रविवार, 10 दिसंबर 2023

जनाबे फातिमा की याद में शब्बेदारी

शब भर गूंजी नौहाख्वानी व मातम की सदाएं


Varanasi (dil India live).09.12.2023. शनिवार को भदऊ चुंगी स्थित आले हसन मददन दरोगा के इमामबाड़े पर मौलाना नसीरुल मेंहदी के संयोजन में शब्बेदारी का आयोजन किया गया। शहर भर के मोमेनीन ने इसमें शिरकत की।  लियाकत अली ने अपनी सोजख्वानी से मजलिस का आगाज किया। इसके बाद शायरों ने कलाम पेश किए। इसमें प्रो.अजीज हैदर, रेहान बनारसी, मायल, रिजवान, अतश, अतहर बनारसी व मेंहदी बनारसी आदि शामिल रहे।  मौलाना गुलाम हुसैन जैदी ने मजलिस को खिताब करते हुए जनाबे फातिमा की जिन्दगी पर प्रकाश डाली। उनकी शहादत का बयान सुनकर लोगों के आंखों से आंसू छलक पड़े। इसके बाद नौहाख्वानी और मातम शुरू हुआ। शहर की नामचीन अंजुमनो ने अपने अपने अंदाज से नोहखवानी और मातम  किया। जिसमे मुख्य रूप से अंजुमन हैदरी, अंजुमन हुसैनिया, अंजुमन आबिदिया, अंजुमन आजादर, अंजुमन जफरिया, अंजुमन जववाड़िया, गुलजारिया, कासीमिया, सदाएं अब्बास, अंजुमन सज्जादिया, अंजुमन हाशीमिया, अंजुमन अवामी, अंजुमन कारवाने कर्बला आदि ने नौहाख्वानी व मातम किया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया की बीबी फातिमा की शहादत पर मजलिसों का सिलसिला रविवार १७ दिसंबर तक जारी रहेगा। १६ दिसंबर को दरगाहे फ़ातमान में खवातीन जनाबे फातिमा का ताबूत उठाएंगी।

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

माता-पिता विहीन 25 बच्चों का कराया विद्यारम्भ संस्कार

स्वनाथ बच्चों के प्रति समाज में जागरूकता जरूरी-प्रो. द्विवेदी 




Varanasi (dil India live). 09.12.2023. स्वनाथ (अनाथ) 25 बच्चों का शनिवार को विद्यारम्भ संस्कार कराया गया। निवेदिता इन्टर कालेज में आयोजित इस अनूठे कार्यक्रम का आयोजन स्वनाथ परिषद ने विभिन्न सामाजिक संगठनों व स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वनाथ परिषद काशी के सचिव शिशिर श्रीवास्तव ने सभी  अतिथियो को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।  इस मौके पर स्वनाथ परिषद के संस्थापक संरक्षक प्रशान्त हरतारकर ने बताया कि सनातन धर्म में जन्म से मृत्यु के बीच 16 संस्कार होते है। उनमें से 10 वां संस्कार विद्यारम्भ संस्कार होता है। यह संस्कार उन बच्चों का तो आसानी से हो जाता है जिनके माता-पिता होते है। ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं होते हैं वो अधिकांशतः विद्यारम्भ संस्कार से वंचित हो जाते हैं। ऐसे ही स्वनाथ (अनाथ) बच्चों का विद्यारम्भ संस्कार कराने का प्रयास स्वनाथ परिषद की ओर से किया जा रहा है। बीते वर्ष भी ऐसे ही आयोजन से स्वनाथ 20 बच्चों का विद्यारम्भ संस्कार कराया था। इस वर्ष 25 स्वनाथ बच्चों का विघारम्भ कराया जा रहा है ताकि ये बच्चे समय से शिक्षा शुरू कर देश का एक जिम्मेदार नागरिक बन सकें। उन्होंने बताया कि  इन सभी अनाथ बच्चों का फालोआप स्वनाथ परिषद करता रहेगा। साथ ही "मिशन ममता" के तहत इन बच्चों के शिक्षा - दीक्षा की भी व्यवस्था की जायेगी। बताया कि परिषद की ओर से एडाप्सन व फोस्टर केयर से सम्बन्धित काउन्सलिंग भी की जा रही है। अनाथ बच्चों को आरक्षण देने के लिए स्वनाथ परिषद जल्द ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये प्रो0 राम प्रकाश द्विवेदी ने स्वनाथ परिषद के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि स्वनाथों के हित में उनके स्तर पर जो कुछ भी संभव हो सकेगा उसे वह पूरा करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा विश्वनाथ की नगरी में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को इन बच्चो का नाथ बनने की जरूरत है। यह तभी संभव हो पायेगा जब ऐसे बच्चों के प्रति समाज और जागरूक होगा। इसके लिए हमें हर स्तर पर प्रयास करना चाहिए। 

