रविवार, 15 जनवरी 2023

गाँव की बेटी, मेहनत कर बनी प्रवक्ता, गरीब बच्चों को दान किया पहला वेतन

युवाओं की बदलती सोच का अनूठा उदाहरण डॉ. यामिका पटेल

बोली, सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी



Varanasi (rajkumar Gupta/dil india live) जीवन की तमाम विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता की इबारत लिखने का उम्दा उदाहरण हैं राजातालाब के कचनार गाँव निवासिनी डॉ. यामिका पटेल। तमाम विपरीत परिस्थितियों को पीछे छोड़ आज डॉ. यामिका पटेल कानपुर के प्रतिष्ठित राजकीय पालिटेक्निक कॉलेज में मैकेनिकल विभाग में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।

डॉ. यामिका का कहना है कि सफलता के लिए सिर्फ कल्पना ही नहीं, सार्थक कर्म भी जरूरी है। सीढिय़ों को देखते रहना पर्याप्त नहीं, बल्कि उन पर चढऩा भी जरूरी है। डॉ. यामिका का कहना है कि गाँव में तमाम विपरीत परिस्थितियों में पली-बड़ी, उसी ईश्वर ने मेरी पतवार एक नेक व रहमदिल इन्सान मेरे मम्मी-पापा के हाथों में सौंप दी। मैंने भी अपने कष्टों को कर्म की धारा में पिरोकर मुकाम हासिल करने का लक्ष्य साधा।

बचपन से थी प्रतिभाशाली यामिका

बचपन से ही प्रतिभाशाली छात्र रही। पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद इरादों पर अडिग हो, अपने पिता ओमप्रकाश सिंह पटेल के ख्वाबों को पूरा किया। जिन्दगी के तमाम अवरोधकों को चकनाचूर करते अपनी मंजिल को हासिल किया।

अपने क्षेत्र के ज़रूरतमंदों को समर्पित किया पहला वेतन अपने माता-पिता की विचारधारा और सामाजिक उत्थान में अग्रणी भूमिका से प्रेरित होकर डॉ. यामिका ने अपना पहला वेतन अपने गाँव कचनार, रानी बाज़ार, राजातालाब, बीरभानपुर आदि गाँव के ग़रीबों ज़रूरतमंदों के बीच मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी खिलाकर किया। जिसमें पिता ओमप्रकाश सिंह पटेल, छोटे भाई विवेक पटेल, सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, राहुल पटेल, बाबु लाल उर्फ़ माइकल सोनकर, दिपक पटेल, विष्णु पटेल, हेमन्त राय, बाबा पटेल, अनिल गुप्ता, आनंद पटेल, बालपिट, पुवरसन आदि लोगों ने ज़रूरतमंदों के बीच जाकर खिचड़ी वितरण किया।

Dr riyaaz president, ishrat usmani secretary

जमीअतुल अंसार का चुनाव संपन्न


Varanasi (dil india live).सामाजिक संस्था जमीअतुल अंसार के पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव संस्था के आज़ाद पार्क, पीलीकोठी स्थित कार्यालय में संपन्न हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से डॉ रियाज़ अहमद अध्यक्ष एवं इशरत उस्मानी महासचिव नियुक्त किए गए। संस्था के सभी  पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं: 

डॉ रियाज़ अहमद (अध्यक्ष), मौलाना अब्दुल आखिर नोमानी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष), मुफ़्ती तनवीर अहमद का़समी (उपाध्यक्ष), इशरत उस्मानी (महासचिव), मुफ्ती जि़याउल इस्लाम का़समी (सचिव), हाजी फ़हीम अहमद (कोषाध्यक्ष), ज़ुल्फ़िकार अहमद इब्राहिमी (लेखाधिकारी), रोशन अली एडवोकेट (विधी सलाहकार), अबुल वफा अंसारी (सदस्य), फै़याज़ अहमद ख़ान ( सदस्य), मौलाना आरिफ़ अख़्तर का़समी (सदस्य), इरशाद अहमद (सदस्य), इरफ़ान अहमद (सदस्य), अख़्ला़क अहमद (सदस्य), शकील अहमद (सदस्य), फि़रोज़ अहमद (सदस्य), अबू सुफि़यान (सदस्य), अबुल कलाम (सदस्य) आरिफ़ जमालव औबेदुररहमान सदस्य चुने गए।

