शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2021

9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस


 9-16 तक होगा राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन

  • देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में डाक विभाग की अहम भूमिका - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव



वाराणसी 08 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)।डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एक ऐसा संगठन है जो न केवल देश के भीतर बल्कि देश की सीमाओं से बाहर अन्य देशों तक पहुँचने में भी हमारी मदद करता है। पूरे विश्व में हर वर्ष 9 अक्टूबर को "अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस" और उसी क्रम में 9-16 अक्टूबर तक भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जायेगा। उक्त जानकारी वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। इस दौरान 'आजादी के अमृत महोत्सव' के संबंध में भी लोगों को जागरूक किया जायेगा। 

इसलिए मनाया जाता है विश्व डाक दिवस

9 अक्टूबर को "अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस" मनाये जाने के बारे में  पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा  कि 'एक विश्व-एक डाक प्रणाली' की अवधारणा को साकार करने हेतु 9 अक्टूबर, 1874 को 'यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन' की स्थापना बर्न, स्विटजरलैण्ड में की गई, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि 1 जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस को 'विश्व डाक दिवस' के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया। तब से पूरी दुनिया में  इस दिन को प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। विश्व डाक दिवस के क्रम में ही पूरे सप्ताह को राष्ट्रीय डाक सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा, जिस दौरान तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

 राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन

 पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि परिक्षेत्र के विभिन्न डाक मंडलों में भी 'विश्व डाक दिवस' और तदन्तर 9 से 16 अक्टूबर तक 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में 9 अक्टूबर  को  'विश्व डाक दिवस', 11 अक्टूबर को बैंकिंग दिवस, 12 अक्टूबर को डाक जीवन बीमा दिवस, 13 अक्टूबर को फिलेटली दिवस, 14 अक्टूबर को व्यवसाय विकास दिवस और 16 अक्टूबर को मेल दिवस के रूप में मनाया जायेगा।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री यादव ने कहा कि 'आजादी के अमृत महोत्सव' के परिप्रेक्ष्य में इस दौरान क्षेत्रीय, मंडलीय कार्यालय और प्रधान डाकघरों को रोशनी से सुसज्जित करने के साथ-साथ उन पर अमृत महोत्सव का बोर्ड भी प्रदर्शित किया जायेगा। सेवाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं राजस्व अर्जन में वृद्धि पर जोर दिया जायेगा, वहीं उत्कृष्टता हेतु डाक कर्मियों का सम्मान, कस्टमर मीट, डाक सेवाओं की कार्य-प्रणाली को समझने हेतु स्कूली बच्चों द्वारा डाकघरों का भ्रमण, माई स्टैम्प, पेंटिंग व क्विज प्रतियोगिता, बचत बैंक, सुकन्या समृद्धि योजना, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक व डाक जीवन बीमा मेला, आधार कैम्प इत्यादि तमाम कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

वाराणसी में डाक सेवाएं

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी में डाक सेवाओं का पुराना इतिहास रहा है। आजादी के पहले से ही डाक सेवाओं ने यहाँ के सामाजिक-आर्थिक परिवेश को प्रभावित किया है। वाराणसी डाक क्षेत्र के अधीन वाराणसी पूर्वी, वाराणसी पश्चिमी, गाजीपुर, जौनपुर और बलिया डाक मंडल अवस्थित हैं। वाराणसी में डाक सेवाओं की महत्ता के मद्देनजर ही वर्ष 2016 में यहाँ पोस्टमास्टर जनरल का पद सृजित किया गया, उससे पहले यहाँ का डाक प्रशासन पोस्टमास्टर जनरल, इलाहाबाद परिक्षेत्र के  अधीन था। वाराणसी परिक्षेत्र में कुल 1699 डाकघर हैं, जिनमें से 6 मंडलों के अधीन कुल 6 प्रधान डाकघर, 268 उपडाकघर और 1425 शाखा डाकघर हैं। अकेले वाराणसी जनपद में कुल 252 डाकघर हैं। आज भी वाराणसी प्रधान डाकघर और वाराणसी सिटी डाकघर हेरिटेज भवनों में संचालित हैं। वाराणसी सिटी डाकघर सम्पूर्ण महिला डाकघर के रूप में कार्यरत है। विशेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघर में आज भी आजादी से पहले का लेटर बॉक्स धरोहर रूप में लगाया गया है, वहीं डाक बाँटने हेतु डाकियों द्वारा इस्तेमाल किये गए भाले इत्यादि भी सुरक्षित रखे गए हैं। प्रधान डाकघर में स्थित फिलेटलिक ब्यूरो डाक टिकट संग्रह के शौकीनों हेतु प्रमुख स्थल है, जहाँ तमाम नए-पुराने डाक टिकट प्रदर्शित हैं। डाक विभाग से तमाम मशहूर हस्तियों का भी नाता रहा है। उपन्यास सम्राट के नाम से प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिताजी भी डाक विभाग में ही कार्य करते थे।

