मंगलवार, 21 दिसंबर 2021

भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक

नवसाधना कला केन्द्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय' शिविर का समापन



वाराणसी।21दिसंबर (dil india live)। तीन दिन तक 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' शिविर के समापन पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कार्यकर्ता इस नारे के साथ अपने घरों को लौट गये कि 'हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास...'। साझी विरासत और मेल-जोल की भारतीय संस्कृति का विस्तार करने की शपथ लेने के साथ ही उन्होंने माना कि सतरंगी भारतीय संस्कृति को एकरंगी बनाने की कोशिश ही मुल्क के लिए सबसे बड़ा खतरा है जिससे मुल्क को बचाने की जरूरत है। तरना स्थित नवसाधना कला केन्द्र में 'राइट एंड एक्ट' संस्था की तरफ से आयोजित प्रशिक्षण शिविर में चले तीन दिनी मंथन में वक्ताओं ने कहा कि साझी विरासत और मेल-जोल की जो संस्कृति भारत में है वह दुनिया के किसी देश में नहीं है।भारतीय समाज हमेशा से सतरंगा रहा है आज कुछ ताकते उसे एकरंगा बनाने की कोशिश कर रही है जिससे हमें सतर्क रहना होगा.

वक्ताओं ने कहा कि आजादी का आंदोलन रहा हो या फिर उसके पहले काल,उस दौर के नायकों को भी एक दूसरे के खिलाफ लड़ाने की कोशिश हो रही है.नये नायक और प्रतीक स्थापित कर के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि खुदा और बंदों का ध्यान रखना ही हर धर्म का मूल है जो ऐसा नहीं करता समाज उसे अधर्मी मानता है. इसलिए प्यार-मोहब्बत से जीना और सबका ख्याल रखना चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि आज धर्म को सियासत की चासनी में लपेटकर सरकार बनाने और बिगाड़ने का दौर शुरू है.ये किसी लोकतांत्रिक देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है.उन्होंने कहा कि आज धर्माधिकारियों और धर्म के व्यापारियों में समाज को बांट दिया गया है.इससे हमें सावधान होना चाहिए। फादर आलोक नाथ ने कहा कि 'मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना' इस गीत को ही केंद्र में रखकर हम सभी को समाज निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए.उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों में खुलापन का दौर काफी विलंब से शुरू हुआ. इसके बावजूद आज हम सभी दूसरे धर्मों की अच्छाइयों को देखने-सुनने के बाद उसे अपने धर्म का हिस्सा बनाते हैं. इन्हीं अच्छाइयों के चलते देश की सतरंगी तस्वीर बनी है।

सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभ पांडेय ने प्रशिक्षणार्थियों को 17 ऐसे एक्ट की जानकारी दी जो समाज के हर तबके के लिए उपयोगी है.उन्होंने कहा कि इन कानूनों की जानकारी देकर ही हम समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय दिला सकते हैं. उन्होंने आरटीआई का इस्तेमाल कैसे और कब करें,इस बात की भी जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ती श्रुति रघुवंशी ने महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षुओं को इस बात का ग्रुप्स में प्रशिक्षण दिया कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर कैसे काम करेंगे.

आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ ने कहा कि तीन दिनों तक चले प्रशिक्षण शिविर की उपयोगिता तभी सार्थक होगी जब प्रशिक्षणार्थी अपने-अपने जिलों और गांव में जाकर समाज निर्माण की दिशा में काम करेंगे। शिविर में उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.कार्यक्रम का संचालन डॉ मोहम्मद रिफ ने और प्रतिभागियों की ओर से स्वागत विनोद गौतम तथा धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद ने किया।

सोमवार, 20 दिसंबर 2021

घरों पर लगाया सपा का झंडा

"2022 में साइकिल" पर दिया ज़ोर


वाराणसी 20 दिसंबर (dil india live)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशा निर्देश पर सपाजनों ने सोमवार को झंडा लगाओ अभियान चला कर, सपा की नीतियो व आगामी विधान सभा चुनाव में सपा उम्मीदवार को जीताने की अपील की गयी। इस मौके वक्ताओं ने कहा कि "2022 में साइकिल" ही लाना है।
इस दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्त्ताओ ने दालमंडी, छतातले, घुघरानी गली, चौक आदि क्षेत्रों में घुम घुम कर झंडा लगा कर पार्टी का प्रचार प्रसार किया। इस मौके पर राष्ट्रीय सचिव यूथ ब्रिगेड के इमरान अहमद, इरफान खान, आदिल खान, जिया सिद्दीक, प्रिंस तिवारी, रोहित कुमार, इमरान, विकास यादव, सैफ खान समेत तमाम लोग मौजूद थे।