कार्यकम के विशिष्ठ अतिथि प्रशांत नागर ने कहा कि विद्यारम्भ संस्कार न होने से ऐसे स्वनाथ बच्चों की शिक्षा समय से शुरू नहीं हो पाती। नतीजा होता है कि उनके जीवन में भटकाव आता है जो इन बच्चों के भविष्य के लिए घातक हो जाता है। ऐसे में स्वनाथ परिषद की ओर से आयोजित स्वनाथ बच्चों के विद्यारम्भ संस्कार की जितनी भी सराहना की जाए कम है। उन्होंने कहा कि समाज को इस दिशा में आगे आना चाहिए और ऐसे ही और आयोजन कर स्वनाथ बच्चों को नया जीवन देने का प्रयास करना चाहिए। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ई. अशोक यादव ने कहा कि देश में कोई बच्चा अनाथ नही हो सकता इसके लिए कानून मे भी फास्टर केयर कार्यक्रम को परिभाषित किया गया है। जरूरत है समाज को इस दिशा में आगे आने की है। राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती निर्मला सिंह पटेल ने कहा कि भविष्य में इन स्वनाथ (अनाथ) के लिये जो सहयोग होगा प्रदान किया जायेगा।  बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह ने कहा कि कोई भी स्वनाथ (अनाथ) शिक्षा से वंचित न हो इसके लिए जरूरत है काशी के नागरिको को आगे आने की। ऐसा प्रयास हो कि काशी का कोई भी बच्चा अपने आप को स्वनाथ (अनाथ) न समझे। उसे लगे कि काशी के प्रत्येक नागरिक उसके संरक्षक है। सरकार द्वारा जारी कल्याणकारी योजनाओ से इन बच्चो को जोड़ा जायेगा। विद्यारम्भ संस्कार के पूजन कराने का कार्य गायत्री परिवार के सदस्यो ने किया गया। कार्यकम का संचालन डा. रचना अग्रवाल ने  और धन्यवाद ज्ञापित स्नेहा उपाध्याय ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शहर के कई समाज सेवी संगठनों ने भूमिका निभाई। कार्यक्रम का प्रारम्भ अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर पधारे स्वनाथ (अनाथ) बच्चो का स्वागत तिलक लगा कर किया गया। कार्यक्रम के पश्चात बच्चों के अभिवावको ने बच्चों के साथ लंच किया और साथ में सेल्फी लेकर भविष्य में भी उनका ध्यान रखने की बात कही। कार्यकम को सफल बनाने में अभय पाण्डेय, मोती लाल अम्बुज उपाध्याय, आनन्द सिंह, खुश्बू, रितिका, अखिलेश कुमार, डा. राजेश श्रीवास्तव व आनन्द प्रभा की सहभागिता रही। 

इससे बड़ी कोई और पूजा नहीं

विद्यारम्भ संस्कार में शामिल स्वनाथ सुमित (परिवर्तित नाम) के अभिभावक नेहा कक्कड ने कहा कि विद्यारम्भ के लिए सुमित का अभिभावक बनकर उन्हें जो सुख मिल रहा है उसको वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि इस पुनित कार्य से बड़ी कोई और पूजा नहीं हो सकती।

समाज को करेंगे जागरूक

समारोह में शामिल होने के लिए आये बासफाटक निवासी गोपाल जी सेठ ने कहा कि इस अनूठे कार्यक्रम में शामिल होने से उन्हें समाज में स्वनाथ बच्चों के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिली है। अब वह और लोगों को इस दिशा में जागरूक करने का कार्य करेंगे।