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गुरुवार, 7 अक्तूबर 2021

वन स्टॉप सेंटर में लगा “विधिक शिविर”

महिलाअधिकारों के लिए चला जागरूकता शिविर

  • शिविर में दी गयी कानूनी जानकारी


 वाराणसी, 7 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। वन स्टॉप सेंटर के सभागार में बृहस्पतिवार को विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित इस शिविर में महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही उनको सम्बंधित कानूनों से भी अवगत कराया गया।


शिविर में पाक्सो  एक्ट, एसिड अटैक, दहेज निवारण अधिनियम, लैंगिक उत्पीड़न, घरेलू हिंसा से सम्बन्धित कानूनों के बारे में  विस्तार से जानकारी दी गयी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की विधिक सलाहकार रेखा श्रीवास्तव ने शिविर में शामिल महिलाओं से कहा कि सम्बन्धित कानूनों की जानकारी उन्हें इन समस्याओं से  छुटकारा दिला सकती  है। यदि किसी महिला का उत्पीड़न हो रहा हो तो उसे कानून का सहारा लेना चाहिए। 

वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी रश्मि दुबे ने कहा कि यह एक ऐसा केन्द्र है जहां एक ही छत के नीचे महिलाओं की सभी समस्याओं के निदान की व्यवस्था है। उन्हें विधिक परामर्श देने के साथ ही उनको स्वावलम्बी बनाने का भी प्रयास किया जाता है। कोर्इ भी महिला घरेलू हिंसा, कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार   जैसी अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए इस केन्द्र की मदद ले सकती हैं ।  शिविर में महिला शक्ति केन्द्र की जिला समन्वयक रेखा श्रीवास्तव ने मिशन शक्ति अभियान के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं और बच्चों के लिए चलायी जा रहीं योजनाओं के बारे में  महिलाओं को अवगत कराया।  चोलापुर की रहने वाली सुनीता ने बताया कि वह घरेलू हिंसा से पीड़ित हैं । शिविर में शामिल होकर उन्हें  लाभप्रद जानकारियां मिली हैं। अब वह अपने साथ हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ेगी। रोहनिया की रहने वाली कुसमा ने बताया कि शिविर में आने से उन्हें  अपने अधिकारों के बारे में पता चला। शिविर में बड़ी  संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।


भारत में जंक फूड की खपत को नियंत्रित करने पर ज़ोर

एनसीडी कम करने के लिए एफओपीएल एक कुंजी है 

स्वस्थ भोजन, बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अग्रणी लोगों ने की अपील

वाराणसी 7 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव) | सभी प्रसंस्कृत और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों तथा पेय पर सबूत आधारित पोषण मानकों और उपभोक्ता अनुकूल चेतावनी लेबल को अपनाने के संघर्ष को जारी रखते हुए, पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्युमन राइट्स (पीवीसीएचआर) ने फाउंडेशन ऑफ ससटेनेबल डेवलपमेंट इंडिया तथा सावत्री बाई फुले महिला पंचायत के साथ मिलकर एक साझे कंसलटेशन का आयोजन वाराणसी में किया। इसमें इस बात को नोट किया गया कि बच्चों में मोटापा बढ़ने,  कम उम्र में ही कार्डियो वस्कुलर बीमारी,  डायबिटीज की शुरुआत तथा गैर संक्रामक बीमारियों के संपूर्ण बोझ के कारणों और इन्हें इससे जोड़ने के लिए पर्याप्त अनुसंधान हैं।    

इस कंसलटेशन में आस्था से जुड़े लोगों, बाल अधिकारों और अभिभावकों के समूह ने संयुक्त अपील की कि भारत में पोषण लेबल और मानकों को अपनाने के काम में तेजी लाई जाए, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता कहा गया। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत को मिसाल बनना चाहिए और दुनिया भर के उन देशों में शामिल होना चाहिए जिन्होंने फूड लेबलिंग को जरूरी बना दिया है और नुकसानदेह अवयवों पर डब्ल्यूएचओ निर्धारित सीमा तय की है। चिली और ब्राजील जैसे देशों से आने वाले सबूतों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चेतावनी लेबल शैली के सामान्य और आवश्यक एफओपीएल जैसे नमक/चीनी सैचुरैटेड फैट ज्यादा है वाले चेतावनी लेबल जन स्वास्थ्य की बेहतरी पर दुष्प्रभाव छोड़ते हैं। इससे अस्वास्थ्यकर भोजन की खपत कम होती है,  उपभोक्ता की प्राथमिकता बदलती है और उद्योग को रीफॉर्मूलेट करने के लिए प्रेरित किया जाता है।


