मंगलवार, 19 अप्रैल 2022

राजेश अध्यक्ष, मृदु मेहरोत्रा सचिव बनी

भारत विकास परिषद का 38 वां दायित्व ग्रहण समारोह 



वाराणसी १९ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। भारत विकास परिषद के 38वें दायित्व ग्रहण समारोह का आयोजन रुद्राक्ष इण्टरनेशनल कन्वेंशन सेन्टर के सभागार में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां भारती एवं स्वामी विवेकानन्द के चित्रो पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके बाद वन्देमातरम गीत को पूनम केशरी, मधुमा, निशा, इसके ने सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। इसके बाद दायित्व ग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई।

दायित्व ग्रहण प्रक्रिया में राजेश केशरी ने शाखा अध्यक्ष और मृदु मेहरोत्रा ने सचिव पद की जिम्मेदारी वहन की। वहीं महिला संयोजिका पद का दायित्व शालिनी जायसवाल एवं कोषाध्यक्ष पद राजेश जायसवाल बने। शपथ ग्रहण कराने का कार्य प्रान्तीय अध्यक्ष मुकुल शाह ने किया। नये सदस्यों को संकल्प प्रान्तीय महासचिव रवि-प्रकाश जायसवाल ने दिलाया। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानी प्राद्यवानी एवं निशा त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन श्री विजय नारायण कपूर एवं श्री गोविन्द भरानी ने किया। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथी सारनाथ के केन्द्रीय उच्पतिब्बती संस्थान के कुलपति पद्यश्री प्रो० रोशे नवांग सामतेन रहें एवं विशिष्ट अतिथी चन्द्र मोहन (क्षेत्र संयोजक, स.ग्रा., विचास आर एसएस) रहें।

कार्यक्रम के दौरान अध्यक्ष राजेश केशरी ने अपनी भावी योजनाओ पर विचार प्रकट करते हुए कहा कि वे स्वास्थय एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य करेंगे। इसके अलावा हमलोगों का स्थायी प्रकल्प एनिमिया पर एवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ पर जागरूक कार्यक्रम कराएंगे।

इस दौरान टीम अध्यक्ष राकेश गुप्ता, सचिव अनिल मेहरोत्रा, कोषाध्यक्ष रवि दूबे एवं महिला संयोजिका रंजना को उनके सफलतम कार्यकाल के लिये बधाई दी गयी। धन्यवाद गोविन्द किशनानी ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय पदाधिकारी ब्रहमानन्द, प्रमोद रामजी कैलाश नाथ, राम जायसवाल, बिमल केडिया, हेमत तकरेजा, संदीप, अजय सिंह, एवं मनीष आदि लोग उपस्थित रहें।

सोमवार, 18 अप्रैल 2022

श्रमदान कर युवा बदल रहे संगम तालाब की तस्वीर

गंदगी तथा जलकुंभी से गंदगी की चपेट में था संगम तालाब


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। प्रसिद्ध तीन तालाबों के क्षेत्र माने जाने वाले राजातालाब क्षेत्र अब पानी की समस्या से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बन गया है। जल संरक्षण के अभाव में यहां के तालाबों का अस्तित्व धीरे-धीरे नष्ट होने लगा। जिसे देखकर युवाओं का नजरिया बदला नजर आया, जहां सोमवार को आराजी लाईन ब्लाक के ग्राम पंचायत कचनार क्षेत्र में स्थित दम तोड़ती दलदल संगम तालाब में जमा हो चुके गंदगी को युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान करते हुए सफाई अभियान की शुरुआत की गई। साफ सफाई के पहले ही दिन तालाब की तस्वीर बदलने लगी है। दर्जनों की संख्या में घरों से बाहर आए युवाओं और ग्राम प्रधान के ओर से लगाए गए दो दर्जन से अधिक मज़दूरों के द्वारा स्वयं श्रमदान से इस तालाब को स्वच्छता तथा पुनर्जीवित करने के लिए यहां स्थित जलकुंभी, गंदगी तथा कचरे के ढेर को साफ किया। जिसकी क्षेत्र में सराहना की जा रही है।

