गुरुवार, 22 जुलाई 2021

स्व. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि

आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है भारत: मनोज सिन्हा

वेबिनार में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल के विचार

वाराणसी, 22 जुलाई (दिल इंडिय लाइव)। जब किसी के व्यक्तित्व को परिभाषित करने का प्रयास होता है तो उसमें एक विशिष्ट सुगंध प्रसारित होती  है, कुछ ऐसी ही सुगंध स्व. सुरेश अवस्थी ने अपने योगदान के जरिए समाज में छोड़ी है। उक्त उद्गार जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. सुरेश अवस्थी स्मृति न्यास के तत्वावधान मे ‘सामाजिक संवाद की पहल‘ (राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पर सरसंघचालक मोहन भागवत के भाषण का सन्दर्भ) विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये। मनोज सिन्हा ने सुरेश अवस्थी के व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि व्यक्तित्व के लिहाज से वे समाज निर्माता थे, उनके अनुभव आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। विद्यार्थी जीवन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हर उन चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा प्रदान करते थे जो उस दौर के हर विद्यार्थी के सामने खड़ी होती थी। उनकी आत्मत्याग की भावना सदैव याद की जायेगी। उन्होनंे कहा कि स्व. सुरेश अवस्थी के लिए भारतभूमि सिर्फ करोड़ो लोगो के रहने की जगह नही थी बल्कि प्रत्येक जन के आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है, जिसमें सामाजिक समरसता का भाव है। उन्होनंे यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब सभी के लिए अधिकारों की समानता की बात होनी चाहिए तभी समाज की ईकाइयॉ मजबूत होंगी। अवस्थी जी ने हम जैसे अनेक अनगढ़़ युवाओं को कबीर की भॉति गढ़ा। यदि हम राजनीति में चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़े तो यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्ऱद्धाजंलि होगी।


वेबिनार के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम हिन्दु - मुस्लिम नही बल्कि एक भारतीय है और भारतीय होने के नाते सब एक है। हिन्दू एक धर्म नही, एक राष्ट्र है, एक समावेशी संस्कृति है और इसी आधार पर मोहन भागवत ने सबका डीएनए एक होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि मजहबी आधार पर डीएनए की बात जोड़ना सरासर गलत है, मजहब अनेक हो सकते है लेकिन राष्ट्रीयता एक है। हर मजहब व्यक्ति को सामाजिक बुराई से उबारने का रास्ता है ना कि उन्माद फैलाने का रास्ता दिखलाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मुसलमान भी अब पाकिस्तान से यह सवाल कर रहा है कि वहॉ के अल्पसंख्यकों पर इतना अत्याचार क्यों किया जा रहा है।

विशिष्ट वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री डॉ. रामबहादुर राय ने कहा कि वोटबैंक बनाने के लिए मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने में राजनीतिक दलो का योगदान ज्यादा है। सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिये गये सभी के एक डीएनए की बात को सोशल मीडिया पर तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ही एक ऐसी विचारधारा है जो विश्वव्यापी है। मोहन भागवत संवैधानिक राष्ट्रीयता की बात कर रहे है जिसमें कोई भेदभाव नही होगा, समाज में समरसता होगी और सबका एक समान रूप से उत्थान हो सकेगा।

वेबिनार में अतिथियों का स्वगात डॉ. विक्रमादित्य राय, विषय स्थापना क्लस्टर विवि, जम्मू के कुलपति प्रो. बेचनलाल जायसवाल, संचालन सुधीर मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन केदारनाथ सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रो. रमेश चन्द्र गौर, प्रो. अशोक कौल, प्रो. ए.के. जोशी, रामगोपाल मोहले, डॉ. नन्द जी राय, हिमांशु सिंह, अनिल शुक्ला, डॉ. विकास कुमार सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

