बुधवार, 2 अगस्त 2023

Aadhar School में प्रवेश के लिए अनिवार्य नहीं

लोकसभा में केंद्र सरकार ने दी सफाई, आधार अनिवार्य नहीं 


New delhi (dil India live). स्कूलों में प्रवेश के लिए आधार को अनिवार्य बनाने को लेकर उठे सवाल पर केंद्र सरकार ने फिर सफाई दी है और कहा कि यह अनिवार्य नहीं है। किसी भी छात्र को आधार न होने के कारण प्रवेश देने या दूसरी अन्य सुविधाओं से वंचित नहीं किया जा सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) ने भी इस संबंध में राज्यों को दिशा- निर्देश दिए है। जिसमें साफ तौर यह कहा गया कि आधार संख्या के अभाव में किसी बच्चे को उनके लाभों या अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता है। लोकसभा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर सहित दूसरे सांसदों ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से पूछा था कि क्या राज्यों में स्कूलों में प्रवेश के लिए आधार संख्या को अनिवार्य कर दिया गया है, क्योंकि  प्रत्येक राज्य अब अनिवार्य रूप से इसकी मांग कर रहे है। उनका सवाल था कि राज्य यह कैसे कर सकते है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसकी अनिवार्यता पर रोक लगा रखी है। इसके जवाब में शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि शिक्षा वैसे समवर्ती सूची का विषय है। बावजूद इसके राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वह स्कूलों में प्रवेश के लिए इसे अनिवार्य नहीं कर सकते है। इस संबंध में मंत्रालय ने एक अधिसूचना भी जारी कर रखी है, जिसमें साफ कहा है कि स्कूलों में प्रवेश या फिर केंद्र द्वारा संचालित किसी भी योजना के लाभ से ऐसे किसी भी बच्चे को वंचित नहीं कर सकते है, जिसके पास आधार नहीं है। यदि किसी बच्चे के पास आधार नहीं है तो प्रमाणीकरण लगा दी थी। छात्रवृत्ति सहित दूसरी योजनाओं के लिए आधार लिया जा रहा है। आधार न होने पर अभिभावकों को लगातार परेशान करने कि शिकायतें मिलती रही है।

 गौरतलब है कि स्कूलों में आधार की अनिवार्यता का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। जिसके बाद ही कोर्ट ने इसे अनिवार्य बनाए जाने पर रोक के लिए दूसरे दस्तावेज को इस्तेमाल में लिया जा सकता है। इसके लिए बच्चों को बाध्य नहीं किया जा सकता है। लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता।

