शनिवार, 5 नवंबर 2022

Tablet, smart phone पाकर विद्यार्थियों के खिल उठे चेहरे




Ghazipur (dil india live). कर्मवीर सत्यदेव सिंह के सपनों का संसार, डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्मपुरम ढोटारी, बाराचवर के प्रांगण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नाथ आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना, टेबलेट/स्मार्टफोन वितरण समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेंद्र देव सिंह ने किया।

 टेबलेट वितरण योजना के आज के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विरेंद्र सिंह मस्त सांसद बलिया ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए यह कहा कि हिंदुस्तान की आत्मा गांवों में बसती है, जो गुरुकुल से शुरू होकर, आज के विज्ञान युग तक पहुंची है। स्वावलंबन से ही भारत का नव निर्माण संभव है। नई तकनीक से जुड़कर हम दुनिया के लगभग 7 अरब लोगों से एक साथ जुड़ रहे हैं।

सरकार द्वारा दिया गया है, स्मार्टफोन बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के युवाओं के हाथों में टेबलेट दे करके, इन्हें विश्व के तकनीक से जोड़ने का काम किया है । साथ ही साथ शिक्षा की गुणवत्ता और महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि कर्मवीर सत्यदेव सिंह ने इस ग्रामीण क्षेत्र में डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज आध्यात्मपुरम की स्थापना करके, समाज की बहुत बड़ी सेवा की है ।

 हम सब उनके सपनों को पूरा करने के लिए कार्य करेंगे। मुख्य अतिथि का स्वागत सीएमडी प्रोफेसर आनंद सिंह ने अपने उद्बोधन के द्वारा किया और यह कहा कि सांसद आते हैं, देश में जनता के चुनाव और निर्वाचन से लेकिन सांसद वही अमर होता है और जनता के मन मस्तिष्क में उसी को याद किया जाता है जो जनसेवा करता है। सही में वीरेंद्र सिंह मस्त जी ने अपने लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से चाहे सड़कों का जाल बिछाना रहा हो, चाहे नदियों का सम्मान हो, चाहे किसानों के लिए उनके बाढ़ के पानी के निकासी का सवाल रहा हो, या प्रधानमंत्री रोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने का कार्य रहा हो प्रत्येक क्षेत्र में अपने लोकसभा क्षेत्र बलिया में उन्होंने सेवा की है।

        आज हम सभी उनका इस परिसर में अध्यात्मपुरम की भूमि पर अभिनंदन करते हैं और वंदन करते हैं स्वागत करते हैं। सांसद का आगमन हम सभी के लिए शुभ हो और साथ ही साथ विद्यार्थियों यह आपको जो टेबलेट मिल रहा है, इसका अगर सदुपयोग करेंगे तो निश्चय ही आपको ज्ञान की महत्ता समझ में आएगी और अनेक ऐसे संदर्भ यहां प्राप्त होंगे जिनकी किताबें और पुस्तकें अभी तक नहीं आ पाएंगे। इसलिए यह आपके लिए महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ राम मनोहर लोहिया डिग्री कॉलेज अध्यात्म के विद्वान प्राचार्य डॉ विजेंद्र कुमार सिंह ने किया। अतिथियों को अंगवस्त्रम सम्मान प्रोफेसर आनंद सिंह के साथ प्रमोद कुमार सिंह निदेशक ने किया। आज के इस कार्यक्रम के संयोजन में दिग्विजय उपाध्याय, अमित रघुवंशी, विवेक सौरभ और सभी शिक्षक बंधु कर्मचारी बंधु अत्यंत सराहनीय भूमिका रही।

  कार्यक्रम में हमारे लिए अभिभावक स्थानीय नेताओं में वासुदेव पांडे, पूर्व विधायक कालीचरण राजभर, बाराचवर ब्लाक के ब्लाक प्रमुख, विजेंद्र सिंह, श्याम राज तिवारी, नथुनी सिंह, टुनटुन सिंह ,देवेंद्र सिंह देवा, संपूर्णानंद उपाध्याय, कृष्णानंद राय, हिमांशु राय, देवेंद्र सिंह, भगवान सिंह, श्रीकांत पांडे, शिव विलास सिंह, विनोद कुमार सिंह, पूर्व प्रवक्ता श्याम नारायण सिंह, रामनिवास सिंह, रामकरण बिंद, चंद्रभूषण मिश्रा, रमेश सिंह, ओमप्रकाश कुशवाहा, राकेश सिंह के साथ ही अनेक स्थानीय नेता एवं अभिभावक उपस्थित थे।

