बुधवार, 5 अप्रैल 2023

Good Friday 2023: yeshu के सात वचनों से फिर गूंजेंगे गिरजाघर

फिर पढ़ें जाएंगे क्रूस पर दिए प्रभु यीशु के सात वचन 

Good Friday 7 को, जानिए क्यों मनाया जाता है Good Friday


Varanasi (dil india live). Good Friday (पवित्र शुक्रवार 2023)  गुड फ्राइडे या पवित्र शुक्रवार ईसाई धर्म का दूसरा प्रमुख त्योहार है। इस बार यह पर्व 7 अप्रैल 2023 को देश दुनिया में मनाया जाएगा। Good Friday (पवित्र शुक्रवार) के दिन ईसा मसीह को जहां मृत्यु दंड के उपरांत क्रूस पर लटकाया गया था। वहीं ईसा मसीह ने मौत को गले लगाते हुए भी क्रूस पर सात वचन दिए। यहां तक कि उन्होंने अपने दुश्मनों के लिए भी प्रार्थना कि और कहा कि, ऐ प्रभु इन्हें क्षमा करें, क्यों कि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं...।

क्या है ईसा और क्रूस की दास्तां 

अब जिज्ञासा हो सकती है कि ईसा मसीह को क्रूस पर क्यों लटकाया गया? इस संदर्भ में कहा जाता है कि, यहूदियों के कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को ईसा मसीह की प्रसिद्धि से डर सताने लगा था। इसलिए वो ईसा मसीह के विरोधी हो गये। ईसा मसीह खुद को ईश्वर का पुत्र बताते थे लेकिन यहूदी धर्म गुरुओं को ईसा में मसीहा जैसा कुछ नहीं दिखता था। इसलिए उन धर्म गुरुओं को यह बात बहुत खलती थी कि ईसा अपने को ईश्वर का पुत्र कहते हैं। ऐसे धर्म गुरुओं ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से ईसा मसीह की शिकायत की और ईसा को धर्म एवं राष्ट्र के लिए खतरा बताया। कट्टरपंथियों, यहूदियों द्वारा क्रांति फैलाए जाने के भय से रोमन गवर्नर पिलातुस ने ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने की सजा सुना दी।

यहां तक कि सजा सुनाए जाने के बाद रोमन सैनिकों ने ईसा मसीह पर कोड़े बरसाए। उन्हें कई तरह की यातनाएं दी गई, अपमानित किया गया। अंत में फ्राइडे के दिन उन्हें क्रूस पर टांग दिया। फादर चंद्रकांत कहते हैं कि इतनी पीड़ा और अपमान सहने पर भी ईसा मसीह विचलित नहीं हुए। उन्होंने अंतिम समय में भी सभी के लिए दुआएं मांगी और सभी के पापों को अपने ऊपर ले लिया। इस दौरान उन्होंने क्रुस पर सात वचन लिए। इन्हीं सात वचनों को गुड फ्राइडे के दिन चर्चेज में पादरी पढ़ते हैं। 

फिर पुनः जी उठे प्रभु यीशु

मृत्यु के बाद ईसा मसीह फिर 3 दिन बाद जीवित हो उठे। कब्र के विशाल पत्थर, जिन्हें सील किया गया था, अपने आप पत्थर हट गये। इस घटना ने उनके शिष्यों में गजब कि ऊर्जा भर दी। ईसा मसीह के प्रति उनका विश्वास और बढ़ गया। उन्होंने अपने शिष्यों से मिलकर उन्हें धर्म के प्रचार का संदेश दिया और फिर 40 दिन बाद स्वर्ग चले गए। ईसा मसीह के 12 शिष्यों ने ईसा मसीह के जाने के बाद ईसा मसीह के संदेशों का प्रचार प्रसार किया।

ईसा मसीह ने कभी किसी के लिए बुरा नहीं चाहा। उनके लिए भी नहीं जिन्होंने उन्हें मृत्युदंड और यातनाएं दी। इसलिए उनके अनुयायी उस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाते हैं जिस दिन उन्हें सूली पर लटकाया गया था। गुड फ्राइडे को सेंट मेरीज़ महागिरजा घर में क्रूस का रास्ता और आराधना संग नाट्य का मंचन भी किया जाएगा।

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

Hajj 2023: अब hajj कि एडवांस रकम 12 अप्रैल तक करें जमा


Varanasi (dil india live). हज 2023 के लिए आजमीन-ए-हज को एडवांस रकम 81800/- जमा करने कि तारीख 7.4.2023 से बड़ा कर 12.4.2023 तक और काग्ज़ात जमा करने की 14.4.2023 तक कर दिया गया है l