मंगलवार, 1 अगस्त 2023

Varanasi में students सीख रहे हैं शहनाई वादन

सिडबी एवं स्पिक मेकै की छात्रा-छात्राओं को जागरूक करने की पहल



Varanasi (dil India live). सिडबी एवं स्पिक मेकै की ओर से बनारस घराने की शहनाई वादन शैली को युवाओं को जोड़ने के साथ भारतीय संस्कृति की सांस्कृतिक परंपरा को विभिन्न संगीत विधाओं के साथ पूरे भारत में शास्त्रीय संगीत से जुड़े कलाकारों के माध्यम से छात्रा-छात्राओं को जागरूक करने की पहल की जा रही है। इसी कड़ी में बनारस घराने के सुप्रसिद्ध  शहनाई वादक पंडित संजीव शंकर एवं पं अश्वनी शंकर ने संत अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल कोइराजपुर तथा प्रभु नारायण इंटर राजकीय इंटर कॉलेज, रामनगर, वाराणसी में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन की शुरुआत पंडित रविशंकर जी की बनाई हुई प्रार्थना प्रभु जी से किया तत्पश्चात उन्होंने शहनाई की उत्पत्ति इतिहास उसकी बनावट एवं बजाने के तरीके को विस्तारपूर्वक समझाया साथ-साथ उन्होंने यह भी बताया कि शहनाई सुषिर वाद्य की श्रेणी में आता है और यह एक मंगल वाद्य भी है | बनारस घराने के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि शहनाई की संगीत परंपरा लगभग 350 वर्षों से चली आ रही है और सबसे पहले उन्होंने अपने घराने में गाना सीखा तत्पश्चात शहनाई सीखा इसलिए उनकी शहनाई में गायकी अंग का प्रभाव प्रबल दिखाई देता है। लगभग 40 विद्यार्थियों को उन्होंने शहनाई पर शुद्ध स्वर एवं राग भैरव के स्वर को भी बजा कर उनके बीच के स्वरांतर को स्पष्ट किया। इसके अतिरिक्त तीन ताल की ताली खाली का भी अभ्यास कराया उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वर के साथ साथ संगीत में ताल का भी उतना ही स्थान है। अंत में उन्होंने सुप्रसिद्ध रामधुन रघुपति राघव राजा राम बजा कर बच्चों के अंदर एक आध्यात्मिक ऊर्जा का भी संचार किया। कार्यशाला का शुभारंभ पंडित संजीव शंकर पं अश्वनी शंकर,विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ नीलम सिंह डा. प्रभास झा एवं बसंत महिला महाविद्यालय के संगीत गायन विभाग प्रमुख श्री हनुमान प्रसाद गुप्त ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम का संयोजन प्राचार्य डा. पीके झा और  श्री हनुमान प्रसाद गुप्ता ने किया। उक्त अवसर पर विद्यालय के अन्य शिक्षक गण एवं स्पीक मैके उत्तर प्रदेश के चेयरपर्सन उमेश सेठ, पवन सिंह, गौरव केशरी सहित विद्यालय के छात्र छात्राएं मौजूद रहे |

रब की रज़ा का बेहतरीन ज़रिया है मानव सेवा: मौलाना मुहम्मद क़ासिम क़ासमी

मानवसेवा अल्लाह की एक अज़ीम इबादत




Varanasi (dil India live). शैखुलहिंद ट्रेनिंग सेंटर जामिया इस्लामिया महमूदिया बेलौड़ी बनारस में चल रहे भारत स्काउट एंड गाइड जमीयत यूथ क्लब के प्रवेश एवं द्वितीय कैंप का आज पारंपरिक रूप से समापन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जमीयत उलमा ए बनारस के उपाध्यक्ष मौलाना मुहम्मद क़ासिम क़ासमी तशरीफ लाए। बच्चों को संबोधित करते हुए  उन्होंने कहा कि मानवता के आधार पर मानवजाति की सेवा करना बहुत बड़ी इबादत है और अल्लाह की रज़ा हासिल करने के बेहतरीन ज़रिया है। हमे खुद को अपने घर वालो के लिए, अपने समाज के लिए एवं अपने राष्ट्र के लिए उपयोगी बनाना है। हम दूसरों के लिए उपयोगी तब ही बन सकते हैं जब हम खुद के लिए उपयोगी हो और मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वास्थ्य हों। और ये चीज़ बेगैर मेहनत के नही आ सकती। इसलिए आपके टीचर आपको जो बताया है उसपर अमल करें और जमीयत यूथ क्लब की तरफ से जब भी आपको आवाज़ दी जाए आप मैदान में मौजूद हों।

