बुधवार, 19 जून 2024

Saudi Arabiaके मक्का में गर्मी का कहर, 577 हाजियों का इंतकाल

भीषण गर्मी ने बरपाया कहर, हुआ मौत का तांडव 


Saudi Arabia (dil India live)। सऊदी अरब के मक्का में हज यात्रा के दौरान 577 हज जायरीन की मौत हो गई है। 12 जून से 19 जून तक चलने वाली हज यात्रा में अब तक कुल 577 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी बताई गई है। वहां पारा 51 डिग्री तक पहुंच गया है। समाचार एजेंसियों के हवाले से कुछ खबरों में 550 और कुछ में गर्मी से 577 हज जायरीन की मौत बतायी गई है।

दरअसल सऊदी अरब में इस समय प्रचंड गर्मी पड़ रही है। वहीं इस गर्मी की चपेट में दुनिया भर से हज करने पहुंचे जायरीन आ रहे हैं। दरअसल एक सप्ताह में कुल मौतों की संख्या 577 हुई है। इसमें अकेले 60 से ज्यादा जॉर्डन के जायरीन भी मारे गए, जो अम्मान द्वारा मंगलवार को पहले दी गई 41 की आधिकारिक संख्या से अधिक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, नई मौतों के साथ कई देशों में अब तक बताई गई कुल मौतों की संख्या 577 हो गई है। राजनयिकों ने कहा कि मक्का के सबसे बड़े मुर्दाघरों में से एक, अल-मुआइसेम के मुर्दाघर में कुल संख्या 550 थी।

गर्मी से तनाव इससे पहले मंगलवार को मिस्र के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि काहिरा हज के दौरान लापता हुए मिस्रवासियों की तलाश के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। जबकि मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि “एक निश्चित संख्या में मौतें” हुईं, लेकिन यह निर्दिष्ट नहीं किया गया कि उनमें मिस्र के लोग थे या नहीं। सऊदी अधिकारियों ने गर्मी के तनाव से पीड़ित 2,000 से अधिक जायरीन का हज अरकान में दिन के समय घंटों बाहर रहना शामिल है। कुछ जायरीन ने सड़क के किनारे गतिहीन शवों और एम्बुलेंस सेवाओं को देखने का वर्णन किया जो कभी-कभी अभिभूत दिखाई देती थीं। सऊदी अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष लगभग 1.8 मिलियन तीर्थयात्रियों ने हज में भाग लिया, जिनमें से 1.6 मिलियन विदेश से थे।

मंगलवार, 18 जून 2024

PM Modi बोले: काशी के लोगों को डबल बधाई

आपने केवल एमपी नहीं बल्कि तीसरी बार पीएम भी चुना 

-लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

किसान सम्मान सम्मेलन में बटन दबाकर किसान सम्मान निधि की 17 वीं किस्त को खाते में किया ट्रांसफर

देश भर से आईं कृषि दीदियों को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वितरित किया प्रमाण पत्र




Varanasi (dil India live). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित किसान सम्मान सम्मेलन में बटन दबाकर किसान सम्मान निधि की 17 वीं किस्त को सीधे देश भर के किसानों के खाते में ट्रांसफर किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने काशी की जनता को उन्हें लगातार तीसरी बार सांसद और प्रधानमंत्री बनाने के लिए आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि बनारस के हर मतदाता का लोकतंत्र के इस उत्सव को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से काशी वासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। ये बनारस के लोगों के लिए भी गर्व की बात है कि काशी के लोगों ने सिर्फ अपना एमपी नहीं बल्कि तीसरी बार पीएम भी चुना है। इसलिए आपलोगों को तो डबल बधाई। अब तो मां गंगा ने भी जैसे मुझे गोद लिया है, मैं यहीं का हो गया हूं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देश भर से आईं कृषि दीदियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया। 