सोशल डिस्टेंसिंग संग हुई बकरीद की नमाज

नमाज़ के साथ शुरु हुआ ईदुल अजहा का जश्न


वाराणसी 21 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया के साथ ही बनारस में सुबह ईदुल अजहा की नमाज़ के साथ बकरीद का जश्न पूरी अकीदत के साथ शुरु हो गया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। मसाजिदों और ईदगाह से नमाज़ मुकम्मल करके अकीदतमंद घर पहुँचे जहां कुर्बानी का सिलसिला शुरु हुआ। नमाज़ के दौरान उलेमा ने अपनी तकरीर में जहां लोगों को दीन के रास्ते पर चलने की दावत दी वही बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग का दिन बताया। उलेमा ने कहा कि जानवर का गोश्त और हड्डी रब के पास नहीं जाती बाल्कि रब हमारी नियत देखता है, इसलिए हमे चाहिए कि जब भी हमारी जरुरत हो हम कुर्बानी के लिए तैयार रहे। वो कुर्बानी धन, दौलत, जानवर ही नहीं बाल्कि अपनी कौम और वतन के लिए भी हो सकती है। इस दौरान मुल्क में अमन, मिल्लत व कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआएं मांगी गई। 

पता हो कि इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल करते हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

अल सुबह हुई नमाजें

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद


का पर्व शुरु हुआ। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा की गई।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग 

के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई थी।

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

बकरीद (bakharid):पहले नमाज़ फिर की जायेगी कुर्बानी

देश-दुनिया में ईदुल अजहा का त्योहार कल

सोशल डिस्टेंसिंग संग मनेगी बकरीद

वाराणसी20 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया में कल ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। देर रात तक बकरो और सेवईयो की खरीदारी जारी थी। बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग के दिन के रूप में याद किया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। उधर बकरों की खरीद के साथ ही खोवा, सेवई, मेवा, प्याज,अदरक आदि की भी खरीदारी देर रात तक होती रही। दरअसल कुर्बानी के साथ ही घरों में लज़ीज सेवईयां भी बनती है। इसकी तैयारियां ख्वातीन देर रात से ही करती हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

इस साल ये है तैयारी

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई है।

जानिए क्या है बकरीद का महत्व

दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

मैनेजरों ने मदरसो की समस्याओं पर डाली रौशनी

नये पद सृजन की उठीं मांग

वाराणसी 19 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। मदरसा मैनेजर एसोसिएशन की बैठक में मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

मदरसा खानम जान अरबिक स्कूल अर्दली बाजार के कार्यालय में मदरसा मैनेजर एसोसिएशन वाराणसी की हुई इस विशेष बैठक आहूत की सदारत मौलवी मंजूर अहमद साहब ने की जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि जिला अल्पसंख्यक कार्यालय के प्राप्त पत्र 8 जुलाई 2021 का सफल क्रियान्वयन कराया जाए तथा भविष्य में भी कार्यालय से समन्वय के आधार पर संपर्क में रहकर हर समस्या का उचित निराकरण कर वाराणसी में एक सर्वोच्च सफल व्यवस्था स्थापित की जाए। इस अवसर पर मुख्य रूप से जिसकी अध्यक्षता मौलाना मंजूर साहब (मदरसा मतले उलूम कमलगड़हा)  दानीश शहाब (प्रबंधक मदरसा खानम जान), संचालन मौलाना अखलाक़ अहमद जनरल सेक्रेटरी तन्जीम मैनेजर्स मदारिस अरबिया (मदरसा मज़्हरूल उलूम पिलीकोठी) ने की।बैठक मे जनाब रिजवान अहमद( मदरसा चिरागे उलूम रसूलपुरा) , हाजी आलमगीर सिद्दिकी( मदरसा मजिदिया सराय हड़हा), सय्यद जीशान ( मदरसा जामिया अल्विया) व अन्य मदरसो के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। शुक्रिया शहाबुद्दीन लोधी उपाध्यक्ष मैनेजर्स मदारिस अरबिया ने किया।

बैठक मे मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

रविवार, 18 जुलाई 2021

गाजीपुर न्यूज़: आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों का बनेगा आधार

