जुमे की नमाज के बाद होंगे सुपुर्द-ए-खाक
कुछ वर्ष पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करने निकले थे शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब (फाईल फोटो) |
Varanasi (dil India live)। देश-दुनिया में मशहूर व मारूफ काजी-ए-शहर बनारस मौलाना मुफ्ती गुलाम यासीन साहब का जुमेरात की शाम मगरिब की नमाज के बाद इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल से समूचे पूर्वांचल खासकर बरेलवी मुस्लिमों में अफसोस की लहर दौड़ गई। उनके साहबजादे मोहम्मद जावेद ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। शहर काजी तकरीबन 90 साल के थे। उनके मुरीद इम्तियाज खां ने बताया कि हज़रत के लाखों मुरीद देश भर में फैले हुए हैं। आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शहर काजी तकरीबन पांच दशक से काजी ए शहर बनारस के पद पर आसीन थे। उनकी ही अगुवाई में तिलभांडेश्वर सिथत उनके दौलतखाने पर शरई अदालत क़ायम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से देश भर के उलेमाओं का एक दल कुछ वर्ष पूर्व शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब की अगुवाई में जब मिलने गया था तो शहर काजी ने पीएम मोदी से बनारस में हज हाउस की मांग की थी। जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया था। काबा से लेकर ईराक समेत कई देशों की धार्मिक यात्रा कर चुके शहर काजी मौलाना गुलाम यासीन साहब के पूर्वांचल भर में लाखों मानने वाले बरेलवी है। रमजान के रहमत का अशरा पूरा करने के बाद उनके इंतकाल को बेहद मुबारक दिन माना जा रहा है। इसलाम में यह भी माना जाता है कि रमजान में जिनका इंतकाल होता है रब उनसे हिसाब किताब नहीं करता। बजरडीहा में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। मौलाना जमील अहमद साहब उनके जनाजे की नमाज जुमा को दोपहर 3 बजे अदा कराएंगे।