शनिवार, 26 अगस्त 2023

Ghazipur ऐडेड प्रबंधक सभा के जिलाध्यक्ष बने aaditya Prakash

प्रकाश चंद्र उर्फ़ चंदन यादव बने ऐडेड प्रबंधक सभा के महासचिव 





Ghazipur (dil India live).26.08.2023. डी.ए.वी इंटर कॉलेज गाजीपुर के प्रांगण में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर इकाई का गठन प्रदेश मंत्री मनोज कुमार सिंह एवं वाराणसी मंडल प्रभारी गजेंद्र सिंह के अगुवाई में किया गया। सर्वसम्मति से गाजीपुर का जिलाध्यक्ष आदित्य प्रकाश आर्य व महासचिव प्रकाश चंद उर्फ चंदन यादव को चुना गया। प्रथम जिला उपाध्यक्ष इम्तियाज अहमद व द्वितीय जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार सिंह चुने गए। सचिव कपूर चंद गुप्ता, कोषाध्यक्ष लाल बहादुर सिंह, जनसंपर्क अधिकारी रणधीर सिंह एवं अशोक यादव, पंकज सिंह, अनिल सिंह, सुनील कुमार सिंह, हरेंद्र सिंह को उपस्थित प्रबंधक बंधुओं ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए सदस्य चुना।

नवनियुक्त जिलाध्यक्ष आदित्य प्रकाश ने अपने प्रथम उद्बोधन में कहा कि सरकार द्वारा धारा 18 व धारा 21 पर संशोधन के पक्ष में हमारा संगठन है। इस संशोधन से ऐडेड विद्यालय के प्रबंधकों का हाथ मजबूत होगा। जिससे शिक्षा का स्तर विद्यालयों में पूर्ण रूप से सुधर जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के प्रबन्धकों की जो भी समस्या होगी उसे वह संगठन को अवगत कराएंगे। जिला, मंडल और प्रदेशस्तर के अधिकारियों, नेताओं को मंत्रियों के माध्यम से उस समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। वाराणसी मंडल के प्रभारी गजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रबंधकों के छीने गए अधिकार को पुनः प्राप्त करने हेतु हम सभी लोग संगठित होकर एक साथ लड़ेंगे तो निश्चित रूप से वह सारे अधिकार हमें पुनः प्राप्त होंगे।

प्रदेश मंत्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अबकी बार आर- पार की लड़ाई होगी या तो पूर्व की सरकारों द्वारा प्रबंधकों के अधिकारों का जो हनन किया गया है। उसे वर्तमान सरकार वापस करें। अन्यथा हम सभी अनुदान प्राप्त विद्यालय के प्रबंधक अपना अनुदान वापस करने का अंतिम निर्णय प्रदेश स्तर पर लेने के लिए मजबूर होंगे। जिसकी जिम्मेदार वर्तमान सरकार होगी।

इस अवसर पर अवधेश कुमार राय ,पंकज कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह, सविता सिंह, कलावती सिंह, सुनील कुमार सिंह, ए.के. सिंह ,डॉ.अशोक सिंह, बृजेश कुमार सिंह, हरेंद्र सिंह, उत्तम सिंह आदि उपस्थित रहे।

General knowledge प्रतियोगिता में 43 बच्चे पुरस्कृत

धौरहरा के छात्र मनीराम अव्वल 

आशा ट्रस्ट ने आयोजित कराई थी स्वतंत्रता संग्राम सामान्य ज्ञान स्पर्धा 




Varanasi (dil India live).26.08.2023. सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट के तत्वावधान में चौबेपुर क्षेत्र के 8 विद्यालयों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन विगत दिनों किया गया था. जिसमें कक्षा आठ के तीन सौ से अधिक बच्चे शामिल हुए. परीक्षा में प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 से लेकर 1947 में आजादी मिलने तक की प्रमुख घटनाओं से सम्बन्धित 50 प्रश्न पूछे गये थे. उक्त परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर चयनित 43 बच्चों को शुक्रवार को उनके  विद्यालय में जाकर संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा पुरस्कृत किया गया। सभी विद्यालयों की संयुक्त स्पर्धा में पूर्व माध्यमिक विद्यालय धौरहरा के छात्र मनी राम ने प्रथम और यही के गौरव यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया. जबकि संविलियन विद्यालय ढाखा की छात्रा रिया शर्मा द्वितीय स्थान पर रही. संस्था के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी. परीक्षा आयोजन में प्रमुख रूप से सौरभ, दीन दयाल सिंह, प्रदीप सिंह, रमेश प्रसाद, अमित कुमार, बृजेश कुमार आदि का प्रमुख योगदान रहा.

शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

Moris Edagar Daan डायोसिस आफ लखनऊ के फिर Bishop

11 साल बाद मिला दान को न्याय

बिशप पद पर मोरिस एडगर दान की बहाली से 'हर्ष' 

•सीएनआई की बैठक में ऐतिहासिक निर्णय, वोटिंग में मिले 15 वोट 



Varanasi (dil India live). 25.08.2023. डायोसिस आफ लखनऊ के बिशप पद पर मोरिस एडगर दान की 11 साल बाद बहाली हो गई है। चर्च आफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) की एक्जीक्यूटिव कमेटी की 115 वीं बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में लिया गया। माडरेटर बिशप बीके नायक की अध्यक्षता में हुई इस अतिमहत्वपूर्ण बैठक में नार्थ इंडिया के 27 डायोसिस के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में कोर्ट द्वारा मौरिस एडगर दान को बाइज्जत बरी होने पर चर्चा की गई। इसके बाद वोटिंग कराई गई। वोटिंग में दान को 15 वोट मिले, जिसके बाद उन्हें पद पर बहाल करने का निर्णय लिया सुनाया गया। इस फैसले के बाद लखनऊ डायसिस से जुड़े सभी जिलों में खुशी की लहर दौड़ गई।

2012 में पद से किए गए थे मुक्त

वित्तीय अनियमितता का आरोप लगने पर डायोसिस आफ लखनऊ के बिशप पद से मोरिस एडगर दान को वर्ष 2012 में पद से हटा दिया गया था। इसके बाद 2014 में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तत्कालीन बिशप मोरिस एडगर दान पर लगभग चार करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा था। उस बाबत सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसके बाद उन्हें 16 दिसंबर 2014 को जेल जाना पड़ा था। 

बिशप दान को मिला कांटों भरा ताज

लखनऊ डायसिस के बिशप को इस बार झोली में कांटों भरा ताज मिला है। बिशप के सामने चुनौतियों की लम्बी फेहरिस्त पद के साथ मिली है उससे वो कैसे मुकाबला करेंगे यह तो वक्त ही बताएगा। पीटर बलदेव के समय से पादरियों के वेतन, मसीही समुदाय की जमीनों व संपतियों पर लगातार कब्जा व सीएनआई चर्च को उससे अलग करने कि कोशिशों आदि से बिशप को सख्ती से निपटना होगा।


Dawat-e-Islami India के इज्तेमा में मुल्क से मोहब्बत को बताया ईमान



Varanasi (dil India live).25.08.2023. मस्जिद सुल्तानिया रेवड़ीतालाब में दावते इस्लामी इंडिया की ओर से अजीमुश्शान हफतावारीय इज्तेमा में अमन, मिल्लत और देश से मोहब्बत की सदाएं बुलंद हुई। 

यहां दावते इस्लामी के आलिमों ने मुल्क में अमन, मिल्लत और तरक्की के लिए जहां खास दुआएं की वहीं दूसरी ओर मौजूद लोगों से कहां गया कि इस्लाम में बिस्मिल्लाह की खास अहमियत है। बिस्मिल्लाह की बरकत से बड़े से बड़ा काम आसान हो जाता है। कोई भी काम शुरू करने से पहले अगर अल्लाह का नाम लिया जाए यानी बिस्मिल्लाह शरीफ कर लिया जाए तो अल्लाह रब्बुल इज्जत उसके उस कम को आसान कर देता है। डा. साजिद अत्तारी ने बताया कि हर जुमेरात को इंशा की नमाज़ के बाद देश भर में दावते इस्लामी इंडिया नेकी की राह दिखाने के लिए इज्तेमा का एहतमाम करती है। उसमें मुल्क की तरक्की की दुआएं होती है। क्यों कि रब फ़रमाता है कि मुल्क से मोहब्बत ईमान का हिस्सा है। कुरान में है ऐ ईमान वालो अल्लाह से डरों और सच्चों के साथ हो जाओ। दावते इस्लामी इंडिया लोगों को सच्चाई का रास्ता दिखाने के मिशन में लगा हुआ है।