Shanti, sadbhavna यात्रा संकल्प के साथ सम्पन्न

125 किमी दूरी तय कर 100 गांवों में किया गया संवाद 

  • नफरत और बांटने की राजनीति का बहिष्कार आज की जरूरत है : डा संदीप पाण्डेय 
  • समाज में भ्रम, वैमनस्य और अशांति फ़ैलाने वालों से सतर्क रहना जरूरी है: विजय नारायण 
  • विविधता में एकता देश की पहचान है: डॉ आरिफ
  • आमजन की समस्याओं पर चर्चा के बजाय गैरजरूरी बहसों में उलझने से बचें: शैलेन्द्र
  • शांति सद्भावना सहयोग और सौहार्द हमारी परंपरा : राम धीरज 






Varanasi (dil india live). साझा संस्कृति मंच एवं जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित शांति, सद्भावना, प्रेम और भाईचारे के संदेश के साथ 9 दिवसीय "शांति सद्भावना यात्रा" का भव्य समापन शनिवार को सारनाथ में हुआ . इसके पूर्व संदहा से सारनाथ तक ग्रामवासियों ने पदयात्रियों का जोरदार स्वागत एवं अभिनंदन किया। सारनाथ में बुद्ध मंदिर के समक्ष औपचारिक समापन सभा में लोगों को संकल्प दिलाया गया कि समाज को नफरत नहीं बल्कि प्रेम और आपसी मेलजोल की जरूरत है इसलिए हम शांति सद्भाव प्रेम और मेलजोल बढाने की दिशा में दृढ़ संकल्पित होकर प्रयास करेंगे।

यात्रा संयोजक नंदलाल मास्टर ने बताया कि 9 दिनों की यह पद यात्रा में वाराणसी कुल आठों विकास खण्डों में होते हुए लगभग 100 गांव से गुजरी इस दौरान जनवादी गीत, नाटक, संवाद, कंदील मार्च, मशाल जुलूस, जनसभा आदि का आयोजन किया गया और शांति सद्भावना का संदेश प्रसारित किया गया।

सभा के बाद विद्या आश्रम परिसर में "भारतीय लोक परम्परा में न्याय, शांति एवं सद्भावना " विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए  मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ संदीप पाण्डेय ने  कहा कि दरअसल समाज में अशांति और नफरत फैलाने वाले लोकप्रिय नहीं हैं। सत्य और धर्म उनके साथ नहीं है, लेकिन वो संगठित और सक्रिय हैं, हमारी निष्क्रियता का लाभ उठाते हैं, हमे इंसान के बजाय भीड़ बनाने में और वोट बैंक बनाने में उनका फायदा है। एक-दूसरे के बारे में वैमनस्य,भ्रम और भय फैलाया जा रहा है। बहुत चालाकी से अधकचरे झूठ को सच बनाया जा रहा है। नयी टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया का गन्दा इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में हमे सचेत होकर रहना है सत्य को जानना है और समाज मे मिलजुल कर रहने की परंपरा का निर्वहन करना है।

वरिष्ठ समाजवादी चितंक विजय नारायण ने कहा कि तेजी से बढ़ रही असामाजिकता और अशांति के बुरे परिणामों को समझने की जरूरत है। अब हमारा गांव, गांव के लोगों का नही रहा, पहले छोटी बड़ी समस्याओं का निस्तारण आपस में मिल बैठकर कर लिया जाता था। लेकिन अब हम हर छोटे बड़े विवाद में खर्चीले कोर्ट कचहरी और थाना पुलिस की मार जलालत झेलने को अभिशप्त हैं, हमें दवाई, पढाई, रोजगार की जरूरत है तो उसी पर बात करनी होगी आपसी वैमनस्य की नहीं।

वरिष्ठ गांधी वादी एवं इतिहासकार डा मोहम्मद आरिफ ने कहा कि  भारत की खासियत विविधता में एकता है। विभिन्न धर्मों, जातियों और पंथों के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। भारत का संविधान अपने नागरिकों को समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। शांति और सद्भाव सुनिश्चित रहें, इसके लिए कई कानून बनाए गए हैं। बनारस की बात करें, तो सैकड़ों सालों से अलग अलग तरीकों से पूजा पाठ, शादी ब्याह से लेकर अंतिम कर्म करने वाले लोग बहुत प्यार से एक ही गाँव मुहल्ले में रहते आएं हैं। सभी तरह के धर्म, जाति, विचारों से भरा पूरा छोटा सा अलमस्त शहर बनारस, दुनिया भर के लोगों को कैसे जुटा के रखता है, ये एक आश्चर्य और कौतुहल का विषय है, नफरत और बांटने की राजनीति को बनारस को नकारना ही होगा तभी यहाँ की गंगा जमुनी तहजीब की परम्परा बची रहेगी।

