सोमवार, 17 जून 2024

Eid-ul-azha 2024 : रब की बारगाह में पहले झुकाया सिर, फिर ख़ुदा की राह में पेश की कुर्बानी

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बकरीद का तीन दिनी त्योहार शुरू 






Varanasi (dil India live)। बकरीद यानी ईद-उल-अजहा पर रब की बारगाह में पहले मोमीनीन ने सिजदे में सिर झुकाया, फिर ख़ुदा की राह में कुर्बानी पेश करने की। इसी के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बकरीद का तीन दिनी त्योहार सोमवार को पूरी अकीदत के साथ शुरू हो गया। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ईदगाहों और मस्जिदों के आसपास दिखाई दी। पुलिस अधिकारियों ने ईदगाहों का मुआयना किया। बकरीद की नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच जब सकुशल संपन्न हुई तो जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। नमाज अदा करने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी का जो दौर शुरू हुआ वो तीन दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने ईदुल अजहा की लोगों को मुबारकबाद पेश की। इस दौरान उनसे मिलने और मुसाफा करने लोगों का हुजूम उनके दौलतखाने पर उमड़ा हुआ था। इससे पहले ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। मस्जिद हमीदिया शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारूकी प्यारे मियां, मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में मौलाना जकीउललाह असदुल कादरी, मुगलिया मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी, शाही मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी, शाही मस्जिद ढ़ाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी ने नमाज अदा करायी। ऐसे ही बड़ी ईदगाह विद्यापीठ में मौलाना शमीम, मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब, जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब, छोटी मस्जिद डिठोरी महाल में हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में मौलाना तौसीफ़ अली व मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन ने अदा कराई। ऐसे ही मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी, ईदगाह हकीम सलामत अली में मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, मस्जिद टकटकपुर दरगाह में मौलाना अजहरुल कादरी, मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में हाफिज मोहम्मद ताहिर, चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद में मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद में मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद में मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई व मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी में मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी ने नमाज अदा कराकर लोगों को बकरीद की मुबारकबाद दी। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़, जामा मस्जिद राजातालाब में मौलाना जुल्फेकार, शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायणपुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी, मस्जिद ईदगाह लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, ईदगाह पुराना पुल में मौलाना शकील ने नमाज अदा कराई। ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा, जहांगीर मस्जिद हटिया, डोमन की मस्जिद, मस्जिद बरतले, शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां, नूरी रिजवी मस्जिद नरिया, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद हबीबीया, मस्जिद सम्मन खां गौरीगंज, मस्जिद गौसिया नवाबगंज, मस्जिद अस्तबल, मस्जिद कुशता बेगम शिवाला, मस्जिद पिपलानी कटरा, मस्जिद अल कुरैश, ईदगाह मस्जिद दायम खां, बिचलीं मस्जिद कचहरी समेत लोहता, बजरडीहा, रामनगर, जंसा, बड़ागांव, चोलापुर, पुराना पुल आदि में भी ईदुल अजहा की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे से गले मिल कर ईद मुबारक कहा।

बकरीद के गोश्त का तीन हिस्सा

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देकर कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटते नज़र आए। इसमें उन्होंने एक हिस्सा खुद के खाने  के लिए, दूसरा हिस्सा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए किया। कुर्बानी के बाद गोश्त का तबर्रुक लोगों को तकसीम किया गया।

मस्जिदों व ईदगाहों पर दिखा मेले सा नज़ारा 

बकरीद की नमाज के दौरान मुहल्लों की जामा मस्जिदों और ईदगाहों के आसपास मेले सा नज़ारा देखने को मिला। इस दौरान नमाज के बाद बच्चे अपने अजीजों के साथ गुब्बारे, खिलौने व आइसक्रीम खरीदते दिखाई दिए। इस दौरान पूरा माहौल नूरानी नज़र आ रहा था।

बकरीद की क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में आदेश दिया कि हजरत इब्राहीम अपनी सबसे अजीज चीज़ की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनके बेटे हजरत इस्माईल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले गये। हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल को जैसे ही जेबा करने के लिए समंदर के पास लिटाया, छूरी ने हज़रत इस्माईल कि गर्दन पर चलने से इंकार कर दिया। कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये। तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जा रहा है।

