गुरुवार, 7 अक्तूबर 2021

भारत में जंक फूड की खपत को नियंत्रित करने पर ज़ोर

एनसीडी कम करने के लिए एफओपीएल एक कुंजी है 

स्वस्थ भोजन, बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए अग्रणी लोगों ने की अपील

वाराणसी 7 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव) | सभी प्रसंस्कृत और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों तथा पेय पर सबूत आधारित पोषण मानकों और उपभोक्ता अनुकूल चेतावनी लेबल को अपनाने के संघर्ष को जारी रखते हुए, पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्युमन राइट्स (पीवीसीएचआर) ने फाउंडेशन ऑफ ससटेनेबल डेवलपमेंट इंडिया तथा सावत्री बाई फुले महिला पंचायत के साथ मिलकर एक साझे कंसलटेशन का आयोजन वाराणसी में किया। इसमें इस बात को नोट किया गया कि बच्चों में मोटापा बढ़ने,  कम उम्र में ही कार्डियो वस्कुलर बीमारी,  डायबिटीज की शुरुआत तथा गैर संक्रामक बीमारियों के संपूर्ण बोझ के कारणों और इन्हें इससे जोड़ने के लिए पर्याप्त अनुसंधान हैं।    

इस कंसलटेशन में आस्था से जुड़े लोगों, बाल अधिकारों और अभिभावकों के समूह ने संयुक्त अपील की कि भारत में पोषण लेबल और मानकों को अपनाने के काम में तेजी लाई जाए, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता कहा गया। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत को मिसाल बनना चाहिए और दुनिया भर के उन देशों में शामिल होना चाहिए जिन्होंने फूड लेबलिंग को जरूरी बना दिया है और नुकसानदेह अवयवों पर डब्ल्यूएचओ निर्धारित सीमा तय की है। चिली और ब्राजील जैसे देशों से आने वाले सबूतों ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि चेतावनी लेबल शैली के सामान्य और आवश्यक एफओपीएल जैसे नमक/चीनी सैचुरैटेड फैट ज्यादा है वाले चेतावनी लेबल जन स्वास्थ्य की बेहतरी पर दुष्प्रभाव छोड़ते हैं। इससे अस्वास्थ्यकर भोजन की खपत कम होती है,  उपभोक्ता की प्राथमिकता बदलती है और उद्योग को रीफॉर्मूलेट करने के लिए प्रेरित किया जाता है।


मजबूत फूड लेबल को अपनाना तेज करने के लिए एक राष्ट्रीय जमीनी पहल,  पीपल (पीपुल्स इनीशिएटिव फॉर पार्टिसिपेटरी ऐक्शन ऑन फूड लेबलिंग) की शुरुआत के मौके पर अपने विचार रखते हुए वाराणसी के संकट मोचन मंदिर के महंत और आईआईटी-बीएचयू के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो विश्वम्भर नाथ मिश्र ने इस बात पर जोर दिया कि बच्चों को मोटापे और घातक बीमारियों की चपेट में आने से बचाने की तत्काल जरूरत है। “क्या बच्चे जो खाते हैं,  उसपर उनका या उनके परिवार का नियंत्रण हैं ? यह जानते हुए कि हम क्या खाते हैं,  हम अपने बच्चों को जो भोजन देते हैं,  उसमें क्या है,  यह एक ऐसा अधिकार है जिसकी हमें रक्षा करनी चाहिए | हमारे देश के अधिक से अधिक लोग जंक या प्रसंस्कृत भोजन का सेवन कर रहे हैं और यह एक सुस्थापित है कि इनमें से अधिकांश खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्व या नमक और चीनी अनुशंसित सीमा से कई गुना अधिक होती है | स्पष्ट रूप से निर्धारित सीमा के साथ एक आसानी से पढ़ने के लिए एफओपी लेबल है कि बच्चों और माता पिता को चेतावनी देते है एक प्राथमिकता होनी चाहिए।