मौलाना अम्मार यासिर साहब नोमानी सेक्रेटरी जमीयत उलमा दक्षिणी बनारस ने बच्चों से कहा कि सभी लोग अपने एक डायरी बनाए एवं रोजाना कम से कम तीन ऐसे नेक काम करें जो उस डायरी में लिखें। मुफ्ती अबू स्वालेह क़ासमी सेक्रेटरी जमीयत उलमा बनारस* ने कहा कि जमीयत यूथ क्लब का एक बड़ा उद्देश्य चरित्र निर्माण भी है लिहाज़ा हम ये तय करें कि अपने रोज़ाना के कामों को सुन्नत तरीक़े पर अदा करेंगे।जमीयत यूथ क्लब बनारस के कनवीनर मुहम्मद रिज़वान ने अपने संबोधन में बच्चों से कहा कि जमीयत यूथ की प्रतिष्ठा अब आपसे जुड़ी हुई है, हमारा कोई भी काम ऐसा न हो हमारी प्रतिष्ठा को धूमिल करे। अंत में कैंप के सफल आयोजन के लिए शिविर संचालक जमीयत यूथ क्लब के एडीओसी मास्टर वाज़ अमन और मौलाना नूरूल बशर का शुक्रिया अदा किया जिनकी दिनरात की मेहनत से ये कैंप सफल हुआ। इसी तरह से क्वार्टर मास्टर की भूमिका निभाने वाले जनाब बशीर अहमद साहब, जावेद भाई, सईद अख्तर, खुर्शीद जमाल एवं मोहसिन का भी बहुत बहुत शुक्रिया जिन्होंने अपना 3 दिन बच्चों की सेवा में लगा दिया। मदरसा के प्रबंध समिति के सभी सदस्यों का एवं मदरसों के समस्त स्टाफ का शुक्रिया जिनके सहयोग से कैंप का आयोजन हो पाया।

आज के इस समापन समारोह में उपर्युक्त व्यक्तियों के अतिरिक्त हाफ़िज़ अबू हम्ज़ा साहब, हाजी अब्दुर्रहमान कैसर साहब, मौलाना रेहान नजमी साहब एवं अन्य सम्मानित व्यक्ति उपस्थित थे।

Bhadohi SP हैं एमबीबीएस डॉक्टर

भदोही की पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन मूल रूप से हैं झारखंड निवासी 


Bhadohi (dil India live). भदोही की नवागत पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी कात्यायन मूल रूप से झारखंड की रहने वाली हैं। वह एमबीबीएस डॉक्टर हैं। एमबीबीएस करने के बाद मीनाक्षी कात्यायन ने वर्ष 2012 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा दी थी। वह सफल रहीं और वर्ष 2014 आईपीएस बैच में शामिल हुईं। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला है। वर्ष 2018 में भारतीय पुलिस सेवा का सीनियर स्केल हासिल कर चुकी हैं।एम्स में रह चुकीं जूनियर डॉक्टर, पति एम्स में कार्यरत हैं।डा.मीनाक्षी का मानना है कि पुलिस सर्विस में रहकर जनता की सेवा करने का ज्यादा अवसर है। मेडिकल की पढ़ाई को पुलिस सर्विस में घटनाओं के अन्वेषण में मददगार मानती हैं। 12 जुलाई 1982 को झारखंड के रांची में एक सामान्य परिवार में जन्मी मीनाक्षी ने अपनी पढ़ाई बैंक से लोन लेकर पूरी की। पिता सामन्य व्यवसाय करते हैं। माता गृहणी हैं। दिल्ली के एम्स में वह जूनियर डाक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। उनके पति एम्स में डाक्टर हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ डॉ.मीनाक्षी कात्यायन ने बिहार के बेगूसराय में पोलियों उन्मूलन में खास योगदान दिया था।

गर्म टापू बना शहर, कभी भी हो सकती है मूसलाधार बारिश

पर्यावरण संरक्षण को करें पौधारोपण, वरना नतीजे होंगे भयावाह 

-मौसम वैज्ञानिक ने किया दावा



Varanasi (dil India live). मौसम वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि पर्यावरण असंतुलन के कारण बनारस गर्म टापू बन चुका है। बारिश की संभावना निरन्तर बनी है कभी भी मूसलाधार बारिश हो सकती है या फिर गरज चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं। भीषण गर्मी कि मार झेल रहे पूर्वांचल के लोगों को मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी से उम्मीद की किरण जागी है अगर बरसात होती है खेती के लिए काफी बेहतर होगा वरना इसका असर खेती पर बहुत ही खराब पड़ सकता है। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय कहते हैं कि बारिश की संभावना निरन्तर बनी है। बनारस गर्म टापू बन चुका है अतः विलम्ब हो रहा है। यह सब पर्यावरण असंतुलन के कारण है। लोगों को चाहिए कि अपने मकानो, जमीनों, और मैदानों में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें ताकि पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बल मिल सके वरना आने वाला समय और भी भयावाह हो सकता है।

abhee na jao छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं...

