शनिवार, 30 अप्रैल 2022

Eid Mubarak: मेल-जोल व खुशियां बांटने का नाम है ईद

 



Varanasi (dil India live )। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। इस्लाम कहता है कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                           डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार}

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में जेसीआई के कार्य को सराहा

जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पहुंचे काशी


Varanasi (dil India live ) । जेसीआई इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जेसी दीदारजीत सिंह लोटे का वाराणसी में जेसीआई काशी शिवा एवं जेसीआई काशी शिव गंगा ने भव्य स्वागत किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने वाराणसी में हो रहे जेसीआई इंडिया के अनुसार कार्य कर रहे जेसीआई काशी शिवा द्वारा कराये गए कायो को खूब सराहा । उन्होंने कहा कि शिवा द्वारा चलाये जा रहे परमानेंट प्रोजेक्ट 'मुस्कान' जहां निःशुल्क कंप्यूटर प्रैक्टिकल प्रोग्राम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे प्रशिक्षण के पश्चात् रोजगार भी मिलेगा साथ ही साथ सिलाई , कटिंग के साथ प्रैक्टिकल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहां का निरीक्षण किया और वो अत्यंत प्रसन्न एवं संतुष्ट् हुये। उन्होंन जेसीआई काशी शिवा के अध्यक्ष जेसी

गौरव मेहरोत्रा को साधुवाद दिया। इसके पूर्व उन्होंने काशी धाम में बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन पूजन किया और विश्वनाथ कॉरिडोर सेअत्यंत प्रभावित दिखे । तत्पश्चात रथयात्रा क्टथथत होटल डपंि

बलूची मेंकाययक्रम का उद् घाटन दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ जहां जेसीआई काशी डशवा व्काशी

डशव गंगा के अध्यक्षोंनेअपनेद्वारा डकयेजा रहेव्यक्टितव डवकास प्रडशक्षण एवं सामाडजक कायो

का एक ररपोटयप्रस्तुत डकया डजसेराष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेइसकी भूरी भूरी प्रसंशा की और ऐसेही कायय

करतेरहनेके डलए बल डदया तथा अपनेद्वारा हर तरह का सहयोग देनेका आश्वासन डदया ।

इस अवसर पर जेसीआई इंडिया के पूवयराष्ट्रीय अध्यक्ष जेसी संजय कपूर, पूवयराष्ट्रीय

उपाध्यक्ष जेसी रडव प्रकाश गुप्ता, मंिल ३ के मंिलाध्यक्ष जेसी डहमांशुअग्रवाल, मंिल ३ की

उपाध्यक्ष जेसी वसुंधरा जी , जेसीआई काशी डशवा के पूवयअध्यक्षोंके अडतररि जेसी काशी डशव

गंगा की अध्यक्ष जेसी नीतूडसंह, जेसी साररका , जेसी डसद्धाथयगुप्ता,जेसी पंकज नागवंशी, जेसी

राहुल चौरडसया , जेसी नरेश चौरडसया,जेसी डसद्धाथयकपूर, जेसी ज्योडत भरद्वाज,जेसी धीरज

प्रजापडत, जेसी डवकास मेहरा, जेसी सपशयमेहरोत्रा, जेसी यश चौधरी आडद लोग उपक्टथथत रहें

अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं

थोड़ी थोड़ी देर पर हो रही बिजली कटौती

उपमुख्यमंत्री शहर में फिर भी हुई कटौती, रोजेदारों परेशान

Varanasi (dil India live )। वरुणा पार इलाके में भीषण गर्मी और उपमुख्यमंत्री के शहर में होने के बावजूद इन दिनों नागरिक, रोजेदारों को जबरदस्त बिजली संकट झेलना पड़ा रहा है। यहां तक कि अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं किया गया। थोड़ी थोड़ी देर पर बिजली कटौती होती रही। ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग पूरी तरह से मस्त है उनको जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।

विद्युत समस्या का जिक्र करते हुए महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, क्षेत्रीय पार्षद वो अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय शादेजा  ने संयुक्त रूप से कहा कि इन दिनों इन इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक अनगिनत बिजली काटी जा रही है। 

हद तो तब हो गई दिन भर तो अनगिनत बिजली काट दी जाती है लेकिन शाम को रोजा खोलने के समय लगभग 5:30 से 6:30 के बीच बिजली कटना निश्चित है। जब इस संबंध में जे इ अंबिका यादव से फोन कर वार्ता की गई तो उनका कहना था कि अभी बहुत व्यस्त है और फोन काट दिया। उक्त नेताओं ने कहा कि रोजा खोलने के समय बिजली जानबूझकर काटी जा रही है क्योंकि प्रतिदिन रोजा खोलने का समय बिजली अवश्य कटती है तो क्या यह समय लोकल फाल्ट के लिए निर्धारित है।