इसे एक महत्वपूर्ण पहल कहते हुए,  प्रसिद्ध गांधीवादी इतिहासकार और इस्लामिक चिंतक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा, समुदाय के नेताओं के रूप में  हम सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों के लोगों के लिए एक स्वस्थ भोजन प्रणाली की मांग करते हैं। उन्हें स्वास्थकर विकल्पों में से चुनने का अधिकार होना चाहिए। खाने के एक पैकेट पर एक व्याख्यात्मक लेबल उपभोक्ताओं, माता पिता और बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते है चुनने में सक्षम होना चाहिए। हमें पिपल के साथ हाथ मिलाने में खुशी हो रही है ताकि भारत के लिए ऐसा हो सके।”


बीएचयू के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में कम्युनिटी मेडिसिन की प्रमुख डॉ संगीता कंसल के मुताबिक, “14 मिलियन से ज्यादा मोटे या ओवरवेट लोगों के साथ भारतीय बच्चे को अस्वस्थ भविष्य का सामना करना पड़ रहा है और उनके वयस्क होने में एनसीडी का खतरा ज्यादा है | हम वही हैं जो हम खाते हैं और इसलिए हमें उस भोजन पर बारीक नजर रखना चाहिए जो हमारे बीच बेचे जा रहे हैं | नियामक कदम जैसे पोषण की सीमा जो उद्योग के लिए यह आवश्यक बने कि वे अपने उत्पादों को वैश्विक और वैज्ञानिक मानकों के अनुसार स्वास्थ्यकर बनाएं | यह मोटापे या डायबिटीज की महामारी को रोकने में काफी मददगार होगा |”

भारत खाद्य और पेय उद्योग में वैश्विक स्तर पर अग्रणी देशों में से एक है जहां बिक्री परिमाण 34 मिलियन टन है | यूरोमॉनिटर के आंकड़ों के पूर्वानुमान के अनुसार, चीन और अमेरिका के बाद भारत 2020 तक दुनिया में पैकेज्ड फूड के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरने के लिए तैयार था | अध्ययनों से पता चला है कि भारत में, शहरी और ग्रामीण परिवारों में 53% बच्चों ने चिप्स और इंस्टैंट नूडल्स जैसे नमकीन पैकेज्ड भोजन का सेवन किया,  56% बच्चों ने चॉकलेट और आइसक्रीम जैसी मीठी चीज का सेवन किया और 49% बच्चों ने सप्ताह में औसतन दो बार चीनी से मीठा बनाए गए डिब्बाबंद पदार्थों का सेवन किया | एनसीडी से लड़ने के उपायों के एक सरल, व्याख्यात्मक और अनिवार्य फ्रंट-ऑफ-पैक लेबल को उपायों की श्रृंखला का महत्वपूर्ण घटक माना जाता है और यह अपने बच्चों के लिए स्वस्थ कल सुनिश्चित करने के लिए भारत की जीत की रणनीति हो सकती है |

कंज्यूमर वॉयस के सीओओ श्री अशीम सान्याल के अनुसार, “खपत की यह शैली और चिंता का विषय है क्योंकि अधिकांश प्रसंस्कृत और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों में नमक, चीनी और वसा की मात्रा इतनी होती है जो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा 2018 में अपने मसौदा लेबलिंग और प्रदर्शन विनियमों या डब्ल्यूएचओ सीरो एनपीएम मॉडल द्वारा प्रस्तावित थ्रेसहोल्ड से कई गुना अधिक है | 2019 में एफएसएसएआई द्वारा प्रकाशित मसौदा विनियम इन उत्पादों के स्वास्थ्य नुकसान को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था | उद्योग द्वारा पीछे कर दिए जाने के परिणामस्वरूप एक निर्णय वर्षों से लंबित है |”