मो. रफी की बरसी पर डर्बीशायर क्लब ने खिलाया मछलियों को चारा



Varanasi (dil India live)। डर्बीशायर क्लब के तत्वावधान में सोमवार को पूर्वान्ह 11:00 बजे फ़िल्मी दुनिया के महान गायक मो. रफी की पितरकुण्डा कुण्ड की मछलियों को चारा खिलाकर 42 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी। इस मौके पर अध्यक्ष शकील अहमद ने कहा कि रफी साहब का जन्म 24 दिसंबर 1928 को हुआ था। रफी साहब ने 50 व 60 के दशक के मशहूर अभिनेताओं के लिये अपनी मधुर आवाज दी जिसमें ओ दुनिया के रखवाले सुन, दर्द भरे मेरे नाल कर, चले हम फिदा जानो तन साथियों, अभी न जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नहीं, असली क्या है नकली क्या है पूछो दिल से मेरे, झिलमिल सितारों का आगन होगा रिमझिम बरसता सावन होगा आया सावन झूम के जैसे गीत, गाकर ढेरों पुरस्कार जीते। उनके गाये नधुर गीत आज भी हमारे दिलों में राज कर रहे हैं। शकील ने कहा कि 31 जुलाई 1980 को हमारे महान गायक रफी साहब इस फानी दुनिया से रुखसत हो गये। आज हमसब रफी साहब की याद में उन्हें खिराजे अकीदत पेश कर रहे हैं। अन्त में शकील ने कहा कि हमारा क्लब कब से भारत सरकार से ये मांग कर रहा है कि जिस तरह से मशहूर गीतकार कैफी आजमी की याद में कैफियात नाम से ट्रेन चलायी है उसी तरह रफी साहब की भी याद में एक ट्रेन चलायी जाये। हमारी इस मांग पर भारत सरकार ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। कार्यक्रम में प्रमोद वर्मा, हैदर, आफाक हैदर, हाजी असलम, साजिद खां, जैनुल अंसारी, मुन्नू, युसुफ, मुश्ताक अली, लक्ष्मण पांडेय, संजीर खां आदि मौजूद थे।

सोमवार, 31 जुलाई 2023

Moharram 12: या हुसैन...की सदाओं पर निकला अलम सद्दा


बोल मोहम्मदी...या हुसैन की सदाओं संग निकला तीजे का जुलूस






Varanasi (dil India live)। इमाम हुसैन (रजि.) समेत कर्बला के तमाम शहीदों का तीजा सोमवार को पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। इस मौके पर मुस्लिमों ने अलम सदा का जुलूस निकाल कर कर्बला में फूल-माला जहां ठंडा किया। तीजे पर इमाम चौकों पर फातेहा कर तबर्रुक तकसीम किया गया। गौरीगंज स्थित मरहूम नन्हें खां के इमामबाड़े से, बोल मोहम्मदी, या हुसैन... या हुसैन...व, नारे तकबीर अल्लाह हो अकबर...। की सदाओं के साथ अलम सद्दा का जुलूस उठा। यह जुलूस शिवाला पहुंचा जहां से विभिन्न रास्तों से होकर शिवाला घाट जाकर सम्पन्न हुआ। ऐसे ही शिवाला से अलम का जुलूस उठाया गया। जुलूस में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी व पुलिस के जवान शामिल थे। उधर अर्दली बाजार, शिवपुर, तरना आदि का जुलुस अपने कदीमी रास्तों से कचहरी, वरुणापुल होकर नदेसर पहुंचा। अर्दली बाजार का जुलूस जब नदेसर पहुंचा तो उसके पीछे-पीछे नदेसर, राजा बाजार, पक्की बाजार आदि का जुलूस भी फातमान की ओर निकल चला। जुलूस की कमान शाहिद खां, भजपा नेता मलिक, मो. खालिक, गफ्फार, सिकंदर, शहजादे खां, नेयाज अहमद, शमशाद, हम्जा आदि साथ-साथ चल रहे थे। ऐसे ही रामपुरा, रेवड़ीतालाब व मदनापुरा का जुलूस भी निकला। यह जुलूस जंगमबाड़ी, गौदोलिया होते हुए फातमान पहुंच कर सम्पन्न हो गया। उधर ककरमत्ता से जुलूस निकला जो कर्बला पहुंच कर समाप्त हुआ। बजरडीहा, गौरीगंज, नई सड़क, शेख सलीम फाटक, पीलीकोठी, सरैया, छत्तनपुरा, राजा बाजार, प्राहलादघाट, सुंदरपुर, नरिया, दालमंडी, लल्लापुरा, पितरकुंडा, कोयला बाजार, बड़ी बाजार आदि जगहों से भी अलम का जुलूस निकाला गया। 