गुरुवार, 24 अगस्त 2023

Jain dharam: सामूहिक क्षमापना दिवस 27 को

आराधना भवन में होगा पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व


Badamer(dil India live)। जैन धर्म के प्रमुख पर्व पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के दौरान मनाये जाने वाले सांवत्सरिक क्षमापना के क्रम में जैन श्रीसंघ, बाड़मेर की ओर से इस वर्ष भी सामूहिक क्षमापना दिवस कार्यक्रम 27 अगस्त रविवार को प्रातः 9.00 बजे श्री जिन कान्ति सागर सूरी आराधना भवन में मुनिराज श्री विराट सागर जी मसा व साध्वी श्री नीति गुणा श्रीजी मसा आदि ठाणा पावन निश्रा व चतुर्विध संघ की उपस्थिति में मनाया जायेगा।

जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के महामंत्री किशनलाल वडेरा ने बताया कि जैन धर्म दुनिया का एकमात्र एक ऐसा धर्म है जो क्षमा को पर्व के रूप में मनाता है । एक-दूसरे से हुई भूलों व गलतियों के लिए क्षमा याचना करता है। जिसको लेकर जैन श्रीसंघ, बाड़मेर के तत्वावधान में 27 अगस्त रविवार को प्रातः 9.00 बजे श्री जिन कान्ति सागर सूरी आराधना भवन में मुनिराज श्री विराट सागर जी मसा व साध्वी श्री नीति गुणा श्री जी मसा आदि ठाणा पावन निश्रा में सामूहिक क्षमापना दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के गणमान्य नागरिक, माताएं, बहिनें शामिल होगी तथा सामूहिक रूप से समस्त जीव योनि से वर्ष भर की गलतियों व भूलों के लिए मिच्छामि दुक्कडम व खमत खामणा करेंगें।


Nehru ji की 75 साल की तपस्या का परिणाम है चन्द्रयान की असाधारण सफलता

नेहरूजी को याद किया जाना चाहिए 

  • एल. एस. हरदेनिया



चन्द्रयान की असाधारण सफलता के अवसर पर यदि किसी एक व्यक्ति को याद किया जाना चाहिए था तो उसका नाम जवाहरलाल नेहरू है। नेहरू के अनेक योगदानों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है वैज्ञानिक समझ। उन्होंने न सिर्फ आजाद होने के बाद वरन् आजादी के संघर्ष के दौरान भी देश में वैज्ञानिक समझ पैदा करने की आवश्यकता पर जोर देना प्रारंभ कर दिया था। वर्ष 1958 के मार्च माह में नेहरूजी ने संसद में विज्ञान नीति संबंधी प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में उन्होंने स्पष्ट घोषणा की थी कि विज्ञान की हमारे देश के नागरिकों के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अतिरिक्त नेहरूजी ने देश में अनेक ऐसे शिक्षण संस्थानों की स्थापना की जिनसे निकले छात्र देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। इन्हीं छात्रों ने चन्द्रयान को चांद तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसलिए ऐसे अवसर पर नेहरूजी की याद आना स्वाभाविक है। यह क्षमता हमने एक दिन में प्राप्त नहीं की है। यह हमारे देश की 75 वर्ष की तपस्या का परिणाम है। आज के शासकों को यह बात महसूस करनी चाहिए और इस सफलता में जिन-जिन का महत्वपूर्ण योगदान है उनके योगदान का भी स्मरण करना चाहिए।

(लेखक पत्रकार एवं राष्ट्रीय सेक्युलर मंच के संयोजक हैं, मोबाईल 9425301582)

mission chandrayaan-3 की सफलता के 'सिकंदर'






मिशन में इन वैज्ञानिकों की दिन-रात की मेहनत शामिल

Varanasi (dil India live). 24.08.2023. भारत चांद पर पहुंच गया है। वो भी वहां, जहां कोई कभी नहीं पहुंचा। जी हां साउथ पोल। 23 अगस्त की शाम 6.4 मिनट पर चांद पर सूरज उगते ही ISRO के चंद्रयान ने लैंडिंग कर इतिहास बनाया।चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचाने का यह इतिहास यूं ही नहीं रचा। इसके पीछे है सैकड़ों वैज्ञानिकों की दिन-रात की मेहनत शामिल है। इस सपने को साकार करने के लिए ISRO टीम के हर सदस्य के पास अपनी एक अलग जिम्मेदारी थी।लखनऊ की बेटी रितु कारिधाल के हाथों में लैंडिंग की कमान थी। वह मिशन की निदेशक थी। इसके अलावा यूपी के 5 वैज्ञानिक भी इस टीम का हिस्सा रहे हैं।

