मावती माता जी एवं क्षेत्रपाल बाबा की सामूहिक आरती की गई । महिला मंडल द्वारा -  वाद-विवाद विषय टी.वी. एवं मोबाइल वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं पर  प्रतियोगिता आयोजित की गई । 

आयोजन में प्रमुख रूप से सर्वश्री दीपक जैन , राजेश जैन , अरुण जैन , जिवेंद्र  कुमार जैन , वी. के. जैन , राजेश भूषण जैन , आर.सी . जैन , श्रीमती प्रमिला सामरिया ऊषा जैन उपस्थित थीं ।

डीएवी में स्थापित होगा साहित्यकार संसद

वाराणसी15 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। हिन्दी दिवस के अवसर पर डीएवी पीजी कॉलेज ने महादेवी वर्मा के सपनों को साकार करने के लिए और उस सपने से अपनों को जोड़ने के लिए साहित्यकार संसद के स्थापना का संकल्प लिया। समाज की जागृति और सांस्कृतिक विकास के लिए संकल्पित यह साहित्यकार संसद साहित्यिक-सांस्कृतिक विरासत से प्रेरणा लेने और आज के दौर में अपनी परम्परा को विकसित करने के संकल्प से संचालित होगा। उक्त आशय की घोषणा


डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यदेव सिंह ने हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर डॉ. सत्यदेव सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि महादेवी वर्मा की स्मृति और विरासत से जोड़ते हुए इस साहित्यकार संसद की स्थापना का संकल्प करते हैं। साहित्यकार संसद का उद्देश्य हिन्दी साहित्य को व्यापक सरोकार से जोड़ना है और हिन्दी के ज्ञान अन्तरिक्ष का विस्तार करना है। साहित्यकार संसद बनारस और उसके आसपास के प्रबुद्धजनों के सहयोग से अखिल भारतीय सांस्कृतिक मनीषियों का साझा मंच होगा और हिन्दी संवर्द्धन के लिए समर्पित होगा।

डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि साहित्यकार संसद का उद्देश्य नव प्रतिभाओं का प्रोत्साहन करना, हिन्दी के विकास में कार्य करना तथा दूसरे ज्ञानानुशासनों को हिन्दी में उपलब्ध कराना है। साहित्यकार संसद की विधिवत प्रस्तावित कार्यकारिणी और सदस्यों की घोषणा बाद में होगी। उन्होंने इस योजना में बनारस के साहित्यकारों, बौद्धिकजनों से सहयोग की अपील भी की।

वहीं हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी विभाग की ओर से आयोजित हिन्दी संभाषण सह काव्य पाठ में छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। काव्यपाठ एवं संभाषण में आलोक कुमार मिश्र, उदय भाष्कर, द्रविड़ कुमार, सत्यम शिवेन्द्र, गीतांजलि यादव, संदीप कुमार, आयुष पाण्डेय एवं ध्रुव सत्यम आदि ने प्रतिभाग किया। विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार राम, डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. अंकिता चौधरी ने भी विचार व्यक्त किया। संयोजन डॉ. समीर कुमार पाठक एवं संचालन राजन कुमार ने किया।

अंग्रेजी के बढ़ते चलन से हिंदी की हो रही है अनदेखी



फिरोज़ व अकील को सुल्तान ने किया सम्मानित



वाराणसी15 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। सामाजिक संस्था"सुल्तान क्लब" की ओर से हिंदी दिवस के अवसर पर  एक गोष्ठी का आयोजन, कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए रसूलपुरा स्थित कार्यालय में हर्षोल्लास के वातावरण में किया गया। 

इस अवसर पर नेशनल इंटर कॉलेज पीलीकोठी के हिंदी प्रवक्ता फिरोज अहमद अंसारी और मदरसा मतलउल उलूम कमनगढ़ा के अध्यापक मोहम्मद अकील अंसारी को मुख्य अतिथि ज्ञानवापी शाही मस्जिद ईदैन के इमाम मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी ने अपने हाथों से स्मृति चिह्न व  प्रशस्ति व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थाध्यक्ष डा. एहतेशमुल हक़ ने व संचालन महासचिव एच. हसन नन्हें ने किया। 

