शनिवार, 30 अप्रैल 2022

मच्छर जनित बीमारियों पर सीधा होगा वार

वेक्टर सर्विलान्स टीम का किया गया गठन 

  • संक्रामक व आउटब्रेक की स्थिति में पूरे क्षेत्र का करेंगे भ्रमण व निगरानी

  •  मलेरिया विभाग के स्वास्थ्यकर्मियों की एक दिवसीय कार्यशाला




Varanasi (dil India live )। संचारी रोगों पर काबू पाने के लिए विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रहा है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को मुख्य चिकिसा अधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में मलेरिया विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की एक दिवसीय एंटोंमोलॉजिकल (कीट वैज्ञानिक) कार्यशाला व प्रशिक्षण का आयोजन किया गया | इसके साथ ही जनपद स्तरीय वेक्टर सर्विलान्स टीम का गठन किया गया, जो संक्रामक एवं आउटब्रेक की स्थिति में मंडलीय टीम के साथ उस क्षेत्र का भ्रमण कर निगरानी का कार्य करेगी। 

   कार्यशाला में सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडबल्यू), स्वास्थ्य पर्यवेक्षक तथा मलेरिया विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। कार्यशाला में जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे एवं वाराणसी मंडल के जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह ने मच्छरजनित बीमारियों से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने इनके प्रकार, पहचान, जीवन चक्र, हाउस इंडेक्स, कंटेनर इंडेक्स, मच्छरों का घनत्व, लार्वा का घनत्व निकालने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। इसके साथ ही मच्छर पनपने वाले स्रोतों की खोज तथा उनका निवारण कर लोगों को इन बीमारियों से बचाव के बारे में भी समझाया | 

   वाराणसी व आजमगढ़ मण्डल के लिए मंडलीय टीम का गठन जोनल एंटोंमोलॉजिस्ट व बायोलोजिस्ट डॉ. अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में किया गया है। प्रत्येक जनपद स्तरीय टीम में एक मलेरिया/फाइलेरिया निरीक्षक, एक कीट संग्रहकर्ता और एक स्वास्थ्य पर्यवेक्षक को शामिल किया गया है। डॉ अमित ने बताया कि वेक्टर जनित रोगों का संचरण काल इसी मौसम में होता है जिससे विभिन्न प्रकार के संचारी व मच्छर जनित रोगों का प्रसार होता है। संचरण काल में अधिकांश रोगी ग्रामों एवं नगरीय क्षेत्रों से सूचित होते हैं जिनके पर्यवेक्षण एवं सघन निरीक्षण की आवश्यकता होती है। बुखार के रोगियों का समय से पर्यवेक्षण, सघन निरीक्षण एवं सतत निगरानी द्वारा ही वेक्टर जनित रोगों के आउट ब्रेक की स्थिति को रोका जा सकता है।    

  इस दौरान जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया के कारण, लक्षण आदि के बारे में विस्तार से बताया। इसके साथ ही टीम को मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों और सामुदायिक योगदान के बारे में बताया। उन्होने बताया कि मच्छरजनित बीमारियों से बचने का सबसे बेहतर उपाय है कि पूरे बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं, घर में मच्छररोधी अगरबत्ती का इस्तेमाल करें । घरों में कीटनाशकों का छिड़काव करें, खुली नालियों में मिट्टी का तेल डालें जिससे मच्छरों के लार्वा न पनपने पाएं। मच्छरों के काटने के समय शाम व रात को घरों और खिड़कियों के दरवाजे बंद कर लें। हर शनिवार व रविवार को लार्वा पनपने वाले स्रोतों का निवारण करें। इन उपायों के बावजूद अगर लक्षण दिखें तो मलेरिया की जांच करवा कर इलाज करवाएं। सभी ग्रामीण व शहरी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ वेलनेस सेंटर व चिकित्सालयों पर निःशुल्क जांच व उपचार की सुविधा मौजूद है।

