शनिवार, 21 अगस्त 2021

378 वर्ष बाद बन रहा राखी बांधने का दुर्लभ संयोग


महज 3 घंटे है इस बार राखी बांधने का समय

वाराणसी 21 अगस्त (दिल इंडिया लाइव)। भाई-बहन के स्नेह, समर्पण का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस बार सुख-समृद्धि लेकर आ रहा है। ग्रह नक्षत्रों की जुगलबंदी से राज और शोभन योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस विशेष संयोग में बहनें दिनभर भाई की कलाई सजाएंगी। साथ ही उनके सुख-समृद्धि की कामना कर सकेंगी। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार पुण्य बेला में राखी बांधने और बंधवाने वाले की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

वर्ष 1643 के बाद इस वर्ष मात्र तीन घंटे 14 मिनट का यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसमें घनिष्ठा नक्षत्र राज और शोभन योग के साथ ही सिंह राशि में सूर्य मंगल और बुद्ध ग्रह संचरण करेंगे। इस दौरान राखी बांधने और बंधवाने वाले को समृद्धि की प्राप्ति होगी।

378 वर्ष बाद बन रहा तीन घंटे 14 मिनट का दुर्लभ संयोग। प्रो. रामनारायण द्विवेदी के अनुसार वर्ष 1643 के बाद इस वर्ष मात्र तीन घंटे 14 मिनट का यह दुर्लभ संयोग बन रहा है। इसमें घनिष्ठा नक्षत्र, राज और शोभन योग के साथ ही सिंह राशि में सूर्य, मंगल और बुद्ध ग्रह संचरण करेंगे। इस दौरान राखी बांधने और बंधवाने वाले को ऊर्जा, शक्ति, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होगी। यह विशेष पुण्य काल सुबह 8:53 से दोपहर 12:07 बजे तक रहेगा। इस समयावधि में अमृत की चौघडिय़ा रहेगी।

पहले भगवान को बांधे राखी 

रक्षाबंधन के दिन बहनों को सबसे पहले थाली में रोली, चंदन, अक्षत, दही, राखी, मिठाई, दीपक सजाकर भगवान को अर्पित करना चाहिए। फिर भाई को पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। फिर माथे पर तिलक लगाना चाहिए, उसके बाद दाहिने हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर आरती उतारना चाहिए। ध्यान रहे रक्षासूत्र बांधते समय भाई और बहन दोनों का सिर ढंका होना चाहिए।

राखी बांधते समय इस मंत्र का करें 

जाप बहनें राखी बांधते समय इस मंत्र का जाप करें। इससे भाई और बहन दोनों वर्षभर सुखी रहते हैं। येन बद्धोबलि राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

जब इंद्राणी ने इंद्र को बांधा रक्षासूत्र 

रक्षाबंधन पर्व को लेकर देवताओं की एक कथा प्रचलित है। कथा यह है कि एक बार देवता और दानवों में 12 वर्ष तक युद्ध हुआ। फिर भी देवता विजयी नहीं हुए। तब वृहस्पति जी ने आदेश दिया कि अब युद्ध को विराम देना चाहिए। यह सुनकर इंद्राणी ने कहा कि मैं कल इंद्र को रक्षा बांधूंगी। उसके प्रभाव से इनकी रक्षा होगी। फिर यह युद्ध में विजयी होंगे।