स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तालाब का उपयोग क्षेत्र वासी नहाने के साथ अन्य जरूरी कार्यों में करते हैं। जिसकी साफ सफाई ना होने से तालाब में जलीय पौधों के साथ ही जलकुंभी के कारण उपयोग में परेशानी होती थी। धीरे-धीरे गंदगी से तालाब की तलहटी भरती जा रही थी। अगर इसकी सफाई नहीं की जाती तो कुछ समय बाद यह मात्र गंदगी से भरा तालाब नजर आता। 

श्रमदान में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तालाब की साफ-सफाई कराए जाने को लेकर ज़िम्मेदार विभाग और जनप्रतिनीधियों को कई बार कहां गया। जिनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान का निर्णय लेते हुए तालाब की सफाई करने का काम किया गया। सोमवार सुबह सभी युवाओं ने एकजुटता दिखाते हुए तालाब की साफ सफाई के कार्य में जुट गए। सुबह से शाम तक तालाब को गंदगी से मुक्त कर दिया गया है। इसके बाद मंगलवार को भी ऐसा ही करते हुए घाट में जमी हुई गंदगी को दूर किया जाएगा। तालाब के सफ़ाई अभियान का जायज़ा लेने पहुँचे आराजीलाईन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डा महेंद्र सिंह पटेल ने उक्त तालाब को मूल रूप में वापस लाने को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।

इस सफाई अभियान में मुख्य भूमिका निभाते हुए राजकुमार गुप्ता ने बताया कि धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग और गांव के अंदर आने के मुख्य रास्ते पर ही तालाब है। गंदगी से पटा होने के कारण उससे दुर्गंध आती थी। कई बार ज़िम्मेदार जनप्रतिनीधियों और अन्य अधिकारी, कर्मचारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन कहीं से कोई मदद न होते देख हम युवाओं ने ही खुद श्रमदान करके पूरे तालाब से जलकुंभी को हटाने का प्रयास किया जिसमें ग्राम प्रधान ने भी सहयोग दिया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने भूमि पूजन के पश्चात मिठाई खिलाकर युवाओं को प्रोत्साहित किया। लोगों ने युवाओं के इस नेक कार्य को खूब सराहा।

जल स्रोत धरोहर संभालना जरूरी

श्रमदान के मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने बताया कि अगर हम सभी मिलकर थोड़ा सा प्रयास करें तो जीवनदायीं इन तालाबों का भविष्य जन सहभागिता से संवर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन जलस्रोतों की धरोहर को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। समाजसेवी मनोज पटेल ने बताया कि जिम्मेदारों के जल स्रोतों के रखरखाव व संरक्षण के दावे योजना व कागजों में सिमटे ज्यादा नजर आते हैं अगर इन्हें संभाला जाए तो आने वाली पीढ़ियों को यह बहुमूल्य तालाब स्वच्छ जल देने में सहायक बनेंगे। स्थानीय कृष्णा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि प्राचीन मंदिर पंचक्रोशी मार्ग पर तालाब होने से आते जाते क्षेत्रवासी इसकी दुर्दशा देखकर चिंता व रोष तो जाहिर करते हैं लेकिन सख्त कदमों को आगे बढ़ाने में पहल नहीं किए जाने से स्थिति बदतर हुई है।

प्रदूषण युक्त दूषित जल चिंताजनक

वैसे तो इस क्षेत्र में कई प्राचीन जल स्रोत व तालाब है लेकिन सभी दुर्दशा का शिकार है। क्षेत्र के तालाबों की स्थिति दयनीय बनी है वही मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्लास्टिक, रसायन आदि से ओतप्रोत मलबों से लिपटे तथा लगातार कूड़ा करकट के साथ धार्मिक आयोजनों की वस्तुओं को इनमें डाले जाने के बारे में किसी भी प्रकार का ख़ौफ़ या चिंता दिखाई नहीं देती। सरकार के साथ-साथ लोगों की उदासीनता, लापरवाही और जागरूकता का अभाव तालाबों की रौनक को खत्म कर रहा है इसलिए इस को प्राथमिकता से लेना होगा।

