सोमवार, 12 जुलाई 2021

जिले में 31 जुलाई तक चलेगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा

स्वास्थ्य केंद्रों पर शुरू होंगे पुरुष व महिला नसबंदी कैंप

गाजीपुर,12 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। जनसंख्या को स्थिर करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा नयी नियमावली तैयार किए जाने की कवायद शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए लगातार प्रयासरत है। इसी को 



मद्देनजर रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल कार्यक्रम कर विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का शुभारंभ किया गया।  जिले में 11 से 31 जुलाई तक पखवाड़ा मनाया जाएगा । इस कार्यक्रम में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारी और अधिकारी वर्चुअल रूप से जुड़े रहे । इस दौरान परिवार को स्थिर रखने के संसाधनों के बारे में बताया गया।

एसीएमओ डॉ के के वर्मा  ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्देश्य जनसंख्या को स्थिर करना है जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अनेकों उपाय आमजन को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। जिसमें महिला, पुरुष नसबंदी, अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली, कंडोम के साथ ही आईयूसीडी शामिल है। जिसको अपना कर  दंपत्ति  ना सिर्फ अपने परिवार को स्थिर कर सकता है बल्कि देश में बढ़ती हुई जनसंख्या को भी स्थिर करने में अपना योगदान दे सकता है।

उन्होंने बताया कि इसी के तहत इस पखवाड़े में महिला और पुरुष नसबंदी कार्यक्रम भी चलाए जाने हैं। जिसको लेकर माइक्रो प्लान बना लिया गया है। जिला महिला अस्पताल गाजीपुर में 12, 16, 19, 23, 26 व 30 जुलाई ,जमानिया, बाराचवर, गोड़उर, करंडा और मिर्जापुर में 15, 22 और 29 जुलाई, सैदपुर, रेवतीपुर कासिमाबाद मरदह और भदौरा में 13, 20 और 27 जुलाई, जखनिया मोहम्मदाबाद और बिरनो में 12,19 और 26 जुलाई, देवकली मनिहारी और सुभाखरपुर में 16, 23 और 30 जुलाई को परिवार नियोजन कैंप का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महिला नसबंदी कार्यक्रम संपन्न होगा। इसके अलावा 22 और 28 जुलाई को जिला चिकित्सालय गाजीपुर पर पुरुष नसबंदी एनएसबी शिविर भी आयोजित किया जाएगा।

शनिवार, 10 जुलाई 2021

भारी वाहनों से परेशान हो रहे व्यापारी

पीस कमेटी की बैठक में दिया पुलिस उपायुक्त को ज्ञापन

वाराणसी 10 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पुलिस लाइन में सावन बकराईद को मद्देनजर रखते हुए पीस कमेटी की एक बैठक पुलिस उपायुक्त वरुणा विक्रांत वीर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में पीस कमेटी के सभी लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों को अपने सुझाव दिए और अधिकारियों से जल्द से जल्द तमाम समस्याओं से निजात दिलाने की बात कही। इसी क्रम में अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष, वार्ड न. 38 के पार्षद विनय शदेजा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस उपायुक्त से मिलकर उनको ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने ज्ञापन देते हुए कहा कि वरुण पार का अर्दली बाजार एक  प्रमुख व्यवसाईक केंद्र है। क्षेत्र में अनवरत भारी वाहनों के आने जाने से दुकानदारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


भारी वाहनों के आने-जाने से जाम लगा रहता है जिससे ग्राहकों की गाड़ियों का चालान धड़ल्ले से किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में प्रातः 10:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक भारी वाहनों ट्रक बस डंपर लोडर पर पूरी तरह से आने जाने में प्रतिबंध लगाया जाए जिससे व्यापारियों राहगीरों क्षेत्रीय नागरिकों को राहत मिले और जिला प्रशासन को व्यापारी अपना सहयोग भी दे सकें।