रविवार, 16 जून 2024

पहले रब की बारगाह में सिजदा, फिर अल्लाह की राह में होगी कुर्बानी

यहां जानिए क्या है बकरीद का इतिहास, क्यों की जाती है कुर्बानी 


Varanasi (dil India live)। बकरीद यानी ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

गोश्त का तीन हिस्सा

बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह के नाम पर छोटे बड़े जानवरों की कुरबानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक खुद के इस्तेमाल के लिए, दूसरा गरीबों के लिए और तीसरा अजीजो के लिए लिए। वैसे ज्यादातर लोग सभी हिस्सों को गरीबों में बांट देते हैं। 

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए ख्वाब में आदेश दिया कि हजरत इब्राहीम अपनी सबसे अजीज चीज़ की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनके बेटे हजरत इस्माईल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले गये। हज़रत इब्राहीम ने हज़रत इस्माईल को जैसे ही जेबा करने के लिए समंदर के पास लिटाया, छूरी ने हज़रत इस्माईल कि गर्दन पर चलने से इंकार कर दिया। कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए कुर्बानी के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये। तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जा रहा है।ईद-उल-अजहा की नमाज सोमवार को पूरी अकीदत के साथ अदा की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने न सिर्फ सख्त हिदायत दी है बल्कि ईदगाहों का उन्होंने मुआयना भी किया और जरुरी दिशा निर्देश दिया।

बता दें कि कुर्बानी का यह त्योहार ईद-उल-फित्र के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है। इस त्योहार पर मुस्लिम नमाज पढ़ने के बाद बकरा, भेड़, दुंबा आदि जानवरों की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी का सिलसिला अल-सुबह फज्र की नमाज के बाद शुरू हो जाएगा। बकरीद की विशेष नमाज के लिए  ईदगाह से लेकर छोटी, बड़ी सभी मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी कर ली गई है। नमाज सुबह पौने 6 बजे से 11 बजे के बीच अदा की जाएगी। काजी-ए-शहर बनारस मौलाना जमील अहमद ने अमन और मिल्लत के साथ ईदुल अजहा का पर्व मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का वीडियो या गोश्त का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल न करे, अम्न और मिल्लत के साथ त्योहार मनाएं।

किस मस्जिद में क्या है नमाज का वक्त 

मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सुबह 10.30 बजे बकरीद की नमाज मौलाना जकीउललाह अब्दुल कादरी अदा करायेंगे तो शाही मस्जिद ज्ञानवापी में 7.30 बजे मौलाना अबुल आखिर नोमानी नमाज पढ़ाएंगे। मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में 7बजे मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब सुबह 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब सवा 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे। ऐसे ही छोटी मस्जिद डिठोरी महाल सुबह 7.30 बजे हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में 8.30 बजे, मौलाना तौसीफ अली बकरीद की नमाज की इमामत करेंगे। मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन 9 बजे पढ़ाएंगे। फुलवरिया की मस्जिद -ए-नूरी में 7.30 बजे नमाज होगी। मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी 7 बजे नमाज अदा कराएंगें।ईदगाह हकीम सलामत अली में 7.30 बजे बकरीद की नमाज होगी। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे, मस्जिद टकटकपुर में 7 बजे मौलाना अजहरुल कादरी नमाज अदा कराएंगें तो मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में 6.45 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर तो चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:15 बजे मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद कच्ची बाग में 6:30 बजे मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद कच्ची बाग़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई, मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी 6:00 बजे मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी नमाज अदा कराएंगें। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़ 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद राजातालाब में 7 बजे ही मौलाना जुल्फेकार नमाज अदा कराएंगें। शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायण पुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे।

ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 7 बजे, जहांगीर मस्जिद हटिया मदनपुरा 6.45 बजे, डोमन की मस्जिद मदनपुरा 6 बजे, मस्जिद बरतले मदनपुरा में 6.30 बजे नमाज अदा होगी। शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां में 7.30 बजे नमाज होगी तो नूरी रिजवी मस्जिद नरिया में सुबह 8 बजे नमाज होगी।

