गुरुवार, 30 मार्च 2023

Ramadan help line : सवाल आपके, जवाब उलेमा के


Varanasi (dil india live)। अगर रोजेदार बीमार हो या रोज़े की हालत में उसे खून की ज़रूरत हो तो क्या खून उसे चढ़ाया जा सकता है? है। यह सवाल बजरडीहा से राजू ने किया? इसके जवाब में उलेमा ने कहा कि खून चढ़ाया जा सकता है। खून चढाये जाने से रोज़ा नहीं टूटेगा। ऐसे ही बीमार रोजेदार को पानी भी चढ़ाया जा सकता है। पानी चढ़ाये जाने से उसका रोजा नहीं टूटेगा। हॉ पानी पी लिया तो रोज़ा टूट जायेगा। 

रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, सेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया। 

आपकी रहनुमाई करें उलेमा 

रमज़ान के लिए अगर आपके ज़ेहन में कोई सवाल है तो आपकी रहनुमाईके लिए उलेमा मौजूद हैं। मोबाइल नम्बर-: 9415996307, 9450349400, 9026118428,  9554107483

Ramadan ka roza रख पेश की मिसाल

मो. अर्सलान हैं नन्हें रोजेदार 


Varanasi (dil india live). बजरडीहा निवासी mohd Shahid akhtar के साहबज़ादे mohd Arsalan इस शिद्दत की गर्मी में भी रोज़ा  रखकर अपने दोस्तों व अजीज़ के दिलों मे जगह बना ली है। एक साल पहले क़ुरआन शरीफ मुकम्मल करने वाले इस नन्हें रोजेदार ने अपने इलाके में अलग पहचान बनाई है। वह पाबन्दी के साथ नमाज़, रोज़ा और क़ुरआन की तिलावत करता है। बजरडीहा पुलिस चौकी के नज़दीक  मदरसा उस्मानिया में क्लास 3 के इस स्टूडेंट पर मुहल्ले वाले फ़ख्र करते हैं।

बुधवार, 29 मार्च 2023

Health ranking dashboard में Varanasi का प्रदेश में दूसरा स्थान

स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा गुणवत्तापूर्ण सुधार

पिछले दो माह से जनपद दूसरे स्थान पर

अराजीलाइन, बड़ागांव और हरहुआ, सभी ब्लॉक में सर्वश्रेष्ठ





Varanasi (dil india live). जनपद में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं का लगातार सुदृढ़ीकरण व गुणवत्तापूर्ण सुधार किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश की हेल्थ रेंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी को इस माह प्रदेश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त हुआ है। पिछले माह भी वाराणसी को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था। इस माह का स्कोर पिछले माह के स्कोर से पाँच प्रतिशत से अधिक प्राप्त हुआ है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।  

सीएमओ ने बताया कि पिछले दो माह से हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड में वाराणसी दूसरे स्थान पर बना हुआ है। इससे ज्ञात होता है कि जनपद के सभी राजकीय चिकित्सालयों, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व उपकेन्द्रों पर गुणवत्तापूर्ण सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। सबसे बेहतर प्रदर्शन जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हो रहे सिजेरियन प्रसव में देखने को मिला है जिसमें वाराणसी ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा सीमित व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन के स्थायी साधन के उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ 10 में जगह बनाई है। वाराणसी के तीन ब्लॉक अराजी लाइन, बड़ागांव और हरहुआ ने सभी आठों ब्लॉक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। अराजी लाइन ब्लॉक सीएचसी पिछले तीन माह से डैशबोर्ड में पहले स्थान पर बना हुआ है। 

सीएमओ ने बताया कि हेल्थ रैंकिंग डैशबोर्ड के सूचकांकों (इंडीकेटर्स) में एचआईवी के लिए गर्भवती स्क्रीनिंग में सभी ब्लॉक का प्रदर्शन अच्छा है। बच्चों के नियमित टीकाकरण में बड़ागांव, हरहुआ, काशी विद्यापीठ व जिला चिकित्सालय का प्रदर्शन 100 फीसदी है। गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल के लिए सभी अराजीलाइन, चिरईगांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी व पिंडरा का प्रदर्शन सौ फीसदी है। संस्थागत प्रसव में बड़ागांव, चोलापुर, हरहुआ, काशी विद्यापीठ का प्रदर्शन अच्छा देखा गया है। इसके अलावा कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच में जिला चिकित्सालय सहित सभी ब्लॉक का बेहतर प्रदर्शन है। सीमित व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन के स्थायी साधन के उपयोग में सभी अराजीलाइन, चिरईगांव, बड़ागांव, हरहुआ, काशी विद्यापीठ, सेवापुरी व पिंडरा का प्रदर्शन बेहतर है। इसके अलावा वर्तमान जन्म अनुपात, टीबी नोटिफिकेशन सहित अन्य इंडीकेटर्स हैं जिसमें और अधिक सुधार लाने की आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में कमी देखी गई है, उसको जल्द ही पूरा किया जाएगा। इसके लिए समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारियों, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक, डाटा ऑपरेटर, एएनएम व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि जल्द से जल्द सभी इंडीकेटर्स का शत-प्रतिशत डाटा सुनिश्चित करें।