SP प्रवक्ता जेबा यास्मीन ने अपने पद से दिया इस्तीफा



Lucknow (dil India live). समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जेबा यास्मीन ने अपने पद से शनिवार को इस्तीफा दे दिया है।काफी समय से समाजवादी पार्टी में प्रवक्ता के पद पर काम रही जेबा यास्मीन ने सपा छोड़ते समय कहां की अल्पसंख्यक सपा को भर भर कर वोट देते हैं मगर उसके बावजूद अल्पसंख्यकों को निराशा ही हाथ लगती है। मैं वर्ष 2017 से सपा में विभिन्न पदों पर रही। वर्तमान में प्रवक्ता पद पर थी, मुझे फिलहाल किसी से कोई शिकवा शिकायत नहीं है। मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को पत्र लिख कर इस्तीफा भेज दिया है। पत्र में जेबा यास्मीन ने लिखा है कि पार्टी के आंतरिक नीतियों औऱ परिस्थितियों से पूर्ण रूप से सहमत न होने के कारण कुछ समय से काम करने में असमर्थ हूं। इसलिए समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रही हूं।पार्टी से दिए गए पद औऱ जिम्मेदारी से खुद को मुक्त करती हूं।

समाज की विभूतियां "द इंडियन हीरोज" एवार्ड से हुई सम्मानित




Varanasi (dil India live). 09.12.2023. द इंडियन हीरोज एवार्ड से समाज की विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया गया। यह आयोजन अनमोल सेवा समिति व एआरके फाउन्डेशन द्वारा संत अतुलानंद इंटर कॉलेज कोयराजपुर वाराणसी में आयोजित किया गया। इस मौके पर दिल्ली, कानपुर, मिर्जापुर, इलाहबाद से आए समाज सेवा में सक्रिय और उत्कृष्ट कार्य  करने वाली हस्तियां का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अथिति अजीत प्रकाश श्रीवास्तव ने प्रशस्ति पत्र व फूलों का गुलदस्ता देकर तमाम हस्तियों को सम्मानित किया। इस मौके पर शहर की समाज सेविका डॉक्टर राजलक्ष्मी राय का विशेष तौर पर सम्मान किया गया। डा. राजलक्ष्मी पेशे से डाक्टर होते हुए भी वकालत भी की हुई है। जरूरतमंद को दवा देना, उनका केस लड़ना इनका मुख्य कार्य है। इसके अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों के लिए सदैव आवाज उठाती रहती है।

विशिष्ट अतिथि फिल्मी नायिका श्वेता ओझा,  फैशन डिजाइनर सियारह चावला थी। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुतियां देखने को मिली, जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में आईएस कोचिंग के डायरेक्टर अजीत प्रकाश श्रीवास्तव  आर्दश कॢमार, सीमा त्रिपाठी उपस्थित थे।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों संग मना गुरुनानक इंग्लिश स्कूल का वार्षिकोत्सव

उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरु नानक इंग्लिश स्कूल की किया सराहना 




Varanasi (dil India live).08.12.2023. रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों संग  गुरुनानक इंग्लिश स्कूल का वार्षिकोत्सव शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस दौरान समाज व संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को स्टूडेंट्स ने मंच पर अभिव्यक्त किया। सबसे पहले दीप प्रज्ज्वलित किया गया, उसके बाद स्वागत गीत, शबद, गणेश वंदना हुई। आयोजन में चेयर डांस, फेस्टिवल डांस, क्लासिकल डांस, वात्सल्य डांस से बाल कलाकारों ने समां बांधा।रेट्रो, स्किट (चंद्रयान), मोबाईल एडिक्शन, कव्वाली, इनकेडिबल इंडिया, भांगड़ा डांस आदि पेश कर बाल कलाकारों ने अनेकता में एकता का परिचय दिया। छात्राओं ने रंगारंग कार्यकम की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया गया। वार्षिक दिवस समारोह पूरी भव्यता और चमक-दमक के साथ शुरू हुआ। जिसमें भाईचारे, प्रेम, ईमानदारी, सांप्रदायिक सद्भाव और विविधता में एकता पर जोर दिया गया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किये गये कलात्मक कार्यकमों ने वार्षिक उत्सव में चार चांद लगा दिये। कार्यकम में मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा विशिष्ट अतिथि स्टांप पंजीयन मंत्री रविन्द्र

