गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

Hajj 2023: मेडिकल और फिटनेस केंद्रों का समापन



Varanasi (dil india live). आजमीने ए हज को हज कमेटी आफ इंडिया के सर्कुलर के मुताबिक़ हर हज यात्रियों को अपना मेडिकल स्क्रीनिंग (screening and fitness) और फिटनेस सर्टिफिकेट किसी सरकारी मेडिकल आफिसर (allopathic) से जो हज कमेटी आफ इंडिया ने जारी किया है उसको बनवाया जाना था, जिसके लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति ने दोनों केंद्रों का संचालन स्वास्थ विभाग के सहयोग से किया गया।

पूर्वांचल हज सेवा समिति के महासचिव अदनान ख़ान ने बताया कि पहला कैंप जनता सेवा हॉस्पिटल रेवड़ी तालाब मदनपुरा मे डॉ. गुलरेज़ आलम खां व सहयोगी फार्मासिस्ट अजय कुमार श्रीवास्ताव ने 232 हज यात्रियों का हेल्थ की जाँच किया और दूसरा कैंप जामिया हॉस्पिटल पीलीकोठी गोलगड्डा मे डॉ. राशिद जमाल अंसारी व उनके सहयोगी फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार गुप्ता ने 219 हज यात्रियों की हेल्थ की जाँच किया गया l

6 अप्रैल से 12 अप्रेल तक चले इस कैंप में चिकित्सकों ने अपनी टीम के साथ कुल 451 हाजियों की स्वास्थ की जाँच की और फिटनेस् सर्टिफिकेट जारी किया गया l पूर्वांचल हज सेवा समिति जिला अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी का आभार प्रकट करती है कि इस कैंप के लगने से हज यात्रियों को बड़ी सुविधा मिली जिसके लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति सदैव् आभारी रहेगी और जनता सेवा हॉस्पिटल के सचिव हाजी मोहम्मद नसीम उर्फ़ बब्बुन् साहब व जामिया हॉस्पिटल के जनाब हाजी अब्दुल सलाम साहब का भी हम शुक्रिया अदा करते है l

सदर हाजी ररईस अहमद, नायब सदर हाजी ज़ुबैर अहमद, मौलाना रियाज़, अब्दुल अहद, अयाज़, तलत महमूद, तारिक हसन बब्लू, अख्तर,डॉ अमीन, पप्पू मेडिकल, राजू, सोहेल, आसिफ, आदि लोग इस कैंप में हज यात्रियों की मदद में लगे रहे।

Ramadan Mubarak का तीसरा अशरा शुरू, पहली शबे कद्र पर हुई इबादत


Varanasi(dil india live)। रमजान का तीसरा अशरा बुधवार को मगरिब की नमाज के बाद शुरू हो गया। इस अशरे को जहन्नुम की आग से निजात दिलाने वाला कहा जाता है। इस अशरे में की गई इबादत के बदले अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नुम की आग से निजात दे देता है। इसी अशरे की कोई एक रात शबे कद्र होती है। इसलिए लोग रात-रात भर जाग कर इबादत करते हैं। बताते हैं कि शबे कद्र में इबादत का सवाब एक हजार रातों की इबादत के बाराबर होता है। इस रात में मांगी गई दुआओं को अल्लाह कुबूल फरमाता है। शबे कद्र कि पहली रात 21 रमजान होती है। पहली ही शबे कद्र कि रात तमाम इबादतगुजारों ने रात भर जाग कर इबादत की।भोर में सहरी करके रोज़ा रखा।