मजबूत फूड लेबल को अपनाना तेज करने के लिए एक राष्ट्रीय जमीनी पहल,  पीपल (पीपुल्स इनीशिएटिव फॉर पार्टिसिपेटरी ऐक्शन ऑन फूड लेबलिंग) की शुरुआत के मौके पर अपने विचार रखते हुए वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत और आईआईटी-बीएचयू के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो विश्वम्भर नाथ मिश्र ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को मोटापे और घातक बीमारियों की चपेट में आने से बचाने की तत्काल जरूरत है। “क्या बच्चे जो खाते हैं,  उसपर उनका या उनके परिवार का नियंत्रण हैं ? यह जानते हुए कि हम क्या खाते हैं,  हम अपने बच्चों को जो भोजन देते हैं,  उसमें क्या है,  यह एक ऐसा अधिकार है जिसकी हमें रक्षा करनी चाहिए | हमारे देश के अधिक से अधिक लोग जंक या प्रसंस्कृत भोजन का सेवन कर रहे हैं और यह एक सुस्थापित है कि इनमें से अधिकांश खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्व या नमक और चीनी अनुशंसित सीमा से कई गुना अधिक होती है | स्पष्ट रूप से निर्धारित सीमा के साथ एक आसानी से पढ़ने के लिए एफओपी लेबल है कि बच्चों और माता पिता को चेतावनी देते है एक प्राथमिकता होनी चाहिए।


इसे एक महत्वपूर्ण पहल कहते हुए,  प्रसिद्ध गांधीवादी इतिहासकार और इस्लामिक चिंतक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा, समुदाय के नेताओं के रूप में  हम सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों के लोगों के लिए एक स्वस्थ भोजन प्रणाली की मांग करते हैं। उन्हें स्वास्थकर विकल्पों में से चुनने का अधिकार होना चाहिए। खाने के एक पैकेट पर एक व्याख्यात्मक लेबल उपभोक्ताओं, माता पिता और बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते है चुनने में सक्षम होना चाहिए। हमें पिपल के साथ हाथ मिलाने में खुशी हो रही है ताकि भारत के लिए ऐसा हो सके।”


बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में कम्युनिटी मेडिसिन की प्रमुख डॉ संगीता कंसल के मुताबिक, “14 मिलियन से ज्यादा मोटे या ओवरवेट लोगों के साथ भारतीय बच्चे को अस्वस्थ भविष्य का सामना करना पड़ रहा है और उनके वयस्क होने में एनसीडी का खतरा ज्यादा है | हम वही हैं जो हम खाते हैं और इसलिए हमें उस भोजन पर बारीक नजर रखना चाहिए जो हमारे बीच बेचे जा रहे हैं | नियामक कदम जैसे पोषण की सीमा जो उद्योग के लिए यह आवश्यक बने कि वे अपने उत्पादों को वैश्विक और वैज्ञानिक मानकों के अनुसार स्वास्थ्यकर बनाएं | यह मोटापे या डायबिटीज की महामारी को रोकने में काफी मददगार होगा |”

भारत खाद्य और पेय उद्योग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में से एक है जहां बिक्री परिमाण 34 मिलियन टन है | यूरोमॉनिटर के आंकड़ों के पूर्वानुमान के अनुसार, चीन और अमेरिका के बाद भारत 2020 तक दुनिया में पैकेज्ड फूड के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरने के लिए तैयार था | अध्ययनों से पता चला है कि भारत में, शहरी और ग्रामीण परिवारों में 53% बच्चों ने चिप्स और इंस्टैंट नूडल्स जैसे नमकीन पैकेज्ड भोजन का सेवन किया,  56% बच्चों ने चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी मीठी चीज का सेवन किया और 49% बच्चों ने सप्ताह में औसतन दो बार चीनी से मीठा बनाए गए डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन किया | एनसीडी से लड़ने के उपायों के एक सरल, व्याख्यात्मक और अनिवार्य फ्रंट-ऑफ-पैक लेबल को उपायों की श्रृंखला का महत्वपूर्ण घटक माना जाता है और यह अपने बच्चों के लिए स्वस्थ कल सुनिश्चित करने के लिए भारत की जीत की रणनीति हो सकती है |