2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत 

ग़ाज़ीपुर,17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पोषण मिशन के तहत बच्चों व गर्भवती को सुपोषित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं । कुपोषित बच्चों के सही आंकड़ा व सटीक रिपोर्ट शासन ने उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चयनित बच्चों व गर्भवती का आधार व पहचान पत्र जरूरी है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती के पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर अब शासन ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में दर्ज सभी कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं का आधार कार्ड अब परियोजना कार्यालय पर बनाए जाने का निर्देश जारी किया है। जिसके लिए विभाग को आधार कार्ड बनाए जाने का किट पहुंच चुकी है। 29 जुलाई को यू डी आई के द्वारा समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं परियोजना से संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि जनपद में कुल 2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं व किशोरियों पंजीकृत हैं। जिन्हें शासन के द्वारा मिलने वाले सूखा राशन व अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं। जिनमें से करीब 60 से 70 फ़ीसदी लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। ऐसे में जिन लोगों का आधार कार्ड किन्ही कारणों से अभी तक नहीं बन पाया है। ऐसे लोगों के आधार कार्ड अब आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में कार्यरत परियोजना कार्यालय पर बनाए जाएंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिल सके। जनपद में छह माह से तीन वर्ष के बच्चों की संख्या 121460 और तीन से छह साल के बच्चों की संख्या 90692 है। इसके साथ ही 69977 गर्भवती व धात्री महिलाएं हैं।

इनरव्हील सेन्ट्रल की ये है नई टीम

प्रसिडेंट रीना व सेक्रेटरी कविता ने संभाला कार्यभार 

कैंसर अनाथालय के लिए दिया डोनेशन



वाराणसी 17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। इनरव्हील क्लब वाराणसी सेन्ट्रल का पदग्रहण समारोह भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में समपन्न हुआ। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अपनी टीम सेक्रेटरी कविता शाह, ट्रेजरार कविता बजाज सहित लगातार दूसरी बार सत्र 2021-22 के लिये कार्यभार सम्भाला।

कार्यक्रम का आगाज़ डिस्ट्रीक चेयरमैन अर्चना वाजपेयी को सेक्रेटरी आशा अग्रवाल ने एवं नवनिर्वाचित प्रसिडेंट रीना गर्ग को सचिव कविता शाह ने कालर पहनाकर औपचारिक्ता पूरी करने के साथ हुआ। प्रसिडेंट रीना गर्ग ने अतिथियों का स्वागत 


करते हुए कहा कि ‘‘इनरव्हील क्लब’’ सेवा एवं सहचर्य की अतंराष्ट्रीय एवं गैरसरकारी स्वयंसेवी संस्था है। जो सदस्यों के आपसी सहयोग से अग्रसर है और समय समय पर समाज में सेवा एवं सहयोग के कार्य करती है।

क्लब की सचिव कविता शाह द्वारा वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया। जिसके बाद सत्र 2021-22 के लिये निर्वाचित टीम को पदभार ग्रहण कराया गया। इस मौके पर प्रसिडेंट रीना गर्ग ने आगामी सत्र 2021-22 के लिये प्रोजेक्ट की जानकारी दी और अपने घर और परिजनों से दूर कैंसर रूपी गम्भीर बीमारी से संघर्ष कर रहे रोगियों के अनाथालय के लिये क्लब की ओर से डोनेशन दिया। साथ ही अनाथालय में रहने वाली युवतियो के लिए 280 सेनेटरी नैपकिन और 50 मीटर ड्रेस मेटेरियल प्रदान किया गया। इस दौरान एमओसी मधुलिका त्रिपाठी, पीपी रमन गर्ग, पीपी अलका शाह, पीपी शबनम अग्रवाल, पीएपी नंदनी भार्गव, अलका माथुर मौजूद रही। 

