रविवार, 16 अप्रैल 2023

Aliya khan ने रखा जिंदगी का पहला roza

इस नन्हीं रोज़ेदार पर सभी कर रहे हैं फक्र 

Varanasi (dil india live). शिद्दत की गर्मी के बावजूद नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा माहे रमजान में रोजा रखे जाने का क्रम  जारी है मां-बाप के लाख मना करने के बाद भी मासूम बच्चे रब की रजा के लिए हर रोज रोज़ा रख रहे हैं। इसी फेहरिस्त में अपना नाम दर्ज कराया है गौरीगंज के सईद खान और सुरैया खान की बेटी आलिया खान ने। आलिया ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रख कर मिसाल कायम किया है। मां सुरैया खान बतातीं हैं कि आलिया कि उम्र अभी महज आठ साल ही है वो मदर लैंड पब्लिक स्कूल क्लास थर्ड में है। सब मना कर रहे थे कि मत रोज़ा रखो मगर आलिया ने किसी कि सुनी नहीं और आज उसने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा। जो भी सुन रहा है वो इस नन्हीं रोज़ेदार पर फक्र कर रहा है।

शनिवार, 15 अप्रैल 2023

BHU में मनाया गया Navodaya vidyalaya का स्थापना दिवस

बीएचयू के शताब्दी कृषि भवन में जुटे नवोदयन्स, हुआ सम्मान

देश में 16 लाख से अधिक नवोदयन्स का नेटवर्क दे रहा समाज को नई दिशा: पीएमजी कृष्ण कुमार यादव

नवोदयन्स भारत ही नहीं पूरी दुनिया में बना रहे हैं अपना अलग मुकाम




Varanasi (dil india live) "हम नव युग की नई भारती, नई आरती/हम स्वराज्य की ऋचा नवल/भारत की नवलय हों/नव सूर्योदय, नव चंद्रोदय/हमीं नवोदय हों" प्रार्थना के साथ नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस और एल्युमिनाई मीट समारोह का आयोजन वाराणसी में बीएचयू स्थित शताब्दी कृषि भवन में किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम इत्यादि विभिन्न राज्यों के पुरातन नवोदय विद्यार्थी शामिल हुए और अनेकता में एकता की विशिष्टता को रेखांकित करते हुए स्कूली दिनों की यादों को ताजा किया। बीएचयू के कुलगीत, नवोदय प्रार्थना, स्वागत गीत के बीच अतिथियों ने पं. मदन मोहन मालवीय और नवोदय विद्यालय के संस्थापक राजीव गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। 

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अप्रैल, 1986 में दो नवोदय विद्यालयों से आरंभ हुआ यह सफर आज 661 तक पहुँच चुका है। देश भर में नवोदय विद्यालय के 16 लाख से अधिक पुरा विद्यार्थियों का नेटवर्क समाज को नई दिशा देने के लिए तत्पर है। आज नवोदय एक ब्रांड बन चुका है। राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सैन्य सेवाओं से लेकर विभिन्न प्रोफेशनल सेवाओं, बिजनेस और सामाजिक सेवाओं में नवोदयन्स पूरे भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में अपना अलग मुकाम बना रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि अमृतकाल में भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में नवोदयन्स की अहम भूमिका है। नवोदय विद्यालय एक सरकारी संस्थान होने के बावजूद उत्कृष्ट शिक्षा और बेहतर परीक्षा परिणामों की वजह से आज शीर्ष पर है।

बरेका में चीफ इंजीनियर श्री रणविजय सिंह ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व के निर्माण में नवोदय का बहुत योगदान रहा है। हम वहाँ ज़िंदगी को समझना और सही मायनों में जीना सीखते हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट श्री विनोद सिंह ने कहा कि नवोदय परिवार आज भी बेहद संगठित है और लोग एक दूसरे से दिल से जुड़े हैं। सुख-दुःख में एक दूसरे के साथ जिस तरह से खड़े रहते हैं, वह मन में हैरत ही नहीं गर्व भी पैदा करता है। 

सम्मानित होने वाले नवोदयंस

इस अवसर पर नवोदय विद्यालय के पुरा विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, बीएचयू हिंदी विभाग प्रोफेसर डॉ. सत्यपाल शर्मा, फिजिक्स प्रोफ़ेसर डॉ. सुरेंद्र कुमार, बरेका चीफ इंजीनियर रणविजय सिंह, श्री काशी विश्वनाथ धाम में सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट विनोद सिंह, डीआरएम ऑफिस में इंजीनियर अभिषेक सिंह, बिजली विभाग अधिशाषी अभियंता चंद्रशेखर चौरसिया, सर सुन्दरलाल चिकित्सालय, बीएचयू में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर ममता मिश्रा, मंचीय कवि दानबहादुर सिंह, एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. पंकज गौतम, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. सत्यपाल यादव, पुलिस उप निरीक्षक सुनील गौड़, डॉ. प्रदीप गौतम, विमलेश कुमार, अमित त्रिपाठी इत्यादि सम्मानित हुए।