जायसवाल, जनपद वाराणसी के मेयर/महापौर अशोक तिवारी एवं विधायक कैण्ट वाराणसी सौरभ श्रीवास्तव भी मौजूद थे।  मुख्य अतिथि ने कहा कि समाज व देश के निरन्तर विकास के लिये यह जरूरी है कि विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिक्षा का स्वरूप गुणवत्ता व संस्कारयुक्त होने के साथ-साथ तकनीकी विद्या से समावेशित हो। मैंने सुना था कि गुरूनानक पूर्वाचल में अपना एक स्थान रखता है। आज मैं यहाँ आकर खुद देखा और महसूस किया की वीकई गुरूनानक इंग्लिश मीडियम स्कूल पूर्वाचल में एक विशेष स्थान लायक है। मैं अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ कि विद्यालय दिन प्रतिदिन आगे बढ़े। जब मुझे यह पता चला कि यहाँ कक्षा 6 से 12 तक केवल बालिकाओं को शिक्षा दी जाती है और गुरूनानक स्कूल के प्रबंध

कमेटी द्वारा नारी शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। आज समाज में महिलाओं को सशक्तिकरण की

आवश्यकता है और सशक्तिकरण का सबसे अच्छा साधन शिक्षा है। नारी के लिये शिक्षा और भी अधिक आवश्यक है क्योंकि वह केवल स्वयं शिक्षित नहीं होती बल्कि अपने पूरे परिवार एवं बच्चों को भी शिक्षित करती है चाहें घर हो या बाहर दोनो की।  प्रधानाध्यापिका ने स्कूल का वार्षिक रिर्पोट कार्ड जारी करते हुये कहा कि

हमारे स्कूल का लक्ष्य शासन द्वारा निर्धारित पाठयक्रम के अनुसार नियमों और विनियमों के अनुसार अंग्रेजी माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। समारोह का समापन हर्षोउल्लास के साथ हुआ। इस अवसर पर विद्यालय में 

निदेशिका जगजीत कौर ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया एवं सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की स० अध्यापिका सोनाली चटर्जी व कोमल चौरसिया ने किया। गुरूनानक खालसा बालिका इण्टर कालेज, वाराणसी की कार्यवाहक प्रधानाचार्या सुमेधा ने पूरे समय तक उपस्थिति देकर कार्यकम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया। समारोह के अन्त में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीलू कौर ने कार्यकम में उपस्थित सभी अतिथियों, छात्राओं, अभिभावकों, सिख समाज, सहयोग कर रहे विद्यालय के सभी कर्मचारियों, समस्त मीडिया कर्मियों का भरपूर सहयोग मिला तथा भिन्न-भिन्न विद्यालय से आये हुये प्रधानाचार्य एवं प्रधानाचार्या मौजूद रही इसके लिये सभी को शुक्राना अदा किया व धन्यवाद दिया। प्रधानाध्यापिका ने कार्यकम के अन्त में यह भी कहा कि मैं प्रबंधक कमेटी का विशेष रूप से आभार व्यक्त करती हूँ। जिन्होंने मुझे कार्यकम के लिये भरपूर सहयोग दिया।

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

Aghani Juma2023 : कारोबार में बरकत व देश की खुशहाली के लिए दुआ में उठें हजारों हाथ

या अल्लाह हमारे मुल्क को खुशियों का गहवारा बना दे... आमीन

मुर्री बंद कर अगहनी जुमे की नमाज में उमड़ा अकीदतमंदों का हुजूम जनसैलाब 







Varanasi (dil India live). 08.12.2023. या अल्लाह हमारे मुल्क में खुशियां दे दे..., हमारे कारोबार में बरकत दे, हम गुनहगार है हमारी गुनाहों को माफ कर दे...। यह दुआएं अगहनी जुमे की ऐतिहासिक नमाज के दौरान फिज़ा में गूंजी तो नमाज में उमड़े अकीदतमंदों के हुजूम के लब से एक साथ आमीन...की सदाएं बुलंद हो उठी। इस दौरान कारोबार में बरकत व देश की खुशहाली के लिए दुआ में हजारों हाथ उठें।मौका था अगहन महीने के दूसरे शुक्रवार को आयोजित अगहनी जुमे की ऐतिहासिक नमाज का। 