शनिवार, 15 जून 2024

Hospital के ICU में हुई नम आंखों के बीच शादी

कायम हुई नई मिसाल, दो-दो बेटियों का हुआ निकाह


Lucknow (dil India live)। कभी आपने सुना है कि किसी अस्पताल में शादी हो रही हो, वो भी आईसीयू में। नहीं न, मगर ये सच है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एक अस्पताल में यह वाक्या हुआ है। मुस्लिम रीति रिवाज से अस्पताल के आईसीयू में शादी की सच्ची घटना ने मिसाल कायम किया है। 

दरअसल मोहम्मद इकबाल की दो-दो बेटियों की शादी होनी थी मगर वो गंभीर रूप से बीमार होकर ICU में भर्ती हैं। मोहम्मद इकबाल बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्होंने अपने डॉक्टरों से बेटियों के निकाह की अनुमति मांगी जिसे मानवता के नाते अस्पताल प्रशासन ने इजाजत दे दी। डॉक्टरों ने मौलाना और दूल्हे को आईसीयू में एंट्री दी, मौलाना ने अस्पताल के आईसीयू में निकाह पढ़ाया। इस तरह अस्पताल में नम आंखों के बीच सादे रीति रिवाज के साथ सादगी से इकबाल ने अपनी दोनों बेटियों का जहां निकाह कर दिया वहीं एरा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मानवता की मिसाल भी दुनिया के सामने पेश की।

Bakrid 2024 की तैयारियां हुई तेज

जानिए कौन, कब और कहां अदा कराएगा ईदुल अजहा की ख़ास नमाज 

Varanasi (dil India live)। बकरीद की तैयारियां बनारस में मुकम्मल हो चली है। मस्जिदों में कौन इमामत करेगा, ईदुल अजहा की नमाज का किस मस्जिद में वक्त क्या होगा इसका ऐलान कर दिया गया है। उधर तमाम लोग जानवरों की खरीदारी में जुटे हुए हैं। सेवईयों की भी खरीदारी तेज हो गई है। उधर मस्जिदों से नमाज के वक्त का ऐलान कर दिया गया है। देखिए दिल इंडिया लाइव की ख़ास रिपोर्ट...

किस मस्जिद में क्या है नमाज का वक्त 

मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क में सुबह 10.30 बजे बकरीद की नमाज मौलाना जकीउललाह अब्दुल कादरी अदा करायेंगे तो शाही मस्जिद ज्ञानवापी में 7.30 बजे मौलाना अबुल आखिर नोमानी नमाज पढ़ाएंगे। मस्जिद रंग ढलवां फाटक शेख़ सलीम में 7बजे मौलाना जाहिद, मस्जिद उल्फत बीबी अर्दली बाजार में कारी साकिब सुबह 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद कम्मू खां डिंठोरी महाल में मौलाना शमसुद्दीन साहब सवा 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे। ऐसे ही छोटी मस्जिद डिठोरी महाल सुबह 7.30 बजे हाफिज शाहरूख तो शिया जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास अर्दली बाजार में 8.30 बजे, मौलाना तौसीफ अली बकरीद की नमाज की इमामत करेंगे। मस्जिद डिप्टी जाफ़र बख़्त, शिवाला‌ में बक़रीद की नमाज़ मौलाना मुहम्मद हुसैन 9 बजे पढ़ाएंगे। फुलवरिया की मस्जिद -ए-नूरी में 7.30 बजे नमाज होगी। मस्जिद जियापुरा लल्लापुरा में मो. मोइनुद्दीन अंसारी 7 बजे नमाज अदा कराएंगें।ईदगाह हकीम सलामत अली में 7.30 बजे बकरीद की नमाज होगी। मुगलिया शाही मस्जिद बादशाह बाग में मौलाना हाफिज हसीन अहमद हबीबी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे, मस्जिद टकटकपुर में 7 बजे मौलाना अजहरुल कादरी नमाज अदा कराएंगें तो मस्जिद याकूब शहीद लंका नगवां में 6.45 बजे हाफिज मोहम्मद ताहिर तो चमेली की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:15 बजे मौलाना रेयाज़ अहमद क़ादिरी, छंगा बाबा की मस्जिद कच्ची बाग में 6:30 बजे मौलाना लतीफ अहमद सेराजी, रहीम दमड़ी की मस्जिद कच्ची बाग़ 6:30 बजे मौलाना नसीर अहमद सेराजी, दाल की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना निहालुद्दीन सेराजी, गुलरोग़न की मस्जिद कच्ची बाग़ में 6:00 बजे मौलाना रिज़वान अहमद ज़ियाई, मीनार वाली मस्जिद, पीली कोठी 6:00 बजे मौलाना मक़सूद अहमद क़ादिरी नमाज अदा कराएंगें। मस्जिद नई बस्ती गौरीगंज में हाफिज परवेज़ 7 बजे नमाज अदा कराएंगें तो जामा मस्जिद राजातालाब में 7 बजे ही मौलाना जुल्फेकार नमाज अदा कराएंगें। शाही जामा मस्जिद नवाब टोंक नारायण पुर, यूपी कालेज में मौलाना गुलाम रसूल रिज़वी 7 बजे नमाज पढ़ाएंगे।