गुरुवार, 19 अगस्त 2021

अनूप जलोटा व साहिल सोलंकी ने अपनी प्रस्तुतियों से जीता लोगों का दिल



कोरोना योद्धाओं का अनूप जलोटा की मौजूदगी में हुआ सम्मान


वाराणसी 19 अगस्त(दिल इंडिया लाइव)। कोरोना काल में समाज में तमाम ऐसे लोग थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते लोगों की जान बचाने का कार्य किया । इसके अलावा सेवा से भी जुड़े तमाम कार्य किये । ऐसे लोगों को बुधवार को रूद्राक्ष कन्वेंशन सेन्टर में एक समारोह के बीच भजन सम्राट अनूप जलोटा सहित तमाम हस्तियों की मौजूदगी में ' कोरोना योद्धा ' सम्मान से सम्मानित किया गया । ऐल्गॉल फ़िलज़ और रुद्राक्ष कन्वेन्शन सेंटर प्रेजेंट्स व गरोवोक्ष क्रीएशन मिल के सहयोग से 28 योद्धाओं का सम्मान किया । जिन्हें काशी योद्धा गौरव सम्मान प्रदान किया गया उसमें समाज के विभिन्न वर्ग के लोग शामिल थे । इसमें प्रमुख उद्यमी व्यवसायी आरके चौधरी , अखिलेश खेमका , एनजीओ में रोटी बैक , ऑरेंज कैफ़े , होप फ़ाउंडेशन के अलावा व्यक्तिगत तौर पर अमन कबीर , सोनम कुमारी , विनय सिंह , डॉक्टर दीप्ति दीक्षित आदि शामिल रहे । इसके अलावा पांच डॉक्टर को भी सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महापौर मृदुला जयसवाल  मौजूद रहे । इस मौके पर मुंबई से आये भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा , इंडियन आइडल फ़ेम साहिल सोलंकी , अन्तर्राष्ट्रीय ऐंकर सिमरन आहूजा , पद्मविभूषण साजन मिश्रा मौजूद रहे । इस मौके पर बनारस घराने के ख्याल गायक राजन मिश्र को श्रद्धांजलि अर्पित की । कोरोना योद्धा सम्मान के पश्चात योद्धाओं के सम्मान में किरण सेंटर के बच्चों ने जहां देशभक्ति गीत पर नृत्य की प्रस्तुति की वहीं दूसरी ओर भजन सम्राट अनूप जलोटा व साहिल सोलंकी ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । अनूप जलोटा ने भजनों के साथ कई गीत व गजल प्रस्तुत किये जिन्हें मौजूद लोगों ने अपनी तालियों से सराहा । इसके अलावा साहिल सोलंकी ने भी अपनी प्रस्तुतियों से जमकर वाहवाही लूटी । पूरे सफल आयोजन के लिए ऐल्गाल फ़िल्म्ज़ के अजय जायसवाल ने अपनी पूरी टीम को बुला कर उनको शुक्रिया करते हुए अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया । इस अवार्ड शो को स्वप्निल जयसवाल ने निर्देशित किया । इस तरह का पहला अवार्ड शो था जो कि बनारस में किया गया । इस शो को करने के लिए ऐल्गाल फ़िल्म्ज़ की 12 लोगों की टीम मुंबई से यहां तीन माह पहले से आकर तैयारियों में जुटी थी । इस अवार्ड के जूरी पद्मश्री राजेश्वर आचार्य , पद्मश्री रजनीकांत एवं नारायण खेमका रहे । पूरे आयोजन में ऐल्गाल फ़िल्म्ज़ के अजय जायसवाल के साथ विशाल जायसवाल , नीरज पारिख , उदय राव , अंजनी पाण्डेय ने सहयोग प्रदान किया ।

बुधवार, 18 अगस्त 2021

हज़रत अब्बास का ताबूत सजा, गूंजा आंसुओं का नज़राना


मोहर्रम : निभाई गयी 8 मोहर्रम की परम्परा

वाराणसी 18 अगस्त (दिल इंडिया लाइव)। मोहर्रम का महीना इनाम हुसैन और उनके 71 साथियों की याद में मनाया जाता है। बुधवार को मोहर्रम की 8 तारीख़ को  इमाम हुसैन के बावफ़ा और बहादुर भाई हज़रत अब्बास की याद में जगह-जगह मजलिसों का आयोजन कोविड नियमों के अनुपालन में किया गया। इसी क्रम में दालमंडी के चहमामा इलाके से ख्वाजा नब्बू साहब के इमामबड़े से उठने वाले विश्व प्रसिद्द और 250 साल पुराने तुर्बत के जुलूस की परम्परा का निर्वहन किया गया। कोरोना काल में शासन की मंशा के अनुरूप जुलूस नहीं उठाया गया। 

पुरखों की परम्परा निभाई



  जुलूस में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां आंसुओं का नज़राना अपनी ग़मज़दा शहनाई से दिया करते थे जिसे सुनने के लिए देश और विदेश से लोग आते थे। वहीँ फ़तेह अली खां और उनके हमराहियों ने भी अपने पुरखों की परम्परा का निर्वहन करते हुए शहनाई बजाई। 

इस सम्बन्ध में जुलूस के आयोजक मुनाजिर हुसैन मंजू ने बताया कि इमाम हुसैन के भाई हज़रत अब्बास की याद में उठने वाला 8 मोहर्रम का जुलूस इस वर्ष भी कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप मुल्तवी रखा गया। इमामबाड़ा ख्वाजा नब्बू साहब में सिर्फ ताबूत सजाकर मजलिस की गयी। जिसमे अब्बास मुर्तुज़ा शम्सी ने मर्सिया पढ़ा। इसके बाद हुज्जतुल इस्लाम आली जनाब मौलाना सैयद अमीन हैदर ने मजलिस को खिताब फ़रमाया। 

इसके बाद शराफत अली खां और उनके बेटे लियाकत अली खां ने हमराहियों के साथ इमामबाड़े में ही सवारी पढ़ी जिसके बोल थे 'जब हाथ कलम हो गए सक्काए हरम के सवारी सुनकर लोगों की आंखों से अश्क जारी हो गया। इसके बाद अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहा मातम किया। इसी दौरान अपने पुरखो की शहनाई की परम्परा का निर्वहन करते हुए फ़तेह अली खां ने शहनाई से आसुओं का नज़राना पेश किया।

मंगलवार, 17 अगस्त 2021

विदेशों में भी राखी का क्रेज

डाकघरों से अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर आदि जा रही राखियाँ