आपका विश्वास मेरी बड़ी पूंजी

पीएम मोदी ने काशी की जनता का आभार जताते हुए कहा कि आपका आभारी हूं, आपका ऋणी हूं। इस चुनाव में देश के लोगों ने जो जनादेश दिया है वो वाकई अभूतपूर्व है। इस चुनाव ने एक नया इतिहास रचा है। दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में ऐसा बहुत कम ही देखा गया है कि कोई चुनी हुई सरकार लगातार तीसरी बार वापसी करे। ऐसा भारत में 60 साल पहले हुआ था और अब आपने ये सौभाग्य अपने सेवक मोदी को दिया। भारत जैसे देश में जहां युवा आकांक्षा इतनी बड़ी है,जहां जनता के इतने सपने हैं, वहां लोग अगर किसी सरकार को 10 साल के काम के बाद फिर सेवा का अवसर देते हैं तो यह बहुत बड़ी विजय है और बहुत बड़ा विश्वास है। आपका यह विश्वास मेरी बहुत बड़ी पूंजी है, आपका ये विश्वास मुझे लगातार आपकी सेवा के लिए देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा देता है। मैं दिन रात ऐसे ही मेहनत करूंगा। आपके सपनों को पूरा करने के लिए, आपके संकल्पों को पूरा करने के लिए, मैं हर प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में देश के 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है। पूरी दुनिया में इससे बड़ा चुनाव कहीं और नहीं होता है। जी7 के सारे देशों के मतदाताओं को मिला दें तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे डेढ़ गुना ज्यादा है। यूरोपियन यूनियन के सारे मतदाताओं को जोड़ दें तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे ढाई गुना ज्यादा है। इस चुनाव में 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया है। ये संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती, यही ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित भी करती है और प्रभावित भी करती है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसान, नौजवान, नारी शक्ति और गरीब इन्हें विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैंने इन्हीं के सशक्तिकरण से की है। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा लिया गया है। देश भर में गरीब परिवारों के लिए तीन करोड़ नए घर बनाने हों या फिर पीएम किसान सम्मान निधि को आगे बढ़ाना हो, यह फैसले करोड़ों लोगों की मदद करेंगे। आज का ये कार्यक्रम भी विकसित भारत के इसी रास्ते को सशक्त करने वाला है। थोड़ी देर पहले ही देश भर के करोड़ों किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हजार करोड़ रुपए पहुंचे हैं। आज तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों सुनिश्चित करेगी। पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है। अभी तक देश के करोड़ों किसान परिवारों के बैंक खाते में सवा तीन लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। यहां वाराणसी जिले के किसानों के खाते में 700 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी को लाभ पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। कुछ महीने पहले ही विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी एक करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़े हैं। सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए कई नियमों को भी सरल किया है। जब सही नीयत होती है, सेवा की भावना होती है तो ऐसे ही तेजी से किसान हित और जनहित का काम होता है। 

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में पूरी कृषि व्यवस्था की बडी भूमिका है। हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखना होगा। हमें दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनना है और कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है। बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा है। अब हमें पैकेज्ड फूड के ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है। मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या फूड प्रोडक्ट होना ही चाहिए। इसलिए हमें खेती में भी जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है। मोटे अनाज श्रीअन्न का उत्पादन हो, औषधीय गुण वाली फसल हो या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना हो, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। 

कृषि सखियां देंगी खेती को नई दिशा

पीएम मोदी ने कृषि में महिलाओं के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है। इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माताओं बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। हमने आशा कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा है, हमने बैंक सखियों के रूप में डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका देखी है, अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलते हुए देखेंगे। आज 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है और आने वाले समय में पूरे देश में हजारों महिला समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। ये अभियान तीन करोड़ लखपति दीदियां बनाने में भी मदद करेगा। 