Chand raat: तेरे एक दीदार से होगी चाहने वालो कि ईद

चांद रात कल, दीदार की रहेगी सभी को बेचैनी
Varanasi (dil India live )। रमज़ान की 29 वीं तारीख इतवार चांद रात है। अगर चांद का दीदार हो जाता है तो हिजरी कलैंडर के 10 वें महीने शव्वाल का आगाज़ हो जायेगा और मुस्लिम ईद की खुशियां सोमवार को मनायेंगे। इस दौरान चांद देखने के लिए लोगों में बेताबी रहेगी। चांद देखने के लिए घरों, मस्जिदों-इबादतगाहों की छत और मैदान में रोज़ेदारों की भीड़ जुटेगी। अगर चांद नहीं दिखाई देता है, तो सोमवार चांद रात होगी और मंगलवार को ईद मनायी जायेगी।

चांद दिखे तो यहां करें इत्तेला

अगर आपने 29 वीं रमज़ान का चांद देखा है तो आपकी जिम्मेदारी है इसकी जानकारी उलेमाओं या फिर चांद कमेटी को दें। ताकि ईद का सही ऐलान किया जा सके। क्यों कि उलेमा आपकी तस्दीक पर ही ईद का ऐलान करते हैं। मर्द हो या ख्वातीन ईद का चांद जरूर देखे।

नबी के दौर से है चांद की रवायत 

चांद देखने की रवायत इस्लाम में सैकड़ों साल कदीमी है। जब नबी-ए-करीम (स.) ने मक्का से मदीना हिजरत किया और अपने नबी होने का ऐलान किया था। तभी हिजरी सन् की शुरुआत चांद देखकर हुई। इसलिए चांद के दीदार से ही इस्लामी हिजरी महीने का आगाज़ होता है। चांद देखने का सवाब भी है। नबी-ए-करीम (स.) फरमाते हैं कि पांच महीने का चांद देखना वाजिबे केफाया है। इसमें शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़ीकादा और जिल्हिज्जा शामिल है। यानी जिसने, इन महीनों का चांद देखा उसके नाम और आमाल में नेकिया लिखी जायेगी। हिजरी माह 29 या 30 का होता है। इस्लाम में 28 या 31 तारीख का कोई वजूद नहीं है। इसलिए हर साल अंग्रेजी कलैंडर से तकरीबन 10 दिन कम हो जाता है और ईद कभी गर्मी में तो कभी बरसात और सर्दी में पड़ती है।


ईद की खरीदारी में काटन का तड़का

गली-मुहल्लों से लेकर मॉल तक पहुंची ईद की खरीदारी


Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live )।  मोमिनीन ने आज सहरी करके 28 वां रोज़ा मुकम्मल करेंगे। अलविदा जुमा सम्पन्न होने के बाद अब सुबह से ही बाज़ार में भारी भीड़ उमड़ी हुई है। बनारस के सभी बाज़ार खरीदारों से गुलज़ार हैं। गली मुहल्लों से लेकर मॉल तक में ईद की खरीदारी अपने शबाब दिखाई दे रही है।बाजार के ब्रांडेड वस्त्र ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। यूथ में ब्रांडेड कपंनियों के कपड़ों की खरीदारी करने को ज्यादा उत्सुकता दिख रही हैं। आयशा सूट घर, के इसार अख्तर बताते हैं कि लेडिज कपड़ो की खरीदारी दोपहर से लेकर रात तक हो रही है। भीषण गर्मी के चलते सभी का ज़ोर काटन पर है। लडकियों की पहली पंसद पटियाला सूट, पैंट, पलाजो, गाउन फ्राक, शरारा कमिज, लहंगा चोली आदि की अत्यधिक डिमांड है। 