साझा संस्कृति मंच के पूर्व अध्यक्ष डॉ नीति भाई ने पदयात्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत ही उपयोगी अभियान रहा जिसके परिणाम सुखद होंगे। झारखंड से आये इप्टा से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्त्ता शैलन्द्र भाई ने कहा कि आज से कुछ वर्ष पहले तक अख़बार टीवी आदि में गरीब की रोजी रोटी की बात होती थी,  मजदूरों किसानों की परेशानियों की चर्चा होती थी, छात्रों की पढ़ाई और युवाओं के रोजगार की चिंता दिखती थी। मगर आज सिर्फ ये पार्टी या वो पार्टी तक सिमित होकर रह गयी है। मार - झगड़ा और चीन - पाकिस्तान करने में ही सब फंसे हुए है। मीडिया और सत्ता की इस रस्साकस्सी में समाज पिस रहा है। 

सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द मूर्ति ने कहा कि पढाई, दवाई, काम धंधा की जगह हमारा गाँव घर दिन रात ' हिन्दू-मुसलमान ' के टकराव की बात सुन रहा है। लोगों में चिड़चिड़ापन तनाव और गुस्सा बढ़ रहा है। हिन्दू - मुसलमान की गैर जरूरी बहस में फँसाकर मंहगाई की बात को अनदेखा कर दिया जा रहा है। नौकरी की मांग को अगड़ा - पिछड़ा, आरक्षण समर्थक और विरोधी के खांचे में बांटकर आपस मे ही लड़ा दिया जा रहा है. यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. समाज को सचेत होना ही होगा। जिला पंचायत सदस्य अनिता प्रकाश ने समाज मे सभी को मिलजुल कर रहने और नफरत को नकारने का आह्वान किया।संगोष्ठी के दौरान सभी पदयात्रियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। सांस्कृतिक दल प्रेरणा कला मंच की टीम ने जनवादी गीतों और नाटक का प्रस्तुतिकरण किया।

अध्यक्षीय संबोधन में सर्व सेवा संघ उत्तर प्रदेश के संयोजक रामधीरज भाई ने कहा कि समाज मे  विद्यालय-चिकित्सालय, कार्यालय- देवालय तक में हो रहा भेदभाव और हिंसा एक बड़ी चुनौती है। घर से लेकर खेत तक और सड़क से ऑफिस तक चंहुओर फैले इस अफरातफरी के समय में शांति सद्भाव की बात करने की अधिक जरूरत है। संगोष्ठी का संचालन फादर आनंद और अध्यक्षता रामधीरज भाई ने की और धन्यवाद ज्ञापन  अनिता ने किया. 

कार्यक्रम में मुख्य रूप से संदीप पाण्डेय, सरिता प्रकाश, अरविंद मूर्ति, थेरो भँतो, रंजू सिंह, महेन्द्र राठौर, विनोद, रामबचन, अनिल, सुजीत, सूबेदार, सुरेंद्र, कन्हैया, सतीश सिंह, फादर जयंत, विजेता, रुखसाना, सोनी, नीति, मैत्री, पूनम, इन्दु, एकता, रवि शेखर, धनंजय, मुकेश, विनय सिंह, प्रदीप सिंह समेत सैकड़ो लोगो की भागीदारी रहीं।

शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

Post office बनवायेगा पेंशनर्स का घर बैठे जीवित प्रमाणपत्र

जीवित प्रमाणपत्र के लिए कोषागार के चक्कर लगाने से मिलेगी निजात 

घर बैठे डाकिया के माध्यम से बनवाएं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट: पीएमजी 


Varanasi (dil india live). अब पेंशनरों को जीवित प्रमाणपत्र (डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट) जमा करने के लिए कोषागार, बैंक या अन्य किसी विभाग में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पेंशनर अपने नजदीकी डाकघर के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक के माध्यम से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी करवा सकते हैं।  इसके लिए मात्र 70 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। यह प्रमाण पत्र स्वतः संबंधित विभाग को ऑनलाइन पहुंच जाएगा। इससे पेंशन मिलने में कोई रुकावट नहीं आएगी। यह सुविधा सभी डाकघरों में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, भारतीय डाक विभाग के माध्यम से सभी विभागों के पेंशनरों को घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट प्रदान करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। पेंशनर इस सुविधा को प्राप्त करने के लिए अपने इलाके के डाकिया के साथ-साथ पोस्ट इन्फो मोबाइल एप द्वारा ऑनलाइन अनुरोध भी कर सकते हैं। इसके लिए पेंशनर को आधार नम्बर, मोबाइल नम्बर, बैंक या डाकघर खाता संख्या और पीपीओ नम्बर देना होगा। 