बुनकर बिरादराना तंज़ीम बावनी, बाईसी समेत तमाम बुनकर बिरादराना तंजीमों के ऐलान पर बाइसी के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफीज व सरदार इकरामुद्दीन की सदारत में सदियों पुरानी पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज चौकाघाट ईदगाह व पुराना पुल स्थित ईदगाह पुलकोहना में अदा की गयी। इस मौके पर सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू  ने बताया की अगहन के इस पवित्र महीने में पूरा बुनकर समाज अगहनी जुमे की नमाज हर साल ईदगाह में अदा करता है ये सिलसिला लगभग 460 साल पहले से चला आ रहा है। उस वक़्त देश के हालात ठीक नहीं थे किसान और बुनकर दोनो समाज के लोग परेशान और बदहाल थे बारिश न होने की वजह से खेती नही हो रही थी। देश में आकाल पड़ा था तब बुनकरों के कारोबार नही चल रहें थे, ऐसे में बुनकर  समाज के लोगो ने अपना कारोबार बंद कर ईदगाह में इकठ्ठा होकर अगहन के महीने में ईदगाह में नमाज़ अदा किया अल्लाह की बारगाह में हाथ फैला कर दुआ की और अल्लाह का करम हुआ और खूब जम कर बारिश हुयी। किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी और उसके साथ साथ बुनकरों के कारोबार में भी तेजी आई। तभी से इस परंपरा को बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी निभा रही है। बनारस की दूसरी तंज़ीम बुनकर बिरादराना तनजी बावनी के सद्र हाजी मुख़्तार महतो साहब के लड़के फैसल महतो ने बताया की ये अगहनी जुमा की नमाज़ गंगा जमुनी तहजीब की एक जीता जागता सुबूत है।  सदियो पहले जब मुल्क के हालात ख़राब थे सभी वर्ग के लोग परेशान और बदहाल थे तब उस बदहाली और परेशानी को दूर करने के लिए बुनकर समाज के लोग अपने अपने मुर्री बंद कर ईदगाह में नमाज़ अदा कर दुआए की और उस दुआ का असर हुआ चारो तरफ खुशाली आई।  बुनकर बिरादराना तंजीम बारहों के सरदार हाशिम अंसारी ने कहा की हमारे बुनकर समाज ने हमेशा गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की है। बुनाई के पेशे में हिंदू भाई और मुस्लिम भाई एक साथ मिल कर काम करते है और अगहनी जुमे में भी यही पैगाम देते है। आज के दिन हमारे किसानो द्वारा उगाई गयी गन्ने को जिसकी दुकान हमारे हिन्दू भाई लगाते है उन तमाम दुकानों से मुसलमान अगहनी जुमे की नमाज़ अदा कर दुकानों से गन्ना खरीद कर अपने अपने घर ले जाते है। यही हमारा हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब है। इस दौरान तक़रीर मौलाना जाहिर ने की । तक़रीर में मौलाना साहब ने सभी से मिल्लत और भाई चारगि बनाने की अपील की और कहा की सभी लोग आपस में मोहब्बत रखिये। मोहब्बत एक ऐसी चीज है जो सभी को एक धागे में पिरो कर एक साथ ले कर चलती है। आज हम सबको इसी की जरुरत है। आज अगहनी जुमे की नमाज़ मौलाना मुफ्ती अबु कासिम शैखुल हदीस मोहतमिम दारूल उलूम देवबंद ने पढाई। नमाज़ के बाद दुआखानी कर मौलाना ने मुल्क की तरक्की आपस में भाईचारगी बानी रहे इसके लिए दुआएं मांगी।  जुमा की नमाज में बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी,बावनी, चौतीसो, बारहों, पांचों की तंजीम के काबिना के लोग शामिल हुए। पुराना पुल ईदगाह में अगहनी जुमे की नमाज में आए सभी लोगों का इस्तकबाल पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने किया। अजान मौलाना शाद ने दिया। अगहनी जूम की नमाज में मौजूद पूर्व सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ दरोगा, हैदर महतो, हाशिम सरदार, हाजी बाबू, हाजी तुफैल, अफरोज अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, मौलाना शकील, पाचों तंजीम के सरदार अतिकुल्ला, सरदार मो. असलम चौदहो तंजीम, हाफिज नसीर, बाबूलाल किंग, हाजी इश्तियाक, पार्षद गुलशन अली, पार्षद बेलाल अंसारी, पार्षद डा. इम्तियाजुद्दीन, हाजी स्वालेह, शमीम अंसारी, मो0.. अहमद, हाजी महबूब अली, सरदार नसीर, हाजी मतिउल्ला, हाजी मुमताज, मो. हारून, हाजी मोइनुद्दीन, हाजी बाबूलाल किंग,  वाजीहुद्दीन, हाजी शमसुद्दीन, हाजी नईम, आदि लोग मोजूद थे। सफाई व्यवस्था क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र कुशवाहा ने कराया।