 पूर्वांचल हज सेवा समिति के महा सचिव अदनान ख़ान ने बताया कि अब हर आजमीने ए हज  को हज कमेटी आफ इंडिया के सर्कुलर नम्बर 7 व 8 के अनुसार अपनी एडवांस रकम 81800 /- हज कमेटी आफ इंडिया के खाते में बैंक रेफरेंस नम्बर का हवाला देकर  SBI/UBI के जरिए जमा करना होगा। इसके अलावा हर आजमीने ए हज को अपना मेडिकल स्क्रीनिंग (screening and fitness) और फिटनेस सर्टिफिकेट किसी सरकारी मेडिकल आफिसर ( allopathic) से जो हज कमेटी आफ इंडिया ने जारी किया है को बनवाया जाना है। हर आजमीने ए हज को अपनी एडवांस किस्त 81800 रुपए जमा करना होगा।

यह रूपया एसबीआई/ यूबीआइ(SBI/UBI) बैंक के जरिए हज कमेटी आफ इंडिया (Haj Committee of India) के एकाउंट में ओनलाइन या ओफलाइन 12 अप्रैल तक जमा कर दे l

Ramadan help line: सवाल आपके, जवाब दे रहे हैं उलेमा

ज़कात और खैरात में क्या फर्क है


Varanasi (dil india live)। ज़कात और खैरात में क्या फर्क है? गैर मुस्लिम को जकात दिया जा सकता है? पुुरानाापुल के वकील के इस सवाल पर मुफ्ती बोर्ड के उलेमाओ ने जवाब दिया कि ज़कात मज़हबी टैक्स है इसलिए उसे अपने ही मज़हब के साहिबे निसाब को दिया जाना चाहिए। ज़कात गैर मुस्लिम को नहीं दिया जा सकता, जबकि खैरात मुस्लिम व गैर मुस्लिम दोनों को दिया जा सकता है।

 ईद का चांद अगर कोई ख्वातीन देखे तो क्या वो चांद कमेटी के सामने गवाह बन सकती है? यह सवाल था कोयला बाजार से उममे कुलसुम का। जवाब में उलेमा ने कहा कि ख्वातीन अगर चांद देखती है तो वो गवाह हो सकती है। ईद के चांद के लिए हुक्म है कि कम से कम दो लोग गवाह हों। अगर एक ही ने देखा तो वो गवाह नहीं हो सकती चाहे वो मर्द हो या ख्वातीन। अगर दो ख्वातीन ने चांद देखा है तो गवाह बन सकती है। 

रमज़ान हेल्प्लाइन में आये सवालो का जवाब दिया मुफ्ती बोर्ड के सदर मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानम जान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने।

इन नम्बरों पर होगी आपकी रहनुमाई

इन नम्बरों पर बात करके आप अपनी दुश्वारी का हल निकाल सकते हैं। मोबाइल नम्बर ये है- 9415996307, 9450349400, 9026118428,  9554107483

Ramadan Mubarak -12

Ramadan में तरावीह हर मोमिन को अदा करना ज़रुरी


Varanasi (dil india live)। मुकद्दस रमजान इबादतों और नेकी का महीना है। इस पूरे महीने जिस तरह से मोमिन को रोज़ा रखना ज़रूरी है वैसे ही उसे तरावीह की नमाज़ भी अदा करना ज़रुरी होता है। रोज़ा फर्ज़ है और तरावीह सुन्नत। इसके बावजूद तरावीह अदा करना इस्लाम में बेहद ज़रूरी करार दिया गया है, इसलिए कि तरावीह नबी-ए-करीम को बेहद पसंद थी। 

रमज़ान को इबादत का महीना माना जाता है और इस महीने की बहुत अहमियत है। इस  मुकददस महीने में मुसलमान महीने भर रोजे (व्रत) रखता है। पांच वक्त की नमाज और नमाजे-तरावीह अदा करता हैं। कुछ मस्जिदों में तरावीह 4 दिन कि तो कहीं 6 दिन तो कहीं 15 दिन में अदा की जाती है। उलेमा कहते हैं कि अगर किसी ने 4 दिन की तरावीह या 15 दिन की तरावीह मुकम्मल कर ली तो वो ये न सोचे कि तरावीह उसकी हो गई। उलेमा कहते है कि तरावीह पूरे महीने अदा करना ज़रूरी है। तरावीह चांद देखकर शुरू होती है और चांद देखकर ही खत्म होती है। तरावीह में पाक कुरान सुना जाता है। अगर किसी ने 4 दिन, 7 दिन या 15 दिन या जितने भी दिन की तरावीह मुकम्मल की हो उसे सुरे तरावीह महीने भर यानी ईद का चांद होने तक अदा करना चाहिए।