स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों की गंभीरता को देखते हुए मानव अधिकार कार्यकर्ता और पीवीसीएचआर (पीपुल्स विजिलेंस कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स) के सीईओ डॉ लेनिन रघुवंशी ने जोर देकर कहा कि पीपल - नीति निर्माताओं,  पोषण के क्षेत्र के अग्रणी लोगों और उद्योग को यह याद दिलाने का प्रयास था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण का अधिकार है | संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकारों के कन्वेंशन के अनुसार अच्छा पोषण एक मौलिक अधिकार है | इसलिए यह सुनिश्चित करने का समय है कि बच्चों को उनका अधिकार दिया जाए, उनकी भलाई को गंभीरता से लिया जाए | पीपल चिंता के साथ नोट करता है कि महामारी के दौरान भी,  खाद्य कंपनियों को अपने व्यापार बढ़ने के लिए जारी रखा और अल्ट्रा प्रसंस्कृत भोजन के विज्ञापनों पर करोड़ों डॉलर खर्च किए। 

एफओपीएल को अपनाने में तेजी लाने और उपभोक्ताओं,  माता-पिता को एक स्वस्थ विकल्प की ओर ले जाने के अपने प्रयासों में, पीपल राष्ट्रव्यापी जागरूकता पैदा करेगा खास कर भिन्न उपभोक्ताओं समूहों विशेष रूप से माता-पिता और बच्चों के साथ काम करने वालों के बीच | यह नागरिक समाज समूहों, स्वास्थ्य और नागरिक अधिकारों के अधिवक्ताओं,  उपभोक्ता समूहों के लिए एक शिक्षण मंच के रूप में भी काम करेगा जो खाद्य लेबलिंग और पोषण थ्रेसहोल्ड पर सर्वोत्तम प्रथाओं और शिक्षाओं में रुचि रखते हैं।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

बुनकरों के बीच पहुँचे मंत्री राजेश त्रिपाठी


वाराणसी 05अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। आगामी 10 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की जगतपुर में होने वाली प्रतिज्ञा रैली की तैयारी के लिए आज वाराणसी के प्रभारी छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश त्रिपाठी वाराणसी के बुनकर बिरादराना तंजीम के कई सरदार साहबान के घर जा कर मिले जिसमे बाईसी तंजीम के कार्यवाहक सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा



से भी पूर्व सरदार स्व0 हाजी अब्दुल कलाम साहब के आवास पर बाईसी तंज़ीम के कैबिनेट के सारे सदस्यों से मिले और उन्होंने सरदार साहब से गुजारिस की की मा0 प्रियंका गांधी जी की जो रैली होने वाली है उसमे आप सभी लोग  आवाम के साथ तसरीफ लाये ताकि वाराणसी में आप सब के नेतृत्व में प्रियंका जी की जोरदार स्वागत हो सके और ये पहली बार होगा की किसी पब्लिक मीटिंग में जनता की  समस्या और परेसानी को दूर करने के लिए प्रतिज्ञा लेंगी। 

इस मौके पर मौजूद शहर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, अफ़रोज़ अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, हाजी रईस अहमद । अनवारुल हक़ अंसारी ।  मुर्तज़ा अब्बास शम्सी । पार्षद गुलशन अली । पार्षद बेलाल अंसारी । बाबू लाल किंग । कल्लू हांफी जी । मो0 स्वालेह परवेज़, आसिफ, हाफिज नसीर, यासीन माइको, शमीम अंसारी आदि लोग मौजूद थे । 

            

मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021

अमन और पीटर का शेरगिल सॉकर अकादमी में चयन

कोच शादाब रज़ा से सीखीं है फुटबाल की बारीकियां

वाराणसी 05 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव)। इलाहाबाद स्पोर्टिंग फुटबाल अकादमी के प्रशिक्षु अमन कुमार राय और अशर पीटर का चयन शेरगिल सॉकर अकादमी, फगवाड़ा (पंजाब) में हुआ है। दोनों प्रशिक्षुओं का चयन वहां लंबी चयन प्रक्रिया के बाद हुआ। ज्ञातत्व है कि शेरगिल अकादमी देश की प्रतिष्ठित आई लीग में भी भाग लेती है। दोनों खिलाड़ी एबीआईसी मैदान पर मुख्य प्रशिक्षक शादाब रजा से फुटबाल की बारीकियां सीखते हैं। 