शिक्षक अज्ञानता को दूर कर नई मंजिल देता है

पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौहानपुरवा में शिक्षक सम्मान समारोह 



Behraich (dil india live)। बकैना न्यायपंचायत के पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौहाननपुरवा में शिक्षक सम्मान व विदाई समारोह का आयोजन हुआ, जिसमे प्रधानाध्यापक मिश्रीलाल के सेवाकाल समाप्ति के मौके पर उनको स्मृति चिन्ह, शॉल, अन्य सामग्री भेंट किया गया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि जय प्रकाश सिंह ने शॉल व माल्यार्पण कर प्रधान शिक्षक को सम्मानित किया।सभी शिक्षकों व बच्चों को संबोधित करते हुए मिश्रीलाल ने कहा कि बच्चे पौधे की तरह होते है, जिस तरह पौधे के जीवन में हवा और पानी की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह बच्चे भी ज्ञान के भूखे होते है, और शिक्षक उन्हें ज्ञान, अज्ञानता को दूर करते हुए एक नई मंजिल का सही रास्ता प्रशस्त कराता है,

विद्यालय के विज्ञान शिक्षक फैजानुल हक ने कहा की शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता, उनके गुणों की सराहना हमेशा होती है, शिक्षक एक ऐसा मार्गदर्शक होता है जो अपने शिक्षार्थी को एक ऐसा मार्ग प्रशस्त करता है जिससे उसका भविष्य उज्ज्वलित होता है। इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि जय प्रकाश सिंह, शिक्षक फैजानुल हक, धर्मेंद्र कुमार अस्थाना, दीपचंद्र, युगराज,  जय शंकर मौर्य, सुमंत मौर्य, सुनील, राम गुलाम इत्यादि के अलावा बच्चों के अभिभावक गण भी उपस्थित थे।

Ramadan Mubarak -6

पड़ोसियों के साथ बेहतर सुलूक कि दावत देता है माहे रमजान 


Varanasi (dil india live)। मुकद्दस रमज़ान में कहा गया है कि अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करो, भले ही वो किसी भी दीन या मज़हब का हो। पड़ोसी अगर भूखा सो गया तो उसके जिम्मेदार तुम खुद होगे। रब कहता हैं कि 11 महीना तो बंदा अपने तरीक़े से गुज़ारता है एक महीना अगर वो मेरे बताए हुए नेकी के रास्ते पर चले तो उसकी तमाम दुश्वारियां दूर हो जाएगी। इस 1 महीने के एवज़ में रोज़ेदार पूरे साल नेकी की राह पर चलेगा।

मुकद्दस रमजान में अगर कोई तुमसे झगड़ा करने पर अमादा हो तो उसे लड़ो मत, बल्कि उससे कह दो मैं रोज़े से हूं। यानी मैं तुमसे लड़ाई झगड़ा नहीं चाहता। रमज़ान मिल्लत की दावत देता है, रमज़ान नेकी की राह दिखाता है। यही वजह है कि रमज़ान में खून-खराबा, लड़ाई झगड़ा सब मना फरमाया गया है। रमज़ान के लिए साफ कहा गया है कि यह महीना अल्लाह का महीना है। इस महीने में रोज़ेदार केवल नेकी, इबादत और मोहब्बत के रास्ते पर चलें। यही वजह है कि रमज़ान आते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है। जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं। 

इस माहे मुबारक में पांच ऐसी रात आती है जिसे ताक रात या शबे कद्र कहा जाता है। इस रात में इबादत का सवाब रब ने कई साल की इबादत से भी ज्यादा अता करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की नेअमत अता कर और सभी को रोजा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