प्रतिनिधिमंडल में विनय शादेजा , महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, हसन मेहंदी कब्बन, अशोक सिंह अनीस खान, टाईगर रिज़वी, शीतल बरनवाल ,आशीष पाठक, सहित दर्जनों लोगों ने अपनी बात रखी।

शुक्रवार, 9 जुलाई 2021

मीजल्स-रूबेला (एमआर) से निपटने के लिए सभी तैयार


मीजल्स-रूबेला से बचाव पर हुई कार्यशाला    

गाजीपुर, 09 जुलाई (हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारी से निपटने को स्वास्थ्य विभाग  पूरी तरह से तैयार है । मीजल्स-रूबेला (एमआर) बीमारी से निपटने के लिए सभी


बच्चों को मुफ्त में एमआर का टीका लगाया जा रहा है, जिससे वायरस के दुष्परिणाम से बचा जा सके। पोलियो मुक्त भारत की तरह अब खसरा मुक्त भारत के लिए साल 2023 के लक्ष्य पर काम चल रहा  है। इसी को लेकर गुरुवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गिरीश चंद्र मौर्य की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डब्ल्यूएचओ के प्रभारी एसएमओ डॉ नकीब थे।

डॉ नकीब ने बताया - खसरा को आम तौर पर छोटी माता के नाम से भी जाना जाता है। यह अत्यधिक संक्रामक होता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से यह बीमारी फैलती है। इसमें निमोनिया, डायरिया व दिमागी बुखार होने की संभावना बढ़ जाती है। चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते, तेज बुखार, खांसी, नाक बहना व आंखें लाल होना इस बीमारी के लक्षण हैं। रूबेला गर्भावस्था के दौरान होने वाला संक्रमण है। संक्रमित माता से जन्मे शिशु को ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, बहरापन, मंद बुद्धि व दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। रूबेला से गर्भपात, समय पूर्व प्रसव व गर्भ में बच्चे की मौत भी हो सकती है। 

डॉ नक़ीब ने बताया - एक बार जब वायरस शरीर में चला जाता है तो  संक्रमण पूर्णतया नाक, सांस की नली और फेफड़ों, त्वचा और शरीर के अन्य अंगों में फैलता है। खसरे के साथ एक व्यक्ति लक्षण शुरू होने के एक से दो दिन पहले से लेकर बड़े लाल दाने (ददोरा) प्रकट होने के चार दिन बाद तक दूसरों तक खसरा फैला सकता है। खसरा आम तौर पर औसत दर्जे की बीमारी का कारण बनता है। छोटे बच्चों में, जटिलताओं में मध्य कान का संक्रमण (ओटिटिस मीडिया), निमोनिया, क्रूप और दस्त शामिल हैं। वयस्कों मेंभी  बीमारी की और भी गंभीर होने की संभावना हो जाती है। पुराने रोगियों के लिए खसरे से संबंधित न्यूमोनिया के लिए अस्पताल के इलाज की आवश्यकता असामान्य नहीं है। खसरा के वायरस से ददोरा, खांसी, नाक का बहना, आंखों में जलन और तेज बुखार होता है। इसके साथ ही कानों में संक्रमण, निमोनिया, बच्चों को झटके  आना, घूरती आंखे, दिमाग को नुकसान और अंत में मौत तक हो जाती है।

इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया - मीजल्स-रूबेला गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है,  लेकिन इसकी रोकथाम टीकाकरण के जरिए की जा सकती है। यह वैक्सीन बच्चों को तीन बीमारियों खसरा, रूबेला रोग से बचाती  है। खसरे का असरकारी टीका देश में काफी सालों से उपलब्ध है। इसके बावजूद खसरा छोटे बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने से कई गैर-प्रतिरक्षक बच्चे इस श्वसन संबंधी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। खसरा पैरामाइक्सोवाइरस परिवार के एक वायरस के कारण एक तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी है। खसरे के लक्षण कई बार इतने सामान्‍य होते हैं कि यह बीमारी पकड़ में ही नहीं आती। खासतौर पर बच्‍चों में इस बीमारी के लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इस बीमारी के लक्षण फौरन पकड़ में भी नहीं आते। वायरस के हमले के करीब दो से तीन हफ्ते के बाद ही इस बीमारी की पहचान सम्‍भव हो पाती है। इसके लक्षण दो से तीन दिन तक रहते हैं 

