बुधवार, 13 अप्रैल 2022

गुड फ्राइडे: ईसा मसीह की शहादत का दिन

गिरजाघरों में पढ़ा जाएगा यीशु के साथ वचन



वाराणसी १३ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे 
वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर, जो कलवारी नमक स्थान पर स्थित है, क्रुस पर चद़ाया गया था। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए। उनकी पवित्र मौत को सभी हर साल गुड फ्राइडे के रुप में मनाते हैं। 

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको की गुड फ्राइडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मौत के दिन को गुड फ्राइडे इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इसी दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाति को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण त्याग दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

चर्च आफ बनारस के पादरी बेनजॉन व रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने बताया कि यीशु मसीह को घोर यातना दी गई, और क्रूस पर उन्हे चढ़ाया गया। क्रूस पर उनकी पवित्र मौत की खबर से कि कलवारी में ईसा शहीद हुए धरती रो पड़ी मगर चमत्कार तीसरे ही दिन हुआ जब ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे।

महावीर जयंती का काशी में मनेगा उत्सव

भगवान महावीर के जन्म कल्याणक पर निकलेगी भव्य शोभायात्रा 


वाराणसी १३ अप्रैल (dil India live)। श्री दिगंबर जैन समाज काशी के तत्वावधान में जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर श्री 1008 महावीर भगवान की 2621 वीं जन्म कल्याणक पर काशी में जश्न की तैयारी की गई है।

इस दौरान जहां विविध धार्मिक आयोजन होंगे वहीं गुरुवार 14 अप्रैल को प्रातः 8:15 बजे मैदागिन स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर से भगवान महावीर के जन्म कल्याणक पर भव्य शोभायात्रा, तीर्थंकर को चांदी के रथ पर विराजमान कराकर गाजे-बाजे के साथ निकाली जाएगी। यात्रा मैदगिन से प्रारंभ होकर बुलानाला, नीचीबाग,  आसभैरौ, चौक, ठठेरी बाज़ार होते  हुए सोरा कुआँ पहुँचेगी। वहाँ चैत्र मास में जन्मे तीर्थंकर महावीर के जन्म कल्याणक के उपलक्ष में चैती की प्रस्तुति होगी। पुनः सोरा कुआँ से रथयात्रा प्रारंभ होकर ग्वालदास साहुलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर जाएगी। जहां तीर्थंकर महावीर स्वामी का 108 रजत कलशो से अभिषेक एवं पूजन इत्यादि कई धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। जैन समाज के उपाध्यक्ष राजेश जैन ने बताया कि 14 अप्रैल गुरुवार को ही शाम 7:00 बजे से ग्वालदास साहूलेन स्थित श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में भगवान महावीर का  झूलनोत्सव मनाया जाएगा।

इस तरह समझे रमज़ान की खूबियां

रमज़ान का पैग़ाम: इबादत की कसरत होती है इस महीने


वाराणसी 13 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। रमज़ान की नेमतों और रहमतों का क्या कहना। रमज़ान तमाम अच्छाइयां अपने अंदर समेटे है। रमज़ान का रोज़ा रोज़ेदारों के लिए रहमत व बरकत का सबब बनकर आता है। इसमें तमाम परेशानियां और दुश्वारियां बंदे की दूर हो जाती हैं। नेकी का रास्ता ऐसे खुला रहता है कि फर्ज़ और सुन्नत के अलावा नफ्ल इबादत और मुस्तहब इबादतों की भी बंदा कसरत करता है। रोज़ा कितनी तरह का होता है इसे कम ही लोग जानते हैं। तो रमज़ान के रोज़े को तीन तरह से समझे। मसलन पहला, आम आदमी का रोज़ा: जो खाने पीने और जीमाह से रोकता है। दूसरा खास लोगों का रोज़ा: इसमें खाने पीने और जीमाह के अलावा अज़ा को गुनाहों से रोज़ेदार बचाकर रखता है, मसलन हाथ, पैर, कान, आंख वगैरह से जो गुनाह हो सकते हैं, उनसे बचकर रोज़ेदार रहता है। तीसरा रोज़ा खवासुल ख्वास का होता है जिसे खास में से खास भी कहते हैं। वो रोज़े के दिन जिक्र किये हुए उमूर पर कारबन भी रहते हैं और हकीकतन दुनिया से अपने आपको बिलकुल जुदा करके सिर्फ और सिर्फ रब की ओर मुतवज्जाह रखते हैं। रमज़ान की यह भी खसियत है कि जब दूसरा अशरा पूरा होने वाला रहता है तो, 20 रमज़ान से ईद का चांद होने तक मोमिनीन मस्जिद में खुद को अल्लाह के लिए वक्फ करते है। जिसका नाम एतेकाफ है। एतेकाफ सुन्नते कैफाया है यानि मुहल्ले का कोई एक भी बैठ गया तो पूरा मुहल्ला बरी अगर किसी ने नहीं रखा तो पूरा मुहल्ला गुनाहगार। पूरे मोहल्ले पर अज़ाब नाज़िल होगा। रमज़ान में एतेकाफ रखना जरूरी। एतेकाफ नबी की सुन्नतों में से एक है। एतेकाफ का लफ्ज़ी मायने, अल्लाह की इबादत के लिए वक्फ कर देना। हदीस और कुरान में है कि एतेकाफ अल्लाह रब्बुल इज्ज़त को राज़ी करने के लिए रोज़ेदार बैठते है। एतेकाफ सुन्नते रसूल है। हदीस व कुरान में है कि हजरत मोहम्मद रसूल (स.) ने कहा कि एतेकाफ खुदा की इबादत में रोज़ेदार को मुन्हमिक कर देता है और बंदा तमाम दुनियावी ख्वाहिशात से किनारा कर बस अल्लाह और उसकी इबादतों में मशगूल रहता है। इसलिए जिन्दगी में एक बार सभी को एतेकाफ पर बैठना चाहिए। या अल्लाह ते अपने हबीब के सदके में हम सबको रोज़ा रखने और दीगर इबादतों को पूरा करने की तौफीक दे।..आमीन।