              इस अवसर पर मुख्य अतिथि फिरोज़ अंसारी ने कहा कि आजादी के बाद भी देश में अंग्रेजी के बढ़ते चलन और हिंदी की अनदेखी को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। आजादी मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 ई0 को संविधान सभा में एकमत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया,तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हिंदी के महत्व को देखते हुए सन 1953 ई0 से इसे प्रत्येक वर्ष मनाने का निर्णय किया तब से आज तक यह दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। इस भाषा की खास बात यह है कि इसमें जिस शब्द को जिस प्रकार से उच्चारित किया जाता है उसे लिपि में भी उसी प्रकार लिखा जाता है। स्वाधीनता आंदोलन के दौरान राष्ट्रभाषा हिंदी का स्वाभिमान लोगों में समा चुका था लेकिन आजादी के बाद संविधान में हिंदी की विचित्र स्थिति के कारण दुर्भाग्य से यह भाव पहले की अपेक्षा कमजोर ही हुआ यद्यपि सेना अर्धसैनिक बल रेलवे बैंक बीमा और राज्य व केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों आदि के माध्यम से हिंदी देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में बड़ा योगदान दे रही है लेकिन आर्थिक उन्नति और रोजगार के लिए हिंदी किस प्रकार से उपयुक्त है प्रायः ऐसे प्रश्न खड़े किया किए जाते रहे हैं।

       विशिष्ट अतिथि मुहम्मद अकील अंसारी ने कहा कि राष्ट्र भाषा हिन्दी मात्र एक भाषा ही नहीं बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक माध्यम है।यह हमारे चिंतन, मनन ,राष्ट्रगौरव और स्वाभिमान के साथ जुड़ी हुई है।राजभाषा हिंदी अब अंतरराषट्रीय भाषा बनने की ओर अग्रसर है ,फेसबुक और व्हाट्स ऐप भी बिना हिंदी से तालमेल बैठाए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं,हिंदी भाषा में इंटरनेट संचालित करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है,हमें गर्व करना चाहिए कि हम हिन्दी भाषी हैं ।

           मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी ने कहा कि हमें उर्दू के साथ साथ हिंदी की तरक्की के लिए प्रयासरत रहना चाहिए,हमें उर्दू और हिंदी दोनों से प्यार है।जब हम अपनी बातचीत मे कुछ संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते है तो वो हिंदी हो जाती है और जब बातचीत मे फ़ारसी के अल्फाज़ का इस्तेमाल करते हैं तो वो उर्दू हो जाती है।हक़ीक़त मे ये दोनों हिंदुस्तानी भाषा है।अध्यक्षीय सम्बोधन में डॉ एहतेशामुल हक ने कहा कि हिंदी और उर्दू ये हिंदुस्तान की ऐसी ज़बान है जैसे लगता है कि दो सगी बहने हैं। हिंदी एक ऐसी ज़बान है जिसने बहुत सी ज़बानो के अल्फाज़ को अपने अंदर समाहित करके अपनी विशालता को और बढ़ाया है।हिंदी के विकास के लिए मेरा विचार है कि उच्च शिक्षा मे भी सभी विषय यथा विज्ञान, कला, वाणिज्य, अर्थशास्त्र, चिकित्सा को हिंदी मे पढ़ाया जाना चाहिए। जब उर्दू के साथ हिंदी का विकास होगा तभी सबका विकास होगा।कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज मुनीर ने कुरआन की तिलावत से किया।

              इस अवसर पर अध्यक्ष डाक्टर एहतेशामुल हक,उपाध्यक्ष अजय कुमार वर्मा,महबूब आलम,महासचिव एच हसन नन्हें,सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर,कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़,प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम,प्रधानाचार्य अबुल वफ़ा अंसारी,अब्दुर्रहमान, ज़फ़रअंसारी,मौलाना अब्दुल्लाह, रिजवानुल्ला, हाफ़िज़ मुनीर, मुख़्तार अहमद, मुहम्मद इकराम, सुलेमान अख्तर, जुल्फिकारअली, शाहिद अंसारी, जफर अंसारी, असलम खलीफा, हसीन अहमद, हाफिज मुहम्मद अहमद, हाजी इकबाल, गुलाम मुनीर, फैयाज, इरफ़ान इत्यादि मौजूद थे।

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

कांग्रेस की पूर्व पार्षद बिल्किस बेगम का निधन

कुशल समाजसेविका की थी बिल्किस बेगम की छवि

वाराणसी 14 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। महानगर कांग्रेस कमेटी की पूर्व महासचिव व कांग्रेस की पूर्व पार्षद बिल्किस बेगम का आज सुबह कोनिया आवास पर निधन हो गया। निधन का समाचार सुनते ही कांग्रेस जनों का उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने का ताता लगा रहा। बिल्कीस बेगम 1995 से 2000 तक सरैया में कांग्रेस की पार्षद रही। उनकी छवि एक कुशल समाज सेविका के रूप में थी। 