जानिए मिशन चंद्रयान-3

चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 3 बजकर 35 मिनट पर लॉन्च हुआ था। इसे चांद की सतह पर लैंडिंग करने में 41 दिन का समय लगा। धरती से चांद की कुल दूरी 3 लाख 84 हजार किलोमीटर है। ISRO के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा था अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रज्ञान रोवर लैंडर से बाहर आ गया है। प्रज्ञान हमें चांद के वातावरण के बारे में जानकारी देगा। हमारे कई मिशन कतार में हैं। जल्दी सूर्य पर आदित्य एल1 भेजा जाएगा। गगनयान पर भी काम जारी है।

UP के ''स्टार्स'' को भी पढ़िए 

मिशन चंद्रयान-3 की सफलता के लिए ISRO के 50 वैज्ञानिकों ने दिन रात एक कर दिया। चंद्रयान लॉन्च होने के पहले इसके कलपुर्जे, टेक्नोलॉजी और ट्रैकिंग डिवाइस आदि पर विस्तार से कार्य किया गया। हर एक टेक्नोलॉजी की जांचा-परख की गई। इनमें UP के पांच वैज्ञानिकों का भी अहम किरदार है।

इस फेहरिस्त में पहला नाम आता है फिरोजाबाद के धर्मेंद्र प्रताप यादव का। दूसरा नाम है गाजीपुर के कमलेश शर्मा, तीसरे प्रतापगढ़ के रवि केसरवानी, चौथे फतेहपुर के सुमित कुमार व मुजफ्फरनगर के अरीब अहमद।

धर्मेंद्र प्रताप यादव अब्दुल कलाम से है प्रेरित 

23 अगस्त की सुबह जिले के टूंडला तहसील में एक छोटे से गांव टीकरी में मीडिया पहुंची। जहां शंभु दयाल ISRO में काम करने वाले वैज्ञानिक धर्मेंद्र प्रताप यादव के पिता हैं। घर में शंभु दयाल की पत्नी भगवान से चंद्रयान-3 की सफलता की कामना के लिए पूजा अर्चना कर रही थीं। बातचीत में शंभू दयाल ने कहा, ''आज का दिन हमारे परिवार के लिए बहुत बड़ा दिन है। आज देश इतिहास रचने वाला है।''

घर के बाहर इंजीनियर डीपी यादव साइंटिस्ट इसरो की नेम प्लेट लगी है। शाम को जैसे ही मिशन सफल हुआ, मिठाइयां बंटने लगीं। धर्मेंद्र यादव के पिता को फूल-माला से लाद दिया गया। भाई राहुल ने मीडिया को बताया, ''धर्मेंद्र भैया, इस मिशन में सक्रिय भूमिका में हैं। वह सिग्नल ट्रैकिंग टीम में हैं। जो चंद्रयान के संपर्क की लगातार मॉनिटरिंग करती है।'' राहुल ने बताया कि काम के चलते भैया और भाभी बेंगलुरु में रहते हैं। अंतिम बार वो फरवरी में गांव आए थे। इसके बाद करीब 15 दिन पहले उनसे फोन पर बात हुई थी। भाभी से बात हुई थी, वो बता रहीं थी चंद्रयान मिशन की सफलता के लिए वो 24 घंटे ऑफिस में रहते हैं।धर्मेंद्र के पिता पेशे से किसान हैं। धर्मेंद्र की सरकारी स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी हुई। इसके बाद फिरोजाबाद के ब्रजराज सिंह इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की। उन्होंने मथुरा के हिन्दुस्तान कॉलेज से बीटेक किया और फिर एमटेक की पढ़ाई जालंधर से की। इसके बाद से वो बेंगलुरु स्थित ISRO में 2011 से वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। परिवार वालों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से प्रेरित होकर धर्मेंद्र विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़े।