ऐसे ही मस्जिद रज़ा मदनपुरा 7 बजे, जहांगीर मस्जिद हटिया मदनपुरा 6.45 बजे, डोमन की मस्जिद मदनपुरा 6 बजे, मस्जिद बरतले मदनपुरा में 6.30 बजे नमाज अदा होगी। शिवाला की मस्जिद अब्दुल रहीम खां में 7.30 बजे नमाज होगी तो नूरी रिजवी मस्जिद नरिया में सुबह 8 बजे नमाज होगी।



 (नोट अन्य मस्जिदों का टाइम अपडेट किया जाएगा)

शुक्रवार, 14 जून 2024

या रब काबा के मुसाफिरों का हज आसानी से मुकम्मल करा दे... आमीन

काबा गए जायरीन के लिए जुमे की नमाज में हुई दुआएं

Varanasi (dil India live). काबा में हज का पांच दिन का अय्याम अपने शबाब पर हैं। काशी के काबा गए जायरीन के अजीजों की धड़कनें बढ़ गई है। यही वजह है कि घर घर दुआएं तो हो ही रही है, साथ ही जुमा होने की वजह से बनारस और आसपास के जिलों में खुसूसी दुआएं भी इसरा की ओर से मस्जिदों में कराई गई। लोग दुआ कर रहे हैं की या परवरदिगार हज जायरीन हंसी खुशी मुक़द्दस हज का सफर पूरा करके लौटे। जुमे की नमाज के बाद खुसूसी दुआएं भी की गई। इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुक खां ने दुआ का खुसूसी एहतमाम तमाम मस्जिदों में किया। उन्होंने कहा कि बनारस सहित सारी दुनिया के हज जायरीन को अपने मुकद्दस घर खान-ए-काबा में हज बैतुल्लाह से रब ने सरफराज करने के लिए बुलाया है। काबा में हज शुरू हो चुका है। इस खुशी के मौके पर इंडियन सोसाइटी फार सोशल रिव्योलुशन एण्ड एक्शन- (इसरा) वाराणसी (यू०पी०) ने जुमा को बनारस सहित पूर्व के वाराणसी इम्बारकेशन प्वाइन्ट से सम्बन्धित सभी जिलों में इज्तेमाई दुआख्वानी का प्रोग्राम रखा, जिसमें नमाजे जुमा के बाद खुसूसी तौर पर पूरी दुनिया भर के हाजियों का हज बखैरियत मुकम्मल हो। वो अपने मुल्क बखैरियत वापस आएं एवं मुल्क में अमनो-अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआएं की गई।


 