सभी के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता

नवसाधना में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय शिविर में बोले बुद्धिजीवी




वाराणसी 20 दिसंबर (dil india live)। हर व्यक्ति के स्वायत्ता की रक्षा ही धर्मनिरपेक्षता है। कोई भी राज्य तब तक कल्याणकारी राज्य नहीं हो सकता जबतक वह धर्मनिरपेक्ष न हो। ये विचार नवसाधना कला केंद्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय ' विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन वक्ताओं ने कही। अलग-अलग सत्रों में चले शिविर में बीएचयू के प्रो.आनंद दीपायन ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब किसी धर्म के खिलाफ होना नहीं है बल्कि वह हमें दूसरे धर्म का आदर और सम्मान सिखाता है। धर्मनिरपेक्षता ही लोकतंत्र की गारंटी है। इस बात को हमें बखूबी समझने की जरूरत है। जब धर्मनिरपेक्षता कमजोर होगी तो लोकतंत्र कमजोर होगा।

बीएचयू आईआईटी के प्रो.आर के मंडल ने प्रो.दीपायन की बातों को विस्तार देते हुए सवाल उठाया कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो वो कौन से कारण है जिसके चलते पोस्टरों से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर गायब है। उन्हें खलनायक के तौर पर क्यों पेश किया जा रहा है। हमें इस बात को समझने की जरूरत है। नेहरू कहते कि हमारा धर्म विश्वविद्यालय, कालेज, लेबोरेटरी, बांध और नहरों का निर्माण करना है। जबकि आज के दौर में धर्म की परिभाषा बदल गयी है। नेहरू मानते थे कि मानवीय संवेदनाओं से ही संविधान की आत्मा बच सकती है।'

बीएचयू की प्रो.वृंदा परांजपे ने 'समाज निर्माण में महिलाओं की भूमिका' विषयक सत्र में कहा कि हमें अपनी ताकत पहचाननी होगी। जब तक हम अपनी ताकत  नहीं पहचानेंगे तब तक बेहतर समाज का निर्माण नहीं कर सकते। शिविर में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए 40 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। शिविर की विषय स्थापना और संचालन डॉ मोहम्मद आरिफ़ ने किया।


विश्व उर्दू दिवस पर छलका दर्द

उर्दू की उन्नति व अस्तित्व के लिए गंभीरता से प्रयास करना होगा

  • उर्दू ज़बान व अदब में भारतीय संस्कृति प्रतिबिंबित होती है: प्रो आफताब अहमद आफाकी 
  • उर्दू हमारी मादरी जबान है इसके लिए स्वयं गंभीर होना होगा:मुफ्तीए बनारस
  • उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने शिक्षाविदों को"हफीज़ बनारसी" अवार्ड से नवाजा


वाराणसी 19 दिसंबर(dil india live)। विश्व उर्दू दिवस पर "उर्दू बहैसियत मादरी ज़बान"के शीर्षक से रविवार को उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन, ऊ प्र, वाराणसी के सौजन्य से काज़ीसादुल्लापूरा स्थित सिटी गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज में "आठवां जश्न ए उर्दू" सेमिनार आयोजित हुआ। जिसकी अध्यक्षता मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने की।

         इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीएचयू के उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आफताब अहमद आफाकी ने कहा कि उर्दू ज़बान का जन्म व उन्नति भारत में ही हुई है इसलिए उर्दू में यहां की सभ्यता और संस्कृति का होना स्वाभाविक है। उर्दू की ये विशेषता है कि यह धर्म या क्षेत्र विशेष की भाषा न होकर सभी की धमनियों में प्रवाहित है। उर्दू हमारी मातृ भाषा है जिसकी हैसियत हमेशा परिपूर्ण रहेगी। हमारे इतिहास, सभ्यता और अहम कारनामों के साक्ष्य इसी भाषा में संरक्षित हैं, इसलिए इसकी उन्नति व अस्तित्व के लिए हमे गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।उर्दू के लिए यह एक सुखद अवसर है और हमे अपनी भाषा की रक्षा और विकास के लिए स्वयं कार्य करना होगा।उर्दू के विकास के लिए हमे अपने घरों से कोशिश करनी होगी, हमे अपने बच्चों को उर्दू पढ़ाना होगा तथा उर्दू अखबार व पत्रिकाओं से परिचित कराना होगा। यह हमारे देश की भाषा, हमारी सभ्यता और संस्कृति है। हमारी सारी सांस्कृतिक पूंजी उर्दू में है इसलिए हमे इसकी सुरक्षा खुद करनी होगी।