दरअसल अलविदा जुमे का मतलब ही होता है कि अब रमज़ान रुख्सत हो रहा है और ईद आएगी। यही वजह है कि अलविदा जुमा बीतते ही तमाम मोमिनीन ईद की तैयारियों को अब अंतिम रुप देने में लग जाते हैं। ज्यादातर लोग दोपहर में एसी मार्केट का रुख कर रहे हैं। जैसे ट्रेंड, स्पेंसर्स, वी मार्ट, विशाल मेगा मार्ट, जालान आदि में भीड़ उमड़ रही है तो शाम में परम्परागत बाज़ारों का रोज़ेदार रुख कर रहे हैं। रोज़ा खोलने के बाद से देर रात तक दालमंडी, नई सड़क, दशाश्वमेध, चौक, गुरुबाग, अर्दली बाज़ार आदि में लोगों की भी ड़ जुट रही है। यहीं नहीं भीषण गर्मी के चलते काफी ऐसे लोग हैं जो भीड़ और गर्मी से बचने के लिए गली-मुहल्लों से ईद की खरीदारी कर रहे हैं। जैसे बड़ी बाज़ार, पीलीकोठी, मदनपुरा की गलियांं, बजरडीहा, अर्दली बाज़ार की गलियों में खरीदारी करते दिख जा रहे हैं। बाज़ार ही नहीं गली-मुहल्लों में भी ईद की रौनक है। इसको लेकर युवा वर्ग कुर्ता पाजामा, कालीदार कुर्ता पाजामा, खान ड्रेस की अधिक डिमांड है। 

Eid Mubarak: मेल-जोल व खुशियां बांटने का नाम है ईद

 



Varanasi (dil India live )। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। इस्लाम कहता है कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                           डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार}

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में जेसीआई के कार्य को सराहा

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पहुंचे काशी


Varanasi (dil India live ) । जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जेसी दीदारजीत सिंह लोटे का वाराणसी में जेसीआई काशी शिवा एवं जेसीआई काशी शिव गंगा ने भव्य स्वागत किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में हो रहे जेसीआई इंडिया के अनुसार कार्य कर रहे जेसीआई काशी शिवा द्वारा कराये गए कायो को खूब सराहा । उन्होंने कहा कि शिवा द्वारा चलाये जा रहे परमानेंट प्रोजेक्ट 'मुस्कान' जहां निःशुल्क कंप्यूटर प्रैक्टिकल प्रोग्राम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे प्रशिक्षण के पश्चात् रोजगार भी मिलेगा साथ ही साथ सिलाई , कटिंग के साथ प्रैक्टिकल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहां का निरीक्षण किया और वो अत्यंत प्रसन्न एवं संतुष्ट् हुये। उन्होंन जेसीआई काशी शिवा के अध्यक्ष जेसी

गौरव मेहरोत्रा को साधुवाद दिया। इसके पूर्व उन्होंने काशी धाम में बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन पूजन किया और विश्वनाथ कॉरिडोर सेअत्यंत प्रभावित दिखे । तत्पश्चात रथयात्रा क्टथथत होटल डपंि

बलूची मेंकाययक्रम का उद् घाटन दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ जहां जेसीआई काशी डशवा व्काशी

डशव गंगा के अध्यक्षोंनेअपनेद्वारा डकयेजा रहेव्यक्टितव डवकास प्रडशक्षण एवं सामाडजक कायो

का एक ररपोटयप्रस्तुत डकया डजसेराष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेइसकी भूरी भूरी प्रसंशा की और ऐसेही कायय

करतेरहनेके डलए बल डदया तथा अपनेद्वारा हर तरह का सहयोग देनेका आश्वासन डदया ।

इस अवसर पर जेसीआई इंडिया के पूवयराष्ट्रीय अध्यक्ष जेसी संजय कपूर, पूवयराष्ट्रीय

उपाध्यक्ष जेसी रडव प्रकाश गुप्ता, मंिल ३ के मंिलाध्यक्ष जेसी डहमांशुअग्रवाल, मंिल ३ की