उक्त नेताओं ने अविलंब विद्युत विभाग के एमडी से विद्युत कटौती की रोक लगाने की मांग की है विशेषकर सुबह सहरी और शाम को रोजा खोलने के समय विद्युत कटौती पर रोक लगाई जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि दिनभर उमस भरी गर्मी धूप की वजह से शाम को ही लोग खरीदारी करने निकलते हैं और उसी समय बिजली काट दी जाती है जिससे व्यापारियों का धंधा भी चौपट हो रहा है। आज उपमुख्यमंत्री सर्किट हाउस में थे इसके बावजूद लगातार बिजली कटौती होती रही।

अलविदा जुमा: रब को लाखों नमाज़ियों ने किया सिजदा

दुआ: ऐ अल्लाह, हिन्दुस्तान में अमन और तरक्की दे...आमीन 

-इमाम साहेबान की अपील: गरीबों को सदका-ए-फित्र व ज़कात जल्द करें अदा



Varanasi  (dil India live )।  ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्जिद ईदगाह लाटशाही में जब इमाम हाफिज़ हबीबुर्रहमान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। इस दौरान मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी व मस्जिद वरुणापुल में मौलाना अहमद नस्र ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अल्लाह का शुक्र किया अदा

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा देने में करें जल्दी

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने रोजेदारों से अपील किया कि पिछला, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाते।

Post office: अधिकारियों का स्वागत और विदाई

वाराणसी परिक्षेत्र में अब नये डाक अधीक्षक, हुआ स्वागत



Varanasi(dil india live)। वाराणसी डाक परिक्षेत्र में अधिकारियों के स्थानांतरण पर विदाई और स्वागत समारोह का क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजन किया गया। कैण्ट स्थित पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में सहायक निदेशक (प्रथम) श्री राम मिलन को अधीक्षक डाकघर, जौनपुर मंडल के पद पर स्थानांतरण पर भावभीनी विदाई दी गई। वहीं, जौनपुर मंडल से श्री पीसी तिवारी द्वारा अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पश्चिमी मंडल पद पर और श्री ब्रजेश शर्मा द्वारा पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में सहायक निदेशक (प्रथम) का पद भार सँभालने पर डाककर्मियों द्वारा हार्दिक स्वागत किया गया। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सभी अधिकारियों को उनके नए दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं और मनोयोग से कार्य करने के लिए प्रेरित किया। 

इस अवसर पर वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर  राजन राव, सहायक निदेशक (द्वितीय) कृष्ण चंद्र, सहायक लेखा अधिकारी संतोषी राय, सहायक डाक अधीक्षक आरके चौहान, निरीक्षक डाक श्रीकांत पाल, इंद्रजीत पाल, शशिकांत कन्नौजिया, प्रमोद कुमार, राजेंद्र यादव, श्रीप्रकाश गुप्ता, अजिता, अभिलाषा, राहुल वर्मा, राकेश कुमार सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कुमारी अजिता ने किया।

गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

काशी के सौहार्द ने किया था बादशाह कुतुबुद्दीन ऐबक को प्रभावित

बनारस के गोविन्दपुरा में सबसे पहले मनी थी ईद  

ईद पर दोनों मजहब के लोगों की अलग-अलग पहचान करना था मुश्किल

Aman

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। ईद मिल्लत और मोहब्बत का त्योहार है। सभी जानते हैं कि हफ्ते भर चलने वाले इस महापर्व से हमें खुशी और एकजुटता का पैगाम मिलता है, मगर कम लोग जानते हैं कि ईद का ऐतिहासिक पक्ष क्या है। इस्लामिक विद्वान मौलाना अज़हरुल क़ादरी ने ईद की तवारीखी हैसियत पर रौशनी डालते हुए बताया कि सन् 2 हिजरी में सबसे पहले ईद मनायी गयी। पैगम्बरे इस्लाम नबी-ए-करीम हज़रत मोहम्मद (स.) का वो दौर था। उन्होंने सन् 2 हिजरी में पहली बार ईद की नमाज़ पढ़ी और ईद की खुशियां मनायी। उसके बाद से लगातार आज तक पूरी दुनिया में ईद की नमाज़े अदा की जाती है और लोग इसकी खुशियों में डूबे नज़र आते हैं।

जहां तक बनारस में ईद के त्योहार का सवाल है, इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ तथ्यो को खंगालने के बाद बताते हैं कि बनारस में गोविन्द्रपुरा व हुसैनपुरा दो मुहल्ले हैं जहां सबसे पहले ईद मनायी गयी थी। वो बताते हैं कि हिन्दुस्तान में मुसलमानों के आने के साथ ही ईद मनाने के दृष्टांत मिलने लगते हैं। जहां तक बनारस की बात है यहां मुस्लिम सत्ता की स्थापना से पूर्व ही मुस्लिम न सिर्फ आ चुके थे बल्कि कई मुस्लिम बस्तियां भी बस गयी थी। दालमंडी के निकट गोविन्दपुरा और हुसैनपुरा में ईद की नमाज़ सबसे पहले पढ़े जाने का संकेत तवारीखी किताबों से ज़ाहिर है।

इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि जयचन्द की पराजय के बाद बनारस के मुसलमानों की ईद को देखकर बादशाह कुतुबुद्दीन ऐबक को उस दौर में आश्र्चर्य हुआ था कि ईद की नमाज़ के बाद बनारस में जो सौहार्दपूर्ण माहौल दिखाई दिया था उसमें उन्हें हिन्दू-मुसलमान की अलग-अलग पहचान करना मुश्किल था। यह बनारसी तहज़ीब थी जो देश में मुस्लिम सत्ता की स्थापना के पूर्व ही काशी में मौजूद थी। जिसने एक नई तहज़ीब, नई संस्कृति हिन्दुस्तानी तहज़ीब को जन्म दिया। तब से लेकर आज तक ईद की खुशियां बनारस में जितने सौहार्दपूर्ण और एक दूसरे के साथ मिलकर मनाया जाता है उतना अमनों-सुकुन और सौहार्दपूर्ण तरीके से दुनिया के किसी भी हिस्से में ईद नहीं मनायी जाती।

ईद का इस्लामी पक्ष

प्रमुख इस्लामी विद्धान मौलाना साक़ीबुल क़ादरी कहते हैं कि ईद रमज़ान की कामयाबी का तोहफा है। वो बताते हैं कि नबी का कौल है कि रब ने माहे रमज़ान का रोज़ा रखने वालों के लिए जिंदगी में ईद और आखिरत के बाद जन्नत का तोहफा मुकर्रर कर रखा है। यानि रमज़ान में जिसने रोज़ा रखा है, इबादत किया है नबी के बताये रास्तों पर चला है तो उसके लिए ईद का तोहफा है।

दूसरों को खुशिया बांटना है पैगाम

आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी पर रिसर्च करने वाले प्रमुख उलेमा मौलाना डा. शफीक अजमल की माने तो ईद का मतलब केवल यह नहीं कि महीने भर जो इबादत करके नेकियों की पूंजी एकत्र किया है उसे बुरे और बेहूदा कामों में ज़ाया कर देना बल्कि ईद का मतलब है कि दूसरों को खुशियां बांटना। अपने पड़ोस में देखों कोई भूखा तो नहीं है, किसी के पास पैसे की कमी तो नहीं है, कोई ऐसा बच्चा तो नहीं जिसके पास खिलौना न हो, अगर इस तरह की बातें मौजूद है तो उन तमाम की मदद करना फर्ज़ है। मौलाना शफी अहमद कहते हैं कि दूसरो की मदद करना ईद का सबसे बड़ा मकसद है तभी तो रमज़ान में जकात, फितरा, खैरात, सदका बेतहाशा निकालने का हुक्म है ताकि कोई गरीब, मिसकीन, फकीर नये कपड़े से महरुम न रह जाये। ईद की खुशी में सब खुश नज़र आयें। यही वजह है कि ईद पर हर एक के तन पर नया लिवास दिखाई देता है।  

ईद ग्लोबल फेस्टिवल

एक माह रोज़ा रखने के बाद रब मोमिनीन को ईद कि खुशियो से नवाज़ता है, आज वक्त के साथ वही ईद ग्लोबल फेस्टीवल बन चुकी है जो टय़ूटर, वाट्स एप, स्टेलीग्राम से लेकर फेसबुक तक पर छायी हुई है।

जिला कारागार पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

168 मरीजों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण


गाज़ीपुर (दिल इंडिया लाइव)। शासन के द्वारा जिला जेल में बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं गंभीर रूप से पीड़ित बंदियों के ईलाज का निर्देश दिया गया है। जिस के क्रम में प्रतिमाह जिला अस्पताल की एक टीम जिला कारागार पहुंचकर बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण करती है। इसी के क्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह के निर्देश पर 4 डॉक्टरों की टीम जिला कारागार पहुंचकर कुल 168 बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया एवं दवा का वितरण भी किया।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रतिमाह जिला कारागार में बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जिला अस्पताल गोरा बाजार की टीम जाती है।। जिस के क्रम में बुधवार को डॉ नारायण पांडे फिजीशियन, डॉ तपिश कुमार ऑर्थो, डॉ स्नेहा सिंह आई एवं अनुकृति सिंह चर्म रोग विशेषज्ञ जिला कारागार पहुंची। सभी लोगों ने एक एक कर 168 बंदियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिसमें से 6 बंदियों का इसीजी भी कराया गया। परीक्षण के दौरान डॉक्टरों के द्वारा बताए गए दवा का भी फार्मासिस्ट संजय श्रीवास्तव के द्वारा वितरित किया गया।

डॉ सिंह ने बताया कि जिला कारागार में डॉ नारायण पांडे 52, डॉ सतीश कुमार 37, डॉ स्नेहा सिंह 53 और डॉ अनुकृति ने 26 बंदी मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। जिसमें से कोई भी गंभीर रूप से बीमार मरीज नहीं मिला। सभी को उचित परामर्श एवं दवा दिया गया।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...