     


 विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सारनाथ, वाराणसी की उर्दू की प्रवक्ता डॉक्टर नगमा परवीन ने कहा कि उर्दू हमारी मातृ भाषा ही नहीं, ये हमारी संपूर्ण संस्कृति भी है। इसके संरक्षण और तरक्की के लिए प्रयास करना होगा, इसके लिए हमे उर्दू शिक्षा को आम करना होगा तभी हम अपनी ज़बान की हिफाजत कर सकते हैं। इस भाषा में ऐसी मधुरता और आकर्षण है कि ये सबका ध्यान आसानी से प्राप्त कर लेती है।मदरसा मजहरूल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक जनाब अफसर अहमद ने कहा कि जो कौम अपनी ज़बान का एहसास नहीं करती उसका अस्तित्व मिट ही जाना है। मातृ भाषा के बिना आंखें तो होगी मगर दृष्टि नही, दिमाग तो होगा मगर स्वतंत्र नही होगा। ऐसे लोग न अतीत का ज्ञान रखते हैं न वर्तमान की चिंता। डी ए वी डिग्री कॉलेज की प्रवक्ता तमन्ना शाहीन ने कहा कि स्वतंत्रता का पूरा इतिहास इसी उर्दू भाषा में संरक्षित है। ये स्वतंत्रता आंदोलन में होने वाले बलिदान की साक्षी है, इसका खत्म होना हमारे अस्तित्व का नष्ट होना है। हमे नई पीढ़ी को मातृ भाषा की उचित शिक्षा देने की व्यवस्था करनी चाहिए क्योंकि यह हमारी सभ्यता व संस्कृति की पहचान है।

           अपने अध्यक्षीय संबोधन में मुफ्ती ए बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने कहा कि उर्दू हमारी मादरीज़बान है इसके लिए हमे खुद गंभीर होना होगा तभी हम दूसरो से आशा कर सकते हैं। यह ज़बान केवल एक धर्म की नही है, इसके विकास का दायित्व हर शहरी का है। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना अच्छी बात है लेकिन उसके साथ ही हमे उर्दू की भी शिक्षा दिलानी होगी तभी आने वाली पीढ़ियों को पूर्वजों का बलिदान मालूम हो सकेगा। हम एक घंटे ही सही लेकिन बच्चो को उर्दू जरूर पढ़ाएं। प्रख्यात शायर अहमद आज़मी ने अपनी नज्मों व गजलों से प्रोग्राम की खूबसूरती को बढ़ाया।

इस अवसर पर अतिथियों को उनकी साहित्यिक और शैक्षिक सेवा के लिए "हफीज़ बनारसी अवार्ड"2021से नवाज़ा गया।साथ ही अतिथियों को बुके और शाल देकर सम्मानित किया गया। प्रोग्राम की शुरुआत हाफिज नफीसुर्रहमान ने कुरआन की तिलावत से की और नौशाद अमान "सोज़" ने नात और हेना परवेज़ ने कौमी तराना पढ़ा। स्वागत भाषण अब्दुर्रहमान ने व धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष एहतेशामुल हक ने पेश किया। कार्यक्रम का संचालन इशरत उस्मानी ने बखूबी निभाया।

       