तालाब की सफाई व श्रमदान में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, डा. महेंद्र सिंह पटेल, विजय पटेल, महेंद्र राठौर, मंगरू, प्रमोद सिंह, कृष्णा प्रसाद जायसवाल, पप्पू विश्वकर्मा, संजय सोनकर, रमेश सोनकर, बंटी गुप्ता, रतन शामिल थे।

नहीं रहे जॉन दयाल

वाराणसी १८ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)‌ ।

सीएनआई लाल गिरिजा घर के वरिष्ठ सदस्य जॉन दयाल अब इस दुनिया में नहीं रहे। दयाल का 85 वर्ष की आयु में प्रातः 8 बजे निधन हो गया। उनके निधन से वाराणसी के मसीही समुदाय में शोक की लहर है।

खास कर लाल गिरजा के सदस्यों ने ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को अपनी शाश्वत शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है। यह जानकारी लाल गिरजा के सेक्रेटरी विजय दयाल ने देते हुए कहा कि दिवगंत जॉन दयाल का पार्थिव शरीर कल (19 अप्रैल 2022) प्रातः 8.00 बजे लाल गिरजा लाया जाएगा।तत्पश्चात संशिप्त प्रार्थना सभा के बाद, उनके पार्थिव देह को प्रातः 9.00 बजे चौकाघाट कब्रिस्तान में सुपर्दे खाक किया जाएगा।

कांग्रेस ने राष्ट्रपति को भेजा पत्र, इबादतगाहों पर हमला करने वालो के विरुद्ध कारवाही हो

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। रामनवमी के अवसर पर विभिन्न राज्यों में भाजपा और संघ समर्थित लोगो द्वारा मुस्लिम समुदाय के इबादतगाहों पर हमलों में लिप्त संगठनों और लोगों के विरुद्ध कार्यवाई के लिएउ त्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के आवाहन पर प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के निर्देश पर आज पूरे प्रदेश के सभी जिलों से कांग्रेस के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को पत्र भेजा।

10 अप्रैल 2022 को रामनवमी से ले कर अभी तक कई राज्यों में मज़ारों और मस्जिदों पर हमले की घटनाएं हुई हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड व दिल्ली मे हुई इन सभी घटनाओं में भाजपा और संघ परिवार से जुड़े लोगों की भूमिका उजागर हुई है। लेकिन सरकारों ने उनके खिलाफ़ विधिक कार्यवाई करने के बजाए उन्हें संरक्षित करने का काम किया है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक मस्जिद पर अताताइयों द्वारा भगवा झंडा फहरा दिया गया। यहां पारू थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव में डाक बंगला मस्जिद पर कुछ युवकों ने मस्जिद के मीनार पर चढ़कर भगवा झंडा लहराया तथा दर्जन भर लोगों ने तलवार व हाकी स्टिक हाथ मे लेकर झण्डा लगाने वाले युवक का उत्साह वर्धन किया। जिसके साक्ष्य सोशल मीडिया पर वायरल हैं। 

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई घटना में न सिर्फ मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया है बल्कि उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उन्हीं के घरों को जमींदोज कर दिया गया। खरगोन के चार इलाकों में मुसलमानों के 60 घर और 29 दुकानों को अवैध कब्जा बताकर तोड़ दिया गया। 100 से ज्यादा सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही गिरफ्तार किए गए हैं। गुजरात के हिम्मत नगर और खंबात  में मस्जिदें जलाई गयीं लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

 हनुमान जयन्ती पर दिल्ली के जहाँगीरपुरी में जानबूझ कर हिंदू बहुल इलाक़ों के बजाए मुस्लिम बहुल इलाक़ों से जुलूस निकाले गए और मस्जिदों के सामने आपत्तिजनक नारे लगाए गए और भीड़ में से ही पत्थर चला कर इसे मुसलमानोंको आरोपित कर दंगा किया गया। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख लोगों में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी ओकास अंसारी, प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, शाहिद तौसीफ, मेंहदी हसन आब्दी स्वालेह अंसारी ने महामहिम राष्ट्रपति से निवेदन किया किदे श के बिगड़ते आंतरिक स्थितियों पर पूर्ववर्ती राष्ट्रपतियों के हस्तक्षेप की समृद्ध परंपरा रही है। उम्मीद है आप इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इन आपराधिक घटनाओं के दोषियों के खिलाफ़ कार्यवाई के लिए राज्य सरकारों को निर्देशित करेंगे।