काशी की विकास गाथा अनवरत जारी रहेगी

पिछले 10 वर्ष में काशी के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने और 7 वर्षों से राज्य सरकार ने पूरे समर्पण के साथ काम किया है। बनास डेयरी ने तो बनारस और आसपास के किसानों और पशुपालकों का भाग्य बदलने का काम किया है। आज ये डेयरी हर रोज करीब 3 लाख लीटर दूध जमा कर रही है। अकेले बनारस के ही 14 हजार से अधिक पशुपालक इस डेयरी से रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अब बनास डेयरी अगले एक डेढ़ साल में काशी के ही 16 हजार और पशुपालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही है। बनास डेयरी आने के बाद बनारस के अनेक दुग्ध उत्पादकों की कमाई में 5 लाख रुपए तक की वृद्धि हुई है। पिछले साल 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बोनस पशुपालकों के खाते में भेजा गया था। पीएम मत्स्य संपदा योजना से बनारस के सैकड़ों किसानों को लाभ हो रहा है। उन्हें अब किसान क्रेडिट कार्ड की भी सुविधा मिल रही है। चंदौली में करीब 70 करोड़ की लागत से आधुनिक फिश मार्केट का विकास भी किया जा रहा है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से यहां करीब 40 हजार लोग रजिस्टर्ड हुए हैं। बनारस के 2100 से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लग चुका है। अभी तीन हजार से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगाने का काम चल रहा है। आज काशी में देश के सबसे पहले सिटी रोपवे का काम अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच रहा है। गाजीपुर, आजमगढ़ और जौनपुर के रास्तों को जोड़ती रिंग रोड विकास का रास्ता बन गई है। फ्लाई ओवर बनने से जाम से जूझने वाले बनारस के लोगों को बहुत राहत हुई है। काशी और कैंट रेलवे स्टेशन एक नए रूप में पर्यटकों और बनारसी लोगों का स्वागत कर रहे हैं। बाबतपुर एयरपोर्ट का नया रूप न सिर्फ यातायात बल्कि व्यापार को भी सहूलियत दे रहा है। गंगा घाट पर होता विकास, बीएचयू में बनती नई स्वास्थ्य सुविधाएं और वाराणसी में जगह-जगह विकसित होती नई व्यवस्था काशीवासियों को गौरव की अनुभूति कराती है। बाबा विश्वनाथ की कृपा से काशी के विकास की यह नई गाथा अनवरत चलती रहेगी। 

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भगीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, विधान परिषद के सदस्य और भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, दयाशंकर मिश्र दयालु, रविन्द्र जायसवाल समेत प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।

सोमवार, 17 जून 2024

Eid-ul-azha 2024 : रब की बारगाह में पहले झुकाया सिर, फिर ख़ुदा की राह में पेश की कुर्बानी

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बकरीद का तीन दिनी त्योहार शुरू 