कंज्यूमर वॉयस के सीओओ श्री अशीम सान्याल के अनुसार, “खपत की यह शैली और चिंता का विषय है क्योंकि अधिकांश प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी और वसा की मात्रा इतनी होती है जो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 2018 में अपने मसौदा लेबलिंग और प्रदर्शन विनियमों या डब्ल्यूएचओ सीरो एनपीएम मॉडल द्वारा प्रस्तावित थ्रेसहोल्ड से कई गुना अधिक है | 2019 में एफएसएसएआई द्वारा प्रकाशित मसौदा विनियम इन उत्पादों के स्वास्थ्य नुकसान को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था | उद्योग द्वारा पीछे कर दिए जाने के परिणामस्वरूप एक निर्णय वर्षों से लंबित है |”

स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों की गंभीरता को देखते हुए मानव अधिकार कार्यकर्ता और पीवीसीएचआर (पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स) के सीईओ डॉ लेनिन रघुवंशी ने जोर देकर कहा कि पीपल - नीति निर्माताओं,  पोषण के क्षेत्र के अग्रणी लोगों और उद्योग को यह याद दिलाने का प्रयास था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण का अधिकार है | संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकारों के कन्वेंशन के अनुसार अच्छा पोषण एक मौलिक अधिकार है | इसलिए यह सुनिश्चित करने का समय है कि बच्चों को उनका अधिकार दिया जाए, उनकी भलाई को गंभीरता से लिया जाए | पीपल चिंता के साथ नोट करता है कि महामारी के दौरान भी,  खाद्य कंपनियों को अपने व्यापार बढ़ने के लिए जारी रखा और अल्ट्रा प्रसंस्कृत भोजन के विज्ञापनों पर करोड़ों डॉलर खर्च किए। 

एफओपीएल को अपनाने में तेजी लाने और उपभोक्ताओं,  माता-पिता को एक स्वस्थ विकल्प की ओर ले जाने के अपने प्रयासों में, पीपल राष्ट्रव्यापी जागरूकता पैदा करेगा खास कर भिन्न उपभोक्ताओं समूहों विशेष रूप से माता-पिता और बच्चों के साथ काम करने वालों के बीच | यह नागरिक समाज समूहों, स्वास्थ्य और नागरिक अधिकारों के अधिवक्ताओं,  उपभोक्ता समूहों के लिए एक शिक्षण मंच के रूप में भी काम करेगा जो खाद्य लेबलिंग और पोषण थ्रेसहोल्ड पर सर्वोत्तम प्रथाओं और शिक्षाओं में रुचि रखते हैं।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

बुनकरों के बीच पहुँचे मंत्री राजेश त्रिपाठी


वाराणसी 05अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। आगामी 10 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की जगतपुर में होने वाली प्रतिज्ञा रैली की तैयारी के लिए आज वाराणसी के प्रभारी छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश त्रिपाठी वाराणसी के बुनकर बिरादराना तंजीम के कई सरदार साहबान के घर जा कर मिले जिसमे बाईसी तंजीम के कार्यवाहक सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा



से भी पूर्व सरदार स्व0 हाजी अब्दुल कलाम साहब के आवास पर बाईसी तंज़ीम के कैबिनेट के सारे सदस्यों से मिले और उन्होंने सरदार साहब से गुजारिस की की मा0 प्रियंका गांधी जी की जो रैली होने वाली है उसमे आप सभी लोग  आवाम के साथ तसरीफ लाये ताकि वाराणसी में आप सब के नेतृत्व में प्रियंका जी की जोरदार स्वागत हो सके और ये पहली बार होगा की किसी पब्लिक मीटिंग में जनता की  समस्या और परेसानी को दूर करने के लिए प्रतिज्ञा लेंगी। 

इस मौके पर मौजूद शहर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, अफ़रोज़ अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, हाजी रईस अहमद । अनवारुल हक़ अंसारी ।  मुर्तज़ा अब्बास शम्सी । पार्षद गुलशन अली । पार्षद बेलाल अंसारी । बाबू लाल किंग । कल्लू हांफी जी । मो0 स्वालेह परवेज़, आसिफ, हाफिज नसीर, यासीन माइको, शमीम अंसारी आदि लोग मौजूद थे । 

            

मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021

अमन और पीटर का शेरगिल सॉकर अकादमी में चयन

कोच शादाब रज़ा से सीखीं है फुटबाल की बारीकियां

वाराणसी 05 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव)। इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबाल अकादमी के प्रशिक्षु अमन कुमार राय और अशर पीटर का चयन शेरगिल सॉकर अकादमी, फगवाड़ा (पंजाब) में हुआ है। दोनों प्रशिक्षुओं का चयन वहां लंबी चयन प्रक्रिया के बाद हुआ। ज्ञातत्व है कि शेरगिल अकादमी देश की प्रतिष्ठित आई लीग में भी भाग लेती है। दोनों खिलाड़ी एबीआईसी मैदान पर मुख्य प्रशिक्षक शादाब रजा से फुटबाल की बारीकियां सीखते हैं। 

सुलेम सराय निवासी शशिकांत राय के पुत्र अमन कुमार राय दो बार और लूकरगंज निवासी सीपी राजू के पुत्र अशर पीटर ने एक बार जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में बीसी रॉय ट्रॉफी और स्कूल नेशनल गेम्स में प्रतिभाग किया है। इनके चयन पर अकादमी के चेयरमैन बादल चटर्जी, अध्यक्ष डॉ रामेन्दू रॉय, सचिव विप्लब् घोष, संयुक्त सचिव आरके अरोरा, कोषाध्यक्ष संजीव चंदा, डीएफए के सचिव मक़बूल अहमद, अध्यक्ष नारायणजी गोपाल और अकादमी के सहायक प्रशिक्षक अम्बर जायसवाल और सुरेंद्र कुमार ने शुभकामनाएं दी हैं।

रविवार, 3 अक्तूबर 2021

सक्का ए सकीना का मातम कल अर्दली बाजार में


वाराणसी 03 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव)। 26 सफ़र यानी 4 अक्टूबर सोमवार को अर्दली बाज़ार के उल्फत कम्पाउंड में हाजी एसएम जाफर सद्दन के आवास पर सक्का ए सकीना का मातम होगा।

उक्त जानकारी देते हुए हसन मेंहदी कब्बन ने बताया कि 4 अक्टूबर को रात्रि 8:00 बजे से मजलिस का आगाज नबील हैदर, जैन बनारसी के पेशखानी से होगा। मजलिस को आली जनाब  हुजतुल इस्लाम मौलाना सैयद जमीरउल हसन साहब खिताब करेगें। बाद मजलिस  मौला अब्बास का ताबूत व अलम निकलेगा जिसमे शहर की नामचीन अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन इमामिया नोहा मातम करेगी। जुलुस उल्फत बीबी हाता मास्टर जाहिर हुसैन के इमामबारगाह में समाप्त होगा।

आला हज़रत के उर्स पर अमन और मिल्लत की दुआएं

  • उर्स-ए-रज़वी घरों में ही मनाया जा रहा
  • कोरोना प्रोटोकाल के तहत मन रहा उर्स
  • इस बार सड़कों पर नहीं हुआ आयोजन

 वाराणसी 03 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। दुनिया के प्रमुख इस्लामी विद्धान, सूफीवादी आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी के उर्स पर जगह-जगह अमन और मिल्लत की सदाएं बुलंद हुई। इस दौरान बरेली शरीफ की तर्ज़ पर बनारस के घरों में उर्स-ए-रज़वी कोरोना प्रोटोकाल के तहत अक़ीदत के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर भीड़ न हो इसलिए यह आयोजन इस बार सड़कों पर न होकर केवल घरों और खानकाहों पर ही किया गया। सुबह से ही लोगों ने घरों में फोतहा कराया, गरीबों को खैरात और सदका दिया। इस मौके पर गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, मदनपुरा, रामापुरा, रेवड़ी तालाब, नई सड़क, दालमंडी, सरायहड़हा, चौहट्टा लाल खां, पठानी टोला, जलालीपुरा, शक्कर तालाब खानकाह, सरैया, लल्लापुरा, हबीबपुरा, हंकारटोला, अर्दली बाज़ार, नदेसर, सदर बाज़ार, मक़बूल आलम रोड हुकुलगंज आदि मुहल्लों में उर्स मनाया गया। इस बार उर्स पर बरेली शरीफ से ही लोगों से अपने अपने घरों और मोहल्ले की मस्जिदों में उर्स मनाने की अपील की थी इसलिए आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेली का 103 वां उर्स-ए-रजवी 2, 3 व 4 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। बरेली में मुख्य आयोजन इस्लामिया इंटर कालेज मैदान पर हो रहा है। उर्स दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन अहसन रजा खां कादरी की सदारत में मनाया जा रहा है।

SOS Hermann माइनर की टीम टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट में चैम्पियन

Varanasi (dil India live)। टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट 2024 सीजन प्रथम का आयोजन टेथ्रीपॉन ओवरसीज और मिलन इण्टरप्राइजेज के तत्वाधान में एच०...