खजूर सेहत भी और सुन्नत भी


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। रमज़ान महीने का एक और सुन्नतों भरा तोहफा खुदा ने हमें सहरी के रूप में अता किया है। रोज़े में सहरी का बड़ा सवाब है। सहरी उस गिज़ा को कहते हैं जो सुब्ह सादिक से पहले रोज़ेदार खाता है। सैय्यदना अनस बिन मालिक फरमाते हैं कि ‘‘नबी-ए-करीम (स.) सहरी के वक्त मुझसे फरमाते कि मेरा रोज़ा रखने का इरादा है मुझे कुछ खिलाओ। मैं कुछ खजूरें और एक बर्तन में पानी पेश करता।’ इससे पता यह चला कि सहरी करना बज़ाते खुद सुन्नत है और खजूर व पानी से सहरी करना दूसरी सुन्नत है। नबी ने यहां तक फरमाया कि खजूर बेहतरीन सहरी है। नबी-ए-करीम (स.) इस महीने में सहाबियों को सहरी खाने के लिए खुद आवाज़ देते थे। अल्लाह और उसके रसूल से हमें यही दर्स मिलता है कि सहरी हमारे लिए एक अज़ीम नेमत है। इससे बेशुमार जिस्मानी और रुहानी फायदा हासिल होता है। इसलिए ही इसे मुबारक नाश्ता कहा जाता है। किसी को यह गलतफहमी न हो कि सहरी रोज़े के लिए शर्त है। ऐसा नहीं है सहरी के बिना भी रोज़ा हो सकता है मगर जानबूझ कर सहरी न करना मुनासिब नहीं है क्यों कि इससे रोज़ेदार एक अज़ीम सुन्नत से महरूम हो जायेगा। यह भी याद रहे कि सहरी में खूब डटकर खाना भी जरूरी नहीं है। कुछ खजूर और पानी ही अगर बानियते सहरी इस्तेमाल कर लें तो भी काफी है।

 रमज़ान वो मुकदद्स महीना है जो लोगों को यह सीख देता है कि जैसे तुमने एक महीना अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया सुन्नतों और नफ़्ल पर ग़्ाौर किया, उस पर अमल करते रहे वैसे ही बचे पूरे साल नेकी और पाकीज़गी जारी रखो। नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया ‘‘तीन चीज़ों को अल्लाह रब्बुल इज्ज़त महबूब रखता है। एक इफ्तार में जल्दी, सहरी में ताखीर और नमाज़ के कि़याम में हाथ पर हाथ रखना।’ नबी फरमाते हैं कि इस पाक महीने को जिसने अपना लिया, जो अल्लाह के बताये हुए तरीकों व नबी की सुन्नतों पर चल कर इस महीने में इबादत करेगा उसे जन्नत में खुदावंद करीम आला मुक़ाम अता करेगा। यह महीना नेकी का महीना है। इबादत के साथ ही इस महीने में रोज़ेदार की सेहत दुरुस्त हो जाती है। रोज़ेदार अपनी नफ्स पर कंट्रोल करके बुरे कामों से बचा रहता है। ये महीना नेकी और मोहब्बत का महीना है। इस पाक महीने में जितनी भी इबादत की जाये वो कम है क्यों कि इसका सवाब 70 गुना तक अल्लाहतआला बढ़ा देता है, इसलिए कि रब ने इस महीने को अपना महीना कहा है। ऐ पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की इबादत, नबी की सुन्नतों पर चलने की व रोज़ा रखने की तौफीक अता फरमा..आमीन।