गाजीपुर के कमलेश शर्मा शिक्षा में रहा टापर

गाजीपुर के रेवतीपुर गांव के तेजमल राय पट्टी के रहने वाले वैज्ञानिक कमलेश शर्मा मिशन चंद्रयान-3 टीम के अहम सदस्य हैं। 2010 से ISRO में कार्यरत कमलेश मंगलयान अभियान में प्राइम कंट्रोलर हैं। कमलेश शर्मा के पिता अधिवक्ता वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि कमलेश चंद्रयान-3 की रिव्यू टीम का हिस्सा हैं। देश के इस बड़े मिशन में बेटे के योगदान को लेकर उन्होंने खुशी जाहिर की। साधारण परिवार में 15 सितंबर 1986 को जन्मे कमलेश की शुरुआती शिक्षा गांव में ही हुई। हाईस्कूल और इंटर की शिक्षा आदर्श इंटर कालेज महुआबाग से ली। 12 वीं में कमलेश ने पूरे जिले में टॉप किया था। इसके बाद की पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से हुई। साल 2008 में गणित से परास्नातक करने वाले कमलेश ने कुल 10 गोल्ड मेडल हासिल किए। मीडिया कमलेश के घर पहुंची, तो पता चला उनके माता-पिता लखनऊ में हैं। पूरा परिवार चंद्रयान मिशन की कामयाबी के लिए प्रार्थना कर रहा है। पिता वेद प्रकाश ने बताया कि उनकी 15 दिन पहले बेटे से बात हुई थी। कमलेश मिशन चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग को लेकर बेहद बिजी हैं। बेटे ने कहा था कि इस बार मिशन जरूर सफल होगा। और वही हुआ। देश के लिए यह गौरव की बात है।

सैटेलाइट टीम का हिस्सा अरीब अहमद

मुजफ्फरनगर की खतौली कस्बे के मोहल्ले मिट्ठूलाल में जश्न का माहौल है। लोगों में मिठाइयां बांटी जा रही है। उत्सवी माहौल में काजी महताब सबसे ज्यादा खुश दिखाई दिए। खुश हों भी क्यों न, जिस मिशन के लिए देश का नाम विश्वभर में ऊंचा हुआ, उस मिशन की सफलता की पटकथा लिखने में उनके बेटे अरीब अहमद का भी हाथ है।अरीब अहमद ISRO में 2021 से कार्यरत हैं। पिता के मुताबिक, उनका बेटा चंद्रयान-3 की सैटेलाइट टीम का हिस्सा है। अरीब अहमद के पिता काजी मेहताब जिया ने कहा, देश के लिए यह गौरव का पल है। इसरो के वैज्ञानिकों की कमर तोड़ मेहनत ने देश को सफलता दिलाई है। यह कस्बे ही नहीं देश भर के लिए यादगार पल है।

प्रतापगढ़ के रवि का सुझाव रहा 'अनमोल' 

प्रतापगढ़ के कुंडा कस्बे के सरयूनगर में ओम प्रकाश केसरवानी की दुकान है। ओमप्रकाश ISRO वैज्ञानिक रवि केसरवानी के पिता हैं। चंद्रयान की सफलता के बाद घर-परिवार में उत्सव का माहौल है। रवि ने कुंडा में पांचवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद वे पुणे चले गए। वहां से उन्होंने बीटेक किया। इसके बाद 2016 में इसरो से प्रशिक्षण लिया। 2019 में उनकी नियुक्ति साइंटिफिक टेक्निकल ऑफिसर-C के पद पर हुई।

टेक्निकल ऑफिसर के पद पर तैनात रवि की टीम ने चंद्रयान-3 में लगे 'शेप' (SHAPE) का सुझाव दिया था। इसने लैंडिंग में अहम रोल अदा किया। शेप लगने से यान सीधे धरती से जुड़कर प्रकाश ले रहा है। चंद्रयान-2 में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। पिता रवि बताते हैं कि चंद्रयान की तैयारी से पहले सभी वैज्ञानिकों ने मीटिंग कर नए उपकरण जोड़ने के संबंध में सुझाव मांगे थे। तब रवि की टीम ने शेप का सुझाव दिया था।

सुमित ने डिजाइन किया कैमरा

फतेहपुर के विजय नगर निवासी सुमित कुमार मिशन चंद्रयान-3 में शामिल हैं। सुमित साल 2008 से इसरो के अहमदाबाद केंद्र में काम कर रहे हैं। वह वर्तमान में स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में तैनात हैं। चंद्रयान की कामयाबी के लिए सुमित के भाई सुशील, बहन प्रीति, भांजा कार्तिक ने बताया कि सकुशल लैंडिंग के लिए सुबह से प्रार्थना करते रहे।मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर में लगे अत्याधुनिक कैमरों को सुमित कुमार और उनकी टीम ने डिजाइन किया। लैंडर और रोवर में लगे पांच कैमरों को अत्याधुनिक तरीके से डिजाइन किया गया है। पेलोड में लगे कैमरों ने लैंडर और रोवर को चांद पर ठहरने की जगह और दिशा दिखाने में मदद की। सुमित अर्जुन सिंह के बेटे हैं।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...