Varanasi (dil India live)। बकरीद यानी ईद-उल-अजहा पर रब की बारगाह में पहले मोमीनीन ने सिजदे में सिर झुकाया, फिर ख़ुदा की राह में कुर्बानी पेश करने की। इसी के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बकरीद का तीन दिनी त्योहार सोमवार को पूरी अकीदत के साथ शुरू हो गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ईदगाहों और मस्जिदों के आसपास दिखाई दी। पुलिस अधिकारियों ने ईदगाहों का मुआयना किया। बकरीद की नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच जब सकुशल संपन्न हुई तो जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। नमाज अदा करने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी का जो दौर शुरू हुआ वो तीन दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने ईदुल अजहा की लोगों को मुबारकबाद पेश की। इस दौरान उनसे मिलने और मुसाफा करने लोगों का हुजूम उनके दौलतखाने पर उमड़ा हुआ था। इससे पहले ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। मस्जिद हमीदिया शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारूकी प्यारे मियां, मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में मौलाना जकीउललाह असदुल कादरी, मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी, शाही मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, शाही मस्जिद ढ़ाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी ने नमाज अदा करायी। ऐसे ही बड़ी ईदगाह विद्यापीठ में मौलाना शमीम, मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब, जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब, छोटी मस्जिद डिठोरी महाल में हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में मौलाना तौसीफ़ अली व मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन ने अदा कराई। ऐसे ही मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी, ईदगाह हकीम सलामत अली में मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मस्जिद टकटकपुर दरगाह में मौलाना अजहरुल कादरी, मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में हाफिज मोहम्मद ताहिर, चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद में मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद में मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद में मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई व मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी में मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी ने नमाज अदा कराकर लोगों को बकरीद की मुबारकबाद दी। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़, जामा मस्जिद राजातालाब में मौलाना जुल्फेकार, शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायणपुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी, मस्जिद ईदगाह लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, ईदगाह पुराना पुल में मौलाना शकील ने नमाज अदा कराई। ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा, जहांगीर मस्जिद हटिया, डोमन की मस्जिद, मस्जिद बरतले, शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां, नूरी रिजवी मस्जिद नरिया, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद हबीबीया, मस्जिद सम्मन खां गौरीगंज, मस्जिद गौसिया नवाबगंज, मस्जिद अस्तबल, मस्जिद कुशता बेगम शिवाला, मस्जिद पिपलानी कटरा, मस्जिद अल कुरैश, ईदगाह मस्जिद दायम खां, बिचलीं मस्जिद कचहरी समेत लोहता, बजरडीहा, रामनगर, जंसा, बड़ागांव, चोलापुर, पुराना पुल आदि में भी ईदुल अजहा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिल कर ईद मुबारक कहा।

बकरीद के गोश्त का तीन हिस्सा

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देकर कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते नज़र आए। इसमें उन्होंने एक हिस्सा खुद के खाने  के लिए, दूसरा हिस्सा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए किया। कुर्बानी के बाद गोश्त का तबर्रुक लोगों को तकसीम किया गया।

मस्जिदों व ईदगाहों पर दिखा मेले सा नज़ारा 

बकरीद की नमाज के दौरान मुहल्लों की जामा मस्जिदों और ईदगाहों के आसपास मेले सा नज़ारा देखने को मिला। इस दौरान नमाज के बाद बच्चे अपने अजीजों के साथ गुब्बारे, खिलौने व आइसक्रीम खरीदते दिखाई दिए। इस दौरान पूरा माहौल नूरानी नज़र आ रहा था।

बकरीद की क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में आदेश दिया कि हजरत इब्राहीम अपनी सबसे अजीज चीज़ की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनके बेटे हजरत इस्माईल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले गये। हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल को जैसे ही जेबा करने के लिए समंदर के पास लिटाया, छूरी ने हज़रत इस्माईल कि गर्दन पर चलने से इंकार कर दिया। कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये। तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जा रहा है।

रविवार, 16 जून 2024

पहले रब की बारगाह में सिजदा, फिर अल्लाह की राह में होगी कुर्बानी

यहां जानिए क्या है बकरीद का इतिहास, क्यों की जाती है कुर्बानी 


Varanasi (dil India live)। बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

गोश्त का तीन हिस्सा

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के इस्तेमाल के लिए, दूसरा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए। वैसे ज्यादातर लोग सभी हिस्सों को गरीबों में बांट देते हैं। 

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में आदेश दिया कि हजरत इब्राहीम अपनी सबसे अजीज चीज़ की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनके बेटे हजरत इस्माईल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले गये। हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल को जैसे ही जेबा करने के लिए समंदर के पास लिटाया, छूरी ने हज़रत इस्माईल कि गर्दन पर चलने से इंकार कर दिया। कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये। तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जा रहा है।ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