देश-विदेशों में भी भाईयों की कलाई पर सजेगी राखिया

राखी त्यौहार के मद्देनजर रविवार को भी होगा राखी डाक का वितरण



वाराणसी 17 अगस्त (दिल इंडिया लाइव)। रेशम के धागों ने सोशल मीडिया पर चल रही वर्चुअल राखियों को बौना साबित कर दिया है। वाट्सएप, फेसबुक, स्काइप, टेलीग्राम जैसे बड़े सोशल प्लेटफॉर्म को छोडकर बहनें, भाईयों की कलाइयाँ सजाने के लिए डाक से रंग-बिरंगी राखियाँ भेजना पसंद कर रही हैं । डाक विभाग भी इसके लिए मुस्तैद है और तमाम तैयारियाँ किए हुये है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र से अब तक 50 हजार से ज्यादा राखियॉं विभिन्न डाकघरों से बुक होकर देश-विदेश में भेजी गईं। 

राखी का क्रेज देश से बाहर विदेशों में भी खूब है। पोस्टमास्टर जनरल  श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी से विदेशों के लिए भी स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड डाक द्वारा राखियाँ भेजी जा रही हैं।  इस माह में 500 से अधिक राखियाँ वाराणसी के डाकघरों द्वारा विदेशों के लिए बुक की गईं। इनमें ज्यादातर राखियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका इत्यादि देशों में भेजी गई हैं। वहीं विदेशों में रह रही बहनें भी वाराणसी में अपने भाईयों को राखी भेज रही हैं, जो डाक विभाग के माध्यम से तुरंत वितरित हो रही हैं। विदेशों में राखियाँ भेजने के लिए बहनें पहले से ही तैयारी करने लगती हैं, ताकि सही समय पर भाईयों को राखी पहुँच जाये और उनकी कलाई सूनी न रहे। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि राखी डाक की बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और इनके त्वरित वितरण हेतु डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और नेशनल सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किये गए हैं। राखी त्यौहार के मद्देनजर रविवार (22 अगस्त) को भी डाकियों द्वारा राखी डाक का वितरण किया जायेगा, ताकि किसी भाई की कलाई सूनी न रहे।

...हे नारी

हे नारी,तू सबकी आशा है, अभिलाषा है

भावों को मुझे रूप देती, ऐसी तू मधुभाषा है ,

कभी बनी माता जब तो, कहलाती तब तू जननी है,

जब बन गई प्रेयसी किसी की कहलाती मृगनैनी है

जब बन गई किसी की बहू, तो तू भाग्यलक्ष्मी है कहलाती

राखी में किसी का प्यार संजोए, बहन भगिनी बन जाती है

तब भी इस निर्दयी समाज ने पल पल तुझे सताया है

जब भी जन्म हो बेटी का कहते मनहूस ये साया है:

हे समाज, सुन ले आज तू , नारी ही अभिमान सभी का नारी ही जग जननी है, थोड़ा सा सम्मान कर 

तू इसका, यही महिला सशक्तिकरण है।



दीपशिखा

ज़ारा बुटिक की शुरुआत

फैशन के सभी रेंज यहां है मौजूद: ज़की

वाराणसी 16 अगस्त (दिल इंडिया लाइव)। फैशन के नये दौर में लोगों को बेहतर सुविधा प्रोवाइड करने के लिए अर्दली बाज़ार में बाम्बे फैशन के समीप ज़ारा बुटिक के नये शो रूम का उदघाटन सोमवार को हुआ। इस मौके पर बुटिक के संचालक मो. ज़की ने बताया कि एक ही छत के नीचे फैशन की दुनिया के सभी रेंल उनकी बुटिक में मौजूद है। इस मौके पर हाजी सुहैल, मो. नईम, बाबू, फिरोज खां, सेराज खां आदि काफी लोग मौजूद थे। 

सोमवार, 16 अगस्त 2021

अर्दली बाज़ार में हुई मजलिस



दुनिया के लिए इंसानियत का पैगाम लेकर आता है मोहर्रम

वाराणसी16 अगस्त (दिल इंडिया लाइव)। मोहर्रम का महीना तमाम आलम के लिए इंसानियत का पैगाम लेकर आता है। यह कौम और मुल्क के लिए तरक्की का पैगाम ही नहीं देता बल्कि सच्चाई पर मिट मरने वालों को हौसला भी देता है।

उक्त बातें मजलिस को खिताब करते हुए सैयद नबील हैदर ने कही। उन्होंने कहा कि नवासे रसूल ने हक की राह में ऐसी कुर्बानी पेश की जो आज तक इंसानियत व मोहब्बत का पैगाम देती है। मोहर्रम का गम हमें ठहर कर सोचने की ताकत देता है कि कहीं किसी मौके पर हमसे सच्चाई का दामन झूठ तो नहीं गया। मोहर्रम का चांद दिखाई देते ही इमाम हुसैन का गम नई ताकत के साथ छा जाता है यही गम हमारे दिलों पर सच्चाई और इश्क की लौ लगाता है। नबील ने कहा कहा की मुहर्रम पर सजाई जाने वाली मीनारों पर जाने वाले लोगों का यह फर्ज़ बनता है कि वह मजहबी नफरतों को शिकस्त देकर गमे हुसैन में बहने वाले आंसुओं के मरहम से इंसानियत के ज़ख्मों को इलाज करे। बाद मजलिस औने मोहम्मद का ताबूत व अलम निकला नौहा व मातम शन्ने जौनपुरी ने किया।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...