रविवार, 9 अप्रैल 2023

Ramadan help line: एतेकाफ फर्ज़ है या वाजिब

आपके सवालों का जवाब दे रहे हैं उलेमा 


Varanasi (dil india live)। रमज़ान हेल्प लाइन में शरीफ खां ने फोन किया हुकुलगंज से, मुफ्ती साहब एतेकाफ रखना फर्ज़ है या वाजिब? उलेमा ने कहा कि एतेकाफ न फर्ज है और न ही वाजिब, बाल्कि एतेकाफ सुन्नते कैफाया है। हाजी इब्राहिम ने सरैया से फोन किया, एतेकाफ का मायने क्या हैं? एतेकाफ के बारे में खास जानकारी दें। उलेमा ने कहा कि एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत में बैठना या खुद को अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना है। 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ कर देते है जिसका नाम एतेकाफ है। एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानी मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार होगा और पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। 

रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।

इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई

9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

Google search engine में देखें ईस्टर की कहानी

जब Yeshu मौत को मात देकर जी उठे 



aman

Varanasi (dil india live) Easter कि कहानी गूगल सर्च इंजिन में मौजूद है। आप अगर ईस्टर की जानकारी नहीं रखते हैं और जानकारी लेना चाहते हैं तो यह लेख पढ़  और ज्यादा जानना चाहते है तो Google search engine में खोजें। यूं तो ईस्टर जानने के लिए गुड फ्राइडे को जानना भी जरूरी है। दरअसल ईसा मसीह के चमत्कारों से डरकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें यरुशलम के पहाड़ पर घोर यातनाएं देकर क्रूस पर चढ़ा दिया था। क्रूस पर चढ़ाया जाने वाला दिन शुक्रवार था। दुनिया को पापों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रभु यीशु ने अपना बलिदान दिया था इसलिए इस दिन को पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे कहा जाता है।

ऐसी मान्यता है कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद प्रभु यीशु फिर जीवित हो उठे थे। बाइबल के मुताबिक, रोमी सैनिकों ने ईसा को कोड़ों से मारा। उनके सर पर कांटों का ताज सजाया और उन पर थूका। पीठ पर अपना ही क्रॉस उठवा कर, उन्हें उस पहाड़ी पर ले जाया गया, जहां उसी क्रॉस पर उन्हें लटका दिया गया। ईसाई धार्मिक ग्रन्थ के अनुसार, सूली पर लटकाए जाने के तीसरे दिन यीशु दिन जी उठे थे। इसी की खुशी में ईस्टर दिवस या ईस्टर रविवार मनाया जाता है। परंपरागत रूप से यह पर्व 40 दिनों तक चलता है जो ईस्टर संडे के दिन ख़त्म होता है। गुड फ्राइडे को लोग जहां शोक मनाते हैं, वहीं ईस्टर पर खुशियां लौट आती हैं। ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन ईस्टर लंच का आयोजन भी किया जाता है।

ईस्टर पर लौटती है खुशियां

हजारों साल पहले इंसानियत के दुश्मनों ने प्रभु यीशु को क्रूस पर लटका दिया था। हर कोई इस क्रूर हादसे से सहम गया। शुक्रवार को हुए इस हादसे के बाद अचानक रविवार यानी ईस्टर को प्रभु यीशु फिर से जी उठे। मातम की घडि़यां खत्म हुई और हर तरफ खुशियों की लहर दौड़ गयी। प्रभु जी उठे हैं। अब हमारे दुखों का अंत होगा। कहीं भी कोई रोता बिलखता नहीं दिखेगा। हर किसी के मन में ऐसे ही जज्बातों का समंदर उमड़ता दिखता है।