कार्यक्रम में मंचीय कवि दानबहादुर सिंह ने अपनी कविताओं से शमां बांधा वहीं तमाम पुरा विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का संयोजन सोमेश चौधरी, महेंद्र मिश्र 'मोहित', शालिन्दी और देवव्रत ने किया, वहीं संचालन अनुराधा व अभिषेक ने किया।

Aap कि मेयर candidate शारदा टंडन को जानिए


Varanasi (dil india live). Aap ने वाराणसी से मेयर प्रत्याशी अनंता कालोनी नदेसर निवासी शारदा टंडन को चुनाव मैदान में उतारा है। विभिन्न संगठनों और संस्थाओं से जुड़ी शारदा टंडन आप में भी लम्बे समय से सक्रिय भूमिका में हैं। 

Aap में शारदा टंडन की सक्रियता 

2020 से 2022 तक जिला अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ, वर्तमान में महानगर अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ के पद पर कार्यरत शारदा टंडन ने जिला पंचायत चुनाव में 4500 सदस्य शहर उत्तरी विधानसभा में साथियों के सहयोग से बनाया। शारदा टंडन बतातीं हैं कि वर्तमान समय में सदस्यता अभियान व वॉल राइटिंग में आम आदमी पार्टी महानगर वाराणसी के उत्तरी विधानसभा व महिला प्रकोष्ठ के साथ वाराणसी महानगर में अभियान चलाया। पार्टी की विचारधारा को वाराणसी जिले में पार्टी के नेतृत्व में अनवरत प्रचार प्रसार व संगठन निर्माण के द्वारा प्रगति के मार्ग पर निरंतर बढ़ाने का प्रयास कर रही हूं। सामाजिक कार्य के लिए तमाम संगठनों के द्वारा प्रशस्ति पत्र भी उन्हें प्राप्त हुआ है।

 वाराणासी वर्तमान समय तक लायंस क्लब तूलसी वाराणासी के माध्यम से  निरन्तर सेवा कार्य करते रहना जिला उपाध्यक्ष, काशी उद्योगमहिला व्यापार मंडल वाराणसी में जिला उपाध्यक्ष बुनकरो की समस्यायों व महिलाओं की समस्यायों को लेकर अनवरत संघर्ष व मदद करना। 

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

Ramadan Mubarak: शबे कद्र की है रात, जाग रहे रोज़ेदार

रात भर होगी इबादत, मांगी जायेगी खुसूसी दुआएं


Varanasi (dil india live)। आज शबे कद्र की दूसरी रात है, आज पूरी रात इबादत होगी, रोज़ेदार इबादत में मशगूल हैं। दरअसल माहे रमजान के आखिरी दस दिनों की पांच रातों में से कोई एक रात शबे कद्र की रात होती है। इस रात में लोग जागकर रब की इबादत करते हैं। इस्लाम में इस रात को हजार रातों से अफजल बताया गया है। इसलिए रोजेदार ही नहीं बल्कि हर कोई इस रात में इबादत कर अल्लाह से खुसूसी दुआ मांगता है।

हज़ार रातों से अफज़ल है शबे कद्र की रात

रमज़ान महीने के आखरी अशरे के दस दिनों में पांच रातें ऐसी होती हैं जिन्हें ताक रातें कहा जाता है। ये हैं रमज़ान की 21, 23, 25, 27, 29 शब। इममें से कोई एक शबेकद्र की रात होती है। यह रात हजार महीनों से बेहतर मानी जाती है। इस रात में मुस्लिम मस्जिदों व घरों में अल्लाह की कसरत से इबादत करते हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी घरों में इबादत करते दिखाई देते हैं। मौलाना निज़ामुददीन चतुर्वेदी कहते हैं कि कुरान में बताया गया है कि तुम्हारे लिए एक महीना रमजान का है, जिसमें एक रात है जो हजार महीनों से अफजल है। कहा कि जो शख्स इस रात से महरूम रह गया वो भलाई और खैर से दूर रह गया। जो शख्स इस रात में जागकर ईमान और सवाब की नीयत से इबादत करता है तो उसके पिछले सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह रात बड़ी बरकतों वाली रात होती है। यह रात बड़ी ही चमकदार होती है व सुबह सूरज बिना किरणों के ही निकलता है। इस रात को मांगी गई दुआ हर हाल में कुबूल होती है।

Baba saheb अम्बेडकर न्याय एवं Mahatma ज्योतिबा फुले शिक्षा के सबसे बड़े प्रतीक

"डॉ अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले का अवदान" पर संगोष्ठी 