एतेकाफ पर बैठेंगे इबादतगुजार 

बुधवार की शाम मस्जिदों में असर की नमाज के वक्त एतेकाफ में बैठने का सिलसिला शुरू हो गया। वैसे तो रमजान का पूरा महीना ही इबादत के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसके आखिर के 10 दिन सबसे रहमत वाले होते हैं। रमजान के आखिरी अशरे में मस्जिद में एतेकाफ करना सुन्नत है। एतेकाफ पर बैठने वाले अब ईद का चांद देखने के बाद ही मस्जिद से अपने घर को लौटेंगे। हदीस के मुताबिक एतेकाफ में बैठकर इबादत करने वाले लोगों के अल्लाह सभी गुनाह माफ कर देता है। एतेकाफ सुन्नते केफाया है, अगर मोहल्ले का एक शख्स भी एतेकाफ करले तो सभी के लिए यह रहमतवाला होता है। सभी बरी हो जाते हैं, अगर कोई नहीं बैठा तो पूरा मुहलला गुनाहगार होगा।

बुधवार, 12 अप्रैल 2023

Moti jhil को अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जाय : साझा संस्कृति मंच

  • मोतीझील, सोनिया तालाब, पांडेयपुर तालाब सहित अनेक तालाब और कुंडों को अतिक्रमण और कचरामुक्त किया जाए
  • असि और वरुणा नदियों में मल-जल गिरना बंद हो और उसके दोनों तरफ हरित पट्टी विकसित की जाय 
  • ग्रामीण क्षेत्र के सभी तालाबों को वर्ष 1951 के राजस्व रिकार्ड के अनुसार अतिक्रमण मुक्त किया जाए  
  • साझा संस्कृति मंच एवं पर्यावरण बचाओ अभियान काशी ने मंडलायुक्त को दिया ज्ञापन 




Varanasi (dil india live). जी -20 के दृष्टिगत शहर को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है, सडको पर हरियाली दिखे इसके लिए भी कोशिश हो रही है। इन सबके बीच ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले कुछ प्रमुख तालाब उपेक्षा ग्रस्त हैं और अतिक्रमण तथा प्रदूषण के कारण मृतप्राय हैं. इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से चिंतित सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मंडलायुक्त से मिल कर ज्ञापन दिया और उनसे तालाबों और नदियों को अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त कर पुनर्जीवित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।  

साझा संस्कृति मंच और पर्यावरण बचाओ अभियान काशी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्त्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा  ने कहा कि जी -20 की तैयारियों के क्रम में शहर को सुंदर, हरियाली युक्त और स्वच्छ दिखाने के लिए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। इसके साथ ही कुछ स्थाई और प्रभावी उपाय भी किये जाने की सख्त जरूरत है. वाराणसी आंकड़ो में एक स्मार्ट सिटी है लेकिन मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा  तालाब, पाण्डेयपुर तालाब आदि एक बदनुमा दाग का प्रतिरूप बन गये हैं. असि और वरुणा नदियों में बिना शोधित किये हुए मल जल का प्रवाह हो रहा है जो अंततः गंगा में ही जा रहा है, यह स्थिति चिंताजनक है।

मंडलायुक्त को दिए गये ज्ञापन में मांग की गयी कि मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा  तालाब, पाण्डेयपुर तालाब सहित काशी के सभी कुंडों और तालाबों तथा असि एवं वरुणा नदियों को अतिक्रमण और कचरे से मुक्त करते हुए पुनर्जीवित किया जाय. बड़े तालाबो, असि और वरुणा के किनारे हरित पट्टी विकसित की जाय। ग्रामीण क्षेत्र के तालाबो को भी माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुरूप वर्ष 1951 के राजस्व अभिलेखों के आधार पर अतिक्रमण और पट्टा हटाते हुए पुनार्जीर्वित किया जाय. आगामी मानसून सत्र से पूर्व यदि उक्त दिशा में सकारात्मक पहल होती है तो वर्षा काल में जल संचय हो सकेगा जिससे भूगर्भ जल स्तर में भी वृद्धि होगी।

मंडलायुक्त की अनुपस्थिति में अपर मंडलायुक्त प्रशासन विश्व भूषण मिश्र ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.  ज्ञापन देने वालों में वल्लभाचार्य पाण्डेय, डॉ. मोहम्मद आरिफ, सतीश सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, आकाश यादव, अमृत कुमार, गौतम सिंह, विनय कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, महेंद्र राठौर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे l