4 से लेकर 40 मीटर तक के अलम :–

अलम सददे के जुलूस में 4 फीट से लेकर चालीस मीटर तक के रंग-बिरंगे अलम अकीदतमंद ऐसे संभले हुए चल रहे थे कि वो जमीन पर न पड़े। जहां बिजली के तार व टेलीफोन कैबिल रास्ते में आता दिखाई दे रहा था, उससे बचने के लिए पैर पर अलम रखकर बेहद खूबसूरती से धीरे-धीरे संभालते हुए लोग उसे पार करा रहे थे। यह खूबसूरत लम्हा देखते ही बन रहा था। 

खिचडे की हुई फातेहा :–

इमाम हुसैन व इमाम हसन के तीजे पर शहर भर में अकीदतमंदों ने घरों व इमामबाडों में फातेहा कराया। इस दौरान कहीं शिरनी तो कहीं खिचडा बना। फातेहा का तबर्रुक लेने की लोगों में होड मची हुई थी। यह सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता रहा।

सिपहगिरी का फन देखने को जुटा मजमा  

अलम सददा के जुलूस के साथ साथ फन-ए-सिपहगिरी के सिपाही अपने साथियों के साथ फन का मुजाहिरा सड़कों पर करते हुए दिखाई दिये। इस रणकौशल का लुत्फ लेने के लिए लोगों ने पलके बिछायी। कचहरी, शिवपुर, अर्दली बाजार, राजा बाजार, नदेसर, लल्लापुरा, बजरडीहा, गौरीगंज, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा आदि इलाकों से अखाड़े निकले। इस दौरान जुलूस के आगे आगे खलीफा चल रहे थे। फन-ए-सिपहगीरी एसोसिएशन के लोग मोर्चा संभाले हुए थे। 

इस दौरान सामाजिक संगठन भी सक्रिय रहे। मोहर्रम के जुलूसों के दौरान सामाजिक संगठनों ने पितरकुंडा पर जिया क्लब की ओर से सुबह 10 बजे से शाम तक रिलीफ कैम्प लगाया गया जिसमें चिकित्सा व्यवस्था कि सीएमओ की ओर से खास व्यवस्था की गयी थी। संचालन शकील अहमद जादूगर कर रहे थे। नईसड़क पर अंजुमन इस्लामिया के सदर हाजी मो. शाहिद अली खां मुन्ना की देखरेख में सहायता शिविर लगा था। पासबा क्लब की ओर से लल्लापुरा रांगे की ताजिया के समीप लगे कैम्प में काफी लोग व्यवस्था संभाले हुए थे। 

दरगाहे फातमान में शमां किया रौशन

दरगाहे फातमान में शिया वर्ग ने इमाम हुसैन के तीजे पर इमाम हुसैन के रौजे पर सैयद फरमान हैदर की अगुवाई में शमां रौशन की गई। इस दौरान काफी लोग मौजूद थे।

Varanasi : गुटखा व्यवसायी ने खुद को गोली से उड़ाया

व्यापारी ने खुद को अपनी ही लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारी, मचा कोहराम  सरफराज अहमद Varanasi (dil India live)। चेतगंज थाना के पान दरीबा के काली...