उपाध्यक्ष जेसी वसुंधरा जी , जेसीआई काशी डशवा के पूवयअध्यक्षोंके अडतररि जेसी काशी डशव

गंगा की अध्यक्ष जेसी नीतूडसंह, जेसी साररका , जेसी डसद्धाथयगुप्ता,जेसी पंकज नागवंशी, जेसी

राहुल चौरडसया , जेसी नरेश चौरडसया,जेसी डसद्धाथयकपूर, जेसी ज्योडत भरद्वाज,जेसी धीरज

प्रजापडत, जेसी डवकास मेहरा, जेसी सपशयमेहरोत्रा, जेसी यश चौधरी आडद लोग उपक्टथथत रहें

अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं

थोड़ी थोड़ी देर पर हो रही बिजली कटौती

उपमुख्यमंत्री शहर में फिर भी हुई कटौती, रोजेदारों परेशान

Varanasi (dil India live )। वरुणा पार इलाके में भीषण गर्मी और उपमुख्यमंत्री के शहर में होने के बावजूद इन दिनों नागरिक, रोजेदारों को जबरदस्त बिजली संकट झेलना पड़ा रहा है। यहां तक कि अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं किया गया। थोड़ी थोड़ी देर पर बिजली कटौती होती रही। ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग पूरी तरह से मस्त है उनको जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।

विद्युत समस्या का जिक्र करते हुए महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, क्षेत्रीय पार्षद वो अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय शादेजा  ने संयुक्त रूप से कहा कि इन दिनों इन इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक अनगिनत बिजली काटी जा रही है। 

हद तो तब हो गई दिन भर तो अनगिनत बिजली काट दी जाती है लेकिन शाम को रोजा खोलने के समय लगभग 5:30 से 6:30 के बीच बिजली कटना निश्चित है। जब इस संबंध में जे इ अंबिका यादव से फोन कर वार्ता की गई तो उनका कहना था कि अभी बहुत व्यस्त है और फोन काट दिया। उक्त नेताओं ने कहा कि रोजा खोलने के समय बिजली जानबूझकर काटी जा रही है क्योंकि प्रतिदिन रोजा खोलने का समय बिजली अवश्य कटती है तो क्या यह समय लोकल फाल्ट के लिए निर्धारित है।

उक्त नेताओं ने अविलंब विद्युत विभाग के एमडी से विद्युत कटौती की रोक लगाने की मांग की है विशेषकर सुबह सहरी और शाम को रोजा खोलने के समय विद्युत कटौती पर रोक लगाई जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि दिनभर उमस भरी गर्मी धूप की वजह से शाम को ही लोग खरीदारी करने निकलते हैं और उसी समय बिजली काट दी जाती है जिससे व्यापारियों का धंधा भी चौपट हो रहा है। आज उपमुख्यमंत्री सर्किट हाउस में थे इसके बावजूद लगातार बिजली कटौती होती रही।

अलविदा जुमा: रब को लाखों नमाज़ियों ने किया सिजदा

दुआ: ऐ अल्लाह, हिन्दुस्तान में अमन और तरक्की दे...आमीन 

-इमाम साहेबान की अपील: गरीबों को सदका-ए-फित्र व ज़कात जल्द करें अदा



Varanasi  (dil India live )।  ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्जिद ईदगाह लाटशाही में जब इमाम हाफिज़ हबीबुर्रहमान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। इस दौरान मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी व मस्जिद वरुणापुल में मौलाना अहमद नस्र ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अल्लाह का शुक्र किया अदा

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा देने में करें जल्दी

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने रोजेदारों से अपील किया कि पिछला, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाते।

SOS Hermann माइनर की टीम टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट में चैम्पियन

Varanasi (dil India live)। टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेन्ट 2024 सीजन प्रथम का आयोजन टेथ्रीपॉन ओवरसीज और मिलन इण्टरप्राइजेज के तत्वाधान में एच०...