आराधना में जुटे मसीही 

ईस्टर संडे को चर्जेज में स्पेशल प्रेयर का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में मसीही समुदाय के लोग शामिल हुए। वे सुबह सुबह अपने हाथों में कैंडिल लेकर चर्च पहुंचे और वहां प्रेयर किया। सेंट मेरीज महागिरजा बिशप यूजीन जोसेफ, लाल गिरिजा में पादरी संजय दान, सेंट पाल चर्च सिगरा में पादरी सैम जोशुआ सिंह, सेंट थॉमस चर्च गौदोलिया में पादरी न्यूटन स्टीवन, बेथेलफुल गोस्पल चर्च में पास्टर एंड्रू थामस, ईसीआई, चर्च सुंदरपुर में पास्टर नवीन ज्वाय व पास्टर दशरथ पवार, चर्च आफ बनारस में पास्टर बेनजान, रामकटोरा चर्च में पादरी आदित्य कुमार ने आराधना करायी और ईस्टर के महत्व पर प्रकाश डाला। तेलियाबाग चर्च, फातेमा चर्च, सेंट फ्रांसिस आफ असीसी चर्च सहित अन्य चर्चेज में भी प्रार्थना सभा का खास आयोजन किया गया। घरों और चर्चेज में लोगों ने प्रभु के जी उठने की खुशी में एक से बढ़कर कैरोल गाया। मसीही समुदाय के लोग अपने प्रियजनों की कब्रों पर श्रद्धा के फूल भी अर्पित करते दिखाई दिए।

मध्यरात्रि से ही शुरू हुआ जश्न 

प्रभु यीशु के जी उठने की खुशी में चर्चेज से लेकर घरों तक आकर्षक सजावट की गयी है। हर तरफ लोग खुशियां मनाते-बांटते दिखेंगे। सडे को जहा ईस्टर बन व एग खिला कर लोग एक दूसरे को मुबारकबाद देते दिखाई दिए, वही ईस्टर का जश्न सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम चर्चेज में भी यीशु के जी उठने कि खुशी में मध्यरात्रि से ही शुरू हो गया।। बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में फेस्टिवल का उत्साह दिखाई दिया। 

शनिवार, 8 अप्रैल 2023

Dav pg College में मी टू पर व्याख्यान में बोली डॉ. अरूंधति

मी टू छवि खराब करने का मंच नहीं, एक आन्दोलन 



Varanasi (dil india live)। डीएवी पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में संचालित जेन्डर एवं सोसाइटी कोर्स के अन्तर्गत शनिवार को समसामयिक लैंगिक विमर्शः मी टू से जुड़े मिथकों पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता एमिटी विश्वविद्यालय, पटना में अंग्रेंजी विभाग की असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. अरूंधति शर्मा ने मी टू सिर्फ एक शब्द नही है और ना ही यह किसी शख्शियत की छवि को खराब करने का जरिया बल्कि यह एक आन्दोलन है जिसका उद्देश्य समाज में सफेदपोश का नकाब ओढ़कर अनैतिक कृत्य को अंजाम देने वालो को बेनकाब करना है।

समाज में यह भ्रान्ति फैल गयी है कि मी टू आन्दोलन सिर्फ पुरूषों को बदनाम करने के लिए चलाया जाता है बल्कि वास्तविकता इससे उलट है। मी टू केवल महिलाओं की आवाज तक सीमित नही है, इस मंच का प्रयोग पुरूष भी अपने विरूद्व हुए लैंगिक उत्पीड़न के लिए करते है। डॉ. अरूंधति ने यह भी कहा कि हालांकि मी टू आन्दोलन उन महिलाओं के लिए बड़ा हथियार बन पाया जो समाज में सार्वजनिक रूप से अपने विरूद्ध हुए उत्पीड़न को व्यक्त नही कर सकती थी।

अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रमादित्य राय ने कहा कि आरंभ से ही मी टू को महिलाओं से ही जोड़ कर देखा गया है, यह सिर्फ एकपक्षीय आवाज नही है वरन पुरूष भी इस मंच का भरपूर इस्तेमाल कर रहे है। संचालन डॉ. सुष्मिता शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नेहा चौधरी ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. हसन बानो, डॉ. सुषमा मिश्रा सहित अन्य अध्यापक, शोधार्थी, एवं छात्र - छात्राएं शामिल रहे।