दुआएं होती है कुबुल  

रमज़ान में देश दुनिया में अमन के लिए दुआएं व तरक्की के लिए दुआएं मांगी जाती है। 

दरअसल रमजान का पाक महीना इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इस पाक महीने में लोग इबादत करके अपने रब का जहां शुक्रिया अदा करते हैं वहीं इस महीने में दुआएं कुबुल होती है।

क्या होती है तरावीह

 रमजान में मोमिन दिन में रोज़ा रखते हैं और रात में तरावीह की नमाज़ अदा करते है। यह नमाज़ बीस रिकात सामूहिक रुप से अदा की जाती है। इस नमाज को कम से कम 3 दिन ज्यादा से ज्यादा 30 दिन में पढ़ा जाता है जिसमें एक कुरान मुकम्मल की जाती है। खुद पैगंबर हुजूर अकरम सल्लललाहो अलैह वसल्लम ने भी नमाज तरावीह अदा फरमाई और इसे पसंद फरमाया।

     सरफराज अहमद

(युवा पत्रकार, वाराणसी)

सोमवार, 3 अप्रैल 2023

Tirthankar mahavir k त्रयोदशी पर निकली भव्य शोभायात्रा





Varanasi (dil india live). जीयो और जीने दो एवं अहिंसा का सन्देश देने वाले जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर श्री 1008 भगवान महावीर का 2622 वां त्रयोदशी महोत्सव श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में सोमवार  को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। भगवान महावीर को चांदी के रथ पर विराजमान कराया गया। 

इस दौरान कंही चैती तो कही सामूहिक भक्ति नृत्य की प्रस्तुती हुई। तीर्थंकर महावीर त्रयोदशी की भव्य शोभायात्रा प्रातः 8:30बजे श्री दिगम्बर जैन मन्दिर मैदागिन मंगल ध्वनि एवं पुष्प बर्षा के साथ निकाली गई। तीर्थंकर को बडे रथ पर विराजमान कर रथयात्रा मैदागिन से प्रारम्भ होकर बुलानाला, नीचीबाग, चौक, ठठेरी बाजार होते हुए सोराकुआ पहुंची। चैत्र शुक्ल तेरस त्रयोदशी को पड़ने वाली तीर्थंकर जन्म कल्याणक पर धन-धन चैत की तेरस रामा भये महावीरा व भजनो की प्रस्तुती हुई। 

जिस सुसज्जित विशाल रथ पर अराध्य देव विराजमान थे उसे भक्तगण स्वयं खींच रहे थे। रथयात्रा में राजस्थान से आई भजन मंडली व महिलाओ द्वारा धार्मिक भजन किये जा रहे थे। शोभा यात्रा में ध्वज पताका, अहिंसा परमो धर्म का बैनर, समाज का बैनर चल रहा था। कई बैन्ड पार्टीयो द्वारा धार्मिक धुने बजाकर माहौल को भक्तिमय बनाया जा रहा था। छोटे-छोटे बच्चे घोडो पर सवार होकर चल रहे थे। भारी संख्या में महिलाए संगठित होकर सजे परिधानों में सामूहिक एवं भक्ति नृत्य कर अपनी आस्था प्रकट कर रही थी। रथयात्रा में बडा रजत हाथी, चंवर गाड़ी, धूप गाड़ी, झंडी गाड़ी, रजत नालकी सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। इन्द्रगण भगवान को चंवर डोला रहे थे। पुरूष पारम्परिक वेश में केशरिया दुपट्टा ओढे भगवान महावीर के सन्देशो का गुणगान, उदघोष कर नगर को गुंजायमान कर रहे थे। 

लोग रास्ते में पुष्प बर्षा के तीर्थंकर की आरती व शोभायात्रा का स्वागत कर रहे थे। कई सामाजिक संस्थाओ द्वारा शोभायात्रा का रास्ते भर स्वागत भी किया गया। सोराकुआ पर आयोजित चैती के बाद तीर्थंकर महावीर के विग्रह को इन्द्रों ने बड़े रथ पर से उतारकर रजत नालकी पर विराजमान कराकर नालकी को अपने कन्धे पर उठाकर जय-जय जिनेन्द्र देव की भव सागर नाव खेव की का उदघोष करते हुए ग्वाल दास साहू लेन स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती शीशे वाला मन्दिर पहुंचे। वंहा जन्म कल्याणक की खुशी में प्राचीन परम्परागत बधाई गीतो की प्रस्तुती हुई। शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच घन्टा-घडिय़ाल, ढोल, मंजीरे के साथ तीर्थंकर को रजत पाण्डुक शिला विराजमान कराकर इन्द्र के रूप में भक्तो ने 108 रजत कलशों से पंचाभिषेक एवं विशेष पूजन अर्चन किया। 