मंगलवार, 11 अप्रैल 2023

Sultan club के इफ्तार पार्टी में दिखी एकता की मिसाल

रोज़ा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है: मौलाना आखिर नोमानी 



Varanasi (dil india live)। सामाजिक संस्था" सुल्तान क्लब"की जानिब से रसूलपुरा बड़ीबाजर स्थित कार्यालय में मंगलवार को इस वर्ष भी रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशमुल हक की अध्यक्षता व सचिव जावेद अख्तर के संचालन में किया गया।

       इफ्तार पार्टी में मुल्क व मिल्लत और अमन भाई चारे के लिए दुआ का एहतमाम किया गया। मगरिब की अज़ान की सदा ज्योंही गूंजी सभी सदस्यों ने खजूर से रोज़ा खोला,दस्तरख्वान पर तरह तरह के व्यंजन परोसे गए थे,और काशी की गंगा जमुनी तहजीब जैसा नजारा दिख रहा था।इस अवसर पर मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी इमाम ईदैन शाही जामा मस्जिद ज्ञानबापी ने मगरिब की नमाज़ पढ़ाने के बाद कहा कि रोज़ा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है बल्कि तमाम बुराई से बचने का नाम रोज़ा है,जिस प्रकार हम बहुत सारे बुराई से इस माह में बचते हैं इसी प्रकार वर्ष के ग्यारह महीने भी हमें तमाम बुराइयों से बचना है,यह माह ट्रेनिंग लेकर आता है। रोज से कई बीमारी दूर भागती है,चिकित्सकों का भी कहना है कि स्वास्थ्य रहने के लिए मनुष्य को प्रत्येक माह कुछ रोज़ा (व्रत्त) जरूर रहना चाहिए।

       इस अवसर पर मुख्य अतिथि मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी इमाम ईदैन शाही जामा मस्जिद ज्ञानवाप,सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉ एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष महबूब आलम व अजय कुमार वर्मा, महासचिव एच हसन नन्हें, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, सचिव जावेद अख्तर, मौलाना अब्दुल्ला, अबुल वफ़ा अंसारी, मुख्तार अहमद, नसीमुल हक, मुहम्मद इकराम, हाफिज मुनीर, गुलाम मुनीर, हाजी नज़ीर, सुलेमान अख्तर, हाजी मोईउद्दीन, हाजी इकबाल, शमीम रज़ा, इम्तियाज इत्यादि थे।

सोमवार, 10 अप्रैल 2023

सजा Millat ka iftar


Varanasi (dil india live). दालमंडी स्थित सैयद अब्बास हुसैन के आवास पर मुर्तुजा अब्बास शमशी की कयादत में मिल्लत का इफ्तार सजा। रोजा इफ्तार दावत में वाराणसी के सभी धर्मों और मसलक के लोग उपस्थित हुए और अपने तरीके से इफ्तार दावत का लुत्फ उठाया। रमजान की 18 तारीख को तकरीबन 50 वर्षों से रोजा इफ्तार का कार्यक्रम यहां किया जाता है। इस कार्यक्रम में राघवेंद्र चौबे, आगा कमाल, प्रजा नाथ शर्मा, अतीक अंसारी, शांतनु राय, बच्चन अफजाल अंसारी, फरमान हैदर,  असलम खान, मोहम्मद सलीम, शकील अहमद जादूगर, डॉक्टर कबबन हुसैन, शकील अहमद, अनिल श्रीवास्तव अनु, एडवोकेट इकबाल हुसैन, हाजी इस्लाम आदि मौजूद थे। शुक्रिया सैयद अब्बास मुर्तजा फिरदौसी ने कहा। 