किस मस्जिद में क्या है नमाज का वक्त 

मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सुबह 10.30 बजे बकरीद की नमाज मौलाना जकीउललाह अब्दुल कादरी अदा करायेंगे तो शाही मस्जिद ज्ञानवापी में 7.30 बजे मौलाना अबुल आखिर नोमानी नमाज पढ़ाएंगे। मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में 7बजे मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब सुबह 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब सवा 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे। ऐसे ही छोटी मस्जिद डिठोरी महाल सुबह 7.30 बजे हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में 8.30 बजे, मौलाना तौसीफ अली बकरीद की नमाज की इमामत करेंगे। मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन 9 बजे पढ़ाएंगे। फुलवरिया की मस्जिद -ए-नूरी में 7.30 बजे नमाज होगी। मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी 7 बजे नमाज अदा कराएंगें।ईदगाह हकीम सलामत अली में 7.30 बजे बकरीद की नमाज होगी। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे, मस्जिद टकटकपुर में 7 बजे मौलाना अजहरुल कादरी नमाज अदा कराएंगें तो मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में 6.45 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर तो चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:15 बजे मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद कच्ची बाग में 6:30 बजे मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद कच्ची बाग़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई, मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी 6:00 बजे मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी नमाज अदा कराएंगें। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़ 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद राजातालाब में 7 बजे ही मौलाना जुल्फेकार नमाज अदा कराएंगें। शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायण पुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे।

ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 7 बजे, जहांगीर मस्जिद हटिया मदनपुरा 6.45 बजे, डोमन की मस्जिद मदनपुरा 6 बजे, मस्जिद बरतले मदनपुरा में 6.30 बजे नमाज अदा होगी। शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां में 7.30 बजे नमाज होगी तो नूरी रिजवी मस्जिद नरिया में सुबह 8 बजे नमाज होगी।

शनिवार, 15 जून 2024

Hospital के ICU में हुई नम आंखों के बीच शादी

कायम हुई नई मिसाल, दो-दो बेटियों का हुआ निकाह


Lucknow (dil India live)। कभी आपने सुना है कि किसी अस्पताल में शादी हो रही हो, वो भी आईसीयू में। नहीं न, मगर ये सच है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल में यह वाक्या हुआ है। मुस्लिम रीति रिवाज से अस्पताल के आईसीयू में शादी की सच्ची घटना ने मिसाल कायम किया है। 

दरअसल मोहम्मद इकबाल की दो-दो बेटियों की शादी होनी थी मगर वो गंभीर रूप से बीमार होकर ICU में भर्ती हैं। मोहम्मद इकबाल बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्होंने अपने डॉक्टरों से बेटियों के निकाह की अनुमति मांगी जिसे मानवता के नाते अस्पताल प्रशासन ने इजाजत दे दी। डॉक्टरों ने मौलाना और दूल्हे को आईसीयू में एंट्री दी, मौलाना ने अस्पताल के आईसीयू में निकाह पढ़ाया। इस तरह अस्पताल में नम आंखों के बीच सादे रीति रिवाज के साथ सादगी से इकबाल ने अपनी दोनों बेटियों का जहां निकाह कर दिया वहीं एरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मानवता की मिसाल भी दुनिया के सामने पेश की।

Bakrid 2024 की तैयारियां हुई तेज

जानिए कौन, कब और कहां अदा कराएगा ईदुल अजहा की ख़ास नमाज 

Varanasi (dil India live)। बकरीद की तैयारियां बनारस में मुकम्मल हो चली है। मस्जिदों में कौन इमामत करेगा, ईदुल अजहा की नमाज का किस मस्जिद में वक्त क्या होगा इसका ऐलान कर दिया गया है। उधर तमाम लोग जानवरों की खरीदारी में जुटे हुए हैं। सेवईयों की भी खरीदारी तेज हो गई है। उधर मस्जिदों से नमाज के वक्त का ऐलान कर दिया गया है। देखिए दिल इंडिया लाइव की ख़ास रिपोर्ट...