श्रद्धांजलि देने वालों ने एवं शव यात्रा में महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, कांग्रेस पार्षद दल के नेता सीताराम केशरी,  पूर्व विधायक अजय राय, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, फसाहत हुसैन बाबू, , पार्षद अफजाल अंसारी , दुर्गा प्रसाद गुप्ता, हरीश मिश्रा, महिलाकांग्रेस के शहर अध्यक्ष रितु पांडे पार्षद वकास अंसारी, पार्षद साजिद अंसारी, सहित सैकड़ों कांग्रेस जन शामिल रहे।

सर्वेक्षण पूर्ण, सरकार की 87 योजनाओं का इन्हे मिलेगा


सेवापुरी विकास अभियान की कार्यशाला


 

10 हजार घरों का हुआ सर्वेक्षण 

 वाराणसी 14 सितंबर (दिल इंडिया लाइव)। सेवापुरी विकास अभियान के तहत मंगलवार को विकास भवन में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के 10 हजार घरों के सर्वेक्षण की रिपोर्ट इंडस एक्शन ने प्रस्तुत की। नीति आयोग के सेवापुरी विकास के तहत सिस्को  सीएसआर के वित्तीय सहयोग से इंडस को सेवापुरी ब्लाक के 10 हजार घरों के सर्वेक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी। इसका उद्देश्य उन घरों और परिवारों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति का अध्ययन करना था, जिसके अनुसार केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न 87 योजनाओं से उन्हें लाभान्वित कराया जा सके। आज हुई कार्यशाला में इंडस ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि वह योजनाएं इलाके में ज्यादा लोकप्रिय हैं जिनके आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाते हैं। ऐसी योजनाएं भी जनता के बीच ज्यादा चर्चा में है जिनको क्षेत्र के ग्राम प्रधान बढ़ावा देते हैं। कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने निर्देश दिया कि हर हाल में सभी विभागों को अपने लक्ष्य के अनुसार स्कीम का सैचुरेशन करना है   इस वर्ष के अंत तक  कार्यशाला में इंडस एक्शन के नैनीष टिक्कू, शुभ्रा त्रिवेदी, लक्षित जैन, लोकेश, सार्थक संस्था से मधुश्री, माइक्रोवेव के अतुल्य, रवि भी शामिल रहे। धन्यवाद ज्ञापन इंडस एक्शन की सीनियर लीड स्टेट आपरेशन शुभ्रा त्रिवेदी ने दिया |

जानिये मुनि विशद सागर ने अपने प्रवचन में क्या दिया संदेश

दूसरों के सुख का कारण बनो और दुख में भागीदार  

  • पर्यूषण महापर्व का पंचम दिवस
  • उत्तम सत्य धर्म पुष्पदन्त भगवान का मोक्ष कल्याणक मना

वाराणसी 14 दिसंबर (दिल इंडिया लाइव)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में मंगलवार को प्रातः भगवान पार्श्वनाथ जी की तीर्थस्थली भेलुपूर में जैन पर्युषण पर्व के विशेष अवसर पर धर्म के १० लक्षणों पर व्याख्यान माला का आयोजन किया जा रहा है ।



 शृंखला के अंतर्गत दशलक्षण पर्व के पांचवें दिन “उत्तम सत्य धर्म “ पर व्याख्यान प्रवचन देते हुए आचार्य मुनि  १०८ विशद सागर जी महाराज ने कहा -“ सत्य धर्म से तात्पर्य सिर्फ़ सत्य वचन बोलना ही नहीं है , सत्य धर्म और सत्य वचन दोनों भिन्न भिन्न है । झूठ नहीं बोलना , जैसा देखा - सुना- जाना वैसा बोलने को सत्य कहा जाता है ।सत्य स्वभावी आत्मा के अनुभव से , आत्मा में जो शांति स्वरूप वीतराग परिणति उत्पन्न होती है उसे सत्य धर्म कहते हैं ।” आचार्य श्री ने कहा -“ मेरे भगवान कहते हैं - किसी के सुख का कारण बनो , भागीदार नहीं और दुख में भागीदार बनो , कारण नहीं ।अतीत के बारे में अधिक मत सोचो , यह आँसू लाता है । भविष्य के बारे में भी अधिक मत सोचो यह भय लाता है । आज के पल को मुस्कुराहट के साथ जीए , यह आनंद लाता है। हमेशा सत्य के रास्ते पर चलें , सत्य को परेशान ज़रूर होना पड़ता है लेकिन सत्य कभी पराजित नहीं होता । सत्य ही ईश्वर है। जो सत्य की राह पर चलता है वह हमेशा निर्भीक रहता है । सत्य हमेशा विजयी होता है ।सत्यवान की गाथा युगों-युगों तक गयी जाती है । 