गौरतलब है कि पेेंशनरों को प्रत्येक वर्ष  सामान्यतया नवंबर व दिसंबर माह में कोषागार, बैंक या संबंधित विभाग में जीवन प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। इसके लिए  दूरदराज इलाके के पेंशनरों को कोषागार आने में कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है एवं यात्रा आदि में भी काफी व्यय होता है। ऐसे में डाक विभाग की इस पहल से पेंशनरों को काफी सहूलियत मिलेगी। 

सहायक निदेशक ब्रजेश शर्मा ने बताया कि इसके साथ-साथ पेंशनर डाकिया के माध्यम से घर बैठे पेंशन की धनराशि आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम के माध्यम से अपने बैंक खाते से निकाल सकते हैं।

TB patient को गोद लेकर प्रदान की पोषण पोटली

निक्षय मित्र बनीं पूर्व cms डाक्टर स्वर्णलता सिंह 

TB मरीजों को पोषण और भावनात्मक सहयोग की आवश्यकता: सीएमओ 



Varanasi (dil india live). देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को अक्षय एकादशी के अवसर पर जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा की पूर्व सीएमएस डॉ स्वर्णलता सिंह ने अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 10 टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली प्रदान की। 

काशी विद्यापीठ ब्लॉक के तिलखनी क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और पूर्व सीएमएस डॉ स्वर्णलता सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया । टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत डॉ स्वर्णलता सिंह निक्षय मित्र के रूप में पंजीकरण हो गया है । अब वह गोद लिए गए 10 मरीजों को हर माह पोषण पोटली प्रदान करेंगी और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुये उन्हें भावनात्मक सहयोग भी देंगी । डॉ स्वर्णलता सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से उन्होने टीबी मरीजों को गोद लेने की पहल की है । इस मौके पर उन्होने कुपोषित और गरीब बच्चों को पेन-पेंसिल, खाद्य सामाग्री का वितरण किया । बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के लिए गरीब बेटियों, किशोरियों साथ ही मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को भी उपहार भेंट किए । इसके अलावा सेंट मैरी हॉस्पिटल को कंबल प्रदान किए । 

इस मौके पर सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने डॉ स्वर्णलता सिंह के नेक पहल की सराहना की । उन्होने कहा कि वह कुपोषित व गरीब बच्चों, किशोरियों, महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं । टीबी मुक्त भारत की दिशा में उन्होने बहुत अच्छा कदम उठाया है । सीएमओ ने उम्मीद जताई कि वह इसी तरह समाज के कल्याण के लिए आगे भी बेहतर कार्य करती रहें । उन्होने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) व प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वयं सेवी संस्था, जनप्रतिनिधि, अधिकारी आदि निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लेकर उनके पोषण और भावनात्मक सहयोग के लिए अपना योगदान दे रहे हैं जिसकी उन्हें बेहद आवश्यकता है । 

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत जनपद में स्वयं सेवी संस्था, जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों सहित अब तक 149 निक्षय मित्र बन चुके हैं। इनके द्वारा 3380 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है।

कार्यक्रम में चिकित्साधिकारी डॉ अतुल सिंह, लक्ष्मीकांत मिश्रा, एनटीईपी से एसटीएस अभिषेक सिंह, सच्चिदानंद उपाध्याय, अजय सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।

गुरुवार, 3 नवंबर 2022

Dev dipawali पर काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने रेत पर होगी ग्रीन आतिशबाजी