खसरा की पहचान - खसरा किसी भी परिवार में फैल सकता है। कफ, काराईजा और कन्जक्टिवाइटिस मुख्‍य रूप से इसकी पहचान होते हैं। मुंह में तालू पर सफेद धब्बे भी नजर आते हैं। यह श्वसन से फैलने वाली बीमारी है और संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या व्यक्ति के संपर्क क्षेत्र में आने से होती है।

इस कार्यशाला में जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी के साथ ही एसीएमओ डॉ केके वर्मा और डॉ डीपी सिन्हा मौजूद रहे।

गुरुवार, 8 जुलाई 2021

कोविड टीकाकरण अभियान में दिखा उत्साह



गाजीपुर 9 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीकाकरण शिविर का आयोजन ग्राम पंचायत हुस्सेपुर कोठिया विशुनपुरा में  हुआ ,  इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुहम्मदाबाद के अधीक्षक डॉo आशीष राय के उपस्थिति में प्रामरी विद्यालय पर  टीकाकरण किया गया, यह विशेष शिविर में ग्राम प्रधान श्रीमती प्रीति राय एवं प्रधान पति शैलेश प्रधान  के सहयोग से आयोजित हुआ, इसमें 350 नागरिकों को टीके लगाए गए, साथ ही विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं राष्ट्रीय किशोर एवं किशोरी कार्यक्रम के तहत लोगो को जागरूक किया गया, डॉ. आशीष राय ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में मलेरिया, कोरोना, छोटी माता, चेचक, हैजा, डेंगू ज्वर, सूजाक, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी आदि आते हैं, उन्होंने कहा कि रोगों से बचाव का बेहतर उपाय रोगो के प्रति सावधानी व सतर्कता बनाए रखना है, तथा किशोरियों को सेनेटरी पैड का वितरण ग्राम प्रधान के हाथों किया गया, जिससे महिलाओं में काफ़ी उत्साह दिखायी दिया, शिविर ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक श्री संजीव कुमार ,श्री इमरान, सी एच ओ सपना ए एन एम श्रीमती राजकुमारी सिंह इत्यादि समस्त क्षेत्रीय आशा एवं आगनबाड़ी उपस्थित रहे, कोविड -19 वैक्सिनेसन के प्रति ग्रामीणों मे सुबह से ही बेहत उत्साह दिखा।

दावते इस्लामी की पौधा लगाने की दावत




खुद लगाया पौधा, सभी को किया जागरूक

वाराणसी 9 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। दावते-ए-इस्लामी फैजान-ए-ग्लोबल फाउंडेशन द्वारा इन दिनों जहां पौधारोपण किया जा रहा है वहीं दूसरों को भी पेड़ लगाने की संस्था दावत दे रही है। मो. फ़ारूक़, मद्रसतुल मदीना के उस्ताद आबिद अत्तारी एवं अब्दुल रहमान मिस्बाही की अगुवाई में शहर के कई इलाकों में लगातार आम, नीम और अन्य कई फलों के पौधे लगाए जा रहे हैं।

लोहता के डिवीज़न निगरान मो० फ़ारूक़ ने कहा कि वातावरण को सुरक्षित रखने रखने के लिए शजरकारी (पौधारोपण) करना बहुत ज़रूरी है। प्रकृति की रक्षा करना हम सभी का कर्त्तव्य है। हमे एक अच्छे वातावरण में रहने के लिए अपने घर के आस पास पौधे न सिर्फ लगाने चाहिए बल्कि उनकी हिफाज़त भी करना चाहिए। जिससे वातावरण दूषित न हो। जिस प्रकार से जनसंख्या वृद्धि के कारण लगातार जंगल तथा हमारे आस पास के पौधे काटे जा रहे है वह प्रकृति से खिलवाड़ है जिसका खामियाजा हमको समय समय पर भुगतना पड़ता है।