अवसर पर संस्था के संरक्षक मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने सभी नवनियुक्त सदस्यों को मुबारकबाद दी और समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार एवं कमजोर और जरूरतमंदों के उत्थान के लिए मिलजुल कर काम करने की नसीहत दी।

शनिवार, 14 जनवरी 2023

dav pg college में एकल नाट्य का हुआ मंचन


'माँ मुझे टैगोर बना दो' का मंचन देख भर आयी आँखे



Varanasi (dil india live)। माँ मैं कविताएं अच्छी लिखने लगा हूं, टीचर कहते है मैं आगे जाकर टैगोर जैसा कवि बन सकता हूँ, मुझे टैगोर बनना है माँ, मुझे और पढ़ना है। बेटा... आगे पढ़ना है तो अपने पापा से पूछ, मुझसे नही और टैगोर बनने से पेट नही भरता है। उक्त भावपूर्ण दृश्य शनिवार को जीवन्त रहा डीएवी पीजी कॉलेज के हिन्दी विभाग एवं सांस्कृतिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकल नाट्य "माँ मुझे टैगोर  बना दे" की प्रस्तुति के अवसर पर। जम्मू से आये प्रख्यात रंगकर्मी लक्की गुप्ता ने पंजाब के मशहूर कथाकार मोहन भंडारी द्वारा रचित नाटक की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, जिसे देख हॉल में उपस्थित सभी की आँखे भर आयी। नाटक में एक बच्चे की कहानी को बड़े ही मार्मिक अंदाज में प्रस्तुत किया गया है जिसके शिक्षक उसकी प्रतिभा देख उसे टैगोर जैसा कवि बनने की उम्मीद करते है। बच्चा भी मुफलिसी में जीने के बावजूद किसी तरह दसवीं पास कर लेता है लेकिन 12 वीं की पढ़ाई के लिए उसे आगे दूसरे शहर जाना है और उसके लिए उसके परिवार की माली हालत साथ नही देती। फिर भी पिता किसी तरह उसके पढ़ाई का इंतजाम करता है लेकिन दुर्भाग्य वश पढ़ाई के दौरान ही उसके पिता की मजदूरी करते वक़्त हादसे में मौत हो जाती है और बच्चे की पढ़ाई अधूरी रह जाती है, क्योंकि अब उसे पढ़ाई नही करनी अब उसे घर चलाने के लिए काम करना होगा। 

एकल नाटक में रंगकर्मी लक्की गुप्ता के भाव और संवाद ने लोगों को द्रवित कर दिया तो खूब तालियां भी बटोरी। पिछले दस वर्षों से देश के विभिन्न राज्यों में नाटक की प्रस्तुति दे रहे लक्की गुप्ता की यह 1096 वीं प्रस्तुति थी।

इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कुमार राम एवं सांस्कृतिक समिति के समन्वयक प्रोफेसर अनूप कुमार मिश्रा ने लक्की गुप्ता को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया। संयोजन प्रोफेसर समीर कुमार पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश कुमार द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर मिश्री लाल, प्रोफेसर ऋचारानी यादव, डॉ. हबीबुल्लाह, डॉ. संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर पूनम सिंह, डॉ. संगीता जैन, डॉ. मीनू लाकड़ा, डॉ. हसन बनो, डॉ. अस्मिता तिवारी, डॉ. प्रतिभा मिश्रा, डॉ. सुषमा मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।


Professor manjula chaturvedi की काव्य कृति का हुआ लोकार्पण

प्रोफेसर मंजुला चतुर्वेदी का यह है तृतीय कविता संग्रह 

"एक उम्मीद है दिए की तरह" का हुआ लोकार्पण 



Varanasi (dil india live) विद्याश्री न्यास के द्वारा आयोजित त्रि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं लेखक शिविर के उद्घाटन सत्र में प्रोफेसर मंजुला चतुर्वेदी का तृतीय कविता संग्रह "एक उम्मीद है दिए की तरह" का लोकार्पण मुख्य अतिथि राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर मिश्र, दयालु, प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी, (कुलपति संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय), विशिष्ट अतिथि अरुणेश नीरन, (साहित्यकार), पद्मश्री कमलकांत, राजेश गौतम (निदेशक आकाशवाणी, वाराणसी), प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्र, (पूर्व कुलपति, हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा) एवं डॉ अमिता दुबे, (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ) के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।