Varanasi (dil india live). महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समिति कक्ष के केंद्रीय ग्रन्थालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "डॉ बी. आर. अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले का अवदान" का आयोजन किया गया। 

 संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि आज बाबा साहब अम्बेडकर जी न्याय के एवं महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा के सबसे बड़े प्रतीक हैं। इनके द्वारा किए गए कार्यों एवम समाज सेवा के बारे में बताया और उन्हे एक कुशल मार्गदर्शक बताया। देश में दो वर्ग एक जिनके पास है, दूसरे जिनके पास नही है के बीच बढ़ती खाई को भरने में हमारा संविधान बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुआ है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. प्रमोद कुमार बागडे, धर्म एवम दर्शन विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने बताया की भारत की संकल्पना प्रगतिशील धर्म निरपेक्षता कही ना कही खतरे में प्रतीत हो रही है। डॉ. बी. आर. अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले  के व्यक्तित्व, कृतित्व पर गहन प्रकाश डाला। आपने बताया की परिस्थितियां विचारों को गढ़ती हैं। उपयोगितावाद अधिकतम लोगों के अधिकतम सुख को प्राप्त करने के विचारों पर बल दिया।आपने ग्राम्योदय के विचारों को भी व्याख्यापित किया।  ब्राह्मणवादी सामाजिक व्यवस्था, एवं गुलामगिरी की चर्चा की और इसका समाज से उन्मूलन होने की बात कही। विधवा विवाह एवम बाल विवाह के उन्मूलन पर किए गए अवदान के बारे में बताया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्री अजीत कुमार, न्यायमूर्ति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज ने महात्मा ज्योतिबा फुले को महान समाज सुधारक बताया एवं समाज में समदृष्टि, समभाव पर बल दिया। आपने बताया की दो तिहाई जनसंख्या ऐसी है जिनके पास अपर्याप्त संसाधन है। आपने सामाजिक जुड़ाव पर भी बल दिया। महिला एवं पुरुष भेदभाव को खत्म करने एवम समाज में जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को खत्म करने पर बल दिया। उन्होंने बताया की हमे अंबेडकर की शिक्षा को अपने बच्चो को परिवार संस्कार में ही सीखना होगा तभी उनका योगदान अगली पीढ़ी तक पहुंचेगा। आपने आरक्षण व्यवस्था को पिछड़े वर्गो का कल्याण करने वाला बताया। संगोष्ठी में सभी अतिथियों को स्मृतिचिन्ह एवम अंगवस्त्रम प्रदान किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद् बोधन में  कहा की ज्ञान का उद्देश्य मानवतावादी एवम जनकल्याणवादी होना चाहिए। आपने फुले एवं अंबेडकर के अवदान की चर्चा की। संगोष्ठी में दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। तकनीकी सत्र प्रथम की अध्यक्ष प्रो. निमिषा गुप्ता एवं सह अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने किया। तकनीकी सत्र द्वितीय के अध्यक्ष प्रो. पीताम्बर दास एवं सह अध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम ने किया । देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, राजनीति विज्ञान विभाग, पीजी कॉलेज, गाजीपुर, एस आर एम यू, लखनऊ, एल एन सी टी, भोपाल इत्यादि राज्यों से विभिन्न शोध छात्रों द्वारा दोनों सत्रों में कुल पचास शोध पत्र पढ़े गए। 

इससे पहले संगोष्ठी का शुम्भारम्भ डॉ. बी. आर. अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, शिव प्रसाद गुप्त एवं महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। कुलगीत की प्रस्तुति के पश्चात संगोष्ठी के संरक्षक प्रो. आनंद कुमार त्यागी कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार, न्यायमूर्ति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। स्वागत के क्रम में संगोष्ठी की आयोजन सचिव प्रो. शैला परवीन ने प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। संगोष्ठी के आयोजक प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने श्री हरीश चन्द, कुलसचिव, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। प्रो. निमिषा गुप्ता ने श्री संतोष शर्मा, वित्त अधिकारी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को  पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया । श्री अनिल कुमार ने प्रो. अमिता सिंह कुलानुशासक, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को  पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, समस्त अध्यापकों, अतिथियों, छात्रों एवम प्रतिभागियों का वाचिक स्वागत प्रो. शैला परवीन ने किया।

संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान से हुआ। संगोष्ठी का संचालन श्रीमती भारती कुरील ने किया एवम धन्यवाद ज्ञापन प्रो. संजय ने किया। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, छात्र उपस्थित रहें  और समाज कार्य विभाग के समस्त शिक्षकगण, शोधार्थी एवं सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी भी  उपस्थित रहे।