             डा. साजिद अत्तारी

(वरिष्ठ दंत चिकित्सक, बड़ी बाजार वाराणसी)


मंगलवार, 12 अप्रैल 2022

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए यह सरकारी कोशिश

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का हुआ प्रशिक्षण 

ग़ाज़ीपुर 1 2 अप्रैल(dil India live )। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम मई माह में शुरू होना है। उसको लेकर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ डॉक्टर के के वर्मा ने किया। वही प्रशिक्षण जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार एवं पाथ की डॉ सुचेता शर्मा के द्वारा  प्रशिक्षण दिया गया ।  प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात सभी लोग अपने अपने इलाकों में अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित कर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में अपनी भूमिका निभाएंगे।

जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि फाइलेरिया का यह अभियान प्रदेश के 19 जनपदों में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। फाइलेरिया एक बार आपके शरीर पर असर नहीं दिखाता है। यह बीमारी धीर-धीरे आपके पूरे शरीर पर असर दिखाता है। इसकी शुरुआत ऐसे होती है कि आपके शरीर के अंग जैसे पैर, स्तन, हाथ,  अंड कोष सूज जाते हैं।

फाइलेरिया रोग, जिसे हाथी पांव या फील पांव भी कहते हैं, में अक्सर हाथ या पैर बहुत ज्यादा सूज जाते हैं। इसके अलावा फाइलेरिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के कभी हाथ, कभी अंडकोष, कभी स्तन आदि या कभी अन्य अंग भी सूज सकते हैं। आम बोलचाल की भाषा में हाथीपांव भी कहा जाता है। एलीफेंटिटिस यानि श्लीपद ज्वर एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है। इस बीमारी से मरीज के पैर हाथी के पैरों की तरह फूल जाते हैं। इस रोग के होने से न केवल शारीरिक विकलांगता हो सकती है बल्कि मरीजों की मानसिक और आर्थिक स्थिति भी बिगड़ सकती है। फाइलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है। यह संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के बाद 5 से 15 साल के बीच किसी भी समय व्यक्ति फाइलेरिया नामक बीमारी के चपेट में आ सकता है। इस बिमारी के कारण मरीजों के पाव फूल जाते हैं।

अंकिता त्रिपाठी जिला वीबीडी कंसलटेंट ने बताया की इस कार्यक्रम में डीइसी के साथ एल्बेंडाजोल की भी गोली खिलाई जाएगी। लेकिन गर्भवती महिला, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को  दवा  की खुराक नहीं  खिलाई जाएगी।



 प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीसीआई के विनीत सिंह सभी ब्लाकों के बीसीपीएम, बीपीएम,एचईओ,एचएस के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।

स्कूल चलो अभियान के तहत निकाली गई रैली

संविलियन स्कूल से निकला स्कूल चलो अभियान  
वाराणसी 12 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। संविलियन स्कूल जैतपुरा व प्रा. वि. औसानगंज आदमपुर जोन में हर घर सम्पर्क व स्कूल चलो अभियान की रैली निकाल कर हर घर पर जा कर सम्पर्क किया गया की बेसिक स्कूलों में ज़्यादा से ज्यादा नामांकन हो यहां पर सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिसमें प्रशिक्षित अध्यापक, दोपहर में गर्म पका पकाया भोजन, डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में सीधे ड्रेस, जूता, मोजा, बैग का पैसा सरकार द्धारा दिया जा रहा है पीने के लिए आरओ का शुद्ध पेयजल बैठने के लिए टेबल कुर्सी और भी अन्य सुविधाएं निशुल्क दी जा रही है जिसमें अनवार अहमद, इकबाल अहमद, सीमा श्रीवास्तव, अर्चना कुमारी, शशिकला, डायट मेंटर प्रिंस गुप्ता, एमआरपी संतोष कुमार पाण्डेय और ग्रामीण से आए हुए अध्यापक हर्षित श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार यादव, नीलिमा सिन्हा, पवन कुमार, सतेन्द्र कुमार, राज कुमार और ब्लॉक व्यायाम शिक्षक मोहम्मद इमरान, एसएमसी अध्यक्ष अजय कुमार आदि लोगों ने सहयोग किया।