मंगलवार को प्रातः मंदिरों में श्री 1008 पुष्पदन्त भगवान का मोक्ष कल्याणक मनाकर श्रीजी की शान्ति धारा की गई। नौवें तीर्थंकर पुष्पदन्त जी के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लड्डू भी अर्पित किया गया। प्रातः नगर की अन्य जैन मंदिरों में प्रक्षाल, महा मंत्र का जाप, जिनवाणी स्तुति की गई। सायंकाल शास्त्र प्रवचन, तीर्थंकरो की आरती के साथ जिनवाणी या आरती थाल सजाओ प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। 

आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन,  राजेश जैन, विनय जैन,  प्रताप चंद जैन, अरुण जैन, रत्नेश जैन, विनोद जैन, तरुण जैन, विजय जैन आदि उपस्थित थे।

सोमवार, 13 सितंबर 2021

पर्वाधिराज 10 लक्षण पर्व का चौथा दिन

भारत वसुंधरा धार्मिक विविधताओं का देश

वाराणसी । श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय पर्युषण पर्व की चतुर्थ दिवस सोमवार को प्रातः चौथे अध्याय “उत्तम शौच धर्म “ पर भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली भेलुपूर में प्रवचन व्याख्यान देते हुए जैन मुनि विशद सागर जी महाराज ने कहा-“उत्तम शौच का अर्थ है मन को मांजना ।पहले दिन क्रोध को भगाया ,दूसरे दिन मान को मारा,  तीसरे दिन मन को बच्चे की तरह सरल किया और आज मन को मांजने की बात हो रही है । किसी ने पूछा संसार छोटा है या बड़ा ? हमने कहा संसार न छोटा है ना बड़ा । जिसकी कामना ,वासनाएँ बढ़ी है ,उसका संसार बड़ा है और जिसकी कामना , वासना कम है उसका संसार छोटा है । संतों का संसार का संसार इच्छाए सीमित है ।”मुनिश्री ने कहा -“पर्युषण शुद्ध रूप से आध्यात्मिक पर्व है ,इसमें आत्मचिंतन ही नहीं , आत्ममंथन की प्रक्रियाए भी निहित है ।सभी जीवों में मनुष्य ही सर्वश्रेष्ठ जीव है ।श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पर्यूषण पर्व का तोहफ़ा मिला है ।इन दिनों जैन धर्मावलंबी १० वृत्तियों का व्रत लेकर उपवास ,साधना, पूजा आदि क्रियाएं कर अपनी आत्मा को शुद्ध करते हैं ।इन दिनों सांसारिक क्रियाएं छोड़कर , इन्द्रियों को संयमित कर त्याग-तपस्या , आत्मा भावना , धर्मग्रंथों का अध्ययन कर तीर्थंकरों का पूजन अभिषेक करते हैं मुनि श्री ने कहा -“भारत वसुंधरा धार्मिक विविधताओं का देश है ,यह पर्व मानव के कल्याण के लिए हैं । यह मनुष्य को क्षमा वान बनाता है । यह पर्व लोक और परलोक में सुख देने वाला है । आत्म शुद्धि के साथ जैन धर्म में अहिंसा का सर्वोच्च स्थान है ।

4-4  तीर्थंकरों की नगरी होने से वाराणसी जैनों की बहुत बड़ी तीर्थ स्थली कही जाती है।

सोमवार को प्रातः सारनाथ में भगवान श्रेयांसनाथ जी , भदैनी में भगवान सुपार्श्वनाथ मंदिर, भेलुपूर  में भगवान पार्श्वनाथ जी, चंद्रपुरी में चंद्रप्रभु भगवान की मंदिरो में श्रावकों ने तीर्थंकरों का अभिषेक कर मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। सायंकाल खोजवा स्थित जैन मंदिर में पंडित फूलचंद प्रेमी ने भी शास्त्र प्रवचन किया ।भगवंतो की आरती , प्रश्नोत्तरी , जिनवाणी पूजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।

आयोजन में प्रमुख रूप से दीपक जैन , राजेश जैन , अरुण जैन , तरुण जैन , विनोद जैन , आलोक जैन , विजय जैन , ललित पोद्दार उपस्थित थे।

                                      

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...