कई जगहों पर तरावीह मुकम्मल



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मस्जिद सम्मन खां गौरीगंज में तरावीह की नमाज़ हाफिज़ अमजद ने मुकम्मल करायी। इस दौरान जैसे ही तरावीह पूरी हुई तमाम लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया। आखिर में मौजूद लोगों ने नबी पर सलाम पेश किया। इसके बाद रोज़ेदार तबर्रुक लेकर अपने घरों को लौटें। ऐसे ही उल्फत कम्पाउंड में सैयद तसलीमुद्दीन की सरपरस्ती व जमाल आरिफ के संयोजन में 15 दिनी तरावीह हाफिज़ तैहसीन रज़ा ‘ग़ालिब’ ने मुकम्मल करायी। यहां तरावीह होने पर मौलाना अज़हरुल क़ादरी ने फातेहा व दुआख्वानी का एहतमाम किया। मो.ज़ैद, इब्तेसाम अख्तर, इसार अख्तर, इस्माईल रज़ा आदि ने हाफिज़ ग़ालिब का ज़ोरदार खैरमक़दम किया। इस मौके पर हाफिज ग़ालिब ने कहा कि अल्लाह के रसूल (स.) ने फरमाया कि इस माहे मुबारक में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। इस महीने में दस दस दिन के तीन अशरे होते हैं। पहला अशरा खत्म हो चुका है और दूसरा अशरा भी खत्म होने में 4 दिन बाकी हैं। यानी रमज़ान का आधा सफर मुकम्मल हो गया है। इस अशरे मगफिरत में रब रोज़ेदारों की दुआएं कुबुल करता है और उनके गुनाहों से तौबा करने पर रब उन्हें माफ कर देता हैं। इसी क्रम में दालमंडी की मस्जिद मिर्जा बिस्मिल्लाह में तरावीह मुकम्मल हुई। इस मुकद्दस मौके पर अकीदतमंदों ने मुल्क में अमन चैन की दुआ रब की बारगाह में करते हुए अपनी अपनी जायज तमन्नाओ की तलब रब से किया और तमाम आलमीन की खैर अल्लाह रब्बुल आलमीन से मांगी। तरावीह मुकम्मल होने के बाद नामाजियों ने एक दूसरे से मुसाफा करके उन्हें बधाई दी और हाफिज शोएब नोमानी को फूल मालाओं से लाद दिया। साथ ही सभी नमाजियो में बतौर तबर्रुख मिठाई तकसीम की गई।

गाज़ी मियां की लगी लग्न, मेला 22 मई को



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बड़ी बाजार स्थित हजरत सैयद सलार मसूद गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह की शादी के सवा महीने पूर्व आज लगन रखी गयी। इस दौरान कोरोना महामारी से निजात की दुआएं भी मांगी गई। इसी के साथ गाजी मियां की लग्न के साथ ही गाजी मियां की शादी की रस्म की शुरूआत हो गई। दरगाह गाजी मियां के गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी की देखरेख में हल्दी की रस्म निभाई गई। आयोजन में दूर दराज़ के साथ ही इलाकाई जायरीन भी मौजूद थे। इस दौरान बताया गया कि गाज़ी मियां की शादी की रस्म के साथ शादी की रस्म, उर्स और मेले की तैयारियां अब तेज़ हो जाएगी। 22 मई को गाज़ी मियां की बारात निकलेगी। इस दौरान तीन दिनों तक मेला लगेगा। 13 मई को पलंग-पीढ़ी और जोड़े का जुलूस दरगाह से निकलेगा जो बहराइच रवाना होगा। 

दरगाह कमेटी के सदर हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी, डा. अजीजुर्रहमान,  अब्दुल अब्दुल्लाह, व नोमान अहमद हाशमी की अगुवाई में फातिहा और चादर पोशी की गयी और जायरीन को हल्दी लगायी गयी। जिसमें बड़ी तादाद में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया। अन्त में सभी का दरगाह कमेटी के लोगों ने शुक्रिया अदा किया।

38000 Students को राहत देने की टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया की मांग

कामिल व फाज़िल मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किया जाए-हाजी दीवान साहेब ज़मा - मदरसा नियमावली से अगे बढ...