जानिए रमज़ान में कैसा है मुस्लिम इलाकों का नज़ारा

रोज़ा इफ्तार में फल और शर्बत पर रहा ज़ोर



वाराणसी 12अप्रैल (दिल इंडिया लाइव) मंगलवार को शाम में इफ्तार के दस्तरखान पर  लज़ीज़ इफ्तारी के साथ ही भीषण गर्मी से निजात दिलाने और गला तर करने के लिए फलों और शर्बत पर लोगों का ज्यादा ज़ोर रहा। 

परम्परागत इफ्तारी चने की घुघनी, पकौड़ी के अलावा अलग-अलग घरों में तरह-तरह की इफ्तारियां सजायी गयी थी। भीषण गर्मी से निजात के लिए खरबूजा, तरबूज, रुह आफ्ज़ा, नीबू का शर्बत आदि का भी लोगों ने लुत्फ लिया। रोज़ेदारों ने इन इफ्तारियों का लुत्फ लेने के बाद नमाज़े मगरिब अदा की। इस दौरान रब की बारगाह में सभी ने हाथ फैलाकर दुआएं मांगी। शहर के दालमंडी, नईसड़क, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, कश्मीरीगंज, कोयला बाज़ार, पठानी टोला, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, पीलीकोठी, कच्चीबाग, बड़ी बाज़ार, अर्दलीबाज़ार, पक्कीबाज़ार, रसूलपुरा, नदेसर, लल्लापुरा आदि इलाकों में रमज़ान की खास चहल पहल दिखाई दी। इस दौरान मुस्लिम इलाकों में असर की नमाज़ के बाद और मगरिब के बाद लोग खरीदारी करने उमड़े हुए थे।

रहमत का अशरा पूरा, मगफिरत का अशरा शुरू

 मस्ज़िद से जैसे ही अज़ान कि सदाएं, अल्लाह हो, अकबर, अल्लाहो अकबर...फिज़ा में गूंजी। रोज़दारों ने खजूर और पानी से रमज़ान का 10 वां रोज़ा खोला। इसी के साथ रमज़ान का पहला अशरा रहमत का पूरा हो गया। बुधवार को रोज़ेदार सहरी करके ग्यारहवां रोज़ा रखेंगे और शाम में रमज़ान के दूसरे अशरे मगफिरत का पहला रोजा मुकम्मल करेंगे।  


सोमवार, 11 अप्रैल 2022

रोज़ा न रखने वाले भी खुलेआम खाने पीने के रमज़ान में हक़दार नहीं

 रमज़ान हेल्प लाइन में आए दिलचस्प सवाल


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। शरीयत ने जिन 
लोगों को रोजा न रखने की इजाजत दी है या जो बेरोज़ेदार हैं क्या वो खुलेआम  सबके सामनेे खा पी सकते है ? यह सवाल रेवड़ीतालाब से शमीम ने रमज़ान हेल्पलाइन में किया तो जवाब में उलेेमा ने कहा कि बेरोज़ेदार को भी खुलेआम खाने पीने की इजाज़त शरीयत में नहीं दी गयी है। चाहे उसे शरीयत रोज़ा न रखने की छुट देता हो या न देता हो। रमज़ान अली ने सवाल किया, रमजान के रोजे की नीयत किस तरह से की जाती है। इस पर उलेमा ने जवाब दिया, नीयत दिल के इरादे  का नाम है मगर जुबान से कह लेना अफज़ल है अगर रात में नीयत करें तो यूं कहे "नवैतु अन असू म गदन लिल्लाहि तआला मिन फ रजि रमजान"  और दिन में नीयत करें तो यूं कहे "नवैतु अन असू म हाजल यौम लिल्लाहि तआला मिन फरजिरमाजना"।

रमज़ान हेल्प लाइन में आये इन सवालों का जवाब मुफ्ती बोर्ड के सदर मुफ्ती मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबीसेक्रेटरी मौलाना हसीन अहमद हबीबी व मदरसा खानमजान के उस्ताद मौलाना अज़हरुल कादरी ने दिया।

इन नम्बरों पर होगी रहनुमाई

9415996307, 9450349400, 9026118428, 9554107483

लखनऊ में नई सियासी पैतरेबाजी

भाजपा कार्यालय पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की तस्वीर  Lucknow (dil India live)। लखनऊ से नई सियासी पैतरेबाजी की खबर है। दरअसल भाजपा कार्...