चौकाघाट में मौलाना अल्ताफुर्रहमान ने की इमामत 

बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सदर सरदार इकरामुद्दीन (रसूलपुरा) के आह्वान पर 8 दिसम्बर को अगहनी जुमा की नमाज़ चौकाघाट स्थित ईदगाह में भी सैकड़ों बुनकरों ने अपना कारोबार बंद कर मौलाना अल्ताफुर्रहमान की इमामत में अगहनी जुमा की नमाज़ सौहार्दपूर्ण वातावरण में अदा की। यह नमाज़ सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अगहन मास में अदा की जाती है, और कारोबार में बरकत मुल्क में अमन व सलामती के लिए दुआ की जाती है। इस दौरान सरदार साहब ने प्रशासन के लोगों को सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। 

इस मौके पर नमाज के बाद तमाम नमाज़ी किसानों से गन्ना खरीद कर अपने घरों को खुशी खुशी लौटते दिखाई दिए। अगहनी जुमा में सरदार इकरामुद्दीन, अब्दुल्ला अंसारी, जैनूल होदा अंसारी, जलीस अंसारी, वकार अंसारी, गुलाम मुनीर अंसारी, आफताब आलम अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुन्ना अंसारी, मोहम्मद अली नक्शेबंद, यासीन फरीदी, सुलेमान अख्तर, मुस्लिम जावेद अख्तर, ज़हीर अहमद, बेलाल अहमद, हाजी अनवारूल हक, हाजी नजमूल हसन, शहंशाह, बाबू तार, अबू बकर, हाजी सरदार अमीनूद्दीन, हफीज़ अहमद, सरदार नसरुद्दीन आदि उपस्थित थे। 

गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

मुर्री बंद रखेंगे बुनकर, अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज


Varanasi (dil India live).07.12.2023. बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी (बावन मुहल्ला) पंचायत की ओर से जुमे को मुर्री बंद का ऐलान किया गया है। इस दौरान करघे बंद रहेंगे और बुनकर अपना कारोबार ठप रखेंगे। यही नहीं बावनी के महतो हाजी मुख्तार ने मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन के लिए दुआ के लिए आयोजित होने वाली ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज 8 दिसम्बर को अदा किए जाने का भी ऐलान किया। इस जुमे की मुख्य नमाज पारम्पारिक रूप से लगभग 450 सालों से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह व चौकाघाट में अदा की जाती है। बनारस के बुनकरों द्वारा अगहनी जुमे पर नमाज और मुर्री बंद की यह रवायत लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी है। बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया कि यह नमाज पूरी दुनिया में सिर्फ बनारस में ही पढ़ी जाती है। वो इतिहास बताते हैं कि लगभग साढ़े चार सौ साल पहले देश मे भयंकर अकाल पड़ा था, बारिश ना होने से हाहाकार मचा हुआ था, जिसकी वजह से बेहाल किसान खेती नही कर पा रहे थे। खेती ना होने के कारण बाजार में जबरदस्त मंदी आ गयी और उसकी चपेट में बुनकर भी आ गए। ना किसान खेती कर पा रहा था और ना ही बुनकरों के कपड़े बिक रहे थे। हर ओर भुखमरी का आलम था । बुनकरों ने इस हालात को ठीक करने के लिए अल्लाह से दुआ मांगने के लिए अगहन महीने के जुमे के दिन ईदगाह में इकट्ठे हुए और बारिश के लिए दुआएं मांगी। अल्लाह के रहमो करम पर खूब बारिश हुई, किसानों और बुनकर दोनों के कारोबार चलने लगे तो मुल्क में फिर से खुशहाली छा गई। तब से यह परम्परा हर साल अगहन के जुमे के दिन बनारस के बुनकर बिरादरी की तरफ से मुर्री बंद कर निभाई जाती है।

एक बजे अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज

बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया की जुमे की नमाज दोपहर 1 बजे पुराना पुल  स्थित पुल कोहना ईदगाह में अदा की जाएगी। 

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...