वंही नरिया स्थित जैन मंदिर में भगवान महावीर की दिव्य विशाल प्रतिमा अभिषेक पूजन प्रातः किया। ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर में सायंकाल भगवान महावीर का जन्म कल्याणक झूलनोतसव एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। 

आयोजनों में प्रमुख रूप से सभापति दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, संजय जैन, विनोद जैन, आर सी जैन प्रधान मन्त्री अरूण जैन, समाज मन्त्री तरूण जैन, विनय जैन, भूपेंद्र जैन, प्रदीप जैन, सौमित्र जैन, सौरभ जैन आलोक जैन श्री मति प्रमिला सांवरिया, आशा जैन, उषा रानी जैन उपस्थित थी।स्वागत संयोजक द्वय रत्नेश जैन एवं राजेश भूषण जैन ने किया। 

Nima Varanasi की ओर से सामूहिक रोज़ा इफ्तार पार्टी

सैकड़ों चिकित्सकों ने किया मिल्लत की इफ्तार


Varanasi (dil india live). अमृत महोत्सव के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों की कड़ी में एनआई एम ए (nima) वाराणसी ब्रांच एवं यूनानी फोरम की ओर से चिकित्सकों द्वारा सामूहिक रोजा अफ्तार का आयोजन nima भवन, शिवपुर में आयोजित किया गया।

जिसमें लगभग 100 से अधिक डाक्टरों ने सौहार्दपूर्वक माहौल में रोजा खोला। नीमा भवन में ज्यों ही अज़ान की सदा डॉक्टर अब्दुल कलाम ने दिया तो सभी ने एक साथ बैठ कर रोजा इफ्तार किया। हिंदू मुस्लिम दोनों ने गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश की। इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज़ में खुदा से सभी लोगों ने अमन शांति के लिए दुआ मांगी और प्राकृतिक आपदा जैसी बीमारियों से निजात के लिए भी दुआ की गई।

     इफ्तार में मुख्य रूप से डॉ फैसल रहमान, डॉ एम ए अजहर, डॉ सलीलेश मालवीय, डॉ अरशद और डॉ विनय पांडे के संयोजन में इफ्तार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर डॉ अरुण गुप्ता, डॉ योगेश्वर सिंह, डा आर के यादव, डा ए के सिंह, डा दिनेश कुमार,डा समीर राठौर, डॉ मुख्तार अहमद, डा नसीम अख्तर, डॉ सगीर अशरफ, डा शहरयार, डा मुबीन अख्तर, डा एहतेशामुल हक, डा शब्बीर, डा जावेद, डा अशफाकुल्लाह, डा बी एन रोकी, डा खालिद, डा अनिल प्रकाश, डा अनिल गुप्ता, डॉ खुर्शीद, 

डॉ पी एस पांडे, डा वाई के मिश्रा, डा विनोद सिंह, डा प्रदीप पांडे, डा एस आर सिंह, डा के एन झा, डा गांगुली, डा एच एन सिंह, डा मंगला प्रसाद, डा डी एन सिंह, डा मुशुरुद्दीन, डॉ बेलाल, डा इकबाल, डा सलीम, डा इरफान,डा मौर्या, डा के के पांडे , डा पी सी गुप्ता, डा जे एन गुप्ता, डा जे पी गुप्ता,डा नियमतुल्लाह, डा राम सिंह, डा कलीम, डा पी एस पांडे, डा आर बी वर्मा, डा सी एल वर्मा, डा संदीप पाण्डेय, डा एस आर गुप्ता, डा ए डी गुप्ता, डा सुमन बरनवाल, डा प्रियंका जयसवाल,आदि उपस्थित थे।

मस्जिद बख्शी जी में namaz-e-taravih mukammal



Varanasi (dil india live). आज बख्शी जी की मस्जिद आंध्रपुल में तरावीह मुकम्मल हुई। खत्म कुरआन हाफिज साकिर साहब ने कराई। इस मौके पर जनाब बदरुद्दीन खान एडवोकेट साहब, हाजी सुल्तान, शाहिद अली खान आदि तमाम लोगों ने फूल मालाओं से हाफिजे कुरान को लाद दिया।महमानो का खैरमकदम मुत्तवल्ली अब्दुल रहमान ने किया, तो इमाम मौलाना अब्दुल हकीम ने शुक्रिया अदा किया।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...