सुलेम सराय निवासी शशिकांत राय के पुत्र अमन कुमार राय दो बार और लूकरगंज निवासी सीपी राजू के पुत्र अशर पीटर ने एक बार जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में बीसी रॉय ट्रॉफी और स्कूल नेशनल गेम्स में प्रतिभाग किया है। इनके चयन पर अकादमी के चेयरमैन बादल चटर्जी, अध्यक्ष डॉ रामेन्दू रॉय, सचिव विप्लब् घोष, संयुक्त सचिव आरके अरोरा, कोषाध्यक्ष संजीव चंदा, डीएफए के सचिव मक़बूल अहमद, अध्यक्ष नारायणजी गोपाल और अकादमी के सहायक प्रशिक्षक अम्बर जायसवाल और सुरेंद्र कुमार ने शुभकामनाएं दी हैं।

रविवार, 3 अक्तूबर 2021

सक्का ए सकीना का मातम कल अर्दली बाजार में


वाराणसी 03 अक्टूबर(दिल इंडिया लाइव)। 26 सफ़र यानी 4 अक्टूबर सोमवार को अर्दली बाज़ार के उल्फत कम्पाउंड में हाजी एसएम जाफर सद्दन के आवास पर सक्का ए सकीना का मातम होगा।

उक्त जानकारी देते हुए हसन मेंहदी कब्बन ने बताया कि 4 अक्टूबर को रात्रि 8:00 बजे से मजलिस का आगाज नबील हैदर, जैन बनारसी के पेशखानी से होगा। मजलिस को आली जनाब  हुजतुल इस्लाम मौलाना सैयद जमीरउल हसन साहब खिताब करेगें। बाद मजलिस  मौला अब्बास का ताबूत व अलम निकलेगा जिसमे शहर की नामचीन अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन इमामिया नोहा मातम करेगी। जुलुस उल्फत बीबी हाता मास्टर जाहिर हुसैन के इमामबारगाह में समाप्त होगा।

आला हज़रत के उर्स पर अमन और मिल्लत की दुआएं

  • उर्स-ए-रज़वी घरों में ही मनाया जा रहा
  • कोरोना प्रोटोकाल के तहत मन रहा उर्स
  • इस बार सड़कों पर नहीं हुआ आयोजन

 वाराणसी 03 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। दुनिया के प्रमुख इस्लामी विद्धान, सूफीवादी आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी के उर्स पर जगह-जगह अमन और मिल्लत की सदाएं बुलंद हुई। इस दौरान बरेली शरीफ की तर्ज़ पर बनारस के घरों में उर्स-ए-रज़वी कोरोना प्रोटोकाल के तहत अक़ीदत के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर भीड़ न हो इसलिए यह आयोजन इस बार सड़कों पर न होकर केवल घरों और खानकाहों पर ही किया गया। सुबह से ही लोगों ने घरों में फोतहा कराया, गरीबों को खैरात और सदका दिया। इस मौके पर गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, मदनपुरा, रामापुरा, रेवड़ी तालाब, नई सड़क, दालमंडी, सरायहड़हा, चौहट्टा लाल खां, पठानी टोला, जलालीपुरा, शक्कर तालाब खानकाह, सरैया, लल्लापुरा, हबीबपुरा, हंकारटोला, अर्दली बाज़ार, नदेसर, सदर बाज़ार, मक़बूल आलम रोड हुकुलगंज आदि मुहल्लों में उर्स मनाया गया। इस बार उर्स पर बरेली शरीफ से ही लोगों से अपने अपने घरों और मोहल्ले की मस्जिदों में उर्स मनाने की अपील की थी इसलिए आला हजरत इमाम अहमद रजा खां फाजिले बरेली का 103 वां उर्स-ए-रजवी 2, 3 व 4 अक्तूबर तक मनाया जा रहा है। बरेली में मुख्य आयोजन इस्लामिया इंटर कालेज मैदान पर हो रहा है। उर्स दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन अहसन रजा खां कादरी की सदारत में मनाया जा रहा है।