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

बच्चों के टेढ़े पंजे ठीक करने की मुफ्त कवायद

आरबीएसके यानी मिरेकल फिट इंडिया

गाजीपुर,15 जुलाई 2021(हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जिला अस्पताल में मिरेकल फीट इंडिया के सहयोग से संचालित क्लबफुट क्लीनिक शुरू किया गया है।  जिसमें जन्म से एक साल तक के बच्चों के टेढ़े पंजों (क्लबफुट) का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ तपिश कुमार तथा डॉ कृष्ण कुमार के निर्देशन में प्रत्येक बुधवार को नि:शुल्क इलाज का खाका खींचा गया है। बुधवार को तीन बच्चों का निःशुल्क इलाज किया गया । 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जनपदीय नोडल अधिकारी  डा. के वर्मा ने बताया कि जनपद गाजीपुर में एक वर्ष से छोटे बच्चे जो कि क्लब फुट से पीड़ित हैं वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आरबीएसके टीम के सहयोग से संपर्क कर नि:शुल्क सुविधा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं | डा. तपिश कुमार ने बताया कि बच्चे का इलाज जितना जल्दी संभव हो सकेगा उतना जल्दी बच्चे का पैर सामान्य हो जाएगा । इस प्रक्रिया में बच्चे को प्लास्टर पोंसेटि तकनीक” द्वारा टेनोटॉमी की जाती है और फिर वह विशेष  प्रकार के जूते पहनने के लिए तैयार हो जाते हैं । 

 डा. कृष्ण कुमार ने बताया कि क्लबफुट एक प्रकार की पैर से सम्बन्धित जन्मजात विकृति (जन्म के समय उपस्थित) होती है जिसमें जन्म के समय से ही बच्चे का पैर उसके सामान्य आकार का नहीं होता है। दोनों पैर या एक पैर का पंजा  अंदर की ओर मुड़ा होता है। यह नवजात शिशुओं में पायी जाने वाली सबसे आम विकृति है। यह स्थिति सामान्य भी हो सकती है और कुछ परिस्थितियों में यह स्थिति गंभीर भी हो सकती है और शिशु के एक पैर या दोनों पैरों में भी दिखाई दे सकती है। पैर की मांसपेशियों को पैर की हड्डियों से जोड़ने वाले टेंडन्स के छोटे और तंग होने के कारण यह विकृति होती है जिस कारण शिशु का पैर अंदर की तरफ मुड़ जाता है।इसका इलाज बच्चे के जन्म के 5-7 दिन बाद, बच्चे के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही शुरू किया जा सकता है।

साप्ताहिक कास्टिंग का उपयोग करते हुए पैर के क्रमिक सुधार की इस प्रक्रिया को “पोंसेटि तकनीक” कहा जाता है। स्थिति की गंभीरता के आधार पर, यह प्रक्रिया कुछ महीने लम्बी हो सकती है और इसमें विशेष जूते और ब्रेस के उपयोग की भी आवश्यकता होती है, जोकि मिरेकल फीट इंडिया के द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध है। कार्यात्मक, दर्द मुक्त, सीधे पैर और भविष्य में चलने में किसी प्रकार की परेशानी न होना ही इस इलाज की प्रक्रिया को करने का मुख्य उद्देश्य है। सही समय पर सही इलाज शीघ्र रिकवरी में सहायक होता है।

यहाँ यह याद रखना अत्यन्त महत्वपूर्ण है कि यदि समय पर इलाज नहीं कराया जाये तो यह स्थिति उम्र के साथ और बिगड़ सकती है, इसलिए बच्चे के स्वस्थ और सामान्य जीवन जीने के लिए शुरुआती चिकित्सा आवश्यक है।



मिरैकल फीट इंडिया के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव आनंद कुमार ने बताया कि मिरैकल फीट द्वारा अभी तक गाजीपुर जिला अस्पताल में 16 बच्चों जो क्लब फुट  से पीड़ित है, उनका रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। इसमे से 13 बच्चों को नि:शुल्क ब्रेस (विशेष प्रकार के जूते )  दिया गया।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...