प्रस्तुत संग्रह में कोरोना समय, कश्मीर त्रासदी, सौंदर्य, प्रेम तथा नारी विमर्श की कविताएं हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न रंगों के मनोविज्ञान तथा विभिन्न कलाकारों द्वारा चित्रित चित्रों से संबंधित कविताएं भी रची  गई हैं, यही इस संग्रह की विशेषता है। मुख्य रूप से प्राकृतिक बिंबों से प्रेरणा ग्रहण कर कविताएं लिखी गई हैं। प्रो. मंजुला चतुर्वेदी प्रमुख रूप से चित्रकला की विद्यार्थी हैं। लेकिन कविता लेखन में उनकी विशिष्ट रूचि है। यह प्रो. मंजुला की तृतीय काव्य कृति है। इस संकलन में 56 कविताएं हैं, जो प्रो. मंजुला चतुर्वेदी के कलात्मक मन एवं सामाजिक दायित्व की परिचायक हैं। संग्रह भावना प्रकाशन नई दिल्ली से 2022 में प्रकाशित है।

शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

Smail station the dental clinic ने लगाया दंत परीक्षण शिविर


Varanasi (dil india live). स्माइल स्टेशन दी डेंटल क्लिनिक की ओर से उल्फत कम्पाउन्ड, अर्दली बाजार में निशुल्क दंत परीक्षण शिविर का आयोजन डाक्टर प्रियांशु सिंह कि अगुवाई में किया गया। इस दौरान मरीजों को पायरिया, दांतो से खून आना, दांत में गंदगी होने के कारण मुंह से बदबू आना, दांत में कीड़े लगना और उससे बचाओ पर भी चिकित्सक डॉक्टर प्रियांशु सिंह ने विस्तार से प्रकाश डाला। शिविर में मरीजों को दवाइयां दी गई और दांतों को स्वास्थ व साफ सुथरा रखने का उचित परामर्श दिया गया। संस्था की ओर से सभी मरीजों को दवाइयां भी दी गई। इस दौरान डॉक्टर हाजी ज़हीर, डा. मो. ज़की, डा. हम्ज़ा आदि व्यवस्था संभाले हुए थे।

गुरुवार, 12 जनवरी 2023

Dav pg college nss camp

जीवन में सफलता के लिए लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी



Varanasi (dil india live). राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर गुरूवार को डीएवी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना की सात इकाईयों द्वारा स्वामी विवेकानन्द को समर्पित एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर की साफ सफाई की गयी। खेल मैदान आदि जगहों पर जमा प्लास्टिक के कचरों को साफ कर स्वच्छता का संदेश दिया। इसके अलावा एक जनजागरूकता रैली भी निकाली गयी जो मैदागिन, कबीरचौरा से होते हुए महाविद्यालय पहुॅची। रैली में स्वयंसेवक स्वामी विवेकानन्द से जुड़े स्लोगन एवं नारे लगाते हुए चल रहे थे।

इस अवसर पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम अधिकारियों ने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानन्द के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन में आगे बढ़ना है तो सर्वप्रथम जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना होगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि एक सच्चा गुरू आपके जीवन को बदल सकता है। स्वामी विवेकानन्द के जीवन को बदलने में भी उनके गुरू स्वामी रामकृष्ण परमहंस का योगदान था।

शिविर के प्रारम्भ में स्वयंसेवकों ने लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया। उसके बाद डॉ. नजमूल हसन ने रासेयो का उद्देश्य बताया। डॉ. प्रतिभा मिश्रा ने स्वअनुशासन के विषय में रौशनी डाली। डॉ. बन्दना बालचन्दनानी ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का उल्लेख किया। शिविर में डॉ. कल्पना सिंह, डॉ. प्रतिमा गुप्ता, डॉ. सिद्धार्थ सिंह एवं डॉ. शशिकान्त यादव ने भी सम्बोधित किया। कुमार पारितोष, गोविन्द नारायण वैभव, रौनक आदि स्वयंसेवकों ने स्वामी विवेकानन्द पर विचार प्रकट किया। कार्यक्रम में सौ से अधिक स्वयंसवेक शामिल रहे।