पीएचसी पर लगा सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेला


मुफ्त मिलीं स्वास्थ्य सेवाएं, लाभान्वित हुए 2711 मरीज

वाराणसी, 3 अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ।जिले के सभी ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में मरीजों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। इसके साथ ही मरीजों निःशुल्क दवा एवं चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया।

     अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह ने अर्दली बाजार और लल्लापुरा शहरी पीएचसी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं का अवलोकन किया। इसके साथ ही चिकित्सक व समस्त स्टाफ को दिशा-निर्देश भी दिए। इसके अलावा एसीएमओ डॉ एके मौर्या ने शहरी पीएचसी चौकाघाट व डिप्टी सीएमओ डॉ सुरेश सिंह शहरी पीएचसी शिवपुर पर लगे स्वास्थ्य मेला का निरीक्षण किया। अपर निदेशक/सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।  मेले में कुल 2711 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें 1101 पुरुषों, 1270 महिलाओं और 340 बच्चों को देखा गया । इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 547 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1468 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 700 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 32 लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई, बुखार के 191, 90 लोगों की मलेरिया जांच में सभी निगेटिव, 41 लिवर,  150 मरीज श्वसन, 256 उदर, 148 मधुमेह, 425 त्वचा संबन्धित मरीज, 9 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 43 एनीमिक (खून की कमी), 104 हाईपेर्टेंशन, 148 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), 889 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं 25 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में 14 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया। 10 मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 1 मरीज को जनरल सर्जरी एवं 48 मरीजों को आँख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 5 मरीजों को सर्जरी, 3 मरीजों को ईएनटी सर्जरी, 5 मरीज को ओब्स एवं गायनी सर्जरी एवं 1 मरीज को अन्य सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 120 मेडिकल ऑफिसर एवं 379 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।

मेला में मिलीं सुविधाएं 

मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।



शनिवार, 2 अक्तूबर 2021

बनपुरवां में छोटे बच्चों ने मनाया वृद्ध दिवस

 


वाराणसी 02अक्टूबर (दिल इंडिया लाइव)। प्राथमिक विद्यालय बनपुरवा काशी विद्यापीठ वाराणसी में बच्चों में बुजुर्गों के प्रति आदर सत्कार, सम्मान तथा देखभाल की भावना को जागृत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया गया। इस मौके पर सभी बच्चों को प्रतिज्ञा दिलाई गई। बच्चों में बुजुर्गों के प्रति फैल रही नकारात्मक सोच को सकारात्मकता में बदलने के उद्देश्य से वृद्ध दिवस मनाया गया।


अपने से बड़ों के साथ परिवार और समुदाय के बुजुर्गों को सम्मान एवं सुरक्षा प्रदान करने के संकल्प से बच्चों को परिचित कराया गया। इस अवसर पर कक्षा 1 के नन्हे-मुन्ने बच्चों परिधि, सृष्टि, इशांत, शुभम, तृषा, कृष्णा आदि ने कक्षाध्यापिका छवि अग्रवाल द्वारा तैयार कराए गए जैसे को तैसा नामक लघु नाटक के माध्यम से दादा-दादी के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।

...ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा

पहले पातशाह गुरू नानक देव के प्रकाशोत्सव पर झूमा सिख समाज  धूमधाम व उल्लास से गुरुद्वारा गुरुबाग में मनाई गई नानक जयंती Varanasi (dil India ...