डा. साजिद ने कहा कि अभी कोरोना काल में जब हमे ऑक्सीजन की आवश्यकता हुई तो हम दौड़ा भागी में लगे हुए थे, कि बस हमारे करीबी जो बीमार है उन्हें कही से भी ऑक्सीजन की पूर्ति हो जाये। लेकिन हमने कभी ये नही सोचा कि पूरे साल के बारह महीने हमे ऑक्सीजन कहाँ से मिलता है ? ये तो प्रकृति की देन है जो हमें मुफ्त में ऑक्सीजन मिल रहा है। वो भी हमारे आस पास के पेड़ पौधों से। इसलिये हमे आने वाली पीढ़ी के लिए पौधे लगा कर प्रकृति को सुरक्षित रखना चाहिए।

बुधवार, 7 जुलाई 2021

दलित बेटी की शादी के लिए शिक्षकों ने दिया तीन लाख

शिक्षामित्र बेचू का लंबी बीमारी के बाद हुआ था निधन

वाराणसी 7 जुलाई। विकासखंड चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय सीवों के शिक्षामित्र बेचू प्रसाद का विगत दिनों लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था, उनके परिवार की


आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी, आगामी 13 जुलाई को बेचू प्रसाद के बिटिया की शादी होना तय है, गरीब दलित की बेटी की शादी के पहले ही पिता का निधन हो गया, परिवार को मदद के लिए शिक्षक समाज बढ़ चढ़कर आगे आया।

     गरीब परिवार की स्थिति को देखकर परिषदीय विद्यालयों के अध्यापक, अनुदेशक व शिक्षा मित्र ने मदद के लिए परिवार के सदस्य के खाते में और नगद राशि लगभग ₹3लाख बिटिया की शादी के लिए दिया। सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने यह सिद्ध कर दिया कि सिर्फ बेसिक शिक्षा का कायाकल्प ही नहीं बल्कि मुसीबत के समय में भी किसी की भी मदद करने में आगे रहते हैं, यही असली मानवता की पहचान है जो इंसानियत की सेवा सबसे बड़ा धर्म कहलाता है।

        शिक्षामित्र स्वर्गीय बेचू प्रसाद के परिवार को आर्थिक मदद के लिए नगद राशि देने पहुंचने वालों में रविंद्र यादव, ज्योति भूषण त्रिपाठी, प्रमोद कुमार पटेल, प्रमोद यादव, राजीव कुमार सिंह, कुंवर भगत सिंह, अखिलेश्वर गुप्ता, केशव पांडे, एहतेशामुल हक, अभय, मनीष कुशवाहा, ओ पी मौर्या, शैलेंद्र पांडे, अजय यादव, बी एन यादव, शिवकुमार इत्यादि थे।

ट्रेजेडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार का निधन

98 साल की उम्र में ली अंतिम सांस, शोक की लहर

  • वाराणसी 7 जून(दिल इंडिया लाइव)। सिनेमा के दिग्गज कलाकार दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का आज निधन हो गया है। बुधवार को दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। लंबे वक्त से दिलीप कुमार बीमार चल रहे थे, मुंबई में कई बार उन्हें अस्पताल में भी भर्ती करवाया गया था।

दिलीप कुमार के निधन से बॉलीवुड से लेकर देश दुनिया में उनके चाहने वालो को बड़ा धक्का लगा। हर तरफ शोक की लहर दौड़ गयी। सोशल मीडिया पर उन्हें तमाम चाहने वाले नमन कर रहे है।




...ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा

पहले पातशाह गुरू नानक देव के प्रकाशोत्सव पर झूमा सिख समाज  धूमधाम व उल्लास से गुरुद्वारा गुरुबाग में मनाई गई नानक जयंती Varanasi (dil India ...