National youth day पर एड्स जागरूकता के लिए हुई क्विज़ प्रतियोगिता

असम ने क्विज़ में मारी बाजी, जीता प्रथम पुरस्कार 

पुड्डुचेरी दूसरे, राजस्थान तीसरे और यूपी रहा चौथे स्थान पर

नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन, यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी व बीएचयू के तत्वावधान में हुई प्रतियोगिता 


Varanasi (dil india live). राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवाओं में एचआईवी एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने से वृहस्पतिवार को बीएचयू के स्वतंत्र भवन में नेशनल रेड रिबन क्विज़ प्रतियोगिता का फाइनल चरण आयोजित हुआ। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन (नाको), उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, व बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। प्रतियोगिता के फ़ाइनल में एचआईवी एड्स सहित अन्य संक्रामक बीमारियों के बारे में चार चरणों में प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया। सभी चरणों में बेहतर प्रदर्शन करते हुये असम की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 



विशिष्ट अतिथि व बीएचयू के कुलगुरु प्रो वीके शुक्ला एवं मुख्य अतिथि व नाको के उप महानिदेशक डॉ अनूप पुरी ने प्रतियोगिता की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर और स्वामी विवेकानंद व मदन मोहल मालवीय के कुलगीत से की। तत्पश्चात प्रो वीके शुक्ला ने युवाओं को एचआईवी एड्स के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक रहने के बारे में प्रेरित किया। डॉ अनूप पूरी ने देश में एचआईवी एड्स के पिछले 10 सालों से कम होते मामलों के बारे में जानकारी दी। उन्होने कहा कि असुरक्षित यौन संबंध, इंजेक्शन, ब्लड ट्रांसमिशन आदि तरीके से एचआईवी का वायरस फैलता है। एड्स होने से विभिन्न बीमारियाँ रोगी को घेर लेती हैं जिससे उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है। उन्होने युवाओं से अपील की कि एड्स की रोकथाम व जागरूकता के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के संयुक्त निदेशक आईईसी डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने विशिष्ट और मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुये राष्ट्रीय युवा दिवस पर सम्बोधन एवं क्विज़ प्रतियोगिता में सम्मिलित होने विभिन्न प्रान्तों से आए विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन भी किया ।           

प्रतियोगिता में देश की चारों दिशाओं से आए चार विजेताओं के बीच फाइनल चरण हुआ जिसमें उत्तर प्रदेश, असम, पुड्डुचेरी और राजस्थान के विश्व विद्यालयों और महा विद्यालयों के दो-दो विद्यार्थी की टीम शामिल थी। विजेता टीम असम से छात्रा दिशा वैश्य और अरिंदम कश्यप रे को बीएचयू के कुलसचिव प्रो एके सिंह व उप महानिदेशक डॉ अनूप पुरी ने मेडल व ट्रॉफी देकर सम्मानित किया । इसके साथ ही असम की टीम को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी दी गई । इसके साथ ही दूसरे स्थान पर रही पुड्डुचेरी की टीम से हर्षिता व राजश्री को 75 हजार रुपये, तीसरे स्थान पर राजस्थान की टीम से गरिमा सिंह और प्रियंका सेन को 50 हजार रुपये तथा चौथे स्थान पर रही उत्तर प्रदेश की टीम से लक्ष्मी और प्रवीण दारे को 25 हजार की धनराशि, ट्रॉफी, मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।



अंत में कुलसचिव प्रो एके सिंह ने सभी विजेताओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनायें दी। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस बीएचयू के डॉ बाला लखेन्द्र ने किया । प्रतियोगिता के अंतर्गत विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब डॉ भावना राय, उप निदेशक, नाको भारत सरकार और क्विज़ मास्टर सुभ्रजीत भट्टाचारजी ने दिये । कार्यक्रम में रेड रिबन क्लब के छात्र-छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक, कठपुतली के जरिये एचआईवी/एड्स के प्रति युवाओं को जागरूक किया । विभिन्न महा विद्यालयों की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन किया । कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी, नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइज़ेशन के समस्त अधिकारी व सदस्य, विश्व विद्यालयों व महा विद्यालयों के अध्यापक एवं अन्य लोग मौजूद रहे ।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...