   इस अवसर पर उर्दू बीटीसी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक इश्तियाक अंसारी, अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, महामंत्री मोहम्मद जफर अंसारी, कोषाध्यक्ष महबूब आलम, उपाध्यक्ष शाहनवाज खां व बेबी फातमा,संत अल्हनीफ एजुकेशन सेंटर के डायरेक्टर हाजी वसीम अहमद, सिटी गर्ल्स इंटर कालेज के प्रबंधक हाजी रईस अहमद,नैशनल इंटर कालेज के उर्दू प्रवक्ता ज्याउद्दीन अंसारी,मदरसा मतलउल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक अकील अंसारी,सलीम बनारसी,हाजी खुर्शीद,हाजी अमीरुल्लाह,मुफ्ती अहमद सईद, मंजूर अहमद, अब्दुल्लाह,हारून, तमन्ना बेगम, अली इमाम, आज़ाद अंसारी, चिराग अंसारी, शफीक आलम, मुहम्मद सुहेल, शगुफ्ता अंजुम, डॉक्टर नजमुस्सहर, शकील अंसारी, ज़हीर अख्तर, इमरान खान, राशिद अनवर, आमरा जमाल, हिना कौसर, हुसैन अहमद आरवी, आयशा परवीन, सदरुद्दीन, एहतेशाम हैदर, रुखसार, आयशा अरवीन, तबस्सुम, रहमत अली, महफूजा खातून, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हे, शमीम रियाज़, हफीज़ मुनीर, इरफान इत्यादि मौजूद थे।

रविवार, 19 दिसंबर 2021

क्षेत्रीय जनता के लिए वरदान होगा 50 शैय्या यह चिकित्सालय- सुरेन्द्र नारायण सिंह

आयुष चिकित्सालय में लगा स्वास्थ्य शिविर





 वाराणसी,19 दिसम्बर (dil india live)। भद्रासी में नवनिर्मित 50 शैय्या के आयुष चिकित्सालय में रविवार को पहला स्वास्थ्य जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही दवा वितरण हुआ। साथ ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए जागरूक किया गया। शिविर का उद्‌घाटन रोहनिया के विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह ने किया। 

“आज़ादी का अमृत महोत्सव” के तहत “विश्व आयुर्वेद परिषद” एवं आयुष विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस स्वास्थ्य शिविर के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह ने कहा कि यह अस्पताल इलाके के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार का सपना है कि हर व्यक्ति को उसके घर के पास ही बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। सरकार के इस सपने को यह अस्पताल साकार करेगा। उन्होंने इलाके के लोगों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।

समारोह में क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद व यूनानी के साथ ही होम्योपैथी चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी। यहां योग के जरिए भी उपचार होगा। शिविर में 320 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही दवा का वितरण किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक मनीष पाण्डेय, आशीष पाल व धीरेन्द्र शर्मा ने योग का प्रदर्शन कर लोगों को निरोग रहने का रहने का संदेश दिया।

समारोह में  डा. कमलेश कुमार द्विवेदी,  डा. मनीष मिश्र, डा.अंजना सक्सेना, वीरेन्द्र कुमार, डा. रमन विश्वकर्मा, डा. अश्विनी तिवारी तथा अन्य चिकित्सक एवं चिकित्साकर्मी  मौजूद रहे। इस अवसर पर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. एन.के सिंह ने बताया कि अस्पताल में प्रातः सात बजे से योग की कक्षाएं चलेगी तथा सभी प्रकार के रोगी देखे जाएगे । कार्यक्रम का संचालन डा. रमन विश्वकर्मा  ने किया।  इस अवसर  पर काफी संख्या में क्षेत्रीय नागरिक  उपस्थित थे।

आप ने काशी में इन उम्मीदवारों पर लगाया दाव

"आप" की तीसरी सूची जारी, वाराणसी के 02 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की घोषणा

दक्षिणी से अजीत, उत्तरी से डॉ. आशीष चुनावी मैदान में कूदे


वाराणसी 19 दिसंबर (dil india live)। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद/प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने उत्तर -प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये, 30 प्रभारियों/संभावित उम्मीदवारों की  तीसरी सूची जारी किया। पूर्व में भी पार्टी 02 सूचियों के माध्यम से 170 प्रभारियों की लिस्ट जारी कर चुकी हैं। प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह ने बताया कि वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा से राजमंदिर के लोकप्रिय पार्षद अजीत सिंह को और उत्तरी  विधानसभा से डॉ. आशीष जायसवाल को विधानसभा प्रभारी/संभावित उम्मीदवार घोषित किया हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अजीत सिंह राजमंदिर क्षेत्र के बेहद लोकप्रिय और दक्षिणी विधानसभा में बेहद कर्मठ और जुझारू नेता के रूप में जाने जाते हैं। जबकि उत्तरी के संभावित उम्मीदवार डॉ. आशीष जायसवाल बीएचयू में कोर्डियोलाजी (हृदय रोग विभाग) में असिस्टेंट प्रोफेसर. (DM कार्डियोलॉजी) के रूप में कार्यरत हैं। इसके पूर्व आज ही सुबह सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में अजीत सिंह को पार्टी में शामिल किया।