गुरुवार, 13 जून 2024

kaba में हज के अय्याम शुरु, काशी में हो रही दुआएं

इसरा की ओर से जुमे की नमाज के बाद होगी मस्जिदों में खुसूसी दुआएं 


Varanasi (dil India live). काबा में हज के अय्याम शुरु हो चुके हैं काशी में घर घर दुआएं हो रही है। लौंग दुआ कर रहे हैं की या परवरदिगार हज जायरीन हंसी खुशी मुक़द्दस हज का सफर पूरा करके लौटे। जुमे की नमाज के बाद खुसूसी दुआएं भी होगी। इसरा के जनरल सेक्रेटरी हाजी फारुक खां ने दुआ का खुसूसी एहतमाम किया है। उन्होंने कहा कि बनारस सहित उत्तर प्रदेश व हिन्दुस्तान से ही नहीं बल्कि सारी दुनिया के हज जायरीनों को अपने मुकद्दस पाक घर खान-ए-काबा में हज बैतुल्लाह से रब ने सरफराज करने के लिए बुला लिया है। इस खुशी के मौके पर इंडियन सोसाइटी फार सोशल रिव्योलुशन एण्ड एक्शन- इसरा (ISSRA) वाराणसी (यू०पी०) ने 14 जून बरोज-जुमा को बनारस सहित पूर्व के वाराणसी इम्बारकेशन प्वाइन्ट से सम्बन्धित जिलों में इज्तेमाई दुआख्वानी का प्रोग्राम रखा गया, जिसमें नमाजे जुमा के बाद खुसूसी तौर पर पूरी दुनिया भर के हाजियों का हज बखैरियत मुकम्मल होने एवं अपने मुल्क बखैरियत वापसी एवं मुल्क में अमनो-अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआ की जाएगी। इस मौके पर आवाम व हाजियों के अजीज और खुसूसी तौर पर मसाजिद के इमाम से गुजारिश कि गई है कि अपनी मस्जिदों में बाद नमाजे जुमा पूरी दुनिया के हज जायरीन के हज का अरकान बखैरियत मुकम्मल होने व हज कुबूल होने व उनके मुल्क बखैरियत वापस होने एवं मुल्क में अमनो अमान व मुल्क की खुशहाली के लिए इज्तेमाई दुआ कराएं।

Eid-ul-azha 17 को, सज गई बकरा मंडी

बकरा मंडी में उमड़ा रहा  खरीदारों का हुजूम 
रेवड़ी तालाब में बकरा खरीदने अजहरी मैदान में जुटी भीड़ 


              मो. रिजवान 
Varanasi (dil India live)। ईद-उल-अजहा यानी बकरीद इस बार 17 जून को मनाया जाएगा। बकरीद के पर्व पर कुर्बानी के लिए वाराणसी में बेनिया बकरा मंडी व रेवड़ी तालाब के अजहरी मैदान में बकरा मंडी सज गई है। मंडी में दस हजार से लेकर 80 हजार तक के बकरे सजे हुए हैं। यहां खरीदारी और बिक्री करने प्रदेश भर से व्यापारी और खरीदार आ रहे हैं। जो लोग बकरा खरीद रहे हैं वो अपने बकरों के साथ सेल्फी भी लेते दिखाई दे रहे हैं। भीषण गर्मी का असर बकरा मंडी में भी दिखाई दे रहा है। दोपहर में मंडी में सन्नाटा रह रहा है। खरीददारी करने वाले सूरज डूबने के बाद ही बकरा मंडी का रुख़ कर रहे हैं। जिसे सौदा पट जा रहा है वो हंसी खुशी अपने साथ बकरा घूमाते फिराते ले जाते दिखाई दे रहे हैं। शाम में मंडी में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।

इस साल अभी बाजार में न तो दुमबा आया है और न ही करिश्माई (अल्लाह या मुहम्मद लिखा) बकरा। हालांकि पिछले साल बरबरा नस्ल बकरा बकरा मार्केट में छाया हुआ था। उसकी पीठ पर एक तरफ मुहम्मद और दूसरी तरफ अल्लाह लिखा हुआ था। आजमगढ़ के पी कुमार बरबरा नस्ल के उस करिश्माई बकरे को लेकर पहुंचे थे।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...