गुनाहों की माफी का बेहतरीन महीना है रमजान


बायोनेक फार्मास्यूटिकल प्रा लि की ओर से  संजय नगर कॉलोनी, काटन मिल में एक सामूहिक रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। शाम को अजान की सदा जैसे ही बुलंद हुई लोगों ने खजूर से रोजा इफ्तार की शुरुआत की। इफ्तार के बाद   मुफ्तिए शहर बनारस मुफ्ती अब्दुल बातिन्न साहब ने नमाज पढ़ाई, और उन्होंने मुल्क में गंगा जमुनी तहजीब व  मुल्क में अमन शान्ति के लिए दुआ भी कराई, उन्होंने कहा की रमजान एक मुकद्दस पाक महीना है अल्लाह ने हम सबको अपने गुनाहों की माफी का महीना दिया है ,इसकी हम सबको कदर करनी चाहिए, और बुराइयों से बचना चाहिए। बायोमेक के डायरेक्टर श्री फैयाज अहमद खान ने आए हुए तमाम लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।

   इस मौके पर इफ्तार पार्टी में मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अब्दुल वफ़ा अंसारी, जमीअतुल अंसार के सेक्रेटरी इशरत उस्मानी, प्रेसिडेंट डाक्टर रियाज अहमद, डाक्टर मोहम्मद आरिफ, डॉक्टर नसीम, डाक्टर मोहम्मद इब्राहिम, डॉक्टर अर्सलान, डॉक्टर आसिफ, डाक्टर एहतेशामुल हक, डाक्टर लियाकत, डॉक्टर नियमुतुल्लाह,मौलाना निजाम,मुख्तार अहमद,सभासद रमजान अली और सामाजिक कार्यकर्ता के साथ साथ इलाके के काफी लोग मौजूद थे।

रविवार, 9 अप्रैल 2023

World homoeopathic day (10 april)

मीठी गोलियां नहीं किसी से कम, बच्चों का नहीं फूलने देती दम

 • निमोनिया ही नहीं अन्य बीमारियों में भी कारगर है होम्योपैथी

 • बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने में भी होती है मददगार


Varanasi (dil india live). होम्योपैथ की नन्हीं-मिठी गोलियों को किसी से कम न आकिये। यह सिर्फ बड़ों में ही नहीं बच्चों की बीमारियों में भी बेहद कारगर होती हैं। बच्चों को निमोनिया होने पर होम्योपैथ की गोलिया पसली चलने से तो रोकती ही है उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने में भी मददगार होती हैं। होम्योपैथ की दवाएं रोगों को जड़ से खत्म करती है और उनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। होम्योपैथी के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. हैनीमैन के जन्मदिवस दस अप्रैल को हर वर्ष ‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ के रूप में मनाते हैं।

होम्योपैथी विभाग के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. मनीष त्रिपाठी बताते हैं कि होम्योपैथ की दवाएं संक्रामक के साथ ही गैर संक्रामक बीमारियों में भी असरकारी होती हैं। वैसे तो यह सभी के लिए उपयोगी है लेकिन बच्चों व महिलाओं के उपचार में होम्योपैथी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। वह बताते हैं कि मौसम में परिवर्तन के साथ ही छह माह से अधिक के शिशुओं में निमोनिया अथवा स्वांस से सम्बन्धित रोगों की समस्याएं अधिक होती हैं। इसके अलावा दांत निकलते समय भी उन्हें परेशानियां होती हैं। दस्त व उल्टी से भी वे अक्सर ही परेशान रहते हैं। बच्चों की इन सभी बीमारियों में होम्योपैथ बेहद ही असरकारी होता है। खास कर निमोनिया व स्वांस सम्बन्धित रोग होने पर बच्चों का दम नहीं फूलने देता है। वह बताते है कि छह माह से अधिक के बच्चों को चिकित्सक के परामर्श से अगर होम्योपैथ की दवाएं दी जाएं तो वह उनके इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार होती है। इससे बच्चे स्वस्थ तो रहते ही है जल्दी बीमार भी नहीं पड़ते है।