    वाराणसी के दोनों प्रभारियों को प्रदेश सहप्रभारी अभिनव राय, प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह, जिलाध्यक्ष कैलाश पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष मनीष गुप्ता, जिला महासचिव अखिलेश पांडेय, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनोद जायसवाल, प्रदेश सचिव महिला विंग रेखा जायसवाल, जिला मीडिया प्रभारी घनश्याम पांडेय, दीना नाथ सिंह, प्रदेश सचिव जिलाध्यक्ष महिला विंग शारदा टंडन, दक्षिणि विधानसभा अध्यक्ष सौरभ यादव, प्रदेश सचिव SC/ST विंग सी. के. नागवंशी, सरोज शर्मा आदि ने बधाई देते हुए कहा कि उम्मीद हैं कि दोनों प्रभारी पार्टी की नीतियों को मजबूती से जनता के बीच ले जायेंगे।

क्रिसमस को लेकर बिशप का बड़ा फैसला

इस बार भी नहीं लगेगा क्रिसमस मेला

  • क्रिसमस की तैयारियां हुई तेज़
  • आकार लेने लगी चर्चेज व गिरजाघरों में चरनी

 


वाराणसी 19 दिसंबर (dil india live)। धर्म की नगरी काशी में क्रिसमस के जश्न के लिए शहर को सजाने का काम तेज हो चला है। वाराणसी में क्रिसमस का मुख्य समारोह तो 25 दिसंबर को होगा, मगर काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचलवासियों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगेगी यह समाचार पढ़कर कि इस बार भी क्रिसमस मेला नहीं लगेगा। बिशप हाउस के सेक्रेटरी फादर थामस ने बिशप द्वारा लिये गये इस बड़े फैसले की जानकारी प्रशासन को दे दी है। फादर थामस ने दिल इंडिया लाइव को बताया कि कोविड की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए बिशप यूज़ीन जोसेफ ने यह फैसला लिया है। सेंट मेरीज़ महागिरजा में आराधना होगी, चरनाी सजायी जा रही है। बाइबिल प्रदर्शनी आने वालों को दिखाई जायेगी। जिसमें, यीशु जन्म की झांकी दिखेगी मगर महागिरजाघर की ओर से इस बार भी किसी को स्टाल लगाने की कैंम्पस में अनुमति नहीं दी गई है। रविवार को आगमन का आखिरी इतवार था। सेंट मेरीज़ महागिरजा में स्टाल के लिए लगातार फादर विजय शांतिराज के पास लोग सम्पर्क करते रहे मगर फादर विजय शांतिराज ने साफ कर दिया कि इस बार मेला नहीं लगेगा।

आगमन पर हुई विशेष आराधना


उधर सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम गिरजाघरों में चरनी यानी झांकी सजने के साथ क्रिसमस की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके साथ ही प्रमुख आराधना स्थल सेंट थॉमस चर्च, सेंट पाल चर्च, लाल चर्च, तेलियाबाग चर्च, रामकटोरा चर्च, चर्च आॅफ बनारस, सेंट बेथल फुल गाम्स्पल चर्च, सेंट फॉसिसी आफ असीसी चर्च, सेंटा जांस चर्च, ईश माता मंदिर आदि में आगमन के आखिरी इतवार को सुबह विशेष आराधना करायी गयी। इस दौरान चर्च आफ बनारस के पास्टर बेन जॉन ने कहा कि यीशु मसीह दुनिया में शांति का राज स्थापित करने आये थे, उनका हम पर एहसान है कि उन्होंने हमे सही और सच्ची राह दिखाई। वो ऐसे थे जिन्होंने अपने दुश्मनों को भी यह कहते हुए माफ कर दिया कि ऐ प्रभु इन्हे क्षमा करना क्यों कि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।

रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि क्रिसमस हमे जिन्दगी में सच्चाई और उल्लास का रास्ता दिखाता है। क्रिसमस का जश्न हम सब ज़रूर मनाये मगर उन्हें न भूले जो लोग कोरोना काल में असमय इस दुनिया से रुख्सत हो गये। उन घरों और परिवारों में भी लोग जाये जहां कोरोना काल में मौते हुई और वो लोग बेसहारा हो गये। उनकी भी आप लोग सूध लें।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...