मोक्ष मार्ग पर चलने का आया है स्वर्णिम 10 दिवसीय अवसर: विशद सागर
वाराणसी 10 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)। नगर के सभी जैन मंदिरों में पर्युषण पर्व पर प्रातः से तीर्थंकरों का अभिषेक विशेष पूजन प्रारंभ हुआ |10 दिनों तक चलने वाले दसलक्षण पर्यूषण पर्व में जैन धर्मावलंबी अपने कर्मों की निर्जरा करने हेतु व्रत -उपवास ,धर्म-ध्यान ,मंत्र-जाप ,आचार्य भक्ति प्रतिक्रमण जिनेंद्र स्तुति योग ध्यान अनेको धार्मिक कृत्य कर अपने आत्मा की आराधना करते हैं ।शुक्रवार को शुरू हुए इस पर्व के पहले दिन भगवान पार्श्वनाथ जी की जन्म स्थली भेलुपूर में प्रातः तीर्थंकरों का अभिषेक शांति धारा के साथ विधान इत्यादि किया गया। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे 10 दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन उत्तम क्षमा धर्म पर अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए आचार्य 108 विशद सागरजी महाराज ने कहा -“उत्तम क्षमा हमारी आत्मा को सही राह खोजने में और क्षमा को जीवन और व्यवहार में लाना सिखाता है । जिससे सम्यक् दर्शन प्राप्त होता है ।दसलक्षण पर वह हमारे जीवन में किए गए अशुभ कार्यों को पीछे छोड़कर मोक्ष मार्ग पर चलने का स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है ।उत्तम क्षमा धर्म जीवन यात्रा में चलते चलते स्वार्थ ,मोह ,अज्ञानतावश हुई समस्त भूलो की सच्चे स्वचछ हृदय से सुधारने का मौक़ा देता है । इसमे मैत्री का भाव जगाता है। महाराज श्री ने कहा -“क्रोध मन की गंदगी है जहाँ भी गिरेगी गंदा करेगी ।क्षमा आत्मा का स्वभाव है ,जहाँ रहेगा आनंद बरसेगा |” उन्होने कहा ,”क्रोध के बदले क्षमा , शत्रुता के बदले मित्रता , पत्थर के बदले फूल , हिंसा के बदले अहिंसा पर चलोगे तो दुनिया में शांति होगी । ज्ञान का प्रकाश फैलेगा और आत्मा परमात्मा बन जाएगी ।”
सायंकाल खोजवा स्थित जैन मंदिर में प्रवचन करते हुए पंडित फूलचंद प्रेमी ने कहा -“क्रोध मेरी चेतना में पित के समान अंतर दाह देने वाला विकार है । सहनशीलता क्रोध को पैदा न होने देना । क्रोध पैदा हो जाए तो अपने विवेक से , नम्रता से उसे विफल कर देना चाहिए । क्षमा के गुणों का चिंतन करना अति आवश्यक है ।
ग्वालदास सहूलेंन , नरिया , सारनाथ , भदैनी ,मैदागिन स्थित मंदिरों में भी प्रातः काल से ही धार्मिक कृत्य प्रारम्भ हो रहे हैं ।सायंकाल तीर्थंकरों की आरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए ।आयोजन में प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन ,उपाध्यक्ष राजेश जैन ,आर.सी. जैन , विनोद जैन ,संजय जैन , तरुण जैन इत्यादि उपस्थित थे।