वाराणसी के चेत सिंह घाट पर होगा 3D प्रोजेक्शन मैपिंग व लेज़र शो



Varanasi (dil india live)। देव दीपावली पर काशी में पहली बार लाइव चरित्रों पर आधारित 20 लेजर प्रोजेक्टर्स द्वारा 3D प्रोजेक्शन मैपिंग शो होने जा रहा है। इस शो का आयोजन उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है। इस शो की विशेषता यह है कि इसे माँ गंगा के ऐतिहासिक चेतसिंह घाट की दीवारों पर 3D प्रोजेक्शन मैपिंग के द्वारा माँ गंगा के अवतरण की यात्रा को दिखाया जाएगा। इतिहास के पात्रों को फिर से बनाया गया और इसमें विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए संगीत और ध्वनि के साथ ऐसा वातावरण बनेगा। जहां दर्शक को लगेगा कि वह कहानी का हिस्सा है और ये शो दर्शकों के मानस पटल पर अमिट स्मृति छोड़ेगा। टेक्नॉलजिय का यह मेल कथा और चरित्रों को सजिवन्त करता है। इसके साथ ही लेजर और लाईट मल्टीमिडिया शो भी है जो टाइम कोड द्वारा प्रसारित किया जाएगा।

इसमें संगीत की ध्वनि के साथ लेज़र और लाइट्स का एक अनूठा तालमेल देखने को मिलेगा जो वह उपस्थित लोगो मंत्रमुग्ध कर देगा। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने रेत पर ग्रीन आतिशबाजी की जाएगी।

बुधवार, 2 नवंबर 2022

All soul day पर नम हुई अपनों की आंखें

कैंडल लाइट में रौशन की अपने पुरखों की कब्रें 


Varanasi (dil india live). अमूमन विरान से रहने वाले ईसाई कब्रिस्तानों का नजारा आज बदला बदला सा दिखाई दे रहा था। मसीही कब्रिस्तान ही नहीं बल्कि चर्च में बने पुरोहितों की कब्र भी कैंडल लाइट में रौशनी बिखेरती दिखाई दी।

 मसीही लोगों ने अपने पूर्वजों की कब्र पर पहुंच कर उन्हें न सिर्फ याद किया बल्कि फूल मालाओं से कब्र सजाया व रौशनी की।  मौका था पवित्र आत्माओं के पर्व आल सोल डे का। 

आल सोल डे पर बुधवार को दिन भर अपनों की कब्र की साफ सफाई के बाद शाम को फूल और मालाओं से कब्रों को सजाया गया। कब्रों की साफ-सफाई कर उन पर फूल मालाएं डाली गईं। लोग शाम को कब्र पर मोमबत्ती जलाने के लिए पहुंचे। कब्रिस्तान के अंदर बिशप की अगुवाई में विशेष प्रार्थना सभा हुई। कब्र पर मोमबत्ती जलाकर मृत सगे संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए सभी ने प्रार्थना की।  चौकाघाट कब्रिस्तान, सिगरा, महमूरगंज, फुलवरिया आदि कब्रिस्तानों पर लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था। काफी लोग इस दौरान अपने अज़ीज़ों की कब्र पर पहुंच कर फफक पड़े। दरअसल हर साल 2 नवंबर को ईसाई समाज के लोग मृतक विश्वासियों का स्मरण उत्सव मनाने जुटते हैं। यह परम्परा सदियों से चली आ रही है।

306 और बनेंगे Aadarsh aaganbadhi Kendra

अधिकारियों ने लिया 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद  

अब तक 426 आंगनबाड़ी केन्द्रों को लिया गया गोद


Varanasi (dil india live). बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है । दूसरे चरण में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पंचायत सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने जिले के 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है । अब इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा। 

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डी0के0 सिंह ने बताया कि जनपद में 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं । पहले चरण (जून 2022) में डीएम, सीडीओ, सीएमओ सहित 40 अधिकारियों द्वारा 120 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया था । हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने की संख्या 1000 तक पहुंचाने के प्रयास के लिए निर्देशित किया गया है । इस क्रम में दूसरे चरण में 102 विभागीय अधिकारियों द्वारा 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है । प्रत्येक अधिकारी ने तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है । इसमें काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 39, चिरईगांव के 42, चोलापुर के 42, पिंडरा के 30, अराजीलाइन के 36, सेवापुरी के 42, हरहुआ के 27, बड़ागांव के 48 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं । सभी अधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है । इसके तहत अधिकारियों की मदद से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी । 

डीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहाँ पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा। ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है । 

छह माह में करना है विकसित

 गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को अगले छह माह की समयावधि में विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा – निर्देश दिये गए हैं । अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे । इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी । गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी।

Hazrat Imam Zainul abedin इस्लाम की पहचान, इबादतों की शान

हज़रत जैनुल आबेदीन की जयंती पर सजी महफिलें, गूंजे कलाम Varanasi (dil India live). शाहीदाने कर्बला इमाम हुसैन के बेटे, इबादतों की शान चौथे हज...