हाजी इमरान अहमद

राइन गार्डेन, वाराणसी

Muqaddas Ramadan: हज़रत बिजली शहीद में तरावीह मुकम्मल


Varanasi (dil india Live). हजरत बिजली शहीद बाबा रहमतुल्ला अलैह कि दरगाह अंधरापुल पर खुशनुमा माहौल में तरावीह मुक़म्मल हुई। तरावीह हाफिज नसीम अहमद बशीरी की सरपरस्ती में हाफिज जमाल अहमद ने जैसे ही मुकम्मल कराई तमाम नमाजियों ने उन्हें फ़ूल मालाओं से लाद दिया। इस दौरान मुल्क में अमन, शांति, तरक्की, आपसी भाईचारे के लिए दुआएं मांगी गई। इस मौके पर खास तौर पर भोलू उस्ताद, हाजी सलीम अंसारी सरदार, मो. आजाद, मो. हसन, जहीर कुरैशी, शाहिद अली खान, मो.आरिफ, धर्मदेव कुमार, हफिज़ूर्रमान मौजूद थ। मेहमानों का खैरमकदम दरगाह के ख़ादिम संतोष कुमार वारसी ने किया।

मंगलवार, 28 मार्च 2023

Ramadan Mubarak-5

कसरत इबादत की, इस महीने कि यही तो है खूबी



Varanasi (dil india live )। कसरत इबादत की जिस महीने में होती है उस माहे मुबारक को रमजान कहते हैं।इस महीने कि यही तो खूबी है कि बंदा रब कि रज़ा के लिए कसरत से इबादत करता है। एक रिपोर्ट....

रमज़ान की नेमतों और रहमतों का क्या कहना। रमज़ान तमाम अच्छाइयां अपने अंदर समेटे है। रमज़ान का रोज़ा रोज़ेदारों के लिए रहमत व बरकत का सबब बनकर आता है। इसमें तमाम परेशानियां और दुश्वारियां बंदे की दूर हो जाती हैं। नेकी का रास्ता ऐसे खुला रहता है कि फर्ज़ और सुन्नत के अलावा नफ्ल इबादत और मुस्तहब इबादतों की भी बंदा कसरत करता है। रोज़ा कितनी तरह का होता है इसे कम ही लोग जानते हैं। तो रमज़ान के रोज़े को तीन तरह से समझे। मसलन पहला, आम आदमी का रोज़ा: जो खाने पीने और जीमाह से रोकता है। दूसरा खास लोगों का रोज़ा: इसमें खाने पीने और जीमाह के अलावा अज़ा को गुनाहों से रोज़ेदार बचाकर रखता है, मसलन हाथ, पैर, कान, आंख वगैरह से जो गुनाह हो सकते हैं, उनसे बचकर रोज़ेदार रहता है। तीसरा रोज़ा खवासुल ख्वास का होता है जिसे खास में से खास भी कहते हैं। वो रोज़े के दिन जिक्र किये हुए उमूर पर कारबन भी रहते हैं और हकीकतन दुनिया से अपने आपको बिलकुल जुदा करके सिर्फ और सिर्फ रब की ओर मुतवज्जाह रखते हैं। रमज़ान की यह भी खसियत है कि जब दूसरा अशरा पूरा होने वाला रहता है तो, 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ करते है। जिसका नाम एतेकाफ है। एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानि मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार। पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। रमज़ान में एतेकाफ रखना जरूरी। एतेकाफ नबी की सुन्नतों में से एक है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना। हदीस और कुरान में है कि एतेकाफ अल्लाह रब्बुल इज्ज़त को राज़ी करने के लिए रोज़ेदार बैठते है। एतेकाफ सुन्नते रसूल है। हदीस व कुरान में है कि हजरत मोहम्मद रसूल (स.) ने कहा कि एतेकाफ खुदा की इबादत में रोज़ेदार को मुन्हमिक कर देता है और बंदा तमाम दुनियावी ख्वाहिशात से किनारा कर बस अल्लाह और उसकी इबादतों में मशगूल रहता है। इसलिए जिन्दगी में एक बार सभी को एतेकाफ पर बैठना चाहिए। या अल्लाह ते अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने और दीगर इबादतों को पूरा करने की तौफीक दे।..आमीन।

             डा. साजिद अत्तारी

(वरिष्ठ दंत चिकित्सक, बड़ी बाजार वाराणसी)

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...