किस मस्जिद में क्या है नमाज का वक्त 

मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सुबह 10.30 बजे बकरीद की नमाज मौलाना जकीउललाह अब्दुल कादरी अदा करायेंगे तो शाही मस्जिद ज्ञानवापी में 7.30 बजे मौलाना अबुल आखिर नोमानी नमाज पढ़ाएंगे। मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में 7बजे मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब सुबह 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब सवा 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे। ऐसे ही छोटी मस्जिद डिठोरी महाल सुबह 7.30 बजे हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में 8.30 बजे, मौलाना तौसीफ अली बकरीद की नमाज की इमामत करेंगे। मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन 9 बजे पढ़ाएंगे। फुलवरिया की मस्जिद -ए-नूरी में 7.30 बजे नमाज होगी। मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी 7 बजे नमाज अदा कराएंगें।ईदगाह हकीम सलामत अली में 7.30 बजे बकरीद की नमाज होगी। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे, मस्जिद टकटकपुर में 7 बजे मौलाना अजहरुल कादरी नमाज अदा कराएंगें तो मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में 6.45 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर तो चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:15 बजे मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद कच्ची बाग में 6:30 बजे मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद कच्ची बाग़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई, मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी 6:00 बजे मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी नमाज अदा कराएंगें। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़ 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद राजातालाब में 7 बजे ही मौलाना जुल्फेकार नमाज अदा कराएंगें। शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायण पुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे।

ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 7 बजे, जहांगीर मस्जिद हटिया मदनपुरा 6.45 बजे, डोमन की मस्जिद मदनपुरा 6 बजे, मस्जिद बरतले मदनपुरा में 6.30 बजे नमाज अदा होगी। शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां में 7.30 बजे नमाज होगी तो नूरी रिजवी मस्जिद नरिया में सुबह 8 बजे नमाज होगी।



 (नोट अन्य मस्जिदों का टाइम अपडेट किया जाएगा)

शुक्रवार, 14 जून 2024

या रब काबा के मुसाफिरों का हज आसानी से मुकम्मल करा दे... आमीन

काबा गए जायरीन के लिए जुमे की नमाज में हुई दुआएं

Varanasi (dil India live). काबा में हज का पांच दिन का अय्याम अपने शबाब पर हैं। काशी के काबा गए जायरीन के अजीजों की धड़कनें बढ़ गई है। यही वजह है कि घर घर दुआएं तो हो ही रही है, साथ ही जुमा होने की वजह से बनारस और आसपास के जिलों में खुसूसी दुआएं भी इसरा की ओर से मस्जिदों में कराई गई। लोग दुआ कर रहे हैं की या परवरदिगार हज जायरीन हंसी खुशी मुक़द्दस हज का सफर पूरा करके लौटे। जुमे की नमाज के बाद खुसूसी दुआएं भी की गई। इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुक खां ने दुआ का खुसूसी एहतमाम तमाम मस्जिदों में किया। उन्होंने कहा कि बनारस सहित सारी दुनिया के हज जायरीन को अपने मुकद्दस घर खान-ए-काबा में हज बैतुल्लाह से रब ने सरफराज करने के लिए बुलाया है। काबा में हज शुरू हो चुका है। इस खुशी के मौके पर इंडियन सोसाइटी फार सोशल रिव्योलुशन एण्ड एक्शन- (इसरा) वाराणसी (यू०पी०) ने जुमा को बनारस सहित पूर्व के वाराणसी इम्बारकेशन प्वाइन्ट से सम्बन्धित सभी जिलों में इज्तेमाई दुआख्वानी का प्रोग्राम रखा, जिसमें नमाजे जुमा के बाद खुसूसी तौर पर पूरी दुनिया भर के हाजियों का हज बखैरियत मुकम्मल हो। वो अपने मुल्क बखैरियत वापस आएं एवं मुल्क में अमनो-अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआएं की गई।


 

Road Show के दौरान अचानक बिगड़ी Govinda की तबीयत

महाराष्ट्र चुनाव में कर रहे थे प्रचार, बीच में ही छोड़ा रोड शो  Varanasi (dil India live)। फिल्म अभिनेता गोविंदा फिर मुश्किल में हैं। इस बार...