डॉ. मनीष बताते हैं कि होम्योपैथ के प्रति लोगों का झुकाव कितनी तेजी से बढ़ा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में स्थिति होम्योपैथ के कुल 15 राजकीय होम्योपैथ चिकित्सालयों में एक वर्ष के भीतर दो लाख  से अधिक मरीज देखे जा चुके हैं। इनमें 30 प्रतिशत बच्चे व 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल रही। होम्योपैथ के ये राजकीय होम्योपैथ चिकित्सालय हरहुआ, मुनारी, ह्दयपुर, हिरामनपुर, गोबरहां, नैपुरकला, सीओ, सुल्तानीपुर, कैथी, कोटवा, महगांव के अलावा भेलूपुर, रामनगर, राजघाट व पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय पाण्डेयपुर में हैं। 

डॉ.  मनीष के अनुसार एलोपैथ, आयुर्वेद तथा प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की ही तरह होम्योपैथी की भी अपनी अलग विशेषताएं हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण आज होम्योपैथी विश्वभर में 100 से भी अधिक देशों में अपनाई जा रही है। वह कहते हैं कि होम्योपैथ की दवाओं के बारे में आम तौर पर गलत धारणा है कि इनका असर रोगी पर धीरे-धीरे होता है लेकिन इस चिकित्सा प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह रोगों को जड़ से दूर करती है और इन दवाओं के साइड इफेक्ट भी नहीं के बराबर होते हैं।

Ramadan Mubarak : 17

दिलों को जोड़ने का ज़रिया हैं रमजान के रोज़ा 


Varanasi (dil india live)। मुकद्दस रमज़ान का रोज़ा दिलों को जोड़ने का ज़रिया हैं। माहे रमज़ान हिन्दू-मुस्लिम एकता और सौहार्द की मिसाल है। रमजान के रोज़े के बहाने एक दस्तरखान पर दोनों कौम के लोग एक-दूसरे के नज़दीक आते हैं। मुस्लिम कल्चर और तहज़ीब में वो टोपी, कुर्ता पहन कर इस तरह से घुल मिल जाते हैं कि उनमें यह पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कौन मुस्लिम है या कौन हिन्दू। यही नहीं बहुत से ऐसे हिन्दू हैं जो रोज़ा रखते हैं, बहुत से ऐसे गैर मुस्लिम है जो रोज़ा रखने के साथ ही साथ मुस्लिम भाईयों को रोज़ा इफ्तार की दावत देते हैं। ये सिलसिला रमज़ान के बाद बंद नहीं होता बल्कि ये पूरे साल किसी न किसी रूप में जारी रहता है, चाहे वो ईद हो बकरीद हो, दशहरा, दीपावली व होली आद।, इन त्योहारों को तमाम लोग एक साथ मनाते हैं। पता ये चला कि हक़ की जिन्दगी जीने की रमज़ान हमे तौफीक देता है। आखिर क्या वजह है कि रमज़ान में ही इतनी इबादत की जाती है? दरअसल इस महीने को अल्लाह ने अपना महीना करार दिया है, रब कहता है कि 11 महीना बंदा अपने तरीक़े से तो गुज़ारता ही हैतो एक महीना माहे रमज़ान को वो मेरे लिए वक्फ कर दे। यही वजह है कि एतेकाफ से लेकर तमाम इबादतों में सोने को भी रब ने इबादत में शामिल किया है। ऐ मेरे पाक परवर दिगारे आलम, तू अपने हबीब के सदके में हम सब मुसलमानों को रोज़ा रखने, दीगर इबादत करने, और हक की जिंदगी जीने की तौफीक दे और हम सबकी हर नेक तमन्ना व जायज़ ख्वाहिशात को पूरा कर दे..आमीन।

         जुबैर अहमद

(सामाजिक कार्यकर्ता, वाराणसी)

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...