Ramadan जरुरतमंदों बेसहारों की मदद का महीना

Ramadan Mubarak:16

रमजान अपने भीतर समेटे हुए है बहुत सारी खुशियां और खूबियां 


Varanasi (dil india live)। इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान अपने भीतर बहुत सारी खुशियां और खूबियां समेटे हुए है। मुस्लिम वर्ग इस माहे रमज़ान को परम पवित्र मानता है। मुसलमानों के अकीदे (विश्वास) के अनुसार इसी माह मुसलमानों को सबसे पवित्र किताब कुरान मिली। रमज़ान का महीना चांद के हिसाब से कभी 29 व कभी 30 दिनों का होता है। कुरान के सूरा 2 आयत 183,184 में है की हर मोमिन को इस पाक महीने में अहले सुबह से लेकर शाम तक सूरज डूबने तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही रहती है इस माह अल्लाह रोजेदारों वह इबादतगारो की हर मुराद को अन्य दिनों की बनिस्बत जल्दी पूरी करता है। इस पवित्र माह में गुनाहों से बख्शीश मिलती है यह महीना समाज के गरीब बेसहारा जरूरतमंदों के साथ हमदर्दी का है। इस् माह रोजेदारों को बेशुमार नेयमते मिलती है, इस महीने तमाम गुनाह माफ होती है। यह महीना मुसतहक लोगों की मदद का महीना है। रमजान के ताल्लुक से हमें बेशुमार हदीसे मिलती है लेकिन क्या हम इस पर अमल करते हैं। जब अल्लाह की राह में देने की बात आती है तो हमें कंजूसी नहीं करनी चाहिए अल्लाह की राह में खर्च करना अफज़ल है। जकात, फितरा,  खैरात जरूरतमंदों की मदद करना जरूरी है। अपनी जरूरीयात को कम कर दूसरों की जरुरीयात को पूरा करना इस माहे मुबारक कि ही तालीम हैैै।माहे रमज़ान में तमाम मोमिनीन इबादतो के ज़रिये अपने गुनाहों को माफ करा कर नेकियों में शामिल हो जाता है। यह महीना बुरी बातो से बचने, नेकी के रास्ते पर चलने कि तमाम लोगो को दावत देता है, अब हमारे उपर है कि हम इस माहे मुबारक का कितना फायदा उठाते है, कितना नेकी कि बातो पर हम सब अमल करते है। मौला हर मुसलमान को नेकी कि राह दिखा…आमीन।

सै० सबील हैदर वाराणसी

    (नेशनल फुटबालर)

रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाई के लिए उलेमा मौजूद है, इन नम्बरों पर करे सम्पर्क: 9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

शुक्रवार, 7 अप्रैल 2023

Hajj 2023 मेडिकल और फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए उमड़ी भीड़


Varanasi (dil india live). पूर्वांचल हज सेवा समिती के महासचिव अदनान ख़ान ने बताया कि हर आजमीने ए हज  को हज कमेटी आफ इंडिया के सर्कुलर के मुताबिक़ हर आजमीने ए हज को अपना मेडिकल screening and fitness सर्टिफिकेट किसी सरकारी मेडिकल आफिसर ( allopathic) से जो हज कमेटी आफ इंडिया ने जारी किया है को बनवाया जाना है,  जिसके लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति दोनों केंद्रों पर काफी भीड़ देखने को मिली।

जनता सेवा हॉस्पिटल रेवड़ी तालाब मदनपुरा मे डॉ. गुलरेज़ आलम खां, जामिया हॉस्पिटल पिलीकोठि गोलगड्डा में डॉ. राशिद जमाल अंसारी ने सुबह 9 बजे से 12 बजे दोपहर तक चिकित्सकों की टीम के साथ ने हाजियों की स्वास्थ की जाँच की और फिटनेस् सर्टिफिकेट जारी किया गया l

कैंप में पूर्वांचल हज सेवा समिति के नायब सदर हाजी ज़ुबैर अहमद, मौलाना रियाज़, अब्दुल अहद, अयाज़, तलत महमूद, तारिक हसन बब्लू, अख्तर, पप्पू मेडिकल, राजू, सोहेल, आसिफ, आदि लोग हाजियों की मदद मे लगे रहे l

Good Friday2023: ईसा के क्रूस पर दिए वचनों को फिर दोहराया गया

पुण्य शुक्रवार, यीशु के बलिदान को किया याद 









Varanasi (dil India live)। हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में अर्पण करता हूं...।

हे पिता इनको क्षमा कर, क्योंकि यह नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं...। गुड फ्राइडे पर शुक्रवार को प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए ऐसे ही सात वचन जब फिज़ा में गूंज उठे तो मसीही समुदाय के लोगों की पलकें भींग गई। जहां प्रोटेस्टेंट वर्ग की ओर से पुण्य शुक्रवार को विशेष आराधना के साथ ही क्रूस पर दिए ईसा मसीह के अंतिम सात वचनों को दोहराया गया वहीं उसे अपनी जिंदगी में उतारने कि सभी न प्रतिज्ञा की। वाराणसी धर्म प्रान्त कि ओर से प्रभु यीशु के बलिदान को याद करने के लिए गुड फ्राइडे पर क्रूस मार्ग की यात्रा निकाली गई।

पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी इस पवित्र मौत का आज मसीही समुदाय स्मरण कर अपनी आंखें नम करता दिखा। 

कैंटोंमेंट स्थित सेंट मेरीज कैथड्रल में क्रूस यात्रा निकाली गई जिसमें प्रभु यीशु को मौत के पूर्व दी गई कठोर सजा व क्रूस पर चढ़ाए जाने का नाट्य द्वारा प्रदर्शन किया गया। यीशु को जो अमानवीय यातनाएं दी गईं थी उसका संजीव चित्रण देख लोग सहम उठे। वहां मौजूद हर शख्स की आंख से आंसू छलक उठा। शांति और प्रेम के लिए प्रभु यीशु के बलिदान को मसीही समुदाय ने गुड फ्राइडे के तौर पर याद किया। वाराणसी के बिशप यूजीन जोसेफ ने इससे पहले विशेष प्रार्थना की।  

सजा से मरण तक कि झांकी 

कैथोलिक ईसाई समुदाय की ओर से सेंट मेरीज महागिरजा में बिशप की अगुवाई में प्रभु यीशु मसीह के क्रूस मरण की गाथा का मंचन किया गया। इस दौरान उन्हें सजा दिए जाने से लेकर क्रूस मरण तक का सजीव नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन पल्ली पुरोहित ने किया। इस दौरान मसीही समुदाय का हुजूम वहां जुटा हुआ था।

सुबह से ही जुटने लगे क्रिश्चियन 

 सुबह से ही गुड फ्राइडे पर चर्चेज में लोगों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। सुबह प्रोटेस्टेंट मसीही समुदाय की आराधना शुरू हुई। इस दौरान पादरियों ने क्रूस पर दिए प्रभु के सात दिव्य वचन पढ़े, जिनको की गुड फ्राइडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। 

यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लिया। पादरी सैम जोशुआ व पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि मौत के दिन को गुड फ्राइडे इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसी दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन, रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

ऐसे ही लाल गिरजा में पादरी संजय दान, बेटेल फुल गास्पल चर्च में पादरी एंड्रू थामस, सीआई चर्च में पादरी दशरथ पवार, पादरी नवीन ज्वाय, विजेता प्रेयर मिनीस्ट्रीज में पादरी अजय कुमार व पास्टर एसपी सिंह ने प्रार्थना सभा को संबोधित करते हुए प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए सात वचन पढ़े।

Ramadan help line:रमज़ान में फितरा कितना निकाला जाना चाहिए है?

खजूर, किशमिश, मुनक्के पर भी निकाल सकते हैं फितरा


Varanasi (dil india live)। रमज़ान में फितरा कितना निकाला जाना चाहिए है? यह सवाल कसीम ने लल्लापुरा से किया। जवाब में उलेमा ने कहा कि 2 किलो 45 ग्राम वो गेंहू जिस क्वालिटी का मोमिनीन खाने में इस्तेमाल करते है उस के हिसाब से एक आदमी को अपना फितरा निकालना है। इसका खास ध्यान रखने की ज़रुरत है कि हम किस क्वालिटी का गेंहू खाते हैं। मसलन आप अगर 30 रुपये किलों का गेंहू खाते हैं तो यह रकम तकरीबन 65 रुपये आती है। कबीर ने रामनगर से फोन किया कि गेंहू के अलावा और भी कुछ निकाला जा सकता है? इस पर उलेमा ने कहा कि जो अमीर है वो जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का जिस क्वालिटी का खाते हैं उस पर भी फितरा दें तो ज्यादा अफज़ल होगा। क्यों कि गेंहू सबसे सस्ता है, जो लोग केवल गेहूं पर डिपेंड है उनके लिए तो ठीक है मगर जो अमीर है, जौ, खजूर, किशमिश व मुनक्का भी लगातार इस्तेमाल करते हैं उन्हें चाहिए कि इसमें से किसी एक के बराबर फितरा निकाल कर गरीब को ईद की नमाज़ के पहले अदा कर दें। रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।

इन नम्बरों पर होगी आपकी रहनुमाई

रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाईके लिए उलेमा मौजूद हैं। मोबाइल नम्बर-: 9415996307, 9450349400, 9026118428,  9554107483

38000 Students को राहत देने की टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की मांग

कामिल व फाज़िल मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाए-हाजी दीवान साहेब ज़मा - मदरसा नियमावली से अगे बढ...