Nabi hazrat Mohammad or hazrat fatema का रोज़ा भी जानिए


Varanasi (dil india live). हजरत अली के घर में सभी ने रोजा रखा। हजरत फातिमा ने भी रोजा रखा, दो बच्चे है उनके अभी छोटे है, पर रोजा रखा हुआ है। मगरिब का वक़्त होने वाला है, इफ्तारी का वक़्त होने वाला है,। सबके सब मुसल्ला बिछा कर रो-रोकर दुआ मांग रहे हैं। हजरत फातिमा दुआ खत्म करके घर में गयी और चार (4) रोटी बनाई, इससे ज्यादा उनके घर में अनाज नहीं है। हजरत फातिमा चार रोटी लाती हैं। पहली रोटी अपने शौहर हज़रत अली के सामने रख दिया। दूसरी रोटी अपने बड़े बेटे हसन के सामने, तीसरी रोटी छोटे बेटे हुसैन को दी और एक रोटी खुद रख ली। 

मस्जिद-ए-नबवी में आजान हो गयी, सभी ने रोजा खोला, सभी ने रोटी खाई। मगर दोस्तो...अल्लाह की कसम वो फातिमा थी जिसने आधी रोटी खाई ओर आधी रोटी को दुपट्टे से बांधना शुरू कर दिया। ये मामला हजरत अली ने देखा और कहा के फातिमा तुझे भूख नही लगी, एक ही तो रोटी है उसमें से आधी रोटी दुपट्टे में बांध रही हो? फातिमा ने कहा, ऐ हज़रत अली, हो सकता है मेरे बाबा जान (नबी पाक)को इफ्तारी में कुछ ना मिला हो, वो बेटी कैसे खायगी जिसके बाप ने कुछ खाया नही होगा?

फातिमा दुपट्टे में रोटी बांध कर चल पड़ी है उधर हमारे नबी मगरिब की नमाज़ पढ़ा कर आ रहे हैं हजरत फातिमा दरवाजे पर है देखकर हुजूर कहते हैं ऐ फातिमा तुम दरवाजे पर कैसे, फातिमा ने कहा ए अल्लाह के रसूल मुझे अंदर तो लेके चले। हजरत फातिमा की आंखों में आंसू थे, कहा जब इफ्तार की रोटी खाई तो आपकी याद आ गयी कि शायद आपने खाया नही होगा इसलिए आधी रोटी दुपट्टे से बांध कर लाई हूँ।

रोटी देखकर हमारे नबी की आंखों में आंसू आ गए और कहा, ए फातिमा अच्छा किया जो रोटी ले आई वरना चौथी रात भी तेरे बाबा की इसी हालात में निकल जाती। दोनों एक दूसरे को देखकर रोने लगते हैं। अल्लाह के रसूल ने रोटी मांगी, फातिमा ने कहा बाबा जान आज अपने हाथों से रोटी खिलाऊंगी ओर चौडे चोड़े टुकड़े किये और हुजूर को खिलाने लगी। रोटी खत्म हो गयी और हजरत फातिमा रोने लगती है। हुजूर पाक ने देखा और कहा के फातिमा अब क्यों रोती हो?कहा अब्बा जान कल क्या होगा? कल कोन खिलाने आयगा? कल क्या मेरे घर मे चुहला जलेगा ? कल क्या आपके घर में चुहला जलेगा? नबी ने अपना प्यारा हाथ फातिमा के सर पर रखा और कहा कि फातिमा तू भी सब्र करले ओर मैं भी सब्र करता हूँ। हमारे सब्र से अल्लाह उम्मत के गुनाहगारों के गुनाह माफ करेगा! अल्लाहु अकबर ये होती है मोहब्बत जो नबी को हमसे थी, उम्मत से थी। ये गुनाहगार उम्मती हम ही है जिनके लिए हमारे नबी भूखे रहे, नबी की बेटी भूखी रही। और आज हमलोग क्या कर रहे हैं, उनके लिए। कल कयामत के दिन मैं ओर आप क्या जवाब देंगे?

(सोशल मीडिया से साभार)

Jashn-e-baisakhi में महिलाओं ने किया धमाल



Varanasi (dil india live). वैशाखी की पूर्व संध्या पर काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने "जश्ने बैसाखी "धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंच की अध्यक्षा अंजलि अग्रवाल  के गीत से  हुई। सभी सदस्यों ने गीत व नृत्य से त्योहार को रोचक बना दिया, नीतू सिंह और मनीषा अग्रवाल ने वैशाखी की थीम पर हाउजी गेम कराया वह सभी को भेंट स्वरूप बुके दिया कार्यक्रम का संचालन रेनू कैला द्वारा किया गया व संयोजन शोभा कपूर द्वारा उनके निवास पर हुआ सभी सदस्याओ ने अपने हाथों द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद करवाया कार्यक्रम में डॉक्टर ममता तिवारी, चंद्रा शर्मा, ममता पाडया, छवि अग्रवाल,   निधि, कमलेश गुप्ता, रीता कश्यप  की भागीदारी रही।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...